जानिए शरीर की पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

ज्यादातर लोगों को यह समस्या होती है, कि भोजन करने के बाद उन्हें एसिडिटी अथवा सर दर्द होना चालू हो जाता है। यह सर दर्द सुचारू रूप से पाचन तंत्र ना काम करने की वजह से होता है यदि पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम नहीं करता है तो विभिन्न रोगों का सामना करना पड़ सकता है। पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए हमें विभिन्न तरीके के फाइबर, संतुलित आहार तथा आवश्यक पोषक तत्व युक्त भोजन करना चाहिए।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे शरीर में बीमारियों का मुख्य केंद्र हमारा पेट ही होता है क्योंकि इसमें हमारे द्वारा जब खाया गया भोजन इकट्ठा होता है, जिससे यह हमारे पेट में अनावश्यक रूप से जमा हो जाते हैं और हमारे शरीर को क्षति पहुंचाते हैं।

पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय

अधिक मात्रा में पानी पिए

पानी पिए
पानी पिए

पानी सारे संसार का एक आवश्यक जीवन प्रदान करने वाला तत्व है। पानी के बिना सृष्टि का निर्माण नहीं हो सकता है। उसी तरह पानी के बिना हमारे शरीर का निर्माण नहीं हो सकता है। हमें रोजाना 2 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए ताकि हमारे शरीर के खून में घुले हुए हानिकारक पदार्थ पानी के साथ मिलकर हमारे शरीर से बाहर निकल जाए जिससे कि हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

सही दिनचर्या का ध्यान

एक स्वस्थ शरीर के लिए हमारे दिनचर्या का सही होना जरूरी होता है। अगर हमारे दिन भर की गतिविधियां ठीक रही तो हमारा मन मस्ती अच्छे से काम करता है जिससे कि हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पाचन में असुविधा होती है।

पूरी नींद

नींद एक आवश्यक क्रिया है, जो शरीर को अगले दिन काम करने के लिए तरो ताजा बनाती है। साथ ही पूरी नींद लेने वाले लोग हमेशा स्वस्थ नजर आते हैं और दिन भर अच्छे से काम कर पाते हैं यदि पूरी नींद नहीं होती है तो खाने में मन नहीं लगता है तथा कम खाना खाकर ही हम सोने लगते हैं जिससे कि हमारे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।

सही समय में भोजन

हमें हमेशा सही समय में भोजन करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को उस वक्त की आदत हो जाती है। जब हमारे खाने का टाइम होता है, यदि खाने के समय में अगर खाना ना मिले या हम उसके एक 2 घंटे पहले या बाद में खाए तो हमारे भूख में अथवा भोजन ग्रहण शक्ति में कमी आ सकती है, जिससे पाचन तंत्र पर असर आ सकता है।

सलाद का सेवन

हमें अपने खाने में दाल चावल के साथ साथ सलाद का भी सेवन करना चाहिए। यह खाने को स्वादिष्ट बनाता है तथा खाने के साथ मिलकर पाचन शक्ति में अपना प्रभावी असर प्रदान करता है हमेशा सलाद में नींबू, टमाटर तथा प्याज का इस्तेमाल करें।

अमरूद

अमरूद खाने से हमारे शरीर को विटामिन सी फास्फोरस तथा पोटेशियम आदि आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, सारे आवश्यक पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं तो हमारी पाचन शक्ति भी अच्छे से बनी रहती है।

नींबू

नींबू में भी विटामिन सी पाया जाता है जो पेट से संबंधित विकारों को दूर करने में सहायक होता है। नींबू बदहजमी को रोकने के लिए भी उपयोग करते हैं तथा पेट की गैस एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं जिससे हमारी पाचन शक्ति तंदुरुस्त हो जाती है।

हल्दी का प्रयोग

हल्दी हमारे शरीर के लिए औषधि का कार्य करती है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे एल्कलाइन तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं जो अपच अल्सर अथवा अन्य पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। हमें प्रतिदिन एक गिलास पानी में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीते रहना चाहिए है।

आंवला

आंवले का इस्तेमाल अपने बालों को मजबूत करने के लिए तो पढ़ा ही होगा लेकिन आपको यह भी बता दें है इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसे काली मिर्च हींग अथवा जीरे के साथ मिलाकर आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो आपके पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

अपने भोजन को चबाकर खाएं

हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि अपने भोजन को सुचारू रूप से चबा चबा कर खाए यह अपनी लार में पूरी तरह से मिलकर हमारे पेट के अंदर जाना चाहिए जिससे कि पाचन शक्ति को बनाए रख सकें।

दही का सेवन

हमें प्रतिदिन एक चम्मच दही का सेवन करते रहना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ अम्ल पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए वरदान साबित होते हैं यह हमारे भोजन को पाचन करने में मदद करते हैं।

अजवाइन

अजवाइन को पानी में मिलाकर अथवा उबले हुए पानी के साथ पीने से यह हमारे पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है; और हमारी भोजन करने की क्षमता बढ़ जाती है साथ ही अजवाइन के औषधि रूपी पौधा है जो विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस के फायदे और सेवन का तरीका-horlicks ke fayde

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस के फायदे और सेवन का तरीका

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस आजकल की दौड़-धूप की जिंदगी की व्यवस्ताओं को देखकर बनाया गया है। मिलावट के इस दौर में जब कुछ भी शुद्ध नहीं मिलता। न तो फल और न ही सब्जियां। हमें हमारे शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन विटामिंस इन हमें बाहरी स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस हमारे शरीर की भिन्न आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

विशेष तौर से प्रोटीन की आवश्यकता को ध्यान में रखकर हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर बनाया गया है। यह विशेष रुप से आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी के युवाओं के लिए बनाया गया है जिनके पास समय से खाना पीना खाने का भी टाइम नहीं होता तो हम तो यह तो भूल ही जाए कि वह सब्जियां, फल खाने में समय व्यतीत करेंगे।

समयाभाव के कारण वो जो जैसा मिले खा लेते हैं। अधिकांश उनका भोजन तो जंक फूड होता है। जिससे पेट तो भर जाता है स्वाद भी मिल जाता है लेकिन शरीर के लिए आवश्यक विटामिन प्रोटीन मिनरल नहीं मिल पाते। हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर शरीर को आवश्यक प्रोटीन मिनरल एवं विटामिन्स प्रदान कर शरीर को उर्जावान बनाता है।

प्लेयर एवं एथलीट ऐसे हेल्थ पेय की तलाश में होते हैं जो शरीर की प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा करें। लगातार व्यायाम से होने वाली थकान को दूर करें। और शरीर के मसल्स मास को बढ़ाये। हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस के अंदर ये सारी खूबियों हैं।

क्या है हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस न्यूट्रिशन ड्रिंक है जो कि कामकाजी युवा के लिए बनाया गया है। हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस व्यक्ति की ताकत को बढ़ाता है हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस एक वैज्ञानिक तौर से प्रमाणित फ़ूड न्यूट्रिशन ड्रिंक है जोकि एडल्ट के लिए खास तौर से बनाया गया है।

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस कैसे काम करता है

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस व्यक्ति की ताकत बढाता है। उनके मसल्स मास को गेन करने में मदद करता है। और उनका हेल्दी लाइफ़स्टाइल मेंटेन करने में मदद करता है आफ्टर थर्टी हम सभी अपने शरीर के मसल्स मास को खोने लगते हैं। हमारा मसल्स मास कम होने लगता है हम थकने बहुत जल्दी लगते हैं हमें हाई क्वालिटी प्रोटीन ज्यादा से ज्यादा लेनी चाहिए जिससे कि हम अपनी रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी कर सके और थकान न हो।

थकान होना
थकान होना

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस के पास है पीडीसीएस का मानक

