क्या होते है तुलसी के बीज के फायदे-Tulsi Ke Beej Ke Fayde In Hindi

क्या होते है तुलसी के बीज के फायदे

तुलसी का पेड़ तो आज के समय में सब के घर में होता ही है और हम उस पेड़ की पूजा भी करते है। साथ ही हम सबको पता है की तुलसी के पेड़ की पतियो का बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में होता है। पर तुलसी के बीज भी किसी आयुवैदिक औषदि से कम नही है। इसका उपयोग भी बहुत सारी दवाइयों को बनाने में किया जाता है। तो चलिए जानते है की तुलसी के बीज के फायदे क्या है और क्या नुक्सान है।

तुलसी के बीज के फायदे | Tulsi Ke Beej Ke Fayde In Hindi

यहाँ आपको नीचे तुलसी के बीज के फायदे बताये गई है जिनको जानकर आप जरूर चोंक जाओगे।

नोट – तुलसी के बीज का उपयोग करने से पहले इन बातो का जरूर से ध्यान रखे।

  • गर्भवती महिला तुलसी के बीजो का सेवन कभी न करे ये होंने वाले बच्चे के लिए बहुत हानिकारक है ।
  • यदि आपको कोई भी बीमारी है तो तुलसी के बीजो का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर से ले ।
  • बच्चो व बूढो को तुलसी के बीजो का सेवन नही करना चाहिए ये बहुत हानिकारक हो सकता है।

यदि आप तुलसी के बीजो का सेवन करते है तो आपको ये सब फायदे मिलेंगे।

सूजन को कम करता है

यदि आप तुलसी के बीजो का सेवन करते है तो इससे आपके शरीर की सूजन कम होगी क्योंकि तुलसी के बीजो में एन्टी इंफामेल्ट्री नामक तत्व पाया जाता है जो सूजन को कम करता है ओर साथ ही एडिमा ओर डायरिया जैसी बीमारियों में भी राहत दिलाता है ।

सूजन को कम करता है
सूजन को कम करता है

पाचन को बढाता है

तुलसी के बीजो में कुछ ऐसे तत्व होते है जो आपकी जिलेटन परत को बढाता है, और तुलसी के बीजो में काफी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है जो आपके शरीर में पाचन क्रिया को बढाता है ।

खांसी और बुखार से बचाता है

तुलसी के बीजो में एन्टी इस्पडेमोटिक गुण पाए जाते है जो आपको खांसी ओर जुखाम जैसे बीमारियों से बचाता है और साथ ही इनका उपयोग बुखार के इलाज के लिए भी किया जाता है।

भूख से राहत दिलाता है

तुलसी के बीजो में क्लोरीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिसके कारण यदि आप इनको खाते है तो आपको फिर ज्यादा खाना नही खाना पड़ता है जिसके कारण आप बाहर का खाना नही खाओगे।

दिल के लिए लाभदायक

तुलसी से बीजो का सेवन करने से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की कमी आती है ओर इससे आपके दिल को फायदा होता है, तुलसी के बीजो को खाने से आपको हार्ट अटेक आने की सम्भावना काफी कम हो जाती है।

मधुमेह रोग को रोकता है

तुलसी के बीज आपको मधुमेह के रोग से लड़ने के लिए शक्ति प्रदान करता है और इन बीजो में कुछ ऐसे तत्व होते है जो आपके रक्त में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोस में बदल देता है।

कब्ज से राहत

यदि आपको कब्ज की प्रॉब्लम है तो आपको रोज रात को थोड़े से तुलसी के बीजो का सेवन करना चाहिए जिससे आपकी कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।

पेट से सम्बन्धित समस्याओ से राहत

तुलसी के बीजो में कुछ ऐसे तत्व होते है जो आपके पेट में गैस से सम्बन्धित समस्यों को खत्म कर देते है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है

तुलसी के बीजो में क्लोरीन और आयरन जैसे तत्व होते है जो आपके शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते है। इन बीजो का सेवन करने से आपकी आयु के साथ आपकी हड्डियों ओर ज्यादा मजबूत होती जाएगी ।

आंखों के रोग से राहत

तुलसी के बीजो में विटामिन A काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो आपकी आंखों के लिए बहुत जरुरी होता है। विटामिन A से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है ओर साथ इन बीजो में कुछ ऐसे तत्व भी होते है जो मोतियाबिंद रोग में आपको बहुत ज्यादा राहत दिलाता है।

यदि आप तुलसी के बीजो का सेवन करते है तो आपको ये सब फायदे होंगे यदि आपका तुलसी के बीजो के फायदे से सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते हो।

और इस जानकारी को अपने दोस्तो और सोशल मीडिया पर जरूर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तो को भी तुलसी के बीजो के फायदों के बारे में पता चल सके।

बेस्ट तेल जो रोक देंगे बालो का झड़ना जड़ से

गिरते बालो के लिए शैम्पू

बाल झड़ना एक ऐसी समस्या जो ना केवल व्यक्तित्व को शारीरिक रूप से बदल देता है बल्कि मानसिक रूप से भी तनाव देता है। बाल झड़ने के कई कारण होते हैं जैसे लंबी बीमारी, कोई बड़ी सर्जरी या इन्फेक्शन जैसे बड़े शारीरिक तनाव से दो या तीन महीने के बाद बालों का झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। हार्मोन स्तर में आकस्मिक बदलाव के बाद भी यह हो सकता है, विशेषकर स्त्रियों में शिशु को जन्म देने के बाद यह हो सकता है। साधारण तरीके से बाल झड़ते रहते हैं किन्तु गंजापन दिखाई नहीं देता है।

कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट भी बाल झड़ने का कारण बनते हैं जैसे कि ब्रेन से संबंधित दवाइयां, बालों का झड़ना बीमारी का लक्षण हो सकता है जैसे कि थाइरॉयड, सेक्स हार्मोन में असंतुलन या गंभीर पोषाहार समस्या विशेषकर प्रोटीन, लौह, जिंक या बायोटीन की कमी। यह कमी खान-पान में परहेज करने वालों और जिन महिलाओं को मासिक धर्म में बहुत ज्यादा रक्त स्राव होता है उनमें यह आम है। सिर की त्वचा यानी स्कैल्प में जब विशेष प्रकार की फफूंद से संक्रमण हो जाता है तो बीच बीच में बाल झड़ने लगते हैं। बच्चों में आमतौर पर बीच-बीच के बाल झड़ने का संक्रमण पाया जाता है।

आइए आपको बताते है 5 बेस्ट एन्टी हेयर फॉल ऑयल

1-हिमालया हर्बल एन्टी हेयर फॉल ऑयल

हिमालया हर्बल एन्टी हेयर फॉल ऑयल
हिमालया हर्बल एन्टी हेयर फॉल ऑयल

ये देता है मजबूत और स्वस्थ बाल, हिमालय के एंटी-हेयर फॉल हेयर ऑयल बालों को झड़ने से रोकता है और बालों के विकास को तेज करता है। थीस्ल और भारतीय करौदा की अच्छाई के साथ समृद्ध है जो रूट शाफ्ट को मजबूत करता है और बालों के झड़ने को रोकता है।
मेथी लेसीथिन और प्रोटीन से भरपूर होती है जो बालों की जड़ों को पोषण देती है। स्कैल्प के संक्रमण को रोकने और बालों को स्वस्थ रखने के लिए नीम और बेल एक साथ काम करते हैं। बाल की जड़ को मजबूत बनाता है और बालों को झड़ने से रोकता है।

भारतीय करौदा, एक प्राकृतिक हेयर टॉनिक है जिसका आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है, यह बालों और स्कैल्प के उपचार के लिए बहुत प्रभावी घटक है। यह बालों के रोम को मजबूत करता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है। मेथी प्रोटीन का एक प्राकृतिक स्रोत है। प्रोटीन बाल शाफ्ट के पुनर्निर्माण और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण है। इसके औषधीय गुण बालों के झड़ने को रोकते है, नीम ड्राई और खुजली वाली स्कैल्प से राहत देता है और बालों के विकास को भी बढ़ावा देता है।

