आजकल कई महिलाएं गर्भपात के घरेलू उपायों की तलाश करती हैं, और इस सूची में काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं एक आम सवाल बन चुका है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या काली चाय से गर्भपात संभव है, इसके संभावित प्रभाव, फायदे और नुकसान क्या हैं, और इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।
काली चाय से गर्भपात कैसे हो सकता है?
काली चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर गर्भ में संकुचन (uterine contractions) उत्पन्न कर सकती है। इसी कारण कुछ लोग मानते हैं कि यह एक संभावित गर्भ गिराने का घरेलू उपाय हो सकता है।
लेकिन यह medically approved method नहीं है, और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काली चाय से गर्भ 100% गिराया जा सकता है।
काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं? – जानिए संभावित तरीका
कुछ महिलाएं खाली पेट या बार-बार काली चाय पीने का सहारा लेती हैं, यह सोचकर कि इससे गर्भ गिर जाएगा। हालांकि यह तरीका सुरक्षित नहीं है।
ध्यान दें:
अत्यधिक मात्रा में कैफीन गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट डाल सकता है।
WHO के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को 200mg से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए।
क्या काली चाय से गर्भपात सुरक्षित है?
नहीं। काली चाय का अत्यधिक सेवन कई गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है:
⚠ नुकसान:
मतली और उल्टी
डिहाइड्रेशन
हाई ब्लड प्रेशर
गर्भाशय में असामान्य गतिविधि
गर्भस्थ शिशु को नुकसान
घरेलू उपाय vs डॉक्टर की सलाह
जहां कुछ महिलाएं सोचती हैं कि काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी घरेलू उपाय को बिना चिकित्सकीय सलाह के अपनाना खतरनाक हो सकता है।
यदि आप अनचाहे गर्भ से परेशान हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। मेडिकल एबॉर्शन एक सुरक्षित तरीका है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर विकल्प होता है।
गर्भ गिराने के घरेलू उपाय (garbh girane ke gharelu upay)
मां बनना एक महिला के लिए एक सुखद एहसास है, जिसकी खुशी के आगे दुनिया की हर खुशी फीकी लगती है। लेकिन अगर आप गलती से प्रेग्नेंट हो जाएं, तो क्या करें? यह सवाल किसी भी महिला के मन में घबराहट, बेचैनी और डर पैदा कर सकता है, खासकर तब जब यह बिना फैमिली प्लानिंग के हुआ हो। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय सही जानकारी और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी होता है। कई महिलाएं इस दौरान गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के बारे में जानना चाहती हैं, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सही कदम उठा सकें।
गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें? यह सवाल कई महिलाओं के मन में आता है, जब वे बिना फॅमिली प्लानिंग के गर्भवती हो जाती हैं। गर्भपात के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार संभोग के दौरान पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका गर्भनिरोधक उपायों का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते, जिससे अनचाहा गर्भ ठहर जाता है। कुछ महिलाओं के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से माँ बनना संभव नहीं होता, तो कुछ अपनी करियर या पर्सनल लाइफ को प्राथमिकता देती हैं जिससे वे गर्भपात कराने का फैसला लेती हैं। इस तरह, विभिन्न परिस्थितियों के कारण गर्भपात का निर्णय लिया जाता है।
गर्भपात क्या होता है (garbhpat kya hota hai)
गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भधारण के 20 से 24 सप्ताह से पहले भ्रूण का विकास रुक जाता है या उसे चिकित्सकीय रूप से समाप्त कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक (Natural/Miscarriage) या कृत्रिम (Medical/Surgical Abortion) हो सकती है।
अजवाइन की तासीर बहुत गर्म मानी जाती है, इसे आप इस प्रकार प्रयोग कर सकती है कि गर्भावस्था के शुरुआती हफ़्तों में रोज आधा चम्मच अजवायन की फंकी ले, या एक गिलास पानी मे इसे उबालकर पिये।
लहसुन ज्यादातर सभी की रसोई में शामिल होता है, इसमे ‘एलिसिन’ नामक तत्व होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। लहसुन से गर्भपात करने के लिए अत्यधिक मात्रा में इसका किसी भी प्रकार सेवन करे।
1 महीने से 15 दिन की प्रेग्नेंसी है तो उसके लिए बबूल के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी में तब तक उबाल लें जब तक कि पानी आधा ना रह जाए। इस पानी का सेवन दिन में चार से पांच बार तब तक करें जब तक कि आपको ब्लीडिंग होने ना शुरू हो जाए।
अनानास का रस-Abortion Ke Gharelu Nuskhe
अनानास को गर्भवती स्त्री से दूर रखा जाता है क्योंकि अनानास में बड़ी मात्रा में विटामिन सी, एंजाइम और रसायन होते हैं, जो की गर्भपात का कारण बनते है। इसमें उपस्थित ब्रोमेलैन के कारण गर्भाशय की दीवार नरम हो जाती है। तो अगर शुरुआती हफ़्तों में इसका प्रयोग किया जाए तो गर्भपात आसानी से हो सकता है।
अनानास के रस में मौजूद ब्रोमेलैन से गर्भपात कैसे होता है
पपीता के बीज-Garbhpat Ke Gharelu Upay In Hindi
पपीता भी गर्म फलों में माना जाता है, बहुत सी महिलाओं द्वारा इसका प्रयोग गर्भपात के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। क्योंकि पपीते में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रोजेस्टेरोन एक्टिविटी में रुकावट डाल सकते हैं। जो गर्भपात का कारण है।
गर्भपात करने के घरेलू उपाय को अपनाते समय यदि ज़्यादा अवधि के लिए हेवी ब्लीडिंग, पेट दर्द, बुखार, कमजोरी जैसे लक्षण दिखे तो अपने डॉक्टर का संपर्क करे।
एस्पिरिन की टेबलेट-Garbh Girane Ke Upay
मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एस्पिरिन की टेबलेट ले, इस टेबलेट को 6 से 8 की मात्रा में रोज़ खाए। टेबलेट को खाने के साथ साथ दूसरे घरेलू उपाय भी करते रहें।
काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?-baccha girane ka gharelu upay
इसे बनाने के लिए जैसे हम चाय बनाते हैं वैसे ही दो गिलास पानी गर्म करके उसमें चाय पत्ती डालकर उबालते हैं। जब यह पानी आधा हो जाए तो इसे गरम-गरम पीते हैं। इसे कुछ दिनों तक लगातार पीने से शीघ्र ही मिसकैरेज हो जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एक दिन में केवल 1500 मिलीग्राम अदरक का ही सेवन करना चाहिए। इससे ज्यादा सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए अदरक या अदरक की चाय का अधिक मात्रा में सेवन बिल्कुल न करें।
गर्भावस्था में चक्कर आना, सिर दर्द और जी मिचलाना जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए महिलाएं कभी-कभी नींबू पानी पीती हैं या फिर नींबू पर नमक छिड़क कर चाट लेती हैं। लेकिन, नींबू एक साइट्रस फल है। यह खट्टा फल अम्लीय प्रकृति का होता है। इसलिए नींबू का सेवन शरीर में एसिडिक लेवल और पीएच बैलेंस को प्रभावित करता है। इन दोनों कारणों से नींबू का अधिक सेवन किसी के लिए भी हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था की तरह महिलाओं को भी खट्टा खाना पसंद होता है। इसलिए अगर आप सीमित मात्रा में नींबू का सेवन करते हैं तो यह हानिकारक नहीं है।
क्या गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है?
