शुगर में क्या खाना चाहिए-Sugar Ko Jad Se Khatam Karne Ka Tarika

शुगर में क्या खाना चाहिए

शुगर की बीमारी बढ़ती उम्र में ज्यादा देखने को मिली है। आज की अनुपात की बात की जाए तो विश्व में 30% लोग जो 50 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं उन्हें मधुमेह बीमारी हो जाती है। मधुमेह बीमारी शरीर पर ध्यान नहीं देने की वजह से और शर्करा का कंट्रोल नहीं रहने के कारण होने वाली बीमारी है।

मधुमेह बीमारी कई लोगों को अनुवांशिक तौर पर भी मिलते हैं। जैसे माता-पिता मैं से कोई भी एक मधुमेह से पीड़ित था। तो संतान में यह बीमारी पहुंचने के चांस रहते हैं।

शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए कई प्रकार के व्यायाम तथा खानपान को अपनी दिनचर्या में जोड़ना होता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए और कई तरीके जो आयुर्वेदिक या एलिफेटिक दवाइयों द्वारा पूर्ण होते हैं। लेकिन आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से घरेलू नुस्खों के तौर पर शुगर की बीमारी होने के वक्त व्यक्ति को क्या-क्या चीज खानी चाहिए उसके बारे में बात करेंगे।

शुगर में क्या खाना चाहिए-Sugar Me Kya Khana Chahiye

मधुमेह बीमारी होने के पश्चात खाने में कई प्रकार की चीजों से परहेज रखना पड़ता है। कई प्रकार के खाद्य पदार्थ को रेगुलर अधिक मात्रा में खाना होता है। मधुमेह बीमारी मुख्य तौर पर खान-पान पर ही कंट्रोल की जा सकती है।

कई बार गलत चीजें जिनका मधुमेह बीमारी होने के पश्चात परहेज होता है। ऐसी चीजें खाने पर शुगर बढ़ जाता है। और कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होती है। शुगर बढ़ने से हृदय पर भी काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं शुगर में क्या खाना चाहिए। और शुगर में कौन सी चीजों से आपके शरीर को फायदा होगा।

शुगर में इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं-Diabetes Me Kya Khana Chahiye

  • पत्तेदार सब्जियां
  • बिना छिलके के गेहूं की रोटी
  • करेला
  • इन सूखी सब्जियों का भी कर सकते हैं सेवन
  • फल
  • ड्राई फ्रूट का करें सेवन
  • नारियल पानी

शुगर रोगियों के लिए सब्जियां-पत्तेदार सब्जियां-Sugar Me Kya Kya Khana Chahiye

पत्तेदार सब्जियां
पत्तेदार सब्जियां

जिस व्यक्ति को शुगर की बीमारी है। उस व्यक्ति को ज्यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। पत्तेदार सब्जी में उपस्थित फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करता है, और एड्रीनलीन हार्मोन के उत्पादन दर को बढ़ाता है।

जिससे भोजन में उपस्थित शर्करा आसानी से पचित हो सके, और मधुमेह रोगियों के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां काफी ज्यादा फायदेमंद रहती है। हरी पत्तेदार सब्जियां खून को साफ करने में भी मददगार होती है। जैसे :- मेथी, सहजन , पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, टमाटर इत्यादि।

बिना छिलके के गेहूं की रोटी-Diabetes Me Kya Kya Khana Chahiye

शुगर के बीमार व्यक्ति को बिना छिलके वाले गेहूं की रोटी बनाकर खानी चाहिए बिना छिलके वाले गेहूं में कार्बोहाइड्रेट उपस्थित होता है।जो रक्त प्रसारण दर को नियमित रखता है जिनके वाले गेहूं में शर्करा की मात्रा उपस्थित होती है जिससे शुगर बढ़ने के चांस होते हैं।

करेला-Sugar Ke Mareez Ka Khana

शुगर के मरीज को करेला की सब्जी मुख्य तौर पर खानी चाहिए करेला की सब्जी शुगर के मरीज को काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। और करेला मैं उपस्थित फास्फोरस और पोटेशियम शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं और हृदय संबंधित कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

इन सूखी सब्जियों का भी कर सकते हैं सेवन-Sugar Me Kya Khana Chahiye

डायबिटीज में आहार के तौर पर सूखी सब्जियों का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे :- सोयाबीन की मंगौड़ी, जौ, बंगाली चना, काला चना, दालचीनी, इत्यादि

डायबिटीज रोगियों के लिए फल-Sugar Me Kya Khaye

शुगर के मरीजों को डॉक्टर की ज्यादा मात्रा में फल खाने की सलाह देता है। फल में शर्करा की मात्रा कम होती है।और इसके साथ ही अन्य कई पोषक तत्व उपस्थित होते हैं। जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। और सभी फलों में फाइबर अत्यधिक मात्रा में उपस्थित होता है।

जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। तथा एड्रीनलीन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जैसे :- जामुन, नीबू , आंवला, टमाटर, पपीता , खरबूजा , कच्चा अमरुद, संतरा, मौसमी, ककड़ी ,चुकन्दर, मीठा नीम, जायफल , नाशपाती , आम ,पका केला ,सेब, खजूर तथा अंगूर इत्यादि।

ड्राई फ्रूट का करें सेवन-Sugar Me Kya Khana Chahiye

शुगर के मरीजों को ड्राई फ्रूट का सेवन अत्यधिक मात्रा में करना चाहिए। ड्राई फ्रूट के तौर पर बादाम, काजू, पिस्ता इत्यादि का सेवन कर सकते हैं । ड्राई फ्रूट के साथ लहसुन प्याज तथा अंकुरित चने का सेवन करने से शुगर के लेवल में कमी आती है और मरीज को काफी ज्यादा फायदा होता है।

नारियल पानी-Sugar Me Kya Khaye

शुगर के मरीज को नियमित तौर पर नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। नारियल पानी में उपस्थित पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसी साथ ही नारियल पानी में शर्करा की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होती है जो शुगर लेवल को नहीं बढ़ाती है।

थायराइड में आहार-क्या खाएं और क्या नहीं, थायराइड में परहेज क्यों है जरुरी

थायराइड में आहार - क्या खाएं और क्या नहीं

थायराइड क्या है?

थायराइड किसी बीमारी का नहीं बल्कि मनुष्य के गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए कुछ हॉर्मोंस का निर्माण करती है, जिनके नाम इस प्रकार है – टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine), टी4 यानी थायरॉक्सिन (thyroxine) और कैल्सीटोनिन (calcitonin)। ये हार्मोंस व्यक्ति के वजन, कोलेस्ट्रॉल, तापमान और भी कई अन्य चीजों पर प्रभाव डालते है। इन हॉर्मोंस में असंतुलन का सीधा असर हमारे शरीर के वजन पर पड़ने के साथ साथ शरीर के बाकी कई अन्य अंग भी प्रभावित होते है। शरीर की इस अवस्था को ही थायराइड की समस्या कहा जाता हैं।

आज के जमाने में थायराइड की समस्या आम बात हो गई है लोग इस बीमारी के बहुत ही तेजी से शिकार होते जा रहे हैं। औरतों में यह बीमारी बहुत ज्यादा देखने को मिली हैं। 30 से 60 उम्र की महिलाएं मैं इस बीमारी के सबसे ज्यादा असर देखने को मिले हैं। थायराइड की समस्या के कारण महिलाओं को गर्भधारण में समस्या उत्पन्न होती है।

थायराइड की समस्या से निपटने के लिए कई प्रकार खाद्य पदार्थों को मुख्य तौर पर अपने खाने में शामिल करना चाहिए और कई खाद्य पदार्थों ऐसे भी है जिनका परहेज करना चाहिए।

सामान्यत थायराइड बीमारी शरीर में आयोडीन की कमी से होती है। परन्तु कई बार शरीर में आयोडीन की अधिक मात्रा होने पर थायराइड की समस्या हो जाती है।

थायराइड के प्रकार – Types of Thyroid in Hindi

थायराइड की समस्या में क्या आहार खाये ये जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि थायराइड कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्यत थायराइड पांच प्रकार के होते हैं –

  1. हाइपोथायराइडिज्म
  2. हाइपरथायराइडिज्म
  3. आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉइटर
  4. हाशिमोटो थायराइडिटिस
  5. थायराइड कैंसर

इन पांचों में से भी हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म ही सबसे आम है। इस लेख में हम आपको बताएंगे की हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म थाइराइड होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

हाइपोथायराइडिज्म क्या है ?

