जानिए क्या है पतंजलि मूसली पाक के फायदे और कैसे करे उपयोग

पतंजलि मूसली पाक के फायदे

सफेद मूसली को एक ऐसी जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है जो बहुत ही को शक्तिवर्द्धक होती है। आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी का काफी जिक्र होता है। मूसली के जड़ और बीज का उपयोग आयुर्वेद औषधि के रूप में किया जाता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मूसली में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि भरपूर मात्रा में होते है। आज इस लेख में हम आपको मूसली विशेषतः पतंजलि की मूसली पाक के फायदे बताएंगे। पतंजलि अब एक बहुत बड़ा ब्रांड बन चुका है। लोग उस पर भरोसा करते है और पतंजलि इस खरा उतरने का पूरी कोशिश कर रही है।

क्या है मूसली

मोटी और गुच्छो वाली जड़ की मुसली में सफेद फूल होते है। मूसली स्वाद में हल्की मीठी, सेक्स increase करने वाली, कफ को कम करने वाली होती है।

मूसली
मूसली

इसका प्रयोग डिलीवरी के बाद ब्रैस्ट मिल्क बढ़ाने में भी होता है। मूसली को हृदय रोग, मधुमेह, पाइल्स, स्वास रोग तथा एनिमिक रोगियों को फायदा करती है।

मूसली का वानस्पतिक नाम Chlorophytum borivilianum Santapau R.R.Fern. (क्लोरोफायटम बोरिबिलिएनम्)  है। सफेद मूसली Liliaceae (लिलिएसी) कुल का है। सफेद मूसली दुनिया भर में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है,

अब हम बात करते पतंजलि के प्रोडक्ट मूसली पाक के बारे में, खासतौर पर पतंजलि मूसली पाक का प्रयोग पुरूषों के शक्तिवर्धक के रूप में होता है। पतंजलि मूसली पाक 200 ग्राम की मात्रा में मिलता है।

पतंजलि मूसली पाक के फायदे

पतंजलि मूसली पाक निम्न समस्याओं में फायदा करता है।

सामान्य कमजोरी

कभी कभी पोषक तत्वों की कमी या अनियमित दिनचर्या से कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में पतंजलि मूसली पाक बहुत फायदेमंद रहता है।

मर्दाना कमजोरी

कुछ पुरुषों में कम स्पर्म काउंट की समस्या होती है, वहीं कुछ में सेक्स की इच्छा ही नही होती। ऐसा किसी भी फिजिकल प्रॉब्लम, मेडिसिन साइड इफ़ेक्ट, या स्ट्रेस के कारण हो सकता है।

पतंजलि मुसली पाक इसके लिए परफेक्ट है यह शीघ्रपतन को भी दूर करती है साथ ही व्यक्ति को बल, ताकत, ओज, और आयुष्य देती है।

महिलाओं के लिए

मूसली पाक को बहुत से लोग केवल पुरुषों के लिए लाभप्रद मानते है। जबकि यह महिलाओं के लिए भी उतना ही असरकारक है।

अन्य फायदे

  • इम्युनिटी बढ़ाती है।
  • पेट के रोग जैसे पेट दर्द, अपच, भूख न लगना में फायदेमंद है।
  • स्पर्म्स की गुणवत्ता को बेहतर करती है।
  • दस्तों में लाभप्रद है।

पतंजलि मूसली पाक में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

  • अश्वगंधा
  • जायफल
  • अकरकरा
  • शतावर की जड़
  • गाय का घी
  • वंशलोचन
  • सफ़ेद मुसली
  • कौंच बीज
  • इलायची
  • दालचीनी
  • गोखरू दाना
  • लौंग
  • काली मिर्च
  • ताल-मखाना
  • चीनी
  • वंग भस्म
  • कमलगट्टा
  • मकरध्वज भस्म
  • जावित्री
  • सौंठ
  • पीपल
  • हरड़ छिलका
  • बला बीज
  • तेज पत्ता
  • चित्रक

पतंजलि मुसली पाक को कैसे ले।

पतंजलि मूसली पाक के सेवन के बारे में चिकित्सक से सलाह जरूर करे। वैसे आप पतंजलि मूसली पाक को दिन में 2 बार एक चम्मच ले। इसे आप सुबह-शाम खाने के 1 घंटे बाद गर्म दूध या गर्म पानी से ले।

सेवन करते समय बरते कुछ सावधानियां

  • बच्चो को भूलकर भी इसका सेवन न कराए।
  • दूसरी दवाओं के साथ पतंजलि मूसली पाक को लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करे।
  • ज्यादा मात्रा में दवा लेने से ज्यादा फायदे की जगह नुकसान होगा। पेट मे दिक्कत हो सकती है ध्यान रखे।
  • अगर आप आयुर्वेदिक दवाओं के लिए सेंसीटिव है तो इसके प्रयोग से बचे।
  • इसके साथ अल्कोहल बिल्कुल न ले।
  • यदि आप गर्भवती है या बच्चे को स्तनपान करा रही है, डॉक्टर से विचार विमर्श के बाद ही इसका सेवन करे।
  • पतंजलि मूसली पाक का खाली पेट सेवन न करे, भोजन के बाद ही ले।
  • यदि आप पतंजलि मूसली पाक का लगातार इस्तेमाल करते है तो इसकी लत नहीं पड़ती है।

शुगर में क्या खाना चाहिए-Sugar Ko Jad Se Khatam Karne Ka Tarika

शुगर में क्या खाना चाहिए

शुगर की बीमारी बढ़ती उम्र में ज्यादा देखने को मिली है। आज की अनुपात की बात की जाए तो विश्व में 30% लोग जो 50 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं उन्हें मधुमेह बीमारी हो जाती है। मधुमेह बीमारी शरीर पर ध्यान नहीं देने की वजह से और शर्करा का कंट्रोल नहीं रहने के कारण होने वाली बीमारी है।

मधुमेह बीमारी कई लोगों को अनुवांशिक तौर पर भी मिलते हैं। जैसे माता-पिता मैं से कोई भी एक मधुमेह से पीड़ित था। तो संतान में यह बीमारी पहुंचने के चांस रहते हैं।

शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए कई प्रकार के व्यायाम तथा खानपान को अपनी दिनचर्या में जोड़ना होता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए और कई तरीके जो आयुर्वेदिक या एलिफेटिक दवाइयों द्वारा पूर्ण होते हैं। लेकिन आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से घरेलू नुस्खों के तौर पर शुगर की बीमारी होने के वक्त व्यक्ति को क्या-क्या चीज खानी चाहिए उसके बारे में बात करेंगे।

शुगर में क्या खाना चाहिए-Sugar Me Kya Khana Chahiye

मधुमेह बीमारी होने के पश्चात खाने में कई प्रकार की चीजों से परहेज रखना पड़ता है। कई प्रकार के खाद्य पदार्थ को रेगुलर अधिक मात्रा में खाना होता है। मधुमेह बीमारी मुख्य तौर पर खान-पान पर ही कंट्रोल की जा सकती है।

कई बार गलत चीजें जिनका मधुमेह बीमारी होने के पश्चात परहेज होता है। ऐसी चीजें खाने पर शुगर बढ़ जाता है। और कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होती है। शुगर बढ़ने से हृदय पर भी काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं शुगर में क्या खाना चाहिए। और शुगर में कौन सी चीजों से आपके शरीर को फायदा होगा।

शुगर में इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं-Diabetes Me Kya Khana Chahiye

  • पत्तेदार सब्जियां
  • बिना छिलके के गेहूं की रोटी
  • करेला
  • इन सूखी सब्जियों का भी कर सकते हैं सेवन
  • फल
  • ड्राई फ्रूट का करें सेवन
  • नारियल पानी

शुगर रोगियों के लिए सब्जियां-पत्तेदार सब्जियां-Sugar Me Kya Kya Khana Chahiye

पत्तेदार सब्जियां
पत्तेदार सब्जियां

जिस व्यक्ति को शुगर की बीमारी है। उस व्यक्ति को ज्यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। पत्तेदार सब्जी में उपस्थित फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करता है, और एड्रीनलीन हार्मोन के उत्पादन दर को बढ़ाता है।