हां यह सच है, गुड़ से गर्भपात भी हो सकता है। गुड़ बहुत गर्म होता है अगर हम इसे लगातार कुछ समय तक कुछ चीजों के साथ मिला कर ले तो आसानी से गर्भपात हो सकता है।
गर्भ गिराने के घरेलू उपाय
इसके अलावा गर्भ गिराने के कुछ अन्य तरीके (Garbh Girane Ke Upay) निम्न है।
सूखे बबूल की फली और कच्चे केले का अंकुर लेकर उसे पीसकर रख ले ,इस चूर्ण का ब्लीडिंग होने तक सेवन करे। कड़वाहट के लिए शक्कर या शहद का सेवन कर सकते है।
कोहोश नामक पौधे में पाए जाने वाले तत्व कॉलसोस्पोनीन और ऑक्सिटोसिन जो गर्भपात में मदद करते है।
इसी प्रकार मगवार्ट भी एक आयुर्वेदिक औषधि ही हैं, इसमें कुछ ऐसे केमिकल होते है जो गर्भाशय की एक्टिविटी अर्थात कंट्रक्शन को बढ़ाकर गर्भपात कर सकते है। इसकी पत्तियों को पानी मे उबालकर छानकर इस पानी का सेवन करे, कम से कम दिन में 2 बार, ब्लीडिंग होने तक।
कपास के पौधे की जड़ की छाल को पानी मे उबाले, जब पानी आधा रह जाये तो छानकर रख ले। गर्भपात होने तक रोज 50ml दिन में दो बार पिए।
कलौंजी का उपयोग चाय के रूप में करे या ऐसे ही पानी से सटक ले, शुरुआती हफ़्तों में ये भी गर्भपात का एक कारगर तरीका है।
रोकफोर्ट, गोर्गोजोला, फेटा ये चीज़ के कुछ प्रकार है। कुछ लोगो का मानना है कि शुरुआती हफ़्तों में इस चीज़ को खाने से भी गर्भ गिर जाता है।
साधारणतः भी कहा जाता है कि अनार के बीजो को नही खाना चाहिए, यदि महिला अनार के बीजो को पीसकर इसका सेवन करे तो गर्भपात हो सकता है। पर ध्यान रहे इसके स्थान पर पोमेग्रेनेट सीड आयल का इस्तेमाल ना करें।
अजमोद के पत्तो को धोकर पानी मे उबाल लें, दिन में तीन बार इस पानी का सेवन करे। अजमोद सर्विक्स को नरम बनाकर, गर्भाशय की दीवार को मुलायम बनाता है, जिससे भ्रूण आराम से निकल आता है।
ये थे गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे, इन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार अपना सकते है।
नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सामान्य प्रश्न-baccha girane ka gharelu upay
क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?
कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।
अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?
अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है।
पपीता से गर्भ कैसे गिराये?
गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।
हीमोग्लोबिन की कमी एक सामान्य समस्या है, जिसको हम प्रोटीन भी कह सकते है यह लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में पाया जाता है। जैसा की हम जानते है की ये लाल कोशिकाए जो हमारे शरीर के चारो ओर ऑक्सीजन ले जाने का काम करती है, क्या आप भी गूगल पर हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे । सर्च करते हुए हमारे इस ब्लॉग पर आये है तो आप बिलकुल सही जगह आये है, आज के इस लेख में हम आपको हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे और साथ ही साथ हीमोग्लोबिन की कमी के कारण और घरेलु उपाय भी बताएँगे ।
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से अनेक तरह की बीमारी हो सकती है, जैसे अनीमिया, किडनी में दिक्कत, आयरन की कमी इसलिए शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने दे, आज के इस लेख में हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को बताएँगे जिनसे आप हीमोग्लोबिन को बढ़ा सकते है ।
हीमोग्लोबिन की कमी के कारण
नीचे हम आपको हीमोग्लोबिन के कुछ कारण बता रहे है, क्यूंकि किसी भी बीमारी को सही करने के लिए उसकी बजह पता होना बहुत जरूरी है की वह किन कारणों से हो सकती है, हीमोग्लोबिन के कारण कुछ इस प्रकार है ।
आयरन या विटामिन बी -12 की कमी हीमोग्लोबिन जैसी कमी के कारण है ।
शरीर में पूर्ण रूप से खून की कमी होना, हीमोग्लोबिन की कमी का मुख्य कारण है ।
शरीर में लाल रक्त की कोशिकाओं का नस्ट हो जाना।
यदि आपके शरीर में किसी भाग से रक्तस्राव होना या कोशिकाओं का निर्माण काम गति से होना।
हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करे
हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले रोगी को अपने खाने में हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसे मेथी, पालक आदि। साथ ही सलाद, फल का सेवन करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो सकती है। नीचे हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे है जिनका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
चुकन्दर
चुकंदर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर होती है, इसका सेवन करने से एनीमिया जैसी बीमारी से भी बच सकते है, साथ ही साथ इसकी पत्तियों में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, क्यूंकि चुकंदर की तुलना में इसकी पत्तियों में अधिक गुना आयरन होता है।
चुकन्दर
अंगूर
अंगूर जैसे फल में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद हैं, और आयरन भी अधिक होता है, हीमोग्लोबिन की कमी से सम्बंधित रोगी को अगर इसका सेवन सुबह-शाम करना चाहिए तो वह बहुत ही जल्द ठीक हो सकता है । इसका अधिक सेवन करने से विटामिन सी भी बढ़ती है, जो उम्र को रोकता है ।
बादाम
बादाम जिसमे कैल्शियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है, साथ ही साथ 10 ग्राम ड्राई रोस्टेड बादाम में 0.5 मिलीग्राम आयरन होता है। इसका सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
गुड़ और मूंगफली
जैसा की हम जानते ही है की गुड़ में अधिक खनिज लवण होते है। इसलिए गुड़ और मूँगफली को मिलाकर दोनों को अच्छे से चबाकर इसका सेवन करे, ऐसा करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है।
हरी सब्जियां
आपको ऊपर की ओर बताया की हरी सब्जिया हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में सबसे ज्यादा लाभदायक होती है, क्यूंकि हरी सब्जियों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में पाये जाते है। इसलिए अपने शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भरपूर बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करे।
अंकुरित आहार
अंकुरित आहार जैसे- चना, मूंगफली, गेहूँ और मोठ आदि इन सब का सेवन अधिक करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो जाती है, अगर इसमें आप नीबू मिलाकर सेवन करते है तो और अच्छा रहता है ।
अनार
अनार में कैल्सियम और प्रोटीन, फाइबर कार्बोहाइड्रेट और साथ ही साथ आयरन की भी भरपूर मात्रा होती है, इसलिए रोज़ाना एक गिलास अनार का जूस पीने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और खून की कमी भी नहीं होती हैं ।
सूखी किशमिश
किशमिश में बी1, बी2, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, तथा मिनरल्स, आयरन और कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसका सेवन आप सुबह को खली पेट करे ऐसा करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर होती है ।
सेब
