काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

काली चाय से गर्भपात – एक घरेलू उपाय?

आजकल कई महिलाएं गर्भपात के घरेलू उपायों की तलाश करती हैं, और इस सूची में काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं एक आम सवाल बन चुका है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या काली चाय से गर्भपात संभव है, इसके संभावित प्रभाव, फायदे और नुकसान क्या हैं, और इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।

काली चाय से गर्भपात कैसे हो सकता है?

काली चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर गर्भ में संकुचन (uterine contractions) उत्पन्न कर सकती है। इसी कारण कुछ लोग मानते हैं कि यह एक संभावित गर्भ गिराने का घरेलू उपाय हो सकता है।

लेकिन यह medically approved method नहीं है, और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काली चाय से गर्भ 100% गिराया जा सकता है।

काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं? – जानिए संभावित तरीका

कुछ महिलाएं खाली पेट या बार-बार काली चाय पीने का सहारा लेती हैं, यह सोचकर कि इससे गर्भ गिर जाएगा। हालांकि यह तरीका सुरक्षित नहीं है।

ध्यान दें:

  • अत्यधिक मात्रा में कैफीन गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट डाल सकता है।
  • WHO के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को 200mg से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए।

क्या काली चाय से गर्भपात सुरक्षित है?

नहीं। काली चाय का अत्यधिक सेवन कई गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है:

⚠ नुकसान:

  • मतली और उल्टी
  • डिहाइड्रेशन
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • गर्भाशय में असामान्य गतिविधि
  • गर्भस्थ शिशु को नुकसान

घरेलू उपाय vs डॉक्टर की सलाह

जहां कुछ महिलाएं सोचती हैं कि काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी घरेलू उपाय को बिना चिकित्सकीय सलाह के अपनाना खतरनाक हो सकता है।

यदि आप अनचाहे गर्भ से परेशान हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। मेडिकल एबॉर्शन एक सुरक्षित तरीका है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर विकल्प होता है।

वैकल्पिक उपाय जिनके बारे में लोग सोचते हैं:

गुड़

गुड़

लेकिन इनमें से कोई भी उपाय 100% सुरक्षित या प्रभावी नहीं माना गया है।

सावधानी और निष्कर्ष

काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं? इस प्रश्न का उत्तर यह है कि इसे घरेलू उपाय के रूप में उपयोग करना न तो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है और न ही सुरक्षित।

✅ बेहतर होगा कि आप विशेषज्ञ की राय लें और medically approved abortion methods पर ध्यान दें।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: क्या काली चाय से गर्भपात संभव है?
A: कुछ लोग ऐसा मानते हैं लेकिन इसका कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Q2: काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं?
A: अधिक मात्रा में सेवन करने पर गर्भ में संकुचन हो सकते हैं, लेकिन यह सुरक्षित नहीं है।

Q3: क्या ये तरीका 100% असरदार है?
A: नहीं, यह पूरी तरह से घरेलू उपाय है और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है।

Q4: सही विकल्प क्या है?
A: डॉक्टर से संपर्क करें और मेडिकल समाधान अपनाएं।

जानिए बिना किसी दवा के अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय – बिना दवा के सुरक्षित तरीके

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय (garbh girane ke gharelu upay)

मां बनना एक महिला के लिए एक सुखद एहसास है, जिसकी खुशी के आगे दुनिया की हर खुशी फीकी लगती है। लेकिन अगर आप गलती से प्रेग्नेंट हो जाएं, तो क्या करें? यह सवाल किसी भी महिला के मन में घबराहट, बेचैनी और डर पैदा कर सकता है, खासकर तब जब यह बिना फैमिली प्लानिंग के हुआ हो। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय सही जानकारी और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी होता है। कई महिलाएं इस दौरान गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के बारे में जानना चाहती हैं, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सही कदम उठा सकें।

गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें? यह सवाल कई महिलाओं के मन में आता है, जब वे बिना फॅमिली प्लानिंग के गर्भवती हो जाती हैं। गर्भपात के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार संभोग के दौरान पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका गर्भनिरोधक उपायों का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते, जिससे अनचाहा गर्भ ठहर जाता है। कुछ महिलाओं के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से माँ बनना संभव नहीं होता, तो कुछ अपनी करियर या पर्सनल लाइफ को प्राथमिकता देती हैं जिससे वे गर्भपात कराने का फैसला लेती हैं। इस तरह, विभिन्न परिस्थितियों के कारण गर्भपात का निर्णय लिया जाता है।

गर्भपात क्या होता है (garbhpat kya hota hai)

गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भधारण के 20 से 24 सप्ताह से पहले भ्रूण का विकास रुक जाता है या उसे चिकित्सकीय रूप से समाप्त कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक (Natural/Miscarriage) या कृत्रिम (Medical/Surgical Abortion) हो सकती है।

और पढ़ें: जानिये गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi

अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

-Garbh Girane Ke Gharelu Nuskhe

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?-Ajwain Se Garbhpat

अजवाइन की तासीर बहुत गर्म मानी जाती है, इसे आप इस प्रकार प्रयोग कर सकती है कि गर्भावस्था के शुरुआती हफ़्तों में रोज आधा चम्मच अजवायन की फंकी ले, या एक गिलास पानी मे इसे उबालकर पिये।

और पढ़ें: अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?

इलायची से गर्भपात-Abortion Kaise Hota Hai

इलायची के बीजो को पीसकर चूर्ण बना ले, एक चम्मच चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार ले और ब्लीडिंग होने तक कंटिन्यू रखे।

इलायची से गर्भ गिराने का घरेलू उपाय
इलायची के बीज और दालचीनी के साथ गर्भपात का तरीका

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर और 5 इलायची को कूटकर एक गिलास पानी मे ढककर उबाल लें, छान कर रख ले। दिन में तीन बार 50ml पिए।

और पढ़ें: इलायची से गर्भपात कैसे करें

तुलसी का काढ़ा-तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें

तुलसी की तासीर भी बहुत गर्म होती है, तुलसी के पत्तो को ऐसे ही चबा कर खाएं या उसका काढ़ा बनाकर पिये, दोनों ही तरह से ये गर्भपात में सहायक होती हौ।

और पढ़ें: गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

लहसुन-Garbhpat Ke Gharelu Upay

लहसुन ज्यादातर सभी की रसोई में शामिल होता है, इसमे ‘एलिसिन’ नामक तत्व होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। लहसुन से गर्भपात करने के लिए अत्यधिक मात्रा में इसका किसी भी प्रकार सेवन करे।

और पढ़ें: बच्चा गिराने के घरेलु नुस्खे-Bacha Girane Ke Gharelu Nuskhe In Hindi

बबूल के पत्ते- Garbh Girane Ke Upay

1 महीने से 15 दिन की प्रेग्नेंसी है तो उसके लिए बबूल के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी में तब तक उबाल लें जब तक कि पानी आधा ना रह जाए। इस पानी का सेवन दिन में चार से पांच बार तब तक करें जब तक कि आपको ब्लीडिंग होने ना शुरू हो जाए।

अनानास का रस-Abortion Ke Gharelu Nuskhe

अनानास को गर्भवती स्त्री से दूर रखा जाता है क्योंकि अनानास में बड़ी मात्रा में विटामिन सी, एंजाइम और रसायन होते हैं, जो की गर्भपात का कारण बनते है। इसमें उपस्थित ब्रोमेलैन के कारण गर्भाशय की दीवार नरम हो जाती है। तो अगर शुरुआती हफ़्तों में इसका प्रयोग किया जाए तो गर्भपात आसानी से हो सकता है।

