गर्भपात के घरेलू उपाय – लक्षण, कारण और एक महीने की प्रेगनेंसी हटाने के तरीके

गर्भपात के घरेलू उपाय

गर्भपात (गर्भ गिराने) के घरेलू उपाय (garbhpat ke gharelu upay)

मां बनना एक महिला के लिए एक सुखद एहसास है, जिसकी खुशी के आगे दुनिया की हर खुशी फीकी लगती है। लेकिन अगर आप गलती से प्रेग्नेंट हो जाएं, तो क्या करें? यह सवाल किसी भी महिला के मन में घबराहट, बेचैनी और डर पैदा कर सकता है, खासकर तब जब यह बिना फैमिली प्लानिंग के हुआ हो। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय सही जानकारी और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी होता है। कई महिलाएं इस दौरान गर्भपात के घरेलू उपाय के बारे में जानना चाहती हैं, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सही कदम उठा सकें।

गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें? यह सवाल कई महिलाओं के मन में आता है, जब वे बिना फॅमिली प्लानिंग के गर्भवती हो जाती हैं। गर्भपात के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार संभोग के दौरान पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका गर्भनिरोधक उपायों का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते, जिससे अनचाहा गर्भ ठहर जाता है। कुछ महिलाओं के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से माँ बनना संभव नहीं होता, तो कुछ अपनी करियर या पर्सनल लाइफ को प्राथमिकता देती हैं जिससे वे गर्भपात कराने का फैसला लेती हैं। इस तरह, विभिन्न परिस्थितियों के कारण गर्भपात का निर्णय लिया जाता है।

गर्भपात क्या होता है (garbhpat kya hota hai)

गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भधारण के 20 से 24 सप्ताह से पहले भ्रूण का विकास रुक जाता है या उसे चिकित्सकीय रूप से समाप्त कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक (Natural/Miscarriage) या कृत्रिम (Medical/Surgical Abortion) हो सकती है।

गर्भपात के लक्षण (Symptoms of Miscarriage)

अगर किसी महिला को गर्भपात हो रहा हो, तो उसके शरीर में कुछ खास लक्षण दिख सकते हैं। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं।

मुख्य लक्षण:

अचानक तेज पेट दर्द या ऐंठन

खासकर पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।

योनि से रक्तस्राव (Bleeding)

हल्के धब्बों (Spotting) से लेकर ज्यादा खून बहने तक हो सकता है।

गर्भावस्था के लक्षणों में कमी

जैसे मतली (जी मिचलाना), उल्टी, या स्तनों में भारीपन कम होना।

योनि से सफेद या गुलाबी रंग का डिस्चार्ज

यह संकेत हो सकता है कि गर्भपात शुरू हो रहा है।

पीठ में दर्द

हल्का या बहुत तेज दर्द हो सकता है, जो सामान्य गर्भावस्था के दर्द से ज्यादा महसूस हो सकता है।

बुखार या ठंड लगना

यह संक्रमण का संकेत हो सकता है, जो गर्भपात के दौरान हो सकता है।

कमजोरी और चक्कर आना

शरीर में खून की कमी होने के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है।

गर्भपात के प्रकार (Miscarriage Symptoms in Hindi)

गर्भपात एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें गर्भधारण अपने आप समाप्त हो जाता है। यह कई कारणों से हो सकता है और इसके विभिन्न प्रकार होते हैं। प्रत्येक प्रकार के गर्भपात के लक्षण और प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे गर्भपात के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से बताया गया है।

1. मिस्ड गर्भपात (Missed Miscarriage)

इसमें गर्भावस्था स्वयं समाप्त हो जाती है, लेकिन कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते। न तो रक्तस्राव होता है और न ही महिला को किसी तरह की असुविधा महसूस होती है। कई बार भ्रूण गर्भ में ही रहता है और इसका पता तब चलता है जब भ्रूण का विकास रुक जाता है। इसका निदान अल्ट्रासाउंड के माध्यम से किया जाता है।

2. अधूरा गर्भपात

अधूरा गर्भपात एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें भ्रूण का केवल कुछ भाग ही गर्भाशय से बाहर निकल पाता है। इसके कारण महिला को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अधूरा गर्भपात के लक्षण

अत्यधिक रक्तस्राव

योनि से लगातार और अधिक मात्रा में खून बहना।

तेज पेट दर्द या ऐंठन

पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द या दबाव महसूस होना।

कमजोरी और चक्कर आना

अधिक रक्तस्राव के कारण शरीर में कमजोरी हो सकती है।

बुखार और ठंड लगना

संक्रमण होने की स्थिति में शरीर का तापमान बढ़ सकता है।

असामान्य डिस्चार्ज

योनि से दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज आना।

3. पूर्ण गर्भपात(Complete Miscarriage)

इस स्थिति में महिला को तीव्र पेट दर्द और भारी रक्तस्राव होता है, और भ्रूण पूरी तरह से गर्भाशय से बाहर आ जाता है।

4. अपरिहार्य गर्भपात (Inevitable Miscarriage)

इसमें रक्तस्राव लगातार जारी रहता है और गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती है, जिससे भ्रूण बाहर आ जाता है। इस दौरान महिला को पेट में लगातार ऐंठन महसूस होती रहती है।

5. सेप्टिक गर्भपात (Septic Miscarriage)

जब गर्भ में संक्रमण हो जाता है, तब गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, जिसके लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक होता है

सुरक्षित गर्भपात कब और कैसे होता है

गर्भपात का समय ज्यादातर गर्भावस्था के पहले 3 महीनों तक का होता है और यह सबसे सुरक्षित समय होता है। असामान्य मामलों में, गर्भपात दूसरी तिमाही में किया जाता है जो गर्भावस्था के 4-6 महीनों में होता है। तीसरे तिमाही में गर्भपात शायद ही कभी किया जाता है क्योंकि यह सुरक्षित नहीं रहता है और केवल आपातकालीन या जीवन को खतरा जैसे कारणों से किया जाता है। इसलिए किसी को पहले के विकल्पों का विकल्प चुनना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षित और सस्ता होता है।

एक सुरक्षित गर्भपात प्राप्त करने के लिए पहली तिमाही जो कि पहले 3 महीने होती है, सबसे सुरक्षित समय होती है क्योंकि इस समय दवाओं का उपयोग गर्भपात करवाने के लिए किया जा सकता है और इन दवाओं का आमतौर पर दुष्प्रभाव नहीं होता है। वैक्यूम एस्पिरेशन प्रक्रियाओं का उपयोग भी किया जा सकता है जो सुरक्षित भी हैं। पहली तिमाही के बाद, सुरक्षित गर्भपात प्राप्त करना कठिन होता है और किसी को तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि कोई इमरजेंसी न हो।

गर्भपात करने के सरल घरेलु तरीका

अक्सर यह सवाल आता है कि “बच्चा कितने दिन का गिरा सकते हैं?” और इसके लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं। पारंपरिक रूप से गर्भपात के लिए विटामिन सी, पपीता, अन्नानास का रस, अजवायन , तुलसी का काढ़ा, लहसून, ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

  • गर्भावस्था का पता चलने के शुरुआती दिनों में ही गर्भपात कराना सही रहता है। विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे कच्चा पपीता ,अनानास, कटहल, संतरा, नींबू आदि चीजों के सेवन से शुरुआती गर्भावस्था में गर्भपात हो जाता है।
  • भुने हुए तिल तासीर में बहुत गर्म होते हैं। तीन से चार चम्मच तिलों को भूनकर दिन में दो बार सेवन करने से गर्भपात हो जाता है।
  • दो से चार हफ्तों की गर्भ को गिराने के लिए, 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी के साथ उबालें पानी आधा रह जाने पर उसे छानकर उसका सेवन करें जब तक ब्लीडिंग शुरू ना हो तब तक दिन में दो से तीन बार इस पानी का सेवन करने से गर्भ गिर जाता है।
  • ग्रीन टी के अधिक सेवन से भी गर्भपात हो जाता है ।
  • अधिक मात्रा में दालचीनी तथा काली मिर्च का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।केले की पत्तियों और बबूल की फलियों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर नियमित रूप से सेवन गर्भ गिराने का तरीका है।
  • कॉफी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • तुलसी के पत्तों और उसके बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से गर्भपात होता है।
  • तीन से चार चम्मच अजवायन को गुड़ के साथ मिलाकर दो गिलास पानी में उबालें और इस पानी को छानकर अजवायन के पानीका दिन में 2 बार सेवन गर्भ गिराने का तरीका है ।
  • उछल कूद और अधिक मात्रा में व्यायाम करने से भी गर्भपात हो जाता है।

गर्भपात (एबॉर्शन) के नुकसान

दोनों मेडिकल और सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया काफी सुरक्षित होती हैं, हर प्रक्रिया और उपचार में कुछ जोखिम शामिल होते हैं। गर्भपात के जोखिमों में शामिल हैं:

  • गर्भ में संक्रमण का विकास
  • समाप्ति के बाद अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है
  • गर्भाशय ग्रीवा क्षतिग्रस्त हो सकती है
  • गर्भ क्षतिग्रस्त हो सकता है