सेब एक ऐसा फल है जो हीमोग्लोबिन के स्वस्थ स्तर को बनाये रखता है, और साथ ही सेब से एनीमिया जैसी बीमारियों के लिए भी लाभकारी होता है। रोज़ाना एक सेब का सेवन करे आपको हीमोग्लोबिन से सम्बंधित रोग की होगी ।
तुलसी
तुलसी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद हैं, जो शरीर में खून की कमी नहीं होने देते है, इसका रोज़ाना सेवन करने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है ।
शरीर में हीमोग्लोबिन कितनी मात्रा में होना चाहिए
हमरे शरीर में आयरन की स्वस्थ मात्रा 20-25 ग्राम होना चाहिए, इससे हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है, और नहीं अधिक होती है, इसलिए शरीर में आयरन की मात्रा स्वस्थ होना चाहिए नीचे हम आपको महिलाएं और पुरुष की हीमोग्लोबिन की मात्रा बता रहे है, इससे काम हो तो डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है ।
शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन का होना किसी बीमारी का संकेत होता है। इनमे से मुख्य है “पैर में सूजन” होना जो कि शरीर में द्रव के इकठा होने व जमा के कारण होता है। पैर में सूजन होना वैसे तो एक आम समस्या है लेकिन इस का बार बार होना किसी बड़ी बीमारी का संकेत होता है।
पैर में सूजन गुर्दे और शरीर के कई अन्य अंगों से जुड़ी बीमारी का संकेत करती है। पैर की सूजन में पैरों पर और एड़ियों पर फुलाव होना और पैरों का आकार बड़ा दिखाई देने लगता है। कई बार पैरों में दर्द नही होता लेकिन बाद में चल कर बहुत भयानक रूप धारण कर लेती है, जो कि हमारी ज़िंदगी में रुकावट बन जाती है। इसलिए हमारे लिए जरूरी है पैर में सूजन के लक्षण जानना और समय पर पैर में सूजन का इलाज करना।
पैर में सूजन के लक्षण
शरीर के अंगों में दर्द होना और जकड़न का महसूस होना।
चेहरे, आंखों और टखनों के पास फुलाव का होना।
त्वचा का सूजा, तना व चमकदार होना।
त्वचा को उंगली से दबाने पर वहाँ कुछ सेकंड के लिए गड्ढे का बन जाना और फिर उभर कर त्वचा का आना।
कही से गिरने पर पैर के मूड जाने के कारण पैर में मोच आने से सूजन हो सकती है। बहुत देर तक पैरों को लटका कर बैठे रहने से सारा खून नीचे की और इकठा होने से भी पैरों में सूजन आने का कारण बन सकते हैं। यह होता है गृतवकर्षन बल की वजह से जिस से खून नीचे की और इकठा हो जाता है।
दूर तक चलना
दूर तक पैदल चलने से या फिर ज्यादा दौड़ना भी दोनों पैरों में सूजन के कारण हो सकता है।
ह्दय की बीमारी
जिन लोगों में ह्दय की बीमारी होती है उन के ह्दय के ठीक से काम ना करने के कारण द्रव नीचे जमा हो जाता है जिस से पैरों में सूजन हो जाती है। इस प्रकार अगर पैरों में सूजन हो तो इस का उपचार सही ढंग से कराना चहिए क्योंकि यह ह्दय से जुड़ी बीमारी के कारण भी हो सकता है।
ह्दय की बीमारी
लिवर और गुर्दे की बीमारी
जिन लोगों में लिवर व गुर्दे के रोग होते हैं उनमें अलुब्युमिन प्रोटीन कम हो जाता है। जिस से द्रव रिसने लगता है और यह पैरों में सूजन आने का कारण बनता है।
दवाएं
कई बार हमारे द्वारा किसी अन्य बीमारी के लिए लई गयी दवाइयां भी पैरों में सूजन आने का कारण बन जाती हैं।
गर्भावस्था
गर्भावस्था में पैरों की सूजन होना एक आम समस्य है अक्सर गर्भवती औरतों में यह पाई गई है। यह गर्भवती औरत में खून की मात्रा बढ़ने के कारण भी होता है। लेकिन यह गर्भावस्था के बाद खुद ही सही हो जाती है।
नस का रुक जाना व ब्लॉक हो जाना
टांग में किसी नस का रुक जाना व ब्लॉक हो जाना भी इस का एक कारण बन सकता है जिस से ह्दय में खून पम्प ना होने की वजह से पैर में सूजन होती है।
मोटापा
दोनों पैरों में सूजन के कारण है मोटापा। मोटापा होने की वजह से भी पैरों में सूजन हो सकती है।
पैरों में सूजन से बचाव
सुबह जल्दी उठें और नियमित प्राणायाम करें।
जंक फूड, बासी भोजन, ठंडे और खट्टे पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
अधिक नमक और अधिक मीठे का सेवन न करें।
सब्जियों में कद्दू का सेवन अवश्य करें। यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
जहा तक हो सके पोष्टिक खाने का सेवन करें जिस से पाचन शक्ति मजबूत रहेगी और इस से बचाव हो सकता है।
अधिक पानी का सेवन न करें।
पैरों में सूजन का इलाज-Pairo Me Sujan Ka Ilaj
सूजन का उपचार है पैरों को हिलाते रहें जिस से जमा हुआ खून व द्रव में कम्पन पैदा होगा इस से आराम मिल सकता है।
पैरों में सूजन का इलाज है पैरों की मालिश करे जिस से पैरों में गर्मी पैदा होगी और गर्मी से खून में गति आने लगेगी।
इसकी जांच किसी डॉक्टर से करवा उनकी सलाह से दवाई लीजिये।
पैरों की सूजन कम नही होती तो ह्दय और लिवर की जांच करवाएं अगर यह लिवर की बीमारी की वजह से हो रहा है तो उस बीमारी का उपचार करवाएं।
पैर में सूजन कम करने के घरेलू उपाय
आम तौर पर पैरों का सूजन कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। इस लेख में हम कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनकी मदत से पैर में सूजन का इलाज किया जा सकता है।
धनिया से करे पैर में सूजन का इलाज
धनिया के सूखे बीज और ताजा हरा धनिया दोनों में ही सूजन को ठीक करने के गुण होते है। पैरों में सूजन होने पर एक गिलास पानी को उबलने के लिए रख दें और इसमें तीन चम्मच साबुत धनिया डाल दें। इसे तब तक उबाले जब तक कि पानी आधा गिलास न रह जाये। अब इसे छान लें और एक चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार इसे पिएँ।
पैर में सूजन का इलाज है गर्म पानी का सेंक
गरम पानी में नमक डालकर उसमें पैरों को डुबाएँ जब पानी ठण्डा हो जाए तब पैरों को निकाल लें। गरम पानी के सेंक से पैर में सूजन कम होती है।
पैरों के सूजन में फायदेमंद है कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी
पैरों में सूजन को दूर करने के लिए आप कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी भी कर सकते हैं। इस थेरेपी के लिए दो अलग-अलग टब में ठंडा और गर्म पानी भर लें। पहले अपने पैरों को 3-4 मिनट गर्म पानी में डाल कर रखें, इसके तुरंत बाद पैरों को 1 मिनट तक ठंडे पानी में डालें। इसी प्रक्रिया को 15 से 20 बार दोहराएँ जब तक सूजन न चली जाए। गर्मियों के मौसम में ठन्डे पानी पर इस प्रक्रिया को खत्म करे और सर्दियों के मौसम में इस प्रक्रिया को गरम पानी पर खत्म करे। इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएँ।
नींबू पानी भी है पैरों में सूजन का इलाज
एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह पैरों के साथ साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाली सूजन को भी दूर करता है।
नींबू
पैर में सूजन का इलाज करता है जैतून का तेल
थोड़े से जैतून के तेल को गरम करे अब इस में दो-तीन लहसुन की कली काटकर भून लें और भून जाने पर इसमें से लहसुन अलग कर लें। इस तेल से मालिश करने से पैरों की सूजन ठीक होती है और दर्द से भी आराम मिलता है।
पैर में सूजन कम करता है अदरक का सेवन
एक गिलास पानी में एक छोटे टुकड़े अदरक को डालकर उबालें। अच्छी तरह पक जाने पर इसे गुनगुना करके पिएँ या फिर चाय में अदरक का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?
