थायराइड क्या है?
थायराइड किसी बीमारी का नहीं बल्कि मनुष्य के गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए कुछ हॉर्मोंस का निर्माण करती है, जिनके नाम इस प्रकार है – टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine), टी4 यानी थायरॉक्सिन (thyroxine) और कैल्सीटोनिन (calcitonin)। ये हार्मोंस व्यक्ति के वजन, कोलेस्ट्रॉल, तापमान और भी कई अन्य चीजों पर प्रभाव डालते है। इन हॉर्मोंस में असंतुलन का सीधा असर हमारे शरीर के वजन पर पड़ने के साथ साथ शरीर के बाकी कई अन्य अंग भी प्रभावित होते है। शरीर की इस अवस्था को ही थायराइड की समस्या कहा जाता हैं।
आज के जमाने में थायराइड की समस्या आम बात हो गई है लोग इस बीमारी के बहुत ही तेजी से शिकार होते जा रहे हैं। औरतों में यह बीमारी बहुत ज्यादा देखने को मिली हैं। 30 से 60 उम्र की महिलाएं मैं इस बीमारी के सबसे ज्यादा असर देखने को मिले हैं। थायराइड की समस्या के कारण महिलाओं को गर्भधारण में समस्या उत्पन्न होती है।
थायराइड की समस्या से निपटने के लिए कई प्रकार खाद्य पदार्थों को मुख्य तौर पर अपने खाने में शामिल करना चाहिए और कई खाद्य पदार्थों ऐसे भी है जिनका परहेज करना चाहिए।
सामान्यत थायराइड बीमारी शरीर में आयोडीन की कमी से होती है। परन्तु कई बार शरीर में आयोडीन की अधिक मात्रा होने पर थायराइड की समस्या हो जाती है।
थायराइड के प्रकार – Types of Thyroid in Hindi
थायराइड की समस्या में क्या आहार खाये ये जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि थायराइड कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्यत थायराइड पांच प्रकार के होते हैं –
- हाइपोथायराइडिज्म
- हाइपरथायराइडिज्म
- आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉइटर
- हाशिमोटो थायराइडिटिस
- थायराइड कैंसर
इन पांचों में से भी हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म ही सबसे आम है। इस लेख में हम आपको बताएंगे की हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म थाइराइड होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
हाइपोथायराइडिज्म क्या है ?
हाइपोथायराइड वो होता है, जब थायराइड ग्रंथि शरीर में जरूरत से कम T3, T4 हार्मोन का निर्माण करती है। इसका सीधा असर व्यक्ति के शरीर पर पड़ने लगता है। हाइपोथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण इस प्रकार है।
थायराइड के लक्षण इन हिंदी
- मासिक धर्म की समस्या
- वजन का बढ़ना
- रूखी त्वचा
- बाल का झड़ना
- धीमी ह्रदय गति
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- चेहरे पर सूजन
- कब्ज जैसी समस्याएं
थाइरोइड डाइट
हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hypothyroidism in Hindi
हाइपोथायराइडिज्म में नीचे लिखे आहार को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।
आयोडीन नमक
हमारे शरीर में थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की जरुरत होती है। शरीर में आयोडीन की कमी होने पर भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसीलिए आपको ऐसी चीजों को अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए जिनमे अधिक मात्रा में आयोडीन हो। जैसे की आयोडीन युक्त नमक का सेवन।
![आयोडीन नमक](/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%95.webp)
![आयोडीन नमक](/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%95.webp)
ब्राजील नट्स
ब्राजील नट्स में अच्छी मात्रा में खनिज सेलेनियम पाया जाता है। सेलेनियम थायराइड हार्मोन में सुधार करने में मदद करता है। आप एक नियमित मात्रा में ब्राजील नट्स को अपने डॉक्टर से परामर्श कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
मछली और अंडे
अगर आप मांसाहारी है तो मछली, चिकन, मांस ,अंडा इत्यादि का सेवन कर सकता है। मछली में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और सेलेनियम होता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साथ ही साथ सेलेनियम थायराइड हार्मोन को बैलेंस करता है। आप हर रोज एक संतुलित मात्रा में मछली का सेवन कर सकते हैं।
अंडे के सेवन से आपको थाइराइड की समस्या में काफी आराम मिलेगा। क्योंकि अंडा आयोडीन और प्रोटीन दोनों ही का मुख्य स्रोत है इसीलिए अंडे का सेवन हाइपोथायरायडिज्म व हाइपरथायरायडिज्म दोनों में ही किया जा सकता है।
अलसी के बीज
अलसी के बीज में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, सेलेनियम, जिंक और आयोडीन होता है। अलसी के बीज का सेवन कई बीमारियों से हमारा बचाव करता है क्योंकि अलसी के बीज में आयोडीन होता है इसीलिए इनका सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म में भी काफी आराम मिलता है।
दूध और अन्य डेरी उत्पाद
थायराइड की समस्या में दूध व् दूध से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए। दूध से बने पदार्थों में उपस्थित कैल्शियम थायरोक्सिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जिससे थायराइड बीमारी में राहत मिलती है।
![डेयरी पदार्थ](/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5.jpg)
![डेयरी पदार्थ](/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5.jpg)
हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hypothyroidism in Hindi