अनानास से गर्भ गिराने का घरेलू नुस्खा
अनानास के रस में मौजूद ब्रोमेलैन से गर्भपात कैसे होता है

पपीता के बीज-Garbhpat Ke Gharelu Upay In Hindi

पपीता भी गर्म फलों में माना जाता है, बहुत सी महिलाओं द्वारा इसका प्रयोग गर्भपात के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। क्योंकि पपीते में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रोजेस्टेरोन एक्टिविटी में रुकावट डाल सकते हैं। जो गर्भपात का कारण है।

और पढ़ें: पपीता के बीज से गर्भपात कैसे होता है

विटामिन सी फूड्स-Abortion Kaise Hota Hai

घर पर गर्भपात करने के लिए आप विटामिन सी युक्त फलों का भरपूर सेवन करे।

गर्भपात करने के घरेलू उपाय को अपनाते समय यदि ज़्यादा अवधि के लिए हेवी ब्लीडिंग, पेट दर्द, बुखार, कमजोरी जैसे लक्षण दिखे तो अपने डॉक्टर का संपर्क करे।

एस्पिरिन की टेबलेट-Garbh Girane Ke Upay

मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एस्पिरिन की टेबलेट ले, इस टेबलेट को 6 से 8 की मात्रा में रोज़ खाए। टेबलेट को खाने के साथ साथ दूसरे घरेलू उपाय भी करते रहें।

काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?-baccha girane ka gharelu upay

इसे बनाने के लिए जैसे हम चाय बनाते हैं वैसे ही दो गिलास पानी गर्म करके उसमें चाय पत्ती डालकर उबालते हैं। जब यह पानी आधा हो जाए तो इसे गरम-गरम पीते हैं। इसे कुछ दिनों तक लगातार पीने से शीघ्र ही मिसकैरेज हो जाएगा।

और पढ़ें: काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

अदरक से गर्भपात हो सकता है

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एक दिन में केवल 1500 मिलीग्राम अदरक का ही सेवन करना चाहिए। इससे ज्यादा सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए अदरक या अदरक की चाय का अधिक मात्रा में सेवन बिल्कुल न करें।

और पढ़ें: क्या प्रेगनेंसी में अदरक खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में नींबू खाने से क्या होता है

गर्भावस्था में चक्कर आना, सिर दर्द और जी मिचलाना जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए महिलाएं कभी-कभी नींबू पानी पीती हैं या फिर नींबू पर नमक छिड़क कर चाट लेती हैं। लेकिन, नींबू एक साइट्रस फल है। यह खट्टा फल अम्लीय प्रकृति का होता है। इसलिए नींबू का सेवन शरीर में एसिडिक लेवल और पीएच बैलेंस को प्रभावित करता है। इन दोनों कारणों से नींबू का अधिक सेवन किसी के लिए भी हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था की तरह महिलाओं को भी खट्टा खाना पसंद होता है। इसलिए अगर आप सीमित मात्रा में नींबू का सेवन करते हैं तो यह हानिकारक नहीं है।

क्या गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है?

हां यह सच है, गुड़ से गर्भपात भी हो सकता है। गुड़ बहुत गर्म होता है अगर हम इसे लगातार कुछ समय तक कुछ चीजों के साथ मिला कर ले तो आसानी से गर्भपात हो सकता है।

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

इसके अलावा गर्भ गिराने के कुछ अन्य तरीके (Garbh Girane Ke Upay) निम्न है।

  • सूखे बबूल की फली और कच्चे केले का अंकुर लेकर उसे पीसकर रख ले ,इस चूर्ण का ब्लीडिंग होने तक सेवन करे। कड़वाहट के लिए शक्कर या शहद का सेवन कर सकते है।
  • कोहोश नामक पौधे में पाए जाने वाले तत्व कॉलसोस्पोनीन और ऑक्सिटोसिन जो गर्भपात में मदद करते है।
  • इसी प्रकार मगवार्ट भी एक आयुर्वेदिक औषधि ही हैं, इसमें कुछ ऐसे केमिकल होते है जो गर्भाशय की एक्टिविटी अर्थात कंट्रक्शन को बढ़ाकर गर्भपात कर सकते है। इसकी पत्तियों को पानी मे उबालकर छानकर इस पानी का सेवन करे, कम से कम दिन में 2 बार, ब्लीडिंग होने तक।
  • कपास के पौधे की जड़ की छाल को पानी मे उबाले, जब पानी आधा रह जाये तो छानकर रख ले। गर्भपात होने तक रोज 50ml दिन में दो बार पिए।
  • कलौंजी का उपयोग चाय के रूप में करे या ऐसे ही पानी से सटक ले, शुरुआती हफ़्तों में ये भी गर्भपात का एक कारगर तरीका है।
  • रोकफोर्ट, गोर्गोजोला, फेटा ये चीज़ के कुछ प्रकार है। कुछ लोगो का मानना है कि शुरुआती हफ़्तों में इस चीज़ को खाने से भी गर्भ गिर जाता है।
  • साधारणतः भी कहा जाता है कि अनार के बीजो को नही खाना चाहिए, यदि महिला अनार के बीजो को पीसकर इसका सेवन करे तो गर्भपात हो सकता है। पर ध्यान रहे इसके स्थान पर पोमेग्रेनेट सीड आयल का इस्तेमाल ना करें।
  • अजमोद के पत्तो को धोकर पानी मे उबाल लें, दिन में तीन बार इस पानी का सेवन करे। अजमोद सर्विक्स को नरम बनाकर, गर्भाशय की दीवार को मुलायम बनाता है, जिससे भ्रूण आराम से निकल आता है।

ये थे गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे, इन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार अपना सकते है।

और पढ़ें: गर्भपात के बाद माहवारी कब आती है-Garbhpat Ke Baad Period Kab Aate Hain

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य प्रश्न-baccha girane ka gharelu upay

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

जानिए क्या है बालो से रुसी हटाने के उपाय

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको बालो से रुसी हटाने के उपाय के बारे में बताएंगे तथा आप इस समस्या से यदि परेशान है तो इन नुस्खों को आजमा कर अपनी इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

साथियों यह भी आपको बता दूं कि यह समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। क्योंकि यह आमतौर से हर किसी को होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे देश दुनिया में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है वैसे वैसे हमारे दिनचर्या में भी असर आ रहा है। हमारे खानपान की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

इसमें हम आपको कुछ तेल तथा रस के बारे में भी बताएंगे जिससे कि आप डैंड्रफ को अपने सिर से हटाने में सफल हो पाएंगे। साथियों आइए जानते हैं वह कौन-कौन से उपाय है जिसके माध्यम से आप इस समस्या से समाधान पा सकते हैं।

डैंड्रफ क्या है?