अनुचित खानपान एवं जीवनशैली के कारण कभी-कभी पैरों में सूजन आ सकती है। ऐसे में कुछ घरेलु उपाय एवं आराम करके आप खुद ही ठीक हो जाते है परंतु बार-बार पैरों में सूजन की समस्या रहने पर या एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक सूजन बने रहने पर यह गुर्दों से संबंधित या हृदय से संबंधित बीमारी होने का संकेत होता है। अत: इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करना चाहिए।
ड्राई स्कैल्प से छुटकारा पाने के लिए इस लेख में आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताया जा रहा है जो आपके लिए लाभकारी साबित होंगे जहां नुक्से निम्नलिखित है।
सेब का सिरका
यह एक अच्छा तथा सस्ता रास्ता है जिसके माध्यम से आप ड्राई स्कैल्प की समस्या से निदान पा सकते हैं। इसमें आपको ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।
इस्तेमाल करने का तरीका
इसमें केवल दो से तीन चम्मच सेब का सिरका और थोड़ी सी रुई की आवश्यकता होती है चाहो तो आप दो से तीन चम्मच पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरका तथा पानी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लीजिए उसके बाद रूई की सहायता से आप अपने बालों में लगाएं।
बालों में लगाने का तरीका यह है कि रूई को बालों की जड़ों तक पहुंचा सके जिससे कि वह सिरका नीचे तक अच्छे से पहुंच जाएं इस तरह से यह घरेलू नुक्से को आजमा सकते हैं।
एप्पल साइडर विनेगर
नींबू का रस
यह आमतौर से सभी लोग जानते हैं कि ड्राई स्कैल्प के लिए यह औषधि का काम करता है। नींबू का रस इसलिए लाभदायक होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी तथा होता है साथ ही इस में एसिड भी पाया जाता है। विटामिन सी त्वचा से संबंधित विकारों को दूर करता है।
इस्तेमाल करने का तरीका
दो से तीन चम्मच नींबू का रस आपको अपने बालों में 5 मिनट तक रगड़ना है। उसके बाद उसे सूखने के लिए छोड़ दें सूखने के बाद आपको अच्छे पानी से सिर धो लेना है। आप देखेंगे कि आपके सिर में जो ड्राई स्कैल्प है उसमें कमी आ गई है। यह प्रक्रिया लगभग हफ्ते में दो से तीन बार करना है।
एलोवेरा
जैसा कि आप जानते हैं एलोवेरा एक औषधि पौधा है। जिसमें यह भी गुण होता है कि किसी फंगस तथा बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है। इस कारण से हम इसका इस्तेमाल ड्राई स्कैल्प में कर सकते हैं।
इस्तेमाल करने का तरीका
एक एलोवेरा की पत्ती तथा पानी की आवश्यकता होती है। एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालकर उसको पानी में मिला दे जिससे की एक जूस बनकर तैयार हो जाएगा। जूस का इस्तेमाल आप अपने सिर में 20 मिनट तक की मालिश करने में करें यह प्रक्रिया हफ्ते में दो बार करें इससे आपको ड्राई स्कैल्प से राहत मिलेगी।
अंडा
एक शोध में पाया गया कि अंडा का इस्तेमाल भी इस ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए किया जा सकता है । इसमें ऐसे गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के साथ-साथ बालों से संबंधित विकारों को भी दूर करता है।
इस्तेमाल करने का तरीका
आप एक अंडे की जर्दी ले, ऑलिव आयल तथा एक चम्मच नींबू का रस लें इसको अच्छे से मिला ले मिलाने के बाद इस मिश्रण को 15 मिनट के लिए छोड़ दें। 15 मिनट के बाद आप इसको अपने सिर में लगा सकते हैं। लगाने के पश्चात 30 मिनट तक अपने बाल ना धोए उसके पश्चात आप अपने बाल धो सकते हैं।
इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक बार या दो बार कर सकते हैं।
मेथी के बीज
मेथी के बीज में भी औषधि गुण होते हैं। यह बालों की मजबूती के साथ साथ हाइड्रेट रखने में भी सहायक होते हैं क्योंकि इन बीजों में निकोटीन एसिड तथा कुछ आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं जो बालों को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी होते हैं।
इस्तेमाल करने का तरीका
इन बीजों का इस्तेमाल इस प्रकार करें आपको दो चम्मच मेथी के बीज लेना है तथा आधा कप पानी लेना है। मेथी के बीज को पानी में रात भर भिगोकर रख दे सुबह उठकर इसे पीस कर पेस्ट बना ले पेस्ट बनाने के बाद आप अपने बालों में अच्छे से लगाए।
इसे 30 मिनट तक लगाकर रखें तत्पश्चात आप अपने बाल ठंडे पानी से धो ले।
आप देखेंगे कि ड्राई स्कैल्प की मात्रा कम हो गई है।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडे में भी एंटीबैक्टीरियल रसायन पाए जाते हैं जिससे आप अपने बालों को स्वस्थ रखने में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इसका ज्यादा उपयोग करने से बालों को क्षति भी पहुंच सकती है।
इस्तेमाल करने का तरीका
तीन से चार चम्मच बेकिंग सोडा तथा तीन से चार चम्मच ही गुलाब जल का इस्तेमाल करें। इन दोनों को मिलाकर एक पेस्ट बनाने पेस्ट बनाने के तत्पश्चात 2 मिनट तक अपने बालों में इसे लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें।
इस प्रक्रिया को आप चाहो तो सप्ताह में दो से तीन बार कर सकते हैं। यह आपके बालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
बालों की इस समस्या से लगभग हर कोई परेशान रहता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए लेख में आपको महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे तथा इन घरेलू उपाय को ड्राई स्कैल्प के निदान के लिए उपयोग करेंगे।
दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको बालो से रुसी हटाने के उपाय के बारे में बताएंगे तथा आप इस समस्या से यदि परेशान है तो इन नुस्खों को आजमा कर अपनी इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
साथियों यह भी आपको बता दूं कि यह समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। क्योंकि यह आमतौर से हर किसी को होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे देश दुनिया में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है वैसे वैसे हमारे दिनचर्या में भी असर आ रहा है। हमारे खानपान की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इसमें हम आपको कुछ तेल तथा रस के बारे में भी बताएंगे जिससे कि आप डैंड्रफ को अपने सिर से हटाने में सफल हो पाएंगे। साथियों आइए जानते हैं वह कौन-कौन से उपाय है जिसके माध्यम से आप इस समस्या से समाधान पा सकते हैं।
डैंड्रफ क्या है?