यदि यह जल्द से जल्द किया जाता है तो गर्भपात सबसे सुरक्षित होता है। किसी भी जटिलताओं के मामले में, एक डॉक्टर से तुरंत परामर्श किया जाना चाहिए और प्रासंगिक उपचार का विकल्प चुना जाना चाहिए। गर्भपात का विकल्प चुनने से भविष्य में गर्भधारण की संभावना कम नहीं होती है।

गर्भपात के बाद माहवारी कब आती है

गर्भपात के बाद माहवारी गर्भपात की अवधी पर निर्भर करता है। यदि गर्भपात पहली तीमाही के दौरान हुआ है तो पीरियड्स 4 से 12 सप्ताह बाद आने शुरु हो जाने चाहिए। और उस समय की माहवारी सामान्य से कम हो सकती है या सर्जिकल गर्भपात के बाद यह सामान्य रूप से भी हो सकती है। यदि पहली माहवारी सामान्य से अधिक होती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

गर्भपात के बाद सावधानियां

गर्भपात के बाद शरीर को ठीक होने में समय लगता है, इसलिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतना जरूरी होता है। इस दौरान भरपूर आराम करें और शरीर को हाइड्रेट रखें। आयरन और प्रोटीन युक्त आहार लें ताकि कमजोरी दूर हो सके। संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें और कुछ समय तक यौन संबंध बनाने से बचें। भावनात्मक रूप से संतुलित रहने के लिए अपनों से बातचीत करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें। किसी भी असामान्य लक्षण, जैसे अत्यधिक रक्तस्राव, तेज बुखार या तेज दर्द होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।

गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में घरेलू उपाय द्वारा गर्भपात संभव है परंतु यदि ज्यादा समय हो चुका है तो उसके लिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही गर्भपात कराएं।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

एक महीने की प्रेगनेंसी कैसे हटाएं घरेलू उपाय?

कच्चा पपीता, अनानास, अजवायन का पानी, और ग्रीन टी पारंपरिक घरेलू उपायों में शामिल हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना इन्हें अपनाना स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।

तुरंत प्रेगनेंसी रोकने के लिए क्या करना चाहिए?

72 घंटे के भीतर आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां (i-pill) ली जा सकती हैं। घरेलू नुस्खे की बजाय मेडिकल सलाह लेना बेहतर होता है।

बच्चा कितने दिन का गिरा सकते हैं?

प्रेगनेंसी के पहले 9 सप्ताह तक मेडिकल गर्भपात सुरक्षित माना जाता है। इसके बाद डॉक्टर की निगरानी ज़रूरी है।

अधूरा गर्भपात के लक्षण क्या हैं?

अत्यधिक ब्लीडिंग, पेट दर्द, बुखार, और बदबूदार डिस्चार्ज इस स्थिति के संकेत हो सकते हैं। यह मेडिकल इमरजेंसी होती है।

गर्भपात के बाद किन बातों का ध्यान रखें?

भरपूर आराम करें, पौष्टिक आहार लें, साफ-सफाई रखें और मानसिक संतुलन बनाए रखें। किसी भी असामान्यता पर डॉक्टर से मिलें।

बेहद ही आसान है टाइफाइड जड़ से खत्म करना-Typhoid Ka Ilaaj

टाइफाइड जड़ से खत्म करना

टायफॉइड एक बैक्टीरियल बीमारी है जो कि साल्मोनेला टाइफाई बैक्टीरिया से फैलती है। यह बैक्टीरिया डाइजेस्टिव सिस्टम और ब्लडस्ट्रीम में इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। आज इस लेख में हम बात करेंगे की टाइफाइड कैसे होता है, टाइफाइड के लक्षण क्या है,टाइफाइड जड़ से खत्म करना क्यों जरुरी है।

टाइफाइड कैसे होता है

साल्मोनेला शरीर मे पॉल्यूटेड पानी, जूस या अन्य किसी खाद्य पदार्थ के द्वारा प्रवेश करता है। शरीर के अन्दर यह बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँचते हैं। वात, पित्त, कफ तीनों दोषों के प्रकोप से टाइफाइड होता है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के झूठे भोजन या पानी का सेवन करने से भी हो सकता है। क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है इसलिए टाइफाइड जड़ से खत्म करना जरुरी है।

टाइफाइड के लक्षण-Typhoid Ke Lakshan Hindi Me

  • उच्च तापमान का बुखार होना, टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार रहता है।
  • सर में भयंकर दर्द होना
  • भूख मर जाना
  • अंगों में दर्द होना
  • कंपकंपी के साथ ठंड लगना
  • कमजोरी महसूस होना
  • लूज मोशन

टाइफाइड में खान पान

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए

  • उच्च रेशेदार युक्त आहार, जैसे- हरी सब्जियां केला, पपीता, शक्करकन्द, साबुत अनाज का प्रयोग करे।
  • टायफॉइड के बाद लूज मोशन के कारण शरीर मे पानी की कमी हो जाती है। इस कमी की पूर्ति के लिए रोगी को कुछ-कुछ समय बाद तरल पदार्थ जैसे पानी, ताजे फल के रस, हर्बल चाय देनी चाहिए।
  • डायजेस्टिव सिस्टम के कमजोर होने से टाइफाइड के दौरान वजन कम होने लगता है। इसलिए रोगी के भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करें।
  • एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, खजूर और खुबानी जैसे खाद्य पदार्थो का सेवन करें।
  • टाइफाइड में फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन किया जा सकता है।
  • टाइफाइड में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं।
    टाइफाइड में क्या खाना चाहिए
    टाइफाइड में क्या खाना चाहिए

टाइफाइड में परहेज

  • भोजन में तीखे मिर्च मसालों का प्रयोग न करें। तले भुने और गरिष्ठ भोजन से दूर रहे क्योंकि डायजेस्टिव सिस्टम पहले ही कमजोर हो चुका है।
  • चाय, कॉफी, दारु-शराब, सिगरेट के सेवन का टाइफाइड में परहेज करें।
  • मांसाहारी और अत्यधिक मीठे से बचे। लिमिट से ज्यादा न खाए। भोजन हल्का रखें। बाहर की चीज़ें न खाए।
  • गैस बनाने वाले व देर से पचने वाले पदार्थों से बचें।

टाइफाइड के बाद सावधानी

  • यदि बुखार हल्का हो गया हो तो रोगी की स्पंजिंग जरूर होनी चाहिए। इससे ताजगी की अनुभूति होती है। यदि रोगी नहा सके तो और भी अच्छा, क्योंकि पसीने के साथ बुखार उतरने के कारण शरीर मे बदबू हो जाती है।
  • जीवनशैली बदले, साफ सफाई रखे। उबाल कर छान कर पानी पिएं।
  • संक्रमित व्यक्ति अपने बर्तन, कपड़े, सब अलग रखे। व्यक्तिगत उपयोग की चीज़ें भी अलग रखे।
  • सबसे जरूरी टॉयफोइड की वैक्सीन उपलब्ध है, जरूर लगवाए।
  • ठीक होने के बाद भी योगा, व्यायाम, प्राणायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए।

टाइफाइड के घरेलू उपचार-Typhoid Ka Ilaaj

टायफॉइड के ठीक होने के बाद भी कमजोरी का अनुभव रहता है। शरीर मे हल्के बुखार की फीलिंग रहती है। टाइफाइड के बाद कमजोरी दूर करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते है।

तुलसी

  • तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड के लक्षणों व साइड इफ़ेक्ट से राहत मिलती है।
  • तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पियें जिससे बुखार जल्दी उतर जाता है।
  • तुलसी, अदरक, दालचीनी का काढ़ा बनाये। अब इस काढ़े में मिश्री मिलाकर गर्म-गर्म पीएं।

लहसून

लहसून को डेली डाइट में शामिल करे। दाल को अलग से गाय के घी में छोंक कर खाए। ये अंदर से शरीर को मजबूती देगा।

सेब

रोगी को यदि खाली पेट सेब खाने से गैस न बनती हो तो उसे सुबह एक सेब काला नमक डालकर दे। सेब का रस निकालकर अदरक मिलाकर भी दे सकते है।

लौंग

एक कप पानी मे दो लौंग उबाले, इस पानी को गुनगुना ही पियें। लेकिन ध्यान रहे इसका प्रयोग खाली पेट न करें।

शहद

पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।

डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करें

टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। यदि आपको इससे सम्बंधित कोई भी लक्षण जैसे तेज बुखार पेट में दर्द, कमजोरी दिखाई दे तो देर न करे।डॉक्टर के अनुसार दिए गए दवाई को कोर्स को बीच मे ना छोड़े। दवा समय से ले।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

टाइफाइड में क्या क्या खाना चाहिए?

टाइफाइड में फलों में चीकू, पपीता, केला, सेब, मौसमी, संतरा का सेवन किया जा सकता है। टाइफाइड में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पत्ता गोभी, फूलगोभी, पालक, गाजर और पपीता खाएं। टाइफाइड में दही खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। खांसी, जुकाम या जोड़ों में दर्द होने पर दही का सेवन न करें।

क्या टाइफाइड में दूध पी सकते हैं?