2-WOW ओनियन ब्लैक सीड हेयर ऑयल

2-WOW ओनियन ब्लैक सीड हेयर ऑयल
2-WOW ओनियन ब्लैक सीड हेयर ऑयल

WOW Onion Black Seed Hair Oil एक नॉनस्टिकी और नॉनग्रीसी ऑयल है जो बालों को सिल्की और स्ट्रांग बनाता है। इसका अब्जॉर्बशन फ़ास्ट होता है जिससे ये बालो को मॉइस्चराइज करता है। हर तरह बालो को सूट करता है जैसे कर्ली, स्ट्रेट, टेक्सचर्ड, थिक, थिन, फाइन, कलर्ड।

3-Rey Naturals Onion Hair Oil

Rey Naturals Onion Hair Oil
Rey Naturals Onion Hair Oil

इसके खास तत्व है, लाल प्याज का अर्क, नारियल का तेल, सूरजमुखी का तेल, विटामिन ई, अरंडी का तेल, आर्गन का तेल, जोजोबा का तेल, आंवला का अर्क, हिबिस्कस का अर्क, नीम का तेल, भृंगराज का अर्क, मैंगो बटर, शिया बटर, चंदन का तेल, गुलाब का तेल. प्याज बालों के रोम पोषण में बहुत अच्छे होते हैं।
ये स्कैल्प के खोए हुए न्यूट्रिएंट को रिस्टोर करता है। प्याज में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और स्कैल्प के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
वानस्पतिक तेलों के निर्माण के साथ रे नैचुरल्स ओनियन हेयर ऑयल बालों में नमी को लॉक कर चमक को बढ़ाने में मदद करता है, बालों के उलझे हुए सिरों को अलग करता है और ढीला करता है।ओनियन तेल सल्फर से समृद्ध होता है, जो बालों का टूटना और पतला होना कम करने के लिए जाना जाता है।

4-urbanGabru hair growth serum oil

UrbanGabru Hair Growth Serum oil
UrbanGabru Hair Growth Serum oil

मोटा, मजबूत, अधिक स्वस्थ दिखने वाले बाल केवल जेनेटिक से नही होते, यह पोषण का मामला भी है। ये अद्भुत तेल बिना हानिकारक रसायनों या महंगी प्रक्रियाओं के घने और चमकदार बाल देता है।

इसमे सभी हाई क्वालिटी इंग्रीडिएंट को मिलाकर एक फार्मूला तैयार किया गया है जो बालों को ग्रोथ देता है।

5-morpheme remedies organic extra virgin cold pressed olive oil

Morpheme Remedies Cold Pressed Organic Extra Virgin Olive Oil
Morpheme Remedies Cold Pressed Organic Extra Virgin Olive Oil

मोरफेम रेमेडीज ऑर्गेनिक एक्स्ट्रा वर्जिन कोल्ड हेयर ऑयल नेचुरल और प्योर ऑयल्स की अच्छाई के साथ आता है। इसमें कोई मिनरल ऑयल, कोई सल्फेट, एसएलएस, कोई सिलिकॉन, कोई पैराबेन, कोई कृत्रिम खुशबू और कोई एडिटिव्स या रसायन शामिल नही हैं।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

क्या कैल्शियम की कमी से बाल झड़ते हैं?

कैल्शियम की कमी से बाल तेजी से झड़ने लगते है।

क्या झड़े हुए बाल वापस आ सकते है?

हां इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। बालो की अच्छी देखबाल करना चाहिए। और कैमिकल यूक्त शैम्पू का प्रयोग नही करना चाहिए ।

क्या गीले बालों में तेल लगाना चाहिए?

गीले बालो की जड़े कमजोर होती है। तेल लगाने से जड़ से उखड़ जाते है और गीले बालो पर तेल लगाने से बदबू की समस्या भी हो सकती है।

बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?

बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले। अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।

बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?

संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।

पतंजलि केशकान्ति तेल के फायदे-Kesh Kanti Oil Ke Fayde In Hindi

Patanjali Kesh Kanti

पतंजलि आयुर्वेद जिसकी स्थापना 2006 में की गई थ। इस स्वदेशी कंपनी ने बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियों विदेशी कंपनियों से टक्कर ली, पतंजलि ने आयुर्वेदिक औषधियों तथा खाद्य पदार्थों के अलावा भी एक कॉस्मेटिक्स की एक बहुत बड़ी रेंज निकाली। आज पतंजलि का टर्नओवर करीब 3000 करोड़ है। पतंजलि पर भरोसा करने के दो मुख्य कारण है जिनमें से से जिनमें से एक है पतंजलि का स्वदेशी होना और इसके सभी प्रोडक्ट में नेचुरल पदार्थों का इस्तेमाल करना।

अगर आप भी झड़ते हुए बालों से परेशान है तो एक बार पतंजलि केशकांति तेल जरूर आजमा कर देखिए। ये पतंजलि का सबसे ज्यादा बिकने वाला प्रोडक्ट है। पतंजलि दावा करता है कि पतंजलि केशकांति तेल बालों को मजबूत करता है जिसकी वजह से बाल टूटने कम हो जाते है जिससे बाल स्वस्थ्य और घने हो जाते है।

पतंजलि केशकान्ति तेल के फायदे-Kesh Kanti Oil Ke Fayde In Hindi

  • यह बालों को नरम, चिकना और उलझनों से मुक्त बनाने में सहायता करता है।
  • इसमें जड़ी बूटियों का सत्त होने की वजह से नींद और सिरदर्द को कम करने में भी मददगार है।
  • इसमे शामिल नेचुरल इंग्रीडिएंट बालो की जड़ों तक जाते है और वहाँ जमा अशुद्धियों को दूर करते है। जिससे स्कैल्प पर होने वाले फंगल इन्फेक्शन से मुक्ति मिलती है और बाल झड़ने का एक मजबूत कारण खत्म हो जाता है।
  • यह बालो को ना केवल मुलायम और रेशमी बनाता है बल्कि सफेद होने से बचाता है।
  • बिल्कुल केमिकल फ्री होने से बालो पर साइड इफ़ेक्ट की चिंता भी नही होती, बालो में डेंड्रफ हो या बाल दोमुंहे हो आप बेहिचक पतंजलि केश कांति हेयर आयल का प्रयोग कर सकते है।

पतंजलि केशकान्ति हेयर आयल कैसे लगाए

  • तेल को उंगलियों के पोरों में लगा कर बालो की जड़ो से लेकर सिरों तक लगाए।
  • हल्के हाथ से कम से कम 15 मिनट मालिश करे।
  • तेल अगर रात को लगाकर सोएंगे तो ये और भी बेहतर असर दिखायेगा।
  • सुबह माइल्ड शैम्पू से बाल धो ले।
  • हल्के गीले बालों में ही कंघी करे, ज्यादा सूखे बालो में कंघी करने पर बाल ज्यादा टूटते है।
  • बालो को धोने के बाद तौलिए से ज्यादा जोर से रगड़ना या झाड़ना नही चाहिए।
  • बड़े दाँतो वाली कंघी का प्रयोग करे, उससे बाल कम टूटते है।

पतंजलि केश कांति हेयर आयल में शामिल प्राकृतिक तत्व निम्न है

व्हीट  जर्म आयल , भृंगराज , सूरजमुखी का तेल, गुड़हल , ब्राह्मी , आमला , मेहँदी , नीम की पत्तियां , बहेड़ा , हरार, गिलोय, जतमांसी, हल्दी, नागकेसर, बकुच, गुडहल पुष्प, चरेला, यष्टि मधु,  अनंतमूल, रसौत, और वाचा शामिल है। बेस ऑयल के रूप में नारियल का तेल और तिल का तेल शामिल है।

व्हीट जर्म आयल

व्हीट जर्म ऑयल में बहुत सारे पोषक तत्व जैसे की विटामिन बी काम्प्लेक्स, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, और विटामिन ई। इन सभी से हमारे बालों को मजबूती मिलती है और बाल जल्दी सफ़ेद नहीं होते है।

व्हीट जर्म आयल
व्हीट जर्म आयल

सूरजमुखी का तेल

बालों हो या स्किन विटामिन ई सबसे जरूरी विटामिन में आता है।यह विटामिन इस तेल में बहुत होता है। इस विटामिन से बाल रूखे नहीं  होते और बालों में चमक आती है। बालों का पतलापन भी दूर हो जाते है।