जिससे भोजन में उपस्थित शर्करा आसानी से पचित हो सके, और मधुमेह रोगियों के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां काफी ज्यादा फायदेमंद रहती है। हरी पत्तेदार सब्जियां खून को साफ करने में भी मददगार होती है। जैसे :- मेथी, सहजन , पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, टमाटर इत्यादि।

बिना छिलके के गेहूं की रोटी-Diabetes Me Kya Kya Khana Chahiye

शुगर के बीमार व्यक्ति को बिना छिलके वाले गेहूं की रोटी बनाकर खानी चाहिए बिना छिलके वाले गेहूं में कार्बोहाइड्रेट उपस्थित होता है।जो रक्त प्रसारण दर को नियमित रखता है जिनके वाले गेहूं में शर्करा की मात्रा उपस्थित होती है जिससे शुगर बढ़ने के चांस होते हैं।

करेला-Sugar Ke Mareez Ka Khana

शुगर के मरीज को करेला की सब्जी मुख्य तौर पर खानी चाहिए करेला की सब्जी शुगर के मरीज को काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। और करेला मैं उपस्थित फास्फोरस और पोटेशियम शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं और हृदय संबंधित कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

इन सूखी सब्जियों का भी कर सकते हैं सेवन-Sugar Me Kya Khana Chahiye

डायबिटीज में आहार के तौर पर सूखी सब्जियों का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे :- सोयाबीन की मंगौड़ी, जौ, बंगाली चना, काला चना, दालचीनी, इत्यादि

डायबिटीज रोगियों के लिए फल-Sugar Me Kya Khaye

शुगर के मरीजों को डॉक्टर की ज्यादा मात्रा में फल खाने की सलाह देता है। फल में शर्करा की मात्रा कम होती है।और इसके साथ ही अन्य कई पोषक तत्व उपस्थित होते हैं। जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। और सभी फलों में फाइबर अत्यधिक मात्रा में उपस्थित होता है।

जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। तथा एड्रीनलीन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जैसे :- जामुन, नीबू , आंवला, टमाटर, पपीता , खरबूजा , कच्चा अमरुद, संतरा, मौसमी, ककड़ी ,चुकन्दर, मीठा नीम, जायफल , नाशपाती , आम ,पका केला ,सेब, खजूर तथा अंगूर इत्यादि।

ड्राई फ्रूट का करें सेवन-Sugar Me Kya Khana Chahiye

शुगर के मरीजों को ड्राई फ्रूट का सेवन अत्यधिक मात्रा में करना चाहिए। ड्राई फ्रूट के तौर पर बादाम, काजू, पिस्ता इत्यादि का सेवन कर सकते हैं । ड्राई फ्रूट के साथ लहसुन प्याज तथा अंकुरित चने का सेवन करने से शुगर के लेवल में कमी आती है और मरीज को काफी ज्यादा फायदा होता है।

नारियल पानी-Sugar Me Kya Khaye

शुगर के मरीज को नियमित तौर पर नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। नारियल पानी में उपस्थित पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसी साथ ही नारियल पानी में शर्करा की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होती है जो शुगर लेवल को नहीं बढ़ाती है।

थायराइड में आहार-क्या खाएं और क्या नहीं, थायराइड में परहेज क्यों है जरुरी

थायराइड में आहार - क्या खाएं और क्या नहीं

थायराइड क्या है?

थायराइड किसी बीमारी का नहीं बल्कि मनुष्य के गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए कुछ हॉर्मोंस का निर्माण करती है, जिनके नाम इस प्रकार है – टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine), टी4 यानी थायरॉक्सिन (thyroxine) और कैल्सीटोनिन (calcitonin)। ये हार्मोंस व्यक्ति के वजन, कोलेस्ट्रॉल, तापमान और भी कई अन्य चीजों पर प्रभाव डालते है। इन हॉर्मोंस में असंतुलन का सीधा असर हमारे शरीर के वजन पर पड़ने के साथ साथ शरीर के बाकी कई अन्य अंग भी प्रभावित होते है। शरीर की इस अवस्था को ही थायराइड की समस्या कहा जाता हैं।

आज के जमाने में थायराइड की समस्या आम बात हो गई है लोग इस बीमारी के बहुत ही तेजी से शिकार होते जा रहे हैं। औरतों में यह बीमारी बहुत ज्यादा देखने को मिली हैं। 30 से 60 उम्र की महिलाएं मैं इस बीमारी के सबसे ज्यादा असर देखने को मिले हैं। थायराइड की समस्या के कारण महिलाओं को गर्भधारण में समस्या उत्पन्न होती है।

थायराइड की समस्या से निपटने के लिए कई प्रकार खाद्य पदार्थों को मुख्य तौर पर अपने खाने में शामिल करना चाहिए और कई खाद्य पदार्थों ऐसे भी है जिनका परहेज करना चाहिए।

सामान्यत थायराइड बीमारी शरीर में आयोडीन की कमी से होती है। परन्तु कई बार शरीर में आयोडीन की अधिक मात्रा होने पर थायराइड की समस्या हो जाती है।

थायराइड के प्रकार – Types of Thyroid in Hindi

थायराइड की समस्या में क्या आहार खाये ये जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि थायराइड कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्यत थायराइड पांच प्रकार के होते हैं –

  1. हाइपोथायराइडिज्म
  2. हाइपरथायराइडिज्म
  3. आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉइटर
  4. हाशिमोटो थायराइडिटिस
  5. थायराइड कैंसर

इन पांचों में से भी हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म ही सबसे आम है। इस लेख में हम आपको बताएंगे की हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म थाइराइड होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

हाइपोथायराइडिज्म क्या है ?

हाइपोथायराइड वो होता है, जब थायराइड ग्रंथि शरीर में जरूरत से कम T3, T4 हार्मोन का निर्माण करती है। इसका सीधा असर व्यक्ति के शरीर पर पड़ने लगता है। हाइपोथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण इस प्रकार है।

थायराइड के लक्षण इन हिंदी

थाइरोइड डाइट

हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hypothyroidism in Hindi

हाइपोथायराइडिज्म में नीचे लिखे आहार को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।

आयोडीन नमक

हमारे शरीर में थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की जरुरत होती है। शरीर में आयोडीन की कमी होने पर भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसीलिए आपको ऐसी चीजों को अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए जिनमे अधिक मात्रा में आयोडीन हो। जैसे की आयोडीन युक्त नमक का सेवन।

आयोडीन नमक
आयोडीन नमक

ब्राजील नट्स

ब्राजील नट्स में अच्छी मात्रा में खनिज सेलेनियम पाया जाता है। सेलेनियम थायराइड हार्मोन में सुधार करने में मदद करता है। आप एक नियमित मात्रा में ब्राजील नट्स को अपने डॉक्टर से परामर्श कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

मछली और अंडे

अगर आप मांसाहारी है तो मछली, चिकन, मांस ,अंडा इत्यादि का सेवन कर सकता है। मछली में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और सेलेनियम होता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साथ ही साथ सेलेनियम थायराइड हार्मोन को बैलेंस करता है। आप हर रोज एक संतुलित मात्रा में मछली का सेवन कर सकते हैं।

अंडे के सेवन से आपको थाइराइड की समस्या में काफी आराम मिलेगा। क्योंकि अंडा आयोडीन और प्रोटीन दोनों ही का मुख्य स्रोत है इसीलिए अंडे का सेवन हाइपोथायरायडिज्म व हाइपरथायरायडिज्म दोनों में ही किया जा सकता है।

अलसी के बीज

अलसी के बीज में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, सेलेनियम, जिंक और आयोडीन होता है। अलसी के बीज का सेवन कई बीमारियों से हमारा बचाव करता है क्योंकि अलसी के बीज में आयोडीन होता है इसीलिए इनका सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म में भी काफी आराम मिलता है।

दूध और अन्य डेरी उत्पाद

थायराइड की समस्या में दूध व् दूध से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए। दूध से बने पदार्थों में उपस्थित कैल्शियम थायरोक्सिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जिससे थायराइड बीमारी में राहत मिलती है।

डेयरी पदार्थ
डेयरी पदार्थ

हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hypothyroidism in Hindi

जैसा कि अब आप जानते है कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाना चाहिए। अब हम जानेगे कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए।

ग्रीन टी का सेवन

अत्यधिक ग्रीन टी का सेवन हाइपोथायराइडिज्म में नुकसान दायक होता है। ग्रीन टी में कैटेकिन नामक तत्व एंटी-थाइराइड होता है जो थाइराइड समस्या को बढ़ा सकता है।

सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थ

सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से भी हाइपोथायरायडिज्म होने का खतरा बना रहता है। ज्यादा मात्रा में सोयाबीन या सोया से बने खाद्य पदार्थों जैसे की टोफू, सोया दूध या सोया बार के सेवन से शरीर का हार्मोनल बैलेंस असंतुलित हो सकता है जिसके चलते हाइपोथायरायडिज्म की समस्या और बिगड़ सकती है।

हरी सब्जियों का सेवन

थायराइड के मरीज को थोड़ा संभलकर हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। कच्ची या आधी पकी हुई हरी सब्जी जैसे की पालक, ब्रोकोली आदि थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं।

ग्लूटेन फूड से दूर रहें

हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को अपने आहार में कम ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। गेहूं और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स जैसे कि ब्रेड, पास्ता में ग्लूटेन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसीलिए जितना हो सके ग्लूटेन फूड से दूर रहें।

जंक फूड को कहे ना

जंक फूड जैसे की तले हुए खाद्य पदार्थ, फ्रेंच फ्राइज, नूडल्स आदि को अपनी डाइट से दूर रखें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों और आयोडीन की कमी होती है। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

फैटी फूड्स से रहे दूर

फैट्स यानी वसा वाले फूड्स भी थायराइड हार्मोन के उत्पादन में रुकवाट पैदा करते है। हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को बटर और मेयोनीज़ जैसे पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।

चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से दूर

हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी असावधानी से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। आपको कम मात्रा में चीनी और मीठे का उपयोग करना चाहिए। चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से भी दूर रहे।

आइये अब जानते है हाइपरथायराइडिज्म के बारे में।

हाइपरथायराइडिज्म क्या है?

जब थायराइड ग्रंथि द्वारा जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है तो इसे हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं। हाइपरथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण है।

थायराइड के लक्षण इन हिंदी

थाइरोइड डाइट-थायराइड में परहेज

हाइपरथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hyperthyroidism in Hindi

हरी सब्जियां

हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हरी सब्जियों जैसे – पालक, ब्रोकली, पत्ता गोभी व मूली को अपने आहार चाहिए। सलाद वाली सब्जियों को भी अपनी डाइट में शामिल करे जैसे कि टमाटर, खीरा इत्यादि।

फल

हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हमेशा मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। बिना मौसम के फलों का सेवन आपकी सेहत के हानिकारक हो सकता है। खासतोर पर स्ट्रॉबेरी, नाशपाती व आड़ू जैसे फलो सेवन तभी करे जब इनका मौसम हो क्योंकि इन फलो में ऐसे तत्व होते हैं, जो थायराइड हॉर्मोन के निर्माण में रुकवाट बन सकते है।

अंडा

आप अंडे के सफेद हिस्से का सेवन भी कर सकते है। क्यूंकि अंडे की जर्दी में आयोडीन ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए उसका सेवन न करे।

ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटी-थायराइड गुण पाए जाते हैं जो शरीर में थायराइड हॉर्मोन को नियंत्रित करने में मदत करती है। आप एक नियमित मात्रा में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

ड्राय फ्रूट्स का सेवन

हाइपरथायराइडिज्म होने पर आप पिस्ता, बादामअखरोट जैसे ड्राय फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं।

हाइपरथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hyperthyroidism in Hindi

हाइपरथायराइडिज्म में नीचे लिखी चीजे नहीं चाहिए।

  • जंक फूड जैसे – बर्गर, फ्रेंच फ्राइज व तली हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • अलग-अलग खाद्य चीजों का लोगों पर अलग-अलग असर होता है। यदि आपको दूध या दूध से बनी चीजों जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि से अपच, सूजन या थकान महसूस होती है तो इनसे परहेज करें।
  • शुगर युक्त पेय या खाद्य पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट और कैंडी आदि चीजों का सेवन न करें। चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करे।
  • फलों के रस का सेवन न करें, उसके बदले आप फल खाएं।
  • ज्यादा आयोडीन व सेलेनियम वाले खाद्य पदार्थ न खाएं।
  • ब्रेड, चावल, पास्ता, नान व बिस्कुट जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।

क्या होते है इन्दुलेखा हेयर आयल के फायदे और नुकसान

इन्दुलेखा आयल

इन्दुलेखा हेयर आयल क्या होता है, इन्दुलेखा हेयर आयल का उपयोग कैसे करते है, इन्दुलेखा हेयर आयल से क्या फायदे होते है, इन्दुलेखा हेयर आयल रिव्यु इन हिंदी! इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी।

इन्दुलेखा हेयर आयल क्या है-What Is Indulekha Oil?

इंदुलेखा ऑयल
इंदुलेखा ऑयल

इंदुलेखा एक प्रकार का बालो का तेल है, जो हमारे बालो को झड़ने से व बालो को सफेद होने से बचाता है और साथ ही ये बालो को काला को करने में भी मदद करता है।

इंदुलेखा ऑयल को बनाने में बहुत सारे पदार्थो का उपयोग किया गया है, जो हमारे बालो के लिए बहुत फायदेमंद होते है। आज हम आपको इंदुलेखा ऑयल के फायदे व उपयोग के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

इंदुलेखा हेयर ऑयल का उपयोग कैसे करें-How To Use Indulekha Hair Oil In Hindi?

इन्दुलेखा हेयर आयल का उपयोग करने का ये तरीका होता है।

स्टेप-1: सबसे पहले बोतले के अंदर के ढक्कन खोलें और फिर उसके अंदर एक छोटा सा छेद बनाए जिसकी मदद से तेल आसानी से बाहर निकल सके।

स्टेप-2: इसके बाद में उस पर एप्लीकेटर लगाएं और इसके कैप को तब तक गुमाते रहे जब तक कि वो सही से उसके अंदर फिट ना हो जाए।

स्टेप-3: अब एक चौड़े दाँतो वाली कंधी लीजिए और फिर एप्लिकेटर का यूज़ करते हुए अपने बालों को अलग अलग भागो में बांट ले और साथ साथ उन्हें सीधा भी कर ले।

स्टेप-4: अब एप्लीकेटर की सुइयों को स्कैल्प से छूते हुए इसकी बोतल को धीरे से दबाएँ जिस तरह से आप अपने बालों में कंघी करते हो उसी प्रकार से।

स्टेप-5: ऐसा करने से उस बोतल का तेल एप्लिकेटर के छेदों की मदद से निकलेगा, इस प्रकिया जब तक दौराना है तब तक कि तेल आपके पूरे सिर को कवर ना कर ले।

स्टेप-6: और अंत मे तेल लगाने के बाद में अपने सिर पर धीरे से मालिश करें।

इंदुलेखा ऑयल के क्या क्या फायदे है

इंदुलेखा ऑयल का उपयोग करने से आपको ये सब फायदे होते है।

  • ये बालों का झड़ना रोकता है ।
  • इसमें मौजूद एलोवेरा मरी हुई कोशिकाओं को रिपेयर करता है |
  • ये नए बाल उगाने में बहुत कारगर है ।
  • ये बालों में होने वाली रुसी की समस्या को दूर करने में मदद करता है ।
  • इसमें मौजूद नीम बहुत सारे बैक्टीरिया को ख़त्म करता है और खाल को इंफेक्शन होने से बचाता है।
  • ये हमारे शरीर मे भृंगा तनाव दूर करता है जिसके कारण बाल कम टूटते हैं ।
  • इसमे श्वेत कुटज एंटी बैक्टीरियल और एंटी इनफ्लेम्मेटरी होते है जो डैंड्रफ दूर करने में मदद करते है ।
  • इसमे उपस्थित आंवला बालों को बढ़ाने में सहायक है और साथ ही ये बालों में चमक भी लाता है ।
  • इसमे उपस्थित नारियल तेल कूलिंग देता है और सर की त्वचा को स्वस्थ रखता है ।
  • ये बालों को सफ़ेद होने से बचाता है और साथ ही बालों को काला भी करता है ।
  • इस तेल का उपयोग पुरुष व महिला दोनों प्रयोग कर सकते हैं ।
  • इसका अनोखे डिज़ाइन है जिसकी वजह से इसका प्रयोग करना आसान होता है ।

इंदुलेखा ऑयल की क्या प्राइस है और क्या हमें इसको खरीदना चाहिए

इंदुलेखा ऑयल से आपको बहुत सारे फायदेमंद मिलते है और यदि आप अपने बालों को बढ़ाना व सुरक्षित रखना चाहते हो तो आप इस तेल को खरीद सकते हो, इसके फायदों के हिसाब से ये आपके बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है।

इंदुलेखा ऑयल आपको प्राइस 300 से 400 रूपए के बीच में बहुत ही आसानी से मिल जाएगा, आप इस तेल को ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीको से खरीद सकते हो।

इंदुलेखा ऑयल आपको बहुत सारे अलग अलग साइज व वजन में मिलता है। आप अपने हिसाब से कौनसा भी तेल खरीद सकते हो।

यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पुछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। इन्दुलेखा आयल रिव्यु की इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

इंदुलेखा तेल कैसे लगाया जाता है?