टाइफाइड में गुनगुना दूध पी सकते हैं।

जानिए कैसे झट से दूर होगी पेट में गैस की समस्या

pet me gas

पेट में गैस की बीमारी कभी-कभी एक बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। अधिक गैस के कारण कई बार छाती और कंधों में तेज दर्द होता है जो बिल्कुल दिल के दौरे की तरह उठने वाले दर्द की तरह है। कई बार लोग यह भी नहीं बता पाते कि यह गैस का दौरा है या दिल का दौरा। किसी भी उम्र की गैस होना आम बात है। लेकिन जब पेट में गैस की बीमारी हमेशा बनी रहे तो इस बारे में सोचना महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसा नहीं है कि खाना खाने के बाद बैठने से ही गैस बनती है, बल्कि लंबे समय तक भूखे रहने के कारण भी गैस की समस्या होती है।

लंबे समय तक भूखे रहने से सिर में तेज दर्द भी होता है। खाने के बाद लंबे समय तक फटना भी गैस का कारण है। इस लिए हमे पेट में गैस की बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानना जरूरी है जिस से इस समस्या से बचाव किया जा सके।

पेट में गैस बनने के कारण

पेट में गैस
पेट में गैस
  • कब्ज की समस्या के कारण शरीर के टॉक्सिन्स ठीक से बाहर नहीं निकलते हैं जिसकी वजह से गैस बनने लगती है।
  • कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव पेट में अच्छे बैक्टीरिया को कम करते हैं जो पाचन और गैस उत्पादन का कारण बनते हैं।
  • उम्र बढ़ने के साथ शरीर की भोजन पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में दूध और दूध से बने पदार्थों ठीक से पचते नहीं हैं और गैस का उत्पादन होता है।
  • पेट में अच्छे और खराब बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ जाने के कारण गैस का उत्पादन होता है। कभी-कभी यह असंतुलन किसी बीमारी के दुष्प्रभाव के कारण हो सकता है।
  • कई बार हम खाना ठीक से नहीं चबाते। जिसके कारण गैस की समस्या हो सकती है।
  • बर्गर, पिज्जा, सैंडविच आदि के अधिक सेवन से बच्चों का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। नतीजतन, उनका भोजन अच्छी तरह से पचता नहीं है।
  • दिनचर्या की गड़बड़ी, पेट साफ न होना भी पेट में गैस बनने के कारण है।
  • महिलाओं में मैनोपॉज के बाद और पुरुषों में 50 की आयु के बाद हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, जिसका असर डायजेशन पर भी पड़ता है। यह भी पेट में गैस बनने के कारण है।

पेट में गैस के लक्षण

सबसे पहला लक्षण तो यह होता है कि आपका पेट फूल जाता है। आपको बड़ी बेचैनी होने लग जाती है। आपने कुछ भी ज्यादा खाया नहीं होता है फिर भी आपको लगता है कि जैसे आपका पेट पूरी तरह से से भरा हुआ हो।

पेट में सूजन व दर्द का होना, डकार लेना, खासकर भोजन के दौरान और बाद में, सामान्य है।

दिन में 10 से 15 बार गैंस निकलना सामान्य है अगर ज्यादा होता है तो गैंस के लक्षण होते हैं।

पेट की गैस का इलाज | Pet Ki Gas Ka Ilaj In Hindi

  • 5 बड़े चम्मच सौंफ के बीज को बारीक पीस लें। इस मात्रा में मिश्री का मिश्रण बनाएं और दोनों को ईसबगोल की भूसी में मिलाएं। खाना खाने के बाद इस दवा को सुबह, शाम और रात को दो चम्मच पानी के साथ लें। इससे खाना पचाने में आसानी होगी और पेट में गैस नहीं बनेगी।
  • गैस से जुड़ी सभी समस्याओं में सबसे फायदेमंद है हींग। हींग का पाउडर बहुत फायदा करता है। खाने के बाद पानी के साथ थोड़ा हींग का पाउडर लें। इससे गैस की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  • अगर आपको पेट में जलन की समस्या है, तो आप रोजाना खाना खाने के बाद गुड़ को चूसें। गुड़ खाने के लिए नहीं है, लेकिन इसका रस चूसना पड़ता है। यह प्रक्रिया जितनी धीमी होती है, उतनी ही प्रभावी होगी। इससे पेट की पाचन शक्ति बढ़ती है और जलन की समस्या खत्म होती है।
  • एक पैन में अजमोद को सेंकना और एक पाउडर बनाओ। इसमें काला नमक मिलाएं। खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गर्मी और एसिडिटी दूर होती है। अजमोद में मौजूद थायमोल और काले नमक में एल्कलॉइड होते हैं। इन दोनों को मिला कर एसिडिटी दूर होती है।
  • प्रत्येक बार भोजन के बाद एक लौंग और एक इलायची लेने से गैस वा एसिडिटी की समस्या दूर ही रहती है ।
  • लहसुन की दो से तीन कलियों के बारीक टुकड़े काट लें, इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू की बूंदें मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ निगल लें। यह गैस के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक करने में मदद करता है। गर्मियों में एक या दो कलियां लें।
  • अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उस पर काला नमक छिड़क कर दिन में 2-3 बार सेवन करें, इससे गैस नहीं बनेगी और भूख भी कम लगेगी।
  • जीरा खाने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसीलिए गैस की समस्या में एक चम्मच जीरे के पाउडर को ठन्डे पानी में घोलकर पियें, आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

रूखे और बेजान हेयर को सिल्की करने के टिप्स-Hair Ko Silky Karne Ke Tips

हेयर को सिल्की करने के टिप्स

अगर आप अपने रुखे बालों से परेशान है तो चिंता ना करें। आप अपने बालो का सही तरह से देखभाल करके ठीक कर सकते है। बस आपको अपने खान-पान को सुधारने के साथ सिर में हेयर पैक लगाने की आवश्‍यकता है। और हाँ हफ्ते मे दो बार अपने बालों में तेल जरुर लगा कर मालिश करें। अगर बाल साफ रहेंगे तो सिल्की और शाइन करेगे। आइये जानते हैं बालों को सिल्की करने के टिप्स।

हेयर को सिल्की करने के टिप्स-Hair Ko Silky Karne Ke Tips

शहद-Silky Shiny Hair Tips In Hindi

शहद को अंडे या फिर दूध में मिक्‍स कर के सिर पर लगाएं। पर इस पेस्‍ट को ज्‍यादा देर के लिये सिर पर न छोड़े क्‍योंकि शहद आपके बालों का रंग हल्‍का कर सकता है।

शहद
शहद

दूध-Hair Ko Silky Karne Ke Tips In Hindi

इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है, जो कि बालों के लिये बहुत अच्‍छा होता है। इसे सिर पर हेयर पैक में डाल कर लगाएं। इससे बाल मजबूत और कोमल बनते हैं।

अंडे-Balo Ko Silky Banane Ke Gharelu Nuskhe

अंडे मे बहुत ज्यादा प्रोटीन होता है। इसमें शहद, नींबू या दूध मिला कर सिर पर लगाया जाए तो बाल एकदम कोमल बन जाते हैं। इसे लगाकर आधा घंटे के लिये छोड़ दें।

तेल-Balo Ko Silky Banane Ka Tarika

बालों के लिए तेल बहुत जरुरी है। बिना तेल लगाए बालो की देखभाल हो ही नहीं सकती। अगर आप सिल्की बाल चाहते है तो बिना तेल लगाए बालों को ना धोए नही तो बाल बहुत रूखे बन जाएंगे।

दही-Tips For Silky Smooth Hair At Home In Hindi

इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है। यह बालों में नमी पहुंचाता है। इसमें बेसन मिक्‍स कर के लगाएं या फिर अंडे या मेथी पावडर डाल कर लगाएं।

बीयर-Hair Silky Kaise Kare

बालों को शैंपू से धोने के बाद उसमें बीयर लगा लें। इससे बालों में चमक आएगी और वह बाउंस भी करेंगे।

एप्‍पल साइडर वेनिगर-Silky Shiny Hair Tips In Hindi

सिर को शैंपू से धोने के बाद उसमें एप्‍पल साइडर वेनिगर लगाएं। उसके बाद इसे साफ पानी से धो लें। इससे बालों में नमी आ जाएगी और वह कोमल बन जाएंगे।

केला-Hair Ko Silky Karne Ke Tips In Hindi

केला बालो के लिए एक अच्छा पैक है जितने लंबे आपके बाल हों, उस हिसाब से केला ले कर उसे मैश कर लें। फिर उसे बालों में ऊपर से नीचे की ओर लगाएं और कुछ देर के बाद उसे धो लें।

नींबू-Balo Ko Silky Banane Ke Gharelu Nuskhe

जब इसे हेयर पैक के साथ मिक्‍स कर के लगाया जाएगा तो बाल स्‍मूथ बन जाएंगे। आप नींबू अंडे , तेल , दूध या शहद के साथ मिक्‍स कर के लगाएं।

बेसन-Balo Ko Silky Banane Ka Tarika

इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है इसलिये इसको दही के साथ मिक्‍स कर के हेयर मास्‍क बनाएं। जब बालों और सिर में यह पेस्‍ट अच्‍छी तरह से लग जाए तब इसे पानी से धो लें। आपके बाल सिल्‍की नजर आएंगे।

