गन्ने का सिरका के फायदे है अनेक, जानिए क्या है सिरका के उपयोग

गन्ने का सिरका के फायदे

गन्ने का सिरका गन्ने के रस से बनाया जाता है। गन्ने के रस को एक मिटटी के बर्तन में एक महीने के लिए धुप में रखा जाता है। बर्तन के मुँह के ऊपर एक मलमल का कपडा बांध कर एक महीने तक धुप में रखते हैं फिर उसे ठंडा करके काँच की बोतल में भरकर दो तीन लाल मिर्ची डाल कर रख देते है। गन्ने का सिरका तैयार है। गन्ने का सिरका बहुत गुणकारी होता है। वैसे तो गन्ने का सिरका के फायदे अनगिनत हैं यहाँ हम सिरका के उपयोग के बारे में जानेंगे।

गन्ने का सिरका के फायदे

सिरके के लाभ बड़े हुए लिवर व वजन को कम करने में

गन्ने का सिरका रक्त वसा को कम करता है जो बड़े हुए लिवरवजन को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर के वजन बॉडी मास,व सीरम ट्राई ग्लिसरॉइड का स्तर कम करने में मददगार होता है। यह दैनिक चपापचप सिंड्रोम की रोकथाम करता है। यह सीरम एच डी एल के स्तर में वृद्धि करता है व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग त्वचा के लिए

त्वचा के दाग धब्बों के लिए सिरका जादू जैसा कारगर होता है। प्याज के रस में सिरका मिलाकर चेहरे के निशानों पर लगाने सेचेहरे के निशान कुछ ही दिनों में निशान गायब हो जाते हैं।

सिरके के फायदे उच्च रक्त चाप में

सिरके का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है। व रक्तचाप कंट्रोल में रहता है।

सिरके के फायदे गले की सूजन व जलन को दूर करने में

सिरके में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते है व गले की सूजन कम करते है। जिसके कारण गर्म पानी में सिरका मिलाकर कुल्ला करने से गले की खराश व सूजन कम होती है।

सिरके का पेट दर्द में उपयोग

एसिडिटी के कारण होने वाले पेट दर्द मे आधा चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से पेटदर्द में राहत मिलती है।

सिरके के लाभ दस्त या कब्ज में

दस्त या कब्ज होने पर सलाद या पानी में सिरका मिलकर पीने से दस्त और कब्ज में आराम मिलता है।

सिरके के फायदे जहरीले कीड़े के काटने पर

जैली फिश का जहर सबसे हानिकारक विष में से एक माना जाता है। सिरका जैली फिश के विष के प्रभाव को कम कर देता हैं क्योकि सिरका जहरीले विष के हानिकारक प्रोटीन को तोड़ देता है अतः घाव में सिरका भरने से विष का प्रभाव तत्काल कम हो जाता है।

सिरके का उपयोग लू से बचाव में

गर्मियों की लू से बचने के लिए सिरका बहुत प्रभावी होता है सिरके को प्याज में मिलाकर खाने से लू नहीं लगती है।

सिरके के फायदे बालों के झड़ने में

बालों की समस्याओ के समाधान के लिए भी सिरका बहुत उपयोगी होता है। पानी में सिरका मिलाकर बाल धोने से बाल नहीं झड़ते हैं। क्योकि यह बालों को पोषण प्रदान करता हैं।

बालों के झड़ने में
बालों के झड़ने में

सिरका है इन्फ़ेक्शन रोधी

सिरका सर के फोड़े फुंसी फंगल इन्स्फेक्शन के लिए भी बहुत कारगर होता है यह सर के इंफेक्शन को दूर करता है। सिरकेवाले पानी से बाल धोने से सर के फोड़े फुंसी दूर होते हैं।

सिरका है रक्त शोधक

रक्त साफ़ न होने के कारण चेहरे पर होने वाले फोड़े फुन्सी की रोकथाम के लिए भी सिरका राम बाण होता है। सिरका पानी में मिलकर पीने से रक्त साफ़ होता है।

सिरका हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता हैं

सिरका गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग हिचकी रोकने में

लगातार आती हिचकियों से परेशान हो तो एक चम्मच सिरके से तुरंत लाभ मिलता है।

सिरका है उपयोगी पथरी में

मूत्र में अधिक अम्ल होने के कारण एसिड या ऑक्स्लेट के स्टोन बन जाते है। यह स्टोन पथरी होती है। सिरका मूत्राशय को क्षारीय बनाता है जिससे किडनी के स्टोन तोड़ने में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी में गन्ने के सिरके के सेवन से एक महीने में फायदा मिलता है।

गन्ने का सिरका है पीलिया में फायदेमंद

गन्ने के सिरके को पीलिया में लेने से तत्काल आराम मिलता है।

गन्ने के सिरके के फायदे आँखों की रोशनी बढ़ाने में

गन्ने के सिरके के नियमित सेवन से आँखों की रोशनी बढ़ती है।

गन्ने के फायदे पाचन में

गैस बनने पर सिरका पानी में मिलाकर लेने से हाजमा दुरुस्त करने में गन्ने का सिरका बहुत लाभदायक होता है।

गन्ने का सिरका है एक अच्छा प्रिजर्वेटिव

गन्ने का सिरका एक बहुत अच्छा प्रिजर्वेटिव होता है। अचार में सिरका डालने से अचार खराब नहीं होता।

सिरका है एक हेअर कंडीशनर

बालो के लिए सिरका एक हर्बल कंडीशनर होता है. बालों को धोने के बाद सिरका मिले पानी से बाल निथारने से बालों में चमक आती है।

सिरका है उपयोगी कपड़ों का रंग बरक़रार रखने में

सिरका मिले पानी से कपडे धोने से कपडे रंग नहीं छोड़ते व उनकी चमक बरक़रार रहती है तथा वे लम्बे समय तक नए रहते है।

सिरका कैल्शियम को शोषित करने में मददगार

सिरका आहार में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा शोषित करता है|

सिरका है उपयोगी कैंसर से बचाव में

कैंसर रोगियों के लिए गन्ने का सिरका बहुत उपयोगी होता है। यह शरीर में पोटेशियम व अन्य उपयोगी खनिज पदार्थ की कमी पूरी करता है।

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया में लाभकारी

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया ऐसी बीमारियां हैं जिनमे मरीज की याददाश्त व सिखने की क्षमता धीरे धीरे काम होने लगती है सिरके के सेवन से डिमेंशिया के दौरान संज्ञानात्मक कार्य में सुधार कर सकते है।

दादी नानी के ज़माने से सिरके के ऐसे ही न जाने कितने छोटे बड़े फायदे हैं। जिन्हे हम अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं एवं अपनी दिनचर्या से जुडी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान कर सकते है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

गन्ने के सिरके में क्या क्या पड़ता है?

.सिरका तैयार करने के लिये लीटर गन्ने के रस को उबाल लिया जाता है। .खमीरन डालकर इसे खमीर बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। .ठंडा होने के एक दिन बाद खमीर मिलाया जाता है। .इसके बाद इस जूस को तीन-चार दिन के लिए एक ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच हो। .फिर इसे छानकर साफ बर्तन में निकाल लिया जाता है और छठे दिन इसमें विशेष बैक्टीरिया वाला तरल पदार्थ साथ ही इसमें पुराना तैयार सिरका की कुछ मात्रा भी मिला दी जाती है। .7 से 14वें दिन इस पर झिल्ली बन जाती है जिसे हटा कर ठंडे स्थान पर रख दिया जाता है।फिर सिरके को इस्तेमाल में लाते हैं।

सिरके के क्या फायदे हैं?