इंदुलेखा हेयर ऑयल के साथ आने वाली कंघी की मदद से लगाया जाता है ये कंघी तेल को बालों की ज़ड़ों तक पहुंचता है।

क्या झड़े हुए बाल वापस आ सकते है?

हां इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। बालो की अच्छी देखबाल करना चाहिए। और कैमिकल यूक्त शैम्पू का प्रयोग नही करना चाहिए ।

क्या कैल्शियम की कमी से बाल झड़ते हैं?

कैल्शियम की कमी से बाल तेजी से झड़ने लगते है।

दूर करे लंबे समय की खुजली, जानिए कारण और उपाय खुजली ठीक करने के उपाय

खुजली ठीक करने के उपाय

हेल्लो फ्रेंड्स आज हम जानेंगे पूरे शरीर, हाथ और पैर में खुजली होने का कारण, लक्षण, खुजली का इलाज घरेलू और लम्बे समय की खुजली का उपाय क्या है। खुजली की समस्या एक बहुत ही गंभीर त्वचा का रोग है। यदि आप इसका समय रहते इलाज नहीं करते है, तो आपके शरीर की त्वचा में अपनी जड़े बना लेती है और फिर ये एक गंभीर रोग का रूप धारण कर लेगी।

ऐसे में बहुत सारे लोग अपनी खुजली की बीमारी को दूर करने के लिए एंटी फंगल क्रीमो का उपयोग करते है। लेकिन फिर भी उनको इससे पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल पाता है।

इस आर्टिकल में हम आपको खुजली ठीक करने के उपाय बताएँगे। खुजली की अचूक दवा के बारे में जानने से पहले हम शरीर में खुजली होने का कारण क्या है ? इसकी जानकारी ले लेते है।

  • अपने शरीर की त्वचा पर ज्यादा साबुन का उपयोग, शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।
  • चुना व् सोडा जैसे रासायनिक प्रदार्थ का ज्यादा सेवन करने से भी खुजली हो सकती है।
  • यदि कब्ज जैसी समस्या ज्यादा दिनों तक रहती है, तो यह भी शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।
  • तंत्रिका सम्बंधित विकार या तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली इस्थि में भी खुजली की समस्या हो सकती है।
  • रक्त से सम्बधित किसी भी प्रकार का विकार होने से भी खुजली की समस्या शुरू हो सकती है।
  • कभी कभी टाइट कपडे पहनना भी शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।

और पढ़ें: सिर में खुजली होने लक्षण और सिर में खुजली के उपाय-Khujli Ke Upay

खुजली ठीक करने के उपाय-Khujli Ke Upchar

यदि आपको किसी भी प्रकार की खुजली से सम्बन्धित समस्या है और उससे छुटकारा पाना चाहते हो तो आप इन उपायों का उपयोग कर सकते हो।

  • पीपल के पत्ते
  • निम्बू
  • नारियल
  • कपूर
  • गेंदे का फुल

खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज है पीपल के पत्ते

खुजली से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पत्ते सबसे असरदार काम करते है, जिस जगह पर आपको खुजली की समस्या है वहा पर पीपल के पत्ते पर देशी घी लगाकर लगाए, इसके अलावा पूरे शरीर में खुजली होने पर आप पीपल की छाल का काढ़ा भी पी सकते है और खुजली से राहत पा सकते है।

और पढ़ें: दाने वाली खुजली का उपचार कैसे करें-Khujali Ke Gharelu Upay

नींबू से खुजली का इलाज

नींबू से खुजली का इलाज करने के लिए आपको केले के गुंद को नींबू में मिला कर जहाँ पर खुजली हो रही वहा पर लगाना होगा। ऐसा करने से आपको खुजली से राहत मिलेगी क्योकि नींबू में सिट्रिक एसिड जैसी बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है जो खुजली की बीमारी से राहत दिलाने में मदद करते है।

नींबू
खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज नींबू

नारियल से खुजली का इलाज

खुजली होने पर अक्सर हम सोचते है कि खुजली के लिए कौन सा तेल लगाना चाहिए? ताकि जल्द से जल्द आराम मिले।  नारियल के 20 मिलीलीटर तेल के अंदर 10 मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर जहा पर खुजली हो रही है वहा पर इससे मालिश करे या फिर इसके लेप को वहा पर लगाए, या फिर आप नींबू को सिम्पली चूस कर भी अपनी खुजली का इलाज कर सकते हो।

और पढ़ें: जानिए क्या है बेटनोवेट सी के फायदे- betnovate c uses in hindi

कपूर से खुजली का इलाज

आज के समय कपूर का उपयोग सभी घरो में पूजा के लिए किया जाता है, पर हैरानी की बात तो ये है की इसका उपयोग करके आप अपनी खुजली की समस्या को दूर कर सकते हो । आप कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर के जहा खुजली हो रही है वहा पर मालिश कर सकते हो, इससे खुजली की समस्या को दूर कर सकते हो ।

गेंदे का फुल से खुजली का इलाज

गेंदे की पतियों को पानी में अच्छी तरह से उबल ले और फिर उसको ठंडा होने दे और फिर उसके बाद में जहा पर खुजली की समस्या है उस जगह को अच्छी तरह से साफ करे।

तो आप इन सब तरीको की मदद से अपनी खुजली की समस्या को दूर कर सकते और साथ ही खुजली से छुटकारा भी पा सकते हो।

आपने क्या सिखा खुजली के बचाव के बारे में

हम उम्मीद करते है की खुजली होने के क्या कारण है? और खुजली से बचने के लिए अचूक दवा क्या है? इसकी पूरी जानकारी आपको मिल गई होगी, यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पुछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे ।

खुजली से बचने के लिए अचूक दवा की इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

शरीर में दाना क्यों निकलते हैं?

कई बार हमारे शरीर में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं जिन में पानी भर जाता है और खुजली होती है कई बार ये दाने फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है परंतु कभी-कभी यह हर्पीज नामक बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं । इस बीमारी को शिंगल्स के नाम से भी जाना जाता है । यह रोग उन लोगों को अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है ।यह वायरस द्वारा होने वाला रोग है ।इस बीमारी के होने पर रोगी के शरीर के एक तरफ की त्वचा पर पानी वाले दाने निकलते हैं। इस वजह से रोगी को त्वचा में खुजली या दर्द या जलन या सुन्नपन या झनझनाहट की परेशानी होती है। इतना ही नहीं, जिस जगह ये दाने निकलते हैं, वहां की त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है और उसे छूने पर दर्द होता है।

खुजली में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?

दाद, खाज, खुजली शरीर में फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है इसके लिए हमें नहाने के लिए एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करना चाहिए। एंटीबैक्टीरियल साबुन जैसे Ketotosc एक ऐंटिफंगल साबुन है जो सेट्रिमाइड, नीम ऑयल, एलो वेरा ऑयल और कैमोमाइल एक्स्ट्रैक्ट से भरपूर है। इसके अलावा Tetmosol Soap भी एक असरदार साबुन है खुजली से राहत दिलाता है । इन एंटीबैक्टीरियल साबुनों का इस्तेमाल किसी भी तरह की दाद, खाज, खुजली, सफेद दाग या बैक्टीरिया में भी कर सकते हैं । एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करते वक्त गुनगुने पानी से नहाने से अधिक फायदा मिलता है ।

खुजली की सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है?