इन बातों का रखे ध्यान-Hair Ko Silky Karne Ke Tips

इसके आलावा इन बातों का ध्यान रखेगे तो आपके बाल सिल्की नजर आऐगे-

बालो को हर रोज ना धोये- Tips For Silky Smooth Hair At Home In Hindi

क्योकि खोपड़ी के नीचे जहाँ से आपके बाल निकलते है उस जगह पर कई सारे ऑयल ग्लैंड मौजूद होते है। इनसे जो तेल निकलते है वो हमारे बालो को नरम बनाये रखते है। अगर आप हर रोज अपने बालो को धोते है, तो पानी के साथ तेल भी निकलता रहेगा, जिससे आपके बालो की प्राकृतिक नमी ख़त्म हो जायेगी तो बालो को सिल्की बनाये रखने के लिए हफ्ते में १ से २ बार ही बालो को धोये। हेयर को सिल्की बनाये रखने के लिए बालो को ठन्डे पानी से ही धोऐ

अपने बालों को धूप से बचाए –Hair Silky Kaise Kare

अधिक समय तक धुप में रहने के कारन भी आपके बाल सूखे और बेजान दिखने लगते है। तो अगर आपको बाहार धुप में जाना हो तो अपने सिर और बालो को कोई कपड़े से अच्छे से ढक ले, या फिर टोपी पहने।

सिर पर मालिश करे – Silky Shiny Hair Tips In Hindi

सूखे क्षतिग्रस्त बालो को सिल्की बनाने के लिए सिर पर मालिश करना फायदेमन होता है। सिर पर मालिश करने से रक्त संचालन ठीक से हो पाता है, और हमारे बालो पर तेल और प्राकृतिक नमी बनी रहती है। रात को सोने से पहले कोई भी तेल से अपने सिर और बालो पर मालिश करे। इससे ना ही सिर्फ आपके बाल सिल्की बनेंगे बल्कि आपको नींद भी अच्छी आएगी। सुबह किसी अच्छे शैम्पू से अपने बालो को धो ले। आपके बाल सिल्की और चमकता हुआ दिखेगा।

गीले बालो को प्राकृतिक तरीके से ही सुखाएं-Balo Ke Liye Tips

गीले बालो को हेयर ड्रायर से सुखाना, बालो को और ज्यादा सुखा और बेजान बना देता है। इससे निकली गरम हवा बालो के प्राकृतिक नमी को खत्म कर देता है जिससे बाल सुखा हो कर टूटने लगते है। आप नहाने के बाद आपने बालो को टॉवेल से अच्छे से पोंछ ले और उसे खुला छोड़ दे। आपका बाल प्राकृतिक हवा में अपने आप सुख जायेगा और उसका नमी भी बना रहेगा।

बालो पर लीव इन कंडीशनर का इस्तेमाल करे- Hair Ke Liye Tips

बालो को धो लेने और पोंछने के बाद बालो पर बादाम तेल, आर्गन तेल, जैतून तेल या सीया बटर का इस्तेमाल कर सकते है। ये आपके बालो पर लीव इन कंडीशनर का काम करेगा। और बहुत कम समय में आपके बाल सिल्की, नरम और चमकता हुआ दिखेगा।

घर पर बालों के लिए तेल कैसे बनाएं?

तेल घर पर बनाने के लिए आपको 120 ग्राम आंवला पाउडर, 1 लीटर पानी और 250 मिली नारियल के तेल की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले 100 ग्राम आंवला पाउडर को 1 लीटर पानी के साथ तब तक उबालें जब तक कि लिक्विड आधा न रह जाए, दूसरे पैन में नारियल का तेल, बचा हुआ आंवला पाउडर और उबले हुए लिक्विड को मिलाकर धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक कि सारा पानी वाष्पीकृत न हो जाए। आखिर में पैन में पीला और पारदर्शी तरल शेष बचेगा। इसे किसी बोतल में भरकर रख लें।

बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?

संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।

जानिए शरीर की पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

ज्यादातर लोगों को यह समस्या होती है, कि भोजन करने के बाद उन्हें एसिडिटी अथवा सर दर्द होना चालू हो जाता है। यह सर दर्द सुचारू रूप से पाचन तंत्र ना काम करने की वजह से होता है यदि पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम नहीं करता है तो विभिन्न रोगों का सामना करना पड़ सकता है। पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए हमें विभिन्न तरीके के फाइबर, संतुलित आहार तथा आवश्यक पोषक तत्व युक्त भोजन करना चाहिए।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे शरीर में बीमारियों का मुख्य केंद्र हमारा पेट ही होता है क्योंकि इसमें हमारे द्वारा जब खाया गया भोजन इकट्ठा होता है, जिससे यह हमारे पेट में अनावश्यक रूप से जमा हो जाते हैं और हमारे शरीर को क्षति पहुंचाते हैं।

पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय

अधिक मात्रा में पानी पिए

पानी पिए
पानी पिए

पानी सारे संसार का एक आवश्यक जीवन प्रदान करने वाला तत्व है। पानी के बिना सृष्टि का निर्माण नहीं हो सकता है। उसी तरह पानी के बिना हमारे शरीर का निर्माण नहीं हो सकता है। हमें रोजाना 2 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए ताकि हमारे शरीर के खून में घुले हुए हानिकारक पदार्थ पानी के साथ मिलकर हमारे शरीर से बाहर निकल जाए जिससे कि हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

सही दिनचर्या का ध्यान

एक स्वस्थ शरीर के लिए हमारे दिनचर्या का सही होना जरूरी होता है। अगर हमारे दिन भर की गतिविधियां ठीक रही तो हमारा मन मस्ती अच्छे से काम करता है जिससे कि हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पाचन में असुविधा होती है।

पूरी नींद

नींद एक आवश्यक क्रिया है, जो शरीर को अगले दिन काम करने के लिए तरो ताजा बनाती है। साथ ही पूरी नींद लेने वाले लोग हमेशा स्वस्थ नजर आते हैं और दिन भर अच्छे से काम कर पाते हैं यदि पूरी नींद नहीं होती है तो खाने में मन नहीं लगता है तथा कम खाना खाकर ही हम सोने लगते हैं जिससे कि हमारे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।

सही समय में भोजन

हमें हमेशा सही समय में भोजन करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को उस वक्त की आदत हो जाती है। जब हमारे खाने का टाइम होता है, यदि खाने के समय में अगर खाना ना मिले या हम उसके एक 2 घंटे पहले या बाद में खाए तो हमारे भूख में अथवा भोजन ग्रहण शक्ति में कमी आ सकती है, जिससे पाचन तंत्र पर असर आ सकता है।

सलाद का सेवन

हमें अपने खाने में दाल चावल के साथ साथ सलाद का भी सेवन करना चाहिए। यह खाने को स्वादिष्ट बनाता है तथा खाने के साथ मिलकर पाचन शक्ति में अपना प्रभावी असर प्रदान करता है हमेशा सलाद में नींबू, टमाटर तथा प्याज का इस्तेमाल करें।

अमरूद

अमरूद खाने से हमारे शरीर को विटामिन सी फास्फोरस तथा पोटेशियम आदि आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, सारे आवश्यक पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं तो हमारी पाचन शक्ति भी अच्छे से बनी रहती है।

नींबू

नींबू में भी विटामिन सी पाया जाता है जो पेट से संबंधित विकारों को दूर करने में सहायक होता है। नींबू बदहजमी को रोकने के लिए भी उपयोग करते हैं तथा पेट की गैस एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं जिससे हमारी पाचन शक्ति तंदुरुस्त हो जाती है।

हल्दी का प्रयोग

हल्दी हमारे शरीर के लिए औषधि का कार्य करती है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे एल्कलाइन तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं जो अपच अल्सर अथवा अन्य पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। हमें प्रतिदिन एक गिलास पानी में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीते रहना चाहिए है।

आंवला

आंवले का इस्तेमाल अपने बालों को मजबूत करने के लिए तो पढ़ा ही होगा लेकिन आपको यह भी बता दें है इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसे काली मिर्च हींग अथवा जीरे के साथ मिलाकर आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो आपके पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

अपने भोजन को चबाकर खाएं

हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि अपने भोजन को सुचारू रूप से चबा चबा कर खाए यह अपनी लार में पूरी तरह से मिलकर हमारे पेट के अंदर जाना चाहिए जिससे कि पाचन शक्ति को बनाए रख सकें।

दही का सेवन

हमें प्रतिदिन एक चम्मच दही का सेवन करते रहना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ अम्ल पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए वरदान साबित होते हैं यह हमारे भोजन को पाचन करने में मदद करते हैं।

अजवाइन

अजवाइन को पानी में मिलाकर अथवा उबले हुए पानी के साथ पीने से यह हमारे पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है; और हमारी भोजन करने की क्षमता बढ़ जाती है साथ ही अजवाइन के औषधि रूपी पौधा है जो विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है।

जानिये क्या है नींबू के फायदे और नींबू पानी पीने के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू के फायदे

नींबू के फायदे

नींबू शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। नींबू से शिकंजी भी बनाई जाती है। यह शिकंजी गर्मियों में बहुत ज्यादा फेमस होती है। नींबू के शरीर पर काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है और सेहत के साथ-साथ खूबसूरती से जुड़े फायदे भी नींबू द्वारा प्राप्त होते हैं। नींबू का उपयोग कई प्रकार की वस्तुओं में किया जाता है। कई प्रकार के साबुन में भी नींबू का इस्तेमाल किया जाता है।

