हमारे समाज मे शुगर लेवल ज्यादा होना एक गम्भीर समस्या माना जाता है। ब्लड शुगर कम होना कितना खतरनाक है इस पर कोई बात ही नही करता। लो ब्लड शुगर को हाइपोग्लाइसीमिया भी कहते है। शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन के बिगड़ने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। हॉर्मोनल लेवल के बिगड़ने के कारण भी ये बीमारी हो सकती हैं। चीनी हमारी बॉडी को ऊर्जा देती है इसलिए हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि क्या है शुगर लेवल कम होने के लक्षण और कारण।
कब माने की शुगर लेवल कम है
सामान्य ब्लड शुगर लेवल 80-110 मिग्रा/डीएल के बीच होता है और 90 मिग्रा/डीएल को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है.
अगर ब्लड शुगर लेवल 70 से नीचे चला जाये तो संभल जाए। ऐसी स्थिति में तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।
शुगर लेवल कम होने के कारण
बुखार और हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थितियां खुद एक बीमारी नहीं होती, बल्कि ये किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का संकेत करती हैं
शुगर लेवल कम होने के निम्न कारण हो सकते है
- डायबिटीज़ की दवाइयों का मात्रा स्व ज्यादा सेवन करना।
- यदि आप इन्सुलिन ले रहे है तो, एक्सरसाइज़ करने के दौरान और उसके बाद में हाइपोग्लाइसीमिया का ख़तरा बढ़ सकता है.
- लंबे समय तके भूखा रहना या भूख से कम मात्रा में खाना
- शराब का अत्यधिक सेवन
- लिवर संबंधित गंभीर बीमारियां, जैसे गंभीर हेपेटाइटिस भी ब्लड शुगर कम होने का कारण हो सकते है
- एड्रिनल ग्रंथि और पिट्यूटरी ग्रंथि में गड़बड़ आने के परिणामस्वरूप कुछ खास हार्मोन्स की कमी
हाइपोग्लाइसीमिया की फिजियोलॉजी
शुगर हमारे शरीर के लिए मुख्य ईंधन की तरह काम करता है और हमारा दिमाग़ भी इस पर पूरी तरह निर्भर है। जब आपका ब्लड शुगर लेवल कम होता है तो दिमाग़ के काम करने की क्षमता पर भी इसका असर पड़ता है. हाइपोग्लाइसीमिया से निपटने के लिए शरीर की अंदरूनी कार्यप्रणाली इंसुलिन के स्त्राव को कम करती है और ग्लूकागॉन का स्राव बढ़ा देती है।
शुगर लेवल कम होने के लक्षण
शुगर लेवल कम होने को अनदेखा ना करें। आप शायद नही जानते कि शुगर लेवल कम होना कितना खतरनाक हो सकता है। इससे न केवल स्ट्रोक या कोमा जैसी स्थिति हो सकती है, बल्कि जान भी जा सकती है।
आप सोच सकते है यदि आपको ड्राइविंग या सड़क पर चलने के दौरान हाइपोग्लाइसेमिक अटैक आया तो क्या होगा। आपका एक्सीडेंट हो सकता है। इसलिए बहुत जरूरी हैं कि आप कुछ लक्षणों पर जरूर ध्यान दे। यदि आप इन्हें इग्नोर करेंगे तो ये लक्षण लगातार बने रहेंगे। इससे आपकी रोजमर्रा की जीवनचर्या प्रभावित होगी।
यदि आपको निम्न लक्षण दिखाए दे तो सचेत हो जाए।
- दिल का बुरी तरह से घबराना
- किसी कार्य को करते करते या कभी कभी बिना कारण अचानक थकान महसूस होना।
- त्वचा का पीला पड़ जाना।
- शरीर का बुरी तरह कांपना।
- बिना कारण स्ट्रेस महसूस होना, एंग्जायटी लेना।
- हथेलियां पर ज्यादा पसीना आना, कभी कभी पूरे शरीर पर पसीना आना।
- बहुत तेज भूख लगना, जैसे बहुत समय से कुछ खाया न जाए।
- बिना कारण चिड़चिड़ापन होना।
- मुंह के चारों ओर झुनझुनी और सनसनी महसूस होना
- कभी कभी कुछ लोग नींद के दौरान रोते है
यदि आप इन लक्षणों को लगातार इग्नोर करते रहेंगे। तो समस्या बढ़ती चली जाएगी।
समस्या गम्भीर होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते है।
- रोजमर्रा की गतिविधियों को पूरा करने में असमर्थता होने लगती है।
- आंखों की रोशनी कम होकर देखने में परेशानी होने लगती है। धुंधला दिखाई देने लगता है।
- दौरा पड़ने की समस्या भी देखने को मिलती है।
- अचानक ब्लड शुगर लेवल कम होने पर व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।
- पीड़ित लोग किसी नशे में चूर व्यक्ति की तरह लगते हैं, जो शब्दों का स्पष्ट तरीके से उच्चारण नहीं कर पाते हैं।
शुगर लेवल कम होने पर क्या करें
अगर डायबिटीज हो तो
- डॉक्टर द्वारा व खुद बनाए गए डायबिटीज के प्लान का ध्यानपूर्वक पालन करें।
- निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) जैसे उपकरण का प्रयोग करें।
- हाई इन्टेन्सिटी वर्कआउट करने से बचें
- अपने पास हमेशा ग्लूकोज़ टेबलेट, जूस, मीठा फल या कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ जरुर रखे।
अगर डायबिटीज न हो तो
- सुबह का नाश्ता कभी मिस न करें, ये दिन की बहुत ही जरूरी मील है।
- 24 घण्टो में थोड़े थोड़े गैप पर कुछ न कुछ हल्का फुल्का खाते रहे।