अक्सर हमलोग सिरके का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही करते हैं।लेकिन सिरका हमारे लिए किसी औषधि से कम नहीं है। स्वास्थ्य के लिहाज से सफेद सिरका और सेब के रस से बना सिरका बहुत फायदेमंद होता है. सिरके का इस्तेमाल रूप निखारने से लेकर कई छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है. सिरके के फायदे: .सिरके का इस्तेमाल कंडिशनर के रूप में करें। .अगर आपको लगातार हिचकियां आ रही है तो एक चम्मच सिरका पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। .गले की खराश को दूर करने के लिये। .मांस-पेशियों की तकलीफ में राहत के लिए,सिरके से मसाज करें। .रोजाना एक निश्च‍ित मात्रा में सिरके का सेवन कर मोटापा कम कर सकते हैं।

सिरका पीने से क्या नुकसान होता है?

सिरका पीने के फायदे बहुत है तो नुकसान भी है। .भूख में कमी की समस्या हो सकती है। .इससे मतली की समस्या भी हो सकती है। .ज्यादा एसिटिक खाद्य या पेय पदार्थों से दांत संवेदनशील हो सकते हैं। .सिरके का सेवन दांत खराब कर सकता है। .इससे संवेदनशील त्वचा पर जलन या रैशेज की समस्या भी हो सकती है। इसलिए, त्वचा पर इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। .गर्भवती महिलाओं के लिये भी हानिकारक होता है। इसलिए जब भी सिरके का इस्तेमाल करें तो एकबार जरूर डॉक्टर से सलाह लेकर ही सिरके का सेवन करें।

गन्ने का सिरका कैसे बनाए?

बाजार में मिलने वाला सिरका सेहत के लिये काफी नुकसानदेह है इसलिए हमसभी को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में स्वस्थ के प्रति सचेत रहना चाहिये।इसलिए घर पर ही गन्ने से आसान तरीके से सिरका तैयार कर इस्तेमाल करना चाहिए। आइये जानते हैं विधि- .सिरका तैयार करने के लिए गन्ने के रस को उबाल लें। .गन्ने के रस को मिट्टी की हांडी में भर दें। .अब इस हाँडी को एक साफ व सूती कपड़े से बांधकर रोज़ तेज़ धूप में रखें। .इस प्रक्रिया को तकरीबन एक महीने तक दोहराएं और इसके बाद इस सिरके को छानकर एक कांच की बोतल में भर दें। .और फिर इसमें तीन सूखी लाल मिर्च डालकर बोतल को बंद कर दें। बहुत आसान विधि से उपयुक्त तरीके अपनाकर घर पर ही सिरका तैयार कर सकते हैं।

जानिए कैसे करे बिना किसी साइड इफेक्ट्स के करे पेट कम-Pait kam karne ki dawa

जानिए कैसे करे बिना किसी साइड इफेक्ट्स के करे पेट कम

पेट कम करने के लिए अधिकतर लोग एक्सरसाइज, योग, डाइटिंग और घरेलू नुस्खे प्रयोग करते है। पेट अंदर करने के उपाय को अपनाकर सेहतमंद तरीके से मोटापा कम किया जा सकता है पर कुछ लोगों की जिंदगी भागमभाग होती है जिस कारण वे नियमित रूप से इन उपायों को नहीं कर पाते और ऐसे में वे जल्दी पतले होने की दवाई या कोई आसान तरीका जानना चाहते है। आज हम पेट कम करने वाली दवाओ पर चर्चा करेगे जिनके सेवन से कोई नुकसान नही है।

पेट कम करने की दवा-Pait Kam Karne Ki Dawa

‘एग्रीप्योर गार्शिपेन प्लस टेबलेट’

यह आयुर्वेदिक दवा, पेट कम करने में कारगर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है। यह पेट कम करने असरदार है। क्योकि ये आसानी से चर्बी उत्पादन रोक देती है और शरीर की जमी हुई चर्बी को जला देती है। शरीर का भरा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम करती है। मेटाबॉलिज्म लेवल बढ़ाती है। शरीर का बढ़ा हुआ मोटापा कम करने में मदद करती है। शरीर में स्वाभाविक रूप से काम करती है और कभी कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाती। यह 100% आयुर्वेदिक दवा है।

दिव्य मेदोहर वटी

यह पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा है जो पेट अंदर करने के अलावा पाचन शक्ति को भी दरुस्त करने में कारगर है। ये दिव्य मेदोहर वटी पुरे शरीर का वेट लॉस करने की बजाय पेट कम करने में जादा असरदार दवाई है।

त्रिफला और गुग्गुल इस दवा के प्रमुख सामग्री में से एक है। त्रिफला मोटापा कम करने की आयुर्वेदिक दवाई है जो वसा पचाने की प्रक्रिया में सुधार लाती है। गुग्गल भी त्रिफला की तरह पेट की चर्बी घटाने और वजन कम करने में मदद करती है। दिव्य मेदोहर वटी में कुछ और भी औषधियां मौजूद है जो शरीर में वसा जमा नहीं होने देती और साथ ही फैट लॉस की प्रक्रिया को दरुस्त करने में मदद करते है।

त्रिफला
त्रिफला

ये दवा हार्मोन्स को संतुलन में रखने में मदद करती है। पेट कम के अलावा ये आयुर्वेदिक दवा भूख भी नियंत्रित करती है। ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है। मेदोहर वटी एक हर्बल मेडिसिन है जिससे वजन कम करने के अलावा ताक़त भी मिलती है।

गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद अक्सर वजन बढ़ जाता है और ऐसे में ये वजन कम करने की दवाई काफी सहायक हो सकती है। इस दवा की खुराक प्रयोग करने वाले के वजन और उसकी उम्र के अनुसार दी जाती है। बच्चों के लिए एक से दो गोली, नौजवानों के लिए दो से तीन गोलियां और वृद्ध लोग एक से दो टेबलेट दिन में दो बार ले सकते है। पतले होने के लिए दिन में तीन बार दो से तीन गोली ले सकते है।
दिव्य मेदोहर वटी के अलावा कुछ और पतंजलि दवाईयां भी है जो पेट अंदर करने में मददगार है जो इस प्रकार है।

  • आंवला जूस
  • एलोवेरा जूस
  • त्रिफला गुग्गुलदिव्य गोधन अर्क
  • दिव्या पेय हर्बल टी

वेट लॉस सप्लीमेंट

यह पेट कम करने का कैप्सूल है। ब्लेसिंग ट्री वेट लॉस सप्लीमेंट में ऐसे तत्व शामिल है जिनके द्वारा फैट बर्न होता और भूख पर नियंत्रण रहता है। ये दवा 100% नैचूरल है और इस सप्लीमेंट के साथ अगर आप वर्कआउट एक्सरसाइज भी करते है तो बहुत जल्द आपको अच्छे रिजल्ट देखने को मिल जायेगे इसमें ग्रीन कॉफ़ी बीन और दूसरे तत्वों के कारण वेट लॉस में मदद करता है। यह पेट कम करने के लिए यह सबसे बेस्ट कैप्सूल है।

एप्पल सीडर विनेगर

एप्पल सीडर विनेगर सबसे अच्छा है क्यों की इसके एक नहीं कई अनेक फायदे है। जैसे की वेट लॉस के साथ साथ इससे बाल अच्छे होते है, चेहरे की स्किन पर निखार आता है और हार्ट के लिए भी अच्छा है। ज्यादातर लोग इसे नॉर्मल यूज़ में लेते ही है, इसके कोई भी साइड इफ़ेक्ट या नुक्सान नहीं है इसलिए आप इसे  बेफिक्र होकर यूज़ करे और फायदा उठाये।