हमारे शरीर का मसल्स मास हमारे प्रोटीन इनटेक पर निर्भर करता है। हमारा मसल्स मास हमने अच्छा प्रोटीन लिया है या नहीं इस पर डिपेंड करता है। हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस के पास है पीडीसीएस का मानक जिसे हम प्रोटीन क्वालिटी इंडिकेटर्स कहते हैं। इसका हाई स्कोर हमारे हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस के पास है। जो यह सिद्ध करता है कि हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर एक बेहतरीन प्रोटीन पाउडर है।

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में अमीनो एसिड्स पाये जाते हैं जो कि हमारे शरीर की सारी रिक्वायरमेंट को पूरा करते हैं।वैसे प्रोटीन अमीनो एसिड के अंदर होता है या हम कह सकते हैं कि अमीनो एसिड ही है जो कि प्रोटीन बनाता है। अधिकांश अमीनो एसिड हमारे शरीर में बन जाते हैं लेकिन उनमें से 9 अमीनो एसिड ऐसे हैं जिन्हें कि हमारा शरीर नहीं बना पाता और जिन्हें हमें बाहर से कंज्यूम करना पड़ता है। ऐसे अमीनो एसिड को हम एसेंशियल अमीनो एसिड करते हैं। हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में ये अमीनो एसिड पाये जाते हैं। अमीनो एसिड के अंदर पाये जाने वाले प्रोटीन हमारी बॉडी को मेंटेन करने के लिए। हमारे शरीर की थकान दूर करने के लिए एवं मसल्स मास को को इंप्रूव करने के लिए जरूरी होते हैं।

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में पाये जाने वाले पोषक तत्व

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में 3 तरह के हाई क्वालिटी प्रोटीन आइए जानते हैं इसका प्रोटीन का अनुपात –

100 ग्राम में 30 ग्राम प्रोटीन
55% कार्बोहाइड्रेट,
23.5 ग्रम शुगर
फैट 2 ग्राम

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन b1, विटामिन डी, फास्फोरस, केनिन, बायपिन आदि मिनरल्स पाए जाते हैं जाते हैं। इसका सर्विंग साइज 30 ग्राम के आस-पास है जिसमें 10 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, फैट काफी कम मात्रा में पाया जाता है। इसमें कोकोआ पाउडर मिनरल्स व्हीट ग्लूटेन पाया जाता है। हम कह सकते हैं कि हॉरलिक्स प्रोटीन पाउडर और दूसरे प्रोटीन पाउडर से बहुत बेहतर है क्योंकि इसमें तीन तरह के प्रोटीन डालकर इस प्रोटीन पाउडर को बनाया गया है बल्कि दूसरे प्रोटीन पाउडर में सोया प्रोटीन को डाला जाता है लेकिन हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर सोया प्रोटीन के साथ-साथ व्हे प्रोटीन को भी डाला गया है।

क्या है व्हे प्रोटीन

व्हे प्रोटीन
व्हे प्रोटीन

व्हे प्रोटीन में चार ऐसे एसेंशियल अमीनो एसिड होते हैं जो काफी बेहतर होते हैं अन्य प्रोटीन से। ये चार अमीनो एसिड आइसोलूसिंग,लूसिंग ,मिथूनाइन और लायसिन ये चार अमीनो एसिड मिथूनाइन अमीनो एसिड वेट लॉस करने में मदद करता है। लाइसिन अमीनो एसिड मसल्स ग्रोथ को बढाता है। सोया प्रोटीन में आरजेमीनर ,ट्रिपटो फैट ,फैनीलेलेलाइन पापा जाता है।

हार्लिक्स प्रोटीन प्लस में सोया प्रोटीन व व्हे प्रोटीन दोनों के फायदे होते हैं।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर में केसिन प्रोटीन काफी कम मात्रा मे पाया जाता है जो एक डाइजेशन प्रोटीन है।जो डाइजेशन में मदद करता है। केसिन प्रोटीन एक फ़ास्ट एबजारबिंग प्रोटीन है जो अगर दुबले व्यक्ति दूध के साथ सुबह शाम लेते हैं तो यह उनका वेट बढ़ाता है और अगर एथलीट इसे एक्सरसाइज़ के बाद में लेते हैं तो यह मसल्स टोन करने के काम आता है।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को लेने का तरीका

हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस में अब्जॉर्बिग प्रोटीन है। जिसे अलग अलग ज़रूरतों के लिए अलग-अलग तरीके से लिया जाता है। एथलीट या प्लेयर इसे बाडी बिल्डिंग, मसल्स मास गेन करने के लिए लेते हैं। वे हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को पानी या एगव्हाइट के साथ लें क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है और इसका प्रोटीन आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाता है एथलीट इसे एक्सरसाइज़ के बाद पानी में मिलाकर अंडे के सफेद हिस्से के साथ ले। कमजोर व्यक्ति जो ताकत एवं स्फूर्ति के लिए हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को लेते हैं वो हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को सुबह शाम दूध के साथ ले।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस के फायदे-horlicks ke fayde

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर लाभदायक है वेट गेन और वेट लास दोनों में

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर वेट लास या वेट गेन दोनों में फ़ायदा करता है। इसमें शुगर व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी ज्यादा है। हॉरलिक्स प्रोटीन पाउडर के सैचुरेटेड हाई क्वालिटी प्रोटीन शरीर के बॉडी मास को बढ़ाने का कार्य करते हैं तो वेट लाॅस करने के लिए अगर एथलीट हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को लेते हैं तो हमें हॉर्लिक्स पाउडर को एक्सरसाइज करने के बाद पानी में मिलाकर लेना होगा। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन के लिए हमें अंडे के सफेद हिस्से के साथ हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को लेना होगा।

ऐसा नहीं है कि हम पानी में अंडे के सफेद हिस्से को फोड़ देंगे और प्रोटीन पाउडर मिलाकर घोलकर पी जाएंगे हमें या तो अंडे को उबालकर उसके सफेद हिस्से को लेना होगा या फिर सफेद हिस्से का हाफ फ्राई खाना होगा। जिससे कि हमारे शरीर को न्यूट्रिशन तो मिले लेकिन कार्बोहाइड्रेट शुगर के कारण हमारा वेट गेन ना हो पाए। हॉरलिक्स प्रोटीन पाउडर में वे प्रोटीन है जो कि हमारे शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाता है।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर है बजट फ्रेंडली

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर की कीमत अन्य प्रोटीन पाउडर की तुलना में काफी कम है तो इसे कॉलेज गोइंग युवा से लेकर कामकाजी युवा सभी खरीद सकते हैं। बच्चों और किशोर वर्ग के लोगों के लिये भी हॉरलिक्स प्रोटीन प्लस उनकी शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाला है। हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर जिम में जाने वालों के लिए भी बहुत अच्छा है अपनी कीमत में के सबसे अच्छे हाई क्वालिटी प्रोटीन समय देता है। वो लोग जो एक अफॉर्डेबल प्रोटीन पाउडर की तलाश में है 6 से ₹7000 नहीं खर्च करना चाहते उनके लिए हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर एक बेहतरीन विकल्प है।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर स्वाद में बेहतर है

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर की एक और विशेषता उसका स्वाद है। हॉरलिक्स प्रोटीन पाउडर अन्य सभी प्रोटीन पाउडर के मुकाबले बहुत टेस्टी है। हॉरलिक्स प्रोटीन पाउडर एक बेहतरीन विकल्प है।

सामान्य प्रश्न

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस पीने से क्या होता है?

हॉर्लिक्स स्वास्थ्य संबधी एक पेय है, जिसको संतुलित आहार के रूप में सेवन किया जाता है। ये बच्चों के कैल्शियम की जरूरतें पूरा करके हड्डियों का कैल्शियम घनत्व बढाता है जिससे हड्डियाँ मजबूत होती है, इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स रक्त में पोषक तत्व बढा़तें हैं जिससे याददाश्त व एकाग्रता बढ़ती है। इसके सेवन से शरीर में पतले टिशू की वृद्धि होती है, और शरीर मजबूत बनता है। हॉर्लिक्स में मौजूद पोषक तत्व शरीर के समग्र विकास में साहयक हैं, दूध में मिलाकर पीने से ये दूध की गुणवत्ता और स्वाद दोनों बढा़ देता है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस क्या है?

'हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस' एक ऐसा उत्पाद है जो पोषण की बढ़ती आवश्यकताओं और विशेषकर प्रोटीन की मांग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह खासतौर से उन व्यस्त लोगो के लिए है, जिनके पास आवश्यक प्रोटीन का सेवन करने के लिए अपनी दिनचर्या के अनुसार समय कम है। आप दिन भर में कितना प्रोटीन लेते हैं इसके साथ यह भी महत्वपूर्ण है, कि उसकी गुणवत्ता कैसी है। सही प्रोटीन लेने से आप अधिक स्वस्थ रहते हैं और जीवन-शैली बेहतर होती है। उपभोक्ताओं की प्रोटीन समबन्धी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 'हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस' बनाया गया है ।

हॉर्लिक्स में क्या क्या पाया जाता है?

हॉर्लिक्स में मुख्य घटक गेहूं के आटे और माल्टेड गेहूं (46%) का मिश्रण है, इसके बाद माल्टेड जौ (26%) है। इसके अलावा सूखा मट्ठा, कैल्शियम कार्बोनेट, सूखे स्किम्ड दूध, चीनी, ताड़ का तेल, नमक, एंटी-काकिंग एजेंट (E551), इसमें मुख्यतः विटामिन ए , विटामिन सी , विटामिन डी ,विटामिन बी1 , विटामिन बी2 ,विटामिन बी5, विटामिन बी6,विटामिन बी12, विटामिन ई, फोलिक एसिड, कार्बोहाइड्रेट, फैट , प्रोटीन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, नियासिन, बायोटिन, जिंक, और आयरन पाया जाता है। इसलिए ये शरीर की पोषण संबंधी सभी जरूरतें पूरी कर देता है।

प्रोटीन पाउडर कब लेना चाहिए?

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक मुख्य पोषक तत्व है, जिसको भोजन के साथ जरूर लेना चाहिए, इसके अतिरिक्त - Weight loss के लिए भोजन के बीच में प्रोटीन लेना अच्छा है, इस तरह से ये आपकी भूख नियंत्रित करने के साथ-साथ कम कैलोरी कंज्यूम करने में मदद करता है। मसल्स बिल्डअप के लिए ट्रेनर व्यायाम के 15-60 मिनट बाद प्रोटीन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। मसल्स लॉस को रोकने के लिए 30 की उम्र के बाद हर मील के बाद लगभग 25-30 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।

जानिए कैसे झट से दूर होगी पेट में गैस की समस्या

pet me gas

पेट में गैस की बीमारी कभी-कभी एक बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। अधिक गैस के कारण कई बार छाती और कंधों में तेज दर्द होता है जो बिल्कुल दिल के दौरे की तरह उठने वाले दर्द की तरह है। कई बार लोग यह भी नहीं बता पाते कि यह गैस का दौरा है या दिल का दौरा। किसी भी उम्र की गैस होना आम बात है। लेकिन जब पेट में गैस की बीमारी हमेशा बनी रहे तो इस बारे में सोचना महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसा नहीं है कि खाना खाने के बाद बैठने से ही गैस बनती है, बल्कि लंबे समय तक भूखे रहने के कारण भी गैस की समस्या होती है।

लंबे समय तक भूखे रहने से सिर में तेज दर्द भी होता है। खाने के बाद लंबे समय तक फटना भी गैस का कारण है। इस लिए हमे पेट में गैस की बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानना जरूरी है जिस से इस समस्या से बचाव किया जा सके।

पेट में गैस बनने के कारण

पेट में गैस
पेट में गैस
  • कब्ज की समस्या के कारण शरीर के टॉक्सिन्स ठीक से बाहर नहीं निकलते हैं जिसकी वजह से गैस बनने लगती है।
  • कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव पेट में अच्छे बैक्टीरिया को कम करते हैं जो पाचन और गैस उत्पादन का कारण बनते हैं।
  • उम्र बढ़ने के साथ शरीर की भोजन पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में दूध और दूध से बने पदार्थों ठीक से पचते नहीं हैं और गैस का उत्पादन होता है।
  • पेट में अच्छे और खराब बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ जाने के कारण गैस का उत्पादन होता है। कभी-कभी यह असंतुलन किसी बीमारी के दुष्प्रभाव के कारण हो सकता है।
  • कई बार हम खाना ठीक से नहीं चबाते। जिसके कारण गैस की समस्या हो सकती है।
  • बर्गर, पिज्जा, सैंडविच आदि के अधिक सेवन से बच्चों का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। नतीजतन, उनका भोजन अच्छी तरह से पचता नहीं है।
  • दिनचर्या की गड़बड़ी, पेट साफ न होना भी पेट में गैस बनने के कारण है।
  • महिलाओं में मैनोपॉज के बाद और पुरुषों में 50 की आयु के बाद हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, जिसका असर डायजेशन पर भी पड़ता है। यह भी पेट में गैस बनने के कारण है।

पेट में गैस के लक्षण

सबसे पहला लक्षण तो यह होता है कि आपका पेट फूल जाता है। आपको बड़ी बेचैनी होने लग जाती है। आपने कुछ भी ज्यादा खाया नहीं होता है फिर भी आपको लगता है कि जैसे आपका पेट पूरी तरह से से भरा हुआ हो।

पेट में सूजन व दर्द का होना, डकार लेना, खासकर भोजन के दौरान और बाद में, सामान्य है।

दिन में 10 से 15 बार गैंस निकलना सामान्य है अगर ज्यादा होता है तो गैंस के लक्षण होते हैं।

पेट की गैस का इलाज | Pet Ki Gas Ka Ilaj In Hindi

  • 5 बड़े चम्मच सौंफ के बीज को बारीक पीस लें। इस मात्रा में मिश्री का मिश्रण बनाएं और दोनों को ईसबगोल की भूसी में मिलाएं। खाना खाने के बाद इस दवा को सुबह, शाम और रात को दो चम्मच पानी के साथ लें। इससे खाना पचाने में आसानी होगी और पेट में गैस नहीं बनेगी।
  • गैस से जुड़ी सभी समस्याओं में सबसे फायदेमंद है हींग। हींग का पाउडर बहुत फायदा करता है। खाने के बाद पानी के साथ थोड़ा हींग का पाउडर लें। इससे गैस की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  • अगर आपको पेट में जलन की समस्या है, तो आप रोजाना खाना खाने के बाद गुड़ को चूसें। गुड़ खाने के लिए नहीं है, लेकिन इसका रस चूसना पड़ता है। यह प्रक्रिया जितनी धीमी होती है, उतनी ही प्रभावी होगी। इससे पेट की पाचन शक्ति बढ़ती है और जलन की समस्या खत्म होती है।
  • एक पैन में अजमोद को सेंकना और एक पाउडर बनाओ। इसमें काला नमक मिलाएं। खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गर्मी और एसिडिटी दूर होती है। अजमोद में मौजूद थायमोल और काले नमक में एल्कलॉइड होते हैं। इन दोनों को मिला कर एसिडिटी दूर होती है।
  • प्रत्येक बार भोजन के बाद एक लौंग और एक इलायची लेने से गैस वा एसिडिटी की समस्या दूर ही रहती है ।
  • लहसुन की दो से तीन कलियों के बारीक टुकड़े काट लें, इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू की बूंदें मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ निगल लें। यह गैस के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक करने में मदद करता है। गर्मियों में एक या दो कलियां लें।
  • अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उस पर काला नमक छिड़क कर दिन में 2-3 बार सेवन करें, इससे गैस नहीं बनेगी और भूख भी कम लगेगी।
  • जीरा खाने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसीलिए गैस की समस्या में एक चम्मच जीरे के पाउडर को ठन्डे पानी में घोलकर पियें, आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

जानिये क्या है नींबू के फायदे और नींबू पानी पीने के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू के फायदे