रुसी
डैंड्रफ एक स्किन अथवा त्वचा से जुड़ी हुई समस्या है। जिसमें एक सफेद मृत कोशिका की चादर सी बन जाती है। जिसके वजह से बालों को समय-समय पर पोषण नहीं पहुंच पाता है।
मृत कोशिकाओं की परत को आप आसानी से देख सकते हैं, यदि यह समस्या इसी तरह से चलती रही तो इनमें फंगस तथा जीवाणु संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या से लगभग सारे लोग परेशान रहते हैं, परंतु इसका जल्द से जल्द निराकरण भी कर लेते हैं।
डैंड्रफ होने के क्या क्या कारण है
दोस्तों वैसे तो डैंड्रफ होना एक आम बात है। इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार है।
यदि आपकी रूखी त्वचा है तो यह समस्या होना एक आम बात है। जिन लोगों की रूखी त्वचा होती है तो उनके मृत कोशिकाएं एक जगह इकट्ठा होने लगती है, जिससे एक मोटी सतह अथवा परत बनने लगती है इस परत के कारण बालोतरा आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिससे बालों का झड़ना चालू हो जाता है, इसी कारण से बालों में धीरे-धीरे डैंड्रफ जमना चालू हो जाता है।
प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण कारण है, पर्यावरण में जो गंदगी फैली हुई है, उसके बारीक कण आपके बालों पर चिपकने लगते हैं; जिससे वह धीरे-धीरे बालों की सतह में पहुंचने लगते हैं और एक पतली परत का निर्माण कर लेते हैं जिससे कि आपके सिर में एक डैंड्रफ जैसा पदार्थ उत्पन्न होना चालू हो जाता है।
बालो से रुसी हटाने के उपाय-Balo Me Rusi Ke Upay In Hindi
दोस्तों हमारे पूर्वजों ने भी इन घरेलू उपायों का उपयोग करके अपनी इस समस्या से निदान पानी की कोशिश की है। जिनमें से हम कुछ को भूल गए हैं तथा कुछ को अभी भी याद रखे हैं यह नुस्खे अथवा उपाय निम्नलिखित है।
रूसी का रामबाण इलाज है नीम का तेल-Neem Oil for Dandruff
डैंड्रफ के लिए हमें नीम का तेल भी उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल रसायन होते हैं जो डैंड्रफ के बैक्टीरियल कारण को मार देता है। आप नीम के तेल को 15 से 20 मिनट तक अपनी सिर में लगा के रखे उसके बाद आप शैंपू से बाल धो ले, तो आपको इस समस्या से निजात मिल जाएंगे।
नींबू का रस-Lemon for Dandruff
रूसी का रामबाण इलाज है नींबू का रस। यह भी एक एंटी डैंड्रफ होता है जिसके माध्यम से आप अपने सिर में लगभग 15 मिनट तक इस रस को लगाकर रखें उसके बाद स्वच्छ पानी से आप बालों को धो ले। तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके बाल काफी मुलायम तथा डैंड्रफ मुक्त हो गए हैं।
दही का उपयोग- Curd for Dandruff
आप अपने बालों के लिए दही का उपयोग भी कर सकते हैं। इसमें एक विशिष्ट प्रकार का एसिड होता है। जिसके प्रभाव से डैंड्रफ की परत टूटने लगती है और वह धीरे-धीरे हट जाती है। इसका उपयोग करने का तरीका यह है कि आप 15 से 20 मिनट के लिए दही को अपने सिर में लगा कर छोड़ दे, फिर शैंपू के मदद से आप अपनी बात धोले तत्पश्चात आप देखेंगे कि आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा कम हो गई है।
सेब का सिरका-Apple Cider Vinegar for Dandruff
सेब का सिरका यह भी एक तरह का एंटी डैंड्रफ सिरका होता है, जिसको आप दो से चार चम्मच पानी में घोलकर अपने सिर में लगाते हैं तो डैंड्रफ की समस्या से निजात पा सकते हैं। यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे की होती है।
एलोवेरा-Aloe Vera For Dandruff
एलोवेरा को लगभग सभी लोग जानते हैं। एलोवेरा जेल आप अपने सिर में 15 मिनट के लिए लगाकर रखें और इसे सुखा लें इसके बाद आप अपने बाल धो लेते हैं, तो आपके सिर में डैंड्रफ की मात्रा काफी कम नजर आएंगी।
नीम और तुलसी-Neem And Tulsi for Dandruff
नीम और तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर उबाले और उसे बालो में लगाए। आप उसे 10 मिनट तक लगा कर रखे आपको काफी हद तक फायदा होगा। आप यह प्रक्रिया सहप्ते में 2 से 3 बार अपना सकते है।
मुल्तानी मिटटी-Multani Mitti For Dandruff
मुल्तानी मिटटी का भी उपयोग कर सकते है। आपको यह मिटटी सम्पू की तरह अपने बालो में लगाना आप देखेंगे की इस से रुसी बहुत कम हो जाएगी। चाहो तो आप यह प्रक्रिया सहप्ते में २ बार अपना सकते है।
आज के समय में कम उम्र में ही बालों का सफेद होना एक आम बात है। आजकल की दौड़ भाग भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न होने लगते हैं, जिनमें से बालों का सफेद होना चालू हो जाता है। साथियों इस आर्टिकल के माध्यम में हम सफेद बालों से छुटकारा पाने के तरीको के बारे में विस्तृत जानकारी आपको देंगे तथा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।
आजकल मानो यह एक गंभीर समस्या बनते जा रही है, क्योंकि हर तीसरे या चौथे व्यक्ति के बाल कम समय में अथवा असमय में सफेद होने लगे हैं। आजकल तो यह समस्या 14 साल की बच्चे में भी दिखाई देने लगी है। ज्यादातर इसका निवारण लोग रसायन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल कर करते हैं, परंतु यह रसायन हमारे बालों के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि इन रसायनों का इस्तेमाल करने पर हमारे शरीर में इसके दुष्प्रभाव पड़ने लगते हैं तथा हमें अपने घरेलू उपायों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
आइए जानते हैं बाल सफ़ेद होने के कारण क्या है और कौन-कौन से घरेलू उपाय हैं जो सफेद बालों से छुटकारा दिला सकते है।
सफेद बाल
बाल सफ़ेद होने के कारण-Baal Safed Hone Ke Karan
दोस्तों इसके कई कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं।
बालों का सफेद होना अपने खानपान पर भी निर्भर करता है यदि हम संतुलित आहार नहीं ले रहे हैं तो हमारे बाल सफेद हो सकते हैं। भोजन में हमें आवश्यक सभी प्रकार के तत्वों की पूर्ति करना चाहिए जो लोग खानपान में इन सारी बातों तथा आवश्यक तत्वों का ध्यान नहीं रखते हैं तो इसका असर आपके बालों में दिखाई देता है।
यह भी एक कारण है कि हमारी दैनिक जीवन की गतिविधि जिसके वजह से हम दिन भर अपने कामों में उलझे रहते हैं और नियमित रूप से अपने बालों का तथा शरीर का ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस कारणवश इसका असर बालों पर नजर आता है यह एक महत्वपूर्ण समस्या बन जाती है।
जो लोग तनाव में रहते हैं तथा वह बहुत जल्द ही डर तथा घबरा जाते हैं तब यह समस्या उत्पन्न होना चालू हो जाती है।
अनुवांशिकता एक महत्वपूर्ण कारण है जिसके वजह से बाल सफेद होते हैं दोस्तों यदि आपके परिवार या आपके पूर्वजों में यह समस्या चली आ रही है तो आपके भी बाल सफेद होंगे।
जैसे-जैसे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ते जा रहा है, वैसे वैसे ही इसका दुष्परिणाम हमारे शरीर पर आ रहा है, परंतु इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी त्वचा तथा बालों पर पड़ता है। इस दूषित पर्यावरण से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