हाइपोथायराइड वो होता है, जब थायराइड ग्रंथि शरीर में जरूरत से कम T3, T4 हार्मोन का निर्माण करती है। इसका सीधा असर व्यक्ति के शरीर पर पड़ने लगता है। हाइपोथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण इस प्रकार है।

थायराइड के लक्षण इन हिंदी

थाइरोइड डाइट

हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hypothyroidism in Hindi

हाइपोथायराइडिज्म में नीचे लिखे आहार को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।

आयोडीन नमक

हमारे शरीर में थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की जरुरत होती है। शरीर में आयोडीन की कमी होने पर भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसीलिए आपको ऐसी चीजों को अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए जिनमे अधिक मात्रा में आयोडीन हो। जैसे की आयोडीन युक्त नमक का सेवन।

आयोडीन नमक
आयोडीन नमक

ब्राजील नट्स

ब्राजील नट्स में अच्छी मात्रा में खनिज सेलेनियम पाया जाता है। सेलेनियम थायराइड हार्मोन में सुधार करने में मदद करता है। आप एक नियमित मात्रा में ब्राजील नट्स को अपने डॉक्टर से परामर्श कर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

मछली और अंडे

अगर आप मांसाहारी है तो मछली, चिकन, मांस ,अंडा इत्यादि का सेवन कर सकता है। मछली में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और सेलेनियम होता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साथ ही साथ सेलेनियम थायराइड हार्मोन को बैलेंस करता है। आप हर रोज एक संतुलित मात्रा में मछली का सेवन कर सकते हैं।

अंडे के सेवन से आपको थाइराइड की समस्या में काफी आराम मिलेगा। क्योंकि अंडा आयोडीन और प्रोटीन दोनों ही का मुख्य स्रोत है इसीलिए अंडे का सेवन हाइपोथायरायडिज्म व हाइपरथायरायडिज्म दोनों में ही किया जा सकता है।

अलसी के बीज

अलसी के बीज में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, सेलेनियम, जिंक और आयोडीन होता है। अलसी के बीज का सेवन कई बीमारियों से हमारा बचाव करता है क्योंकि अलसी के बीज में आयोडीन होता है इसीलिए इनका सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म में भी काफी आराम मिलता है।

दूध और अन्य डेरी उत्पाद

थायराइड की समस्या में दूध व् दूध से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए। दूध से बने पदार्थों में उपस्थित कैल्शियम थायरोक्सिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जिससे थायराइड बीमारी में राहत मिलती है।

डेयरी पदार्थ
डेयरी पदार्थ

हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hypothyroidism in Hindi

जैसा कि अब आप जानते है कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या खाना चाहिए। अब हम जानेगे कि आपको हाइपोथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए।

ग्रीन टी का सेवन

अत्यधिक ग्रीन टी का सेवन हाइपोथायराइडिज्म में नुकसान दायक होता है। ग्रीन टी में कैटेकिन नामक तत्व एंटी-थाइराइड होता है जो थाइराइड समस्या को बढ़ा सकता है।

सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थ

सोयाबीन और सोया से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से भी हाइपोथायरायडिज्म होने का खतरा बना रहता है। ज्यादा मात्रा में सोयाबीन या सोया से बने खाद्य पदार्थों जैसे की टोफू, सोया दूध या सोया बार के सेवन से शरीर का हार्मोनल बैलेंस असंतुलित हो सकता है जिसके चलते हाइपोथायरायडिज्म की समस्या और बिगड़ सकती है।

हरी सब्जियों का सेवन

थायराइड के मरीज को थोड़ा संभलकर हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। कच्ची या आधी पकी हुई हरी सब्जी जैसे की पालक, ब्रोकोली आदि थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं।

ग्लूटेन फूड से दूर रहें

हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को अपने आहार में कम ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। गेहूं और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स जैसे कि ब्रेड, पास्ता में ग्लूटेन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसीलिए जितना हो सके ग्लूटेन फूड से दूर रहें।

जंक फूड को कहे ना

जंक फूड जैसे की तले हुए खाद्य पदार्थ, फ्रेंच फ्राइज, नूडल्स आदि को अपनी डाइट से दूर रखें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों और आयोडीन की कमी होती है। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

फैटी फूड्स से रहे दूर

फैट्स यानी वसा वाले फूड्स भी थायराइड हार्मोन के उत्पादन में रुकवाट पैदा करते है। हाइपोथायरायडिज्म के मरीज को बटर और मेयोनीज़ जैसे पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।

चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से दूर

हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी असावधानी से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। आपको कम मात्रा में चीनी और मीठे का उपयोग करना चाहिए। चॉकलेट और अन्य शुगरी फूड्स से भी दूर रहे।

आइये अब जानते है हाइपरथायराइडिज्म के बारे में।

हाइपरथायराइडिज्म क्या है?

जब थायराइड ग्रंथि द्वारा जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है तो इसे हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं। हाइपरथायराइडिज्म के मुख्य लक्षण है।

थायराइड के लक्षण इन हिंदी

थाइरोइड डाइट-थायराइड में परहेज

हाइपरथायराइडिज्म में क्या खाएं – Food for Hyperthyroidism in Hindi

हरी सब्जियां

हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हरी सब्जियों जैसे – पालक, ब्रोकली, पत्ता गोभी व मूली को अपने आहार चाहिए। सलाद वाली सब्जियों को भी अपनी डाइट में शामिल करे जैसे कि टमाटर, खीरा इत्यादि।

फल

हाइपरथायराइडिज्म के मरीज को हमेशा मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। बिना मौसम के फलों का सेवन आपकी सेहत के हानिकारक हो सकता है। खासतोर पर स्ट्रॉबेरी, नाशपाती व आड़ू जैसे फलो सेवन तभी करे जब इनका मौसम हो क्योंकि इन फलो में ऐसे तत्व होते हैं, जो थायराइड हॉर्मोन के निर्माण में रुकवाट बन सकते है।

अंडा

आप अंडे के सफेद हिस्से का सेवन भी कर सकते है। क्यूंकि अंडे की जर्दी में आयोडीन ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए उसका सेवन न करे।

ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटी-थायराइड गुण पाए जाते हैं जो शरीर में थायराइड हॉर्मोन को नियंत्रित करने में मदत करती है। आप एक नियमित मात्रा में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

ड्राय फ्रूट्स का सेवन

हाइपरथायराइडिज्म होने पर आप पिस्ता, बादामअखरोट जैसे ड्राय फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं।

हाइपरथायराइडिज्म में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Hyperthyroidism in Hindi

हाइपरथायराइडिज्म में नीचे लिखी चीजे नहीं चाहिए।

  • जंक फूड जैसे – बर्गर, फ्रेंच फ्राइज व तली हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • अलग-अलग खाद्य चीजों का लोगों पर अलग-अलग असर होता है। यदि आपको दूध या दूध से बनी चीजों जैसे मक्खन, आइसक्रीम, दही आदि से अपच, सूजन या थकान महसूस होती है तो इनसे परहेज करें।
  • शुगर युक्त पेय या खाद्य पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट और कैंडी आदि चीजों का सेवन न करें। चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करे।
  • फलों के रस का सेवन न करें, उसके बदले आप फल खाएं।
  • ज्यादा आयोडीन व सेलेनियम वाले खाद्य पदार्थ न खाएं।
  • ब्रेड, चावल, पास्ता, नान व बिस्कुट जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।

क्या होते है इन्दुलेखा हेयर आयल के फायदे और नुकसान

इन्दुलेखा आयल

इन्दुलेखा हेयर आयल क्या होता है, इन्दुलेखा हेयर आयल का उपयोग कैसे करते है, इन्दुलेखा हेयर आयल से क्या फायदे होते है, इन्दुलेखा हेयर आयल रिव्यु इन हिंदी! इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी।

इन्दुलेखा हेयर आयल क्या है-What Is Indulekha Oil?

इंदुलेखा ऑयल
इंदुलेखा ऑयल

इंदुलेखा एक प्रकार का बालो का तेल है, जो हमारे बालो को झड़ने से व बालो को सफेद होने से बचाता है और साथ ही ये बालो को काला को करने में भी मदद करता है।

इंदुलेखा ऑयल को बनाने में बहुत सारे पदार्थो का उपयोग किया गया है, जो हमारे बालो के लिए बहुत फायदेमंद होते है। आज हम आपको इंदुलेखा ऑयल के फायदे व उपयोग के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

इंदुलेखा हेयर ऑयल का उपयोग कैसे करें-How To Use Indulekha Hair Oil In Hindi?