फैट बर्नर मेडिसिन

मार्केट में आपको कई तरह के फैट बर्नर टेबलेट मिल जायेगे पर ज्यादातर केस में लोग सही कंपनी का सही प्रोडक्ट पसंद नहीं कर पाते। आपको बता दू की पतले होने के लिए नटुरीज़ ब्रांड का फैट बर्नर सबसे बेस्ट है।इसमें हर वो तत्व शामिल है जो पेट कम करने के लिए जरुरी है जैसे की ग्रीन टी बीन्स, गार्सीनिअ कम्बोगिआ, कैफीन और क्रोमियम। आज तक जिसने भी इस प्रोडक्ट को यूज़ किया है उसमे से 95% लोगो ने इसके पॉजिटिव रिव्यु दिये है।

जानिए क्या है भीगे चने खाने के नुकसान-Chana Khane Se Kya Hota Hai

भीगे चने खाने के नुकसान

बहुत पुराने समय से भीगे सुबह के समय भीगे चने खाना मानो भारतीय परिवारों की परंपरा रही है। चाहे आयुर्वेद हो या एलोपैथी, भीगे चने खाना दोनों पद्धतियों के अनुसार लाभदायक है। भीगे हुए चने खाने के फायदे अनगिनत है पर आज इस लेख में हम बात करेंगे भीगे चने खाने के नुकसान के बारे में।

भीगे चने के फायदे

भीगे हुए चनों में होता है फॉस्फोरस और क्लोरोफिल जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है। इनमें पाया जाने वाला हाई फाइबर पेट की कब्ज और अपच से मुक्ति दिलाता है। डायबिटीज में आराम दे शरीर मे फुर्ती लाता है और पुरूषों में वीर्य को गाढ़ा करके नपुंसकता दूर करता है।

चने में ब्यूटिरेट नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो मुख्य रूप से कैसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है।

इसमें पाया जाने वाला तत्व β-कैरोटीन आंखों की कोशिकाओं को फायदा करता है।भीगे हुए चने में विटामिन-ए, बी, और विटामिन-ई बालो और स्किन को चमकदार बनाता है। इसके अलावा खून की कमी को दूर करता है।

कब्ज
कब्ज

भीगे चने खानें के नुकसान

अब जिसके इतने अनगिनत फायदे हो क्या उसके कुछ नुकसान हो सकते है। तो बिल्कुल हो सकते है। हर चीज़ के दो पहलू होते है, इसी प्रकार भीगे चने खाने के तरीके, समय, और मात्रा के कारण ये भी नुकसान कर सकते है।

तो आगे हम आपको बताएंगे भीगे चने खाने के नुकसान

  • जब आप सुबह खाली पेट भीगे हुए चने खाते है तो इससे आपके पेट में गैस बन सकती है, जिस कारण पेट में दर्द हो सकता है।
  • हाई फाइबर होने के कारण डिजेस्टिव सिस्टम एब्नॉर्मल हो सकता है। चने में ‘प्यूरिन’ नामक यौगिक होते हैं जो शरीर के यूरिक एसिड द्वारा टूट सकते हैं जिससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • भीगे  हुए चने खाने से पेट में सूजन, ऐंठन, कब्ज और बदहजमी की समस्या भी हो सकती है।
  • अचार,करेला या हाई एसिडिक चीज़ों के साथ आसपास भीगे चने खाने से, हाई एसिडिटी, जलन यहाँ तक कि हार्ट अटैक आ सकता है।
  • हाई प्रोटीन होने के कारण यदि हम इसका ज्यादा सेवन करते है तो ज्यादा प्रोटीन नुकसान करता है।
  • इससे वजन बढ़ना, कब्ज़ ब्लॉटिंग, डिहाइड्रेशन, ऑस्टियोपोरोसिस, और किडनी की बीमारी जैसी समस्याएं हो सकती है
  • इसी प्रकार भीगे चनों से मिलने वाला ज्यादा आयरन भी नुकसानदेह है। ज्यादा मात्रा में भीगे चने खाने से सीने में जलन, उल्टी, दस्त, शरीर में पानी की कमी, लिवर डैमेज, लगातार गिरता बीपी, धडक़नों का घटना-बढऩा हार्ट फेल या किडनी फेल की समस्या हो सकती है।
  • भीगे चनों में पाया जाने वाला फॉस्फोरस यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो इससे हाइपरफॉस्फेटिमिया की समस्या हो सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

चने में पाए जाने वाले पोषक तत्व

पोषक तत्वमात्रा ( प्रति100 ग्राम)
पानी (g) 60.21
ऊर्जा (kcal) 164
प्रोटीन (g) 8.86
कुल फैट(g) 2.59
कार्बोहाइड्रेट (g) 27.42
फाइबर (g) 7.6
कुल शुगर (g) 4.80

मिनरल्स
कैल्शियम (mg) 49
आयरन (mg) 2.89
मैग्नीशियम (mg) 48
फास्फोरस (mg) 168
पोटैशियम (mg) 291
सोडियम (mg) 7
जिंक (mg) 1.53

विटामिन
विटामिन सी (mg) 1.3
थियामिन (mg) 0.116
राइबोफ्लेविन (mg) 0.063
नियासिन (mg) 0.526
विटामिन बी 6 (mg) 0.139
फोलेट (μg) 172
विटामिन बी -12 (μg) 0.00
विटामिन ए (μg RAE) 1
विटामिन ए (IU) 27
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल),mg0.35
विटामिन डी (डी2 + डी3)00.0
विटामिन डी (IU) 0
विटामिन K1 (फाइलोक्विनोन) (μg)4.0
लिपिडफैटी एसिड कुल सैचुरेटेड (g)0.269फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (g)0.583फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (g)1.156फैटी एसिड, कुल ट्रांस। 0.000
कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0

इसलिए भीगे चने खाने की शुरुआत करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखे।

  • शुरुआत से ही ज्यादा मात्रा का सेवन न करे।
  • भीगे चने खाने से पहले कोई फल जरूर ले।
  • भीगे चने खाने के आसपास या साथ मे एसिडिक भोजन न करें।
  • गुर्दे की पथरी, पित्त या गठिया से पीड़ित इसका सेवन बिल्कुल भी न करें।

जानिए कितना और कैसे करें इस्तेमाल ताकि ना हो फिटकरी से नुकसान

फिटकरी से नुकसान

फिटकरी के बारे में किसी को बताने की जरूरत नही, ज्यादातर घरों में फिटकरी किसी न किसी काम के लिए रखी ही होती है। कलरलेस और दानेदार दिखने वाले इस पदार्थ को साइंस की भाषा मे साधारण ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ (KAl(SO4)2.12H2O) कहते हैं। सामान्यतया इसे ‘एलम’ (Alums) नाम से जाना जाता है। फिटकरी की तासीर गर्म होती है। इस लेख में हम जानेंगे क्या है फिटकरी के गुण, फिटकरी से नुकसान और इस्तेमाल।

फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का साल्ट है। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।

फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है। फिटकरी के अलग अलग रूपो का प्रयोग अलग काम मे लिया जाता है।

पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया जाता था पुराने समय मे।

अमोनियम एलम : चिकने सफेद पत्थर की तरह दिखने वाली इस फिटकरी का प्रयोग कॉस्मेटिक या पर्सनल हाइजीन के लिए होता, जैसे आफ्टरशेव लोशन, पसीने की बदबू से छुटकारा और हाथों से जुड़े उत्पाद।

क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, यह पूरी तरह से केमिकल बेस्ड है और इसका प्रयोग इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

सोडियम एलम : यह एक इनआर्गेनिक कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम भी कहते है। इसका उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है।

फिटकरी के गुण

फिटकरी में निम्न औषधीय गुण होते है।

  • एंटीबायोटिक (सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाला)
  • एंटी-ट्राइकोमोनस (प्रोटोजोवल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
  • एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला)
  • एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला)
  • एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला)
    फिटकरी
    फिटकरी

