कैसा हो टाइफाइड में खान पान ताकि जल्दी स्वस्थ हो जाये आप

टाइफाइड में खान पान

कई बार व्यक्ति अचानक बीमार पड़ सकता है। साधारण बुखार आ सकता है। इस दौरान हम कुछ दवाई लेकर ठीक हो जाते है, परंतु बुखार का बार बार आना टाइफाइड होने का संकेत देता है। इस बीमारी मे बहुत से लोगो को पता नही चलता है की उन्हे टाइफाइड हुआ है। व्यक्ति एक साधारण बुखार समझ कर दवाइया लेता रहता है, जिससे उसके पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। यदि समय रहते आपको टाइफाइड का पता नही चलता और आप अपने खाने पीने मे गलत चीज़ों का इस्तेमाल कर लेते है तो इससे आपकी तबीयत और ज्यादा खराब हो सकती है। ऐसे में जरुरी है की आप टाइफाइड में खान पान का ध्यान रखे।

टाइफाइड क्या है?

टाइफाइड एक बुखार की तरह होता है जो दूषित पानी या दूषित भोजन का इस्तेमाल करने के कारण होता है। ये बीमारी अधिकतर गंदे बासी भोजन, गंदे पानी या अन्य खाने पीने की खराब चीजो से फैलती है। टाइफाइड एक तरह का संक्रामक बुखार है जो एक से दूसरे में आसानी से फैलता है। इसीलिए घर के एक सदस्य को टायफायड होने पर सबको सावधानी बरतनी चाहिए।

टाइफाइड के क्या क्या लक्षण है?

ज्यादतर टाइफाइड 1-2 सप्ताह तक रहता है। यह एक साधारण बुखार से ज्यादा से ज्यादा दिन लेता है। यदि यह बीमारी ज्यादा दिन तक चलती है तो इसमे कुछ लक्षण सामने आते है। जो यह बताते है की व्यक्ति टाइफाइड से ग्रसित है।

चलिये जानते है टाइफाइड के लक्षण

  • भूख में कमी
  • तेज सिर दर्द
  • तेज बुखार – 104 डिग्री
  • शरीर मे कमजोरी
  • पेट के परेशानी जैसे दस्त होना
बुखार
बुखार

टाइफाइड में खान पान

किसी भी बीमारी को दूर करने में सही तरीके से खाना पीना भी उतना ही महत्वूर्ण होता है जितनी की दवाइयां महत्वपूर्ण हैं। क्योकि दवाइयां सिर्फ बीमारी के कारण को ढूंढ़कर उन्हें खत्म करती हैं वो आपके शरीर में ऊर्जा नहीं डालती है। ऊर्जा पाने के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाना बहुत आवश्यक है और दवाइयां भी तभी असर करेंगी जब आपका सही खानपान रहेगा। 

आज हम आपको बताएंगे कि टाइफाइड होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

टायफाइड में क्या खाना- पीना चाहिए?

  • टाइफाइड में खिचड़ी,दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां , पत्तागोभी, पालक, फूलगोभी, पपीता और गाजर खाना अच्छा है|
  • जल्दी से पच सकने वाले हल्के फुल्के फल और सब्जियां खाएं जैसे कि – आलू, पके हुए फल इत्यादि।
  • इस रोग में दही खाना बहुत फायदेमंड है। दही के सेवन से भूख और पेट की जलन दोनों में राहत मिलती है। परंतु अगर रोगी को जुकाम, खांसी या जोड़ो में दर्द की तकलीफ हो तो उन्हें दही नहीं खानी चाहिए|
  • अगर डायरिया ना हो तो 1 कप दूध या फिर पानी के अंदर 1 चम्मच जितना ग्लुकोज़ मिला दें और इसे पिएं। इस घोल को बार-बार पीने से ताकत मिलेगी।
  • दूध पीना बहुत फायदेमंद है। दूध पीने से दवाइयां शरीर में गर्मी नहीं करती हैं और शरीर को काफी उर्जा भी मिलेगी।
  • टाइफाइड के दौरान अनार का रस, संतरे का रस, नारियल पानी, गन्ने का रस, चुकंदर का रस और सेब का रस पीना बहुत अच्छा होता है। 
  • अलग अलग सब्जी का सूप भी फायदा करेगा। पर याद रखें सूप में किसी भी तरह के मसाले या दूसरी वस्तु ना मिलाएं।
  • टाइफाइड के दौरान वजन कम होना शुरू हो जाता है, इसलिए आपको ज्यादा मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट देने वाली चीज़े खानी चाहिए। 
  • एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, खजूर और खुबानी जैसे खाद्य पदार्थो का सेवन करना बेहतर रहेगा।
  • संतरा, गाजर और आलू खाएं क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में विटामिन्स पाए जाते हैं। विटामिन ए, बी और सी युक्त भोजन का सेवन आपको टाइफाइड से लड़ने में मदद करता है।
  • अगर टाइफाइड में कब्ज की शिकायत हो तो गुनगुने पानी में इसबगोल के दाने डालकर पीने से लाभ मिलेगा।
कब्ज
कब्ज

टाइफाइड मे क्या नही खाना चाहिए-Typhoid Me Kya Nahi Khana Chahiye

टाइफाइड में खान पान का धयान रखना बहुत जरुरी है नहीं तो आप टाइफाइड कमजोरी के शिकार हो सकते है। टाइफाइड कमजोरी होने पर आपके शरीर की सारी ऊर्जा खत्म हो जाती है। हमे टाइफाइड बीमारी के समय नीचे बताई गयी चीज़ों को नही खाना चाहिए।

  • टायफायड में तेल वाला और मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। ये आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है और आपकी पाचनशक्ति को भी कमजोर करता है। टाइफाइड के समय व्यक्ति को स्पाइसी खाना बिलकुल नही खाना चाहिए। क्यूंकि स्पाइसी खाना हमारा पाचन तंत्र आसानी से पचा नहीं पाएगा। यह टाइफाइड को ज्यादा बढ़ा देगा।
  • टायफाइड में आपको कॉफी नहीं पीना चाहिए। कॉफी में कैफीन होता है, जो आपकी पाचन क्रिया के लिए अच्छा नहीं होता है। कॉफ़ी पीने से इस बीमारी में आपको दस्त की परेशानी हो सकती है।
  • जब व्यक्ति को टाइफाइड हो तो उसे घी नही का सेवन नही करना है। क्यूंकि हमारा शरीर मे घी पचाने के क्षमता खत्म हो चुकी होती है। घी खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
  • जंक फूड और बाहर के खानपान की चीज़ों से परहेज करें ।
  • टाइफाइड में गरिष्ठ पदार्थ, भारी और पेट में गैस पैदा करने वाली खानपान की चीजें नहीं लेनी चाहिए।
  • बासी, खुले रखे हुए भोजन या पानी का भूलकर भी सेवन ना करें।
  • टाइफाइड के दौरान परांठे, पूरी, नूडल्स, पिज़्ज़ा,मैगी, बर्गर और चटपटा मसालेदार खाना बिल्कुल ना खाएं।
  • इस बीमारी के दौरान मीट ना खाएं और अंडा भी ना खाएं। टाइफाइड में व्यक्ति को भूल कर भी अंडा नही खाना चाहिए। इसमे ज्यादा फेट होता है, जो हमारे पाचन क्रिया को कमजोर कर देता है।
  • टाइफाइड बीमार व्यक्ति को दो तीन सप्ताह तक मटन नही खाना चाहिए। मटन मे बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेड होता है जो हमारे लीवर पर काफी असर पैदा करता है। इससे आपकी तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है।
  • टाइफाइड के समय व्यक्ति को ओइली खाना नही खाना चाहिए। यह व्यक्ति के लिवर व पाचन क्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

टाइफाइड ठीक होने के बाद ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?