इन्दुलेखा हेयर आयल का उपयोग करने का ये तरीका होता है।

स्टेप-1: सबसे पहले बोतले के अंदर के ढक्कन खोलें और फिर उसके अंदर एक छोटा सा छेद बनाए जिसकी मदद से तेल आसानी से बाहर निकल सके।

स्टेप-2: इसके बाद में उस पर एप्लीकेटर लगाएं और इसके कैप को तब तक गुमाते रहे जब तक कि वो सही से उसके अंदर फिट ना हो जाए।

स्टेप-3: अब एक चौड़े दाँतो वाली कंधी लीजिए और फिर एप्लिकेटर का यूज़ करते हुए अपने बालों को अलग अलग भागो में बांट ले और साथ साथ उन्हें सीधा भी कर ले।

स्टेप-4: अब एप्लीकेटर की सुइयों को स्कैल्प से छूते हुए इसकी बोतल को धीरे से दबाएँ जिस तरह से आप अपने बालों में कंघी करते हो उसी प्रकार से।

स्टेप-5: ऐसा करने से उस बोतल का तेल एप्लिकेटर के छेदों की मदद से निकलेगा, इस प्रकिया जब तक दौराना है तब तक कि तेल आपके पूरे सिर को कवर ना कर ले।

स्टेप-6: और अंत मे तेल लगाने के बाद में अपने सिर पर धीरे से मालिश करें।

इंदुलेखा ऑयल के क्या क्या फायदे है

इंदुलेखा ऑयल का उपयोग करने से आपको ये सब फायदे होते है।

  • ये बालों का झड़ना रोकता है ।
  • इसमें मौजूद एलोवेरा मरी हुई कोशिकाओं को रिपेयर करता है |
  • ये नए बाल उगाने में बहुत कारगर है ।
  • ये बालों में होने वाली रुसी की समस्या को दूर करने में मदद करता है ।
  • इसमें मौजूद नीम बहुत सारे बैक्टीरिया को ख़त्म करता है और खाल को इंफेक्शन होने से बचाता है।
  • ये हमारे शरीर मे भृंगा तनाव दूर करता है जिसके कारण बाल कम टूटते हैं ।
  • इसमे श्वेत कुटज एंटी बैक्टीरियल और एंटी इनफ्लेम्मेटरी होते है जो डैंड्रफ दूर करने में मदद करते है ।
  • इसमे उपस्थित आंवला बालों को बढ़ाने में सहायक है और साथ ही ये बालों में चमक भी लाता है ।
  • इसमे उपस्थित नारियल तेल कूलिंग देता है और सर की त्वचा को स्वस्थ रखता है ।
  • ये बालों को सफ़ेद होने से बचाता है और साथ ही बालों को काला भी करता है ।
  • इस तेल का उपयोग पुरुष व महिला दोनों प्रयोग कर सकते हैं ।
  • इसका अनोखे डिज़ाइन है जिसकी वजह से इसका प्रयोग करना आसान होता है ।

इंदुलेखा ऑयल की क्या प्राइस है और क्या हमें इसको खरीदना चाहिए

इंदुलेखा ऑयल से आपको बहुत सारे फायदेमंद मिलते है और यदि आप अपने बालों को बढ़ाना व सुरक्षित रखना चाहते हो तो आप इस तेल को खरीद सकते हो, इसके फायदों के हिसाब से ये आपके बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है।

इंदुलेखा ऑयल आपको प्राइस 300 से 400 रूपए के बीच में बहुत ही आसानी से मिल जाएगा, आप इस तेल को ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीको से खरीद सकते हो।

इंदुलेखा ऑयल आपको बहुत सारे अलग अलग साइज व वजन में मिलता है। आप अपने हिसाब से कौनसा भी तेल खरीद सकते हो।

यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पुछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। इन्दुलेखा आयल रिव्यु की इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

इंदुलेखा तेल कैसे लगाया जाता है?

इंदुलेखा हेयर ऑयल के साथ आने वाली कंघी की मदद से लगाया जाता है ये कंघी तेल को बालों की ज़ड़ों तक पहुंचता है।

क्या झड़े हुए बाल वापस आ सकते है?

हां इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। बालो की अच्छी देखबाल करना चाहिए। और कैमिकल यूक्त शैम्पू का प्रयोग नही करना चाहिए ।

क्या कैल्शियम की कमी से बाल झड़ते हैं?

कैल्शियम की कमी से बाल तेजी से झड़ने लगते है।

दूर करे लंबे समय की खुजली, जानिए कारण और उपाय खुजली ठीक करने के उपाय

खुजली ठीक करने के उपाय

हेल्लो फ्रेंड्स आज हम जानेंगे पूरे शरीर, हाथ और पैर में खुजली होने का कारण, लक्षण, खुजली का इलाज घरेलू और लम्बे समय की खुजली का उपाय क्या है। खुजली की समस्या एक बहुत ही गंभीर त्वचा का रोग है। यदि आप इसका समय रहते इलाज नहीं करते है, तो आपके शरीर की त्वचा में अपनी जड़े बना लेती है और फिर ये एक गंभीर रोग का रूप धारण कर लेगी।

ऐसे में बहुत सारे लोग अपनी खुजली की बीमारी को दूर करने के लिए एंटी फंगल क्रीमो का उपयोग करते है। लेकिन फिर भी उनको इससे पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल पाता है।

इस आर्टिकल में हम आपको खुजली ठीक करने के उपाय बताएँगे। खुजली की अचूक दवा के बारे में जानने से पहले हम शरीर में खुजली होने का कारण क्या है ? इसकी जानकारी ले लेते है।

  • अपने शरीर की त्वचा पर ज्यादा साबुन का उपयोग, शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।
  • चुना व् सोडा जैसे रासायनिक प्रदार्थ का ज्यादा सेवन करने से भी खुजली हो सकती है।
  • यदि कब्ज जैसी समस्या ज्यादा दिनों तक रहती है, तो यह भी शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।
  • तंत्रिका सम्बंधित विकार या तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली इस्थि में भी खुजली की समस्या हो सकती है।
  • रक्त से सम्बधित किसी भी प्रकार का विकार होने से भी खुजली की समस्या शुरू हो सकती है।
  • कभी कभी टाइट कपडे पहनना भी शरीर में खुजली होने का कारण हो सकता है।

और पढ़ें: सिर में खुजली होने लक्षण और सिर में खुजली के उपाय-Khujli Ke Upay

खुजली ठीक करने के उपाय-Khujli Ke Upchar

यदि आपको किसी भी प्रकार की खुजली से सम्बन्धित समस्या है और उससे छुटकारा पाना चाहते हो तो आप इन उपायों का उपयोग कर सकते हो।

  • पीपल के पत्ते
  • निम्बू
  • नारियल
  • कपूर
  • गेंदे का फुल

खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज है पीपल के पत्ते

खुजली से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पत्ते सबसे असरदार काम करते है, जिस जगह पर आपको खुजली की समस्या है वहा पर पीपल के पत्ते पर देशी घी लगाकर लगाए, इसके अलावा पूरे शरीर में खुजली होने पर आप पीपल की छाल का काढ़ा भी पी सकते है और खुजली से राहत पा सकते है।

और पढ़ें: दाने वाली खुजली का उपचार कैसे करें-Khujali Ke Gharelu Upay

नींबू से खुजली का इलाज

नींबू से खुजली का इलाज करने के लिए आपको केले के गुंद को नींबू में मिला कर जहाँ पर खुजली हो रही वहा पर लगाना होगा। ऐसा करने से आपको खुजली से राहत मिलेगी क्योकि नींबू में सिट्रिक एसिड जैसी बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है जो खुजली की बीमारी से राहत दिलाने में मदद करते है।

नींबू
खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज नींबू

नारियल से खुजली का इलाज

खुजली होने पर अक्सर हम सोचते है कि खुजली के लिए कौन सा तेल लगाना चाहिए? ताकि जल्द से जल्द आराम मिले।  नारियल के 20 मिलीलीटर तेल के अंदर 10 मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर जहा पर खुजली हो रही है वहा पर इससे मालिश करे या फिर इसके लेप को वहा पर लगाए, या फिर आप नींबू को सिम्पली चूस कर भी अपनी खुजली का इलाज कर सकते हो।

और पढ़ें: जानिए क्या है बेटनोवेट सी के फायदे- betnovate c uses in hindi

कपूर से खुजली का इलाज

आज के समय कपूर का उपयोग सभी घरो में पूजा के लिए किया जाता है, पर हैरानी की बात तो ये है की इसका उपयोग करके आप अपनी खुजली की समस्या को दूर कर सकते हो । आप कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर के जहा खुजली हो रही है वहा पर मालिश कर सकते हो, इससे खुजली की समस्या को दूर कर सकते हो ।

गेंदे का फुल से खुजली का इलाज

गेंदे की पतियों को पानी में अच्छी तरह से उबल ले और फिर उसको ठंडा होने दे और फिर उसके बाद में जहा पर खुजली की समस्या है उस जगह को अच्छी तरह से साफ करे।

तो आप इन सब तरीको की मदद से अपनी खुजली की समस्या को दूर कर सकते और साथ ही खुजली से छुटकारा भी पा सकते हो।

आपने क्या सिखा खुजली के बचाव के बारे में

हम उम्मीद करते है की खुजली होने के क्या कारण है? और खुजली से बचने के लिए अचूक दवा क्या है? इसकी पूरी जानकारी आपको मिल गई होगी, यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पुछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे ।

खुजली से बचने के लिए अचूक दवा की इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

शरीर में दाना क्यों निकलते हैं?

कई बार हमारे शरीर में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं जिन में पानी भर जाता है और खुजली होती है कई बार ये दाने फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है परंतु कभी-कभी यह हर्पीज नामक बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं । इस बीमारी को शिंगल्स के नाम से भी जाना जाता है । यह रोग उन लोगों को अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है ।यह वायरस द्वारा होने वाला रोग है ।इस बीमारी के होने पर रोगी के शरीर के एक तरफ की त्वचा पर पानी वाले दाने निकलते हैं। इस वजह से रोगी को त्वचा में खुजली या दर्द या जलन या सुन्नपन या झनझनाहट की परेशानी होती है। इतना ही नहीं, जिस जगह ये दाने निकलते हैं, वहां की त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है और उसे छूने पर दर्द होता है।

खुजली में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?