नींबू में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट विटामिन और कई प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं। जो शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं। साथ ही सौंदर्य बढ़ाने में भी मदद करते है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नींबू के कुछ फायदों के बारे में बताएंगे।

नींबू के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है और इसीलिए लोग नींबू का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। नींबू शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ खूबसूरती निखारने में भी मददगार है। नींबू के कई प्रकार के फायदे हैं,जो नीचे निम्न प्रकार से दिए हुए हैं।

नींबू
नींबू

पाचन क्रिया मे सहायक

नींबू शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखता है। क्योंकि नींबू में उपस्थित फाइबर पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं। साथ ही वजन को भी बढ़ने से रोकते हैं। मोटापा घटाने के लिए नींबू के सेवन की सलाह डॉक्टर भी देते हैं।

नींबू शरीर के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित हुआ है। क्योंकि नींबू में कई प्रकार के व्यंजन जैसे:- पोटैशियम, जिंक, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और मैग्नीशियम इत्यादि पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।

विटामिन सी का अच्छा स्रोत

नींबू विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है। शरीर में विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है। नींबू के नियमित रूप से सेवन करने से स्कर्वी रोग से बचा जा सकता है। स्कर्वी रोगियों को भी डॉक्टर नींबू खाने की सलाह देता है। इसके अलावा नींबू में कई अन्य प्रकार के विटामिन भी पाए जाते हैं। जैसे:- विटामिन ई और विटामिन बी 6.

विटामिन ई और विटामिन बी 6 मसूड़ों को मजबूत करने और खराब गले से राहत प्रदान करने में फायदेमंद है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियमित रखते हैं। जिन लोगों के मसूड़ों में दर्द होता है। उन लोगों को नींबू खाने से राहत प्राप्त होती है।

डायबि‍टीज

मधुमेह की बीमारी आज के समय में बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। उम्र बढ़ते-बढ़ते मधुमेह का शिकार हर कोई व्यक्ति होता जा रहा है। नींबू पानी का सेवन करने से शुगर कंट्रोल में रहता है।

डायबिटीज के मरीज का भजन लगातार बढ़ता जाता है और नींबू के सेवन से वजन की बढ़ोतरी नहीं होती है। साथ ही शुगर भी कंट्रोल में रहता है नींबू द्वारा रिहाइड्रेट शरीर को प्राप्त होता है। इससे शुगर लेवल नियमित रहता है।

किडनी स्टोन

नींबू के पानी का नियमित रूप से सेवन करने से किडनी पर भी काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को किडनी में पथरी की प्रॉब्लम है। तो नींबू पानी के सेवन से किडनी स्टोन से राहत प्राप्त होती है।

मुख्य रूप से किडनी स्टोन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता जाता है और इस परेशानी से हमेशा के लिए निपटा जा सकता है।

किडनी के पथरी होने पर शरीर से मूत्र का बहाव रुक जाता है और अत्यधिक पीड़ा होना शुरू होती है। ऐसे में नींबू के पानी के सेवन से यूरिन पतला रहता है। साथ ही किडनी स्टोन के टूटने की संभावना भी होती है। किडनी में उपस्थित स्टोन के छोटे-छोटे टुकड़े मूत्र के साथ बाहर निकल जाते है।

इम्यून सिस्टम

नींबू के पानी में उपस्थित फाइटोन्यूट्रियंट्स, विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉयड जो शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। रोगों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाता है।

प्रतिरक्षा तंत्र शरीर में प्रवेश करने वाले कीटाणुओं और जीवाणु से लडता है। उनसे होने वाले रोगों से राहत प्रदान करता है। नींबू शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

मोटापा घटाना

मोटापे को कम करने के लिए लोग कई प्रकार की दवाइयां व आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेते हैं। लेकिन मोटापे को कम करने के लिए नींबू पानी पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद है। नींबू पानी का सेवन एक तरह का घरेलू नुस्खा है और इस घरेलू नुस्खे से मोटापा घटाया जा सकता है। नींबू पानी में उपस्थित विटामिन k उपस्थित होता है। जो शरीर को रिहाइड्रेट रखता है।

नींबू पानी में थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा आसानी से घटाया जा सकता है। मोटापे को कम करने में नींबू पानी बहुत मददगार साबित हुआ है।

त्वचा की देखभाल

नींबू शरीर की खूबसूरती व सौंदर्य बढ़ाने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है। नींबू में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण जो शरीर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। नींबू पानी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।

नींबू में कई प्रकार के एंटी एंजिग गुण पाए जाते हैं। जो चेहरे पर आने वाले पिंपल्स से निपटने में फायदेमंद है।नींबू के रस को आप सीधा त्वचा पर लगा सकते हैं। त्वचा पर पिंपल्स और काले दाग धब्बों से निपटने के लिए नींबू रस एक अच्छा रामबाण इलाज माना जाता है।

छोटे कद से हैं परेशान, तो अपनाएँ कद बढाने के घरेलू तरीके

छोटे कद से हैं परेशान, तो अपनाएँ कद बढाने के घरेलू तरीके

लम्बा कद होना मतलब, आकर्षण की एक सीढ़ी चढ़ जाना। यूं तो सुंदरता के कई पैमाने होते है जैसे लम्बे बाल, तीखे नयन नक्श। पर लम्बाई की बात ही अलग होती है। दस लोगो के बीच जब आप खड़े हो, तो आपका ऊंचा कद ही आपका आत्मविश्वास तय करता है।

लम्बा कद हर कोई चाहता है। हमारे देश में औरतो की औसतन लंबाई 152 सेमी और पुरुषों की 165 सेमी मानी गई है।
माना जाता है हाइट ग्रोथ हार्मोन 20वर्ष की उम्र से कम होने लगते हैं। पर अगर आप अपने आसपास देखेंगे तो पाएंगे कि अमूमन बच्चे अपने टीनएज में ही पूरी हाइट पकड़ लेते है।

इसका अर्थ ये है कि लड़कियों में पीरियड स्टार्ट होने के बाद और लड़कों में दाढ़ी मूंछ शुरू होने के बाद हाइट बढ़ना मुश्किल ही है।
इसलिए कद बढ़ाने की कोशिश टीनएज के आसपास शुरू कर देनी चाहिए। आज हम इसी बारे में बात करेंगे।

यू तो कद आपके परिवार खासकर आपके पेरेंट्स, लेकिन आप ये कोशिश तो कर ही सकते है आपका कद आपके पेरेंट्स और परिवार में सबसे छोटा न रहे।
कद में 60-70 प्रतिशत का असर आनुवंशिक ही होता है। जो कि जीन्स पर आधारित है और यह आनुवंशिक फैक्टर हमारे हाथ में नहीं होता।

आप टीनएज में ही अपने कद का अनुमान ऐसे लगा सकते है।

.आप अपने माता-पिता के कद को जोड़ लें।
.अगर आप लड़के हैं, तो उसमें पांच इंच जोड़ दें और अगर लड़की हैं, तो पांच इंच घटा दें।
.अब जो भी नंबर आएगा, उसे दो से विभाजित कर दें।
.यही आपकी अनुमानित हाइट हो सकती है। इसमें से कुछ इंच का फर्क हो सकता है।

कद न बढ़ने के अन्य कारण

.पौष्टिक भोजन न लेना।
.शारीरिक गतिविधियों से दूर रहना।
.ज्यादा समय तक शरीर की खराब पोजीशन या पोस्चर।
.बचपन से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होना।
.किशोरावस्था में मानसिक रूप से अस्वस्थ होना।
.हार्मोनल डिस्टर्बेंस
.कम उम्र में जरूरत से ज्यादा व्यायाम

कद बढ़ाने के घरेलू तरीके-kad lamba karne ke tarike

पौष्टिक भोजन

पौष्टिक और संतुलित भोजन केवल कद ही नही सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

जंक फूड कार्बोनेट युक्त पेय पदार्थों, वसा युक्त खाद्य पदार्थों व अत्यधिक मीठा, इन सबका कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
भोजन में विटामिन्स मिनरल्स जरूर होने चाहिए। सही खानपान हॉर्मोन्स को नियमित रखता है जोकि कद बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते है।
भोजन में ताजे व मौसमी फल-सब्जियां, फलियां व पौष्टिक अनाज जरूर शामिल करें।

इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट व ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो ग्रोथ, इम्युनिटी दोनों के लिए अहम है।

कद के लिए जरूरी पोषक तत्व

विटामिन-डी, कैल्शियम और प्रोटीन कद बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। क्योंकि हमारी हड्डियां इन्ही से विकसित होती हैं।
विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत तो सूर्य की रोशनी ही है। हो सके तो सुबह 9 बजे तक कुछ देर धूप में जरूर बैठे
धूप में बैठने का समय मौसम पर निर्भर करता है।