  • टाइफाइड में आई कमजोरी दूर करने के लिए किशमिश, मूंग की पतली दाल, मुनक्का, पतला दलिया, उबला हुआ दूध, मक्खन, दही आदि का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
  • बादाम खाना भी बहुत अच्छा है। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। बादाम खाने से आपका घटा हुआ वजन भी संतुलित बनता है।
  • हल्के गर्म पानी में 1 चम्मच नींबू रस मिलाइए और इसे खाली पेट पी लीजिए। ऐसा करने से आपकी पाचन क्रिया बहुत अच्छी हो जाएगी। नींबू में विटामिन सी होता है, जो लीवर को मजबूत बनाता है तो आपको पेट की समस्या से निजात मिलेगा।
  • दही में भरपूर प्रोटीन होता है। दही खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और आपके शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता मिलती है। इसलिए दही का सेवन जरूर करें।
  • टमाटर सूप में अधिक कैलोरी होती है और आसानी से पच भी जाता है, इसलिए टायफाइड बुखार में टमाटर खाएं और दूसरी सब्जियों के सूप भी पिएं।

असरदार घरेलू उपाय जो दिलाएंगे सफेद बालों से छुटकारा

सफेद बालों से छुटकारा

आज के समय में कम उम्र में ही बालों का सफेद होना एक आम बात है। आजकल की दौड़ भाग भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न होने लगते हैं, जिनमें से बालों का सफेद होना चालू हो जाता है। साथियों इस आर्टिकल के माध्यम में हम सफेद बालों से छुटकारा पाने के तरीको के बारे में विस्तृत जानकारी आपको देंगे तथा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।

आजकल मानो यह एक गंभीर समस्या बनते जा रही है, क्योंकि हर तीसरे या चौथे व्यक्ति के बाल कम समय में अथवा असमय में सफेद होने लगे हैं। आजकल तो यह समस्या 14 साल की बच्चे में भी दिखाई देने लगी है। ज्यादातर इसका निवारण लोग रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल कर करते हैं, परंतु यह रसायन हमारे बालों के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि इन रसायनों का इस्तेमाल करने पर हमारे शरीर में इसके दुष्प्रभाव पड़ने लगते हैं तथा हमें अपने घरेलू उपायों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

आइए जानते हैं बाल सफ़ेद होने के कारण क्या है और कौन-कौन से घरेलू उपाय हैं जो सफेद बालों से छुटकारा दिला सकते है।

सफेद बाल
सफेद बाल

बाल सफ़ेद होने के कारण-Baal Safed Hone Ke Karan

दोस्तों इसके कई कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • बालों का सफेद होना अपने खानपान पर भी निर्भर करता है यदि हम संतुलित आहार नहीं ले रहे हैं तो हमारे बाल सफेद हो सकते हैं। भोजन में हमें आवश्यक सभी प्रकार के तत्वों की पूर्ति करना चाहिए जो लोग खानपान में इन सारी बातों तथा आवश्यक तत्वों का ध्यान नहीं रखते हैं तो इसका असर आपके बालों में दिखाई देता है।
  • यह भी एक कारण है कि हमारी दैनिक जीवन की गतिविधि जिसके वजह से हम दिन भर अपने कामों में उलझे रहते हैं और नियमित रूप से अपने बालों का तथा शरीर का ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस कारणवश इसका असर बालों पर नजर आता है यह एक महत्वपूर्ण समस्या बन जाती है।
  • जो लोग तनाव में रहते हैं तथा वह बहुत जल्द ही डर तथा घबरा जाते हैं तब यह समस्या उत्पन्न होना चालू हो जाती है।
    अनुवांशिकता एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके वजह से बाल सफेद होते हैं दोस्तों यदि आपके परिवार या आपके पूर्वजों में यह समस्या चली आ रही है तो आपके भी बाल सफेद होंगे।
  • जैसे-जैसे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ते जा रहा है, वैसे वैसे ही इसका दुष्परिणाम हमारे शरीर पर आ रहा है, परंतु इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी त्वचा तथा बालों पर पड़ता है। इस दूषित पर्यावरण से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
  • बाजार में रसायन युक्त शैंपू, कंडीशनर, डाई आदि पदार्थ बढ़ रहे हैं। जिनमें बहुत मात्रा में रसायनों का उपयोग होता है जिससे बालों का सफेद होना निश्चित होता है।
  • बाजार में मौजूद विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल का भी हम लोग बहुत इस्तेमाल करते हैं इनमें उपस्थित रसायनों की वजह से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।

बाल काले करने के घरेलू उपाय-Baal Kale Karne Ke Gharelu Upay

  • मेहंदी के पौधे से पत्तियां तोड़ कर उसे पीसकर मेहंदी तैयार करें और अपने बालों में लगाना चाहिए इससे आप सफेद बालों पर बहुत हद तक नियंत्रण पा सकते हैं।
  • यदि आप अपने खान-पान में कढ़ी के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे, यह आपके बालों के लिए लाभदायक होते हैं।
  • सिर में नारियल के तेल की मालिश करना यह भी तेल की मालिश एक घरेलू उपाय है, करने से तेल बालो की जड़ तक जाता है जिसे बालो को पूरे नुट्रिएंट मिलते है जिसे बाल सफ़ेद नहीं होते है, जिससे हम इस समस्या से निदान पाने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।
  • सफ़ेद बालो को रोकने के लिए काली मिर्च को पानी के साथ उबालकर अपने बालो में लगाए। इस घोल को 15 से 20 मिनट अपने बालो में लगा कर रखे, फिर उसे ठंडे पानी से धो ले, यह प्रक्रिया सहप्ते में दो बार करे आप देखेंगे की आपके सफ़ेद बाल काफी हद तक काम होंगे है।
  • चाय पत्ती का पानी यह भी एक घरेलू उपाय है जिसके माध्यम से आप अपने बालों को चमकदार तथा रेशमी बना सकते हैं चाय पत्ती का पानी आप सस्ते में एक या दो बार उपयोग में लाए और 15 से 20 मिनट इसे सूखने के लिए रख दें आप देखेंगे कि आपके सफेद बालों पर काफी हद तक काबू में कर सकते हैं।
  • चुकंदर का रस यह भी एक घरेलू नुस्खा है इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से हम अपने बालों को पोषण प्रदान करते हैं, जिसके वजह से यह हमारे बालों को स्वस्थ बनाकर रखते हैं बालों का स्वस्थ होना ही सफेद बालों को दूर रखने का एक तरीका होता है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?

बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले।अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।

बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?

संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको बालो से रुसी हटाने के उपाय के बारे में बताएंगे तथा आप इस समस्या से यदि परेशान है तो इन नुस्खों को आजमा कर अपनी इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

साथियों यह भी आपको बता दूं कि यह समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। क्योंकि यह आमतौर से हर किसी को होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे देश दुनिया में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है वैसे वैसे हमारे दिनचर्या में भी असर आ रहा है। हमारे खानपान की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

इसमें हम आपको कुछ तेल तथा रस के बारे में भी बताएंगे जिससे कि आप डैंड्रफ को अपने सिर से हटाने में सफल हो पाएंगे। साथियों आइए जानते हैं वह कौन-कौन से उपाय है जिसके माध्यम से आप इस समस्या से समाधान पा सकते हैं।

डैंड्रफ क्या है?