यदि आपको खुजली की समस्या है या ठीक होने के बाद फिर से हो जाती है तो इसके लिए एलोपैथी की सबसे अच्छी टेबलेट है = Candiforce -200 काफी कारगर होती है । इसके साथ LECOPE टेबलेट लेने से और भी बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं । यदि शरीर में खुजली से परेशान है तो Fluka-150 टैबलेट काफी कारगर साबित हो सकती है । इसके साथ सिट्राजिन टेबलेट लेने और एंटी फंगल क्रीम और एंटीफंगल सोप का प्रयोग करके खुजली से निजात पाया जा सकता है। दाने वाली खुजली के लिए candid clotrimazol cream काफी मददगार साबित हो सकती है यह क्रीम सूखी खुजली में भी काफी लाभदायक होती है । इन सभी प्रयासों के बावजूद यदि खुजली ठीक नहीं हो रही है तो किसी अच्छे त्वचा के डॉक्टर से संपर्क करें ।

दाने वाली खुजली कैसे ठीक होती है?

स्किन एलर्जी या इन्फेक्शन होने के कारण कई बार त्वचा पर छोटे छोटे दाने निकल आते हैं जिनमें खुजली होती है और पानी निकलने लगता है। इससे राहत पाने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं = 1. एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसका गूदा निकालकर उसे प्रभावित स्थान पर लगाने से दाने वाली खुजली ठीक हो जाती हैं। 2. शुद्ध नारियल तेल को हल्का गुनागुना करके लगाने से भी जाने वाली खुजली में आराम मिलता है । 3. टमाटर का गूदा पीसकर लगाने से भी दाने वाली खुजली में राहत मिलती है ।

पिम्पल्स के निशान हटाने के लिए पांच बेस्ट घरेलू उपाय, Pimples Ke Daag Kaise Hatae

कैसे हटाए चेहरे के दाग और पिम्पल्स

आजकल की दिनचर्या के अंदर व्यक्ति अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता है, और बाहर का खाना और सेहत पर ध्यान रखना काफी ज्यादा बढ़ चुका है इसी बीच अगर आप अपने स्किन का ध्यान नहीं रखते हैं, तो आपके चेहरे पर दाग धब्बे बन सकते हैं। जरुरी नहीं है की ये निशान पिंपल से ही हो, बल्कि कोई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के रिएक्शन भी हो सकते हैं ।

चेहरे के दाग- धब्बों को हटाने के लिए कंपनियां कई प्रकार के रसायनिक प्रोडक्ट को निकाल रही है, लेकिन अगर आप उन प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं तो आपकी स्किन और भी खराब होने की संभावना रहती है।

आज हम आपको इस आर्टिकल के अंदर कुल 7 घरेलू उपाय बताएंगे जिसके जरिए आप अपने चेहरे के दाग- धब्बों को आसानी से हटा सकते हैं।

पिंपल का दाग कैसे ठीक करें?- Pimple ke daag kaise mitaye

पपीता

चेहरे पर पिंपल्स और दाग धब्बों को मिटाने के लिए पपीता बहुत लाभदायक होता है। पपीते में उपस्थित विटामिन ई चेहरे स्क्रीन को नरम तथा क्लियर रखने में काफी मदद करती है।

एक ताजा पपीता लें और उसको पेस्ट बना लें अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाए रखें उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और सूती कपड़े से पोंछ लें ऐसा करने पर आपके चेहरे से पिंपल्स एकदम नरम हो जाएंगे और इन पिंपल्स में उपस्थित गंदे पदार्थ निकल जाते हैं और पिंपल एकदम पूरी तरह से साफ हो जाएंगे

पुदीना पेस्ट

फेस से दाग हटाने और खूबसूरत दिखने के लिए पुदीना भी काफी लाभदायक होता है, क्योंकि पुदीना शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है और शरीर में ठंड होने पर पिंपल्स आसानी से हट सकते हैं। पुदीने का पेस्ट बनाने के लिए उसको बारीक पीस लें फिर रात को चेहरे पर लगाएं जब यह सूख जाए तो चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें यह काम हफ्ते में दो बार करें जिससे आपके पिंपल्स हट जाएंगे ।

बेकिंग सोडा

अगर आपकी स्किन पर बहुत ज्यादा पिंपल्स और दाग धब्बे है, तो इसके लिए आपकी स्क्रीन पर बेकिंग सोडा लगाना चाहिए। बैंकिंग सोडा में उपस्थित मिनरल्स तथा विटामिंस आपकी त्वचा को ग्लिसरीन की मात्रा उपलब्ध करवाती है, साथ ही विटामिंस की वजह से त्वचा नरम बनी रहती है।

बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा

पिंपल्स हटाने के लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें और उस पेस्ट को अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाए रखें और उसके बाद चेहरे को पानी से धो लें ऐसा एक हफ्ता तक नियमित रूप से करें आपके चेहरे के पिंपल्स जाएंगे ।

टूथपेस्ट

स्किन के पिंपल्स को हटाने के लिए टूथपेस्ट काफी मददगार होता है सफेद टूथपेस्ट को करीब 1 घंटे तक पिंपल पर लगाए रखें, लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें आप जिस टूथपेस्ट का उपयोग कर रहे हैं, वह जलयुक्त ना हो । साधारण सफेद टूथपेस्ट का यह उपाय हफ्ते में तीन बार करें, आपको स्किन पर पिंपल्स की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा स्किन में कैल्शियम की मात्रा कम होती है। तब पिंपल कैसे समस्या उत्पन्न होती है और उस पेस्ट में कैल्शियम तथा फास्फोरस की भरपूर मात्रा उपस्थित होती है। जो आपकी त्वचा को कोमल बनाए रखने तथा त्वचा पर उपस्थित दाग धब्बे को हटाने में काफी मददगार होती है

टमाटर

टमाटर में लाइकोपीन नियम नामक एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह चेहरे के दाग धब्बे को हटाने के लिए और चेहरे पर कालेपन को दूर करने में काम आता है ताजी टमाटर के जूस को चेहरे पर मास्क की तरह लगाएं और 1 घंटे बाद धो लें ऐसा करने से आपका चेहरा पिंपल मुक्त रहेगा।

हल्दी

चेहरे पर पिंपल्स को दूर करने के लिए हल्दी काफी मददगार होती हैं। हल्दी में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन को कोमल और खूबसूरत बनाए रखती है। हल्दी का लेप लगाने पर आपके चेहरे पर काले धब्बे भी हट जाएंगे।

एलोवेरा

चेहरे के लिए सबसे ज्यादा गुणकारी पदार्थों में से सबसे पहले नंबर पर एलोवेरा आता है एलोवेरा में कई ऐसे लाभकारी गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। एलोवेरा के पेस्ट को चेहरे पर लगाने पर आपके चेहरे के पिंपल्स और दाग धब्बे हट जाएंगे।

हम उम्मीद करते है, कि पिंपल्स के दाग कैसे मिटाए और इसके क्या क्या घरेलु उपाय है, इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल मिल चुकी होगी, यदि इस टॉपिक्स से रिलेटेड आपके मन में कोई सवाल है, तो हमे कमेंट करके जरूर बताये ।

तो दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे।

जानिए क्या है वेस्ट नाइल फीवर? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

जानिए क्या है वेस्ट नाइल फीवर? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

कोरोना महामारी का डर अभी लोगों के मन से निकला नहीं कि केरल में वेस्ट नाइल वायरस से लोग डरने लगे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है. केरल के त्रिशूर में एक 47 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते वेस्ट नाइल बुखार से दम तोड़ दिया। राज्य में वाइरस जनित बीमारी से यह दूसरी मौत बताई जा रही है, इससे पहले का मामला 2019 का था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, वेस्ट नाइल का पहला मामला 1937 में सामने आया था. तब युगांडा की रहने वाली एक महिला इससे संक्रमित हुई थी। 1953 में उत्तरी मिस्र के नाइल डेल्टा रीजन में पक्षियों में इस वायरस की पहचान हुई थी. तब कौओं और कबूतरों में ये वायरस मिला था।

1997 से पहले तक इस वायरस को पक्षियों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता था, लेकिन इसके बाद इजरायल में इस वायरस का एक खतरनाक स्ट्रेन सामने आया था, जिससे कई पक्षियों की मौत हो गई थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 50 साल में कई देशों में इस वायरस से इंसानों के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं।

आखिर नाइल बुखार है क्या ?