दाद, खाज, खुजली शरीर में फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है इसके लिए हमें नहाने के लिए एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करना चाहिए। एंटीबैक्टीरियल साबुन जैसे Ketotosc एक ऐंटिफंगल साबुन है जो सेट्रिमाइड, नीम ऑयल, एलो वेरा ऑयल और कैमोमाइल एक्स्ट्रैक्ट से भरपूर है। इसके अलावा Tetmosol Soap भी एक असरदार साबुन है खुजली से राहत दिलाता है । इन एंटीबैक्टीरियल साबुनों का इस्तेमाल किसी भी तरह की दाद, खाज, खुजली, सफेद दाग या बैक्टीरिया में भी कर सकते हैं । एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करते वक्त गुनगुने पानी से नहाने से अधिक फायदा मिलता है ।

खुजली की सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है?

यदि आपको खुजली की समस्या है या ठीक होने के बाद फिर से हो जाती है तो इसके लिए एलोपैथी की सबसे अच्छी टेबलेट है = Candiforce -200 काफी कारगर होती है । इसके साथ LECOPE टेबलेट लेने से और भी बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं । यदि शरीर में खुजली से परेशान है तो Fluka-150 टैबलेट काफी कारगर साबित हो सकती है । इसके साथ सिट्राजिन टेबलेट लेने और एंटी फंगल क्रीम और एंटीफंगल सोप का प्रयोग करके खुजली से निजात पाया जा सकता है। दाने वाली खुजली के लिए candid clotrimazol cream काफी मददगार साबित हो सकती है यह क्रीम सूखी खुजली में भी काफी लाभदायक होती है । इन सभी प्रयासों के बावजूद यदि खुजली ठीक नहीं हो रही है तो किसी अच्छे त्वचा के डॉक्टर से संपर्क करें ।

दाने वाली खुजली कैसे ठीक होती है?

स्किन एलर्जी या इन्फेक्शन होने के कारण कई बार त्वचा पर छोटे छोटे दाने निकल आते हैं जिनमें खुजली होती है और पानी निकलने लगता है। इससे राहत पाने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं = 1. एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसका गूदा निकालकर उसे प्रभावित स्थान पर लगाने से दाने वाली खुजली ठीक हो जाती हैं। 2. शुद्ध नारियल तेल को हल्का गुनागुना करके लगाने से भी जाने वाली खुजली में आराम मिलता है । 3. टमाटर का गूदा पीसकर लगाने से भी दाने वाली खुजली में राहत मिलती है ।

पिम्पल्स के निशान हटाने के लिए पांच बेस्ट घरेलू उपाय, Pimples Ke Daag Kaise Hatae

कैसे हटाए चेहरे के दाग और पिम्पल्स

आजकल की दिनचर्या के अंदर व्यक्ति अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता है, और बाहर का खाना और सेहत पर ध्यान रखना काफी ज्यादा बढ़ चुका है इसी बीच अगर आप अपने स्किन का ध्यान नहीं रखते हैं, तो आपके चेहरे पर दाग धब्बे बन सकते हैं। जरुरी नहीं है की ये निशान पिंपल से ही हो, बल्कि कोई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के रिएक्शन भी हो सकते हैं ।

चेहरे के दाग- धब्बों को हटाने के लिए कंपनियां कई प्रकार के रसायनिक प्रोडक्ट को निकाल रही है, लेकिन अगर आप उन प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं तो आपकी स्किन और भी खराब होने की संभावना रहती है।

आज हम आपको इस आर्टिकल के अंदर कुल 7 घरेलू उपाय बताएंगे जिसके जरिए आप अपने चेहरे के दाग- धब्बों को आसानी से हटा सकते हैं।

पिंपल का दाग कैसे ठीक करें?- Pimple ke daag kaise mitaye

पपीता

चेहरे पर पिंपल्स और दाग धब्बों को मिटाने के लिए पपीता बहुत लाभदायक होता है। पपीते में उपस्थित विटामिन ई चेहरे स्क्रीन को नरम तथा क्लियर रखने में काफी मदद करती है।

एक ताजा पपीता लें और उसको पेस्ट बना लें अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाए रखें उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें और सूती कपड़े से पोंछ लें ऐसा करने पर आपके चेहरे से पिंपल्स एकदम नरम हो जाएंगे और इन पिंपल्स में उपस्थित गंदे पदार्थ निकल जाते हैं और पिंपल एकदम पूरी तरह से साफ हो जाएंगे

पुदीना पेस्ट

फेस से दाग हटाने और खूबसूरत दिखने के लिए पुदीना भी काफी लाभदायक होता है, क्योंकि पुदीना शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है और शरीर में ठंड होने पर पिंपल्स आसानी से हट सकते हैं। पुदीने का पेस्ट बनाने के लिए उसको बारीक पीस लें फिर रात को चेहरे पर लगाएं जब यह सूख जाए तो चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें यह काम हफ्ते में दो बार करें जिससे आपके पिंपल्स हट जाएंगे ।

बेकिंग सोडा

अगर आपकी स्किन पर बहुत ज्यादा पिंपल्स और दाग धब्बे है, तो इसके लिए आपकी स्क्रीन पर बेकिंग सोडा लगाना चाहिए। बैंकिंग सोडा में उपस्थित मिनरल्स तथा विटामिंस आपकी त्वचा को ग्लिसरीन की मात्रा उपलब्ध करवाती है, साथ ही विटामिंस की वजह से त्वचा नरम बनी रहती है।

बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा

पिंपल्स हटाने के लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें और उस पेस्ट को अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाए रखें और उसके बाद चेहरे को पानी से धो लें ऐसा एक हफ्ता तक नियमित रूप से करें आपके चेहरे के पिंपल्स जाएंगे ।

टूथपेस्ट

स्किन के पिंपल्स को हटाने के लिए टूथपेस्ट काफी मददगार होता है सफेद टूथपेस्ट को करीब 1 घंटे तक पिंपल पर लगाए रखें, लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखें आप जिस टूथपेस्ट का उपयोग कर रहे हैं, वह जलयुक्त ना हो । साधारण सफेद टूथपेस्ट का यह उपाय हफ्ते में तीन बार करें, आपको स्किन पर पिंपल्स की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा स्किन में कैल्शियम की मात्रा कम होती है। तब पिंपल कैसे समस्या उत्पन्न होती है और उस पेस्ट में कैल्शियम तथा फास्फोरस की भरपूर मात्रा उपस्थित होती है। जो आपकी त्वचा को कोमल बनाए रखने तथा त्वचा पर उपस्थित दाग धब्बे को हटाने में काफी मददगार होती है

टमाटर

टमाटर में लाइकोपीन नियम नामक एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह चेहरे के दाग धब्बे को हटाने के लिए और चेहरे पर कालेपन को दूर करने में काम आता है ताजी टमाटर के जूस को चेहरे पर मास्क की तरह लगाएं और 1 घंटे बाद धो लें ऐसा करने से आपका चेहरा पिंपल मुक्त रहेगा।

हल्दी

चेहरे पर पिंपल्स को दूर करने के लिए हल्दी काफी मददगार होती हैं। हल्दी में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन को कोमल और खूबसूरत बनाए रखती है। हल्दी का लेप लगाने पर आपके चेहरे पर काले धब्बे भी हट जाएंगे।

एलोवेरा

चेहरे के लिए सबसे ज्यादा गुणकारी पदार्थों में से सबसे पहले नंबर पर एलोवेरा आता है एलोवेरा में कई ऐसे लाभकारी गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। एलोवेरा के पेस्ट को चेहरे पर लगाने पर आपके चेहरे के पिंपल्स और दाग धब्बे हट जाएंगे।

हम उम्मीद करते है, कि पिंपल्स के दाग कैसे मिटाए और इसके क्या क्या घरेलु उपाय है, इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल मिल चुकी होगी, यदि इस टॉपिक्स से रिलेटेड आपके मन में कोई सवाल है, तो हमे कमेंट करके जरूर बताये ।

तो दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे।

स्किन टाइटनिंग के लिए घर पर ऐसे करें फ्रूट फेशियल

घर पर फ्रूट फेशियल कैसे करे

Fruit Facial for Glowing Skin

फ्रूट्स ना केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है बल्कि हमारी सेहत के साथ साथ हमारी स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होते है। फ्रूट फेशियल हमारी त्वचा की रंगत निखारने में मदत करता है। क्योंकि फ्रूट्स पूरी तरह से नेचुरल है इसीलिए फ्रूट फेशियल चेहरे को नुकसान नहीं पहुँचता। पर यह तभी मुमकिन है जब आप अपने स्किन के अनुसार ही फ्रूट्स चुनते है। अगर आप कोई ऐसा फ्रूट चुनते है जो आपकी त्वचा के लिए सही नहीं है तो फ्रूट फेशियल आपकी स्किन को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

आप फ्रूट फेशियल घर पर भी आसानी से कर सकते है। आइये जानते है फ्रूट फेशियल घर पर कैसे करें, क्या है घर पर फ्रूट फेशियल करने की विधि।