रुसी
रुसी

डैंड्रफ एक स्किन अथवा त्वचा से जुड़ी हुई समस्या है। जिसमें एक सफेद मृत कोशिका की चादर सी बन जाती है। जिसके वजह से बालों को समय-समय पर पोषण नहीं पहुंच पाता है।

मृत कोशिकाओं की परत को आप आसानी से देख सकते हैं, यदि यह समस्या इसी तरह से चलती रही तो इनमें फंगस तथा जीवाणु संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या से लगभग सारे लोग परेशान रहते हैं, परंतु इसका जल्द से जल्द निराकरण भी कर लेते हैं।

डैंड्रफ होने के क्या क्या कारण है

दोस्तों वैसे तो डैंड्रफ होना एक आम बात है। इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार है।

यदि आपकी रूखी त्वचा है तो यह समस्या होना एक आम बात है। जिन लोगों की रूखी त्वचा होती है तो उनके मृत कोशिकाएं एक जगह इकट्ठा होने लगती है, जिससे एक मोटी सतह अथवा परत बनने लगती है इस परत के कारण बालोतरा आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिससे बालों का झड़ना चालू हो जाता है, इसी कारण से बालों में धीरे-धीरे डैंड्रफ जमना चालू हो जाता है।

प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण कारण है, पर्यावरण में जो गंदगी फैली हुई है, उसके बारीक कण आपके बालों पर चिपकने लगते हैं; जिससे वह धीरे-धीरे बालों की सतह में पहुंचने लगते हैं और एक पतली परत का निर्माण कर लेते हैं जिससे कि आपके सिर में एक डैंड्रफ जैसा पदार्थ उत्पन्न होना चालू हो जाता है।

बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

दोस्तों हमारे पूर्वजों ने भी इन घरेलू उपायों का उपयोग करके अपनी इस समस्या से निदान पानी की कोशिश की है। जिनमें से हम कुछ को भूल गए हैं तथा कुछ को अभी भी याद रखे हैं यह नुस्खे अथवा उपाय निम्नलिखित है।

रूसी का रामबाण इलाज है नीम का तेल-Neem Oil for Dandruff

डैंड्रफ के लिए हमें नीम का तेल भी उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल रसायन होते हैं जो डैंड्रफ के बैक्टीरियल कारण को मार देता है। आप नीम के तेल को 15 से 20 मिनट तक अपनी सिर में लगा के रखे उसके बाद आप शैंपू से बाल धो ले, तो आपको इस समस्या से निजात मिल जाएंगे।

नींबू का रस-Lemon for Dandruff

रूसी का रामबाण इलाज है नींबू का रस। यह भी एक एंटी डैंड्रफ होता है जिसके माध्यम से आप अपने सिर में लगभग 15 मिनट तक इस रस को लगाकर रखें उसके बाद स्वच्छ पानी से आप बालों को धो ले। तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके बाल काफी मुलायम तथा डैंड्रफ मुक्त हो गए हैं।

दही का उपयोग- Curd for Dandruff

आप अपने बालों के लिए दही का उपयोग भी कर सकते हैं। इसमें एक विशिष्ट प्रकार का एसिड होता है। जिसके प्रभाव से डैंड्रफ की परत टूटने लगती है और वह धीरे-धीरे हट जाती है। इसका उपयोग करने का तरीका यह है कि आप 15 से 20 मिनट के लिए दही को अपने सिर में लगा कर छोड़ दे, फिर शैंपू के मदद से आप अपनी बात धोले तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा कम हो गई है।

सेब का सिरका-Apple Cider Vinegar for Dandruff

सेब का सिरका यह भी एक तरह का एंटी डैंड्रफ सिरका होता है, जिसको आप दो से चार चम्मच पानी में घोलकर अपने सिर में लगाते हैं तो डैंड्रफ की समस्या से निजात पा सकते हैं। यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे की होती है।

एलोवेरा-Aloe Vera For Dandruff

एलोवेरा को लगभग सभी लोग जानते हैं। एलोवेरा जेल आप अपने सिर में 15 मिनट के लिए लगाकर रखें और इसे सुखा लें इसके बाद आप अपने बाल धो लेते हैं, तो आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा काफी कम नजर आएंगी।

नीम और तुलसी-Neem And Tulsi for Dandruff

नीम और तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर उबाले और उसे बालो में लगाए। आप उसे 10 मिनट तक लगा कर रखे आपको काफी हद तक फायदा होगा। आप यह प्रक्रिया सहप्ते में 2 से 3 बार अपना सकते है।

मुल्तानी मिटटी-Multani Mitti For Dandruff

मुल्तानी मिटटी का भी उपयोग कर सकते है। आपको यह मिटटी सम्पू की तरह अपने बालो में लगाना आप देखेंगे की इस से रुसी बहुत कम हो जाएगी। चाहो तो आप यह प्रक्रिया सहप्ते में २ बार अपना सकते है।

बेहद ही आसान है ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के लिए इस लेख में आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताया जा रहा है जो आपके लिए लाभकारी साबित होंगे जहां नुक्से निम्नलिखित है।

सेब का सिरका

यह एक अच्छा तथा सस्ता रास्ता है जिसके माध्यम से आप ड्राई स्कैल्प की समस्या से निदान पा सकते हैं। इसमें आपको ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।

इस्तेमाल करने का तरीका

इसमें केवल दो से तीन चम्मच सेब का सिरका और थोड़ी सी रुई की आवश्यकता होती है चाहो तो आप दो से तीन चम्मच पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरका तथा पानी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लीजिए उसके बाद रूई की सहायता से आप अपने बालों में लगाएं।

बालों में लगाने का तरीका यह है कि रूई को बालों की जड़ों तक पहुंचा सके जिससे कि वह सिरका नीचे तक अच्छे से पहुंच जाएं इस तरह से यह घरेलू नुक्से को आजमा सकते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर

नींबू का रस

यह आमतौर से सभी लोग जानते हैं कि ड्राई स्कैल्प के लिए यह औषधि का काम करता है। नींबू का रस इसलिए लाभदायक होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी तथा होता है साथ ही इस में एसिड भी पाया जाता है। विटामिन सी त्वचा से संबंधित विकारों को दूर करता है।

इस्तेमाल करने का तरीका

दो से तीन चम्मच नींबू का रस आपको अपने बालों में 5 मिनट तक रगड़ना है। उसके बाद उसे सूखने के लिए छोड़ दें सूखने के बाद आपको अच्छे पानी से सिर धो लेना है। आप देखेंगे कि आपके सिर में जो ड्राई स्कैल्प है उसमें कमी आ गई है। यह प्रक्रिया लगभग हफ्ते में दो से तीन बार करना है।

एलोवेरा

जैसा कि आप जानते हैं एलोवेरा एक औषधि पौधा है। जिसमें यह भी गुण होता है कि किसी फंगस तथा बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है। इस कारण से हम इसका इस्तेमाल ड्राई स्कैल्प में कर सकते हैं।

इस्तेमाल करने का तरीका

एक एलोवेरा की पत्ती तथा पानी की आवश्यकता होती है। एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालकर उसको पानी में मिला दे जिससे की एक जूस बनकर तैयार हो जाएगा। जूस का इस्तेमाल आप अपने सिर में 20 मिनट तक की मालिश करने में करें यह प्रक्रिया हफ्ते में दो बार करें इससे आपको ड्राई स्कैल्प से राहत मिलेगी।

अंडा

एक शोध में पाया गया कि अंडा का इस्तेमाल भी इस ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए किया जा सकता है । इसमें ऐसे गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के साथ-साथ बालों से संबंधित विकारों को भी दूर करता है।

इस्तेमाल करने का तरीका

आप एक अंडे की जर्दी ले, ऑलिव आयल तथा एक चम्मच नींबू का रस लें इसको अच्छे से मिला ले मिलाने के बाद इस मिश्रण को 15 मिनट के लिए छोड़ दें। 15 मिनट के बाद आप इसको अपने सिर में लगा सकते हैं। लगाने के पश्चात 30 मिनट तक अपने बाल ना धोए उसके पश्चात आप अपने बाल धो सकते हैं।

इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक बार या दो बार कर सकते हैं।

मेथी के बीज

मेथी के बीज में भी औषधि गुण होते हैं। यह बालों की मजबूती के साथ साथ हाइड्रेट रखने में भी सहायक होते हैं क्योंकि इन बीजों में निकोटीन एसिड तथा कुछ आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं जो बालों को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी होते हैं।