नींबू के फायदे

नींबू शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। नींबू से शिकंजी भी बनाई जाती है। यह शिकंजी गर्मियों में बहुत ज्यादा फेमस होती है। नींबू के शरीर पर काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है और सेहत के साथ-साथ खूबसूरती से जुड़े फायदे भी नींबू द्वारा प्राप्त होते हैं। नींबू का उपयोग कई प्रकार की वस्तुओं में किया जाता है। कई प्रकार के साबुन में भी नींबू का इस्तेमाल किया जाता है।

नींबू में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट विटामिन और कई प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं। जो शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं। साथ ही सौंदर्य बढ़ाने में भी मदद करते है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नींबू के कुछ फायदों के बारे में बताएंगे।

नींबू के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है और इसीलिए लोग नींबू का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। नींबू शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ खूबसूरती निखारने में भी मददगार है। नींबू के कई प्रकार के फायदे हैं,जो नीचे निम्न प्रकार से दिए हुए हैं।

नींबू
नींबू

पाचन क्रिया मे सहायक

नींबू शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखता है। क्योंकि नींबू में उपस्थित फाइबर पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं। साथ ही वजन को भी बढ़ने से रोकते हैं। मोटापा घटाने के लिए नींबू के सेवन की सलाह डॉक्टर भी देते हैं।

नींबू शरीर के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित हुआ है। क्योंकि नींबू में कई प्रकार के व्यंजन जैसे:- पोटैशियम, जिंक, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और मैग्नीशियम इत्यादि पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।

विटामिन सी का अच्छा स्रोत

नींबू विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है। शरीर में विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है। नींबू के नियमित रूप से सेवन करने से स्कर्वी रोग से बचा जा सकता है। स्कर्वी रोगियों को भी डॉक्टर नींबू खाने की सलाह देता है। इसके अलावा नींबू में कई अन्य प्रकार के विटामिन भी पाए जाते हैं। जैसे:- विटामिन ई और विटामिन बी 6.

विटामिन ई और विटामिन बी 6 मसूड़ों को मजबूत करने और खराब गले से राहत प्रदान करने में फायदेमंद है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियमित रखते हैं। जिन लोगों के मसूड़ों में दर्द होता है। उन लोगों को नींबू खाने से राहत प्राप्त होती है।

डायबि‍टीज

मधुमेह की बीमारी आज के समय में बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। उम्र बढ़ते-बढ़ते मधुमेह का शिकार हर कोई व्यक्ति होता जा रहा है। नींबू पानी का सेवन करने से शुगर कंट्रोल में रहता है।

डायबिटीज के मरीज का भजन लगातार बढ़ता जाता है और नींबू के सेवन से वजन की बढ़ोतरी नहीं होती है। साथ ही शुगर भी कंट्रोल में रहता है नींबू द्वारा रिहाइड्रेट शरीर को प्राप्त होता है। इससे शुगर लेवल नियमित रहता है।

किडनी स्टोन

नींबू के पानी का नियमित रूप से सेवन करने से किडनी पर भी काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को किडनी में पथरी की प्रॉब्लम है। तो नींबू पानी के सेवन से किडनी स्टोन से राहत प्राप्त होती है।

मुख्य रूप से किडनी स्टोन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता जाता है और इस परेशानी से हमेशा के लिए निपटा जा सकता है।

किडनी के पथरी होने पर शरीर से मूत्र का बहाव रुक जाता है और अत्यधिक पीड़ा होना शुरू होती है। ऐसे में नींबू के पानी के सेवन से यूरिन पतला रहता है। साथ ही किडनी स्टोन के टूटने की संभावना भी होती है। किडनी में उपस्थित स्टोन के छोटे-छोटे टुकड़े मूत्र के साथ बाहर निकल जाते है।

इम्यून सिस्टम

नींबू के पानी में उपस्थित फाइटोन्यूट्रियंट्स, विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉयड जो शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। रोगों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाता है।

प्रतिरक्षा तंत्र शरीर में प्रवेश करने वाले कीटाणुओं और जीवाणु से लडता है। उनसे होने वाले रोगों से राहत प्रदान करता है। नींबू शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

मोटापा घटाना

मोटापे को कम करने के लिए लोग कई प्रकार की दवाइयां व आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेते हैं। लेकिन मोटापे को कम करने के लिए नींबू पानी पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद है। नींबू पानी का सेवन एक तरह का घरेलू नुस्खा है और इस घरेलू नुस्खे से मोटापा घटाया जा सकता है। नींबू पानी में उपस्थित विटामिन k उपस्थित होता है। जो शरीर को रिहाइड्रेट रखता है।

नींबू पानी में थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा आसानी से घटाया जा सकता है। मोटापे को कम करने में नींबू पानी बहुत मददगार साबित हुआ है।

त्वचा की देखभाल

नींबू शरीर की खूबसूरती व सौंदर्य बढ़ाने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है। नींबू में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण जो शरीर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। नींबू पानी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।

नींबू में कई प्रकार के एंटी एंजिग गुण पाए जाते हैं। जो चेहरे पर आने वाले पिंपल्स से निपटने में फायदेमंद है।नींबू के रस को आप सीधा त्वचा पर लगा सकते हैं। त्वचा पर पिंपल्स और काले दाग धब्बों से निपटने के लिए नींबू रस एक अच्छा रामबाण इलाज माना जाता है।

सेहत के गुणों से भरपूर छुआरा के फायदे

छुआरे के फायदे

छुआरे यानी सूखे हुए खजूर, खजूर जिसे रेगिस्तान की रोटी कहा जाता है। खजूर की तरह ही छुआरे भी गुणों से भरपूर होते है। सर्दियों में केवल काजू, बादाम, अखरोट ही नही लोग छुआरे को भी डेली रूटीन में शामिल करते है। बहुत पुराने समय से हमारे बुजुर्ग, छुआरा के फायदे बताते रहे है, छुआरे का सेवन बड़े, बूढ़े, बच्चे सभी कर सकते है।

आज इसी अनगिनत गुणों से भरपूर छुआरे के बारे में हम आपको बताएंगे। छुआरे केवल शरीर को गर्माहट नही देते बल्कि विभिन्न रोगों में आराम देता है।

छुआरे में पाए जाने वाले पोषक तत्व

छुआरे में प्रोटीन, फैट (वसा) 0.4, कार्बोहाइड्रेट 33.8, मिनरल्स 1.7, कैल्शियम 0.022, फास्फोरस 0.38, विटामिन बी और सी, शुगर – 85 फीसदी होते है इसके अलावा इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर भी पाया जाता है।

छुआरा के फायदे-Chuhare Khane Ke Fayde

ओरल हाइजीन के लिए

छुआरा अपने एंटीमाइक्रोबियल गुण के कारण ओरल हाइजीन में फायदेमंद होता है। इसमे पाया जाने वाला प्रोटीन और विटामिन सी मुँह में होने वाले प्रत्येक संक्रमण को दूर करता है।

मधुमेह

यू तो मधुमेह में किसी भी प्रकार का मीठा मना होता है, लेकिन यदि मधुमेह का मरीज़ सीमित मात्रा में छुआरे का सेवन करता है तो कोई नुकसान नही होगा। क्योंकि छुआरे का प्राकृतिक मीठा कम से कम चीनी से तो बेहतर ही रहता है।

माहवारी का दर्द

यदि महिलाएं माहवारी से 2 दिन पहले से लेकर माहवारी समाप्त होने तक दूध के साथ छुआरे का सेवन करती है, तो माहवारी के दौरान होने वाले दर्द में आराम मिलता है। साथ ही कमर दर्द और पैरों में ऐंठन में भी आराम मिलता है, साथ ही माहवारी के दौरान कम रक्तस्राव भी ठीक होता है।

माहवारी की समस्या
माहवारी की समस्या

पेट की समस्याएं

छुआरे में पाया जाने वाला हाई फाइबर पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पेट की ज्यादातर समस्याए जैसे पेट से जुड़ी समस्या जैसे कब्ज, अपचन, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंत से जुड़ा विकार) में छुआरा खाना चाहिए।