फ्रूट फेशियल स्टेप्स, fruit facial at home in hindi

  • क्लीनिंग
  • एक्सफोलिएशन
  • लाइटनिंग
  • पोर्स को खोलना
  • फ्रूट फेस मास्क
  • नरिशमेंट

पहला स्टेप : फेस क्लीनअप

फ्रूट फेशियल का पहला जरूरी काम है अपने चेहरे को अच्छे से साफ़ करना। फ्रूट फेशियल में इस काम के लिए कच्चे और ठंडे दूध का इस्तेमाल किया जाता है। दुध प्राकृतिक होता है और इस में कोई केमिकल्स नहीं होते। एक रुई के गोले को दूध में डुबाकर अपने चेहरे पर लगाएं और चेहरा साफ़ करें । दूध से साफ़ करने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धोलें। दूध आपके चेहरे की सारी धुल मिटटी हटा देता है और आपका चेहरा जल्द ही चमकने लगता है।

दूसरा स्टेप : फेस एक्सफोलिएशन

अच्छे फ्रूट फेशियल में दूसरा जरूरी स्टेप है एक्सफोलिएशन का। इसके लिए 1 चमच ओटमील में 1 चमच नीबू के छिलके के पाउडर को मिला ले। जरूरत अनुसार गुलाबजल डाल के एक पेस्ट बनाले। इस पेस्ट को फिर अपने चेहरे और गले पर लगाए। 2-3 मिनट तक अच्छे से स्क्रब करें। उसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धोलें और चेहरा सूखा ले।

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तीसरा स्टेप : फेस लाइटनिंग

एक्सफोलिएशन के बाद अपने चेहरे पर थोड़ा सा शहद लगाए। शहद ब्लीच की तरह काम करता है और आपकी त्वचा के रंग को हल्का करता है। इसे 10 मिनट तक लगाके रखे और फिर चेहरा धोलें।

चौथा स्टेप : पोर्स को खोलना

शहद लगाने के बाद अब बारी है स्किन के पोर्स को खोलने की । इसके लिए अपने चेहरे को स्टीम देना जरूरी है। एक गर्म पानी के बर्तन से 5 मिनट तक अपने चेहरे को स्टीम दे। ऐसा करने से आपके स्किन के पोर्स खुल जायेंगे।

पांचवा स्टेप : फ्रूट फेस मास्क

अब बारी है फ्रूट्स से बने हुए फेस मास्क को अपने फेस पे लगाने की। इसके लिए सबसे पहले एक पके हुए टमाटर का पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को आधे घंटे के लिए फ्रिज में रखदें। आधे घंटे बाद इस पेस्ट में अब 1 छोटा चमच शहद का मिला लीजिये। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर अच्छे से लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दीजिये। 15 मिनट बाद चेहरा धो लीजिये।

इसके अलावा आप एक पके हुए केले को मसल कर उसमे 1 चमच नींबू का रस और 1 चमच शहद मिलके भी अपने चेहरे पर लगा सकते है।

फ्रूट फेस मास्क
फ्रूट फेस मास्क

आखरी स्टेप : फेस नरिशमेंट

फ्रूट मास्क लगाने के बाद स्किन को नरिश करना जरूरी है। इसके लिए एक खीरे का पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को अपने चेहरे और गले पर 10 मिनट के लिए लगाके रखे। 10 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धोलें।

इन दिए हुए 6 स्टेप्स को करने के बाद आपका फ्रूट फेशियल पूरा हो जायेगा और आपकी स्किन मुलायम और निखरी हुई दिखने लगेगी।

Homemade Fruit Face Masks

अलग अलग प्रकार के फ्रूट फेस मास्क

सबकी स्किन एक जैसी नहीं होती। किसी की थोड़ी रूखी होती है तो किसी की थोड़ी ऑयली। इसीलिए यह जरूरी नहीं की एक फ्रूट फेस मास्क सब तरह के स्किन के लिए काम करे। आपको फ्रूट फेशियल के लिए अपनी स्किन के अनुसार ही फ्रूट फेस मास्क चुनना चाहिए।

नीचे दिए हुए कुछ फ्रूट फेस मास्क आपकी जरूर मदद करेंगे:

    • पपीते के साथ फ्रूट फेशियल
    • खीरे के साथ फ्रूट फेशियल
    • तरबूज के साथ फ्रूट फेशियल
    • बेर के साथ फ्रूट फेशियल
    • आम के साथ फ्रूट फेशियल

पपाया फेशियल, पपीते के साथ फ्रूट फेशियल

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इसके लिए एक ताज़े पपीते को अच्छे से मसल ले। इसमें एक पका हुआ शकरकंद मिलाये। अच्छा पेस्ट बनाने के लिए थोड़ा सा दूध या दही मिलाएं। इस पेस्ट को 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगाएं और फिर धोलें।

खीरे के साथ फ्रूट फेशियल | Fruit Facial With Cucumber

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  • EASY TO USE: Just apply the mask to your face. Allow the paste to form a soft film. After about 20 minutes, remove the mask and rinse your face.

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इस फ्रूट मास्क के लिए एक खीरे को अच्छे से कदूकस कर ले। इस कदूकस किये हुए खीरे के साथ एक मसला हुआ केला, नारियल का पानी , एलो वेरा और पका हुआ ओटमील मिलाये। इस पेस्ट को चेहरे पर 10-15 तक लगाएं और फिर आराम से धोलें।

तरबूज फेशियल, तरबूज के साथ फ्रूट फेशियल

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स्किन को मॉइस्चराइज़ करने के लिए तरबूज सबसे अच्छा माना जाता है । इस फेस मास्क के लिए तरबूज को अच्छे से मसल ले और पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को अपने पुरे चेहरे पर लगालें। एक्स्ट्रा मॉइस्चर पाने के लिए आप इस पेस्ट में बादाम का तेल या क्रीम या शहद या दही या अवाकाडो भी मिला सकते है।

बेरीज के साथ फ्रूट फेशियल | Fruit Facial With Berries

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इस फेस मास्क के लिए आप या तो स्ट्रॉबेरी , ब्लूबेरी , ब्लैकबेरी या रास्पबेरी का इस्तेमाल कर सकते है। जिस भी बेर के साथ आप यह फेस मास्क बना रहे है उसमे थोड़ा सा दूध , १ चमच ओट्स और आधा चमच शहद का मिलाएं। इन सबको अच्छे से मिलाके एक पेस्ट बनालें। इसको 15-20 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर धोलें। अगर अपने स्ट्रॉबेरी ली है तो सिर्फ 6 स्ट्रॉबेरीज का इस्तेमाल करे। स्ट्रॉबेरी के अलावा बाकि बेरीज 10-12 ले।

आम के साथ फ्रूट फेशियल | Fruit Facial With Mango

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  • Vitamin C Clay Face Mask cools & clears the skin – Vitamin C Clay Face Mask words towards cleaning pores, absorbing excess oil from skin & making the skin look refined & glowing.
  • Hyaluronic Acid maintains hydration – Hyaluronic Acid focuses on hydrating and adding moisture to skin. This helps plump, firm & smooth the skin
  • Mango Oil adds glow & produces healthy skin cells – Mango Oil stimulates production of healthy cells & contribute to youthful looking skin. It makes the skin smooth by moisturising & hydrating it.
  • Ginger Oil acts as a healer – Ginger Oil is effective in healing the skin by working on hyperpigmentation, blemishes & scars. It makes the skin look more soothing & even.
  • Xanthan Gum acts as a thickening agent & enhances texture – Xanthan Gum is used as a thickening agent, texture enhancer & works towards stabilizing emulsions. It further prevents moisture loss.

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अगर आपकी स्किन बेजान और डल हो गई है तो यह वाला फेस मास्क आपके लिए बिलकुल सही है। इसके लिए बस आपको आम को अच्छे से मसल कर उसका पेस्ट बनाना है। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। इसमें आप अंडो का सफ़ेद भाग भी दाल सकते है। यह आपके पोर्स को टाइट करने में मदद करेगा।

सामान्य प्रश्न

फ्रूट फेशियल से क्या होता है?

कई प्रकार के पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फलों से फेशियल भी किया जाता है ।फ्रूट फेशियल चेहरे की डेड स्किन को हटाकर चेहरे पर ग्लो लाता है ,टैनिंग को दूर का चेहरे को गोरा और चमकदार बनाता है। अधिकतर फ्रूट फेशियल के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं और यह चेहरे की त्वचा को निखार कर आपको फ्रेश फील करवाता है।

सबसे अच्छा फेशियल कौन सा है?

पार्लर में कई तरह के फेशियल होते हैं और यदि सबसे अच्छा फेशियल चुनना हो तो त्वचा की प्रकृति के अनुसार फेशियल का चुनाव करना चाहिए परंतु डायमंड फेशियल हर तरह के स्किन टाइप के लिए अच्छा होता है। इस फेशियल की मसाज से स्किन का ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है जो त्वचा को ना सिर्फ बाहर से चमकदार बनाता है बल्कि अंदर से भी निखार लाता है । रिंकल फ्री स्कीन और गोरी रंगत पाने के लिए यह फेशियल करवाया जाता है ।इसके एंटी एजिंग गुण चेहरे से बढ़ती उम्र के निशानों को कम करने और हटाने में मदद करते हैं। कुल मिला कर डायमंड हर प्रकार की त्वचा के लिए बेहतरीन विकल्प है ।

फ्रूट फेशियल कितने का होता है?