फिटकरी से नुकसान

यूँ तो फिटकरी के अनगिनत फायदे आपको हर जगह पढ़ने सुनने को मिलेंगे। लेकिन क्या आप जानते है की फिटकरी से नुकसान कितने है।

तो आगे हम आपको बताएंगे कि फिटकरी के क्या क्या नुकसान होते है। ताकि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए फिटकरी का प्रयोग करे।

  • बहुत से लोग खांसी ज़ुकाम या नकसीर के लिए फिटकरी का प्रयोग करते है। जैसे फिटकरी का चूर्ण बना कर शहद के साथ लेना। लेकिन ध्यान रखे फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • अगर आप फिटकरी का प्रयोग अपनी त्वचा पर कर रहे है तो ध्यान रखे। फिटकरी घुले हुए पानी से आंखे धोने पर आंखों को नुकसान हो सकता है। इसे लगाने से स्किन और आंखों में जलन व रैशेज भी हो सकते हैं। क्योंकि पोटेशियम ऐलम (potassium alum) त्वचा को कमजोर कर सकता है। इसके कारण ड्राई स्किन, त्वचा में चकते, लाली जैसी समस्याए हो सकती है।
  • लगाने के अलावा फिटकरी खाने से भी नुकसान हो सकता है। इससे पुरुषों में वीर्य और फ्रक्‍टोज (semen and fructose) का स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर ज्यादा समय तक फिटकरी का सेवन किया जाए कैंसर और अल्‍जाइमर का खतरा हो सकता है।
  • अगर आप मुँह के छालों के लिए फिटकरी का प्रयोग कर रहे है, तो लार को गलती से भी ना निगले, बच्चो पर इस तरह का कोई प्रयोग ना करें।
  • ज़ुओं से मुक्ति के लिए आप फिटकरी पाउडर का उपयोग लगातार ना करें, इससे बाल रूखे और बेजान हो सकते है।
  • आफ्टर शेव लोशन के तौर पर आप फिटकरी का प्रयोग केवल घर मे करें। अगर आप नाई की दुकान पर जा रहे है तो इससे बचे। क्योंकि नाई एक ही फिटकरी का प्रयोग सबके चेहरे पर करता है जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।
  • कुछ लोग दावा करते है कि रात को फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग गोरा होता है। यदि ऐसा होता तो कॉस्मेटिक का बाजार इतना बड़ा नही होता। रंग गोरा हो ना हो पर लगातार फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग काला जरूर हो सकता है। क्योंकि चेहरे की त्वचा बहुत नाजुक होती है।
  • योनि में कसावट के लिये भी महिलाएं फिटकरी का प्रयोग करती है, पर हमारा मानना है कि इसके लिए कीगल एक्सरसाइज से बेहतर कुछ नही हौ। इतनी संवेदनशील भाग पर किसी तरह का एक्सपेरिमेंट ना ही किया जाए तो बेहतर होगा।

फिटकरी को रखने का सही तरीका

  • दानेदार फिटकरी या फिटकरी के टुकड़े को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए, इससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है।
  • यूज़ करने के बाद इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में ही रखे।
  • फिटकरी पाउडर की बात करें, तो इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखा जाना चाहिए।

उम्मीद है फिटकरी पर लिखा ये आर्टिकल आपको जरूर पसन्द आया होगा, और फिटकरी का उपयोग करने से पहले आप इसके नुकसानों पर एक नजर जरूर डालेंगे। साथ ही इसके प्रयोग से पहले अपनी स्वास्थ्य और शरीरिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
उपयोग करने के कारण कोई समस्या होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें, घरेलू उपायों में समय बर्बाद ना करें।

जानिए कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें- Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें

हमारे बॉडी मे बहुत से कोशिकाओं होती है इन्हे सही से काम करने के लिए किसी भी प्रकार की रुकावट नही चाहिए होती है। परंतु व्यक्ति के गलत खान पान के कारण शरीर मे बहुत सी बीमारिया पैदा हो जाती है। बहुत बार व्यक्ति ऑइल की चीजे ज्यादा खाता है जिससे उसके बुरे प्रभाव उसके शरीर पर पड़ते है। ज्यादा ऑइल का खाना शरीर मे कोलेस्ट्रोल की समस्या पैदाकर देता है। कोलेस्ट्रोल की समस्या से मोटापा, सिर दर्द, सांस फूलना, बेचेनी, सिने मे दर्द, हार्ट के बीमारी आदि होने लगती है। जब कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तो यह बीमारिया आम तोर पर होना शुरू हो जाती है। इसके लिए व्यक्ति बहुत से उपाय करने लगता है जिससे कोलेस्ट्रोल कम किया जा सके। तो आइये जानते है कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें ।

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रोल एक वसा से भरा तरल की तरह होता है, जो हमारे लिवर से पैदा होता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं की दीवारों, हॉर्मोस को बनाये रखने मे, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच के लिए जरूरी होता है। बॉडी मे दो तरह के कोलेस्ट्रोल होते है जैसे एक अच्छा दूसरा बुरा। अच्छा कोलेस्ट्रोल काफी हल्का होता है, बुरा ज्यादा गाढ़ा होता है जो हमारे आर्टरी की दीवारों पर जमा होता है। इससे खून का बहाव रुक जाता है।

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें-Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए हमने नीचे कुछ खाद्य सामाग्री के बारे मे बताया है जिससे व्यक्ति आसानी से अपने बढ़ते हुये कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है। चलिये जानते है कैसे?

ऑलिव ऑयल

कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए ऑलिव ऑयल का उपयोग करना चाहिए क्यूकी इसमे अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के लेवेल को कम करने के गुण होते है जो कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने से रोकते है। यह हमारे शरीर मे ऑर्टरी को मजबूत बनाए रखता है।
ऑलिव ऑयल हमारे हार्ट के लिए भी सही होता है।

ऑलिव ऑयल ब्लड प्रेशरशुगर के लेवेल को बनाए रखता है। ऑलिव ऑयल का लगातार 6 महीने से ज्यादा काम मे लेने से यह आपका 8-10% कोलेस्ट्रोल घटा देता है।

नींबू

नींबू को कोलेस्ट्रोल कम करने का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमे घुलनशील फाइबर होते है जो हमारे पेट के लिए अच्छे होते है।

नींबू
नींबू

यह हमारे पेट मे कोलेस्ट्रॉल को खून के साथ मिलने से रोकने मे मदद करता है। इसके अंदर पाये जाने वाला विटामिन सी खून की नालियो की सफाई करता है। यह हमारे बड़े हुये कोलेस्ट्रोल को बाहर निकाल देता है। इसके आप खटे फलो को खा सकते है, क्यूकी इनमे एंजाइम्स होते है जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करते है, जिससे आप कोलेस्ट्रॉल को घाटा सकते है।

सोयाबीन और दालें

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए व्यक्ति को अंकुरित चीज़ों को खाना चाहिए, इसलिए सोयाबीन और दालें का सेवन करना जरूरी है, क्यूकी अंकुरित अनाज मे खून मे पाये जाने वाले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने मे लिवर की सहायता करता है।

यदि इन चीज़ों को सही से सेवन नही किया जाता है तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ा भी सकती है।

ओट्स

ओट्स मे मोजूद फाइबर हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है। ओट्स मे बीटा ग्लूकॉन होता है जो हमारी आंत की सफाई करता है।

जिससे हमारी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म कर देता है। यदि इसका लगातार सेवन करते रहने से यह 3 महिनो मे ही 6-7 % कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है।

लहसुन

लहसुन को आम तौर पर बहुत से बीमारी के काम मे भी लिया जाता है। इसमे पाये जाने एंजाइम्स कोलेस्ट्रॉल को घटाने मे मदद करते है।