जैसा कि अब आप जानते है कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाना चाहिए। अब हम जानेगे कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए।
ग्रीन टी का सेवन
अत्यधिक ग्रीन टी का सेवन हाइपोथायराइडिज्म में नुकसान दायक होता है। ग्रीन टी में कैटेकिन नामक तत्व एंटी-थाइराइड होता है जो थाइराइड समस्या को बढ़ा सकता है।
सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थ
सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से भी हाइपोथायरायडिज्म होने का खतरा बना रहता है। ज्यादा मात्रा में सोयाबीन या सोया से बने खाद्य पदार्थों जैसे की टोफू, सोया दूध या सोया बार के सेवन से शरीर का हार्मोनल बैलेंस असंतुलित हो सकता है जिसके चलते हाइपोथायरायडिज्म की समस्या और बिगड़ सकती है।
हरी सब्जियों का सेवन
थायराइड के मरीज को थोड़ा संभलकर हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। कच्ची या आधी पकी हुई हरी सब्जी जैसे की पालक, ब्रोकोली आदि थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं।
ग्लूटेन फूड से दूर रहें
हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को अपने आहार में कम ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। गेहूं और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स जैसे कि ब्रेड, पास्ता में ग्लूटेन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसीलिए जितना हो सके ग्लूटेन फूड से दूर रहें।
जंक फूड को कहे ना
जंक फूड जैसे की तले हुए खाद्य पदार्थ, फ्रेंच फ्राइज, नूडल्स आदि को अपनी डाइट से दूर रखें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों और आयोडीन की कमी होती है। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
फैटी फूड्स से रहे दूर
फैट्स यानी वसा वाले फूड्स भी थायराइड हार्मोन के उत्पादन में रुकवाट पैदा करते है। हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को बटर और मेयोनीज़ जैसे पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।
चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से दूर
हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी असावधानी से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। आपको कम मात्रा में चीनी और मीठे का उपयोग करना चाहिए। चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से भी दूर रहे।
आइये अब जानते है हाइपरथायराइडिज्म के बारे में।
हाइपरथायराइडिज्म क्या है?
जब थायराइड ग्रंथि द्वारा जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है तो इसे हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं। हाइपरथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण है।
थायराइड के लक्षण इन हिंदी
- वजन कम होना,
- हृदय गति में वृद्धि,
- चिंता,
- चिड़चिड़ापन,
- अनियमित पीरियड,
- अनिद्रा,
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई,
- भूख में वृद्धि
- नम त्वचा
थाइरोइड डाइट-थायराइड में परहेज
हाइपरथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hyperthyroidism in Hindi
हरी सब्जियां
हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हरी सब्जियों जैसे – पालक, ब्रोकली, पत्ता गोभी व मूली को अपने आहार चाहिए। सलाद वाली सब्जियों को भी अपनी डाइट में शामिल करे जैसे कि टमाटर, खीरा इत्यादि।
फल
हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हमेशा मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। बिना मौसम के फलों का सेवन आपकी सेहत के हानिकारक हो सकता है। खासतोर पर स्ट्रॉबेरी, नाशपाती व आड़ू जैसे फलो सेवन तभी करे जब इनका मौसम हो क्योंकि इन फलो में ऐसे तत्व होते हैं, जो थायराइड हॉर्मोन के निर्माण में रुकवाट बन सकते है।
अंडा
आप अंडे के सफेद हिस्से का सेवन भी कर सकते है। क्यूंकि अंडे की जर्दी में आयोडीन ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए उसका सेवन न करे।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में एंटी-थायराइड गुण पाए जाते हैं जो शरीर में थायराइड हॉर्मोन को नियंत्रित करने में मदत करती है। आप एक नियमित मात्रा में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
ड्राय फ्रूट्स का सेवन
हाइपरथायराइडिज्म होने पर आप पिस्ता, बादाम व अखरोट जैसे ड्राय फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं।
हाइपरथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hyperthyroidism in Hindi
हाइपरथायराइडिज्म में नीचे लिखी चीजे नहीं चाहिए।
- जंक फूड जैसे – बर्गर, फ्रेंच फ्राइज व तली हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- अलग-अलग खाद्य चीजों का लोगों पर अलग-अलग असर होता है। यदि आपको दूध या दूध से बनी चीजों जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि से अपच, सूजन या थकान महसूस होती है तो इनसे परहेज करें।
- शुगर युक्त पेय या खाद्य पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट और कैंडी आदि चीजों का सेवन न करें। चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करे।
- फलों के रस का सेवन न करें, उसके बदले आप फल खाएं।
- ज्यादा आयोडीन व सेलेनियम वाले खाद्य पदार्थ न खाएं।
- ब्रेड, चावल, पास्ता, नान व बिस्कुट जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।