खुजली जो एक बार हो जाए तो रात की नींद और दिन का चैन छीन लेती है। खुजली कभी किसी इन्फेक्शन, कभी किसी दवाई के साइड इफ़ेक्ट के कारण होती है। खुजली करने पर थोड़ा आराम जरूर लगता है पर यह समस्या गंभीर भी हो सकती है। आज के इस लेख में हम खुजली के कारण और दाने वाली खुजली का उपचार के बारे में बात करेंगे।
खुजली के प्रकार
खुजली कई प्रकार की होती है
प्रुरिटोसेप्टिव खुजली
ये सूजन, उम्र का असर या किसी इन्फेक्शन के कारण होने वाली खुजली होती है। इसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है।
न्यूरोजेनिक खुजली
न्यूरोजेनिक मतलब न्यूरॉन्स यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से रिलेटेड खुजली। ऐसी बीमारिया या दिक्कतें जो दरअसल त्वचा से नही किडनी, लिवर, खून और कैंसर से जुड़ी होती है और खुजली इन्ही में से किसी कारण से होती है।
साइकोजेनिक खुजली
ऐसी खुजली डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक विकारों के कारण हो सकती है। इसमे खुजली न होने पर भी व्यक्ति त्वचा को खुजलाता रहता है।
न्यूरोपैथिक खुजली
ये खुजली पेरिफेरल नर्वस सिस्टम से जुड़ी किसी दिक्कत के कारण होता है। यह खुजली विकार जैसे पैरेस्थेसिया (हाथों में लगातार सुई चुभने जैसा एहसास) के कारण हो सकती है। यह विकार कई बार खुजली के साथ दर्द का भी कारण बन सकते हैं।
खुजली के कारण
- प्रदूषित हवा व पानी से
- किसी खास भोज्य पदार्थ से एलर्जी
- किसी दवा के साइड इफेक्ट से
- ड्राई त्वचा
- कॉस्मेटिक्स के साइड इफ़ेक्ट से जैसे केमिकलयुक्त हेयर डाई या हेयर कलर, क्रीम, डिओडरेंट या मेकअप प्रोडक्ट
- मौसमी बदलाव
- कीड़े मकोड़ो के काटने से
- किडनी की बीमारी, आयरन की कमी या थायराइड की समस्या में हो तो खुजली हो सकती है।
- पित्ती (हाइव्स), सोरायसिस (त्वचा पर खुजली, रैशेज और चकत्ते)
- गर्भावस्था में
दाने वाली खुजली का उपचार
दाने वाली खुजली भी कई तरह की की होती है, जैसे लाल जलन दार दानों वाली, पानी के दानों वाली, दर्दभरे दानों वाली खुजली।
आज इस आर्टिकल में हम आपको दाने वाली खुजली के घरेलू उपचार बताएंगे।
आम की छाल का करें प्रयोग
आम के पेड़ की छाल और बबूल के पेड़ की छाल को बराबर मात्रा में ले। एक ली. पानी में उबाल लें और इस पानी से खुजली वाली जगह पर भाप लें। फिर इस जगह पर घी लगाएँ।
गंधक से मिले आराम
दाने वाली खुजली का उपचार करने के लिए गंधक को पीसकर नारियल के तेल में मिला ले। इस लेप को खुजली वाली जगह पर लगाए। इससे बहुत ज्यादा जलन होगी लेकिन खुजली में आराम मिलता है।
एलोवेरा दिलाये आराम
ताजे एलोवेरा को बीच से काटकर उसका पल्प खुजली की जगह रगड़े आराम मिलेगा। साथ ही ऐलोवेरा जूस का सेवन करें।
गिलोय के जूस का करें सेवन
गिलोय के जूस या काढ़े का सेवन करने से शरीर के अंदर की अशुद्धि दूर होती हैं,और खुजली में आराम मिलता है।
बेकिंग सोडा
नहाते समय बाथटब में एक से डेढ़ चम्मच बेकिंग सोडा मिला लें।इस पानी को खुजली वाले स्थान पर कुछ देर तक डाले और फिर साफ पानी मे नहा ले।
तुलसी के पत्तों का करें इस्तेमाल
तुलसी के पत्ते पानी मे उबाल लें। इस पानी को नहाने के पानी मे मिला ले।अब इस पानी से स्नान करें।चाहें तो तुलसी की पत्तियों का पेस्ट लगा सकते हैं। तुलसी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन व खुजली में आराम देते है।
निम्बू के प्रयोग से मिले आराम
नीबू के रस को पानी मे मिलाकर प्रभावित स्थान पर कॉटन से लगाएं। नींबू में एंटीएजिंग गुण पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र के कारण होने वाली खुजली का घरेलू इलाज करने में मदद कर सकते हैं। संवेदनशील त्वचा पर इस्तेमाल न करें।
सेब का सिरका है लाभदायक
नहाने के पानी में एक कप सेब का सिरका मिलाएं। कुछ देर प्रभावित स्थान पर डाले। बाद में साफ पानी से नहा लें।
दाने वाली खुजली का उपचार हैं नीम की पत्तियां
नीम की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। पानी में नीम की पत्तियों को उबालकर नहा भी सकते हैं।
एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल एवं एंटीवायरल गुण हर प्रकार की खुजली में आराम देते है।
ओटमील का करें प्रयोग
ओटमील पानी में कुछ मिनट के लिए भिगो दें।अब एक सूती कपड़े में रखें और इसे कस लें। कपड़े में बंधे हुए ओटमील को पांच-दस मिनट के लिए नहाने के पानी में डाल दे, और स्नान करें।
इन सबके अलावा नारियल तेल, पुदीना, पेपरमिंट ऑयल का प्रयोग कर सकते है।
किन बातों का रखे ध्यान
- साफ सफाई का ध्यान रखें
- हल्के कपड़े पहनें।
- तेज गर्म पानी से नहाने से बचें।
- त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
- कॉस्मेटिक्स का कम से कम प्रयोग करे
- पानी वाले दानों को फोड़े नही
- दर्द भरे दानों को बार बार न छेड़े
न करें नजरअंदाज और तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करे जब
- खुजली गंभीर रूप ले ले।
- आसानी से आराम न मिले।
- खुजली का कारण समझ न आए।