यदि हम लहसुन का रोजाना सेवन करते है तो लगभग 10-15% तक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है। यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय है ड्राई फ्रूट्स

कुछ ड्राई फ्रूट्स जिनमे फाइबर पाये जाते है जैसे पिस्ते, अखरोट और बादाम आदि है। इन ड्राई फ्रूट्स मे ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे हमारी मदद करता है।

इसमे फाइबर ज्यादा होता है ,जो हमे पेट के भरे रहने का अहसास करवाते है। इससे फालतू की चीजे खाने से बच सकता है।

जानिए गर्मी में चेहरे की देखभाल कैसे करे-Garmi Me Face Care In Hindi

चेहरे की देखभाल

गर्मियों में हमारी त्वचा को सबसे ज्यादा केयर की जरूरत होती है क्योंकि तेज धूप और गर्मी त्वचा को कई तरीके से नुकसान पहुंचा सकती है। हम आज अपने आर्टिकल में गर्मियों में चेहरे की देखभाल करने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं जिनसे आप घर बैठे बिना खर्च किए मुलायम और साफ और गोरी स्किन कर लेंगे।

गर्मी के मौसम में चेहरे पर पसीना, सूखापन, टैनिंग, सर्न बर्न, पिंपल, हीट रैशेस जैसी समस्याएं होने लगती हैं। चेहरा सुस्त और थका हुआ दिखने लगता है। गर्मियों में फेस का ठीक से ख्याल ना रखने पर पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और मुंहासे की प्रॉब्लम भी हो जाती है। चूंकि इस मौसम में पसीना और तेल फेस पर जम जाता है तो इसे हटाने के लिए त्वचा की सफाई बहुत जरूरी होती है। ऐसे में कई लोग फेस अच्छा रखने के लिए बहुत से रुपए खर्च करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है।

जानिए गर्मी में चेहरे की देखभाल कैसे करे-Garmi Me Face Care In Hindi

गर्मी में बनाकर लगाएं ये बेहतरीन फेस मास्क

एक कप ओटमील लेकर उसमें थोड़ा खीरा और एक चम्मच दही मिला दें। इसे अच्छी तरह मिक्स कर लें और अब इसकी एक मोटी लेयर चेहरे पर लगाइए।

दस मिनट बाद इसे ठंडे पानी से धो लीजिए। ये मास्क सभी तरह की स्किन पर सूट करता है। इसे लगाने से चेहरे पर निखार आता है और इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है।

फेस मास्क
फेस मास्क

ठंडा ठंडा वॉटरमेलन फेस पैक

गर्मियों में तरबूज़ खाना तो सभी को पसंद होता है। इसे खाने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। चेहरे की नमी बनाए रखने के लिए आप तरबूज़ का फेस पैक बनाइए।

इसके लिए आप तरबूज़ के गूदे में दही मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धोकर खुद फर्क महसूस कीजिए।

गर्मी में स्किन की देखभाल करें टमाटर से

गर्मियों में चेहरे की देखभाल करने के लिए एक कटोरी में 1-1 टेबलस्पून टमाटर का जूस और नारियल पानी लें। इसे अच्छी तरह मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगा लें। कुछ देर के लिए इससे चेहरे की मसाज करें और फिर इसे लगाकर छोड़ दीजिए।

फिर ठंडे पानी से स्किन को साफ कर लीजिए। गर्मी में टमाटर से बना फेस मास्क आपकी त्वचा को नई चमक देगा।

दही का कमाल

दही खाना सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही हमारे चेहरे के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। दही से स्किन को नमी मिलती है और चेहरे से गंदे कण बाहर निकल जाते हैं। यह टैनिंग हटाने में बहुत उपयोगी है। ताजा व ठण्डा दही लेकर फेस पर दो परत में लगाएं।

इसे चेहरे पर 30 मिनट के लिए ऐसे ही लगा रहने दें। इसके बाद सादे पानी से चेहरा धो लें। ध्यान रहे बाद में 2 घण्टे तक इस पर कुछ ना लगाएं।

गर्मियों में एलोवेरा से ऑयली स्किन की देखभाल

अगर आप ऑयली स्किन से परेशान हैं तो आपके लिए मददगार हो सकता है ऐलोवेरा और हल्दी पाउडर

एक टेबलस्पून हल्दी पाउडर और 2 टेबलस्पून ऐलोवेरा जेल लीजिए। दोनों चीजों को मिलाकर 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाइए और फिर इसे ठंडे पानी से धो लीजिए।

बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में दो या तीन बार जरूर लगाएं।

नींबू जूस और दालचीनी का फेस मास्क

एक कटोरी में 2 टेबलस्पून नींबू का जूस और आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर लेकर इन्हें अच्छी तरह से मिला लें।
इस फेस मास्क को लगाने से पहले आप अपना चेहरा अच्छी तरह से साफ जरूर कर लें। फिर इस मास्क को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और करीब 5 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दीजिए।
इसके बाद इसे ठंडे पानी से धो लीजिए। शीघ्र और बेहतर रिजल्ट के लिए इसे रोज इस्तेमाल कीजिए।

गर्मी में लगाइए खीरा फेस पैक

खीरा यानी ककड़ी में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी होता है। गर्मी में चेहरे को हाइड्रेट रखने के लिए खीरे का फेस पैक लगाएं। इसके लिए पहले खीरे को पीस लें। फिर उसमें पिसी हुई शक्कर और दही मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दें। फिर साफ पानी से चेहरा धो लें।

गर्मियों में चेहरे की देखभाल के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

– 15 SPF या उससे ज़्यादा SPF वाला सनस्क्रीन यूज करें।
– ऑयल फ्री मेकअप प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें।
– ज्यादा देर धूप में हो तो बाद में एलोवीरा जेल चेहरे पर जरूर लगाएं।
गर्मी में जूसी फ्रूट जरूर खाएं। इससे आपकी स्किन शाइन करेगी।

कैसा हो टाइफाइड में खान पान ताकि जल्दी स्वस्थ हो जाये आप

टाइफाइड में खान पान

कई बार व्यक्ति अचानक बीमार पड़ सकता है। साधारण बुखार आ सकता है। इस दौरान हम कुछ दवाई लेकर ठीक हो जाते है, परंतु बुखार का बार बार आना टाइफाइड होने का संकेत देता है। इस बीमारी मे बहुत से लोगो को पता नही चलता है की उन्हे टाइफाइड हुआ है। व्यक्ति एक साधारण बुखार समझ कर दवाइया लेता रहता है, जिससे उसके पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। यदि समय रहते आपको टाइफाइड का पता नही चलता और आप अपने खाने पीने मे गलत चीज़ों का इस्तेमाल कर लेते है तो इससे आपकी तबीयत और ज्यादा खराब हो सकती है। ऐसे में जरुरी है की आप टाइफाइड में खान पान का ध्यान रखे।

टाइफाइड क्या है?

टाइफाइड एक बुखार की तरह होता है जो दूषित पानी या दूषित भोजन का इस्तेमाल करने के कारण होता है। ये बीमारी अधिकतर गंदे बासी भोजन, गंदे पानी या अन्य खाने पीने की खराब चीजो से फैलती है। टाइफाइड एक तरह का संक्रामक बुखार है जो एक से दूसरे में आसानी से फैलता है। इसीलिए घर के एक सदस्य को टायफायड होने पर सबको सावधानी बरतनी चाहिए।

टाइफाइड के क्या क्या लक्षण है?