रुसी
रुसी

डैंड्रफ एक स्किन अथवा त्वचा से जुड़ी हुई समस्या है। जिसमें एक सफेद मृत कोशिका की चादर सी बन जाती है। जिसके वजह से बालों को समय-समय पर पोषण नहीं पहुंच पाता है।

मृत कोशिकाओं की परत को आप आसानी से देख सकते हैं, यदि यह समस्या इसी तरह से चलती रही तो इनमें फंगस तथा जीवाणु संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या से लगभग सारे लोग परेशान रहते हैं, परंतु इसका जल्द से जल्द निराकरण भी कर लेते हैं।

डैंड्रफ होने के क्या क्या कारण है

दोस्तों वैसे तो डैंड्रफ होना एक आम बात है। इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार है।

यदि आपकी रूखी त्वचा है तो यह समस्या होना एक आम बात है। जिन लोगों की रूखी त्वचा होती है तो उनके मृत कोशिकाएं एक जगह इकट्ठा होने लगती है, जिससे एक मोटी सतह अथवा परत बनने लगती है इस परत के कारण बालोतरा आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिससे बालों का झड़ना चालू हो जाता है, इसी कारण से बालों में धीरे-धीरे डैंड्रफ जमना चालू हो जाता है।

प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण कारण है, पर्यावरण में जो गंदगी फैली हुई है, उसके बारीक कण आपके बालों पर चिपकने लगते हैं; जिससे वह धीरे-धीरे बालों की सतह में पहुंचने लगते हैं और एक पतली परत का निर्माण कर लेते हैं जिससे कि आपके सिर में एक डैंड्रफ जैसा पदार्थ उत्पन्न होना चालू हो जाता है।

बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi

दोस्तों हमारे पूर्वजों ने भी इन घरेलू उपायों का उपयोग करके अपनी इस समस्या से निदान पानी की कोशिश की है। जिनमें से हम कुछ को भूल गए हैं तथा कुछ को अभी भी याद रखे हैं यह नुस्खे अथवा उपाय निम्नलिखित है।

रूसी का रामबाण इलाज है नीम का तेल-Neem Oil for Dandruff

डैंड्रफ के लिए हमें नीम का तेल भी उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल रसायन होते हैं जो डैंड्रफ के बैक्टीरियल कारण को मार देता है। आप नीम के तेल को 15 से 20 मिनट तक अपनी सिर में लगा के रखे उसके बाद आप शैंपू से बाल धो ले, तो आपको इस समस्या से निजात मिल जाएंगे।

नींबू का रस-Lemon for Dandruff

रूसी का रामबाण इलाज है नींबू का रस। यह भी एक एंटी डैंड्रफ होता है जिसके माध्यम से आप अपने सिर में लगभग 15 मिनट तक इस रस को लगाकर रखें उसके बाद स्वच्छ पानी से आप बालों को धो ले। तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके बाल काफी मुलायम तथा डैंड्रफ मुक्त हो गए हैं।

दही का उपयोग- Curd for Dandruff

आप अपने बालों के लिए दही का उपयोग भी कर सकते हैं। इसमें एक विशिष्ट प्रकार का एसिड होता है। जिसके प्रभाव से डैंड्रफ की परत टूटने लगती है और वह धीरे-धीरे हट जाती है। इसका उपयोग करने का तरीका यह है कि आप 15 से 20 मिनट के लिए दही को अपने सिर में लगा कर छोड़ दे, फिर शैंपू के मदद से आप अपनी बात धोले तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा कम हो गई है।

सेब का सिरका-Apple Cider Vinegar for Dandruff

सेब का सिरका यह भी एक तरह का एंटी डैंड्रफ सिरका होता है, जिसको आप दो से चार चम्मच पानी में घोलकर अपने सिर में लगाते हैं तो डैंड्रफ की समस्या से निजात पा सकते हैं। यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे की होती है।

एलोवेरा-Aloe Vera For Dandruff

एलोवेरा को लगभग सभी लोग जानते हैं। एलोवेरा जेल आप अपने सिर में 15 मिनट के लिए लगाकर रखें और इसे सुखा लें इसके बाद आप अपने बाल धो लेते हैं, तो आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा काफी कम नजर आएंगी।

नीम और तुलसी-Neem And Tulsi for Dandruff

नीम और तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर उबाले और उसे बालो में लगाए। आप उसे 10 मिनट तक लगा कर रखे आपको काफी हद तक फायदा होगा। आप यह प्रक्रिया सहप्ते में 2 से 3 बार अपना सकते है।

मुल्तानी मिटटी-Multani Mitti For Dandruff

मुल्तानी मिटटी का भी उपयोग कर सकते है। आपको यह मिटटी सम्पू की तरह अपने बालो में लगाना आप देखेंगे की इस से रुसी बहुत कम हो जाएगी। चाहो तो आप यह प्रक्रिया सहप्ते में २ बार अपना सकते है।

असरदार घरेलू उपाय जो दिलाएंगे सफेद बालों से छुटकारा

सफेद बालों से छुटकारा

आज के समय में कम उम्र में ही बालों का सफेद होना एक आम बात है। आजकल की दौड़ भाग भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न होने लगते हैं, जिनमें से बालों का सफेद होना चालू हो जाता है। साथियों इस आर्टिकल के माध्यम में हम सफेद बालों से छुटकारा पाने के तरीको के बारे में विस्तृत जानकारी आपको देंगे तथा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।

आजकल मानो यह एक गंभीर समस्या बनते जा रही है, क्योंकि हर तीसरे या चौथे व्यक्ति के बाल कम समय में अथवा असमय में सफेद होने लगे हैं। आजकल तो यह समस्या 14 साल की बच्चे में भी दिखाई देने लगी है। ज्यादातर इसका निवारण लोग रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल कर करते हैं, परंतु यह रसायन हमारे बालों के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि इन रसायनों का इस्तेमाल करने पर हमारे शरीर में इसके दुष्प्रभाव पड़ने लगते हैं तथा हमें अपने घरेलू उपायों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

आइए जानते हैं बाल सफ़ेद होने के कारण क्या है और कौन-कौन से घरेलू उपाय हैं जो सफेद बालों से छुटकारा दिला सकते है।

सफेद बाल
सफेद बाल

बाल सफ़ेद होने के कारण-Baal Safed Hone Ke Karan

दोस्तों इसके कई कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • बालों का सफेद होना अपने खानपान पर भी निर्भर करता है यदि हम संतुलित आहार नहीं ले रहे हैं तो हमारे बाल सफेद हो सकते हैं। भोजन में हमें आवश्यक सभी प्रकार के तत्वों की पूर्ति करना चाहिए जो लोग खानपान में इन सारी बातों तथा आवश्यक तत्वों का ध्यान नहीं रखते हैं तो इसका असर आपके बालों में दिखाई देता है।
  • यह भी एक कारण है कि हमारी दैनिक जीवन की गतिविधि जिसके वजह से हम दिन भर अपने कामों में उलझे रहते हैं और नियमित रूप से अपने बालों का तथा शरीर का ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस कारणवश इसका असर बालों पर नजर आता है यह एक महत्वपूर्ण समस्या बन जाती है।
  • जो लोग तनाव में रहते हैं तथा वह बहुत जल्द ही डर तथा घबरा जाते हैं तब यह समस्या उत्पन्न होना चालू हो जाती है।
    अनुवांशिकता एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके वजह से बाल सफेद होते हैं दोस्तों यदि आपके परिवार या आपके पूर्वजों में यह समस्या चली आ रही है तो आपके भी बाल सफेद होंगे।
  • जैसे-जैसे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ते जा रहा है, वैसे वैसे ही इसका दुष्परिणाम हमारे शरीर पर आ रहा है, परंतु इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी त्वचा तथा बालों पर पड़ता है। इस दूषित पर्यावरण से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
  • बाजार में रसायन युक्त शैंपू, कंडीशनर, डाई आदि पदार्थ बढ़ रहे हैं। जिनमें बहुत मात्रा में रसायनों का उपयोग होता है जिससे बालों का सफेद होना निश्चित होता है।
  • बाजार में मौजूद विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल का भी हम लोग बहुत इस्तेमाल करते हैं इनमें उपस्थित रसायनों की वजह से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।