इसके अलावा पनीर, फलियां, सोयाबीन, बिना चर्बी के मांस व सफेद अंडे आदि का सेवन करें।
डेयरी खाद्य पदार्थो का सेवन करे, हरी सब्जियां प्रचुर मात्रा में खाए।
जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को रोजमर्रा के भोजन में शामिल करें। इसके लिए आप डार्क चॉकलेट, अंडे, ऑइस्टर (एक प्रकार की मछली) और मूंगफली का उपयोग करे।
शरीर के संतुलित विकास के लिए मैग्नीशियम, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेस व अन्य विटामिन्स का सेवन करना भी जरूरी है। खानपान के साथ सीमित मात्रा में सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।

इनके सेवन से भी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
ध्यान रखे किसी भी पौष्टिक खाद्य पदार्थ की अति न करें। सब कुछ सन्तुलित मात्रा में अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार खाए।

अंडे
अंडे

 एक्सरसाइज

एक्सरसाइज न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रखती है बल्कि कद बढ़ाने में भी लाभदायक है। अलग अलग प्रकार के व्यायाम जैसे कार्डियो, स्ट्रेचिंग, वेट ट्रेनिंग को अपने रूटीन में शामिल करें।
कम उम्र में हद से ज्यादा व्यायाम न करें, इससे हॉर्मोन्स डिस्टर्ब हो सकते है।जब आप व्यायाम की तीव्रता बढ़ाए तो याद रखे आपको पोषण का भी पूरा ध्यान रखना होगा।
बेहतर होगा कि आप व्यायाम किसी एक्सपर्ट की देखरेख में करें। एक्सपर्ट आपकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए डाइट प्लान देगा।
हाइट बढ़ाने के लिए यदि आप स्पोर्ट्स का सहारा लेना चाहते है, तो आपके लिए सबसे बेहतरीन गेम है स्वीमिंग, एरोबिक्स, टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल व बास्केटबॉल
इसलिए हाइट बढ़ाने के तरीकों में व्यायाम व खेलकूद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।

 योगाभ्यास

भारतीय संस्कृति में शायद ही कोई समस्या हो जिसका समाधान योग में न हो।

कद बढ़ाने के लिए कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास वाकई फायदेमंद हैं। लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ विशेष योगासन हैं, जो पॉस्चर को ठीक करते है, हॉर्मोन्स को बैलेंस करते है, मांसपेशियों को मजबूत बनाते है।
ये आसन है, त्रिकोणासन, भुजंगासन, सुखासन, वृक्षासन, नटराजासन, मार्जरी आसन व सूर्य नमस्कार

करें योग
करें योग

भरपूर नींद

नींद पूरी करना बहुत जरूरी है, नींद पूरी करने से 9 घण्टे सोना नही है। आप चाहे 6 घण्टे सोएं लेकिन वो 6 घण्टे की नींद गहरी होनी चाहिए।
आपको शायद ये सामान्य बात लगे, लेकिन हॉर्मोन्स डिस्टर्ब होने का सबसे अहम कारण नींद पूरी न होना है। जिससे थाइरोइड या एंग्जायटी जैसी दिक्कते हो सकती है। ये विकास पर बुरा प्रभाव डालती है।

गहरी नींद कैसे ले

.सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।
.सोने से पहले एक कप कैमोमाइल चाय पी सकते हैं।
.शरीर की मालिश करे।

शरीर की पोजीशन सही रखे

फ्रैक्चर के बाद आपने देखा होगा कि फ्रैक्चर हुआ भाग ठीक होने के बाद जाम हो जाता है। ऐसा लम्बे समय तक उस भाग के एक ही पोजीशन में रहने के कारण होता है।
यदि आप अपनी बैक और कंधों को लंबे समय तक गलत पॉस्चर अर्थात झुका कर रखेंगे तो, आपका शरीर यही पोजीशन गृहण कर लेगा।
जिससे आपका कद ही छोटा नही लगेगा, बल्कि शरीर भी बेढंगा लगेगा।

सही पॉस्चर

.कुर्सी पर सीधे बैठें, कंधे सीधे और ठोड़ी ऊपर की ओर होनी चाहिए।
. झुक कर न चलें, कमर सीधी रखे।
. गर्दन व सिर किसी एक तरफ मुड़ा या झुका हुआ न रखे।
.टी वी व मोबाइल लेटकर न देखे।
.शराब व तम्बाकू का सेवन न करें।
.तनाव से दूर रहे।

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय-Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

गोरा, साफ दमकता चेहरा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। चाहे महिला हो या पुरुष हर किसी की इच्छा होती है कि उसकी त्वचा का रंग गोरा हो जाए। इसके लिए कई बार सांवली रंगत के लोग बहुत से उपाय करते हैं। कई बार तो वे झूठा दिलासा देने वाली कंपनियों के झांसे में आकर अपने बहुत से पैसे गंवा बैठते हैं। कुछ लोगों का सांवलापन जन्म से ही होता है पर कई बार चेहरे का कालापन कई कारणों से भी हो सकता हैं। जैसे की

  • तेज धूप में बाहर निकलने से
  • त्वचा की ठीक से सफाई ना रखने से
  • कील मुहांसे और झाइयां होने पर
  • अनुचित खान पान की आदतों से।

चेहरे का कालापन दूर करने के लिए महंगे उपचार भी आजकल उपलब्ध हैं और कई तरह की क्रीम भी मिलती हैं। लेकिन, हम आज आपको घर पर ही कुछ आसान उपाय करके चेहरे का कालापन दूर करने के तरीके बता रहे हैं तो आर्टिकल को पूरा पढिए।

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय-Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

सिरका और दही का पेस्ट

सिरके में प्राकृतिक रूप से एसिड पाया जाता है जो काली त्वचा को अच्छी तरह से ब्लीच कर देता है और दही से स्किन को नमी मिलती है।

  • दही और सिरके का पेस्ट बनाइए और इसे काली त्वचा पर लगाइए।
  • 20 मिनट के बाद त्वचा को ताजे पानी से धो लीजिए।
  • चेहरे का कालापन दूर करने के लिए ये पेस्ट हफ्ते में दो बार जरूर लगाइए, आपका चेहरा दमक उठेगा।

नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक

नींबू त्वचा के गहरे धब्बों को दूर करता है। टमाटर का रस खुले हुए रोमछिद्रों को बंद करता है। साथ ही त्वचा से अतिरिक्त तैल को कम करता है। दही त्वचा को नमी देती है और पोषण देती है। चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए नींबू, दही और टमाटर का फेस पैक तैयार कर लीजिए।

नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक
नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक
  • इसका फेस पैक तैयार करने के लिए 3 बड़े चम्मच टमाटर का पेस्ट, एक बड़ा चम्मच नींबू का रस और एक बड़ा चम्मच दही लें।
  • इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिला लें और चेहरे पर लगाएं।
  • आधे घंटे के बाद इसे धो लीजिए।

बेसन और दही का पेस्ट

  • 1 चम्मच बेसन और 1 चम्मच दही मिक्स करके पेस्ट तैयार कर लीजिए।
  • इसे चेहरे की त्वचा पर लगाइए, 10 मिनट बाद इस पेस्ट को रगड़ कर साफ कर लीजिए।
  • फिर बाद में हल्के गुनगुने पानी के से धो लीजिए।
  • चेहरे का कालापन दूर करने के लिए इस पेस्ट को हफ्ते में 2 या 3 बार लगाइए।

संतरे के छिलके

संतरे में विटामिन सी पाया जाता है जो बहुत फायदेमंद है।

  • संतरे के छिलकों का पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बनाईए।
  • इस पेस्ट को 20-25 मिनट तक चेहरे पर लगाइए और सूखने के बाद पानी से साफ कर लीजिए।
  • नियमित इस्तेमाल से आप अपने चेहरे में फ़र्क खुद महसूस कर लेंगे।

आलू का टुकड़ा या रस

  • आलू को कद्दूकस करके रस निकाल लीजिए। इस रस में ज़रा सी हल्दी मिला लीजिए।
  • रस में रुई को भिगोकर चेहरे पर लगाइए और सूखने पर ठंडे पानी से धो लीजिए।
  • आलू का टुक़ड़ा या रस लेकर भी चेहरे पर घिस सकते हैं। ऐसा करने से चेहरे का कालापन दूर होता है।

बेकिंग सोडा का पेस्ट

  • कालेपन को दूर करने के लिए बेकिंग सोडा बहुत ही लाभकारी होता है।
  • बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाइए।
  • इस पेस्ट को गर्दन पर लगाकर 15 मिनट तक छोड़ दीजिए।
  • इसे हफ्ते में दो बार लगाने से त्वचा का कालापन हट जाता है।

चावल का आटा, चीनी और टमाटर

  • टमाटर के पेस्ट में एक चम्मच चावल का आटा और आधा चम्मच चीनी डालकर अच्छी तरह मिला लीजिए और मोटा पेस्ट तैयार कर लीजिए।
  • इसे अपने चेहरे पर लगाइए। पेस्ट सूख जाने पर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

ये सभी उपचार आपकी त्वचा और चेहरे का कालापन दूर करने के लिए मददगार होंगे लेकिन आपको अपनी खान-पान की आदतों में भी कुछ बदलाव करने होंगे जैसे –