इस्तेमाल करने का तरीका

इन बीजों का इस्तेमाल इस प्रकार करें आपको दो चम्मच मेथी के बीज लेना है तथा आधा कप पानी लेना है। मेथी के बीज को पानी में रात भर भिगोकर रख दे सुबह उठकर इसे पीस कर पेस्ट बना ले पेस्ट बनाने के बाद आप अपने बालों में अच्छे से लगाए।
इसे 30 मिनट तक लगाकर रखें तत्पश्चात आप अपने बाल ठंडे पानी से धो ले।

आप देखेंगे कि ड्राई स्कैल्प की मात्रा कम हो गई है।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडे में भी एंटीबैक्टीरियल रसायन पाए जाते हैं जिससे आप अपने बालों को स्वस्थ रखने में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इसका ज्यादा उपयोग करने से बालों को क्षति भी पहुंच सकती है।

इस्तेमाल करने का तरीका

तीन से चार चम्मच बेकिंग सोडा तथा तीन से चार चम्मच ही गुलाब जल का इस्तेमाल करें। इन दोनों को मिलाकर एक पेस्ट बनाने पेस्ट बनाने के तत्पश्चात 2 मिनट तक अपने बालों में इसे लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें।

इस प्रक्रिया को आप चाहो तो सप्ताह में दो से तीन बार कर सकते हैं। यह आपके बालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

बालों की इस समस्या से लगभग हर कोई परेशान रहता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए लेख में आपको महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे तथा इन घरेलू उपाय को ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए उपयोग करेंगे।

सरल और असरदार घरेलू नुस्खे जो है पैर में सूजन का इलाज

पैरों में सूजन का इलाज

पैर में सूजन क्या होता है

शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन का होना किसी बीमारी का संकेत होता है। इनमे से मुख्य है “पैर में सूजन” होना जो कि शरीर में द्रव के इकठा होने व जमा के कारण होता है। पैर में सूजन होना वैसे तो एक आम समस्या है लेकिन इस का बार बार होना किसी बड़ी बीमारी का संकेत होता है।

पैर में सूजन गुर्दे और शरीर के कई अन्य अंगों से जुड़ी बीमारी का संकेत करती है। पैर की सूजन में पैरों पर और एड़ियों पर फुलाव होना और पैरों का आकार बड़ा दिखाई देने लगता है। कई बार पैरों में दर्द नही होता लेकिन बाद में चल कर बहुत भयानक रूप धारण कर लेती है, जो कि हमारी ज़िंदगी में रुकावट बन जाती है। इसलिए हमारे लिए जरूरी है पैर में सूजन के लक्षण जानना और समय पर पैर में सूजन का इलाज करना।

पैर में सूजन के लक्षण

  • शरीर के अंगों में दर्द होना और जकड़न का महसूस होना।
  • चेहरे, आंखों और टखनों के पास फुलाव का होना।
  • त्वचा का सूजा, तना व चमकदार होना।
  • त्वचा को उंगली से दबाने पर वहाँ कुछ सेकंड के लिए गड्ढे का बन जाना और फिर उभर कर त्वचा का आना।
  • वजन का बढ़ना या घटना भी सूजन के लक्षण हो सकते हैं।
  • अचानक से सिर में दर्द होना।
  • अचानक से ब्लड प्रेशर का बढ़ना
  • पैरों में दर्द का होना।
  • देखने की क्षमता में कमी का आ जाना।
  • खाने का हज़म ना होना व मन बेचैन रहना।

पैर में सूजन के कारण-Pairo Me Sujan Ke Karan

पैर में मोच आना

कही से गिरने पर पैर के मूड जाने के कारण पैर में मोच आने से सूजन हो सकती है। बहुत देर तक पैरों को लटका कर बैठे रहने से सारा खून नीचे की और इकठा होने से भी पैरों में सूजन आने का कारण बन सकते हैं। यह होता है गृतवकर्षन बल की वजह से जिस से खून नीचे की और इकठा हो जाता है।

दूर तक चलना

दूर तक पैदल चलने से या फिर ज्यादा दौड़ना भी दोनों पैरों में सूजन के कारण हो सकता है।

ह्दय की बीमारी

जिन लोगों में ह्दय की बीमारी होती है उन के ह्दय के ठीक से काम ना करने के कारण द्रव नीचे जमा हो जाता है जिस से पैरों में सूजन हो जाती है। इस प्रकार अगर पैरों में सूजन हो तो इस का उपचार सही ढंग से कराना चहिए क्योंकि यह ह्दय से जुड़ी बीमारी के कारण भी हो सकता है।

ह्दय की बीमारी
ह्दय की बीमारी

लिवर और गुर्दे की बीमारी

जिन लोगों में लिवर व गुर्दे के रोग होते हैं उनमें अलुब्युमिन प्रोटीन कम हो जाता है। जिस से द्रव रिसने लगता है और यह पैरों में सूजन आने का कारण बनता है।

दवाएं

कई बार हमारे द्वारा किसी अन्य बीमारी के लिए लई गयी दवाइयां भी पैरों में सूजन आने का कारण बन जाती हैं।

गर्भावस्था

गर्भावस्था में पैरों की सूजन होना एक आम समस्य है अक्सर गर्भवती औरतों में यह पाई गई है। यह गर्भवती औरत में खून की मात्रा बढ़ने के कारण भी होता है। लेकिन यह गर्भावस्था के बाद खुद ही सही हो जाती है।

नस का रुक जाना व ब्लॉक हो जाना

टांग में किसी नस का रुक जाना व ब्लॉक हो जाना भी इस का एक कारण बन सकता है जिस से ह्दय में खून पम्प ना होने की वजह से पैर में सूजन होती है।

मोटापा

दोनों पैरों में सूजन के कारण है मोटापा। मोटापा होने की वजह से भी पैरों में सूजन हो सकती है।

पैरों में सूजन से बचाव

  • सुबह जल्दी उठें और नियमित प्राणायाम करें।
  • जंक फूड, बासी भोजन, ठंडे और खट्टे पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
  • अधिक नमक और अधिक मीठे का सेवन न करें।
  • सब्जियों में कद्दू का सेवन अवश्य करें। यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • जहा तक हो सके पोष्टिक खाने का सेवन करें जिस से पाचन शक्ति मजबूत रहेगी और इस से बचाव हो सकता है।
  • अधिक पानी का सेवन न करें।

पैरों में सूजन का इलाज-Pairo Me Sujan Ka Ilaj

  • सूजन का उपचार है पैरों को हिलाते रहें जिस से जमा हुआ खून व द्रव में कम्पन पैदा होगा इस से आराम मिल सकता है।
  • पैरों में सूजन का इलाज है पैरों की मालिश करे जिस से पैरों में गर्मी पैदा होगी और गर्मी से खून में गति आने लगेगी।
  • अपना वजन को कम करने की कोशिश करें।
  • इसकी जांच किसी डॉक्टर से करवा उनकी सलाह से दवाई लीजिये।
  • पैरों की सूजन कम नही होती तो ह्दय और लिवर की जांच करवाएं अगर यह लिवर की बीमारी की वजह से हो रहा है तो उस बीमारी का उपचार करवाएं।

पैर में सूजन कम करने के घरेलू उपाय

आम तौर पर पैरों का सूजन कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। इस लेख में हम कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनकी मदत से पैर में सूजन का इलाज किया जा सकता है।

धनिया से करे पैर में सूजन का इलाज

धनिया के सूखे बीज और ताजा हरा धनिया दोनों में ही सूजन को ठीक करने के गुण होते है। पैरों में सूजन होने पर एक गिलास पानी को उबलने के लिए रख दें और इसमें तीन चम्मच साबुत धनिया डाल दें। इसे तब तक उबाले जब तक कि पानी आधा गिलास न रह जाये। अब इसे छान लें और एक चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार इसे पिएँ।

पैर में सूजन का इलाज है गर्म पानी का सेंक

गरम पानी में नमक डालकर उसमें पैरों को डुबाएँ जब पानी ठण्डा हो जाए तब पैरों को निकाल लें। गरम पानी के सेंक से पैर में सूजन कम होती है।

