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अश्वगंधा और दूध के फायदे और अश्वगंधा का सेवन विधि

अश्वगंधा और दूध के फायदे

हेल्लो फ्रेंड्स आज की पोस्ट में हम जानेंगे की अश्वगंधा और दूध क्यों पीना चाहिए। अश्वगंधा और दूध के फायदे और अश्वगंधा व दूध का सेवन कैसे करना चाहिए इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी। अश्वगंधा एक प्रकार की औषधि है जिसके बारे में आज के समय में सबको पता है। अश्वगंधा के बहुत सारे लाभों के कारण से सर्दियों के मौसम में इसका उपयोग विश्वभर में किया जाता है। साथ ही वैज्ञानिक भी ये मानते है की अश्वगंधा हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है।

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अश्वगंधा के सेवन से कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं, विकार और अन्य कई रोगों से बचने में मदद करता है। ऐसे लोगो के मन में ये सवाल जरुर आता है की अश्वगंधा को दूध के साथ पीने से क्या फायदे होते है? क्या नुकसान होते है? और कैसे पीते है? आज हम आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे।

अश्वगंधा और दूध क्यों पीना चाहिए

जैसा की हम सब लोगो को पता ही है की दूध में कितने सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते है और ज्यादातर बीमारी के समय हमें डॉक्टर भी दूध पीने की सलाह देते है। ऐसे में यदि हम अश्वगंधा को दूध में मिलाकर पीते है तो वे हमारे शारीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये दोनों पौष्टिक तत्व हमारे शरीर अंदर जा कर शरीर को उर्जा प्रदान करते है जिससे बहुत सारी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।

यदि हम अश्वगंधा और दूध दोनों को साथ में पीते है तो शरीर मजबूत बनता है, वात दोष से भी आराम मिलता है और हमें टीबी जैसी बीमारी से राहत मिलती है। तो आइये अब अश्वगंधा और दूध का सेवन करने के फायदों के बारे में जान लेते है।

अश्वगंधा और दूध के फायदे

बांझपन में फायदेमंद 

यदि आपको बांझपन की समस्या है तो आपको दिन में दो बार दो ग्राम अश्वगंधा का दूध या मिश्री के साथ में सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपको बांझपन की समस्या से राहत मिलेगी।

टीबी की बीमारी में फायदेमंद 

यदि आप रोजाना अश्वगंधा और दूध का सेवन करते है तो आपको टीबी जैसी बीमारी से राहत मिलती है। 

शारीरिक कमजोरी दूर करे अश्वगंधा और दूध

यदि आप शारीरिक रूप से कमजोर हो तो ऐसे में आपको नियमित दो ग्राम अश्वगंधा और 125 ग्राम त्रिकाटू पाउडर को दिन में दो बार दूध में मिलाकर के पीना चाहिए। त्रिकाटू पाउडर में सुखी असर्क, काली मिर्च और लम्बी मिर्च पाई जाती है जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यदि आप इसका रोजाना सेवन करते हो तो कमजोरी की समस्या से छुटकारा पा सकते हो।

शारीरिक कमजोरी
शारीरिक कमजोरी

अस्थिसंधिशोथ की समस्या का उपाय

यदि आपको अस्थिसंधिशोथ की समस्या है तो आपको रोजाना दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और एक ग्राम मुलेठी को गर्म दूध के साथ में मिलाकर के पीना चाहिए। जिससे आपकी अस्थिसंधिशोथ की समस्या दूर होने में बहुत मदद मिलेगी।

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ऑस्टियोपोरोसिस दूर करेअश्वगंधा

यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस की गम्भीर समस्या है तो आपको रोजाना दिन में दो बार दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और एक ग्राम अर्जुन छाल पाउडर को दूध में मिलाकर के सेवन करना चाहिए। ऐसा करके आप ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से छुटकारा पा सकते हो।

उच्च रक्तचाप के लिए दूध और अश्वगंधा

यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो आपको रोजाना दिन में दो बार दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 125 ग्राम मोटी पिसती को दूध में मिलाकर के पीना चाहिए। ऐसा करने से आप अपनी उच्च रक्तचाप की समस्या से छुटकारा पा सकते हो।

दूध और अश्वगंधा बच्चो के लिए

यदि आपके बच्चो में पौषकता की कमी है तो अपने बच्चो को अश्वगंधा की चाय बनाकर के पिलानी चाहिए। इस चाय को बनाने के लिए आपको आधा ग्लास पानी,आधा ग्लास दूध और एक ग्राम अश्वगंधा की जरूरत होगी, आप इसके अंदर थोड़ी बहुत चीनी भी मिला सकते हो।

यदि आप अश्वगंधा और दूध का सेवन का सेवन करना चाहते है तो इसका भी तरीका होता है जो कुछ इस प्रकार से है।

अश्वगंधा और दूध का सेवन का तरीका

सबसे पहले एक बर्तन में 4 कप दूध डाले और फिर उसमे 10 ग्राम अश्वगंधा मिला दे।
इसके बाद इसको गैस पर रखे और इसको तब तक गर्म करे जब तक इसका मिश्रण गाढ़ा ना बन जाए।
अब इसको अलग्भ्ग 5 मिनिट के लिए ठंडा होने दे।
ठंडा होने के बाद में इसमे 1 चमच चीनी मिला दे और फिर अच्छे से मिला ले और अब आप इसका सेवन कर सकते हो।