भृंगराज

भृंगराज जिसे केशराज भी कहते है का प्रयोग बालो से जुड़ी हर समस्या में किया जाता है, यह बालों को सफ़ेद होने से बचाता है। इसकी मदद से  दो मुँह के बालो की समस्या भी दूर हो जाती है। यह बालों को पोषण देता है और बालों का झड़ना रोकता है।

एलो वेरा

एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज स्कैल्प को बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन्स से बचाकर रखती है। यह आपके बालों को सूरज की हानिकारक किरणों से भी बचाकर रखता है। बालों के पोषण के लिए इसमें बहुत सारे तत्व है जैसे की विटामिन्स , एमिनो एसिड्स, मिनरल्स, प्लांट स्टेरॉइड्स, और फैटी एसिड्स। बालों की लम्बाई बढ़ाने के लिए इसमें कॉपर और जिंक होता है। इसीलिए यह तेल बालों को इतने फायदें देता है।

आँवले

आँवले में सबसे ज्यादा विटामिन सी होता है।  यह विटामिन बालों में और स्कैल्प की सारी अशुद्धियों को मिटा देता है। इसकी वजह से भी बाल सफ़ेद नहीं होते है। आँवले के एंटीऑक्सीडेंट बालों को लम्बा और घना करने में मदद करते है।

नेगेटिव पॉइंट्स

  • इसकी महक बहुत ही तेज होती है और ज्यादातर लोगों के इसके ना इस्तेमाल करने का यही कारण होता है।
  • ऑयली होता है तो एक बार शैम्पू करके बालो से निकालना थोड़ा मुश्किल होता है और ऑयली बालो को और ऑयली बना सकता है।

प्राकृतिक तत्वों से बना है तो और कोई साइड इफ़ेक्ट नही है, बेहिचक एक बार जरूर इस्तेमाल करे।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

केश कांति तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

.पतंजलि केश कान्ति तेल में,आंवला,नीम,गिलोय,नागकेसर, भृंगराज, तिल का तेल, हल्दी,नारियल तेल और एलोवेरा का मिश्रण है जो बालों की जड़ों को गहराई तक पोषण देकर बालों की जड़ों को मजबूत करता है। .यह डैंड्रफ़ को प्रभावी रूप से हटाकर बालों के झड़ने से रोकने में मदद करता है। .पतंजलि केश कान्ति तेल बालों को सफेद होने से रोकता है। .पतंजलि केश कांति तेल बालों को भरपूर पोषण देता है साथ ही बालों की जड़ों को मजबूत करता है। .यह तेल बालों का झड़ना कम करता है। .पतंजलि केश कांति तेल बालों को स्वस्थ और चमकदार बनाता है। .पतंजलि केश कांति तेल सिरदर्द, अनिंद्रा और तनाव से भी बचाता है। अतः पतंजलि केश कांति तेल के अनगिनत और उपयुक्त फायदे हैं।

पतंजलि का सबसे अच्छा तेल कौन सा है?

पतंजलि सबसे तेजी में बढ़ने वाली भारतीय कंपनी है जो आयुर्वेदिक उत्पादों से संबंधित है। पतंजलि के पास कई सौंदर्य उत्पाद हैं जो हमारे घर को जैविक आयुर्वेदिक घर में बदल सकते हैं। पतंजलि उत्पाद 100% जैविक और प्राकृतिक हैं। आजकल लोगो को बालों की बहुत सी समस्या हो रही है।कम उम्र मे सफ़ेद बालो का सफेद होना,बालों का झड़ना, बालों का बेजान होना,बालों में रूखापन आदि की सभी समस्याएं आजकल आमतौर से सुनने और देखने को मिलती हैं। बालों की समस्याओं से निजात पाने के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित शुद्ध और भरोसेमंद तेल निम्नलिखित है- .पतंजलि केश कांति तेल। .पतंजलि केश कांति आंवला हेयर ऑयल। .पतंजलि कोकोनट हेयर ऑयल। .पतंजलि आलमंड हेयर ऑयल। .पतंजलि तेजस तेलम तेल। .पतंजलि शीतल तेल। .पतंजलि दिव्य केश हेयर ऑयल।

केश कांति तेल कितने में मिलता है?

पतंजलि केश कान्ति हेयर ऑयल बालों के विकास के लिए जरूरी है और यह ऑयल सबसे अच्छे हर्बल तत्वों से बना है।इन उत्पादों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे आयुर्वेदिक हैं और पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों से बने हैं। पतंजलि केश कांति तेल बालों का गिरना रोकता है। पतंजलि केश कांति तेल बालों के विकास के लिए कुशल है और यह बालों के झड़ने को रोकने के लिए बहुत प्रभावी है। नियमित पतंजलि केश कांति ऑयल के इस्तेमाल करने से बाल काले,घने,स्वस्थ,मजबूत और चमकदार हो जातें हैं। इसकी कीमत भी किफायती है। पतंजलि केश कांति हेयर ऑयल 120 ml की कीमत मात्र 130 रुपये है।

क्या होता है अपूर्ण गर्भपात, अपूर्ण गर्भपात के उपचार

क्या होता है अपूर्ण गर्भपात, अपूर्ण गर्भपात के उपचार

अपूर्ण गर्भपात के उपचार

अपूर्ण गर्भपात के उपचार के लिए कभी भी घरेलू नुस्खे ना आजमाएं। किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। उसी के अनुसार काम करें। आइए हम यहां जाने कि क्यों होता है और क्या होता है अपूर्ण गर्भपात

क्या होता है अपूर्ण गर्भपात 

कई बार अबॉर्शन के बाद गर्भाशय में एंब्रियो के कुछ बॉडी पार्ट्स रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में महिला को रुक रुक कर ब्लीडिंग होती है। उसे लगातार हल्का दर्द रहता है। इस स्थिति को अपूर्ण गर्भपात कहते हैं। यह स्थिति तब आती है जब गर्भपात काफी समय बीत जाने के बाद किया जाता है। कभी-कभी नौसिखिया लोगों के द्वारा या घरेलू उपचार या पिल्स लेने के कारण भी अपूर्ण गर्भपात हो जाता है। अपूर्ण गर्भपात में भ्रूण पूरी तरह से गर्भनाल से बाहर नहीं निकल पाता। तीन महीने से अधिक अगर हो जाए तो गर्भपात होना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में अपूर्ण गर्भपात होने के खतरे काफी बढ़ जाते हैं। 

किन परिस्थितियों में होता है अपूर्ण गर्भपात

ऐसा नहीं है कि हर अपूर्ण गर्भपात किसी लापरवाही के कारण ही होता है। आधे से अधिक मामलों में क्रोमोसोम संबंधी असामान्यतायें अपूर्ण गर्भपात की वजह होती है। किसी बीमारी के होने से जैसे हाइपरटेंशन, शुगर, लिवर, किडनी इस तरह से किसी भी प्रॉब्लम के होने से महिला में अपूर्ण गर्भपात की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। जो महिलाएं सिगरेट, शराब आदि का अधिक प्रयोग करती हैं उनके अपूर्ण गर्भपात के चांसेज काफी अधिक होते हैं। इसके अलावा एचआईवी रोग और कुछ अन्य यौन रोगों के कारण भी अपूर्ण गर्भपात की संभावनाएं अधिक हो जाती है। वजन का कम होना या अधिक होना भी अपूर्ण गर्भपात की एक वजह हो सकता है। ओवरी सिंड्रोम, पीलिया का होना भी अपूर्ण गर्भपात की वजह हो सकते हैं। 

कैसे जानें कि गर्भपात अपूर्ण है

बुखार
बुखार

अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है। ब्लीडिंग रूक रुक कर लगातार हो रही है। ब्लीडिंग अगर काफी दिनों बाद भी लगातार हो रही है। ब्लीडिंग में बड़े-बड़े क्लॉटस आ रहे हैं। पेट में रह रह कर दर्द होता है। कुछ लोगों में यह दर्द लगातार रहता है। कुछ लोगों में पेट में ऐठन रहती है। पेट की नसों में संकुचन सा महसूस होता है। जिस तरीके का दर्द पीरियड में होता है उसी तरीके का दर्द हमेशा रहता है। शुरू में हल्का बुखार रहता है। कुछ समय के बाद बुखार बढ़ने लगता है। कुछ लोगों में बहुत ज्यादा बुखार होता है। यह सब सिस्टम्स इंडिकेट करते हैं कि गर्भपात प्रॉपर नहीं हो पाया है। 