पैरों के सूजन में फायदेमंद है कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी

पैरों में सूजन को दूर करने के लिए आप कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी भी कर सकते हैं। इस थेरेपी के लिए दो अलग-अलग टब में ठंडा और गर्म पानी भर लें। पहले अपने पैरों को 3-4 मिनट गर्म पानी में डाल कर रखें, इसके तुरंत बाद पैरों को 1 मिनट तक ठंडे पानी में डालें। इसी प्रक्रिया को 15 से 20 बार दोहराएँ जब तक सूजन न चली जाए। गर्मियों के मौसम में ठन्डे पानी पर इस प्रक्रिया को खत्म करे और सर्दियों के मौसम में इस प्रक्रिया को गरम पानी पर खत्म करे। इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएँ।

नींबू पानी भी है पैरों में सूजन का इलाज

एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह पैरों के साथ साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाली सूजन को भी दूर करता है।

नींबू
नींबू

पैर में सूजन का इलाज करता है जैतून का तेल

थोड़े से जैतून के तेल को गरम करे अब इस में दो-तीन लहसुन की कली काटकर भून लें और भून जाने पर इसमें से लहसुन अलग कर लें। इस तेल से मालिश करने से पैरों की सूजन ठीक होती है और दर्द से भी आराम मिलता है।

पैर में सूजन कम करता है अदरक का सेवन

एक गिलास पानी में एक छोटे टुकड़े अदरक को डालकर उबालें। अच्छी तरह पक जाने पर इसे गुनगुना करके पिएँ या फिर चाय में अदरक का इस्तेमाल करें।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

अनुचित खानपान एवं जीवनशैली के कारण कभी-कभी पैरों में सूजन आ सकती है। ऐसे में कुछ घरेलु उपाय एवं आराम करके आप खुद ही ठीक हो जाते है परंतु बार-बार पैरों में सूजन की समस्या रहने पर या एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक सूजन बने रहने पर यह गुर्दों से संबंधित या हृदय से संबंधित बीमारी होने का संकेत होता है। अत: इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करना चाहिए।

जानिए क्या है गिलोय के फायदे आपकी सेहत के लिए-Giloy Ke Fayde

जानिए क्या है गिलोय के फायदे आपकी सेहत के लिए

गिलोय एक बेल रूपी पौधा है, जिसका औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण तथा अत्यधिक प्रभावशाली औषधि पौधा है। इस पौधे का उल्लेख आयुर्वेद में भी किया जाता है। इसे लोगों की कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। आज इस लेख में हम जानेंगे की गिलोय के फायदे क्या है।

इसके क्षेत्र अनुसार तथा भाषाओं के अनुसार इसके कई नाम है; जिनमें से अमृता, गुडूच, चितरंगी आदि। गिलोय आमतौर से जंगलों में तथा पेड़ों के आसपास मिलती है। यह पेड़ों के ऊपर चढ़कर अपना जीवन व्यापन करता है।

वैसे तो इसका पूरा पौधा ही औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, परंतु इसका डंठल अथवा बेला रूपी तना इसका ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। इसकी छाल जड़ तना तथा पत्तियों में कुछ फास्फोरस प्रोटीन तथा अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं।

गिलोय का कैसे सेवन करें

गिलोय के डंठल का काढ़ा

गिलोय के डंठल को कुचल कर इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं तथा इसको अन्य जड़ी बूटी के साथ मिलाकर भी प्रयोग में ला सकते हैं।

गिलोय का चूर्ण

गिलोय का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन दो से 4 ग्राम तक खा सकते हैं तथा इसके विभिन्न भागों का इस्तेमाल भिन्न-भिन्न विधियों का इस्तेमाल करके उपयोग में ला सकते हैं।

गिलोय के फायदे-Giloy Ke Fayde

सर्दी खासी

जब किसी व्यक्ति को सर्दी खांसी तथा जुकाम की समस्या हो जाए तो उसे दो से तीन चम्मच गिलोय का रस हर सुबह पिलाने से खासी काफी हद तक कम हो जाती है तथा आप इसे लगातार उपयोग में लाते हैं दो पूरी तरह से खासी ठीक हो जाएंगे हैं।

खांसी
खांसी

कैंसर

यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे कि कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायता प्रदान करती हैं। गिलोय का पौधा एक विशेष तथा महत्वपूर्ण औषधि पौधा है वैज्ञानिकों के अनुसार यह भी पता किया गया कि कैंसर पीड़ित मरीजों को किसका रस देने पर लंबे समय तक कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।

मोटे व्यक्तियों के लिए फायदेमंद

गिलोय का इस्तेमाल मोटापा कम करने के लिए भी कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों को अपने मोटापे से परेशानी होने लगती है, जिस वजह से वहां चल फिर नहीं सकता हम गिलोय का इस्तेमाल करके इसको दूर कर सकते हैं। गिलोय के जून को एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से मोटापा दूर हो जाएगा।

पेट के कीड़े

गिलोय के रस का इस्तेमाल करके हम पेट के कीड़े भी मार सकते हैं जिससे शरीर में खून की कमी तथा उसकी शुद्धता को बरकरार रख सकते हैं कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन करें ताकि पूरी तरीके से पेट के कीड़े मर जाए।

डायबिटीज

जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है वह जानते ही होगे कि इस बीमारी से काफी तकलीफ होती है। लेकिन गिलोय का पौधा डायबिटीज के मरीजों के लिए एक औषधि के रूप में काम करता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है। गिलोय के तनों से रस निकालकर उसमें थोड़ी हल्दी मिला है और हर सुबह एक चम्मच इसका सेवन रोज करें तो इससे आपकी डायबिटीज नियंत्रित हो जाएगी।

पाचन शक्ति को बढ़ाना

गिलोय के रस को नियमित रूप से पीने से पाचन तंत्र ठीक तरह से काम करते रहता है । इसमें विशेष प्रकार के ऑक्साइड पाए जाते हैं जो पाचन तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है, चाहे तो आप इसे एक चम्मच आंवले के चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

आंखों की रोशनी

जिन लोगों को कम दिखाई देता है अथवा आंखों से संबंधित विकारों से परेशान है तो वहां गिलोय का पौधा उनके लिए वरदान साबित होगा।

गिलोय का रस का नियमित रूप से सेवन करने पर आपकी आंखों की रोशनी बढ़ जाएगी तथा इससे संबंधित विकार दूर हो जाएंगे। यह पौधा विभिन्न बीमारियों के लिए कारगर साबित हुआ है।

डेंगू में गिलोय का प्रयोग

गिलोय को एक तरह से बुखार नाशक भी कहा जाता है क्योंकि इसमें कुछ अल्कलॉइड्स पाए जाते हैं जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं। डेंगू में गिलोय का प्रयोग

जिन लोगों को डेंगू बुखार अथवा सामान्य बुखार की समस्या होता है वह इसका सेवन करें, इससे आपको आराम मिलेगा।

नियमित रूप से यदि कोई व्यक्ति गिलोय के रस का एक से दो चम्मच सुबह तथा शाम सेवन करता है तो वहां बड़े से बड़े बुखार का सामना कर सकता है तथा उससे छुटकारा भी पा सकता है।

ध्यान देने योग्य बातें

गिलोय के पौधे का उपयोग करते समय यह ध्यान में रखे की गिलोय के पत्तों का सेवन ना करें अथवा किसके डंठल का ही प्रयोग करें और आप इसके जड़ों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसका ज्यादा सेवन करने से मुंह में छाले हो सकते हैं तथा इसका उपयोग करने से पहले अपने आसपास के डॉक्टर से सलाह मशवरा करके ही इस्तेमाल करें।

छोटे बच्चों को एक नियमित रूप से ही सेवन कराएं तथा यह भी ध्यान रखें की कम मात्रा ही उनको पिलाना चाहिए।

विटामिन ई के फायदे और नुकसान जो नहीं जानते होंगे आप

विटामिन इ के फायदे और नुकसान

हेलो दोस्तों कैसे हो आप मै उम्मीद करता हूँ आप सब ठीक होंगे अगर आप भी इंटरनेट पर विटामिन ई के फायदे और नुकसान से सम्बंधित कोई जानकारी खोज रहे थे तो आप बिलकुल सही जगह पर हो। क्यूंकि आज की इस पोस्ट में हम लोग जानेगे विटामिन ई कैप्सूल खाने के फायदे।

शायद आपने ये देखा ही होगा या आप जानते होंगे की विटामिन इ कुछ फलो और ड्राई फ्रूट्स में पाए जाते है जो हमारी सेहत के साथ साथ हमारी त्वचा और सौन्दर्य को भी निखारता है।

सोर्स ऑफ विटामिन इ-विटामिन इ किसमें पाया जाता है?