हाई फाइबर के कारण छुआरा पेट से कब्ज की समस्या को दूर करता है। इसके लिए सुबह-शाम 3 छुहारे खाने के बाद गर्म पानी पी लें।

युवा बनाये रखें

छुआरे में पाए जाने वाले तत्व एंटीएजिंग की तरह काम करते है। छुहारे में बहुत से एंटी ऑक्सीडेंट तत्व विटामिन ए, पैंटोथेनिक एसिड, जिंक, कॉपर व सिलेनियम,पॉलीफेनोल्स पाए जाते है।

ये सभी तत्व त्वचा को हानिकारक तत्वों से बचाकर, युवा और हम बनाये रखते है। त्वचा की नई कोशिकाएं बनाने में पुराने डैमेज को दूर करने मदद मिलती है।

साइटिका

साइटिका के दर्द में पूरा आराम व्यायाम और दवाओं से ही होता है, लेकिन मासपेशियो को मजबूत करने के लिए तथा दर्द में कुछ राहत के लिए छुआरे का सेवन फ़ायदेमंद रहता है।

मसल्स को मजबूत बनाए

मसल्स की मजबूती के लिए सबसे जरूरी तत्व होता है प्रोटीन। और छुआरे में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है। छुआरे में पाया जाने वाला प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत को मजबूत बनाता है।

हृदय रोग में फायदेमंद

अभी ये शोध का विषय है कि छुआरा किस हद तक हृदय रोग में फायदेमंद है। पर यह माना जाता है कि हृदय रोग के कुछ कारणों जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, लिपिड ऑक्सीडेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है।

छुहारे में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट तत्व शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। जिससे दिल की बीमारियों का भी खतरा कम होता है।

तुरन्त ऊर्जा प्रदान करे

किसी भी कार्य मे लगने वाली ऊर्जा कार्बोहायड्रेट से मिलती है, कार्बोहाइड्रेट उर्जा उत्पन्न करने वाले प्रोसेस में ग्लोकोज बनाती है। इसलिए छुआरे में पाई जाने वाली नेचुरल शुगर से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है और स्टेमिना मजबूत होता है।

बालो के लिए फायदेमंद

आयरन, जिंक, सिलेनियम, विटामिन-ए और विटामिन-सी ऐसे तत्व है जो स्वस्थ्य बालो के लिए बहुत जरूरी है। ये सभी पोषक तत्व छुआरे में होते है खासतौर पर विटामिन सी और सिलेनियम।

ये तत्व बालो को झड़ने से रोकते है। बालो को खूबसूरत बनाते है। साथ ही छुआरे का एन्टी माइक्रोबियल गुण डर्मेटाइटिस या सोरायसिस से स्कैल्प का बचाव करता है।

इन गुणों के अलावा छुआरा कुछ अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद है जैसे

  • ब्लडप्रेशर की समस्या
  • बच्चो की बिस्तर पर पेशाब की समस्या
  • खांसी
  • आंखों के रोग
  • सांस की बीमारी
  • एलर्जी या इन्फेक्शन
  • मानसिक रोग
  • एनीमिया
  • कैंसर

छुआरे के साइड इफ़ेक्ट

जरूरत से ज्यादा छुआरे के सेवन से निम्न समस्याए हो सकती है।

  • ब्लोटिंग (पेट फूलना)
  • हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर का स्तर कम होना)
  • अधिक नींद आना
  • अधिक पसीना आना
  • कंपकंपी आना

छुआरा खाने का तरीका

कैसे खाएं

साबुत, दूध में उबालकर, मिठाई में शक्कर की जगह डालकर,आप छुहारों को साबुत खा सकते हैं,सिरेल्स या मूसली में डालकर

स्वास्थ्यवर्धक डाबर च्यवनप्राश के फायदे-Dabur Chyawanprash Benefits In Hindi

स्वास्थ्यवर्धक डाबर च्यवनप्राश के फायदे

भारत में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले कई प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक अमूल्य उपहार हैं डाबर च्यवनप्राश, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इस लेख में हम जानेंगे Dabur Chyawanprash के फायदे, सेवन विधि, नुकसान, और इसे कैसे सही तरीके से उपयोग किया जाए।

Dabur Chyawanprash क्या है?

डाबर च्यवनप्राश एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक हर्बल टॉनिक है, जिसमें आंवला, अश्वगंधा, तुलसी, पिपली जैसे 40 से अधिक प्राकृतिक औषधीय तत्व शामिल हैं। इसे इम्युनिटी बूस्टर च्यवनप्राश के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूती प्रदान करता है।

Dabur Chyawanprash के स्वास्थ्यवर्धक फायदे

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
    नियमित सेवन से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है, जिससे सर्दी, जुकाम और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। 
  2. पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है
    इसमें मौजूद हर्ब्स जैसे त्रिकटु और पिपली पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और पेट की समस्याओं में राहत देते हैं। 
  3. ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाता है
    यह शरीर में थकान को कम कर मानसिक और शारीरिक ताकत बढ़ाता है, जिससे आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं।

    मोटापा कम करने में मदद करे
    मोटापा कम करने में मदद करे
  4. स्मरण शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
    ब्राह्मी और शंखपुष्पी जैसे घटक मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं। 
  5. त्वचा और बालों की सेहत में सुधार
    आंवला और तुलसी एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और बालों को मजबूत बनाते हैं।


  • यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है                                                                                                          अश्वगंधा जैसे औषधीय तत्व यौन शक्ति और सहनशक्ति में सुधार करते हैं।
  • Dabur Chyawanprash का सेवन कैसे करें?

    • बच्चों के लिए (5 साल से ऊपर): आधा चम्मच दिन में एक बार, दूध के साथ सेवन करें। 
    • वयस्कों के लिए: 1 से 2 चम्मच दिन में दो बार, गुनगुने दूध या पानी के साथ। 
    • ध्यान रखें कि इसे खाली पेट लेने की बजाय भोजन के बाद लेना अधिक फायदेमंद होता है। 

    Dabur Chyawanprash के संभावित नुकसान

    यह एक प्राकृतिक हर्बल टॉनिक है और अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन ध्यान रखें:

    • अत्यधिक मात्रा में लेने से पेट में गैस, जलन या अपच हो सकता है। 
    • कुछ लोगों को इसके गर्म प्रकृति के कारण शरीर में गर्मी महसूस हो सकती है। 
    • मधुमेह रोगियों को सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मिठास होती है।

    Dabur Chyawanprash के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

    1. क्या डाबर च्यवनप्राश बच्चों के लिए सुरक्षित है?
      हाँ, 5 साल से ऊपर के बच्चों के लिए इसे आधा चम्मच दूध के साथ सेवन करना सुरक्षित और लाभकारी है।
    2. क्या यह सर्दी और जुकाम से बचाता है?
      जी हाँ, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों से बचाता है।
    3. क्या इसे रोजाना लेना चाहिए?
      हाँ, नियमित और सही मात्रा में सेवन करने से इसके फायदे लंबे समय तक मिलते हैं।

    क्या हैं रात को दलिया खाने के फायदे-Raat Me Daliya Khane Ke Fayde

    दलिया खाने से क्या होता है

    दलिया एक पौष्टिक और हल्का भोजन है जिसे रात को खाने के अनेक फायदे होते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि रात को दलिया खाने के फायदे क्या हैं, तो यह लेख आपके लिए है। दलिया न केवल आपके शरीर को पोषण देता है, बल्कि यह आपके पाचन तंत्र, नींद और वजन नियंत्रण में भी सहायक होता है।

    दलिया में पाए जाने वाले पोषक तत्व

    दलिया में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और खनिज जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। 100 ग्राम दलिया में लगभग 83 कैलोरी ऊर्जा होती है।

    रात को दलिया खाने के मुख्य फायदे

    1. डायबिटीज़ नियंत्रण में मददगार:

      दलिया में मैग्नीशियम होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, इसलिए यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

      मधुमेह
      मधुमेह
    2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाए:

      दलिया में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज जैसी पाचन समस्याओं को कम करता है।

    3. वजन नियंत्रण में सहायक:

      कम कैलोरी और अधिक फाइबर की वजह से दलिया लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

    4. नींद में सुधार:

      दलिया में पाए जाने वाले मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफैन मस्तिष्क को शांति देते हैं, जिससे अच्छी नींद आती है।

    5. दिल की सेहत बनाए:

      दलिया खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा घटता है।

    दलिया खाने के दौरान सावधानियां

    अत्यधिक सेवन से गैस या अपच हो सकता है।

    • ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोग इसे सावधानी से लें।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    क्या रात को दलिया खाना डायबिटीज़ के लिए सही है?

