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जानिए कौन कौन से है डिलीवरी के बाद मालिश के लिए सर्वोत्तम तेल

आफ्टर डिलीवरी मालिश के लिए सर्वोत्तम तेल

एक माँ जब बच्चे को जन्म देती है, बच्चे के साथ उसका भी पुर्नजन्म होता है। स्त्री की मांसपेशियां, हड्डियां, मन, शरीर सभी कुछ इस प्रोसेस बहुत बुरी तरह थक जाता है। ऐसे में अच्छा खानपान, भरपूर नींद के साथ मालिश एक ऐसी चीज़ है जो माँ के स्वास्थ्यलाभ के लिए बहुत जरूरी है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि डिलीवरी के बाद मालिश करवाना क्यों जरुरी है और डिलीवरी के बाद मालिश के लिए सर्वोत्तम तेल कौन कौन से है।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद मालिश करने से माँ की कमजोरी दूर होती है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद मालिश बहुत ही सोच समझकर शुरू की जाती है। क्योंकि शरीर मे जख्म होते है। आफ्टर डिलीवरी एक मां की मालिश उसकी थकान को कम करती है और उसे बल और उर्जा भी प्रदान करती है।

डिलीवरी के दौरान स्त्री के पेट, पेड़ू और कूल्हों पर सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है। ऐसे में जब इन हिस्सो की मालिश की जाती है तो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। तेज ब्लड सर्कुलेशन के साथ टोक्सिन फ्लश हो जाते है। हैप्पी हॉरमोन रिलीज होते है जिससे माँ मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से आराम मिलता है।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद तुरन्त मालिश की जा सकती है। लेकिन सिजेरियन के बाद कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे

  • मालिश से पहले अपनी शारीरिक स्थिति अच्छे से समझ ले।
  • टांके की जगह और आसपास जैसे पेड़ू पेट पर मालिश न करवाए।
  • सिजेरियन और मालिश के बीच कम से कम 3 हफ़्तों का गैप रखें।
  • मालिश हल्के दबाव से शुरू करे।
  • हाथ पैर और पीठ की मालिश करवाए।
  • मालिश शुरू करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह ले।
    पीठ की मालिश
    पीठ की मालिश

गलत तरीके से मालिश करवाने के साइड इफ़ेक्ट

  • मालिश से इंफेक्शन
  • त्वचा में एलर्जी

डिलीवरी के बाद मालिश के लिए सर्वोत्तम तेल

जैतून का तेल

जैतून का तेल थोड़ा भारी तेल होता है इसलिए इसकी मालिश तुरन्त शुरू न करे। इसमे उपस्थित विटामिन ई डिलीवरी के बाद लटकती स्किन, स्ट्रेच मार्क्स, और त्वचा के कालेपन को दूर करता है। जोड़ों का दर्द दूर होता है। एड़ियाँ कोमल व मुलायम होतीं हैं।

सरसो का तेल

आगर डिलीवरी गर्मियों में हुई है तो सरसो के तेल को ऐसे ही प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन यदि डिलीवरी सर्दियों में हुई है तो सरसो के तेल में लहसुन या अजवाइन पकाकर इस्तेमाल करे।

सरसो के तेल की मालिश से बदन में कसावट आती है, दर्द कम होता है, मांसपेशियां मजबूत बनती है

नारियल का तेल

नारियल तेल की मालिश गर्मियों में फायदेमंद रहती है। ये हल्का होता है और आसानी से अब्सॉर्ब होता है, शारीरिक तनाव से बॉडी पर पड़ने वाले दाग धब्बो को दूर करने के अलावा मसल्स को बहुत आराम देता है

नारियल तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से इसका असर दुगुना हो जाता है।

अरंडी का तेल

अगर आप सामान्य तौर पर नहाने लगे है और आपकी डिलिवरी को कुछ समय बीत गया है तो अरंडी का तेल बेस्ट है। क्योंकि अब आपका पूरा ध्यान शरीर को वापस पुराने रूप में लाने पर होगा। ऐसे में अरंडी के तेल को रात को स्ट्रेच मार्क्स पर मल ले, सुबह नहाते समय हल्के हाथ से बाथ स्पंज से रगड़े।

लगातार ऐसा करने से स्ट्रेच मार्क्स हल्के पड़ेंगे और त्वचा चमकदार बनेगी।

बादाम का तेल

बादाम का तेल विटामिन ई से भरपूर होता है, इसकी मालिश प्रसूता स्त्री को शारीरिक रूप से आराम देती है। साथ ही बादाम का तेल प्रेग्नेंसी के दौरान खोई हुई उसकी सुंदरता लौटाता है।

बादाम तेल की मालिश से टांग में ऐंठन और सूजन पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कंधों में अकड़न, कूल्हों में दर्द, अनिद्रा (इनसोमनिया) में आराम मिलता है।

डिलीवरी के बाद मालिश में बरते ये सावधानियां

  • अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या आपको पहले से ही कोई स्किन एलर्जी है तो मालिश से बचे। पहले सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा सम्बन्धी परेशानी दूर हो जाए।
  • पहले शरीर के कम भाग पर तेल की मालिश करवाए, अच्छे से जांच ले कि ये तेल आपको नुकसान तो नही कर रहा। तभी तेल को कंटिन्यू करे अन्यथा तेल बदल कर देखे। दूध पीते समय इससे कोई खतरा न हो।
  • कैमिकल युक्त उत्पादों से बचे जो कि स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने का दावा करते है। इनमे उपस्थित कैमिकल और पैराबेन्स हार्मोन के कार्य को बाधित करते हैं और स्तन कैंसर या किसी अन्य कैंसर का कारण बन सकते  हैं।
  • जिन महिलाओं में उच्च रक्तचाप या हर्निया जैसी समस्या है वो मालिश के दौरान किसी भी प्रकार के अनावश्यक दबाव से बचे। हाई बीपी,अत्यधिक सूजन गंभीर सिरदर्द होने पर मालिश से बचे और डॉक्टर को दिखाए।
  • अगर आपकी मांसपेशियों पर मालिश के दौरान सघन तनाव पड़ रहा हो, तो शरीर को ठीक से सहारा देना जरूरी है।
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