क्यों है जानलेवा अपूर्ण गर्भपात

अगर अपूर्ण गर्भपात के कारण महिला के गर्भाशय में भ्रूण के कुछ हिस्से रह गए हैं और उन्हें निकाला ना जाए तो जान जाने तक का खतरा हो सकता है। यह भी हो सकता है कि गर्भाशय ही निकालना पड़े और शायद वह औरत कभी माॅ ही न बन पाये।

कैसे करें अपूर्ण गर्भपात का उपचार

अपूर्ण गर्भपात का उपचार किसी सुयोग्य डाक्टर की देखरेख में ही करवायें। अपूर्ण गर्भपात के उपचार के लिए डॉक्टर डी एंड सी करते हैं। डॉक्टर वेक्यूम एस्पिरेशन के द्वारा भी अपूर्ण गर्भपात का उपचार करते हैं। डी एंड सी एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय की परत को कुरेद कर साफ किया जाता है। अगर इसे किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में न किया जाए तो संक्रमण होने की संभावनाएं होती है। गर्भाशय वाॅल में भी छेद हो सकता है। गर्भाशय में स्कार टिशु भी बन सकते हैं। डी एंड सी ठीक से ना हो तो हेवी ब्लीडिंग हो सकती है। 

क्या होता है डी एंड सी

डीएनसी में महिला को बेहोश करके उसकी गर्भाशय ग्रीवा को फैलाया जाता है। उसके बाद गर्भाशय को क्यूरेट की मदद से साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार को कुरेद कर साफ किया जाता है। जिससे गर्भाशय में अगर भ्रूण के कुछ अवशेष होते हैं तो वह भी निकल जाते हैं। इस प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार थोड़ी कमजोर हो जाती है, स्त्री को मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है। हो सकता है कि पीरियड टाइम से पहले हो जाए या यह भी हो सकता है कि पीरियड्स डिले हो जाए।

अपूर्ण गर्भपात के उपचार के बाद महिला की देखभाल

पेशेंट डी एंड सी के बाद अपने आप को कुछ समय तक कमजोर महसूस करती है। उसके शरीर में हाथ पैरों मैं दर्द रहता है। उसके पेट में हल्का हल्का ऐंठन वाला दर्द रहता है। इस प्रक्रिया के बाद कुछ समय तक ब्लीडिंग हो सकती है।

उपचार के बाद स्त्री को कुछ समय तक अपने दैनिक कार्यों को आराम से करने की आवश्यकता होती है। तीन-चार दिनों तक उसे थकाने वाले काम, नहाना, सेक्स करना, भारी सामान उठाना आदि नहीं करना चाहिए। उसे हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए।

क्या नहीं जानते आप भी दलिया खाने से क्या होता है-daliya khane ke fayde

दलिया खाने से क्या होता है

सुबह के ब्रेकफास्ट के लिए दलिया सबसे अच्छे नाश्ते में से एक है। दलिया को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दलिया में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, थाइमिन, फोलेट, पोटेशियम, कार्बोहाइट्रेड, जिंक, मिनिरल्स, विटामिन्स, आयरन, प्रोटीन, फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासयित ये है कि इसमें फ़ाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे थोडी मात्रा लेने से ही पेट भरा महसूस होता है और वजन घटाने में ये नैचुरल तरीके से साहयक हो जाता है। इसी कारण ये पाचन को बेहतर बनाता है और इसे खानें के बाद दिन भर आप खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं। दलिया में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है और पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। आइए जानते हैं दलिया खाने से क्या होता है।

दलिया खाने से क्या होता है-daliya khane ke fayde

  • दलिया में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर होने के कारण इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
    कब्ज
    कब्ज
  • दलिया वजन घटाने में मददगार होने के साथ साथ डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
  • वैसे तो हर तरह के अनाज से बना दलिया फायदेमंद होता है लेकिन अगर मिश्रित अनाज जैसे गेहूँ बाजरा रागी वगैरा से बना हो तो और भी पौष्टिक हो जाता है।
  • जैसा कि आजकल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या आम है, दलिया में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही फाइबर पाए जाते हैं, शरीर में उच्च मात्रा में फाइबर होने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है. जिससे व्यक्ति को हृदय रोग होने की संभावना न के बराबर रहती है।
  • हड्डियों में कमजोरी भी आम समस्या होती जा रही हैं। मैग्नीशियम और कैल्शियम का खजाना होने के कारण दलिये का नियमित सेवन हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
  • दलिया का नियमित सेवन करने वालों को उम्र दराज होने पर जोड़ों के दर्द की शिकायत नहीं होती है।
  • दलिया खाने से पित्त की थैली में पथरी की समस्या भी दूर होती है।
  • दलिया आयरन का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बैलेंस करता है।
  • इसके अलावा दलिया शरीर के तापमान और मेटाबॉलिज्म को भी सही मात्रा में बनाए रखता है।

दलिया को आप और अधिक पोष्टिक बनाने के लिए इसमें अपनी पसंद की सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।  इतना ही नहीं इसे आप मीठा और नमकीन दोनों तरह से खा सकते हैं।

घर बैठे बैठे हाथ पैर और चेहरे को गोरा कैसे करें-क्या है असरदार और आसान तरीके

हाथ पैर और चेहरे को गोरा कैसे करें

हर कोई चेहरे की कम या ज्यादा परवाह नहीं करता है लेकिन कई लोग शरीर की देखभाल करने में आलसी होते हैं जिसके कारण शरीर चेहरे की तुलना में काला दिखता है। दिन भर प्रदूषण, धूल, मिट्टी के कारण हाथों और पैरों पर मृत कोशिकाओं की परत जम जाती है। जिससे हाथों और पैरों का रंग बदल जाता है। जो देखने में बहुत ही खराब लगता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हम कई तरह के उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। आप चाहें तो कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर हाथों और पैरों को चमकदार और खूबसूरत बना सकते हैं। कुछ बॉडी लाइटनिंग टिप्स अपनाएं। जिससे आप खूबसूरत शरीर पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है 5 मिनट में हाथों को गोरा करने का तरीका।

हाथ पैर और चेहरे को गोरा कैसे करें-Hath Pair Ko Gora Karne Ka Tarika

खीरा

3 बड़े चम्मच पपीते का पेस्ट, 2 बड़े चम्मच खीरे का पेस्ट और 4 बड़े चम्मच ओट्स को मिलाकर 1 घंटे के लिए छोड़ दें। अब नहाने से पहले शरीर पर लगाएं। इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद हल्के हाथों से मालिश करें और इसे सामान्य पानी से न लें।

अगर आप बेदाग ग्लोइंग स्किन चाहती हैं तो इस होममेड खीरा टोनर का इस्तेमाल करें, बस इस समय दिन में दो बार लगाएं।

बेसन

2 टीस्पून बेसन, टीस्पून हल्दी पाउडर और कप दूध डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद इसे हाथ, पैर और शरीर पर लगाएं। 15 मिनट बाद साफ पानी से धो लें। नहाने से पहले इस पैक को लगाने की कोशिश करें।

मुल्तानी मिट्टी

1 छोटा चम्मच चंदन, 1 छोटा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, 1 छोटा चम्मच शहद, 1 छोटा चम्मच हल्दी पेस्ट, 1 छोटा चम्मच दूध डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद नहाने से पहले इसे पूरे शरीर पर अच्छे से लगाएं। 10-15 मिनट बाद साफ पानी से धो लें। इस पैक को हफ्ते में 3 दिन लगाएं।

ककड़ी का रस

1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच खीरे का रस, 1 चुटकी हल्दी पाउडर मिलाएं और इस पैक को हाथों, पैरों और पूरे शरीर पर लगाएं। कुछ देर रहने के बाद साफ पानी से नहा लें।

एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल के फायदे
एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग

1 बड़ा चम्मच बादाम का तेल, 1 छोटा चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं और हाथों और पैरों पर लगाएं। इससे हाथ-पैर साफ हो जाएंगे।

संतरे के सूखे छिलके

संतरे के छिलकों को अच्छी तरह सुखा लें। सूखे छिलकों को पीसकर चूर्ण बना लें। पाउडर में दूध डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। तैयार पेस्ट को अपने हाथों और पैरों पर लगाएं। पेस्ट सूखने के बाद अपने हाथ-पैरों को पानी से धो लें। यह आपकी त्वचा का कालापन दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है।

दूध और सेंधा नमक

हाथों और पैरों का कालापन दूर करने के लिए दूध और सेंधा नमक का प्रयोग करें। इसके लिए आपको 2 चम्मच सेंधा नमक में 2 चम्मच कच्चा दूध मिलाना है। आप चाहें तो इस पेस्ट में 1 चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। तैयार पेस्ट से अपने हाथ, पैर और गर्दन को हल्के से स्क्रब करें। यह पेस्ट न सिर्फ आपके हाथ, पैर और गर्दन से कालापन दूर कर आपको खूबसूरत बनाएगा बल्कि आपकी त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में भी मदद करेगा।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

काले हाथ पैरों को कैसे साफ करें?