    हाँ, यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और डायबिटीज़ के मरीजों के लिए अच्छा विकल्प है।

    रात में दलिया खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

    सोने से लगभग 2-3 घंटे पहले हल्का भोजन करना उचित होता है।

    निष्कर्ष

    रात को दलिया खाने के फायदे अनेक हैं- यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसे अपनी डाइट में शामिल करें और बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लें।

    Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

    क्या रात को दलिया खाना चाहिए?

    दलिया कम फैट वाला और फाइबर से भरा खाद्य पदार्थ होता है, जो भूख तो अच्छी तरह मिटाता ही है,इसके अलावा ये आपकी कॉन्सटिपेशन और दिल से जुड़ी समस्याओं को भी खत्म करने में मदद करता है। तीन कटोरी लगभग पतला दलिया रात के खाने में पर्याप्त कैलोरी देता है इसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए आप इसे सीजनल सब्जियों के साथ बनाकर भी खा सकते हैं। अगर आप दलिया रात के खाने में शामिल करते हैं तो ये आपको अच्छी और गहरी नींद भी देता है, इसमें सेराटोनिन हॉर्मोन होता है जो स्ट्रेस को कम करने में मददगार साबित है. ये आपके मूड को बेहतर कर शरीर को भी शांत रखने में मददगार है ।

    गेहूं की दलिया खाने से क्या फायदा है?

    गेंहू के दलिया के अंदर 68 से 70% तक कार्बोहाइड्रेट, 8 से 24% तक प्रोटीन तथा 1 से 2% वसा होती है। गेहूँ का दलिया गेहूं की रोटी की तुलना मे बहुत अधिक फायदा करता है। क्योंकि हम इसके अंदर गेहूं के दाने को पिसते तो हैं लेकिन उसको आटे की तरह महीन नहीं पीसते हैं। जिसका फायदा यह होता है कि इसके अंदर उच्च मात्रा मे पोषक तत्व बने रहते हैं। गेहूँ के चोकर में लौह, कैल्सियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि खनिज पदार्थ होते हैं। लेकिन हम इसके चोकर को छानकर जानवरों को खिला देते हैं। असल मे गेहूं के दलिया मे हमको पूरा फायदा इसलिए भी मिलता है क्योंकि इसके अंदर गेहूं के छिलका (चोकर ) साथ ही रहता है।

    दलिया से वजन कैसे घटाएं?

    दलिया नाश्ते के लिए एक स्वस्थ और बेहतरीन विकल्प है, खासकर वजन घटाने के लिए, दलिया काफी पौष्टिक होता है। इसमें आयरन, फोलेट, कॉपर, नियासिन, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व होते हैं। ये फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए पेट में ज्यादा जगह घेरता है और आप कम खुद ही मात्रा में डाइट लेते हैं । यह अनाज आपके पेट के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है और वजन बढ़ने के पीछे एक कारक कब्ज को रोकता है। दलिया में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी से भरपूर होता है, जो वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। एक कटोरी वेजिटेबल दलिया खाने से आपको तृप्ति और पौष्टिकता दोनों मिलती हैं। आप दलिया में रागी, बाजरा, गेहूँ और भी अन्य अनाजों से विकल्प तलाश सकते हैं।

    क्या दलिया खाने से मोटे होते हैं?

    दलिया में कैलोरी की मात्रा बहुत होती है जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है। लेकिन इससे मोटापा नहीं बढ़ता है। रोजाना दलिया खाने से आपको बहुत कम मात्रा में कैलोरी मिलती है। क्योंकि इसमें बहुत अच्छी मात्रा में फ़ाइबर होता है इसलिए कम मात्रा लेने पर ही आपका पेट भर जाता है और साथ ही साथ कब्ज की समस्या नहीं रहती, पाचनतंत्र मजबूत होता है। दलिये के साथ जुडा़ कोई भी कारक ऐसा नहीं है जो वजन बढा़ने की ओर इशारा करता है।

    जानिए सेहत से भरपूर वीट ग्रास के फायदे-Wheatgrass Ke Fayde

    व्हीट ग्रास के फायदे

    आज कल दुनिया में कई तरह की बीमारियाँ हैं और हर रोज़ नई तरह की बीमारियाँ पनप रही है। हमारे शरीर को इन बीमारियों से लड़ने के लिए कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स, कैल्शियम और प्रोटीन आदि की आवश्यकता पड़ती है। हम इन आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए कई प्रकार की चीजों का सेवन भी करते हैं। इसके बावजूद कई बार छोटी मोटी परेशानियाँ आ ही जाती हैं। ऐसे में वीट ग्रास बहुत ही मददगार साबित होता है। वीट ग्रास के फायदे अनेक हैं। वीट ग्रास एक ऐसी चीज़ है जो शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को पूरा करता है और कई बीमारियों को खत्म करता है।

    क्या है वीट ग्रास-Wheatgrass In Hindi

    गेहूं के पौधे पर उसके पकने से पहले जो हरी और युवा घास होती है उसे वीट ग्रास कहा जाता है। इन्हे तोड़ कर और सुखा कर इनका पाउडर बना लिया जाता है और फिर इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग बिना सुखाये ही इनका प्रयोग कर लेते हैं। वीट ग्रास को एक सुपर फूड माना जाता है।

    वीट ग्रास
    वीट ग्रास

    वीट ग्रास के फायदे-Wheatgrass Ke Fayde

    कमजोरी को करे दूर-wheatgrass benefits in hindi

    दिन भर काम करने की वजह से शरीर में कमजोरी आ जाती है और चक्कर भी आने लगते है। ऐसे में वीट ग्रास किसी रामबाण से कम नहीं। वीट ग्रास का जूस शरीर में ज़रूरी तत्वों की पूर्ति करता है और कमजोरी को दूर करता है।

    पाचन में करे मदद-wheatgrass juice benefits in hindi

    आज कल लोगों का खान पान ठीक ना होने के कारण पेट में भोजन ठीक से पच नहीं पाता। इससे पेट में कई विकार उत्पन्न हो जाते है और ये कई और समस्याओं को जन्म देता है। ऐसे में व्हीट ग्रास आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है। वीट ग्रास में अमीनो ऐसिड और एंज़ाइम्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं जो भोजन को जल्दी पचाने में मदद करते हैं और पेट को साफ रखते हैं।

    शरीर को दे पोषण-benefits of wheatgrass juice in hindi

    वीट ग्रास शरीर को पोषण भी देता है। इसमे भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी और मिनरल्स पाये जाते हैं जो आपके शरीर को पोषण देकर आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

    ग्लूकोज़ के लेवेल को करे कंट्रोल-jawara juice benefits

    वीट ग्रास डायबिटीज़ के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वीट ग्रास के जूस का नियमित सेवन करने से शरीर में ग्लूकोस का स्तर कंट्रोल में रहता है जिससे डायबिटीज़ भी कंट्रोल में रहता है।

    भूख को करे कम-jaware ka juice benefit in hindi

    जिन लोगों को भूख बहुत ज्यादा लगती है वो लोग वीट ग्रास का सेवन कर सकते हैं। वीट ग्रास शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करके भूख को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप नियमित रूप से वीट ग्रास के जूस का सेवन करें या सुबह खाली पेट व्हीट ग्रास खाये।

    कोलेस्ट्रॉल को करे कम-wheatgrass benefits in hindi

    वीट ग्रास आपके दिल का भी खयाल रखता है। वीट ग्रास में ऐसे तत्व पाये जाते है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करते है और आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

    कैंसर से लड़े-wheatgrass juice benefits in hindi

    वीट ग्रास कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में भी आपकी मदद करता है। वीट ग्रास में ऐन्टी ओक्सीडेंट्स पाये जाते है जो कैंसर को खत्म करने में मदद करते है।

    जोड़ों के दर्द को करे दूर-benefits of wheatgrass juice in hindi

    जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे जोड़ों में दर्द की समस्या आम हो जाती है। कई बार तो यह समस्या बहुत बढ़ जाती है और चलने फिरने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप वीट ग्रास का सेवन भी कर सकते हैं। वीट ग्रास के नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

    व्हीटग्रास जूस पीने के क्या फायदे हैं?