बाजार में अलग-अलग ब्रांड के फ्रूट फेशियल किट मौजूद है जिनका दाम भी अलग-अलग है परंतु अमूमन फ्रूट फेशियल 150 से 300 रुपए तक की कीमत में हो जाता है । वैसे घर पर नेचुरल फ्रूट्स के द्वारा फेशियल करके काफी कम कीमत में फ्रूट फेशियल किया जा सकता है ।

फेशियल के बाद ग्लो कैसे लाए?

फेशियल कराने के बाद निम्न बातों का ध्यान रख के चेहरे पर ग्लो लाया जा सकता है 1. फेशियल के तुरंत बाद चेहरे पर फेस वॉश ना करें। फेशियल के 3 से 4 घंटे बाद चेहरे को धोया जा सकते हैं परंतु इसके लिए सिर्फ गुनगुने पानी का प्रयोग करें साबुन का प्रयोग ना करें । 2. फेशियल के दौरान चेहरे पर मसाज की जाती है और उसके बाद भाप दी जाती है जिससे चेहरे के अंदर की सारी गंदगी और तेल बाहर निकल जाता है इसी कारण त्वचा रूखी हो जाती है इसलिए त्वचा को हाइड्रेटेटेड रखने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए । 3. फेशियल के तुरंत बाद धूप में निकलने के बचें । 4.विटामिन सी युक्त चीजों का प्रयोग करें ये त्वचा को रिंकल फ्री बनाते है ।

फेशियल के बाद फेस पर क्या लगाना चाहिए

फेशियल के दौरान चेहरे पर मसाज की जाती है और उसके बाद भाप दी जाती है जिससे । चेहरे की सारी गंदगी और एक्स्ट्रा ऑयल बाहर निकल जाता है इसे त्वचा रूखी हो जाती है । त्वचा में होने वाली जलन को रोकने और मॉइश्चराइज रखने के लिए फेशियल के बाद मॉइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए।

फ्रूट फेशियल के फायदे

फ्रूट फेशियल नेचुरल तरीके से त्वचा को पोषण प्रदान करता है। यह त्वचा में मौजूद आंतरिक गंदगी को साफ कर जवां और चमकदार बनाता है। फ्रूट स्क्रब त्वचा की डेड स्किन को हटाकर इसे मुलायम करता है ।फलों में मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड त्वचा की रंगत को गोरा करता है । फ्रूट फेशियल बढ़ती उम्र के निशानों को कम करके त्वचा को टाइट और रिंकल फ्री बनाता है ।हर प्रकार की त्वचा के लिए फ्रूट फेशियल लाभदायक होता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते ।

फेशियल के नुकसान

वैसे तो त्वचा को मुलायम बनाए रखने के लिए फेशियल किया जाता है परंतु कई बार इसके कई दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं । 1. केमिकल युक्त क्रीम और कॉस्मेटिक पदार्थों का प्रयोग करने से कई बार फेशियल के बाद चेहरे पर खुजली और रेशेज हो जाते हैं । 2. गलत तरीके से अथवा अत्यधिक मसाज के कारण भी चेहरा लाल हो जाता है और दाने हो सकते हैं । 3. फेशियल के दौरान चेहरे के रोम छिद्र खुल जाते हैं जिससे कारण कुछ लोगों को मुंहासे हो जाते हैं । 4. त्वचा की प्रकृति के अनुसार सही फेशियल का चुनाव ना करने पर भी फेशियल के दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं । 5. लंबे समय तक लगातार फेशियल करवाने से पी एच लेवल बिगड़ जाता है जिससे त्वचा पानी नेचरल नमी और रंगत खो देती है इसलिए एक निश्चित अंतराल के बाद ही फेशियल करवाना चाहिए ।

फेशियल किट के नाम

बाजार में अलग-अलग ब्रांड और अलग अलग प्रकार के फेशियल किट्स मौजूद हैं इनके नाम निम्न है 1. वी एल सी सी डायमंड फेशियल किट 2. नेचर्स एक्सेक्स डायमंड फेशियल किट 3. हिमालया नीम फेशियल किट 4.लोटस रेडिएंट पर्ल फेशियल किट 5.ऑर्गेनिक हार्वेस्ट डायमंड शाइन एंड ग्लो फेशियल किट आदि । ये सभी फेशियल किट्स अलग अलग नाप और प्रकार के अनुसार उपलब्ध है ।आपकी त्वचा के अनुसार आप अपने लिए बेस्ट फेशियल किट का चुनाव कर सकती हैं ।


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जानिए क्या है वेस्ट नाइल फीवर? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

जानिए क्या है वेस्ट नाइल फीवर? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

कोरोना महामारी का डर अभी लोगों के मन से निकला नहीं कि केरल में वेस्ट नाइल वायरस से लोग डरने लगे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है. केरल के त्रिशूर में एक 47 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते वेस्ट नाइल बुखार से दम तोड़ दिया। राज्य में वाइरस जनित बीमारी से यह दूसरी मौत बताई जा रही है, इससे पहले का मामला 2019 का था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, वेस्ट नाइल का पहला मामला 1937 में सामने आया था. तब युगांडा की रहने वाली एक महिला इससे संक्रमित हुई थी। 1953 में उत्तरी मिस्र के नाइल डेल्टा रीजन में पक्षियों में इस वायरस की पहचान हुई थी. तब कौओं और कबूतरों में ये वायरस मिला था।

1997 से पहले तक इस वायरस को पक्षियों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता था, लेकिन इसके बाद इजरायल में इस वायरस का एक खतरनाक स्ट्रेन सामने आया था, जिससे कई पक्षियों की मौत हो गई थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 50 साल में कई देशों में इस वायरस से इंसानों के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं।

आखिर नाइल बुखार है क्या ?

वेस्ट नाइल फीवर एक मच्छर जनित बीमारी है, जो वेस्ट नाइल वायरस के कारण होती है, यह एक सिंगल-स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस है. यह संक्रमण क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है,ये मच्छर संक्रमित पक्षियों से वायरस का प्रसार करते हैं, क्यूलेक्स मच्छर पूरे देश में उत्तर और दक्षिण भारत दोनों में पाए जाते हैं, इंसानों के अलावा, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं, वेस्ट नाइल वायरस संक्रमित मनुष्यों या जानवरों के संपर्क में आने से नहीं फैलता. यह मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।

वेस्ट नाइल फीवर
वेस्ट नाइल फीवर

वेस्ट नाइल बुखार के लक्षण

वायरस से संक्रमित लगभग 80% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता, जबकि लगभग 20% संक्रमित लोगों को बुखार हो जाता है. कई बार व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह संक्रमित हो गया है. रोग के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, मतली, दाने और कभी-कभी गले में सूजन शामिल हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, इसे उनका मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है, इससे आगे चलकर इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस जैसे जानलेवा संक्रमण भी हो सकते हैं।

रोग की रोकथाम कैसे करें..?

मच्छरों को नियंत्रित करना और मच्छरों के काटने से खुद को बचाना ही बीमारी को रोकने का एकमात्र तरीका है । पूरे कपड़े पहनें, अच्छी तरह से शरीर को ढकें क्योंकि यह संक्रमित मच्छरों के संपर्क में आने में बाधा का काम करेगा। पानी के स्टोरेज कंटेनरों को कवर करना चाहिए और पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए. पूल, यार्ड और बगीचों में कचरों की ढंग से सफाई होनी चाहिए।

केरल में इसका एक मामला सामने आने पर, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी यही एडवाइजरी जारी की है कि मच्छरों को पैदा होने से रोकें , हर किसी को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और अपने आसपास सफाई रखनी होगी, ड्रेनेज और जमे हुए पानी को साफ करना होगा।

इसके अलावा.. एनिमल-टू-ह्यूमन ट्रांसमिशन को रोकने के लिए जरूरी है कि बीमार जानवरों का इलाज करते समय ग्लव्स या प्रोटेक्टिव कपड़े पहनकर रखें।

और अगर कहीं ये वायरस फैल रहा है, तो वहांँ ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से पहले लैब में उसकी जांच कर ली जाए।

वेस्ट नाइल फीवर का इलाज

सामान्य बुखार की तरह ही इसका इलाज़ किया जाता है, गंभीर मामलों में, उपचार में मुख्य रूप से अस्पताल में भर्ती करते हैं, तरल पदार्थ देते हैं, सांस से जुड़ी सहायता और संक्रमण फिर से ना हो इसके लिए रोकथाम शामिल है. इंसानों के लिए इस बीमारी के खिलाफ वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

रात को चेहरे पर शहद लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे, नुकसान और लगाने का सही तरीका