ज्यादतर टाइफाइड 1-2 सप्ताह तक रहता है। यह एक साधारण बुखार से ज्यादा से ज्यादा दिन लेता है। यदि यह बीमारी ज्यादा दिन तक चलती है तो इसमे कुछ लक्षण सामने आते है। जो यह बताते है की व्यक्ति टाइफाइड से ग्रसित है।

चलिये जानते है टाइफाइड के लक्षण

  • भूख में कमी
  • तेज सिर दर्द
  • तेज बुखार – 104 डिग्री
  • शरीर मे कमजोरी
  • पेट के परेशानी जैसे दस्त होना
बुखार
बुखार

टाइफाइड में खान पान

किसी भी बीमारी को दूर करने में सही तरीके से खाना पीना भी उतना ही महत्वूर्ण होता है जितनी की दवाइयां महत्वपूर्ण हैं। क्योकि दवाइयां सिर्फ बीमारी के कारण को ढूंढ़कर उन्हें खत्म करती हैं वो आपके शरीर में ऊर्जा नहीं डालती है। ऊर्जा पाने के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाना बहुत आवश्यक है और दवाइयां भी तभी असर करेंगी जब आपका सही खानपान रहेगा। 

आज हम आपको बताएंगे कि टाइफाइड होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

टायफाइड में क्या खाना- पीना चाहिए?

  • टाइफाइड में खिचड़ी,दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां , पत्तागोभी, पालक, फूलगोभी, पपीता और गाजर खाना अच्छा है|
  • जल्दी से पच सकने वाले हल्के फुल्के फल और सब्जियां खाएं जैसे कि – आलू, पके हुए फल इत्यादि।
  • इस रोग में दही खाना बहुत फायदेमंड है। दही के सेवन से भूख और पेट की जलन दोनों में राहत मिलती है। परंतु अगर रोगी को जुकाम, खांसी या जोड़ो में दर्द की तकलीफ हो तो उन्हें दही नहीं खानी चाहिए|
  • अगर डायरिया ना हो तो 1 कप दूध या फिर पानी के अंदर 1 चम्मच जितना ग्लुकोज़ मिला दें और इसे पिएं। इस घोल को बार-बार पीने से ताकत मिलेगी।
  • दूध पीना बहुत फायदेमंद है। दूध पीने से दवाइयां शरीर में गर्मी नहीं करती हैं और शरीर को काफी उर्जा भी मिलेगी।
  • टाइफाइड के दौरान अनार का रस, संतरे का रस, नारियल पानी, गन्ने का रस, चुकंदर का रस और सेब का रस पीना बहुत अच्छा होता है। 
  • अलग अलग सब्जी का सूप भी फायदा करेगा। पर याद रखें सूप में किसी भी तरह के मसाले या दूसरी वस्तु ना मिलाएं।
  • टाइफाइड के दौरान वजन कम होना शुरू हो जाता है, इसलिए आपको ज्यादा मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट देने वाली चीज़े खानी चाहिए। 
  • एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, खजूर और खुबानी जैसे खाद्य पदार्थो का सेवन करना बेहतर रहेगा।
  • संतरा, गाजर और आलू खाएं क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में विटामिन्स पाए जाते हैं। विटामिन ए, बी और सी युक्त भोजन का सेवन आपको टाइफाइड से लड़ने में मदद करता है।
  • अगर टाइफाइड में कब्ज की शिकायत हो तो गुनगुने पानी में इसबगोल के दाने डालकर पीने से लाभ मिलेगा।
कब्ज
कब्ज

टाइफाइड मे क्या नही खाना चाहिए-Typhoid Me Kya Nahi Khana Chahiye

टाइफाइड में खान पान का धयान रखना बहुत जरुरी है नहीं तो आप टाइफाइड कमजोरी के शिकार हो सकते है। टाइफाइड कमजोरी होने पर आपके शरीर की सारी ऊर्जा खत्म हो जाती है। हमे टाइफाइड बीमारी के समय नीचे बताई गयी चीज़ों को नही खाना चाहिए।

  • टायफायड में तेल वाला और मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। ये आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है और आपकी पाचनशक्ति को भी कमजोर करता है। टाइफाइड के समय व्यक्ति को स्पाइसी खाना बिलकुल नही खाना चाहिए। क्यूंकि स्पाइसी खाना हमारा पाचन तंत्र आसानी से पचा नहीं पाएगा। यह टाइफाइड को ज्यादा बढ़ा देगा।
  • टायफाइड में आपको कॉफी नहीं पीना चाहिए। कॉफी में कैफीन होता है, जो आपकी पाचन क्रिया के लिए अच्छा नहीं होता है। कॉफ़ी पीने से इस बीमारी में आपको दस्त की परेशानी हो सकती है।
  • जब व्यक्ति को टाइफाइड हो तो उसे घी नही का सेवन नही करना है। क्यूंकि हमारा शरीर मे घी पचाने के क्षमता खत्म हो चुकी होती है। घी खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
  • जंक फूड और बाहर के खानपान की चीज़ों से परहेज करें ।
  • टाइफाइड में गरिष्ठ पदार्थ, भारी और पेट में गैस पैदा करने वाली खानपान की चीजें नहीं लेनी चाहिए।
  • बासी, खुले रखे हुए भोजन या पानी का भूलकर भी सेवन ना करें।
  • टाइफाइड के दौरान परांठे, पूरी, नूडल्स, पिज़्ज़ा,मैगी, बर्गर और चटपटा मसालेदार खाना बिल्कुल ना खाएं।
  • इस बीमारी के दौरान मीट ना खाएं और अंडा भी ना खाएं। टाइफाइड में व्यक्ति को भूल कर भी अंडा नही खाना चाहिए। इसमे ज्यादा फेट होता है, जो हमारे पाचन क्रिया को कमजोर कर देता है।
  • टाइफाइड बीमार व्यक्ति को दो तीन सप्ताह तक मटन नही खाना चाहिए। मटन मे बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेड होता है जो हमारे लीवर पर काफी असर पैदा करता है। इससे आपकी तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है।
  • टाइफाइड के समय व्यक्ति को ओइली खाना नही खाना चाहिए। यह व्यक्ति के लिवर व पाचन क्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

टाइफाइड ठीक होने के बाद ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?

  • टाइफाइड में आई कमजोरी दूर करने के लिए किशमिश, मूंग की पतली दाल, मुनक्का, पतला दलिया, उबला हुआ दूध, मक्खन, दही आदि का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
  • बादाम खाना भी बहुत अच्छा है। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। बादाम खाने से आपका घटा हुआ वजन भी संतुलित बनता है।
  • हल्के गर्म पानी में 1 चम्मच नींबू रस मिलाइए और इसे खाली पेट पी लीजिए। ऐसा करने से आपकी पाचन क्रिया बहुत अच्छी हो जाएगी। नींबू में विटामिन सी होता है, जो लीवर को मजबूत बनाता है तो आपको पेट की समस्या से निजात मिलेगा।
  • दही में भरपूर प्रोटीन होता है। दही खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और आपके शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता मिलती है। इसलिए दही का सेवन जरूर करें।
  • टमाटर सूप में अधिक कैलोरी होती है और आसानी से पच भी जाता है, इसलिए टायफाइड बुखार में टमाटर खाएं और दूसरी सब्जियों के सूप भी पिएं।

असरदार घरेलू उपाय जो दिलाएंगे सफेद बालों से छुटकारा

सफेद बालों से छुटकारा

आज के समय में कम उम्र में ही बालों का सफेद होना एक आम बात है। आजकल की दौड़ भाग भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न होने लगते हैं, जिनमें से बालों का सफेद होना चालू हो जाता है। साथियों इस आर्टिकल के माध्यम में हम सफेद बालों से छुटकारा पाने के तरीको के बारे में विस्तृत जानकारी आपको देंगे तथा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।