वेस्ट नाइल फीवर एक मच्छर जनित बीमारी है, जो वेस्ट नाइल वायरस के कारण होती है, यह एक सिंगल-स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस है. यह संक्रमण क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है,ये मच्छर संक्रमित पक्षियों से वायरस का प्रसार करते हैं, क्यूलेक्स मच्छर पूरे देश में उत्तर और दक्षिण भारत दोनों में पाए जाते हैं, इंसानों के अलावा, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं, वेस्ट नाइल वायरस संक्रमित मनुष्यों या जानवरों के संपर्क में आने से नहीं फैलता. यह मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।

वेस्ट नाइल फीवर
वेस्ट नाइल फीवर

वेस्ट नाइल बुखार के लक्षण

वायरस से संक्रमित लगभग 80% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता, जबकि लगभग 20% संक्रमित लोगों को बुखार हो जाता है. कई बार व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह संक्रमित हो गया है. रोग के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, मतली, दाने और कभी-कभी गले में सूजन शामिल हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, इसे उनका मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है, इससे आगे चलकर इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस जैसे जानलेवा संक्रमण भी हो सकते हैं।

रोग की रोकथाम कैसे करें..?

मच्छरों को नियंत्रित करना और मच्छरों के काटने से खुद को बचाना ही बीमारी को रोकने का एकमात्र तरीका है । पूरे कपड़े पहनें, अच्छी तरह से शरीर को ढकें क्योंकि यह संक्रमित मच्छरों के संपर्क में आने में बाधा का काम करेगा। पानी के स्टोरेज कंटेनरों को कवर करना चाहिए और पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए. पूल, यार्ड और बगीचों में कचरों की ढंग से सफाई होनी चाहिए।

केरल में इसका एक मामला सामने आने पर, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी यही एडवाइजरी जारी की है कि मच्छरों को पैदा होने से रोकें , हर किसी को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और अपने आसपास सफाई रखनी होगी, ड्रेनेज और जमे हुए पानी को साफ करना होगा।

इसके अलावा.. एनिमल-टू-ह्यूमन ट्रांसमिशन को रोकने के लिए जरूरी है कि बीमार जानवरों का इलाज करते समय ग्लव्स या प्रोटेक्टिव कपड़े पहनकर रखें।

और अगर कहीं ये वायरस फैल रहा है, तो वहांँ ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से पहले लैब में उसकी जांच कर ली जाए।

वेस्ट नाइल फीवर का इलाज

सामान्य बुखार की तरह ही इसका इलाज़ किया जाता है, गंभीर मामलों में, उपचार में मुख्य रूप से अस्पताल में भर्ती करते हैं, तरल पदार्थ देते हैं, सांस से जुड़ी सहायता और संक्रमण फिर से ना हो इसके लिए रोकथाम शामिल है. इंसानों के लिए इस बीमारी के खिलाफ वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

सर्दियों में ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम- ड्राई स्किन के लिए सबसे बेस्ट क्रीम

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम

ड्राई स्किन यानी रूखी त्वचा, इन त्वचा के लोगो को अन्य स्किन के मुकाबले ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। वैसे कुछ लोगों की स्किन ऑयली होती है, तो कुछ लोगों की ड्राई, वहीं कुछ लोगों की स्किन नाॅर्मल और कुछ की मिक्स। हर स्किन एक दूसरे से एकदम अलग होती है। ज़ाहिर सी बात है कि जब स्किन अलग अलग होगा तो उसके लिए क्रीम भी अलग अलग ही होने चाहिए। जैसे- ऑयली स्किन के लिए क्रीम कभी भी ड्राई स्किन को सूट नहीं करेंगे। वैसे ही ड्राई स्किन के लिए बनी क्रीम ऑयली स्किन को सूट नहीं करेंगे। इसलिए क्रीम खरीदते वक्त अपने स्किन टाइप का ही खरीदे ये न सिर्फ स्किन को नमी प्रदान करती है, बल्कि इसी वजह से यह हमारी रोज़ाना की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं ड्राई स्किन के लिए सबसे बेस्ट क्रीम के बारे मे।

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम-Dry Skin Ke Liye Best Cream

पॉन्ड्स लाइट मॉइस्चराइजर

रूखी स्किन के लिए क्रीम की बात करे तो पॉन्ड्स लाइट मॉइस्चराइजर को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह विटामिन-ई, बी3 और सी से समृद्ध है। यह लाइट वेट क्रीम है, जिसे नॉन-ऑयली फॉर्मूले से बनाया गया है। रूखी त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करती है। हर मौसम में उपयोग की जा सकती है। 24 घंटे तक नमी को लॉक करके रखती है। आसानी से फैलती है, और चेहरे में अवशोषित होती है। इसमे एसपीएफ 15 से युक्त है।

बायोटिक बायो व्हीट जर्म यूथफुल नरीशिंग नाइट क्रीम (biotique winter cream for dry skin)

ड्राई स्किन के लिए बायोटिक के इस प्रोडक्ट पर एक नजर डाल सकते हैं। यह क्रीम एजिंग के लक्षण को भी काफी हद तक कम करती है। यह एक नाइट क्रीम है, जो त्वचा को प्रदूषण की वजह से होने वाली क्षति से भी बचाती है। इसका रोजाना उपयोग कर सकते हैं। सनबर्न और त्वचा संबंधी समस्याओं से आराम दिला सकती है। इसमें केमिकल नहीं है। त्वचा विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित है। इसमें विटामिन-ए, बी, सी, विटामिन डी और ई हैं। व्हीट जर्म, सनफ्लावर और बादाम के तेल से युक्त है। त्वचा को मॉइस्चराइज करती है।

बादाम के तेल
बादाम के तेल

लक्मे पीच मिल्क सॉफ्ट क्रीम

ड्राई स्किन के लिए लक्मे पीच मिल्क एक अच्छा विकल्प है। यह क्रीम पीच यानी आड़ू और दूध की अच्छाई से युक्त है। इस क्रीम के साथ ही इसकी खुशबू भी लोगों को अच्छी लगती है। यह क्रीम 24 घंटों तक स्किन में नमी को लॉक करती है। आसानी से त्वचा में समाती है। स्किन को गहराई से पोषण देती है। इसमें एसपीएफ-24 है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसे सुबह और रात को दोनों समय इस्तेमाल किया जाता है। स्किन को मुलायम बनाती है। त्वचा को रेडिएंट ग्लो देती है।

लोटस हर्बल्स न्यूट्रामॉइस्ट स्किन रिन्यूअल मॉइस्चराइजिंग क्रीम

इस क्रीम की बात करें, तो इसमें अंगूर में मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी फ्रूट एसिड का इस्तेमाल किया गया है। क्रीम में मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी फ्रूट एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट, एस्ट्रिजेंट और एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। ये गुण स्किन को स्वस्थ रखने और कसावट लाने में मदद करते हैं। सभी प्रकार की स्किन के लिए उपयुक्त है। सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव करती है। मॉइस्चर को स्किन में लंबे समय तक बनाए रखती है। टैन को कम करने में सहायक होती है।

सेटाफिल मॉइस्चराइजिंग क्रीम

रूखी और संवेदनशील त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करने के लिए सेटाफिल की यह क्रीम जानी जाती है। कंपनी के अनुसार, यह क्रीम त्वचा में पानी की मात्रा को संतुलित करके नमी को खोने नहीं देती है। यह क्रीम स्किन को तुरंत मॉइस्चराइज करके मुलायम बनाती है। संवेदनशील त्वचा पर कोमलता से असर करती है। त्वचा में आसानी से समाती है। यह एलर्जी पैदा नहीं करती है। यह क्रीम चिपचिपी नहीं है। इसमें बादाम के तेल के गुण मौजूद हैं। स्किन के पोर्स को ब्लॉक नहीं करती है। महिला और पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं।