बाल काले करने के घरेलू उपाय-Baal Kale Karne Ke Gharelu Upay

  • मेहंदी के पौधे से पत्तियां तोड़ कर उसे पीसकर मेहंदी तैयार करें और अपने बालों में लगाना चाहिए इससे आप सफेद बालों पर बहुत हद तक नियंत्रण पा सकते हैं।
  • यदि आप अपने खान-पान में कढ़ी के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे, यह आपके बालों के लिए लाभदायक होते हैं।
  • सिर में नारियल के तेल की मालिश करना यह भी तेल की मालिश एक घरेलू उपाय है, करने से तेल बालो की जड़ तक जाता है जिसे बालो को पूरे नुट्रिएंट मिलते है जिसे बाल सफ़ेद नहीं होते है, जिससे हम इस समस्या से निदान पाने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।
  • सफ़ेद बालो को रोकने के लिए काली मिर्च को पानी के साथ उबालकर अपने बालो में लगाए। इस घोल को 15 से 20 मिनट अपने बालो में लगा कर रखे, फिर उसे ठंडे पानी से धो ले, यह प्रक्रिया सहप्ते में दो बार करे आप देखेंगे की आपके सफ़ेद बाल काफी हद तक काम होंगे है।
  • चाय पत्ती का पानी यह भी एक घरेलू उपाय है जिसके माध्यम से आप अपने बालों को चमकदार तथा रेशमी बना सकते हैं चाय पत्ती का पानी आप सस्ते में एक या दो बार उपयोग में लाए और 15 से 20 मिनट इसे सूखने के लिए रख दें आप देखेंगे कि आपके सफेद बालों पर काफी हद तक काबू में कर सकते हैं।
  • चुकंदर का रस यह भी एक घरेलू नुस्खा है इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से हम अपने बालों को पोषण प्रदान करते हैं, जिसके वजह से यह हमारे बालों को स्वस्थ बनाकर रखते हैं बालों का स्वस्थ होना ही सफेद बालों को दूर रखने का एक तरीका होता है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?

बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले।अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।

बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?

संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।

जानिए कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें- Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें

हमारे बॉडी मे बहुत से कोशिकाओं होती है इन्हे सही से काम करने के लिए किसी भी प्रकार की रुकावट नही चाहिए होती है। परंतु व्यक्ति के गलत खान पान के कारण शरीर मे बहुत सी बीमारिया पैदा हो जाती है। बहुत बार व्यक्ति ऑइल की चीजे ज्यादा खाता है जिससे उसके बुरे प्रभाव उसके शरीर पर पड़ते है। ज्यादा ऑइल का खाना शरीर मे कोलेस्ट्रोल की समस्या पैदाकर देता है। कोलेस्ट्रोल की समस्या से मोटापा, सिर दर्द, सांस फूलना, बेचेनी, सिने मे दर्द, हार्ट के बीमारी आदि होने लगती है। जब कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तो यह बीमारिया आम तोर पर होना शुरू हो जाती है। इसके लिए व्यक्ति बहुत से उपाय करने लगता है जिससे कोलेस्ट्रोल कम किया जा सके। तो आइये जानते है कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें ।

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रोल एक वसा से भरा तरल की तरह होता है, जो हमारे लिवर से पैदा होता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं की दीवारों, हॉर्मोस को बनाये रखने मे, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच के लिए जरूरी होता है। बॉडी मे दो तरह के कोलेस्ट्रोल होते है जैसे एक अच्छा दूसरा बुरा। अच्छा कोलेस्ट्रोल काफी हल्का होता है, बुरा ज्यादा गाढ़ा होता है जो हमारे आर्टरी की दीवारों पर जमा होता है। इससे खून का बहाव रुक जाता है।

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें-Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए हमने नीचे कुछ खाद्य सामाग्री के बारे मे बताया है जिससे व्यक्ति आसानी से अपने बढ़ते हुये कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है। चलिये जानते है कैसे?

ऑलिव ऑयल

कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए ऑलिव ऑयल का उपयोग करना चाहिए क्यूकी इसमे अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के लेवेल को कम करने के गुण होते है जो कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने से रोकते है। यह हमारे शरीर मे ऑर्टरी को मजबूत बनाए रखता है।
ऑलिव ऑयल हमारे हार्ट के लिए भी सही होता है।

ऑलिव ऑयल ब्लड प्रेशरशुगर के लेवेल को बनाए रखता है। ऑलिव ऑयल का लगातार 6 महीने से ज्यादा काम मे लेने से यह आपका 8-10% कोलेस्ट्रोल घटा देता है।

नींबू

नींबू को कोलेस्ट्रोल कम करने का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमे घुलनशील फाइबर होते है जो हमारे पेट के लिए अच्छे होते है।

नींबू
नींबू

यह हमारे पेट मे कोलेस्ट्रॉल को खून के साथ मिलने से रोकने मे मदद करता है। इसके अंदर पाये जाने वाला विटामिन सी खून की नालियो की सफाई करता है। यह हमारे बड़े हुये कोलेस्ट्रोल को बाहर निकाल देता है। इसके आप खटे फलो को खा सकते है, क्यूकी इनमे एंजाइम्स होते है जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करते है, जिससे आप कोलेस्ट्रॉल को घाटा सकते है।

सोयाबीन और दालें

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए व्यक्ति को अंकुरित चीज़ों को खाना चाहिए, इसलिए सोयाबीन और दालें का सेवन करना जरूरी है, क्यूकी अंकुरित अनाज मे खून मे पाये जाने वाले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने मे लिवर की सहायता करता है।

यदि इन चीज़ों को सही से सेवन नही किया जाता है तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ा भी सकती है।

ओट्स

ओट्स मे मोजूद फाइबर हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है। ओट्स मे बीटा ग्लूकॉन होता है जो हमारी आंत की सफाई करता है।

जिससे हमारी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म कर देता है। यदि इसका लगातार सेवन करते रहने से यह 3 महिनो मे ही 6-7 % कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है।

लहसुन

लहसुन को आम तौर पर बहुत से बीमारी के काम मे भी लिया जाता है। इसमे पाये जाने एंजाइम्स कोलेस्ट्रॉल को घटाने मे मदद करते है।

यदि हम लहसुन का रोजाना सेवन करते है तो लगभग 10-15% तक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है। यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय है ड्राई फ्रूट्स

कुछ ड्राई फ्रूट्स जिनमे फाइबर पाये जाते है जैसे पिस्ते, अखरोट और बादाम आदि है। इन ड्राई फ्रूट्स मे ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे हमारी मदद करता है।

इसमे फाइबर ज्यादा होता है ,जो हमे पेट के भरे रहने का अहसास करवाते है। इससे फालतू की चीजे खाने से बच सकता है।

जानिए कितना और कैसे करें इस्तेमाल ताकि ना हो फिटकरी से नुकसान

फिटकरी से नुकसान

फिटकरी के बारे में किसी को बताने की जरूरत नही, ज्यादातर घरों में फिटकरी किसी न किसी काम के लिए रखी ही होती है। कलरलेस और दानेदार दिखने वाले इस पदार्थ को साइंस की भाषा मे साधारण ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ (KAl(SO4)2.12H2O) कहते हैं। सामान्यतया इसे ‘एलम’ (Alums) नाम से जाना जाता है। फिटकरी की तासीर गर्म होती है। इस लेख में हम जानेंगे क्या है फिटकरी के गुण, फिटकरी से नुकसान और इस्तेमाल।

फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का साल्ट है। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।

फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है। फिटकरी के अलग अलग रूपो का प्रयोग अलग काम मे लिया जाता है।

पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया जाता था पुराने समय मे।

अमोनियम एलम : चिकने सफेद पत्थर की तरह दिखने वाली इस फिटकरी का प्रयोग कॉस्मेटिक या पर्सनल हाइजीन के लिए होता, जैसे आफ्टरशेव लोशन, पसीने की बदबू से छुटकारा और हाथों से जुड़े उत्पाद।

क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, यह पूरी तरह से केमिकल बेस्ड है और इसका प्रयोग इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