आजकल मानो यह एक गंभीर समस्या बनते जा रही है, क्योंकि हर तीसरे या चौथे व्यक्ति के बाल कम समय में अथवा असमय में सफेद होने लगे हैं। आजकल तो यह समस्या 14 साल की बच्चे में भी दिखाई देने लगी है। ज्यादातर इसका निवारण लोग रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल कर करते हैं, परंतु यह रसायन हमारे बालों के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि इन रसायनों का इस्तेमाल करने पर हमारे शरीर में इसके दुष्प्रभाव पड़ने लगते हैं तथा हमें अपने घरेलू उपायों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

आइए जानते हैं बाल सफ़ेद होने के कारण क्या है और कौन-कौन से घरेलू उपाय हैं जो सफेद बालों से छुटकारा दिला सकते है।

सफेद बाल
सफेद बाल

बाल सफ़ेद होने के कारण-Baal Safed Hone Ke Karan

दोस्तों इसके कई कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • बालों का सफेद होना अपने खानपान पर भी निर्भर करता है यदि हम संतुलित आहार नहीं ले रहे हैं तो हमारे बाल सफेद हो सकते हैं। भोजन में हमें आवश्यक सभी प्रकार के तत्वों की पूर्ति करना चाहिए जो लोग खानपान में इन सारी बातों तथा आवश्यक तत्वों का ध्यान नहीं रखते हैं तो इसका असर आपके बालों में दिखाई देता है।
  • यह भी एक कारण है कि हमारी दैनिक जीवन की गतिविधि जिसके वजह से हम दिन भर अपने कामों में उलझे रहते हैं और नियमित रूप से अपने बालों का तथा शरीर का ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस कारणवश इसका असर बालों पर नजर आता है यह एक महत्वपूर्ण समस्या बन जाती है।
  • जो लोग तनाव में रहते हैं तथा वह बहुत जल्द ही डर तथा घबरा जाते हैं तब यह समस्या उत्पन्न होना चालू हो जाती है।
    अनुवांशिकता एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके वजह से बाल सफेद होते हैं दोस्तों यदि आपके परिवार या आपके पूर्वजों में यह समस्या चली आ रही है तो आपके भी बाल सफेद होंगे।
  • जैसे-जैसे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ते जा रहा है, वैसे वैसे ही इसका दुष्परिणाम हमारे शरीर पर आ रहा है, परंतु इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी त्वचा तथा बालों पर पड़ता है। इस दूषित पर्यावरण से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
  • बाजार में रसायन युक्त शैंपू, कंडीशनर, डाई आदि पदार्थ बढ़ रहे हैं। जिनमें बहुत मात्रा में रसायनों का उपयोग होता है जिससे बालों का सफेद होना निश्चित होता है।
  • बाजार में मौजूद विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल का भी हम लोग बहुत इस्तेमाल करते हैं इनमें उपस्थित रसायनों की वजह से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।

बाल काले करने के घरेलू उपाय-Baal Kale Karne Ke Gharelu Upay

  • मेहंदी के पौधे से पत्तियां तोड़ कर उसे पीसकर मेहंदी तैयार करें और अपने बालों में लगाना चाहिए इससे आप सफेद बालों पर बहुत हद तक नियंत्रण पा सकते हैं।
  • यदि आप अपने खान-पान में कढ़ी के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे, यह आपके बालों के लिए लाभदायक होते हैं।
  • सिर में नारियल के तेल की मालिश करना यह भी तेल की मालिश एक घरेलू उपाय है, करने से तेल बालो की जड़ तक जाता है जिसे बालो को पूरे नुट्रिएंट मिलते है जिसे बाल सफ़ेद नहीं होते है, जिससे हम इस समस्या से निदान पाने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।
  • सफ़ेद बालो को रोकने के लिए काली मिर्च को पानी के साथ उबालकर अपने बालो में लगाए। इस घोल को 15 से 20 मिनट अपने बालो में लगा कर रखे, फिर उसे ठंडे पानी से धो ले, यह प्रक्रिया सहप्ते में दो बार करे आप देखेंगे की आपके सफ़ेद बाल काफी हद तक काम होंगे है।
  • चाय पत्ती का पानी यह भी एक घरेलू उपाय है जिसके माध्यम से आप अपने बालों को चमकदार तथा रेशमी बना सकते हैं चाय पत्ती का पानी आप सस्ते में एक या दो बार उपयोग में लाए और 15 से 20 मिनट इसे सूखने के लिए रख दें आप देखेंगे कि आपके सफेद बालों पर काफी हद तक काबू में कर सकते हैं।
  • चुकंदर का रस यह भी एक घरेलू नुस्खा है इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से हम अपने बालों को पोषण प्रदान करते हैं, जिसके वजह से यह हमारे बालों को स्वस्थ बनाकर रखते हैं बालों का स्वस्थ होना ही सफेद बालों को दूर रखने का एक तरीका होता है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?

बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले।अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।

बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?

संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको बालो से रुसी हटाने के उपाय के बारे में बताएंगे तथा आप इस समस्या से यदि परेशान है तो इन नुस्खों को आजमा कर अपनी इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

साथियों यह भी आपको बता दूं कि यह समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। क्योंकि यह आमतौर से हर किसी को होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे देश दुनिया में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है वैसे वैसे हमारे दिनचर्या में भी असर आ रहा है। हमारे खानपान की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

इसमें हम आपको कुछ तेल तथा रस के बारे में भी बताएंगे जिससे कि आप डैंड्रफ को अपने सिर से हटाने में सफल हो पाएंगे। साथियों आइए जानते हैं वह कौन-कौन से उपाय है जिसके माध्यम से आप इस समस्या से समाधान पा सकते हैं।

डैंड्रफ क्या है?

रुसी
रुसी

डैंड्रफ एक स्किन अथवा त्वचा से जुड़ी हुई समस्या है। जिसमें एक सफेद मृत कोशिका की चादर सी बन जाती है। जिसके वजह से बालों को समय-समय पर पोषण नहीं पहुंच पाता है।

मृत कोशिकाओं की परत को आप आसानी से देख सकते हैं, यदि यह समस्या इसी तरह से चलती रही तो इनमें फंगस तथा जीवाणु संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या से लगभग सारे लोग परेशान रहते हैं, परंतु इसका जल्द से जल्द निराकरण भी कर लेते हैं।

डैंड्रफ होने के क्या क्या कारण है

दोस्तों वैसे तो डैंड्रफ होना एक आम बात है। इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार है।

यदि आपकी रूखी त्वचा है तो यह समस्या होना एक आम बात है। जिन लोगों की रूखी त्वचा होती है तो उनके मृत कोशिकाएं एक जगह इकट्ठा होने लगती है, जिससे एक मोटी सतह अथवा परत बनने लगती है इस परत के कारण बालोतरा आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिससे बालों का झड़ना चालू हो जाता है, इसी कारण से बालों में धीरे-धीरे डैंड्रफ जमना चालू हो जाता है।

प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण कारण है, पर्यावरण में जो गंदगी फैली हुई है, उसके बारीक कण आपके बालों पर चिपकने लगते हैं; जिससे वह धीरे-धीरे बालों की सतह में पहुंचने लगते हैं और एक पतली परत का निर्माण कर लेते हैं जिससे कि आपके सिर में एक डैंड्रफ जैसा पदार्थ उत्पन्न होना चालू हो जाता है।

बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

दोस्तों हमारे पूर्वजों ने भी इन घरेलू उपायों का उपयोग करके अपनी इस समस्या से निदान पानी की कोशिश की है। जिनमें से हम कुछ को भूल गए हैं तथा कुछ को अभी भी याद रखे हैं यह नुस्खे अथवा उपाय निम्नलिखित है।

रूसी का रामबाण इलाज है नीम का तेल-Neem Oil for Dandruff

डैंड्रफ के लिए हमें नीम का तेल भी उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल रसायन होते हैं जो डैंड्रफ के बैक्टीरियल कारण को मार देता है। आप नीम के तेल को 15 से 20 मिनट तक अपनी सिर में लगा के रखे उसके बाद आप शैंपू से बाल धो ले, तो आपको इस समस्या से निजात मिल जाएंगे।