• अधिक से अधिक फल एवं सब्जियों का सेवन करें।
• फलों का सेवन जरूर करें। फलों से शरीर को जरूरी एंटीओक्सीडेंट्स एवं पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे त्वचा में निखार एवं चमक आती है।
• रोजाना 7-8 गिलास पानी पिएँ ताकि पानी की कमी ना हो और त्वचा में नमी बनी रहें।
• भरपूर नींद लें।
• अच्छी क्वॉलिटी के सनक्रीन लोशन का प्रयोग करें।
• चेहरे पर हमेशा प्राकृतिक उत्पादों को ही प्रयोग करें।

जानिए क्या है खुबानी के फायदे इन हिंदी-Khubani Ke Fayde

खुबानी के फायदे इन हिंदी

खुबानी या एप्रीकॉट एक रसदार गुठली युक्त फल है। यह ताजा भी खाया जाता है और सुखा कर भी। खुबानी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के भी कुछ क्षेत्रों में खूबानीा पायी जाती है। खुबानी को सुखाकर ड्राई फ्रूट्स की तरह जाता है। यह सूखने के बाद और स्वादिष्ट लगती है बल्कि इसमें बहुत सारे फायदे भी होते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे खुबानी के फायदे इन हिंदी।

इस ड्राईफूट्स के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन इसके फायदे गजब के हैं। इसमें विटामिन ए, बी ,सी और विटामिन ई पाए जाते हैं। विटामिन के साथ-साथ इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, फॉस्फोरस आदि भी होता है। खुबानी मैं उचित मात्रा में फाइबर पाया जाता है।

इसका स्वाद थोड़ा मीठा थोड़ा खट्टा सा होता है| खुबानी एक इंस्टेंट एनर्जी फ्रूट है खुबानी को खाते ही तुरंत ताकत आती है तभी तो इसे ड्राई फ्रूट की श्रेणी में रखा गया है।

तो आइए जानते हैं खुबानी के फायदे

खूबानी फायदेमंद है मधुमेह में

खुबानी में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा मे पाया जाते हैं। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंटतत्व शरीर में ग्लूकोज जमा होने से रोकते हैं। मधुमेह के मरीज में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित करने के लिए खूबानी में चार फेनोलिक कंपाउंड (प्रोसीएनिडिन्स, हाइड्रोक्सीसैनामिक एसिड डेरिवेटिव, फ्लेवोनोल्स और एंथोसायनिन ) होते हैं। ये चारों तत्व मिलकर खुबानी को मधुमेह के लिए फायदेमंद बनाते हैं।

मधुमेह
मधुमेह

खूबानी फ़ायदेमंद है दिल के लिए

खूबानी के अंदर फाइबर मौजूद होता है। जो कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस रखता है। जिसकी वजह से दिल से संबंधित बीमारियाँ दूर रहती हैं। खुबानी बेकार कोलेस्ट्रॉल को घटाता है।और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। जिसके कारण दिल सुचारु रूप से चलता है।

खूबानी बढाता है ऑखों की रोशनी

40 की उम्र के बाद शरीर में कुछ कुछ विटामिन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से आंखों की रौशनी कमजोर होने लगती है। खुबानी में विटामिन सी और बी कैरोटीन मौजूद होते हैं जो शरीर में विटामिन की कमी को पूरा करते हैं जिससे आंखों की रौशनी कमजोर होना रूक जाती है।

खुबानी लाभदायक है पाचन में

खुबानी के अंदर फाइबरऔर एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो भोजन को पचाने में सहायक होता है यह फाइबर गैस्ट्रिक और पाचन रस को बढ़ाता है। जो पोषक तत्वों को अवशोषित करने और के लिए भोजन को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, फाइबर पाचन तंत्र के गति को सक्रिय करता है |

खूबानी बचाता है कैंसर जैसी बिमारी से

खूबानी की गुठली में विटामिन बी 17 तत्व पाया जाता है जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाता है। खुबानी में विटामिन ए और सी भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैंखुबानी में विटामिन ए और सी भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मदद करती हैं।

कमजोरी दूर करता है खुबानी

लंबे समय तक बीमार होने के कारण कमजोरी होने पर खुबानी के सेवन से लाभ मिलता है। खुबानी का रोज सेवन करने से दुर्बलता कम होती है तथा शरीर की ताकत बढ़ती है।

खुबानी बनाए हड्डियों को मजबूत

खूबानी में कैल्शियम, फास्फोरस, मैंगनीज, लोहा और तांबा आदि भरपूर मात्रा मे पाया जाता है। ये सभी खनिज तत्व हड्डियों के निर्माण में एक निश्चित भूमिका निभाते हैं। खूबानी खाने से ऑस्टियोपोरोसिस सहित विभिन्न हड्डियों के रोगों में लाभ होता है।

खूबानी का तेल फायदेमंद है कान के दर्द में

ठंड के कारण कारण होने वाले कान के दर्द में खूबानी का तेल बहुत फायदा करता है | एक-दो बूँद खूबानी का तेल कान में डालने से ठंड से होने वाले कान के दर्द में आराम मिलता है।

खुबानी लाभदायक है बुखार में

खुबानी में विटामिन, खनिज, कैलोरी और एन्भिटीआक्सिडेन्ट पाये जाते हैं जो शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए लाभदायक होते हैं। खूबानी शरीर का डिटॉक्सिफ़िकेशन करने मे सहायक है। खूबानी में पानी भी भरपूर मात्रा मे पाया जाता है जो शरीर के तापमान को संतुलित रखने में सहयोगी होता है।

खुबानी फायदेमंद है त्वचा के लिए

खुबानी का तेल त्वचा द्वारा जल्दी से सोख लिया जाता है। त्वचा पर खूबानी का तेल लगाने के बाद त्वचा तैलीय नहीं लगती है। खुबानी त्वचा चमकदार बनाता है। खूबानी का तेल एक्जिमा, खुजली और कई अन्य त्वचा रोगों के इलाज में सहायता करता है।

यह विशेष रूप से खुबानी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों के कारण होता है। खूबानी में मौजूद विटामिन ए , एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने के लिए उपयोगी हैं।

खूबानी लाभकारी है एनीमिया में

खूबानी में लोहा और तांबा पापा जाता है। यह खनिज तत्व हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करते हैं। एमिमिया मुख्य रूप से लोहे की कमी से होता है। एनीमिया में कमजोरी, थकान, हल्के सिरदर्द, पाचन संबंधी परेशानी, सामान्य चयापचय संबंधी समस्याएं होती हैं।।

लाल रक्त कोशिकाओं के बिना, शरीर अपने आप को ठीक से पुन सक्रिय नहीं कर सकता है और अंगों के सिस्टम खराब होने लगते हैं। लोहा और तांबा लाल रक्त कोशिका के गठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये दोनो खनिज खुबानी में मौजूद हैं, जिससे यह चयापचय को बढ़ावा देने और शरीर को ठीक से काम कर रखने के लिए बहुत ही लाभदायक हैं।

खूबानी लाभकारी है अस्थमा में

खूबानी के तेल में फेफड़ों और श्वसन प्रणाली पर दबाव और तनाव को दूर करने का गुण होता है, जिससे अस्थमा के दौरे को शुरू होने से पहले रोका जा सकता है।

खूबानी फायदेमंद है वजन कम करने में

खुबानी में कैलोरी काफी कम मात्रा होती है। खूबानी में फाइबर भरपूर मात्रा मे पाया जाता है। फाइबर मेटाबालिज्म दर में सुधार करता है और पाचन और विषैले तत्वो के निष्कासन में शरीर प्रक्रियाओं को भी बेहतर बनाने में मददगार है। इसलिए वजन को कम करने के लिए खुबानी का उपयोग किया जाता है। खूबानी में फाइबर की काफ़ी मात्रा पायी जाती है। जिसके कारण पेट भरा भरा लगता है और भूख नहीं लगती।

अजवाइन से गर्भपात – अजवाइन के फायदे और नुकसान

अजवाइन से गर्भ कैसे गिराए

अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे? Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

मां बनना हर औरत का सपना होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में वह यह सपना नहीं देखना चाहती। यह संभव है कि वह पहले से मां हो, बच्चा अभी छोटा हो, परिवार पूरा हो चुका हो, या फिर वह अभी मां बनने के लिए तैयार न हो। ऐसी स्थिति में यदि गर्भ ठहर जाए, तो गर्भपात कराना जरूरी हो सकता है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और अस्पताल जाने की जटिलताओं से बचने के लिए कई महिलाएं अजवाइन से गर्भपात जैसे प्राकृतिक तरीकों को अपनाना चाहती हैं, खासकर जब वे अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में किसी को बताना नहीं चाहतीं।

गर्भपात करने के सरल घरेलु तरीका

अक्सर यह सवाल आता है कि “बच्चा कितने दिन का गिरा सकते हैं?” और इसके लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं। पारंपरिक रूप से गर्भपात के लिए विटामिन सी, पपीता , अन्नानास का रस, अजवायन, तुलसी का काढ़ा, लहसून, ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भावस्था का पता चलने के शुरुआती दिनों में ही गर्भपात कराना सही रहता है। विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे कच्चा पपीता,अनानास, कटहल, संतरा, नींबू आदि चीजों के सेवन से शुरुआती गर्भावस्था में गर्भपात हो जाता है।