सोडियम एलम : यह एक इनआर्गेनिक कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम भी कहते है। इसका उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है।

फिटकरी के गुण

फिटकरी में निम्न औषधीय गुण होते है।

  • एंटीबायोटिक (सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाला)
  • एंटी-ट्राइकोमोनस (प्रोटोजोवल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
  • एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला)
  • एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला)
  • एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला)
    फिटकरी
    फिटकरी

फिटकरी से नुकसान

यूँ तो फिटकरी के अनगिनत फायदे आपको हर जगह पढ़ने सुनने को मिलेंगे। लेकिन क्या आप जानते है की फिटकरी से नुकसान कितने है।

तो आगे हम आपको बताएंगे कि फिटकरी के क्या क्या नुकसान होते है। ताकि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए फिटकरी का प्रयोग करे।

  • बहुत से लोग खांसी ज़ुकाम या नकसीर के लिए फिटकरी का प्रयोग करते है। जैसे फिटकरी का चूर्ण बना कर शहद के साथ लेना। लेकिन ध्यान रखे फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • अगर आप फिटकरी का प्रयोग अपनी त्वचा पर कर रहे है तो ध्यान रखे। फिटकरी घुले हुए पानी से आंखे धोने पर आंखों को नुकसान हो सकता है। इसे लगाने से स्किन और आंखों में जलन व रैशेज भी हो सकते हैं। क्योंकि पोटेशियम ऐलम (potassium alum) त्वचा को कमजोर कर सकता है। इसके कारण ड्राई स्किन, त्वचा में चकते, लाली जैसी समस्याए हो सकती है।
  • लगाने के अलावा फिटकरी खाने से भी नुकसान हो सकता है। इससे पुरुषों में वीर्य और फ्रक्‍टोज (semen and fructose) का स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर ज्यादा समय तक फिटकरी का सेवन किया जाए कैंसर और अल्‍जाइमर का खतरा हो सकता है।
  • अगर आप मुँह के छालों के लिए फिटकरी का प्रयोग कर रहे है, तो लार को गलती से भी ना निगले, बच्चो पर इस तरह का कोई प्रयोग ना करें।
  • ज़ुओं से मुक्ति के लिए आप फिटकरी पाउडर का उपयोग लगातार ना करें, इससे बाल रूखे और बेजान हो सकते है।
  • आफ्टर शेव लोशन के तौर पर आप फिटकरी का प्रयोग केवल घर मे करें। अगर आप नाई की दुकान पर जा रहे है तो इससे बचे। क्योंकि नाई एक ही फिटकरी का प्रयोग सबके चेहरे पर करता है जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।
  • कुछ लोग दावा करते है कि रात को फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग गोरा होता है। यदि ऐसा होता तो कॉस्मेटिक का बाजार इतना बड़ा नही होता। रंग गोरा हो ना हो पर लगातार फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग काला जरूर हो सकता है। क्योंकि चेहरे की त्वचा बहुत नाजुक होती है।
  • योनि में कसावट के लिये भी महिलाएं फिटकरी का प्रयोग करती है, पर हमारा मानना है कि इसके लिए कीगल एक्सरसाइज से बेहतर कुछ नही हौ। इतनी संवेदनशील भाग पर किसी तरह का एक्सपेरिमेंट ना ही किया जाए तो बेहतर होगा।

फिटकरी को रखने का सही तरीका

  • दानेदार फिटकरी या फिटकरी के टुकड़े को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए, इससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है।
  • यूज़ करने के बाद इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में ही रखे।
  • फिटकरी पाउडर की बात करें, तो इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखा जाना चाहिए।

उम्मीद है फिटकरी पर लिखा ये आर्टिकल आपको जरूर पसन्द आया होगा, और फिटकरी का उपयोग करने से पहले आप इसके नुकसानों पर एक नजर जरूर डालेंगे। साथ ही इसके प्रयोग से पहले अपनी स्वास्थ्य और शरीरिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
उपयोग करने के कारण कोई समस्या होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें, घरेलू उपायों में समय बर्बाद ना करें।

गन्ने का सिरका के फायदे है अनेक, जानिए क्या है सिरका के उपयोग

गन्ने का सिरका के फायदे

गन्ने का सिरका गन्ने के रस से बनाया जाता है। गन्ने के रस को एक मिटटी के बर्तन में एक महीने के लिए धुप में रखा जाता है। बर्तन के मुँह के ऊपर एक मलमल का कपडा बांध कर एक महीने तक धुप में रखते हैं फिर उसे ठंडा करके काँच की बोतल में भरकर दो तीन लाल मिर्ची डाल कर रख देते है। गन्ने का सिरका तैयार है। गन्ने का सिरका बहुत गुणकारी होता है। वैसे तो गन्ने का सिरका के फायदे अनगिनत हैं यहाँ हम सिरका के उपयोग के बारे में जानेंगे।

गन्ने का सिरका के फायदे

सिरके के लाभ बड़े हुए लिवर व वजन को कम करने में

गन्ने का सिरका रक्त वसा को कम करता है जो बड़े हुए लिवरवजन को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर के वजन बॉडी मास,व सीरम ट्राई ग्लिसरॉइड का स्तर कम करने में मददगार होता है। यह दैनिक चपापचप सिंड्रोम की रोकथाम करता है। यह सीरम एच डी एल के स्तर में वृद्धि करता है व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग त्वचा के लिए

त्वचा के दाग धब्बों के लिए सिरका जादू जैसा कारगर होता है। प्याज के रस में सिरका मिलाकर चेहरे के निशानों पर लगाने सेचेहरे के निशान कुछ ही दिनों में निशान गायब हो जाते हैं।

सिरके के फायदे उच्च रक्त चाप में

सिरके का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है। व रक्तचाप कंट्रोल में रहता है।

सिरके के फायदे गले की सूजन व जलन को दूर करने में

सिरके में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते है व गले की सूजन कम करते है। जिसके कारण गर्म पानी में सिरका मिलाकर कुल्ला करने से गले की खराश व सूजन कम होती है।

सिरके का पेट दर्द में उपयोग

एसिडिटी के कारण होने वाले पेट दर्द मे आधा चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से पेटदर्द में राहत मिलती है।

सिरके के लाभ दस्त या कब्ज में

दस्त या कब्ज होने पर सलाद या पानी में सिरका मिलकर पीने से दस्त और कब्ज में आराम मिलता है।

सिरके के फायदे जहरीले कीड़े के काटने पर

जैली फिश का जहर सबसे हानिकारक विष में से एक माना जाता है। सिरका जैली फिश के विष के प्रभाव को कम कर देता हैं क्योकि सिरका जहरीले विष के हानिकारक प्रोटीन को तोड़ देता है अतः घाव में सिरका भरने से विष का प्रभाव तत्काल कम हो जाता है।

सिरके का उपयोग लू से बचाव में

गर्मियों की लू से बचने के लिए सिरका बहुत प्रभावी होता है सिरके को प्याज में मिलाकर खाने से लू नहीं लगती है।

सिरके के फायदे बालों के झड़ने में

बालों की समस्याओ के समाधान के लिए भी सिरका बहुत उपयोगी होता है। पानी में सिरका मिलाकर बाल धोने से बाल नहीं झड़ते हैं। क्योकि यह बालों को पोषण प्रदान करता हैं।

बालों के झड़ने में
बालों के झड़ने में

सिरका है इन्फ़ेक्शन रोधी

सिरका सर के फोड़े फुंसी फंगल इन्स्फेक्शन के लिए भी बहुत कारगर होता है यह सर के इंफेक्शन को दूर करता है। सिरकेवाले पानी से बाल धोने से सर के फोड़े फुंसी दूर होते हैं।