बाजार में रसायन युक्त शैंपू, कंडीशनर, डाई आदि पदार्थ बढ़ रहे हैं। जिनमें बहुत मात्रा में रसायनों का उपयोग होता है जिससे बालों का सफेद होना निश्चित होता है।
बाजार में मौजूद विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल का भी हम लोग बहुत इस्तेमाल करते हैं इनमें उपस्थित रसायनों की वजह से हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
बाल काले करने के घरेलू उपाय-Baal Kale Karne Ke Gharelu Upay
मेहंदी के पौधे से पत्तियां तोड़ कर उसे पीसकर मेहंदी तैयार करें और अपने बालों में लगाना चाहिए इससे आप सफेद बालों पर बहुत हद तक नियंत्रण पा सकते हैं।
यदि आप अपने खान-पान में कढ़ी के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे, यह आपके बालों के लिए लाभदायक होते हैं।
सिर में नारियल के तेल की मालिश करना यह भी तेल की मालिश एक घरेलू उपाय है, करने से तेल बालो की जड़ तक जाता है जिसे बालो को पूरे नुट्रिएंट मिलते है जिसे बाल सफ़ेद नहीं होते है, जिससे हम इस समस्या से निदान पाने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।
सफ़ेद बालो को रोकने के लिए काली मिर्च को पानी के साथ उबालकर अपने बालो में लगाए। इस घोल को 15 से 20 मिनट अपने बालो में लगा कर रखे, फिर उसे ठंडे पानी से धो ले, यह प्रक्रिया सहप्ते में दो बार करे आप देखेंगे की आपके सफ़ेद बाल काफी हद तक काम होंगे है।
चाय पत्ती का पानी यह भी एक घरेलू उपाय है जिसके माध्यम से आप अपने बालों को चमकदार तथा रेशमी बना सकते हैं चाय पत्ती का पानी आप सस्ते में एक या दो बार उपयोग में लाए और 15 से 20 मिनट इसे सूखने के लिए रख दें आप देखेंगे कि आपके सफेद बालों पर काफी हद तक काबू में कर सकते हैं।
चुकंदर का रस यह भी एक घरेलू नुस्खा है इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से हम अपने बालों को पोषण प्रदान करते हैं, जिसके वजह से यह हमारे बालों को स्वस्थ बनाकर रखते हैं बालों का स्वस्थ होना ही सफेद बालों को दूर रखने का एक तरीका होता है।
Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न
बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?
बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले।अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।
बालो का झड़ना कैसे रोक सकते हैं?
संतुलित आहार, नियमित तेल, बालो की कंडिशनिंग करके और तनाव से दूर रहकर बालो का झड़ना रोक सकते है।
हमारे बॉडी मे बहुत से कोशिकाओं होती है इन्हे सही से काम करने के लिए किसी भी प्रकार की रुकावट नही चाहिए होती है। परंतु व्यक्ति के गलत खान पान के कारण शरीर मे बहुत सी बीमारिया पैदा हो जाती है। बहुत बार व्यक्ति ऑइल की चीजे ज्यादा खाता है जिससे उसके बुरे प्रभाव उसके शरीर पर पड़ते है। ज्यादा ऑइल का खाना शरीर मे कोलेस्ट्रोल की समस्या पैदाकर देता है। कोलेस्ट्रोल की समस्या से मोटापा, सिर दर्द, सांस फूलना, बेचेनी, सिने मे दर्द, हार्ट के बीमारी आदि होने लगती है। जब कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तो यह बीमारिया आम तोर पर होना शुरू हो जाती है। इसके लिए व्यक्ति बहुत से उपाय करने लगता है जिससे कोलेस्ट्रोल कम किया जा सके। तो आइये जानते है कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें ।
कोलेस्ट्रॉल क्या है?
कोलेस्ट्रोल एक वसा से भरा तरल की तरह होता है, जो हमारे लिवर से पैदा होता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं की दीवारों, हॉर्मोस को बनाये रखने मे, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच के लिए जरूरी होता है। बॉडी मे दो तरह के कोलेस्ट्रोल होते है जैसे एक अच्छा दूसरा बुरा। अच्छा कोलेस्ट्रोल काफी हल्का होता है, बुरा ज्यादा गाढ़ा होता है जो हमारे आर्टरी की दीवारों पर जमा होता है। इससे खून का बहाव रुक जाता है।
कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें-Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए हमने नीचे कुछ खाद्य सामाग्री के बारे मे बताया है जिससे व्यक्ति आसानी से अपने बढ़ते हुये कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है। चलिये जानते है कैसे?
ऑलिव ऑयल
कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए ऑलिव ऑयल का उपयोग करना चाहिए क्यूकी इसमे अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के लेवेल को कम करने के गुण होते है जो कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने से रोकते है। यह हमारे शरीर मे ऑर्टरी को मजबूत बनाए रखता है।
ऑलिव ऑयल हमारे हार्ट के लिए भी सही होता है।
ऑलिव ऑयलब्लड प्रेशर व शुगर के लेवेल को बनाए रखता है। ऑलिव ऑयल का लगातार 6 महीने से ज्यादा काम मे लेने से यह आपका 8-10% कोलेस्ट्रोल घटा देता है।
नींबू
नींबू को कोलेस्ट्रोल कम करने का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमे घुलनशील फाइबर होते है जो हमारे पेट के लिए अच्छे होते है।
नींबू
यह हमारे पेट मे कोलेस्ट्रॉल को खून के साथ मिलने से रोकने मे मदद करता है। इसके अंदर पाये जाने वाला विटामिन सी खून की नालियो की सफाई करता है। यह हमारे बड़े हुये कोलेस्ट्रोल को बाहर निकाल देता है। इसके आप खटे फलो को खा सकते है, क्यूकी इनमे एंजाइम्स होते है जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करते है, जिससे आप कोलेस्ट्रॉल को घाटा सकते है।
सोयाबीन और दालें
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए व्यक्ति को अंकुरित चीज़ों को खाना चाहिए, इसलिए सोयाबीन और दालें का सेवन करना जरूरी है, क्यूकी अंकुरित अनाज मे खून मे पाये जाने वाले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने मे लिवर की सहायता करता है।
यदि इन चीज़ों को सही से सेवन नही किया जाता है तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ा भी सकती है।
ओट्स
ओट्स मे मोजूद फाइबर हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है। ओट्स मे बीटा ग्लूकॉन होता है जो हमारी आंत की सफाई करता है।
जिससे हमारी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म कर देता है। यदि इसका लगातार सेवन करते रहने से यह 3 महिनो मे ही 6-7 % कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है।
लहसुन
लहसुन को आम तौर पर बहुत से बीमारी के काम मे भी लिया जाता है। इसमे पाये जाने एंजाइम्स कोलेस्ट्रॉल को घटाने मे मदद करते है।
यदि हम लहसुन का रोजाना सेवन करते है तो लगभग 10-15% तक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है। यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय है ड्राई फ्रूट्स
कुछ ड्राई फ्रूट्स जिनमे फाइबर पाये जाते है जैसे पिस्ते, अखरोट और बादाम आदि है। इन ड्राई फ्रूट्स मे ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे हमारी मदद करता है।