    व्हीटग्रास यानि जवारे का रस के कई फायदे हैं - 1.जवारे का रस का सेवन करने से खून की कमी पूरी होती है ,एनीमिक व्यक्ति को जवारे का जूस का सेवन करने से फायदा होता है । 2.मोटापे से ग्रसित व्यक्ति को जवारे के रस का सेवन करने से काफी लाभ होता है । इसके सेवन से शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं । 3.जवारे के रस सेवन से पेट की अपच की समस्या में काफी लाभ होता है । 4.जवारे के रस का सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है ।जिसकी वजह से दिल की बीमारी का खतरा कम रहता है । 5.जवारे के रस का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता । 6.जवारे के रस का सेवन मधुमेह की बीमारी को मात दे सकते हैं ।जवारे के जूस पीने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और खून में शुगर की मात्रा कम हो जाती है । 7.जवारे का रस गठिया की बीमारी में काफी लाभ मिलता है । इसके सेवन से घुटनों के सूजन और दर्द में भी आराम मिलता है । 8.जवारे के जूस में एंटी एगिंग गुण भी पाए जाते हैं । जो उम्र के साथ चेहरे पर आने वाली झुर्रियों को बढ़ने से रोकता है ।

    गेहूं के जवारे का रस कब पीना चाहिए?

    गेहूं के जवारे के रस की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका प्रयोग गर्मियों में ज्यादा किया जाता है। सर्दियों में गेहूं के जवारे का सेवन दोपहर के समय करना चाहिए । गेहूं के जवारे के रस का सेवन अधिकांश सुबह के समय करना चाहिए जिससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और व्यक्ति स्वस्थ महसूस करेगा । यदि सुबह सेवन करना संभव ना हो तो दोपहर के खाने से पहले इसका सेवन करना चाहिए ।

    व्हीटग्रास के क्या फायदे हैं?

    व्हीट ग्रास यानी गेहूं के जवारे अत्यधिक गुणकारी होते हैं - 1. चेहरे के मुहासे को ठीक करने में व्हीट ग्रास गुणकारी है। 2.व्हीट ग्रास पाउडर के नियमित सेवन से पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता बढ़ती है । 3.व्हीट ग्रास में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो घाव, कीड़ों के काटने ,खरोच तथा त्वचा पर चकत्ते आने पर लाभदाई है। 4.व्हीट ग्रास मे पाए जाने वाले क्लोरोफिल से शरीर में हिमोग्लोबिन का उत्पादन होता है इसीलिए एनीमिया के रोगियों को व्हीटग्रास के सेवन की सलाह दी जाती है । 5. व्हीट ग्रास में कैंसर की कोशिकाओं को रोकने की क्षमता होती है इसीलिए कैंसर के रोगियों को व्हीटग्रास पाउडर पाउडर या जूस का सेवन करना चाहिए । 6. शराब के सेवन के बाद होने वाले हैंगओवर का भी गेहूं के जवारे से इलाज किया जा सकता है । 7. अवसाद के रोगियों के लिए भी गेहूं के जवारे का सेवन फायदेमंद होता है ।

    गेहूं के ज्वारे कैसे उगाये?

    गेहूं के जवारे उगाने की विधि - गेहूं के ज्वारे उगाने के लिए हमेशा अच्छी किस्म के जैविक यानी ऑर्गेनिक गेहूं का प्रयोग करना चाहिए कभी इसके गुणों का भरपूर लाभ मिलता है । गेहूं के जवारे उगाने के लिए लगभग 100 ग्राम गेहूं को रात को सोते समय किसी बर्तन में भिगोकर रख दें । 7 गोलाकार गमले लेकर उनके तले के छेद को एक पतले पत्थर के टुकड़े से ढक दें । मिट्टी और खाद को अच्छी तरह से मिलाकर गमले में 2 इंच मोटी पर परत बिछा दें और पानी छिड़क दे । गेहूं के जवारे उगाने के लिए हमेशा जैविक खाद का ही प्रयोग करें ।अगले दिन गेहूं को धोकर निथार लें ।अब एक गमला लेकर उस पर गेहूं की एक परत बिछा दे। गेहुओं के ऊपर थोड़ी मिट्टी डाल दें और पानी से सीच दें ।गमले को किसी छायादार स्थान जैसे बरामदे या खिड़की के पास रख दें जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो लेकिन धूप की सीधी किरण मामले पर नहीं पड़नी चाहिए ।अगले दिन अगला गमला लेकर उसमें गेहूं बो दीजिए और इसी तरह हर रोज एक गमले में गेहूं बोते रहें । गमलों में रोजाना कम से कम दो बार पानी दें ताकि मिट्टी नम और गीली बनी रहे। जब गेहूं के जवारे 1 इंच से बड़े हो जाएं तो एक बार ही पानी देना पर्याप्त रहता है पानी देने के लिए स्प्रे बॉटल का प्रयोग करें । 7 दिन बाद 5 से 6 पत्तियों वाला 6 से 8 इंच लंबा जवारा निकल जाएगा अब इस जवारे को जड़ सहित उखाड़ ले और पानी से अच्छे से धो कर प्रयोग कर ले । इस प्रकार आप हर रोज एक गमले से जवारे तोड़ते जाइए और रोज गमले में जवारे बोते जाइए ताकि आपको निरंतर जवारे मिलते रहे ।

    व्हीटग्रास पाउडर क्या होता है?

    व्हीटग्रास यानी गेहूं के जवारे हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होते हैं । खासकर जवारे का रस । परंतु व्हीटग्रास जूस बनाने में थोड़ा समय लगता है इसीलिए आजकल लोग व्हीटग्रास पाउडर का प्रयोग करते हैं । व्हीटग्रास पाउडर व्हीट ग्रास को धूप में सुखाकर उसे पीस कर बनाया जाता है ।इस पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पीना लाभदायक होता है ।

    जानिए क्या है लिव 52 के फायदे

    लिव 52 के फायदे

    हिमालय कम्पनी का लिव 52 बहुत सी दुर्लभ जड़ीबूटियों को मिलाकर बनाया गया उत्पाद है। सामान्यतया माना जाता है कि इसका मुख्य प्रयोग लिवर को स्वस्थ्य रखने में होता है। लेकिन लिव 52 के फायदे और भी बहुत है जो आज हम आपको इस लेख में बताएंगे। सबसे पहले हम पूरी तरह से लिव 52 को जानेंगे कि ये दरअसल क्या है। लिव 52 पूर्ण रूप से आयुर्वेद पर बेस्ड एक प्रोडक्ट है जिसमे केमिकल का प्रयोग नही किया गया है।

    दरअसल इसका नाम और इसकी संकल्पना ही लिवर को लेकर की गई है। लिवर से निकलने वाले जूस ही हमारे भोजन को पचाते है। यदि लिवर में ही कोई कमी आ जाए तो डायजेस्टिव सिस्टम बिगड़ जाता है। इसी डायजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाने और लीवर को मजबूत करने के उपाय के लिए लिव 52 का उपयोग किया जाता है। लिव 52 लिवर को सभी संक्रमणो से दूर रखता है तथा हेपेटाइटिस बी जैसे संक्रमण से दूर रखता है।