सिरका है रक्त शोधक

रक्त साफ़ न होने के कारण चेहरे पर होने वाले फोड़े फुन्सी की रोकथाम के लिए भी सिरका राम बाण होता है। सिरका पानी में मिलकर पीने से रक्त साफ़ होता है।

सिरका हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता हैं

सिरका गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग हिचकी रोकने में

लगातार आती हिचकियों से परेशान हो तो एक चम्मच सिरके से तुरंत लाभ मिलता है।

सिरका है उपयोगी पथरी में

मूत्र में अधिक अम्ल होने के कारण एसिड या ऑक्स्लेट के स्टोन बन जाते है। यह स्टोन पथरी होती है। सिरका मूत्राशय को क्षारीय बनाता है जिससे किडनी के स्टोन तोड़ने में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी में गन्ने के सिरके के सेवन से एक महीने में फायदा मिलता है।

गन्ने का सिरका है पीलिया में फायदेमंद

गन्ने के सिरके को पीलिया में लेने से तत्काल आराम मिलता है।

गन्ने के सिरके के फायदे आँखों की रोशनी बढ़ाने में

गन्ने के सिरके के नियमित सेवन से आँखों की रोशनी बढ़ती है।

गन्ने के फायदे पाचन में

गैस बनने पर सिरका पानी में मिलाकर लेने से हाजमा दुरुस्त करने में गन्ने का सिरका बहुत लाभदायक होता है।

गन्ने का सिरका है एक अच्छा प्रिजर्वेटिव

गन्ने का सिरका एक बहुत अच्छा प्रिजर्वेटिव होता है। अचार में सिरका डालने से अचार खराब नहीं होता।

सिरका है एक हेअर कंडीशनर

बालो के लिए सिरका एक हर्बल कंडीशनर होता है. बालों को धोने के बाद सिरका मिले पानी से बाल निथारने से बालों में चमक आती है।

सिरका है उपयोगी कपड़ों का रंग बरक़रार रखने में

सिरका मिले पानी से कपडे धोने से कपडे रंग नहीं छोड़ते व उनकी चमक बरक़रार रहती है तथा वे लम्बे समय तक नए रहते है।

सिरका कैल्शियम को शोषित करने में मददगार

सिरका आहार में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा शोषित करता है|

सिरका है उपयोगी कैंसर से बचाव में

कैंसर रोगियों के लिए गन्ने का सिरका बहुत उपयोगी होता है। यह शरीर में पोटेशियम व अन्य उपयोगी खनिज पदार्थ की कमी पूरी करता है।

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया में लाभकारी

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया ऐसी बीमारियां हैं जिनमे मरीज की याददाश्त व सिखने की क्षमता धीरे धीरे काम होने लगती है सिरके के सेवन से डिमेंशिया के दौरान संज्ञानात्मक कार्य में सुधार कर सकते है।

दादी नानी के ज़माने से सिरके के ऐसे ही न जाने कितने छोटे बड़े फायदे हैं। जिन्हे हम अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं एवं अपनी दिनचर्या से जुडी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान कर सकते है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

गन्ने के सिरके में क्या क्या पड़ता है?

.सिरका तैयार करने के लिये लीटर गन्ने के रस को उबाल लिया जाता है। .खमीरन डालकर इसे खमीर बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। .ठंडा होने के एक दिन बाद खमीर मिलाया जाता है। .इसके बाद इस जूस को तीन-चार दिन के लिए एक ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच हो। .फिर इसे छानकर साफ बर्तन में निकाल लिया जाता है और छठे दिन इसमें विशेष बैक्टीरिया वाला तरल पदार्थ साथ ही इसमें पुराना तैयार सिरका की कुछ मात्रा भी मिला दी जाती है। .7 से 14वें दिन इस पर झिल्ली बन जाती है जिसे हटा कर ठंडे स्थान पर रख दिया जाता है।फिर सिरके को इस्तेमाल में लाते हैं।

सिरके के क्या फायदे हैं?

अक्सर हमलोग सिरके का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही करते हैं।लेकिन सिरका हमारे लिए किसी औषधि से कम नहीं है। स्वास्थ्य के लिहाज से सफेद सिरका और सेब के रस से बना सिरका बहुत फायदेमंद होता है. सिरके का इस्तेमाल रूप निखारने से लेकर कई छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है. सिरके के फायदे: .सिरके का इस्तेमाल कंडिशनर के रूप में करें। .अगर आपको लगातार हिचकियां आ रही है तो एक चम्मच सिरका पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। .गले की खराश को दूर करने के लिये। .मांस-पेशियों की तकलीफ में राहत के लिए,सिरके से मसाज करें। .रोजाना एक निश्च‍ित मात्रा में सिरके का सेवन कर मोटापा कम कर सकते हैं।

सिरका पीने से क्या नुकसान होता है?

सिरका पीने के फायदे बहुत है तो नुकसान भी है। .भूख में कमी की समस्या हो सकती है। .इससे मतली की समस्या भी हो सकती है। .ज्यादा एसिटिक खाद्य या पेय पदार्थों से दांत संवेदनशील हो सकते हैं। .सिरके का सेवन दांत खराब कर सकता है। .इससे संवेदनशील त्वचा पर जलन या रैशेज की समस्या भी हो सकती है। इसलिए, त्वचा पर इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। .गर्भवती महिलाओं के लिये भी हानिकारक होता है। इसलिए जब भी सिरके का इस्तेमाल करें तो एकबार जरूर डॉक्टर से सलाह लेकर ही सिरके का सेवन करें।

गन्ने का सिरका कैसे बनाए?

बाजार में मिलने वाला सिरका सेहत के लिये काफी नुकसानदेह है इसलिए हमसभी को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में स्वस्थ के प्रति सचेत रहना चाहिये।इसलिए घर पर ही गन्ने से आसान तरीके से सिरका तैयार कर इस्तेमाल करना चाहिए। आइये जानते हैं विधि- .सिरका तैयार करने के लिए गन्ने के रस को उबाल लें। .गन्ने के रस को मिट्टी की हांडी में भर दें। .अब इस हाँडी को एक साफ व सूती कपड़े से बांधकर रोज़ तेज़ धूप में रखें। .इस प्रक्रिया को तकरीबन एक महीने तक दोहराएं और इसके बाद इस सिरके को छानकर एक कांच की बोतल में भर दें। .और फिर इसमें तीन सूखी लाल मिर्च डालकर बोतल को बंद कर दें। बहुत आसान विधि से उपयुक्त तरीके अपनाकर घर पर ही सिरका तैयार कर सकते हैं।

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे जानकर आप हो जाएंगे हैरान

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

आंवला और शहद के फ़ायदों से तो हम सब अच्छी तरह से वाकिफ है। इन दोनों का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेद में किया जा रहा है। आंवला और शहद दोनों गुणों की खान माने जाते है। आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है । तथा शहद में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं। जहां शहद आपको खांसी से आराम दिलाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वहीं आंवला हाई ब्लड प्रैशर को कम करने और आँखों की रोशनी को बढ़ाया है। अगर इन दोनों का सेवन साथ में किया जाये तो इनके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको आंवला चूर्ण ओर शहद के फ़ायदे के बारे में बताएँगे।

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

गले की खराश को करे ठीक

आज कल मौसम के बदलते ही गले में खराश और खांसी की समस्याएँ हो जाती है। इनसे बचने के लिए आप आंवला चूर्ण में शहद और अदरक का रस मिला कर इसका सेवन करें। ये आपको गले की खराश में आराम दिलाएगा और खांसी को भी कम करेगा।