हिमालया नरीशिंग स्किन क्रीम

हिमालया की यह क्रीम स्किन में 24 घंटों तक मॉइस्चर करती है। आसानी से त्वचा में अवशोषित होने वाली यह क्रीम महिला और पुरुष दोनों के लिए उपयुक्त है। नॉन ग्रीसी फॉर्मूले वाली इस क्रीम को एलोवेरा, विंटर चेरी जैसी कई प्राकृतिक सामग्रियों से बनाया गया है। प्रदूषण और शुष्क मौसम से बचा सकती है। त्वचा को पोषण और नमी प्रदान करती है। रोजाना इस्तेमाल की जा सकती है।

एलोवेरा
एलोवेरा

मामाअर्थ एंटी-पॉल्यूशन फेस क्रीम

ड्राई स्किन के लिए फेस क्रीम ऐसी चाहिए, जो मॉइस्चराइज करने के साथ ही एजिंग को भी धीमा कर सके। ऐसी क्रीम मामाअर्थ साबित हो सकती है। इस क्रीम का वादा है कि यह पॉल्यूशन और यूवी रेज से बचाती है। इनकी वजह से होने वाले एक्ने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है। लाइट वेट क्रीम है, जो चेहरे पर भारी नहीं लगती है। नॉन ग्रीसी क्रीम है। डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड है। त्वचा को मॉइस्चराइज रखती है। त्वचा को पोषण देती है।

स्किन के रंग को उज्ज्वल बनाती है। हल्दी, गाजर जैसे प्राकृतिक तत्वों से युक्त है। हानिकारक रसायनों जैसे सल्फेट्स, पैराबेंस, सिलिकॉन, पेट्रोलेटम और डाई से मुक्त है। रोजाना और सभी मौसम में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है।

इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण मुंहासे और पिंपल्स को त्वचा से दूर रख सकते हैं।

ओले रीजेनेरिस्ट रिवाइटलाइजिंग नाइट क्रीम

केवल महिलाओं के लिए केंद्रित ओले की यह क्रीम त्वचा की फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम कर एक नया लुक देती है। यह नाइट क्रीम है, जो रातभर चेहरे को गहराई से पोषण देकर और मॉइस्चराइज करके स्किन की खामियों को कम करती है। इस क्रीम को रोज उपयोग करते हैं। पूरी त्वचा के लिए थोड़ी सी मात्रा ही पर्याप्त है। खासकर एजिंग के साइन को कम करने के लिए बनाई गई है। रात को गहराई से स्किन हाइड्रेट करती है।

निविया सॉफ्ट, लाइट मॉइस्चराइजिंग क्रीम

रूखी त्वचा के लिए क्रीम की बात करें, तो निविया सबसे बेस्ट क्रीम है यह क्रीम त्वचा को लंबे समय तक मॉइस्चराइज करती है। यह विटामिन-ई और जोजोबा ऑयल से युक्त है, जो त्वचा की नमी को बरकरार रखती है। साथ ही स्किन को स्वस्थ बनाती हैं। यह क्रीम नॉन ग्रीसी फॉर्मूला से बनाई गई है, जो चिपचिपी नहीं लगती है। यह स्किन में अच्छे से अवशोषित हो जाती है। यह त्वचा को स्वस्थ बनाए रख सकती है।

जानिए कौन सा है बेस्ट ड्राई स्किन के लिए फेस वाश-Dry Skin Ke Liye Face Wash

जानिए कौन सा है बेस्ट ड्राई स्किन के लिए फेस वाश

ज्यादातर लोग सोचते है त्वचा से सम्बंधित ज्यादातर समस्याएं तैलीय त्वचा वाले को होती है। लेकिन ड्राई यानी रूखी त्वचा वालो की भी अपनी समस्याएं होती है। सर्दियों में ड्राई त्वचा ज्यादा परेशान करने लगती है। ड्राई स्किन का सबसे बड़ा नुकसान होता है कि इस पर उम्र के निशान जल्दी दिखने लगते हैं। इसलिए इसका खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। त्वचा कोई भी हो उसकी साफ सफाई बहुत जरूरी है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको ड्राई स्किन के लिए फेस वाश के विकल्प देंगे।

ड्राई स्किन के लिए फेस वाश-Dry Skin Ke Liye Face Wash

मामाअर्थ उबटन नैचुरल फेस वाश

मामाअर्थ अब एक जाना माना नाम है। ये फेसवाश अखरोट होने के कारण स्क्रब का काम भी करता है। डेड सेल्स को हटाता है। इसमे है हल्दी, केसर, गाजर के बीज का तेल, मुलेठी, अखरोट जैसे तत्व।

  • यह 100 प्रतिशत प्राकृतिक है।
  • यह सोडियम लॉरिल सल्फेट, एसएलएस, मिनरल ऑयल, पेट्रोलियम, पैराबेन, सिंथेटिक इत्र व रंगों से मुक्त है।
  • कंपनी के अनुसार, यह फेस वाश त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने में मदद कर सकता है।
  • डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड है।

अवगुण

सेंसिटिव्र त्वचा वालो को रेड नेस हो सकती है क्योंकि इसमें अखरोट के दाने होते है। झाग भी नही आता

मुलेठी
मुलेठी

बेला वीटा ऑर्गेनिक एंटी ब्लेमिश पिगमेंटेशन रिमूवल फेस वाश

ये फेसवाश हर लिहाज से बेहतर है। कम्पनी दावा करती है कि उसने इस फेसवाश में शुद्ध चांदी का प्रयोग किया है।

  • इसका इस्तेमाल करने से त्वचा में चमक आती है।
  • प्रदूषण के कारण हुआ कालापन दूर होता है।
  • ड्राई स्किन के लिए परफेक्ट है।

अवगुण

शुद्ध चांदी होने के कारण अन्य फेस वाश की तुलना में महंगा है।

हिमालया मॉइस्चराइजिंग एलोवेरा फेस वाश

हिमालया कम्पनी किसी पहचान की मोहताज नही है। यह कास्मेटिक से लेकर हेल्थ प्रोडक्ट तक बनाती है। इस फेसवाश में एलोवेरा का इस्तेमाल किया गया है।

  • एलोवेरा न केवल त्वचा को साफ करता है बल्कि इसे मुलायम भी बनाता है।
  • यह फेसवाश एंजाइम, पॉलीसेकेराइड और कई फायदेमंद पोषक तत्वों से भरपूर है।
  • ये ज्यादा महंगा भी नही है।
  • सर्दियों के लिए उपयुक्त है।

अवगुण

इसके पैक पर अमोनिया को इंगित किया गया है, जो संवेदनशील त्वचा वालों के लिए हानिकारक हो सकता है।

चेरिल्स डर्मालाइट फेस वाश

यह फेसवाश ड्राई त्वचा के लिए अच्छा है। यह क्लिंजर की तरह चेहरे को साफ करता है। कम्पनी के दावे के अनुसार यह कालेपन के लिए जिम्मेदार मेलेनिन के निर्माण को कम करता है।

अवगुण

सेंसिटिव् स्किन को शायद ये सूट ना करें।

अरोमा मैजिक लैवेंडर फेस वाश

अरोमा मैजिक लैवेंडर फेस वॉश स्किन को हाइड्रेट करता है। यह त्वचा को मुलायम बनाता है।

अवगुण

अगर आपकी स्किन ड्राई है तो कभी कभी इस फेसवाश के बाद थोड़ा मॉइस्चराइजर लगाना पड़ सकता है।

सेटाफिल जेंटल स्किन क्लीन्जर

जैसा कि नाम से विदित है यह फेसवाश जेन्टली चेहरे को साफ करता है, इसमे कोई केमिकल नही है, आर्टिफीसियल खुशबू नही हैं। पी एच को बैलेंस करता है।

  • इस फेसवाश को आप क्लिंजर यानी टिश्यू पर लगाकर यूज़ कर सकते है।
  • यह सेंसेटिव और ड्राई स्किन के लिए बहुत ही बेहतरीन फेसवाश है।

अवगुण

ड्राई स्किन के लिए ये बेहतरीन फेसवाश है, लेकिन तैलीय त्वचा के खास फायदेमंद नही है।

रस्टिक आर्ट ऑर्गेनिक जुनिपर बेरी फेस वॉश

यह फेसवाश आर्गेनिक, नेचुरल और वेगन माइल्ड से मिलाकर बनाया गया है। चेहरे की स्किन को हाइड्रेट करता है। यह वाकई बहुत असरदार फेसवाश है।

  • इसमें सल्फेट, फॉस्फेट, पराबैन, सिंथेटिक रंग और खुशबू नहीं है।
  • आसानी से ट्रेवल के दौरान ले जा सकते है।