इसमे फाइबर ज्यादा होता है ,जो हमे पेट के भरे रहने का अहसास करवाते है। इससे फालतू की चीजे खाने से बच सकता है।
फिटकरी के बारे में किसी को बताने की जरूरत नही, ज्यादातर घरों में फिटकरी किसी न किसी काम के लिए रखी ही होती है। कलरलेस और दानेदार दिखने वाले इस पदार्थ को साइंस की भाषा मे साधारण ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ (KAl(SO4)2.12H2O) कहते हैं। सामान्यतया इसे ‘एलम’ (Alums) नाम से जाना जाता है। फिटकरी की तासीर गर्म होती है। इस लेख में हम जानेंगे क्या है फिटकरी के गुण, फिटकरी से नुकसान और इस्तेमाल।
फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का साल्ट है। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।
फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है। फिटकरी के अलग अलग रूपो का प्रयोग अलग काम मे लिया जाता है।
पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया जाता था पुराने समय मे।
अमोनियम एलम : चिकने सफेद पत्थर की तरह दिखने वाली इस फिटकरी का प्रयोग कॉस्मेटिक या पर्सनल हाइजीन के लिए होता, जैसे आफ्टरशेव लोशन, पसीने की बदबू से छुटकारा और हाथों से जुड़े उत्पाद।
क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, यह पूरी तरह से केमिकल बेस्ड है और इसका प्रयोग इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।
सोडियम एलम : यह एक इनआर्गेनिक कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम भी कहते है। इसका उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है।
फिटकरी के गुण
फिटकरी में निम्न औषधीय गुण होते है।
एंटीबायोटिक (सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाला)
एंटी-ट्राइकोमोनस (प्रोटोजोवल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला)
एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला)
यूँ तो फिटकरी के अनगिनत फायदे आपको हर जगह पढ़ने सुनने को मिलेंगे। लेकिन क्या आप जानते है की फिटकरी से नुकसान कितने है।
तो आगे हम आपको बताएंगे कि फिटकरी के क्या क्या नुकसान होते है। ताकि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए फिटकरी का प्रयोग करे।
बहुत से लोग खांसी ज़ुकाम या नकसीर के लिए फिटकरी का प्रयोग करते है। जैसे फिटकरी का चूर्ण बना कर शहद के साथ लेना। लेकिन ध्यान रखे फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
अगर आप फिटकरी का प्रयोग अपनी त्वचा पर कर रहे है तो ध्यान रखे। फिटकरी घुले हुए पानी से आंखे धोने पर आंखों को नुकसान हो सकता है। इसे लगाने से स्किन और आंखों में जलन व रैशेज भी हो सकते हैं। क्योंकि पोटेशियम ऐलम (potassium alum) त्वचा को कमजोर कर सकता है। इसके कारण ड्राई स्किन, त्वचा में चकते, लाली जैसी समस्याए हो सकती है।
लगाने के अलावा फिटकरी खाने से भी नुकसान हो सकता है। इससे पुरुषों में वीर्य और फ्रक्टोज (semen and fructose) का स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर ज्यादा समय तक फिटकरी का सेवन किया जाए कैंसर और अल्जाइमर का खतरा हो सकता है।
अगर आप मुँह के छालों के लिए फिटकरी का प्रयोग कर रहे है, तो लार को गलती से भी ना निगले, बच्चो पर इस तरह का कोई प्रयोग ना करें।
ज़ुओं से मुक्ति के लिए आप फिटकरी पाउडर का उपयोग लगातार ना करें, इससे बाल रूखे और बेजान हो सकते है।
आफ्टर शेव लोशन के तौर पर आप फिटकरी का प्रयोग केवल घर मे करें। अगर आप नाई की दुकान पर जा रहे है तो इससे बचे। क्योंकि नाई एक ही फिटकरी का प्रयोग सबके चेहरे पर करता है जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।
कुछ लोग दावा करते है कि रात को फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग गोरा होता है। यदि ऐसा होता तो कॉस्मेटिक का बाजार इतना बड़ा नही होता। रंग गोरा हो ना हो पर लगातार फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग काला जरूर हो सकता है। क्योंकि चेहरे की त्वचा बहुत नाजुक होती है।
योनि में कसावट के लिये भी महिलाएं फिटकरी का प्रयोग करती है, पर हमारा मानना है कि इसके लिए कीगल एक्सरसाइज से बेहतर कुछ नही हौ। इतनी संवेदनशील भाग पर किसी तरह का एक्सपेरिमेंट ना ही किया जाए तो बेहतर होगा।
फिटकरी को रखने का सही तरीका
दानेदार फिटकरी या फिटकरी के टुकड़े को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए, इससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है।
यूज़ करने के बाद इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में ही रखे।
फिटकरी पाउडर की बात करें, तो इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखा जाना चाहिए।
उम्मीद है फिटकरी पर लिखा ये आर्टिकल आपको जरूर पसन्द आया होगा, और फिटकरी का उपयोग करने से पहले आप इसके नुकसानों पर एक नजर जरूर डालेंगे। साथ ही इसके प्रयोग से पहले अपनी स्वास्थ्य और शरीरिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
उपयोग करने के कारण कोई समस्या होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें, घरेलू उपायों में समय बर्बाद ना करें।
गन्ने का सिरका गन्ने के रस से बनाया जाता है। गन्ने के रस को एक मिटटी के बर्तन में एक महीने के लिए धुप में रखा जाता है। बर्तन के मुँह के ऊपर एक मलमल का कपडा बांध कर एक महीने तक धुप में रखते हैं फिर उसे ठंडा करके काँच की बोतल में भरकर दो तीन लाल मिर्ची डाल कर रख देते है। गन्ने का सिरका तैयार है। गन्ने का सिरका बहुत गुणकारी होता है। वैसे तो गन्ने का सिरका के फायदे अनगिनत हैं यहाँ हम सिरका के उपयोग के बारे में जानेंगे।
गन्ने का सिरका के फायदे
सिरके के लाभ बड़े हुए लिवर व वजन को कम करने में
गन्ने का सिरका रक्त वसा को कम करता है जो बड़े हुए लिवर व वजन को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर के वजन बॉडी मास,व सीरम ट्राई ग्लिसरॉइड का स्तर कम करने में मददगार होता है। यह दैनिक चपापचप सिंड्रोम की रोकथाम करता है। यह सीरम एच डी एल के स्तर में वृद्धि करता है व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
सिरके का उपयोग त्वचा के लिए
त्वचा के दाग धब्बों के लिए सिरका जादू जैसा कारगर होता है। प्याज के रस में सिरका मिलाकर चेहरे के निशानों पर लगाने सेचेहरे के निशान कुछ ही दिनों में निशान गायब हो जाते हैं।
सिरके के फायदे उच्च रक्त चाप में
सिरके का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है। व रक्तचाप कंट्रोल में रहता है।
सिरके के फायदे गले की सूजन व जलन को दूर करने में
सिरके में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते है व गले की सूजन कम करते है। जिसके कारण गर्म पानी में सिरका मिलाकर कुल्ला करने से गले की खराश व सूजन कम होती है।
सिरके का पेट दर्द में उपयोग
एसिडिटी के कारण होने वाले पेट दर्द मे आधा चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से पेटदर्द में राहत मिलती है।