त्वचा को करे मोइश्चराइज़

आंवला चूर्ण और शहद आपकी त्वचा के लिए भी बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं। ये आपकी रूखी त्वचा में जान डालते हैं और आपकी त्वचा को नमी देकर उसे मोइश्चराइज़ करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे अपने चेहरे पर अच्छे से लगा लें। 15 से 20 मिनट तक इसे लगा रहने दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी की सहायता से धो लें।

पाचन को बनाए बेहतर

कई बार भोजन ठीक से नही पचता। जिस कारण से आपको कब्ज़ और अपच जैसी समस्याएँ भी हो जाती हैं। ऐसे में आप आंवला चूर्ण और शहद का सेवन कर सकते है। इसके लिए 1 चम्मच आंवला चूर्ण और 1 चम्मच शहद को पानी में मिला कर इसका सेवन करें। इसके सेवन से आपके शरीर में गेस्ट्रिक जूस का उत्पादन बेहतर होता है। जिससे भोजन अच्छे से पचता है। इससे आपका मेटाबोलिज़म भी बेहतर होता है। और आपको कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

हेयर मास्क की तरह करें प्रयोग

आप इसका प्रयोग एक हेयर मास्क की तरह भी कर सकते हैं। इसके लिये आप 2 चम्मच आंवला के चूर्ण में 2 चम्मच दही और 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे बालों में अच्छे से लगा लें। इसे 1 घंटे तक के लिए बालों में लगा रहने दें। इसके बाद बालों को गुनगुने पानी की सहायता से अच्छे से धो लें। इसके प्रयोग से आपके बालों में चमक आती है। आंवला पाउडर आपके बालों को पोषण देता है और उन्हे मजबूत बनाता है। वहीं शहद आपके बालों को नमी प्रदान करता है और उन्हे स्मूद और सिल्की बनाता है।

हेयर मास्क
हेयर मास्क

अस्थमा को रोकने में करे मदद

आज कल कई लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित है। कई लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद आपको आराम दिला सकता है। ये आपकी श्वसन नली को साफ रखता है और सांस लेने में हो रही दिक्कत को कम करता है। इसके लिए 20 ग्राम आंवले के चूर्ण में 1 चम्मच शहद मिलाये और इसका सेवन करें।

विषैले पदार्थों को शरीर से निकालें बाहर

विषैले पदार्थों के शरीर में ही रहने से आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे आप कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं और आपकी त्वचा भी बहुत सुंदर और साफ हो जाती है।

एजिंग को करे कम

उम्र बढने के साथ साथ शरीर कमजोर होने लगता है और चेहरे पर भी झुर्रियां और फ़ाइन लाइंस आने लगती है। ये देखने में भी अच्छी नहीं लगती। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन करने से आप एजिंग को भी कम कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला का चूर्ण लें और इसमे 1 चम्मच शहद मिला दें। अब इसे चेहरे पर फ़ेस मास्क की तरह अप्लाई करे। 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को पानी से अच्छी तरह से धो लें। आंवला का चूर्ण आपकी त्वचा को पोषण देगा जिससे झुर्रियां कम होंगी और शहद आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करेगा।

जानिए पेट खराब होने पर क्या खाएं-Pet Kharab Ka Desi Ilaj

पेट खराब होने पर क्या खाएं

पेट खराब होना एक बहुत ही आम समस्या है। कभी बाहर का खाने की वजह से, कभी किसी खाने या दवाई के रिएक्शन से, कभी किसी बीमारी के कारण पेट खराब हो सकता है। इसके अलावा भी पेट खराब होने के बहुत से कारण होते है जैसे ठंड लग जाना या प्रेग्नेंसी। लेकिन सवाल ये है कि जब पाचन का मुख्य अंग ही बीमार हो तो क्या खाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे कि पेट खराब होने पर क्या खाएं।

बरसात के मौसम में अक्सर लोगों का पेट खराब हो जाता है. खासतौर पर उनका जो बाहर खाना खाते हैं. पर इस बात की गारंटी नहीं ली जा सकती है कि जो लोग घर पर खाना खाते हैं उनका पेट हमेशा ठीक ही रहे।

कई बार स्ट्रेस, ठंड लगने या पेट की गर्मी से भी पेट खराब हो जाता है। लेकिन ज्यादातर पेट खराब होने पर खानपान एक सा ही होता है।
तो आइए आपको बताते है पेट खराब होने पर क्या खाएं।

पेट खराब होने के लक्षण

  • पेट मे एसिडिटी या गैस बनना
  • जी खराब होना या मितली आना
  • खट्टी डकार के साथ गले तक खाना आना
  • पेट या छाती के पास जलन महसूस होना
  • एसिड रिफ्लक्स
  • पेट फूलना या ब्लोटिंग
  • मुंह से बदबू आना
  • हिचकी आना

पेट खराब के उपाय-पेट खराब होने पर क्या खाएं

हम आपको बताएंगे कि पेट खराब होने के कारण के हिसाब से क्या खाएं और क्या नही

अदरक

अदरक में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इन्फेक्शन में फायदेमंद है। यदि पेट खराब होने का कारण ठंड या किसी प्रकार का इन्फेक्शन है तो अदरक का प्रयोग करें।

अदरक को पानी मे उबालकर उस पानी को चाय की जगह पिए। एक चम्मच अदरक पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।

कब न लें

यदि पेट मे गर्मी हो तो अदरक का प्रयोग न करें।

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर पेट खराब होने पर एक बेहतरीन उपाय है। इसमे पेक्ट‍िन नामक तत्व होता है जो पेट दर्द और मरोड़ में राहत देता है.

इसकी एसिडिक प्रॉपर्टी खराब पेट के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर है। एक चम्मच सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से जल्दी आराम होता है।

कब न लें

यदि आपको एसिडिक चीज़ों से एलर्जी हो। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रयोग न करें।

दही

जब भी पेट खराब होता है तो सबसे पहली चीज़ जो डॉक्टर सजेस्ट करते है, वो है दही। दही होती है प्रोबियोटिक से भरपूर और यही प्रोबियोटिक गट हेल्थ के लिए बेस्ट होती है।

पेट मे गर्मी होने पर या फ़ूड इन्फेक्शन होने पर दही खिचड़ी का कॉम्बिनेशन सबसे बेस्ट है।

दही
दही

कब न ले

यदि पेट ठंड लगने के कारण खराब हो, उबकाई आ रही हो, बरसात या सर्दी का मौसम हो, अथवा शाम को 4 बजे के बाद दही का सेवन न करें। दही में मीठा डालकर न लें।

केला

आपको जानकर हैरानी होगी कि केला लूज मोशन तथा कब्ज दोनों स्थितियों में खाया जाता है। इसमे मौजूद पेक्टिन, मोशन को बांधने का काम करता है।

साथ ही केले में होता है भरपूर मात्रा में पोटेशियम जो कि बॉडी के सोडियम पोटेशियम सिस्टम को सही रखता है।

कब न ले

शाम के बाद केला खाने से बचे खासकर यदि पेट ठंड से खराब हो तो

 पुदीना

पुदीना सर्दियों में मिलने वाल बेहतरीन हर्ब है. आप सर्दियों में इसे सुखाकर रख सकते है और गर्मियों में प्रयोग कर सकते है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक होता है।

पुदीने को चटनी के रूप में या छाछ और दही में मिलाकर खाए। इससे जी साफ होता है और उबकाई में आराम मिलता है। यह आंतों में मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है।

कब न ले

अगर कच्चा पुदीना चटनी के रूप में आपको नुकसान कर रहा है, तो इसका उपयोग बन्द कर दे। आप पुदीने के पाउडर को जूस, चाय या अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर भी ले सकते हैं।