हमें अश्वगंधा और दूध के मिश्रण का सेवन रोजाना भूखे या खाली पेट ही करना चाहिए तभी आपको इसका अच्छा परिमाण देखने को मिलेगा और साथ खाली पेट इसका सेवन करने से इसका अवशोषण भी आसानी से हो जाता है।

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आपने क्या सिखा अश्वगंधा और दूध के सेवन के बारे में

हम उम्मीद करते है की अश्वगंधा और दूध क्यों पीना चाहिए, अश्वगंधा और दूध के फायदे और अश्वगंधा व दूध का सेवन कैसे करना चाहिए ? इसकी पूरी जानकारी आपको मिल गई होगी, यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पुछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे ।

अश्वगंधा और दूध के सेवन की इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

स्टेमिना और सेक्सुअल टाइमिंग बढ़ाने के लिए पतंजलि का अश्वगंधा कैप्सूल बहुत लाभकारी माना जाता है। अश्वगंधा कैप्सूल को खाना खाने के बाद या रात में सोने से पहले दूध के साथ लिया जा सकता है। दिन में दो बार कैप्सूल को उपयोग में लेना चाहिए। 

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का उपयोग दिन में किसी भी समय किया जा सकता है इसको पानी के साथ लिया जा सकता है खाना खाने के बाद। और रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ भी इसका उपयोग किया जा सकता है। 

डाबर अश्वगंधा टेबलेट एक नेचुरल तरीके से बना उत्पाद है जिसमें अश्वगंधा मिला हुआ होता है। जो की तनाव, इम्यूनिटी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इसके उपयोग से सेक्स से जुड़ी समस्याएं जैसे काम टाइमिंग, थकान जैसी समस्याएं भी दूर होती है। 

अश्वगंधा टेबलेट प्राकृतिक उत्पादों से मिकर बनी होती है इसलिए इससे किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट होने का खतरा नहीं रहता है। उसको दिन के समय खाना खाने के बाद और रात में सोने से पहले उपयोग में लिया जा सकता है। 

अश्वगंधा टेबलेट को उपयोग में लेने से बहुत सी समस्याओं से राहत पायी जा सकती है। यह तनाव, नींद में कमी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओ में काफी कारगर होता है। इसके उपयोग से स्टेमिना में वृद्धि होती है जिससे पूरे दिनभर थकान महसूस नहीं होती है। 

अश्वगंधा प्राय चूर्ण या टेबलेट के रूप में बाजार में उपलब्ध है। चूर्ण को आप दूध, घी, पानी किसी में मिक्स कर के ले सकते हो और टेबलेट को भी दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। सुबह और शाम दिन में दो टेबलेट का सेवन करना चाहिए। और चूर्ण को एक छोटा चमच जितना ही। 

अश्वगंधा सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं अपितु महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। महिलाओं में यह सेक्सुअल इन्फेक्शन को दूर करता है और घुटनों में दर्द, थायराइड की समस्या, और जनन क्षमता की समस्या को भी दूर करता है। यह एंटी ऐजिंग प्रोडक्ट के रूप में उपयोगी है। 

यदि आपको स्टेमिना में कमी, तनाव, थकान या सेक्स से जुड़ी कोई समस्या है तो आप हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का प्रयोग कर सकते है। आप नियमित रूप से तीन या चार महिने तक इसका प्रयोग  करते है तो आपको इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल जाएंगे।  

अश्वगंधा और मिश्री को मिक्स कर के खाने से न सिर्फ स्वाद में फर्क पड़ता है अपितु स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी है। यह शुगर को नियंत्रित करता है और घुटनों के दर्द और सेक्सुअल समस्याओं को भी दूर करता है। स्टेमिना में वृद्धि और तनाव को दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। 

अश्वगंधा को खाली पेट लेने की अपेक्षा खाना खाने के बाद प्रयोग में किया जाना चाहिए। चूंकि जब हम खाना खाने के बाद इसका उपयोग करते है तो खाने में मिले हुए तत्व अश्वगंधा के गुणकारी तत्वों को अवशोषित कर शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाते है। दूध के साथ भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।  

अश्वगंधा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लाभकारी है लेकिन यह पुरुषों में विशेष तय सेक्सुअल समस्याओं को जड़ से दूर करता है। जैसे पुरुषों में नपुसंकता, शुक्राणुओं की कमी, और सेक्स टाइमिंग में कमी जैसी समस्याओं के लिए यह रामबाण साबित होता है। 

अश्वगंधा का अधिक मात्रा में उपयोग करने से आपको इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। अधिक उपयोग से यह शरीर में गर्मी पैदा करता है जिससे पेट की समस्या, मुहँ में छालों की समस्या, अपच जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती है। अतः अधिक मात्रा में उपयोग से बचना चाहिए। 

अश्वगंधा का अधिक इस्तेमाल पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसका उपयोग करने से डायरिया जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें उसके बाद ही इसका सेवन करें। और जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या हो उनको अश्वगंधा के प्रयोग से बचना चाहिए। 

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