सिरके के लाभ दस्त या कब्ज में
दस्त या कब्ज होने पर सलाद या पानी में सिरका मिलकर पीने से दस्त और कब्ज में आराम मिलता है।
सिरके के फायदे जहरीले कीड़े के काटने पर
जैली फिश का जहर सबसे हानिकारक विष में से एक माना जाता है। सिरका जैली फिश के विष के प्रभाव को कम कर देता हैं क्योकि सिरका जहरीले विष के हानिकारक प्रोटीन को तोड़ देता है अतः घाव में सिरका भरने से विष का प्रभाव तत्काल कम हो जाता है।
सिरके का उपयोग लू से बचाव में
गर्मियों की लू से बचने के लिए सिरका बहुत प्रभावी होता है सिरके को प्याज में मिलाकर खाने से लू नहीं लगती है।
सिरके के फायदे बालों के झड़ने में
बालों की समस्याओ के समाधान के लिए भी सिरका बहुत उपयोगी होता है। पानी में सिरका मिलाकर बाल धोने से बाल नहीं झड़ते हैं। क्योकि यह बालों को पोषण प्रदान करता हैं।
बालों के झड़ने में
सिरका है इन्फ़ेक्शन रोधी
सिरका सर के फोड़े फुंसी फंगल इन्स्फेक्शन के लिए भी बहुत कारगर होता है यह सर के इंफेक्शन को दूर करता है। सिरकेवाले पानी से बाल धोने से सर के फोड़े फुंसी दूर होते हैं।
सिरका है रक्त शोधक
रक्त साफ़ न होने के कारण चेहरे पर होने वाले फोड़े फुन्सी की रोकथाम के लिए भी सिरका राम बाण होता है। सिरका पानी में मिलकर पीने से रक्त साफ़ होता है।
सिरका हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता हैं
सिरका गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
सिरके का उपयोग हिचकी रोकने में
लगातार आती हिचकियों से परेशान हो तो एक चम्मच सिरके से तुरंत लाभ मिलता है।
सिरका है उपयोगी पथरी में
मूत्र में अधिक अम्ल होने के कारण एसिड या ऑक्स्लेट के स्टोन बन जाते है। यह स्टोन पथरी होती है। सिरका मूत्राशय को क्षारीय बनाता है जिससे किडनी के स्टोन तोड़ने में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी में गन्ने के सिरके के सेवन से एक महीने में फायदा मिलता है।
गन्ने का सिरका है पीलिया में फायदेमंद
गन्ने के सिरके को पीलिया में लेने से तत्काल आराम मिलता है।
गन्ने के सिरके के फायदे आँखों की रोशनी बढ़ाने में
गन्ने के सिरके के नियमित सेवन से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
गन्ने के फायदे पाचन में
गैस बनने पर सिरका पानी में मिलाकर लेने से हाजमा दुरुस्त करने में गन्ने का सिरका बहुत लाभदायक होता है।
गन्ने का सिरका है एक अच्छा प्रिजर्वेटिव
गन्ने का सिरका एक बहुत अच्छा प्रिजर्वेटिव होता है। अचार में सिरका डालने से अचार खराब नहीं होता।
सिरका है एक हेअर कंडीशनर
बालो के लिए सिरका एक हर्बल कंडीशनर होता है. बालों को धोने के बाद सिरका मिले पानी से बाल निथारने से बालों में चमक आती है।
सिरका है उपयोगी कपड़ों का रंग बरक़रार रखने में
सिरका मिले पानी से कपडे धोने से कपडे रंग नहीं छोड़ते व उनकी चमक बरक़रार रहती है तथा वे लम्बे समय तक नए रहते है।
सिरका कैल्शियम को शोषित करने में मददगार
सिरका आहार में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा शोषित करता है|
सिरका है उपयोगी कैंसर से बचाव में
कैंसर रोगियों के लिए गन्ने का सिरका बहुत उपयोगी होता है। यह शरीर में पोटेशियम व अन्य उपयोगी खनिज पदार्थ की कमी पूरी करता है।
अल्जाइमर एवं डिमेंशिया में लाभकारी
अल्जाइमर एवं डिमेंशिया ऐसी बीमारियां हैं जिनमे मरीज की याददाश्त व सिखने की क्षमता धीरे धीरे काम होने लगती है सिरके के सेवन से डिमेंशिया के दौरान संज्ञानात्मक कार्य में सुधार कर सकते है।
दादी नानी के ज़माने से सिरके के ऐसे ही न जाने कितने छोटे बड़े फायदे हैं। जिन्हे हम अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं एवं अपनी दिनचर्या से जुडी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान कर सकते है।
Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न
गन्ने के सिरके में क्या क्या पड़ता है?
.सिरका तैयार करने के लिये लीटर गन्ने के रस को उबाल लिया जाता है। .खमीरन डालकर इसे खमीर बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। .ठंडा होने के एक दिन बाद खमीर मिलाया जाता है। .इसके बाद इस जूस को तीन-चार दिन के लिए एक ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच हो। .फिर इसे छानकर साफ बर्तन में निकाल लिया जाता है और छठे दिन इसमें विशेष बैक्टीरिया वाला तरल पदार्थ साथ ही इसमें पुराना तैयार सिरका की कुछ मात्रा भी मिला दी जाती है। .7 से 14वें दिन इस पर झिल्ली बन जाती है जिसे हटा कर ठंडे स्थान पर रख दिया जाता है।फिर सिरके को इस्तेमाल में लाते हैं।
सिरके के क्या फायदे हैं?
अक्सर हमलोग सिरके का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही करते हैं।लेकिन सिरका हमारे लिए किसी औषधि से कम नहीं है। स्वास्थ्य के लिहाज से सफेद सिरका और सेब के रस से बना सिरका बहुत फायदेमंद होता है. सिरके का इस्तेमाल रूप निखारने से लेकर कई छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है. सिरके के फायदे: .सिरके का इस्तेमाल कंडिशनर के रूप में करें। .अगर आपको लगातार हिचकियां आ रही है तो एक चम्मच सिरका पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। .गले की खराश को दूर करने के लिये। .मांस-पेशियों की तकलीफ में राहत के लिए,सिरके से मसाज करें। .रोजाना एक निश्चित मात्रा में सिरके का सेवन कर मोटापा कम कर सकते हैं।
सिरका पीने से क्या नुकसान होता है?
सिरका पीने के फायदे बहुत है तो नुकसान भी है। .भूख में कमी की समस्या हो सकती है। .इससे मतली की समस्या भी हो सकती है। .ज्यादा एसिटिक खाद्य या पेय पदार्थों से दांत संवेदनशील हो सकते हैं। .सिरके का सेवन दांत खराब कर सकता है। .इससे संवेदनशील त्वचा पर जलन या रैशेज की समस्या भी हो सकती है। इसलिए, त्वचा पर इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। .गर्भवती महिलाओं के लिये भी हानिकारक होता है। इसलिए जब भी सिरके का इस्तेमाल करें तो एकबार जरूर डॉक्टर से सलाह लेकर ही सिरके का सेवन करें।
गन्ने का सिरका कैसे बनाए?
बाजार में मिलने वाला सिरका सेहत के लिये काफी नुकसानदेह है इसलिए हमसभी को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में स्वस्थ के प्रति सचेत रहना चाहिये।इसलिए घर पर ही गन्ने से आसान तरीके से सिरका तैयार कर इस्तेमाल करना चाहिए। आइये जानते हैं विधि- .सिरका तैयार करने के लिए गन्ने के रस को उबाल लें। .गन्ने के रस को मिट्टी की हांडी में भर दें। .अब इस हाँडी को एक साफ व सूती कपड़े से बांधकर रोज़ तेज़ धूप में रखें। .इस प्रक्रिया को तकरीबन एक महीने तक दोहराएं और इसके बाद इस सिरके को छानकर एक कांच की बोतल में भर दें। .और फिर इसमें तीन सूखी लाल मिर्च डालकर बोतल को बंद कर दें। बहुत आसान विधि से उपयुक्त तरीके अपनाकर घर पर ही सिरका तैयार कर सकते हैं।