अवगुण

अन्य फेस वाश के मुकाबले महंगा है।

निविया फेस वाश

निविया कंपनी का यह प्रोडक्ट भारत में एक भरोसेमंद उत्पाद है। कम्पनी के अनुसार इसे शहद व दूध के गुणों से युक्त बनाया गया है।

  • शहद त्वचा को बेहतरीन पोषण देता है।
  • दूध को अच्छे क्लिंजर के रूप में जाना जाता है। अब आप समझ सकते है दोनों का मेल ड्राई स्किन के लिए कितना असरदार होगा।
  • यह ज्यादा महंगा भी नही है।

अवगुण

किसी किसी को शहद से एलर्जी होती है, खासकर सेन्सटिव स्किन के लिए शायद सूट न करें।

सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं-Cesarean Delivery Ke Baad Kya Khana Chahiye

सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं

सिजेरियन ऑपरेशन आजकल बहुत ही नॉर्मल है। लेकिन सिजेरियन के बाद एक माँ की देखभाल नॉर्मल तरीके से नही होती। सिजेरियन के बाद बहुत ही खास देखभाल की जरूरत होती है। खास देखभाल मतलब एक महिला के स्वास्थ्य के सभी पहलू पर ध्यान देना होता है। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं, सिजेरियन डिलिवरी के बाद खान पान कैसा होना चाहिए।

सिजेरियन के बाद माँ को ऐसे भोजन की आवश्यकता होती है जो माँ को शारीरिक शक्ति प्रदान करे, बच्चे के लिए माँ के दूध में बढ़ोतरी करे। लेकिन वजन न बढ़ाये और टांकों पर अनावश्यक जोर न डालें।

सिजेरियन ऑपरेशन (C-section) के बाद सभी महिलाओं को यहीं असमंजस रहता है। क्या खाएं क्या न खाएं। इस लेख में हम आप को बताएँगे की सिजेरियन डिलिवरी के बाद खान पान कैसा होना चाहिए।

कितनी कैलोरी चाहिए

यदि एक महिला स्तनपान करा रही है तो उसे अपनी रोज की जरूरत से प्रतिदिन कम से कम 500k ज्यादा की जरूरत होती है।

सिजेरियन डिलिवरी के बाद खान पान-Cesarean Delivery Ke Baad Kya Khana Chahiye

आपरेशन के बाद जब आप खाना शुरू करे तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें।

खाएं जो आसानी से पचे

इसके लिए खुद के शरीर को जाने, क्योंकि जरुरी नही जो खाने में हल्का हो वो आपको डाइजेस्ट हो जाए। दुसरो के कहने में न आएं। खुद सोचे कि कौन से खाद्य पदार्थ आपको गैस बनाते है, उन्हें अवॉयड करें।

ज्यादा तला भुना, मसालेदार, मैदा, बाहर के भोज्य पदार्थ खाने से बचे।

खाए जो हो फैटी एसिड से भरपूर

पता करे कि कौन से खाद्य पदार्थ फैटी एसिड युक्त है। उन सभी पदार्थो का सीमित मात्रा में सेवन करे। ऐसे आहार आप को कब्ज (constipation) से बचाएगा और साथ ही यह शिशु के विकास के लिए भी अच्छा है।

फैटी एसिड अखरोट जैसे सूखे मेवों, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे फलों में काफी मात्रा में पाया जाता हैै।

प्रोटीन की है सख्त जरूरत

सिजेरियन के बाद जख्म को भरने और कोशिकाओं के रिपेयर होने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थो जैसे मछली, अंडा, चिकन, डेरी उत्पाद, मास, मटर, दाल, राजमा, और अनेक प्रकार के सूखे मेवे को अपने आहार में शामिल करें।

पर ध्यान रहे इनमें से जो भी भोज्य पदार्थ गैस बनाते है उनका प्रयोग सिजेरियन के तुरन्त बाद न करे।

विटामिन सी को न करे नजरअंदाज

विटामिन सी किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचाता है, इसके अलावा माँ और बच्चे दोनों की इम्युनिटी डेवेलप करता है। आखिर शिशु को पोषण अपने माँ के खाए भोजन से तो मिलता है

इसके लिए आप संतरे, तरबूज, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, शक्करकंद, टमाटर, गोभी, और ब्राकोली को डाइट में शामिल कर सकती है। पर ध्यान रहे इनसे आपको खांसी न हो। इनका सेवन दिन में करें। खांसी होने से टांकों पर जोर पड़ सकता है।

सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं
सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं

पूरी करें खून की कमी

सिजेरियन है तो खून की कमी तो होगी ही, तो बहुत जरूरी है कि माँ जल्द से जल्द अपने शरीर मे इसकी पूर्ति करें। इसके लिए अंडे की जर्दी, मास, अंजीर, राजमा, और मेवे (dry fruits), अनार, भुने चने, चुकंदर, काले अंगूर का सेवन करें।

लेकिन बहुत ही सीमित मात्रा में, आयरन की मात्रा ज्यादा न होने दे। अन्यथा कब्ज हो सकती है।

जिंक बचाए डिप्रेशन से

आप शायद नही जानते होंगे कि जिंक आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचा सकता है। इसलिए इस कम महत्व दिए जाने वाले सप्पलीमेंट को बिल्कुल न भूले।

जिंक के लिए नट्स जैसे बादाम, काजू, तिल के बीज, मूंगफली और अखरोट।, दाल जैसे काबुली चना, चवली, मूंग, राजमा, सोया का सेवन करें।

कैल्शियम है आवश्यक स्तनपान के दौरान

कैल्शियम माँ के शरीर की मास पेशियोँ को आराम पहुंचाकर उसकी थकान मिटाता है। ये दातों और हाड़ियोँ को भी मजबूत बनाता है।
दूध बनने की प्रक्रिया में माँ के शरीर से कैल्शियम बहुत तेजी से ख़त्म होता है।

अगर आप स्तनपान कराती है तो आप हर दिन कम से कम 250 to 350mg कैल्शियम लेने की आवश्यकता है।

सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं-किन बातों का रखे ध्यान

  • फाइबर युक्त आहार ले।
  • फलों का जूस पीने की बजाये, पूरा फल खाएं।
  • खूब तरल लें, जैसे की दूध, हर्बल चाय, नारियल का पानी, लस्सी, छाज, सूप, और फलों का जूस।
  • चाय कॉफी न ले।
  • कम वासा वाले दूध उत्पाद ले।
  • साबुत अनाज का सेवन करें।
  • दही घर की बनी ले, व आटा चक्की से पिसा ले।

सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं-बहुत जरूरी बातें

  • सिजेरियन में कुछ भी ठोस शुरू करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
  • शुरुआत में खिचड़ी, दलिया, सूप ले। कम से कम 15 दिन।
  • धीरे धीरे दाल और एक फुल्का ले, केवल हींग जीरे से तड़का लगा कर
  • दूध में हल्की चायपत्ती डालकर ले।
  • सूखी सब्जी तुरन्त खाना न शुरू करें।
  • कुछ भी दिक्कत महसूस होते ही तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।
  • दिन में कई बार गुनगुना पानी पीएं
  • ठंडी चीज़े खाने से बचें।
  • पारम्परिक खाद्य पदार्थ जैसे गुड़ की पात, केवका या साँधा जो जच्चा को खिलाए जाते है, उनका सेवन कम से कम 20 दिन बाद करें।
  • सिजेरियन बेल्ट का प्रयोग जरूर करें।
  • टांकों को बार बार न छेड़े।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या क्या परहेज करना चाहिए?

सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपको आहार में देशी घी, कैफीनयुक्त पेय पदार्थ जैसे कॉफी और चाय, कार्बोनेटेड पेय, गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, अधिक मसालेदार भोजन, तला हुआ भोजन, चावल, मिर्च और जंक फूड जैसी चीजें शामिल नहीं करना चाहिए।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए?

प्रसव के बाद महिलाओं को कम से कम चार सप्ताह तक आराम करना चाहिए। सिजेरियन डिलीवरी के बाद ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। वहीं अगर डिलीवरी के दौरान कोई दिक्कत हुई या ऑपरेशन के बाद कोई दिक्कत हुई तो रिकवरी का समय भी बढ़ सकता है।

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