हाई बल्ड प्रेशर किसे कहते है
हम आपको बहुत ही सरल शब्दो मे समझाते है। जब भी हमारा हृदय धड़कता है, तो वो ब्लड पंप करता हैं। हर पंप के साथ ब्लड आर्टरी से होता हुआ शरीर मे के हर अंग तक जाता है।
इन्हीं धमनियों से कितना खून पास हो रहा है इसे ही ब्लड प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर यानी जब बहते हुए खून का दबाव धमनियों पर बढ़ जाता है। इसे हाई ब्लड प्रेशर कहते है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति
भारत में हर 3 में से 1 भारतीय हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहा है।कहा जाता था कि हाई बी पी बूढ़े लोगो की बीमारी है, लेकिन अब यंग लोगो मे भी ये बीमारी देखी जा रही है।
भारत की करीब 40 प्रतिशत शहरी आबादी हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित है,और यह संख्या तेजी से बढ़ भी रही है।
हाई ब्लड प्रेशर से होने वाली दिक्कतें
- हार्ट अटैक या स्ट्रोक
- हार्ट फेलियर
- किडनी पर बुरा असर
- आंखों के ब्लड वेसल्स पर बुरा असर
- डिमेंशिया
- याददाश्त कमजोर आदि
हाई ब्लड प्रेशर के कारण
हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा कारण तनाव है। तनाव होना आजकल एक आम बात है। केवल बड़ो को ही नही, आजकल स्कूल जाने वाले बच्चे भी तनाव से पीड़ित हैं।
जरूरत से ज्यादा तनाव पूरी बॉडी पर खराब असर डालकर, बी पी बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स सीक्रिट करता है।
नमक का ज्यादा सेवन
बहुत से लोग जरूरत से ज्यादा नमक खाते है। बनी हुई सब्जी में ऊपर से नमक डालना, दही और सलाद में भी नमक डालना। ये आदत बहुत ही नुकसानदायक है।
ज्यादा नमक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है जिस वजह से किडनी में वॉटर रिटेंशन होने लगता है और आपके खून में ढेर सारे फ्लूइड्स बहने लगते हैं जिस वजह से रक्त धमनियों यानी ब्लड वेसल्स में प्रेशर बढ़ता है और ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है।
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग
शराब व सिगरेट में मौजूद निकोटिन ब्लड वेसल्स को कॉन्ट्रैक्ट कर देती है। ये आपकी फिजिकल कंडीशन पर डिपेंड करता है कि निकोटिन का असर आपको कितने सेवन के बाद होगा।
हाई बी एम आई
अगर आपका मोटापा यानी वजन बहुत ज्यादा है तो आपका बी एम आई भी बहुत ज्यादा होगा। जब ब्लड वेसल्स के चारो तरफ फैट ज्यादा होगा तो
वस्कुलर रेजिस्टेंज भी बढ़ने लगता है जिस वजह से हार्ट को दिनभर में ज्यादा खून पंप करना पड़ता है और हार्ट का काम अगर बढ़ जाता है तो यह ब्लड प्रेशर बढ़ने की सबसे बड़ी निशानी है।
प्रेगनेंसी
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को भी बी.पी. बढ़ने की समस्या होती है।
हाई बी पी के लक्षण
- हाई बी पी में सरदर्द के साथ चक्कर आते है।
- हाई बी पी में व्यक्ति को थकावट और ज्यादा तनाव होता है।
- कई बार सीने की तरफ दर्द और भारीपन महसूस होता है।
- सांस लेने में परेशानी और घबराहट होती है।
- रोगी के पैर अचानक सुन्न हो जाते हैं, और रोगी को धुंधला दिखाई पड़ता है।
बी पी की नई गाइड लाइन
पुरानी गाइड लाइन के अनुसार नॉर्मल बी पी रेंज है,
120/80 बल्कि यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की गाइडलाइन के अनुसार नई बी पी रेंज है, 140/90
हाई बी पी से कैसे बचें
- रोजाना कम से कम 20-25 मिनट एक्सरसाइज करें।
- हरी सब्जियां व कम फैट वाला भोजन ले।
- मैग्निशियम, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाने चाहिए।
- केवल मौसमी फलों जैसे सेब, अमरूद, अनार, केला, अंगूर, अनानास, मौसंबी, पपीता का सेवन करे।
- रोजाना पानी अधिक मात्रा में पीये।
हाई बी पी को तुरंत कैसे कम करें-high blood pressure ko turant kaise kam kare
- बी पी हाई होने पर शरीर को तुरन्त आराम की अवस्था में ले आएं।
- एक गिलास पानी मे निम्बू और चीनी का घोल बनाकर पिए, भूलकर भी नमक न डालें।
- तनाव को कम करने की कोशिश करें, जिंदगी से जुड़ी पॉजिटिव चीज़ों के बारे में सोचें।
- आँवले का चूर्ण और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम ले।
- जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो आधे गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर का एक चम्मच घोल लें। इसे दो-दो घंटे के बाद पीते रहें।
- तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में रख लें। इसका रोजाना एक-एक चम्मच सेवन करें।
- रोज सुबह खुली हवा में नंगे पैर हरी घास पर वॉकिंग करें।
- मौसम के अनुसार पालक, चुकंदर, अनार, गाजर का जूस पिए।
- 3 ग्राम मेथीदाना पाउडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे प्रतिदिन खाने से लाभ मिलता है।