सोयाबीन, जैतून, तिल के तेल, सूरजमुखी, पालक, ऐलोवेरा, शतावरी आदि में विटामिन इ के गुण पाए जाते है तो चलिए अब जानते है विटामिन इ होता क्या है?

विटामिन इ बसा में आसानी से घुल जाने वाला एक पदार्थ है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण मैजूद होते है जो हमारी बॉडी के लिए फायदेमंद है। ज्यादातर लोग विटामिन ई कैप्सूल का सेवन अपने स्किन और त्वचा के लिए ही करते है।

एलोवेरा
एलोवेरा

कई खाद्य पदार्थो में विटामिन इ की मात्रा पाई जाती है जो मैं आपको ऊपर की ओर बता चूका हु। ये त्वचा के लचीलेपन को बनाये रखता है बालो का गिरना, झुर्रिया पड़ना और त्वचा का फटना ऐसी समस्याओ से राहत मिलती है। ये सारी समस्याएं हमारी कोशिकाओं के द्वारा होती है जिनको हम इंग्लिश में रेडिकल्स बोलते है। विटामिन इ का इस्तेमाल वैसे तो कहा जाता है की बाजार में मिलने वाली हरी सब्ज़ियों में भी विटामिन इ पाया जाता है।

विटामिन ई के फायदे

अगर आपके स्किन और बाल बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं और आपको लगता है की अब सब्ज़ियों से मुझे कोई फायदा नहीं होगा। तो आप विटामिन ई के कैप्सूल ले सकते हैं। किसी भी अच्छे मेडिकल शॉप या पतंजलि स्टोर पे विटामिन ई कैप्सूल हमेशा मौजूद रहते है। आप वहाँ पर जाकर विटामिन ई कैप्सूल खरीद सकते हो और उन्हें खा सकते हो।

विटामिन ई के फायदे-बालों के लिए

अगर आपकी त्वचा और स्किन से सम्बंधित कोई प्रॉब्लम है साथ ही आपको बालो से रिलेटेड कोइ दिक्कत है तो आपको विटामिन ई कैप्सूल में सूई से छेद करके सारा ज़ेल निकाल लेना है और उसे रात को सोने से पहले बालों में लगाकर सो जाना है। फिर सुबह उठकर बालों को धो लें ऐसा लगतार हफ्ते करने से आपको फायदा होगा इससे बालों को पोषक-तत्व प्राप्त होंगे और बाल शाइन करने लगेंगे।

स्किन के लिए-Vitamin E Capsule Face Pe Kaise Use Kare

विटामिन ई के फायदे विटामिन ई कैप्सूलों का उपयोग कई तरह के सौंदर्य की परेशानिओ में किया जाता है। इसका अहम कारण है कि यह एक बेहतरीन क्लिंजर है जो त्वचा की सारे पार्ट्स और अंगो में जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं की सफाई करने में सहायक है।

विटामिन ई डैड यानि मृत स्किन कोशिकाओं को हटाकर हटाकर नई स्किन कोशिकाओं को जल्दी लाने में अधिक मदद करता है । इसलिए ये स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसी तरह ये बालों को एंटीऑक्सीडेंट प्रदान कर उन्हें शाइन करने में मदद करते हैं ये बालो के लिए भी उचित फायदेमंद होता है।

विटामिन ई के फायदे-प्रेग्‍नेंसी के दौरान

हमारे शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स यानि लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करने में विटामिन-ई बहुत ही ज्यादा सहायक है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान विटामिन- ई का सेवन बच्‍चे में एनीमिया मतलब खून की कमी से छुटकारा दिलाता है।

विटामिन ई के फायदे-बढ़ती उम्र के असर को कम करने के लिए

अगर उम्र से पहले हीआपके बाल सफ़ेद हो रहे है तो आप विटामिन ई कैप्सूल का उपयोग करे क्योकि विटामिन ई कैप्सूल बालो को सफ़ेद होंने से बचाता है।आप विटामिन इ कैप्सूल की जगह पर विटामिन का तेल भी अपने बालो पर लगा सकते हो। ऐसा करने से भी आपको उचित फायदा होगा।

विटामिन ई के कैप्सूलों में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह झुर्रियों को भी जड़ से ख़त्म करने में सहायक है।

विटामिन ई के फायदे-कमज़ोरी कम करने के लिए

विटामिन ई के कैप्सूल का सेवन करने से शरीर से तनाव थकन मिटाने में सहायता मिलती है व् शरीर में नया जोश और ताकत प्राप्त होती है। विटामिन इ की कमी से मानसिक रोग बढ़ जाते है जिस कारण लोगो को कमज़ोरी महसूस होती है उनके लिए भी विटामिन ई के कैप्सूल काफी हद तक फायेमंद साबित होते है।

अकसर देखा गया है की जिन लोगो को कैंसर की बीमारी होती है उन लोगो में विटामिन की कमी होती है तो डॉक्टर उन लोगो को विटामिन ई के कैप्सूल खाने की सलाह देते है अगर आपको भी इससे सम्बंधित कोई तकलीफ है तो आप बिटामिन इ के कैप्सूल का सेवन कर सकते है।

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे | हीमोग्लोबिन बढाने के घरेलु उपाय

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे

हीमोग्लोबिन की कमी एक सामान्य समस्या है, जिसको हम प्रोटीन भी कह सकते है यह लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में पाया जाता है। जैसा की हम जानते है की ये लाल कोशिकाए जो हमारे शरीर के चारो ओर ऑक्सीजन ले जाने का काम करती है, क्या आप भी गूगल पर हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे । सर्च करते हुए हमारे इस ब्लॉग पर आये है तो आप बिलकुल सही जगह आये है, आज के इस लेख में हम आपको हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे और साथ ही साथ हीमोग्लोबिन की कमी के कारण और घरेलु उपाय भी बताएँगे ।

हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से अनेक तरह की बीमारी हो सकती है, जैसे अनीमिया, किडनी में दिक्कत, आयरन की कमी इसलिए शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने दे, आज के इस लेख में हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को बताएँगे जिनसे आप हीमोग्लोबिन को बढ़ा सकते है ।

हीमोग्लोबिन की कमी के कारण

नीचे हम आपको हीमोग्लोबिन के कुछ कारण बता रहे है, क्यूंकि किसी भी बीमारी को सही करने के लिए उसकी बजह पता होना बहुत जरूरी है की वह किन कारणों से हो सकती है, हीमोग्लोबिन के कारण कुछ इस प्रकार है ।

  • आयरन या विटामिन बी -12 की कमी हीमोग्लोबिन जैसी कमी के कारण है ।
  • शरीर में पूर्ण रूप से खून की कमी होना, हीमोग्लोबिन की कमी का मुख्य कारण है ।
  • शरीर में लाल रक्त की कोशिकाओं का नस्ट हो जाना।
  • यदि आपके शरीर में किसी भाग से रक्तस्राव होना या कोशिकाओं का निर्माण काम गति से होना।