1.बेसन - दो चम्मच बेसन में थोड़ा सा कच्चा दूध और चुटकी भर हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करके उसे हाथों पर लगाने से हाथों का रंग गोरा होता है। 2.नींबू -नींबू के रस में चीनी अथवा नमक मिलाकर हाथों पर रगड़ने से हाथों का कालापन दूर होता है । 3. टमाटर - टमाटर के रस में थोड़ा-सा नींबू का रस मिला कर हाथों पर मसाज करें इससे हाथों का रंग गोरा होता है । इसके अलावा कच्चे दूध से हाथों पर मसाज करने से भी उसका रंग गोरा होता है।

हाथ पैर सुंदर कैसे बनाएं?

1.रात को सोने से पहले पैरों को गुनगुने पानी से धोये ।और क्रीम लगा कर सोये इससे पैरो की त्वचा नर्म और मुलायम रहेगी साथ ही पैरों को गोरा भी बनाऐ रखेगी 2.नहाने दस मिनट पहले एक चम्मच नींबू का रस,एक चम्मच खीरे के रस में हल्दी मिलाकर मसाज करे ।और कुछ समय रख कर नहा ले। 3.एक चम्मच ऐलोवेरा जैल और एक चम्मच बादाम का तेल मिला कर हफ्ते में दो बार मसाज करें। पैर गोरे रहेंगे। 4. दो चम्मच चीनी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच गुलाबजल मिला कर हल्के हाथों से स्क्रब करें और साफ पानी से धोये।

पूरी बॉडी को गोरा कैसे करें?

1.आधा चम्मच शहद में नींबू का रस मिलाकर रात में लगाये और सुबह ठण्डे पानी से धोये। 2. अधपके केले में कच्चा दूध मिलाकर मसाज करे और दस मिनट बाद धोले। 3 . आटे के चोकर में बादाम का तेल , चंदन का बुरादा , गुलाब जल , मसूर की दाल का पाउडर मिला कर रोज उबटन करें ।त्वचा गोरी और मुलायम बनेगी 4.चावल का आटा उसमें आधा चम्मच शहद मिलाये और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना ले और अपने चेहरे, हाथ , पैरो पर लगाये और सूखने पर धोले । रंगत निखर कर आयेगी

अगर नींद ना आये तो क्या करें-agar neend na aaye to kya kare

अगर नींद ना आये तो क्या करें

वर्तमान समय में लगभग हर तीसरे को चौथा व्यक्ति नींद ना आने की समस्या से परेशान है। नींद ना आना, फास्ट लाइफ़स्टाइल, देर रात तक जगना तनाव के कारण होती है । नींद ना आने या कम नींद आने के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है ब्लड प्रेशर, सिर दर्द और अन्य कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।

अनिद्रा के प्रकार

अनिद्रा मुख्यतः तीन प्रकार की होती है-

1. अस्थाई अनिद्रा

किसी कारणवश यदि 3 या 4 रात तक नींद ना आने की स्थिति अस्थाई अनिद्रा कहलाती है परंतु यह कुछ समय बाद  समाप्त हो जाती है ।

2. अल्पकालीन अनिद्रा

एक्यूट या अप्लकलीन अनिद्रा के लक्षण कुछ हफ्तों तक जारी रहते हैं पर्याप्त आराम करने और दवाई लेने पर यह समस्या समाप्त हो जाती हैं।

3. क्रोनिक अनिद्रा

स्थाई अथवा क्रोनिक अनिद्रा के लक्षण कई बार महीनों अथवा सालों तक चलते रहते हैं जिसे कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है ।

इसके अलावा अनिंद्रा को सुखी होने वाले कारणों के आधार पर दो भागों में बांटा गया है –

प्राथमिक अनिद्रा

इस स्थिति में व्यक्ति को सिर्फ नींद ना आने की समस्या होती है इसके अलावा उसे किसी भी प्रकार की अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं ।

माध्यमिक अनिद्रा

इस स्थिति में व्यक्ति को अनिद्रा के कारण और भी कई सारी समस्याएं होने लगती हैं जैसे अवसाद ,गठिया, कैंसर, सीने में दर्द, जलन इत्यादि ।

किसी भी उम्र के बारे व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या हो सकती है ऐसा शोध से पता चला है कि वयस्क पुरुषों की तुलना में वयस्क महिलाओं में यह समस्या अधिक होती है । अनिद्रा होने पर व्यक्ति एकाग्र होकर कार्य नहीं कर पाता है इसके अलावा याददाश्त से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हो जाता है साथ ही मोटापा और अवसाद की स्थिति में चला जाता है ।

अनिद्रा के लक्षण

अनिद्रा से ग्रसित व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती है या फिर कम आती है और पूरी रात जागने के कारण उसे चिड़चिड़ापन, यादाश्त का कम होना और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होना थकावट आलस्य जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं ।

अनिद्रा के कारण

अनिद्रा आमतौर पर गलत जीवनशैली और तनाव के कारण होती है आइए जानते हैं नींद ना आने के क्या-क्या कारण हैं ?

तनाव

वर्तमान समय में दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी बात को लेकर तनाव में रहता है. ऑफिस से लेकर घर तक कहीं ना कहीं किसी न किसी बात के कारण व्यक्ति मानसिक परेशानी का सामना करता है और तनाव की स्थिति में चला जाता है तनाव के कारण नींद नहीं आती है और धीरे-धीरे या एक समस्या बन जाती है .

सोने की खराब आदतें

स्मार्ट फोन, वीडियो गेम, टीवी, कंप्यूटर जैसी चीजों के आदी होने के कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना आजकल व्यक्ति की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है जिसके कारण नींद ना आने की समस्या होने लगती है ।

काम का दबाव

कामकाजी लोगों में ऑफिस के काम का दबाव होने के कारण उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है ,कई बार यात्राएं करनी  पड़ती है, कई  शिफ्टों में काम करना पड़ता है जिसके कारण उनके सोने की दिनचर्या खराब हो जाती है और अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

रात में अधिक मात्रा में भोजन करना

ऐसा माना जाता है कि रात में हल्का भोजन करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य सही रहता है परंतु तले भुने और फास्ट फूड के बढ़ते चलन के कारण लोग रात में अधिक भोजन कर लेते हैं जिसके कारण एसिडिटी और पेट में भारीपन की समस्या हो जाती है और साथ ही साथ अनिद्रा की समस्या भी होने लगती है।

नींद ना आना
नींद ना आना

अनिद्रा से बचाव के लिए क्या करें ?-agar neend na aaye to kya kare

सोने की अच्छी आदतें अनिद्रा को रोकने और अच्छी नींद लेने में मदद कर सकती हैं –

  • सोने से पहले अधिक मात्रा में भोजन करने और पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें।
  • सोने के करीब 1 घंटे पहले कंप्यूटर टीवी और स्मार्टफोन का प्रयोग बंद कर दें।
  • सोने का कमरा साफ सुथरा और आरामदायक होना चाहिए ।
  • सोने और जागने का समय निश्चित करें और उसी समय पर सोने और जागने का प्रयास करें।
  • दिन में सोने से बचें।
  • धूम्रपान, चाय, कॉफी अथवा अल्कोहल का प्रयोग कम से कम मात्रा में करें या ना करें ।
  • यदि किसी भी प्रकार की रोग की दवाई ले रहे हैं तो डॉक्टर से सुनिश्चित करें कि कहीं दवाइयों की वजह से तो अनिद्रा नहीं हो रही।
  • सोने से पहले स्नान करें किताबे पढ़ें या धीमी आवाज में संगीत सुनें ।
  • सोने के कमरे में हल्की सुगंध वाली मोमबत्ती अथवा कपूर का प्रयोग करें ।
  • मेडिटेशन करें ।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें ।