भुने हुए तिल तासीर में बहुत गर्म होते हैं। तीन से चार चम्मच तिलों को भूनकर दिन में दो बार सेवन करने से गर्भपात हो जाता है।

दो से चार हफ्तों की गर्भ को गिराने के लिए, 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी के साथ उबालें पानी आधा रह जाने पर उसे छानकर उसका सेवन करें जब तक ब्लीडिंग शुरू ना हो तब तक दिन में दो से तीन बार इस पानी का सेवन करने से गर्भ गिर जाता है।

ग्रीन टी के अधिक सेवन से भी गर्भपात हो जाता है ।

अधिक मात्रा में दालचीनी तथा काली मिर्च का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।केले की पत्तियों और बबूल की फलियों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर नियमित रूप से सेवन गर्भ गिराने का तरीका है।

कॉफी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।

तुलसी के पत्तों और उसके बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से गर्भपात होता है।

तीन से चार चम्मच अजवायन को गुड़ के साथ मिलाकर दो गिलास पानी में उबालें और इस पानी को छानकर अजवायन के पानी का दिन में 2 बार सेवन गर्भ गिराने का तरीका है ।

उछल कूद और अधिक मात्रा में व्यायाम करने से भी गर्भपात हो जाता है।

गर्भपात सही है या गलत

खैर यहाँ सवाल यह नही है कि गर्भपात सही है या गलत। या फिर गर्भपात का कौन सा तरीका सही है? अजवाइन से गर्भपात प्राकृतिक गर्भपात की श्रेणी में आता है?
यहाँ हम बात प्राकृतिक तरीके से गर्भपात की कर रहे हैं। हर तरीके के गर्भपात की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं।

अजवायन से गर्भपात केवल तभी हो सकता है जब ज्यादा दिन न चढ़े हो। दस बीस दिन ऊपर होने पर अगर अजवायन से गर्भपात करतें हैं तो गर्भपात की प्रतिशत दिन बढने के साथ कम होने लगती है। अगर एक महीने से ज्यादा हो जाता है तो अजवायन से गर्भपात नहीं हो पाता।

ऐसी महिलाएं जिन्‍हें अस्‍थमा, हाई ब्‍लड प्रेशर, मधुमेह, मिर्गी और किडनी की समस्या हो उन्हें अजवायन से गर्भपात से बचना चाहिए।

इससे पहले कि हम अजवायन से गर्भपात कैसे करें ये जाने आइए जानते हैं गर्भपात की प्रकिया को गर्भ ठहरने की स्थिति में गर्भाशय में भ्रूण बनना शुरू हो चुका होता है। भ्रूण के बनने से पहले ही भ्रूण के शरीर से निष्कासन की प्रक्रिया को गर्भपात कहते हैं। गर्भपात का विरोध भी इसीलिए होता है कि तर्क यही दिया जाता है कि किसी के जीवन को नष्ट करने का अधिकार किसी को भी नही है।

क्यों हम अपने बच्चे का जीवन स्वंय ही नष्ट कर रहे हैं?

हमारे देश में परिस्थितियों पर गर्भपात निर्भर करता है कि गर्भपात कानूनी है या गैरकानूनी। लेकिन पश्चिमी देशों में गर्भपात को कानूनी माना जाता है। लेकिन फिर भी कुछ देशों में काफी नियमों का पालन करना होता है। अब हम बात करते हैं अजवायन से गर्भपात कैसे करें।

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?-Ajwain Se Garbhpat kaise kare

अजवायन एक मसाला होता है जिसकी तासीर काफी गरम होती है। इसका यह गुण ही अजवायन से गर्भपात के लिए सहायक होता है। यह नुस्खा पर तभी काम करता है जब कुछ दिन ही ज्यादा हुए हो।

अजवाइन से गर्भपात के तरीके-Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

अजवायन और जीरे के साथ

रात को सोते समय अजवायन और जीरे को भुन कर गर्म पानी के साथ लेने पर गर्भपात हो जाता है। इस नूस्खे को तब तक आजमाते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की चाय से

एक चम्मच अजवायन को आधा चम्मच हल्दी पाउडर व आधा चम्मच सौंठ पाउडर डालकर दो कप पानी में डालकर उबाल ले। जब पानी एक कप रह जाये तो उसे गरम गरम पी ले। इस चाय को तब तक पीये जब तक कि महावारी शुरू न हो जाये।

जानिए: जानिए बिना किसी दवा के अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे

अजवायन के परांठे

आटे में अजवायन हींग व हल्दी मिलाकर उसके परांठे सुबह-सुबह नाश्ते में लेने से भी गर्भपात हो जाता है। यह नाश्ता तब तक करते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की फंकी लेने से

अजवायन को भून लें। साथ ही हींग व हल्दी को भी भुन लें। इन तीनों चीज़ो को एक साथ मिलाकर एक खाली डिब्बे में भर लें। तीनों समय खाना खाने के बाद इस फंकी को मुखवास की तरह लें। ऐसा करने से गर्भपात हो जाता है। जब तक गर्भपात नही होता तब तक इस फंकी का सेवन करते रहे।

जानिए: इलायची से गर्भपात कैसे करें?

अजवायन से गर्भपात के अपने नुकसान भी हो सकते हैं। क्योंकि है तो यह बिना किसी विशेषज्ञ की देखरेख के बिना। आइये तो नजर डालते हैं अजवायन से गर्भपात की जटिलताओं पर

  • अजवायन से गर्भपात करने पर बहुत ज्यादा रक्त स्राव हो सकता है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में बहुत कमज़ोरी हो सकती है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में गर्मी हो सकती है।

जानिए: जानिये गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi

गर्भावस्था में अजवाइन के फायदे – Pregnancy Me Ajwain Ke Fayde

पाचन तंत्र को सुधारती है

गर्भावस्था में अजवाइन खाने के फायदे (Ajwain Khane Ke Fayde) में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है। इसमें मौजूद थाइमोल (Thymol) पेट में गैस, अपच और एसिडिटी को दूर करता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को राहत मिलती है।

वजन नियंत्रण में सहायक | Ajwain Pani Peene Ke Fayde

गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन अजवाइन का पानी पीने के फायदे (Ajwain Ke Pani Ke Fayde) इस दौरान भी लाभदायक हो सकते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। हालांकि, गर्भावस्था में किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

जोड़ों और कमर दर्द से राहत | Ajwain Ke Gun

गर्भावस्था में अजवाइन का काढ़ा पीने के फायदे (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गठिया (Arthritis) और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और गर्भावस्था में होने वाले पीठ और कमर दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ठंड और खांसी में राहत

गर्भावस्था में ठंड और खांसी से राहत पाने के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Ka Upyog) बहुत फायदेमंद हो सकता है। अजवाइन पानी पीने के फायदे (Ajwain Pani Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गले की खराश और बलगम को दूर करता है, जिससे सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

गर्भावस्था में हार्मोनल बदलावों के कारण त्वचा और बालों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। अजवाइन के बीज (Ajwain Ke Beej) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार बनाते हैं और बालों की रूसी और झड़ने की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

नोट : गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन सीमित मात्रा में करें और किसी भी नई चीज़ को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

गर्भावस्था में अजवाइन के नुकसान | Ajwain Ke Nuksan

तेज एसिडिटी और जलन

अजवाइन का अत्यधिक सेवन पेट में जलन और एसिडिटी बढ़ा सकता है, जो पहले से ही गर्भवती महिलाओं में आम समस्या होती है। यह पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को बढ़ा सकता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसान

प्रेगनेंसी में अजवाइन खाना चाहिए या नहीं? (Pregnancy Me Ajwain Khana Chahiye?) यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।अगर आप सोच रहे हैं कि pregnancy me ajwain kha sakte hai, तो इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कितनी मात्रा में और किस तरह से खा रहे हैं। अधिक मात्रा में अजवाइन खाने से गर्भ गिर सकता है (Ajwain Khane Se Garbh Gir Jata Hai Kya) इसलिए गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है

अजवाइन का अधिक सेवन रक्तचाप (Blood Pressure) को कम या बढ़ा सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को चक्कर, कमजोरी या सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

एलर्जी और त्वचा पर दुष्प्रभाव

कुछ महिलाओं को अजवाइन से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते या जलन हो सकती है। यदि अजवाइन खाने के बाद ऐसी कोई प्रतिक्रिया हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अजवाइन खाने का सही तरीका | Ajwain Khane Ka Tarika

  1. खाली पेट अजवाइन पानी पिएं (Khali Pet Ajwain ka Pani Peene Ke Fayde) – 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच अजवाइन डालकर पिएं।
  2. अजवाइन का काढ़ा बनाएं (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) – इसमें हल्दी और शहद मिलाकर सेवन करें।
  3. अजवाइन को चबाकर खाएं (Ajwain Khane Ke Fayde) – पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  4. अजवाइन का तेल (Ajwain Oil) – त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद।

निष्कर्ष
अजवाइन के फायदे और नुकसान (Ajwain Ke Fayde Aur Nuksan) को समझकर ही इसका सेवन करें। यह सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से नुकसान भी हो सकता है। अगर आप इसे वजन घटाने, पाचन सुधारने या रोगों से बचने के लिए ले रहे हैं, तो संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य प्रश्न

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

 

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