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे

हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले रोगी को अपने खाने में हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसे मेथी, पालक आदि। साथ ही सलाद, फल का सेवन करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो सकती है। नीचे हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे है जिनका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।

चुकन्दर

चुकंदर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर होती है, इसका सेवन करने से एनीमिया जैसी बीमारी से भी बच सकते है, साथ ही साथ इसकी पत्तियों में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, क्यूंकि चुकंदर की तुलना में इसकी पत्तियों में अधिक गुना आयरन होता है।

चुकन्दर
चुकन्दर

अंगूर

अंगूर जैसे फल में कई तरह के पोषक तत्‍व मौजूद हैं, और आयरन भी अधिक होता है, हीमोग्लोबिन की कमी से सम्बंधित रोगी को अगर इसका सेवन सुबह-शाम करना चाहिए तो वह बहुत ही जल्द ठीक हो सकता है । इसका अधिक सेवन करने से विटामिन सी भी बढ़ती है, जो उम्र को रोकता है ।

बादाम

बादाम जिसमे कैल्शियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है, साथ ही साथ 10 ग्राम ड्राई रोस्टेड बादाम में 0.5 मिलीग्राम आयरन होता है। इसका सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।

गुड़ और मूंगफली

जैसा की हम जानते ही है की गुड़ में अधिक खनिज लवण होते है। इसलिए गुड़ और मूँगफली को मिलाकर दोनों को अच्छे से चबाकर इसका सेवन करे, ऐसा करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है।

हरी सब्जियां

आपको ऊपर की ओर बताया की हरी सब्जिया हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में सबसे ज्यादा लाभदायक होती है, क्यूंकि हरी सब्जियों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में पाये जाते है। इसलिए अपने शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भरपूर बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करे।

अंकुरित आहार

अंकुरित आहार जैसे- चना, मूंगफली, गेहूँ और मोठ आदि इन सब का सेवन अधिक करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो जाती है, अगर इसमें आप नीबू मिलाकर सेवन करते है तो और अच्छा रहता है ।

अनार

अनार में कैल्सियम और प्रोटीन, फाइबर कार्बोहाइड्रेट और साथ ही साथ आयरन की भी भरपूर मात्रा होती है, इसलिए रोज़ाना एक गिलास अनार का जूस पीने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और खून की कमी भी नहीं होती हैं ।

सूखी किशमिश

किशमिश में बी1, बी2, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, तथा मिनरल्स, आयरन और कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसका सेवन आप सुबह को खली पेट करे ऐसा करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर होती है ।

सेब

सेब एक ऐसा फल है जो हीमोग्लोबिन के स्वस्थ स्तर को बनाये रखता है, और साथ ही सेब से एनीमिया जैसी बीमारियों के लिए भी लाभकारी होता है। रोज़ाना एक सेब का सेवन करे आपको हीमोग्लोबिन से सम्बंधित रोग की  होगी ।

तुलसी

तुलसी में कई तरह के पोषक तत्‍व मौजूद हैं, जो शरीर में खून की कमी नहीं होने देते है, इसका रोज़ाना सेवन करने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है ।

शरीर में हीमोग्लोबिन कितनी मात्रा में होना चाहिए

हमरे शरीर में आयरन की स्वस्थ मात्रा 20-25 ग्राम होना चाहिए, इससे हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है, और नहीं अधिक होती है, इसलिए शरीर में आयरन की मात्रा स्वस्थ होना चाहिए नीचे हम आपको महिलाएं और पुरुष की हीमोग्लोबिन की मात्रा बता रहे है, इससे काम हो तो डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है ।

महिलाएं के लिए

उम्र 12 से 18 साल के बीच – 12.0 से 16.0 g/dl

उम्र 18 साल से ज्यादा हो तो – 12.1 से 15.1 g/dl

पुरुषों के लिए

उम्र 12 से 18 साल के बीच – 13.0 से 16.0 g/dl

18 साल से ज्यादा हो तो – 13.6 से 17.7 g/dl

डैंड्रफ का रामबाण इलाज-5 बेस्ट तेल जो दिला देंगे डैंड्रफ से छुटकारा

डैंड्रफ का रामबाण इलाज-5 बेस्ट तेल जो दिला देंगे डैंड्रफ से छुटकारा

डैंड्रफ एक आम समस्या है जो सिर की त्वचा में खुजली, सूखापन और बालों के झड़ने का कारण बनती है। बाजार में कई उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन प्राकृतिक तेलों का उपयोग एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान हो सकता है। यहाँ हम dandruff ke liye best oil के बारे में चर्चा करेंगे जो डैंड्रफ से राहत दिलाने में मददगार हैं।

1. नारियल तेल (Coconut Oil):

  • एंटी-फंगल गुणों से भरपूर।
  • सिर की त्वचा को मॉइस्चराइज करता है।
  • खुजली और सूखापन को कम करता है।
हिमालया हर्बल एंटीडैंड्रफ हेयर ऑयल
हिमालया हर्बल एंटीडैंड्रफ हेयर ऑयल

उपयोग: गुनगुने नारियल तेल से सिर की मालिश करें और रातभर छोड़ दें।

2. नीम का तेल (Neem Oil):

  • प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण।
  • सिर की त्वचा को साफ करता है और संक्रमण से बचाता है।
ऑनेस्ट चॉइस रेड ओनियन ऑयल
ऑनेस्ट चॉइस रेड ओनियन ऑयल

उपयोग: नीम के तेल को हल्का गर्म करके सिर पर लगाएं और 30 मिनट बाद धो लें।

️ 3. अरंडी का तेल (Castor Oil):

  • विटामिन E से भरपूर।
  • बालों की जड़ों को मजबूत करता है।
  • डैंड्रफ को कम करने में सहायक।

मॉर्फिम रेमेडीज एंटीडैंड्रफ हेयर ऑयल

मॉर्फिम रेमेडीज एंटीडैंड्रफ हेयर ऑयल

उपयोग: अरंडी के तेल को नारियल तेल के साथ मिलाकर सिर पर लगाएं।

4. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil):

soulflower टी ट्री स्कैल्प एंड एंटीडैंड्रफ oil
soulflower टी ट्री स्कैल्प एंड एंटीडैंड्रफ oil
  • एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण।
  • सिर की त्वचा को ठंडक प्रदान करता है।
  • डैंड्रफ और खुजली को कम करता है।

उपयोग: कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल को कैरियर ऑयल में मिलाकर सिर पर लगाएं।

5. जैतून का तेल (Olive Oil):

कोवा ऑर्गेनिक एंटीडैंड्रफ आयल
कोवा ऑर्गेनिक एंटीडैंड्रफ आयल
  • सिर की त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करता है।
  • डैंड्रफ के कारण होने वाले सूखेपन को कम करता है।
  • बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है।

उपयोग: गुनगुने जैतून के तेल से सिर की मालिश करें और 45 मिनट बाद धो लें।

अतिरिक्त सुझाव:

निष्कर्ष:

यदि आप dandruff ke liye best oil की तलाश में हैं, तो ऊपर दिए गए तेल प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हैं। इनका नियमित उपयोग डैंड्रफ से राहत दिलाने में मदद करेगा और आपके बालों को स्वस्थ बनाएगा।

सामान्य प्रश्न

बालों के लिए कौन सा तेल सही है?

बालो के लिए सबसे अच्छा कैस्टर आयल होता है यह बालो को घना करता है।

जैतून का तेल बालों के लिए क्या फायदेमंद है?

जैतून तेल बालो को माश्चराइजर करता है इसके कंडिशनर के गुण बालो को शाइनी बनाते है और रुसी की समस्या से निजात दिलाता है।

घर पर बालों के लिए तेल कैसे बनाएं?