अनिद्रा के घरेलू उपाय

नींद ना आने पर निम्न घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या का समाधान पाया जा सकता है –

पैर धोएं

जिन लोगों को नींद नहीं आती है उन्हें गर्मियों में ठंडे पानी से और सर्दियों में गुनगुने पानी से पैर धो कर सोना चाहिए इससे मस्तिष्क को शीतलता मिलती है और नींद अच्छी आती है ।

मेहंदी का करे इस्तेमाल

मेंहंदी अनिद्रा के रोग के लिए बहुत ही लाभदायक है । मेहंदी को पीसकर सिर पर लगाने से मस्तिष्क को शीतलता मिलती है और नींद अच्छी आती है ।

मालिश से आएगी नींद

रीड की हड्डी की मालिश पहले नीचे से ऊपर और फिर ऊपर से नीचे तक करने से भी रात को नींद अच्छी आती है।

सलाद खाएं

सलाद के पत्तों का प्रयोग करके भी अनिद्रा की स्थिति से निजात पाया जा सकता है । गाजर का रस अनिद्रा में बहुत लाभदायक है ।

मेथी दाना से मिलेगी मदद

जिन लोगों को पेट संबंधी विकारों के कारण नींद नहीं आती उन्हें मेथी का प्रयोग करना चाहिए। दाना मेथी को भिगोकर अंकुरित करके अथवा उसकी सब्जी बनाकर खाने से लाभ होता है ।

प्याज के रस का करें प्रयोग

प्याज का रस भी अनिद्रा के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। प्याज को छीलकर देसी घी में अच्छी तरह भून लें और उसे रोटी के साथ खाएं इससे अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा ।

कद्दू मिलेगी मदद

घिया या कद्दू के रस में तिल का तेल मिलाकर खोपड़ी पर मालिश करने से अनिद्रा रोग में लाभ होता है। इसके अलावा गर्मियों में पैरों में जलन के कारण भी नींद नहीं आती है इसके लिए कद्दू का टुकड़ा लेकर पैरों के तलवों पर मिलना चाहिए इससे रात को अच्छी नींद आती है ।

दही से होगा लाभ

दही अनिद्रा के उपचार में बहुत ही उपयोगी होता है भोजन में दही का प्रयोग करने और स्नान के समय सिर पर दही की मालिश करने से अनिद्रा रोग के उपचार में सहायता मिलती।

गरम दूध पियें

रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर पीने से भी नींद अच्छी आती है।

शहद है लाभकारी

शहद अनिद्रा के लोग रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है सोने के से पूर्व गुनगुने पानी में दो चम्मच शुद्ध शहद का सेवन करने से नींद अच्छी आती है ।

सौंफ का करे सेवन

दो चम्मच सौंफ को पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें और पानी आधा रह जाने पर उसमें दुगुना दूध मिलाकर दो चम्मच घी और चीनी मिलाएं और सोते समय इसका सेवन करने से नींद अच्छी आती है और प्रातः काल पेट भी आसानी से साफ हो जाता।

चन्दन है लाभकारी

चंदन को पानी में किस कर माथे पर लगाने तथा कच्चे आंवले का पेस्ट बनाकर उसको सर पर लगाने से भी अनिद्रा में लाभ होता है।

चन्दन है लाभकारी
चन्दन है लाभकारी

हरे धनिये का करे प्रयोग

गर्मियों में नींद ना आने पर हरे धनिए को अच्छी तरह पीसकर पानी और चीनी मिला कर पीने से नींद अच्छी आती है ।

घरेलू उपचार के अलावा नींद ना आने का इलाज –

यदि अनिद्रा की समस्या अधिक बढ़ गई है तो ऐसी स्थिति में एलोपैथी , होम्योपैथी आयुर्वेद योग ध्यान प्राणायाम एक्यूपंक्चर आदि कई सारे तरीकों को अपनाकर अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ।

अनिद्रा में क्या खाएं ?

  • दूध

दूध में ट्राइप्टोफन नामक एक अमीनो एसिड होता है जिससे किसी कारण रात को दूध का सेवन करने से नींद जल्दी आ जाती है ।

  • केले

केले में पाया जाने वाला मैग्नीशियम और पोटेशियम प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को शिक्षित करते हैं जिसके कारण नींद आसानी से आती है ।

  • हर्बल चाय

हर्बल चाय में कई सारे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो नींद लाने में मदद करता है ।

  • साबुत अनाज

साबुत अनाज जैसे जॉब कुट्टू आदि में मैग्नीशियम पाया जाता है जो मांसपेशियों को सुचारू रूप से काम करने में और मानसिक शांति का एहसास दिलाने में मदद करता है इस कारण नींद अच्छी आती है ।

  • कांप्लेक्स कार्ब्स

कांप्लेक्स कार्ब्स जैसे फली और चमेली चावल ( जैस्मिन राइस )धीरे-धीरे पता है और इसमें पोटेशियम पाया जाता है जो मांसपेशियों को शिथिल करने में मदद करता है और अच्छी नींद में सहायक होता है।

  • चेरी का जूस

खट्टे फलों जैसे चैरी आदि के जूस में मेला टोनिन नामक हार्मोन होता है जो नींद पर नियंत्रण रखता है।

उपरोक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके, अच्छी जीवनशैली अपनाकर , पर्याप्त व्यायाम करके, अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। परंतु यदि समस्या अधिक बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और यदि कोई भी व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की बीमारी से ग्रसित है तो उसे भी डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयों और खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ।

जानिए क्या है लीवर की सूजन के लक्षण और कारण-Liver Me Sujan Ke Lakshan

लीवर की सूजन के लक्षण

लिवर शरीर में सबसे बड़े आकार का अंग होता है। इस अंग का काम होता है, भोजन को पचाकर एनर्जी कलेक्ट करना तथा टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालना। कई बार लिवर में सूजन आ जाती है, लिवर में सूजन आने के कई कारण हो सकते है जैसे दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट, अल्कोहल, केमिकल व अन्य ऑटोइम्यून रोग। आज इस आर्टिकल में लिवर में सूजन के कारण और लीवर की सूजन के लक्षण की बात करेंगे।

लिवर में सूजन आने को हिपेटोगीमेली भी कहते है। कई बार लोगो को समझ ही नही आता कि उनके लिवर में सूजन है।

लिवर का कार्य

  • लिवर शरीर के लिए एक छलनी की तरह काम करता है और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालता है।
  • टॉक्सिन्स के बाहर निकलने के कारण शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • लिवर पाचन के लिए जरूरी रसों को रिलीज करता है।

हिपेटोगीमेली का अर्थ

लिवर की सूजन यानी हिपेटोगीमेली का मतलब सिर्फ ये नही की, लिवर अपने आकार बड़ा हो जाता है। बल्कि लिवर अपने कार्य करने का तरीका बदल देता है।

लिवर के कार्य करने का तरीका बदलते ही, शरीर पर बुरा असर दिखने लगता है। इससे शरीर के अन्य अंगों की कार्य क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसके साथ ही बहुत सी समस्याएं उत्तपन्न हो जाती है।

लीवर की सूजन के लक्षण-Liver Me Sujan Ke Lakshan

बिना किसी टेस्ट के ये पता लगाना की लिवर में सूजन है या नही, थोड़ा मुश्किल है। फिर भी कुछ लक्षणों के आधार पर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि लिवर में कहीं कोई दिक्कत तो नही।

आइए आपको लीवर की सूजन के लक्षण जो की बहुत सामान्य है, के बारे में बताते है।

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पेट में दर्द

लिवर की सूजन की शुरुआत में पेट मे हल्का हल्का दर्द शुरू होता है। ये दर्द खासतौर पर पेट के लेफ्ट साइड में थोड़ा ऊपर की तरफ होता है।