    हिमालय लिव 52 दो रूपो में मिलता है टेबलेट और सिरप। लिव 52 में प्रयुक्त होने वाली जड़ीबूटियां निम्न है।

    • हिमसरा काबरा ( Humara capparis spinosa )
    • कासनी चिकोरी (Kasani cichorium ) 34mg
    • काकमाची ( kakamachi ) 34mg
    • अर्जुना ( Arjuna ) 16mg
    • झउका ( Jhavuka ) 8mg
    • बिरंजासिफिआ ( Biranjasipha ) 8mg

    लिव 52 के फायदे-LivK52 Ke Fayde

    एनीमिया

    एनीमिया
    एनीमिया

    एनीमिया यानी खून की कमी, इसका सीधा सम्बन्ध तो लिवर से नही है। पर यदि हमारे भोजन को पचाने में हमारा लिवर सक्षम नही तो सभी पौष्टिक तत्व शरीर को नही मिलेंगे। आयरन भी इन्ही में एक है, तो यदि आप एनीमिया से ग्रसित है तो लिव 52 का सेवन आपके लिए लाभकारी होगा।

    हेपेटाइटिस

    हेपेटाइटिस ए हो या हेपेटाइटिस बी दोनों ही स्थितियों लिवर कमजोर होने लगता है। इसका कारण लिवर में होने वाला संक्रमण है। ऐसे में लिव 52 का सेवन चाहे वो सिरप हो या टैबलेट लाभकारी रहता है।

    भूख की कमी

    जब लिवर सही तरीके से काम नही करेगा तो उससे निकलने वाले पाचन रस भी कार्य नही करेंगे। ऐसे में भूख की कमी हो जाती है, व्यक्ति का वजन दिन ब दिन कम होने लगता है। ऐसे में डॉक्टर्स लिव 52 की ही सलाह देते है।

    लिव 52 भोजन की खपत को बढ़ाने का भी कार्य करता है। इसके अलावा हमारे शरीर से टॉक्सिन्स मटेरियल को बाहर निकालने में मदद करता है। ये सभी पाचक एंजाइम को सही प्रकार से संतुलित करके डायजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाता है।

    लिवर सिरोसिस

    लिवर सिरोसिस का अर्थ है लिवर की कोशिकाओं को नुकसान होना। लिवर सेल्स को नुकसान होने का एक बहुत बड़ा कारण है शराब का अधिक सेवन। शराब का अधिक सेवन लीवर से संबंधित और भी तमाम बीमारिया होती है जैसे- फैटी लिवर, लिवर हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस।

    जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है तो लिवर सेल्स डैमेज होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को शराब का सेवन बन्द या कम से कम करके, लिव 52 का सेवन करना चाहिए।

    लिव 52 लिवर के आगे होने वाले डैमेज को कम करके, damaged सेल्स को रिपेयर भी करता है। यदि शराब पीने या किसी अन्य कारण से लिवर डैमेज हो जाए तो ट्रांसप्लांट के अलावा अन्य कोई चारा नही रहता।

    लिव 52 के अन्य फायदे

    यदि कोई व्यक्ति अल्कोहल के सेवन के बाद हैंगओवर में है तो लिव 52 के सेवन से हैंगओवर का असर कम हो सकता है।
    लेकिन सावधान रहिए हर बार ये तरीका आजमाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।

    आज कल खान पान सेहत पर कम और जंकफूड पर ज्यादा टिका है। लगातार पैकेज्ड और जंकफूड खाने से छोटी आंत में टॉक्सिन बनने लगते है। ऐसे में जंक फूड का सेवन कम करके लिव 52 लेने से डायजेस्टिव सिस्टम से टॉक्सिन बाहर निकल जाते है।

    जब लिवर में बिलीरुबिन एंजाइम की मात्रा कम या समाप्त हो जाती है तो यूरिन, स्किन और आंखों का रंग पीला हो जाता है। इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते है। इस स्थिति में भी लिव 52 भी स्थिति में सुधार लाने में मदद करता है।

    लिव 52 कितनी मात्रा में ले।

    लिव52सिरप

    बच्चों के लिए Liv 52 syrup का खुराक

    हिमालया लिव 52 सिरप  1 चम्मच (5 ml)दिन में तीन बार  सुबह-दोपहर-शाम

    व्यस्को के लिए Liv 52 syrup का खुराक

    हिमालया लिव 52 सिरप 2 चम्मच (10 ml)दिन में तीन बार  सुबह-दोपहर-शाम

    लिव52 टेबलेट

    दिन में दो बार(चिकित्सक के परामर्श अनुसार खाने के बाद या पहले)

    गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करे।

    मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज-monkeypox in hindi

    मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज

    शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने चिकेन पॉक्स के बारे में नहीं सुना होगा! चिकेन पोक्स मतलब चेचक। लेकिन क्या आपने मंकी-पॉक्स (Monkeypox) का नाम सुना है। कोविड से दुनियाभर के देश अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नई दुर्लभ बीमारी मंकी पोक्स ने दस्तक दे दी है। चेचक से इसकी तुलना इसलिए ही की जा रही है कि ये भी वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है।

    अमेरिका और यूरोप में एक दुर्लभ संक्रमण के उभरने से वैज्ञानिक चिंतित हैं, इस बीमारी का नाम है- मंकीपॉक्स। गनीमत है कि भारत में अभी तक इससे संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है।

    विभिन्न देशों से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए हैं।

    मंकी-पॉक्स (Monkeypox) कैसा फैलता है

    ये वायरस संक्रमण से फैलता है, मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आँख, नाक और मुँह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकी पॉक्स के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जानकारों की मानें ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ सकता है।

    मंकी-पॉक्स (Monkeypox) के लक्षण क्या हैं –

    मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

    बुखार
    बुखार

    इस बीमारी का इतिहास क्या है

    पहली बार साल 1958 में ये वायरल इन्फेक्शन बंदर में पाया गया था। इंसानों में पहली बार ये बीमारी 1970 में सामने आई थी। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था। खास बात ये है कि, उस दौरान 75 फीसदी मरीज पुरुष थे। ये एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसने अबतक अधिकतर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में अपना जोर दिखाया है।

    वर्तमान में हालात

    वर्तमान समय में, अभी तक ब्रिटेन में इसका पहला मरीज 7 मई को मिला था। फिलहाल यहाँ मरीजों की कुल संख्या 9 है। वहीं, स्पेन में 7 और पुर्तगाल में 5 मरीजों की पुष्टि हुई है। अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में मंकी पॉक्स के 1-1 मामले सामने आए हैं। साथ ही कनाडा में 13 संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। बेल्जियम में शुक्रवार को 2 मामले सामने आए हैं।

    मंकीपॉक्स का इलाज कैसे होता है

    मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं, जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है. रोगियों को अलग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का उपयोग करके हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा निगरानी की जाती है. हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।

    अभी तक ये यह वायरस ज्यादा खतरनाक साबित नहीं हुआ, पश्चिम अफ्रीका में कुछ मौतें हुई हैं, इसलिए मंकीपॉक्स के मामले भी गंभीर हो सकते हैं, हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा खतरा नहीं है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है।

    विशेष

    विशेष तथ्य ये निकलकर आ रहा है कि ये समलैंगिकों पर भारी पड़ रहा है, मीडिया रिापाोर्ट्स में यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) का हवाला देते हुए कहा है कि, ब्रिटेन में अब तक मिले मंकी पॉक्स के ज्यादातर मामलों में मरीज वे पुरुष हैं, जो खुद को ‘गे’ या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई करते हैं। हालांकि, अबतक मंकी पॉक्स को यौन संक्रामक बीमारी नहीं माना गया है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि समलैंगिकों में ये सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से फैलती हो।

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