तेल घर पर बनाने के लिए आपको 120 ग्राम आंवला पाउडर, 1 लीटर पानी और 250 मिली नारियल के तेल की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले 100 ग्राम आंवला पाउडर को 1 लीटर पानी के साथ तब तक उबालें जब तक कि लिक्विड आधा न रह जाए, दूसरे पैन में नारियल का तेल, बचा हुआ आंवला पाउडर और उबले हुए लिक्विड को मिलाकर धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक कि सारा पानी वाष्पीकृत न हो जाए। आखिर में पैन में पीला और पारदर्शी तरल शेष बचेगा। इसे किसी बोतल में भरकर रख लें।

जानिए कैसे फायदेमंद है प्याज का रस बालो के लिए-Pyaz Ka Ras For Hair In Hindi

प्याज का रस बालो के लिए

प्याज एक ऐसी सब्जी जो काटो तो आपको रुला दे, पर सब्जी का स्वाद बढ़ा दे, पर क्या आप जानते है कि प्याज का यही कसैलापन बालों की ग्रोथ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। प्याज का रस बालो के लिए बहुत फायदेमंद है।

ये बात हम हम दादी नानी से सुनते आ रहे है, यहाँ तक कि जब हमारी बड़ी बुजुर्ग प्याज का रस बालो में लगाती थी तो हम उसकी महक से परेशान हो भाग जाते थे। लेकिन आपको बताते चले कि प्याज के रस से न केवल बालों की जड़ें मजबूत होती हैं बल्क‍ि बालों में चमक भी आती है, बालों का झड़ना, असमय सफेदी, रूसी की समस्या तो आम हो गई है। बालों की इन उलझनों के लिए प्याज एक वरदान है।

कैसे लगाए प्याज का रस

प्याज को काट कर मिक्सर में पीस ले या कद्दूकस कर ले, अब एक बारीक साफ कपड़े से छानकर उसका रस निकाल ले, इस रस का प्रयोग तुरन्त करे, बनाकर काफी समय तक के लिए ना रखे। रुई के फाहे को इस रस में डिप करके बालो की मांग करके लगाए। प्याज का रस लगाकर कुछ घंटों के लिए यूं ही छोड़ दें। जब बाल पूरी तरह सूख जाएं तब उन्हें हल्के गुनगुने पानी से धो लें। प्याज की गंध दूर करने के लिए किसी माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करें या फिर बेबी शैंपू का प्रयोग करें।

प्याज का रस बालो के लिए | Pyaz Ka Ras For Hair In Hindi

प्याज के रस का इस्तेमाल आप निम्नलिखित तरीको से करके आप भी लंबे, काले और घने बाल पा सकती हैं.

1. नारियल का तेल ले उसे हल्का गुनगुना करके उसमे प्याज के रस को मिला ले, इसे बालो में लगाने से बाल तो जल्दी बढ़ेंगे ही साथ ही बालों में चमक भी आएगी।

2. बाल रूखे और बेजान हो तो शहद का उपयोग प्याज के रस के साथ करें, आधे कप प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर उसे अच्छी तरह फेंट लें। इस पेस्ट को बालों की जड़ों में लगाएं।

3. जैतून के तेल के बालो के लिए क्या फायदे है ये बात तो जगजाहिर है ऐसे में अगर इसके साथ प्याज का रस मिला दिया जाए तो बालों की ग्रोथ अच्छी होती है। इस मिक्सचर से कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा।

कुछ समय से अनियन ऑयल सबसे लोकप्रिय बाल उत्पादों में से रहा है। जब बात बालों के झड़ने की हो तो आजकल अनियन ऑयल की ही सलाह दी जाती है।आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि ऐसा क्यों है तो आपको बता दे कि अनियन ऑयल को रेड अनियन से एक्सट्रेक्ट किया जाता है जो कि सल्फर का एक बढ़िया सोर्स है। सल्फर बालों के प्रोटीन केराटिन का ही एक कॉम्पोनेन्ट होता है होता है।

इस प्रकार, अनियन हेयर ऑयल का प्रयोग बालो को पोषण देने, बालों के विकास को प्रोत्साहित करने, बालों की जड़ों को मजबूत करने और बालों के झड़ने को कम करने के लिए किया जाता है। यह बालो को स्मूथनिंग इफ़ेक्ट देता है और प्राकृतिक चमक को बढ़ाने में मदद करता है।

अब आप सोचेंगे अनियन ऑयल घर मे कैसे बनाए, मार्किट में इतने ब्रांड है तो कौन सा बेहतर है, इन सब बातों का जवाब हम देते है हम आपको बताते है 5 बेस्ट ओनियन हेयर आयल, आप अपने अनुसार इनमें से कोई भी चुन सकते है।

1.खादी ग्लोबल रेड ओनियन हेयर ऑयल(Khadi Global Red Onion Hair Oil)

खादी ग्लोबल रेड ओनियन हेयर ऑयल
खादी ग्लोबल रेड ओनियन हेयर ऑयल

इस ऑयल में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज है जो स्कैल्प के इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती है। स्कैल्प इन्फेक्शन बालो के झड़ने का एक बहुत बड़ा कारण है, इस तरह ये तेल हेयर फॉल को रोकता है। इसमे शामिल है ऑर्गन, जोजोबा, रोज़मेरी, ब्लैक सीड ऑयल।

ये ऑयल अमेज़ॉन पर उपलब्ध है।

2-ओरिएंटल बोटानिक्स रेड ओनियन हेयर ग्रोथ ऑयल (Oriental Botanics Red Onion Hair Growth Oil)

ओरिएंटल बोटानिक्स रेड ओनियन हेयर ग्रोथ ऑयल
ओरिएंटल बोटानिक्स रेड ओनियन हेयर ग्रोथ ऑयल

ये तेल ऑर्गन ऑयल, रतनजोत, मकदमिया ऑयल, भृंगराज ऑयल, रोजेहीप ऑयल, कैस्टर ऑयल, आलमंड ऑयल और 30 ऑयल एक्सट्रेक्ट से भरपूर होता है और आपके बालों को देता है एक नई जान। इसमे कोई मिनरल ऑयल नही होता।
ओरिएंटल बोटानिक्स रेड ओनियन हेयर ग्रोथ ऑयल अमेज़न पर उपलब्ध है।

3- ट्रायकोन ओनियन हेयर ऑयल विद विटामिन ई (Trycone Onion Hair Oil With Vitamin E)

ट्रायकोन ओनियन हेयर ऑयल विद विटामिन ई
ट्रायकोन ओनियन हेयर ऑयल विद विटामिन ई

इस ऑयल की एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज हेयर फॉलिकल को हरीश करके न्यूट्रिएंट्स को रिस्टोर करती है। साथ ही डेंड्रफ से मुक्ति दिलाती है। Trycone Onion Hair Oil में है विटामिन ई और दूसरे नेचुरल ऑयल्स और हर्ब्स।

ट्रायकोन ओनियन हेयर ऑयल अमेज़न पर उपलब्ध है।

4-ग्रन्ड्यूर ओनियन हेयर ऑयल(Grandeur onion hair oil)

ग्रन्ड्यूर ओनियन हेयर ऑयल
ग्रन्ड्यूर ओनियन हेयर ऑयल

ये सभी तरह के बालों के लिए इफेक्टिव है, प्राकृतिक तत्वों से बना ये तेल अपनी एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज की वजह से हर तरह के हेयर टाइप को सूट करता है।

इसमे शामिल है ऑर्गन ऑयल, जोजोबा आयल, हिबिस्कस ऑयल, भृंगराज और विटामिन ई. ये तेल अमेज़न पर उपलब्ध है।

5- लक्सरा साइंस ओनियन हेयर ऑयल (Luxura sciences onion hair oil)

लक्सरा साइंस ओनियन हेयर ऑयल
लक्सरा साइंस ओनियन हेयर ऑयल

लक्सरा साइंस की तरफ से ये ऑयल मल्टीपर्पस है और विटामिन्स मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, ये तेल अमेज़न पर उपलब्ध है।

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