यदि लंबे समय तक इन लक्षणों को नजर अंदाज किया जाए तो दर्द धीरे धीरे बढ़ने लगता है।

पेट का आकार बढ़ना

जब लिवर की सूजन को काफी समय बीत जाता है तो पेट फूला हुआ और थोड़ा बड़ा दिखता है। पेट बेढंगे तरीके से बढ़ता है, आप ध्यान से देखेंगे तो हल्का सा एक तरफ फूला हुआ दिखता है।

बुखार

यूं तो बुखार किसी भी वायरस, बैक्टीरिया, या इन्फेक्शन के कारण होता है। किंतु यदि आपको लगातार हल्का हल्का बुखार बना रहता है तो हो सकता आपके लिवर में सूजन हो।

बुखार
बुखार

लेकिन केवल बुखार होने इसका प्रमाण नही है, साथ मे अन्य लक्षणों पर भी ध्यान दे।

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शरीर का पीला पड़ना

शरीर का पीला पड़ना या पीलिया लिवर में किसी न किसी दिक्कत के कारण होता है। लिवर में सूजन के कारण आँखों और त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है।

वोमिट आना

जैसा कि आपको ऊपर बताया, की लिवर का मुख्य काम शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालना हैं, ऐसे में अगर लिवर ही सही से काम नही करेगा तो टॉक्सिन्स शरीर से नही निकलेंगे।

इस कारण टॉक्सीन्स वोमिट के रूप में बाहर निकलते है। इसी कारण व्यक्ति तला भुना,व मसालेदार खाना नही पचा पाता।

मल मूत्र की असामान्यता

कहते है कि शरीर मे होने वाले किसी बदलाव का सबसे पहला असर मल मूत्र पर होता है। इसलिए यदि आपको लिवर की सूजन का कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हो, तो अपने मल मूत्र को ध्यान से देखें।

यदि लिवर में सूजन है तो मल का रंग बहुत हल्का यहां तक कि लगभग सफेद भी हो सकता है। साथ ही मूत्र में एसिड की अधिकता से मूत्र में गाढ़ापन आ जाता हैं।

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मुहं में बदबू होना

लिवर का खराब होना मतलब टॉक्सीन्स का शरीर से निस्तारण बन्द, जब टॉक्सीन्स शरीर से नही निकलेंगे तो वो शरीर मे ही विचरण करेंगें।
इस कारण ये टॉक्सीन्स मुहं तक पहुंचकर मुहं में बदबू पैदा करते है। इस कारण व्यक्ति के मुहं का स्वाद सदैव कसैला बना रहता है।

लीवर की सूजन क्यों आती है-Liver Me Sujan Ke Karan

लिवर में सूजन इन कारणों से आ सकती है।

  • अल्कोहल का जरूरत से ज्यादा सेवन
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन
  • हैपेटाइटिस लिवर की सूजन का बहुत बड़ा कारण है।
  • दवाईओ का नशा करना
  • फैटी लिवर

लिवर का रामबाण इलाज-Liver Thik Karne Ke Upay

अब आपको लिवर की सूजन के घरेलू उपचार बताएंगे।

एप्‍पल साइडर विनेगर

लिवर को स्वस्थ्य रखने के लिए एप्पल साइडर विनेगर एक अच्छा ऑप्शन है। विनेगर लिवर से विषाक्‍त पदार्थों को बाहर निकाल देता है।
एप्पल साइडर विनेगर लेने के लिए रोज एक चम्मच विनेगर को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर ले।

एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर

नींबू

विटामिन सी से भरपूर नींबू इम्युनिटी और एंटीऑक्‍सीडेंट का सोर्स है। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर सेल्स को स्वस्थ्य रखता है। एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ें और एक चम्‍मच शहद डालकर रोज सुबह पिएं।

हल्‍दी

यदि लिवर की सूजन का कारण शराब या किसी का प्रकार का नशा नही है, तो हल्दी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। एक गिलास पानी लें और उसे उबालने के लिए रख दें। अब इसमें एक चुटकी हल्‍दी डालें। आप चाहें तो इसमें नींबू का रस भी डाल सकते हैं। मिक्‍स कर के रोज सुबह इस गुनगुने पानी का सेवन करें।

आंवला

आंवले में क्‍यूरसेटिन नामक फाइटोकेमिकल होता है जो लिवर कोशिकाओं के ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस को कम कर सकता है। आंवले को किसी भी रूप में ले, लेकिन मुरब्बा या अचार अवॉयड करें। आंवले को उबालकर, या उसका जूस प्रयोग करें।

दालचीनी

दालचीनी का प्रयोग लिवर की सूजन में रामबाण है। इसका प्रयोग, हल्दी दालचीनी टी के रूप में कर सकते है।इसके सूजन-रोधी गुण ज्‍यादा शराब के कारण लिवर में आई सूजन को कम करते हैं

​डैंडलियोन टी

एक कप पानी में चार से पांच डैंडलियोन के फूलों को एक से दो मिनट तक उबालें। अब इस पानी को छानकर पी लें। डैंडलियोन में पॉवरफुल बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर में कोलेस्‍ट्रोल के लेवल को कम कर सकते हैं।

लिवर की सूजन बहुत गम्भीर स्थिति नही है, उचित देखभाल, सही जीवन शैली, नशीले पदार्थ से दूरी और हेल्थी खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है।

थायराइड में परहेज क्यों है जरुरी,थायरॉइड है तो करें इन चीजों से परहेज

थायराइड में परहेज

थाइरोइड क्या होता है इन हिंदी

इसमें पुरुषों की बजाय महिलाएं ज्यादा हायराइड बीमारी से ग्रस्त हैं। इस बात का खुलासा इंडियन थायराइड सोसायटी द्वारा निकाली गई रिपोर्ट में मिला है जिसमें इस बात का भी खुलासा हुआ है, कि पुरुषों की बजाय देश की महिलाओं में थायराइड बीमारी ज्यादा पाई गई है।

थायराइड की वजह से व्यक्ति के शरीर में और भी कई बीमारियों के बढ़ने की आशंका होती है। थायराइड जिन व्यक्ति को होता है उन्हें खून की समस्या, कोलेस्ट्रॉल , डिप्रेशन ,डायबिटीज , इनसोम्निया, और दिल की बीमारी जैसा खतरा मंडराने लगता है।

थायराइड किसी बीमारी का नहीं बल्कि मनुष्य के गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए कुछ हॉर्मोंस का निर्माण करती है, जिनके नाम इस प्रकार है – टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन (triiodothyronine), टी4 यानी थायरॉक्सिन (thyroxine) और कैल्सीटोनिन (calcitonin)। ये हार्मोंस व्यक्ति के वजन, कोलेस्ट्रॉल, तापमान और भी कई अन्य चीजों पर प्रभाव डालते है। इन हॉर्मोंस में असंतुलन का सीधा असर हमारे शरीर के वजन पर पड़ने के साथ साथ शरीर के बाकी कई अन्य अंग भी प्रभावित होते है। शरीर की इस अवस्था को ही थायराइड की समस्या कहा जाता हैं।

थायराइड काफी घातक बीमारी है और ज्यादातर लोग इस बीमारी के शिकार होते जा रहे हैं। जिन व्यक्तियों को थायराइड है उन्हें कई चीजों से परहेज रखना बहुत जरूरी होता है। इन चीजों से परहेज रखते हुए अपने थायराइड की समस्या को और अधिक बढ़ने से रोक सकते हैं।

थायराइड में परहेज | थाइरोइड में क्या ना खाये

कैफीन

कॉफी
कॉफी

कॉफी तथा चाय इन दोनों में कैफीन भरपूर उपस्थित होता है। जिससे सीधे थायराइड नहीं बढ़ता है, लेकिन उन लोगो में काफी परेशानियां खड़ी करता है। जिससे थायराइड की वजह पैदा होती है।

जैसे बेचैनी आना और चक्कर आना इस प्रकार के लक्षण ज्यादा चाय कॉफी पीने से आते हैं। थायराइड से ग्रस्त लोगों को चाय कॉफी को नजरअंदाज करना चाहिए