चेहरे पर शहद लगाने के फायदे

क्या आप जानते हैं रात को चेहरे पर शहद लगाने से क्या होता है? शहद एक प्राकृतिक और बहुत फायदेमंद चीज़ है जो आपकी त्वचा के लिए बेहद उपयोगी साबित होती है। इस लेख में हम जानेंगे chehre par shahad lagane se kya hota hai, इसके 5 मुख्य फायदे, नुकसान, और इसे लगाने का सही तरीका।

 

शहद
फेस पर शहद लगाने के फायदे

 

1. चेहरे की त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करता है

शहद एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है जो आपकी त्वचा की नमी को लॉक करता है। रात को चेहरे पर शहद लगाने से आपकी त्वचा नरम, मुलायम और हाइड्रेटेड बनी रहती है। यह खास तौर पर ड्राई स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है और प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है।

2. चेहरे की रंगत निखारता है

शहद में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपकी त्वचा की डलनेस और मुरझाई हुई रंगत को कम करते हैं। नियमित रूप से chehre per shehad lagane ke fayde में यह भी शामिल है कि यह त्वचा की रंगत को निखारकर उसे स्वस्थ और चमकदार बनाता है।

3. मुंहासों और पिंपल्स को कम करता है

शहद के एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा को साफ रखते हैं और मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं। इसे नियमित इस्तेमाल करने से चेहरे की त्वचा में इंफ्लेमेशन कम होता है और मुंहासे दूर रहते हैं।

4. उम्र बढ़ने के निशान कम करता है

शहद में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को झुर्रियों और उम्र बढ़ने के निशानों से बचाते हैं। इसलिए रात को चेहरे पर शहद लगाने से त्वचा जवान, स्वस्थ और चमकदार दिखती है।

5. सनबर्न और त्वचा की जलन में राहत देता है

शहद में ठंडक पहुंचाने वाले गुण होते हैं, जो सनबर्न या जलन को कम करते हैं। यह संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए भी सुरक्षित माना जाता है और त्वचा की सूजन को शांत करता है।

शहद लगाने का सही तरीका

  • सबसे पहले अपने चेहरे को हल्के साबुन से धोकर साफ करें।
  • 1 से 2 चम्मच कच्चा शहद लें।
  • इसे अपने चेहरे पर अच्छी तरह से लगाएं।
  • लगभग 15-20 मिनट तक शहद को चेहरे पर रहने दें।
  • गुनगुने पानी से इसे धो लें।
  • सप्ताह में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

शहद के नुकसान और सावधानियां

  • यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो पहले शहद को हाथ की त्वचा पर टेस्ट करें।
  • कभी-कभी शहद से एलर्जी हो सकती है, इसलिए ध्यान से इस्तेमाल करें।
  • ज्यादा देर तक चेहरे पर शहद लगाने से त्वचा चिपचिपी और असहज हो सकती है।
  • यदि आपको कोई जलन या खुजली महसूस हो तो तुरंत उपयोग बंद कर दें।

FAQS

Q: Chehre par shahad lagane se kya hota hai?

A: यह आपकी त्वचा को हाइड्रेट करता है, मुंहासों को कम करता है, और चेहरे की चमक बढ़ाता है।

Q: क्या रोजाना शहद लगाना ठीक है?

A: हफ्ते में 3-4 बार शहद लगाना सबसे अच्छा और सुरक्षित होता है।

निष्कर्ष

रात को चेहरे पर शहद लगाना एक प्राकृतिक और असरदार तरीका है अपनी त्वचा की देखभाल करने का। इससे आपकी त्वचा मुलायम, चमकदार, और स्वस्थ बनी रहती है। उचित मात्रा में और सही तरीके से शहद लगाने से आप इसके सभी फायदे महसूस कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना ,क्या क्या जानना है जरुरी- pregnancy ka tisra mahina

प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना

प्रेगनेंसी के वो नौ महीने एक खूबसूरत कहानी की तरह होते है। जिसमे सुख दुख हंसना रोना सब कुछ होता है। लेकिन इस कहानी का अंत हमेशा खूबसूरत होता है। एक नन्ही मुन्नी जान आपके हाथों में किलकारियां भरती है। लेकिन सबको ये अंत नसीब नही होता। कई बार गर्भपात अर्थात एबॉर्शन एक पल में सब कुछ छीन लेता है। यूं तो गर्भपात कभी भी हो सकता है, लेकिन पहली तिमाही में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। खासकर प्रेगनेंसी का तीसरा महीना।

आज इस आर्टिकल में हम प्रेगनेंसी का तीसरा महीना कैसा होता है उसके बारे में आपको डिटेल में बताएंगे।

प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना-बदलाव

प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में बाहरी तौर पर कुछ खास फर्क नही पड़ता। मतलब देखने से प्रेग्नेंसी का पता नही चलता लेकिन अंदुरुनी तौर पर निम्न बदलाव दिखाई देने लगते है। आपके गर्भ में मौजूद डिंब एक भ्रूण के रूप में बदल जाता है।

  • प्रेग्नेंसी में कब्ज और पेट में दर्द

कब्ज और पेट में दर्द की समस्या आने लगती है। ये समस्या प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ने और गर्भाशय के आकार बढ़ने के कारण होती हैं। क्योंकि गर्भाशय के आसपास के लिगामेंट स्ट्रेच होने लगते है। यदि पेट में दर्द लगातार बना रहे तो डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।

कब्ज
कब्ज
  • प्रेग्नेंसी में थकान और मॉर्निंग सिकनेस

    थकान और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या लगभग प्रत्येक गर्भवती में देखी जाती है। इसका कारण होता है गर्भस्थ शिशु की पोषण आवश्यकताए। इसी कारण ब्लड सुगर तथा ब्लड प्रेशर पर अच्छा खासा फर्क पड़ता है। लेकिन महीना समाप्त होते होते ये समस्या ठीक होने लगती है।

  • प्रेग्नेंसी में सीने में जलन और नसों में सूजन

    सीने में जलन और नसों में सूजन भी देखने को मिलती है। कुछ भी खाने पर एसिड बार बार ऊपर की तरफ आता हैं, क्योंकि डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर हो जाता है। साथ ही गर्भाशय का आकार बढ़ने से आसपास की ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती है, क्योंकि उनके लिए जगह की कमी हो जाती है।

  • जब ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती है तो पैरों की तरफ खून का दौरा कम हो जाता है और पैरों में बहुत ज्यादा सूजन आ जाती है।
  • प्रेग्नेंसी में बार बार यूरिन जाना

    शिशु के विकास के लिए हार्मोन एच.सी.जी ज्यादा मात्रा में खून का उत्पादन करता है। जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट पर प्रेशर पड़ता है। इसलिए बार बार यूरिन के लिए जाना पड़ता है।

  • प्रेग्नेंसी में वैजाइनल डिस्चार्ज

    ये वैजाइनल डिस्चार्ज दरअसल हर प्रकार के संक्रमण को गर्भाशय में जाने से रोकता है। इसका कारण एस्ट्रोजन लेवल बढ़ना होता है।

प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना-शिशु का विकास

  • गर्भस्थ शिशु तीसरे महीने के अंत तक 3 से 4 इंच लंबा होगा। यह एक बड़े नीबू का आकार है।
  • गर्भस्थ शिशु का वजन करीब 28 ग्राम होगा।
  • इस समय तक बेबी के सभी जरूरी अंग जैसे बाहें, हाथ, उंगलियां, पैर, अंगूठे बन चुके होते हैं सिर्फ उनका विकास होता रहता है।
  • हार्ट अपने कार्य सम्भाल लेता है।
  • जबान, जबड़ा, आंखें, जननांग और किडनी का विकास शुरू हो जाता है।
  • मांसपेशियों और हड्डियों का ढांचा बनना शुरू हो जाता है।
  • त्वचा सही से विकसित नही हुई होती और सभी नसें दिखाई दे रही होती है।

प्रेग्नेंसी का तीसरा महीना-कैसा हो आहार

  • बहुत ही हल्का और सुपाच्य भोजन ले जिससे एसिड न बनें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। जरूरत से ज्यादा पानी ना पिए, किडनी पर ज़ोर पड़ेगा। केवल पानी को ही तरल में ना गिने। आपके द्वारा लिए गए पानीदार फल और सब्जियां भी तरल पदार्थ की पूर्ति करती हैं।
    ऐसा करने से कब्ज दूर होगी और डायजेस्टिव सिस्टम सही से काम करेगा।
  • फाइबर का भरपूर सेवन करें, इससे गर्भाशय की दीवार मजबूत बनेगी और शिशु के विकास में मददगार होगी। फाइबर की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में मोटा अनाज, अनार, अनानास, संतरे, सेब और दूसरे फलों को शामिल कर सकती हैं।
  • कैल्शियम, आयरन, तथा अन्य विटामिंस व सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह अनुसार लेती रहे। इसके अलावा खानपान से इनकी पूर्ति जरूर करें। निम्न खाद्य पदार्थो को भोजन में जरूर शामिल करें।
    दूध और इससे बने दूसरे प्रोडक्ट और केले, सेब, संतरा, ब्रोकली, आलू, बिन्स, अनाज, पीनट बटर, बादाम, वाइट लीन मीट यानी यानी की वो मीट जिसमें कम फैट होता है