नींबू का रस-Lemon for Dandruff

रूसी का रामबाण इलाज है नींबू का रस। यह भी एक एंटी डैंड्रफ होता है जिसके माध्यम से आप अपने सिर में लगभग 15 मिनट तक इस रस को लगाकर रखें उसके बाद स्वच्छ पानी से आप बालों को धो ले। तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके बाल काफी मुलायम तथा डैंड्रफ मुक्त हो गए हैं।

दही का उपयोग- Curd for Dandruff

आप अपने बालों के लिए दही का उपयोग भी कर सकते हैं। इसमें एक विशिष्ट प्रकार का एसिड होता है। जिसके प्रभाव से डैंड्रफ की परत टूटने लगती है और वह धीरे-धीरे हट जाती है। इसका उपयोग करने का तरीका यह है कि आप 15 से 20 मिनट के लिए दही को अपने सिर में लगा कर छोड़ दे, फिर शैंपू के मदद से आप अपनी बात धोले तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा कम हो गई है।

सेब का सिरका-Apple Cider Vinegar for Dandruff

सेब का सिरका यह भी एक तरह का एंटी डैंड्रफ सिरका होता है, जिसको आप दो से चार चम्मच पानी में घोलकर अपने सिर में लगाते हैं तो डैंड्रफ की समस्या से निजात पा सकते हैं। यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे की होती है।

एलोवेरा-Aloe Vera For Dandruff

एलोवेरा को लगभग सभी लोग जानते हैं। एलोवेरा जेल आप अपने सिर में 15 मिनट के लिए लगाकर रखें और इसे सुखा लें इसके बाद आप अपने बाल धो लेते हैं, तो आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा काफी कम नजर आएंगी।

नीम और तुलसी-Neem And Tulsi for Dandruff

नीम और तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर उबाले और उसे बालो में लगाए। आप उसे 10 मिनट तक लगा कर रखे आपको काफी हद तक फायदा होगा। आप यह प्रक्रिया सहप्ते में 2 से 3 बार अपना सकते है।

मुल्तानी मिटटी-Multani Mitti For Dandruff

मुल्तानी मिटटी का भी उपयोग कर सकते है। आपको यह मिटटी सम्पू की तरह अपने बालो में लगाना आप देखेंगे की इस से रुसी बहुत कम हो जाएगी। चाहो तो आप यह प्रक्रिया सहप्ते में २ बार अपना सकते है।

बेहद ही आसान है ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के लिए इस लेख में आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताया जा रहा है जो आपके लिए लाभकारी साबित होंगे जहां नुक्से निम्नलिखित है।

सेब का सिरका

यह एक अच्छा तथा सस्ता रास्ता है जिसके माध्यम से आप ड्राई स्कैल्प की समस्या से निदान पा सकते हैं। इसमें आपको ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।

इस्तेमाल करने का तरीका

इसमें केवल दो से तीन चम्मच सेब का सिरका और थोड़ी सी रुई की आवश्यकता होती है चाहो तो आप दो से तीन चम्मच पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरका तथा पानी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लीजिए उसके बाद रूई की सहायता से आप अपने बालों में लगाएं।

बालों में लगाने का तरीका यह है कि रूई को बालों की जड़ों तक पहुंचा सके जिससे कि वह सिरका नीचे तक अच्छे से पहुंच जाएं इस तरह से यह घरेलू नुक्से को आजमा सकते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर

नींबू का रस

यह आमतौर से सभी लोग जानते हैं कि ड्राई स्कैल्प के लिए यह औषधि का काम करता है। नींबू का रस इसलिए लाभदायक होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी तथा होता है साथ ही इस में एसिड भी पाया जाता है। विटामिन सी त्वचा से संबंधित विकारों को दूर करता है।

इस्तेमाल करने का तरीका

दो से तीन चम्मच नींबू का रस आपको अपने बालों में 5 मिनट तक रगड़ना है। उसके बाद उसे सूखने के लिए छोड़ दें सूखने के बाद आपको अच्छे पानी से सिर धो लेना है। आप देखेंगे कि आपके सिर में जो ड्राई स्कैल्प है उसमें कमी आ गई है। यह प्रक्रिया लगभग हफ्ते में दो से तीन बार करना है।

एलोवेरा

जैसा कि आप जानते हैं एलोवेरा एक औषधि पौधा है। जिसमें यह भी गुण होता है कि किसी फंगस तथा बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है। इस कारण से हम इसका इस्तेमाल ड्राई स्कैल्प में कर सकते हैं।

इस्तेमाल करने का तरीका

एक एलोवेरा की पत्ती तथा पानी की आवश्यकता होती है। एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालकर उसको पानी में मिला दे जिससे की एक जूस बनकर तैयार हो जाएगा। जूस का इस्तेमाल आप अपने सिर में 20 मिनट तक की मालिश करने में करें यह प्रक्रिया हफ्ते में दो बार करें इससे आपको ड्राई स्कैल्प से राहत मिलेगी।

अंडा

एक शोध में पाया गया कि अंडा का इस्तेमाल भी इस ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए किया जा सकता है । इसमें ऐसे गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के साथ-साथ बालों से संबंधित विकारों को भी दूर करता है।

इस्तेमाल करने का तरीका

आप एक अंडे की जर्दी ले, ऑलिव आयल तथा एक चम्मच नींबू का रस लें इसको अच्छे से मिला ले मिलाने के बाद इस मिश्रण को 15 मिनट के लिए छोड़ दें। 15 मिनट के बाद आप इसको अपने सिर में लगा सकते हैं। लगाने के पश्चात 30 मिनट तक अपने बाल ना धोए उसके पश्चात आप अपने बाल धो सकते हैं।

इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक बार या दो बार कर सकते हैं।

मेथी के बीज

मेथी के बीज में भी औषधि गुण होते हैं। यह बालों की मजबूती के साथ साथ हाइड्रेट रखने में भी सहायक होते हैं क्योंकि इन बीजों में निकोटीन एसिड तथा कुछ आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं जो बालों को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी होते हैं।

इस्तेमाल करने का तरीका

इन बीजों का इस्तेमाल इस प्रकार करें आपको दो चम्मच मेथी के बीज लेना है तथा आधा कप पानी लेना है। मेथी के बीज को पानी में रात भर भिगोकर रख दे सुबह उठकर इसे पीस कर पेस्ट बना ले पेस्ट बनाने के बाद आप अपने बालों में अच्छे से लगाए।
इसे 30 मिनट तक लगाकर रखें तत्पश्चात आप अपने बाल ठंडे पानी से धो ले।

आप देखेंगे कि ड्राई स्कैल्प की मात्रा कम हो गई है।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडे में भी एंटीबैक्टीरियल रसायन पाए जाते हैं जिससे आप अपने बालों को स्वस्थ रखने में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इसका ज्यादा उपयोग करने से बालों को क्षति भी पहुंच सकती है।

इस्तेमाल करने का तरीका

तीन से चार चम्मच बेकिंग सोडा तथा तीन से चार चम्मच ही गुलाब जल का इस्तेमाल करें। इन दोनों को मिलाकर एक पेस्ट बनाने पेस्ट बनाने के तत्पश्चात 2 मिनट तक अपने बालों में इसे लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें।

इस प्रक्रिया को आप चाहो तो सप्ताह में दो से तीन बार कर सकते हैं। यह आपके बालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

बालों की इस समस्या से लगभग हर कोई परेशान रहता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए लेख में आपको महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे तथा इन घरेलू उपाय को ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए उपयोग करेंगे।

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