रेड मीट

मीट प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ हैं लेकिन रेड मीट में कोलेस्ट्रॉल तथा फैट बहुत ज्यादा होती है। जिससे शरीर का मोटापा तेजी से बढ़ता है। थायराइड से ग्रस्त लोगों को पहले से ही मोटापे की परेशानी होती है इसलिए रेड मीट नहीं खाएं। थायराइड की समस्या से ग्रस्त लोग जब रेड मीट का सेवन करते हैं, तो उनके आमाशय में एसिडिटी जैसी समस्या उत्पन्न होती है।

एल्कोहल

थायराइड से परेशान लोग नशीले पदार्थ जैसे शराब बीयर या कोई अन्य एनर्जी ड्रिंक का सेवन नहीं करें। थायराइड की समस्या वाले लोगों को इस प्रकार की नशीली पदार्थों के सेवन से नींद में दिक्कत और मस्तिष्क संबंधित कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस का भी खतरा बढ़ता है।

स्मोकिंग नहीं करें

थायराइड से ग्रस्त लोगों को सिगरेट बीड़ी जैसे स्मोकिंग पदार्थों से दूरी रखनी होती है, क्योंकि स्मोकिंग में उपस्थित विषैला पदार्थ थायनोसाईनेट जो सीधा थायराइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचाता है, तथा थायराइड ग्रंथि इस प्रकार के नशीले पदार्थों के सेवन से थायरोक्सिन के निर्माण में कमी ला देती है, और शरीर में कई अन्य इफेक्ट आने शुरू होते हैं ।

इस प्रकार के पदार्थों के नियमित सेवन से दिल का दौरा तथा कैंसर जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है

इन सब्जियों से भी रखे दूरी

हालांकि ज्यादातर सब्जियां थायराइड से ग्रस्त लोगों के लिए नुकसानदायक नहीं होती है, परंतु कुछ सब्जियां जैसे फूल गोभी पत्ता गोभी तथा ब्रोकली यह थायराइड से ग्रस्त लोगों के लिए काफी ज्यादा हानिकारक साबित हुई है।

इस प्रकार की सब्जियों का सेवन थायराइड से ग्रस्त लोग बिल्कुल ना करें इसके अलावा थायराइड से ग्रस्त लोग हर चार-पांच महीने के अंदर अपने थायराइड की जांच जरूर करवाएं और चिकित्सक से सलाह लें तथा साथ ही नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करें।

आपने क्या सीखा

हम उम्मीद करते है, की थायराइड क्या है, थायराइड के लक्षण क्या होते है, थायराइड में परहेज क्यों जरुरी है, साथ ही थायराइड से बचने के घरेलु उपाय क्या है, इसकी पूरी जानकारी आपको मिल चुकी होगी, यदि आपका इससे सम्बधित कोई सवाल है, तो आप कमेंट के जरिये पूछ सकते है।

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आँखों में दर्द का कारण और घरेलु इलाज

आँखों में दर्द और जलन का घरेलु इलाज

जैसा की हम जानते है की आँखे हमारे शरीर में सबसे नाजुक और भावुक अंग है। अगर हमारी आँख चुब जाती है या जरा भी चोट बगेरा लग जाती है तो आँखों में दर्द महसूस होने लगता है। कई बार ऐसा भी होता है की हम कंप्यूटर या मोबाइल में ज्यादा समय तक काम करते हैं। तब भी आँखों में दर्द होने लग जाता है, क्या आप भी इन सब समस्यओं से परेशान है? क्या आपको भी इन सब से छुटकारा पाना है तो आप बिलकुल सही जगह आये है। आज के इस लेख में हम आपको इन सब से सम्बंधित जानकारी पेश करेंगे।

हम आपको बता दे की बहुत से ऐसे लोग होते है जो आंख के दर्द को सेरियस्ली नहीं लेते है, जो बाद में बहुत पछताते है। वैसे तो आँख का दर्द कभी कभी अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन कभी कभी यह आपके लिए गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है। इसलिए कभी भी आँखों में जलन, आँखों में तेजी से दर्द अथवा आँखे लाल होना ये सभी लक्षण नज़र आये तो डॉक्टर के सलाह जरूर ले। अगर आप आँख दर्द का इलाज अपनी घरेलू चीज़ो से करना चाहते है तो इस लेख को लास्ट तक पढ़े ।

आँखों में दर्द होने के कारण

आँखों में दर्द
आँखों में दर्द

अगर आप आँखों के दर्द को ठीक करना चाहते है और दुबारा आँख का कोई रोग ना हो तो इससे पहले आपको यह जानना भी बहुत जरूरी है की आंख का दर्द किन कारणों से होता है, कभी कभी हमारी आँखों में विभिन्न कारणों की बजह से दर्द व जलन महसूस होने लगती है, क्यूंकि आंखों में दर्द होना एक आम समस्या है लेकिन नीचे हम आपको इसके कुछ मुख्य कारन बताएँगे जिनसे आँखों में दर्द होता है:-

  • कार्नियल पर चोट या घाव का होना ।
  • सर्जरी की वजह से भी आंखों में दर्द हो सकता है।
  • आँखों पर संक्रमण होना और चोट लगना।
  • आँख के पालक के नीचे फुंसी (Hoodlumका होना।
  • धूल या कंकड़ के जाने से भी आंखों में दर्द हो सकता है।

आँखों में दर्द का घरेलु इलाज

बहुत से ऐसे उपाय है जिनसे आप आँखों का दर्द रोक सकते है, लेकिन नीचे हम आपको आँखों में दर्द रोकने के कुछ मुख्य घरेलू उपाय बता रहे है, जैसा हम आपको इस लेख में बताये आपको बैसा ही करना है

खीरा

खीरा ठंडा और पोसेटिव है, जो हमको खारा शीतल प्रदान करता है इसको आप अपने फ्रीज़ में कुछ टाइम रखे इसके बाद स्लाइम को काटे और अपनी आँखों पर लगाए, करीब 5-6 मिनट इसको लगाए रखे ऐसा करने से आपकी आँख का दर्द भी सही हो जायेगा और जलन भी महसूस नहीं होगी ।

गुलाब का रस

आपको रात को सोते समय गुलाब के रस का प्रयोग करना है। इसकी 2 बूँद आप अपनी आँखों में डाले आपकी आँखों की जलन और दर्द को बड़े आसानी से सही कर सकती है, ऐसा ही आपको रोज़ाना सोते समय या सुबह उठते बक्त करना है, आपकी आँखों में कभी भी जलन महसूस नहीं होगा।

बबूल के पत्ते

अगर आप सोच रहे है की बबूल के पत्तो से आँख का दर्द सही हो जायेगा तो आप बिलकुल सही सोच रहे है जी हां, आपको बस कुछ बबूल के नरम पत्ते लेने है और उनको सही तरीके से पीसकर रस निकलना है और उस रस की 2 बूँद आपको अपनी आँखों में टपकना है, आप ऐसा भी कर सकते है पत्तो को बारीक पीसकर उसकी टिकिया बनाकर रात को सोते बक्त लगाकर आँखों की सूजन और दर्द खत्म होता है ।

शहद

शहद एक जीवाणुरोधी एजेंट और प्राकर्तिक क्लीनर है जो हर मर्ज़ में काम आता है, साथ ही लोग इसको खाते भी है, आपको उस प्रभावित आँख में एक शहद की बूँद डालना है, आपको बता दे की इससे आपको डालते ही कुछ जलन महसूस होगी लेकिन बाद में यह आपकी आँख की सफाई और दर्द में राहत देगा ।

आलू का रस

आलू जो की सब्जियों में फलो का राजा कहलाता है। जिसको हम खाने में सबसे ज्यादा उज करते है। क्या आपको पता है इसके रस से आँखों के दर्द व जलन को भी ठीक कर सकते है। आपको बस एक आलू लेना है और उसका रस निकल लेना है। इसकी एक बूँद आपकी आँखों को राहत दे सकती है।

नोट :- हमने आपको उपर जितने भी आँखों के दर्द को रोकने के घरेलु उपाय बताये है, इन सब में से कोई भी इस्तेमाल करने से पहले आप आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह जरूर ले, क्योकि आंखे हमारे शरीर के सबसे नाजुक और भावुक अंग है।

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