प्रेगनेंसी में किन बातो का ध्यान रखें

  • प्रेगनेंसी में भूखे ना रहें।
  • आरामदायक कपड़े पहने
  • पेट पर बेल्ट या किसी अन्य प्रकार का प्रेशर न डाले।
  • ज्यादा वर्कलोड न ले, बीच बीच मे आराम करें
  • फ़ास्ट फूड, मसालेदार भोजन, सिगरेट और शराब से दूर रहें।
  • ऊंची हिल वाली सैंडल न पहने।
  • प्रेगनेंसी में तनाव से बचें
  • एक्सपर्ट की देखरेख में योग, व्यायाम करें।
  • सुबह टहलने का प्रयास करें।
  • प्रेगनेंसी में सप्लीमेंट्स न खाएं
  • किसी भी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताएं।

सर्दियों में ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम- ड्राई स्किन के लिए सबसे बेस्ट क्रीम

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम

ड्राई स्किन यानी रूखी त्वचा, इन त्वचा के लोगो को अन्य स्किन के मुकाबले ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। वैसे कुछ लोगों की स्किन ऑयली होती है, तो कुछ लोगों की ड्राई, वहीं कुछ लोगों की स्किन नाॅर्मल और कुछ की मिक्स। हर स्किन एक दूसरे से एकदम अलग होती है। ज़ाहिर सी बात है कि जब स्किन अलग अलग होगा तो उसके लिए क्रीम भी अलग अलग ही होने चाहिए। जैसे- ऑयली स्किन के लिए क्रीम कभी भी ड्राई स्किन को सूट नहीं करेंगे। वैसे ही ड्राई स्किन के लिए बनी क्रीम ऑयली स्किन को सूट नहीं करेंगे। इसलिए क्रीम खरीदते वक्त अपने स्किन टाइप का ही खरीदे ये न सिर्फ स्किन को नमी प्रदान करती है, बल्कि इसी वजह से यह हमारी रोज़ाना की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं ड्राई स्किन के लिए सबसे बेस्ट क्रीम के बारे मे।

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट क्रीम-Dry Skin Ke Liye Best Cream

पॉन्ड्स लाइट मॉइस्चराइजर

रूखी स्किन के लिए क्रीम की बात करे तो पॉन्ड्स लाइट मॉइस्चराइजर को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह विटामिन-ई, बी3 और सी से समृद्ध है। यह लाइट वेट क्रीम है, जिसे नॉन-ऑयली फॉर्मूले से बनाया गया है। रूखी त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करती है। हर मौसम में उपयोग की जा सकती है। 24 घंटे तक नमी को लॉक करके रखती है। आसानी से फैलती है, और चेहरे में अवशोषित होती है। इसमे एसपीएफ 15 से युक्त है।

बायोटिक बायो व्हीट जर्म यूथफुल नरीशिंग नाइट क्रीम (biotique winter cream for dry skin)

ड्राई स्किन के लिए बायोटिक के इस प्रोडक्ट पर एक नजर डाल सकते हैं। यह क्रीम एजिंग के लक्षण को भी काफी हद तक कम करती है। यह एक नाइट क्रीम है, जो त्वचा को प्रदूषण की वजह से होने वाली क्षति से भी बचाती है। इसका रोजाना उपयोग कर सकते हैं। सनबर्न और त्वचा संबंधी समस्याओं से आराम दिला सकती है। इसमें केमिकल नहीं है। त्वचा विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित है। इसमें विटामिन-ए, बी, सी, विटामिन डी और ई हैं। व्हीट जर्म, सनफ्लावर और बादाम के तेल से युक्त है। त्वचा को मॉइस्चराइज करती है।

बादाम के तेल
बादाम के तेल

लक्मे पीच मिल्क सॉफ्ट क्रीम

ड्राई स्किन के लिए लक्मे पीच मिल्क एक अच्छा विकल्प है। यह क्रीम पीच यानी आड़ू और दूध की अच्छाई से युक्त है। इस क्रीम के साथ ही इसकी खुशबू भी लोगों को अच्छी लगती है। यह क्रीम 24 घंटों तक स्किन में नमी को लॉक करती है। आसानी से त्वचा में समाती है। स्किन को गहराई से पोषण देती है। इसमें एसपीएफ-24 है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसे सुबह और रात को दोनों समय इस्तेमाल किया जाता है। स्किन को मुलायम बनाती है। त्वचा को रेडिएंट ग्लो देती है।

लोटस हर्बल्स न्यूट्रामॉइस्ट स्किन रिन्यूअल मॉइस्चराइजिंग क्रीम

इस क्रीम की बात करें, तो इसमें अंगूर में मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी फ्रूट एसिड का इस्तेमाल किया गया है। क्रीम में मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी फ्रूट एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट, एस्ट्रिजेंट और एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। ये गुण स्किन को स्वस्थ रखने और कसावट लाने में मदद करते हैं। सभी प्रकार की स्किन के लिए उपयुक्त है। सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव करती है। मॉइस्चर को स्किन में लंबे समय तक बनाए रखती है। टैन को कम करने में सहायक होती है।

सेटाफिल मॉइस्चराइजिंग क्रीम

रूखी और संवेदनशील त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करने के लिए सेटाफिल की यह क्रीम जानी जाती है। कंपनी के अनुसार, यह क्रीम त्वचा में पानी की मात्रा को संतुलित करके नमी को खोने नहीं देती है। यह क्रीम स्किन को तुरंत मॉइस्चराइज करके मुलायम बनाती है। संवेदनशील त्वचा पर कोमलता से असर करती है। त्वचा में आसानी से समाती है। यह एलर्जी पैदा नहीं करती है। यह क्रीम चिपचिपी नहीं है। इसमें बादाम के तेल के गुण मौजूद हैं। स्किन के पोर्स को ब्लॉक नहीं करती है। महिला और पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं।

हिमालया नरीशिंग स्किन क्रीम

हिमालया की यह क्रीम स्किन में 24 घंटों तक मॉइस्चर करती है। आसानी से त्वचा में अवशोषित होने वाली यह क्रीम महिला और पुरुष दोनों के लिए उपयुक्त है। नॉन ग्रीसी फॉर्मूले वाली इस क्रीम को एलोवेरा, विंटर चेरी जैसी कई प्राकृतिक सामग्रियों से बनाया गया है। प्रदूषण और शुष्क मौसम से बचा सकती है। त्वचा को पोषण और नमी प्रदान करती है। रोजाना इस्तेमाल की जा सकती है।

एलोवेरा
एलोवेरा

मामाअर्थ एंटी-पॉल्यूशन फेस क्रीम

ड्राई स्किन के लिए फेस क्रीम ऐसी चाहिए, जो मॉइस्चराइज करने के साथ ही एजिंग को भी धीमा कर सके। ऐसी क्रीम मामाअर्थ साबित हो सकती है। इस क्रीम का वादा है कि यह पॉल्यूशन और यूवी रेज से बचाती है। इनकी वजह से होने वाले एक्ने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है। लाइट वेट क्रीम है, जो चेहरे पर भारी नहीं लगती है। नॉन ग्रीसी क्रीम है। डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड है। त्वचा को मॉइस्चराइज रखती है। त्वचा को पोषण देती है।

स्किन के रंग को उज्ज्वल बनाती है। हल्दी, गाजर जैसे प्राकृतिक तत्वों से युक्त है। हानिकारक रसायनों जैसे सल्फेट्स, पैराबेंस, सिलिकॉन, पेट्रोलेटम और डाई से मुक्त है। रोजाना और सभी मौसम में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है।

इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण मुंहासे और पिंपल्स को त्वचा से दूर रख सकते हैं।

ओले रीजेनेरिस्ट रिवाइटलाइजिंग नाइट क्रीम

केवल महिलाओं के लिए केंद्रित ओले की यह क्रीम त्वचा की फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम कर एक नया लुक देती है। यह नाइट क्रीम है, जो रातभर चेहरे को गहराई से पोषण देकर और मॉइस्चराइज करके स्किन की खामियों को कम करती है। इस क्रीम को रोज उपयोग करते हैं। पूरी त्वचा के लिए थोड़ी सी मात्रा ही पर्याप्त है। खासकर एजिंग के साइन को कम करने के लिए बनाई गई है। रात को गहराई से स्किन हाइड्रेट करती है।

निविया सॉफ्ट, लाइट मॉइस्चराइजिंग क्रीम

रूखी त्वचा के लिए क्रीम की बात करें, तो निविया सबसे बेस्ट क्रीम है यह क्रीम त्वचा को लंबे समय तक मॉइस्चराइज करती है। यह विटामिन-ई और जोजोबा ऑयल से युक्त है, जो त्वचा की नमी को बरकरार रखती है। साथ ही स्किन को स्वस्थ बनाती हैं। यह क्रीम नॉन ग्रीसी फॉर्मूला से बनाई गई है, जो चिपचिपी नहीं लगती है। यह स्किन में अच्छे से अवशोषित हो जाती है। यह त्वचा को स्वस्थ बनाए रख सकती है।

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