जीरा

जीरा पेट के लिए संजीवनी जैसा होता है। इसलिए भारतीय रसोई में जीरा रोज़ के खानपान का हिस्सा है। जीरा चबाकर पानी पी सकते है, भुना जीरा दही या छाछ में डालकर खा सकते है।

सब्जी, दाल या खिचड़ी को छोंकने में तो इसका प्रयोग होता ही है।

कब न लें

जीरा कभी भी, कैसे भी लिया जा सकता है। इसको पानी मे उबाल कर भी पिया जा सकता है।

पेट खराब होने पर उपयोगी अन्य खाद्यपदार्थ

  • फाइबर से भरपूर बेल या बेल का शरबत पेट को ठंडा रखता है।
  • निम्बू को गैस पर गर्म करके उसपर भुना जीरा और काला नमक छिड़कर चूसे, गैस और एसिडिटी से राहत मिलेगी। (ध्यान रहे कि निम्बू गर्म रहे, ठंडा नही)
  • सिट्रिक एसिड एलर्जी से ग्रस्त लोग निम्बू का प्रयोग न करें। निम्बू पानी का प्रयोग कर सकते है।
  • दालचीनी को अदरक, अजवायन के साथ पानी मे उबालकर पियें। अपच, गैस, खट्टी डकार से राहत मिलेगी। चाय में भी प्रयोग करें।
  • मेथीदाना, एलोवेरा का प्रयोग करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • दूध का प्रयोग केवल पेट में जलन या एसिडिटी होने पर करें। दूध में सौंफ उबालकर पिए। लेकिन किसी प्रकार का संक्रमण होने पर इसका प्रयोग न करें।
  • खाना खाने के बाद लेटने या सोने की बजाय वज्रासन में बैठे या 100 कदम चले।
  • तला भुना, मसालेदार, भारी और बाहर का न खाएं।
  • फाइबर युक्त भोजन ले, खूब पानी पिएं, नारियल पानी ले।

क्या हींग से गर्भपात हो सकता है? कितना है सुरक्षित गर्भवस्था में हींग का सेवन?

हींग से गर्भपात

हर स्त्री का सपना होता है मां बनना। कभी-कभी लेकिन ऐसी परिस्थितियां होती है कि मां बनना एक दुस्वप्न लगता है। कभी ऐसा भी होता है कि आप प्रेगनेंसी कंसीव कर लेते हैं और आपको पता ही नहीं चलता। यह भी हो सकता है कि आपकी फैमिली कंप्लीट होती है और आप इस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं होते। ऐसे में गर्भपात करना आवश्यक हो जाता है।

बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में विटामिन सी, पपीता, अन्नानास का रस, अजवायन,  तुलसी का काढ़ा, लहसून,  ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

यहां पर हम बात करेंगे हींग से गर्भपात के तरीके की। हमें ध्यान रखना है कि यह सिर्फ शुरुआत के 1 महीने के लिए ही संभव है। इसके अलावा इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। बेहतर तो यही होगा कि हमें चिकित्सक परामर्श ले लेना चाहिए। डॉक्टर के पास जाना कभी-कभी संभव नहीं होता। ऐसे में हम घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। यहां पर हम ऐसे ही एक घरेलू नुस्खे हींग की बात कर रहे हैं। 

हींग का गर्भनिरोधक गुण

हींग
हींग
  • हींग तासीर में बहुत गर्म होती है। यह गर्भवती स्त्री के ब्लड प्रेशर लेवल को बड़ा सकती है। जिसके कारण भ्रूण गर्भ में ही नष्ट हो सकता है।
  • हींग अपने गर्भनिरोधक गुण के कारण भ्रूण को गर्भाशय में बढ़ने नहीं देती। भ्रूण को गर्भ में ही नष्ट कर देती है।
  • हींग में ऐसे केमिकल पाये जाते हैं जो कि बच्चे के लिए नुकसान करते हैं। ये केमिकल बच्चे के मस्तिष्क में विकार उत्पन्न करके उसकी मृत्यु तक करा सकते हैं।
  • हींग का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर में वात का संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे बच्चे के नर्वस सिस्टम के टिशु के विकास में बाधा पहुंचती है।
  • लगातार सेवन करने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। हींग गर्भाशय को तेजी से संकुचित करती है। जिसके कारण गर्भपात हो जाता है। आइए जानते हैं हींग के द्वारा गर्भपात के तरीके।

हींग का काढा

सुबह-सुबह हींग के काढे का सेवन लगातार तीन-चार दिन करने से जल्दी ही गर्भपात हो जाता है। हींग का काढा बनाने के लिए आपको एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच चाय पत्ती और थोड़ी सी हींग डालकर खौलानी होती है। जब यह पानी आधा हो जाए तो इसे गरम-गरम पीना होता है। यह नुस्खा बहुत ही जल्दी असर करता है। लेकिन इससे बेचैनी और घबराहट होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। 

अजवाइन और हींग का काढा

अजवाइन और हींग दोनों ही गर्भनिरोधक का कार्य करती हैं। इन दोनों का अगर मिलाकर सेवन किया जाए तो गर्भपात की संभावना काफी बढ़ जाती है। अजवाइन का काढ़ा बनाने के लिए आपको दो गिलास गर्म पानी को उबालना है। उबलते हुए गर्म पानी में आपको एक चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच हींग डालनी है। जब हींग और अजवाइन का पानी आधा रह जाए तो उसे गरम गरम तीन-चार दिन तक लेना है। यह उपाय बहुत कारगर है बहुत ही जल्दी गर्भपात हो जाता है। 

हींग और गुड़ का काढा

गुड़ बहुत गर्म होता है। हींग भी काफी गर्म होती है। हींग और गुड़ मिलकर एक उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। जिससे बहुत जल्दी ही गर्भपात हो जाता है। हींग और गुड़ की चाय बनाने के लिए आपको एक गिलास पानी में एक चम्मच चाय पत्ती डालेंगे। जब यह खौलने लगेगा तो इसमें आपको एक गुड़ का टुकड़ा डाल देना है। जब यह खौलते खौलते आधा रह जाएगा तब इसे पी लेना है। यह काढ़ा बहुत आरामदायक होता है इसको पीने से दर्द से भी राहत मिलती है।

हींग और सौंठ का काढा 

सौंठ और हींग दोनो ही बहुत गर्म होते हैं। जो गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है जिसके कारण गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है। हमें दो गिलास पानी में एक चम्मच सौंठ और एक चौथाई चम्मच हींग और गुड़ का मिलाकर उबालना होता है जब यह चाय एक चौथाई से भी कम रह जाए। इस चाय को सुबह उठते समय और रात को सोते समय 4 दिन तक लगातार लेने से गर्भपात होने की संभावना अधिक हो जाती हैं।

हींग और सौंठ, अजवाइन, गुड़ का काढा 

आप चाहे तो इन सारी सामग्रीयों को एक साथ मिलाकर भी उबाल सकते हैं। जब यह काढा पी सकते हैं। यह प्रक्रिया आपको तब तक दोहरानी है जब तक आप की डेट आने ना लगे। जब हम लेकिन एक साथ इतनी सारी गर्म चीजें उपयोग में लाएंगे तो इसके काफी सारे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हमारा बीपी बढ़ सकता है। हमें हीट स्ट्रोक्स आ सकते हैं। एन्जाइटी हो सकती है। बीपी बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक हर्ट अटैक की संभावनाएं भी हो सकती हैं। इन सारी चीजों के कारण गर्भपात तो भले ही हो जाए पर और दूसरी समस्याएं भी हो सकती है। अतः सारी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर उपयोग में लाना अच्छा विकल्प नही है। आप चाहे तो सुबह शाम अलग-अलग तरह के काढे प्रयोग में ला सकते हैं।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

error: Content is protected !!