क्यों छोड़े धुम्रपान, क्या है बीड़ी छोड़ने के फायदे? सिगरेट छोड़ने के फायदे?

बीड़ी छोड़ने के फायदे

धूम्रपान एक ऐसी आदत है जिसे अच्छा कोई नही मानता, लेकिन करते ज्यादातर लोग है। धूम्रपान के फायदे कोई नहीं है बस नुकसान है है, सब इसके नुकसान जानते है लेकिन छोड़ना नही चाहते। यहां तक कि नई जनरेशन धूम्रपान को स्टाइल स्टेटमेंट मानने से भी गुरेज नही करती। धूम्रपान को ग्लोरीफाई करने में बहुत बड़ा हाथ फिल्मों, वेब सीरीज और नाटकों का भी है।

धूम्रपान के नुकसान तो सभी जानते है। लेकिन क्या आप जानते है कि जब आप धूम्रपान छोड़ते आपके शरीर पर क्या इफ़ेक्ट आता है।
आज इस आर्टिकल में हम आपको सिगरेट छोड़ने के फायदे बताएंगे।

धूम्रपान छोड़ने से शरीर में होने वाले बदलाव

धूम्रपान छोड़ने या आखिरी सिगरेट, बीड़ी पीने के बाद मिनट दर मिनट आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ने लगता है। जिसे लोग धूम्रपान के फायदे समझ लेते हैं, आइए, जानते हैं कि धूम्रपान छोड़ने के बाद कितने समय में हमारे शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं।

आपको धूम्रपान से होने वाली गम्भीर बीमारियो का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। धूम्रपान से होने वाले रोग जैसे, सर्वाइकल कैंसर, मुंह, गले और ब्लैडर का कैंसर, पैंक्रियाज और वॉइस बॉक्स का कैंसर, लंग कैंसर

धुम्रपान छोड़ने के फायदे-Bidi Chodne Ke Fayde

अब आपको संक्षेप में बीड़ी छोड़ने के फायदे मतलब धूम्रपान छोडने के फायदे बताते है।

ओरल हेल्थ

धूम्रपान छोड़ने का असर आपके ओरल हेल्थ पर दिखाई देता है। आपके दांत भद्दे ओर काले रंग से साफ हो जाते है। सांसो से बदबू नही आती। आपका स्वाद बेहतर बनता है।

धूम्रपान छोड़ने से शरीर में हानिकारक केमिकल का स्तर कम होता है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।

उम्र बढ़ाए

धूम्रपान छोड़ना आपके जीवन काल मे कुछ स्वास्थ्य से भरपूर वर्ष जोड़ देता है। आप अपने लक्ष्य और मंजिल के प्रति उत्साह पूर्वक अग्रसर हो सकते है।

जवां दिखाए

धूम्रपान से त्वचा निस्तेज होती है, चेहरे पर असमय झाईआ और झुर्रियां दिखती है। धूम्रपान छोड़ने से बॉडी को ऑक्सीजन के द्वारा भरपूर न्यूट्रिशन मिलता है। जिससे त्वचा चमकदार होती है, झाइयां दूर होती है और आप खुद को जवां महसूस करते हो।

फर्टिलिटी बढ़ाए

धूम्रपान छोड़ने से यौन शक्ति बढ़ने के साथ साथ स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी बढ़ती है। फर्टिलिटी इम्प्रूव होती है। महिलाओं में यूट्रस लेयर बेहतर बनती है।

डिप्रेशन कम होता है

लोग कहते है कि धूम्रपान करने से तनाव कम होता है। जबकि यह पूर्णतया गलत है। जो चीज़ शरीर को नुकसान पहुँचा रही है वो मानसिक शक्ति को कमजोर ही करेगी।

इसलिए धूम्रपान छोड़ने से आपको तनाव, अवसाद और डिप्रेशन से आराम मिलेगा। जो की धूम्रपान के फायदे नहीं है बल्कि नुकसान है।

एनर्जी बढ़ाये

धुम्रपान छोड़ने से बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो बहुत बेहतरीन हो जाता है। जिससे पूरे शरीर को विटामिन्स एंड मिनरल्स अच्छी तरह से मिलते है। जिससे आपको एक नई ऊर्जा का अहसास होगा।ऑक्सीजन की इस भरपूर आपूर्ति के कारण मसल्स भी मजबूत होती है, इस कारण किसी भारी काम को करने की क्षमता बढ़ जाती है।

ये थे धूम्रपान छोड़ने के फायदे अब आप समझ ही गए होंगे। धूम्रपान छोड़ने के केवल फायदे है नुकसान नही होता।

धूम्रपान क्या होता है

धूम्रपान एक नशा है। जिसे हमारे पूर्वज भी करते आए हैं तंबाकू एक पत्ता है जिसे सुखा कर खाने से या उसको जलाकर उसके धुए को सूंघने ने से या घूंट मार कर पीने से नशा होता है। पहले लोग तंबाकू को हुक्के में डालकर पिया करते थे। इसमें हुक्के में नीचे अंगार रखे जाते थे जोकि गोबर के कंडे के होते थे। उसके ऊपर तंबाकू रखा जाता था और फिर एक लंबी सी डंडी से उस तंबाकू को घूंट घूंट कर के पिया जाता था।अब लोग बीड़ी या सिगरेट पीना पसंद करते हैं

धूम्रपान के बाद फेफड़ों को कैसे साफ करें?

धूम्रपान के बाद फेफड़ों को साफ करने के लिए कुछ लोग अदरक या इलायची चबाते हैं। ऐसा वे धुए की दुर्गंध उनके मुंह में लंबे समय तक ना बनी रहे इसलिए करते हैं। इसके साथ साथ ये उत्पाद आपके फेफड़ों को सुरक्षित रूप से साफ करने का काम करते हैं । अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जोकि आपके फेफड़ों को साफ करने में मदद करते हैं। इलायची, हल्दी, सेब लहसुन, ग्रीन टी आदि ऐसे ही प्राकृतिक उत्पाद है। जिनके औषधीय गुण फेफड़ों को साफ करने में मददगार होते हैं। ये शरीर को अंदर से डिटॉक्सिफाइड करते हैं। यदि आपने हाल ही में स्मोकिंग छोड़ दी है, तो फेफड़ों को पहले की तरह साफ और स्वस्थ करने के लिए एक्सरसाइज करें, हर दिन 8-10 गिलास पानी पिए, एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर फ़ूड जैसे पालक, ब्लूबेरी, ग्रीन टी, चैरी, बादाम और ऑलिव का सेवन करे।

धूम्रपान क्यों नहीं करना चाहिए

धूम्रपान करने से हमारे शरीर में निकोटीन और अन्य कई खतरनाक रसायनिक पदार्थ अपनी जगह बनाने लगते हैं। इस धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि अनेक रेडियोधर्मी यौगिक तत्व पाए जाते हैं। हमारे फेफड़ों में इन यौगिक पदार्थों की एक परत बनने लगती है। और कुछ समय बाद हमारे फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। जिसके कारण हमें 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। ।तंत्रिका तंत्र की बीमारियां होने लगती हैं। है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को थायराइड, कफ, खांसी, सांस फूलना, ब्लड प्रेशर आदि रहने लगत है।मधुमेह और आंखों की समस्याएं भी रहने लगती है।

धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है?

यदि आप चेन स्मोकर है और हर 20 मिनट बाद धूम्रपान करते है। तो अगर आप आधे घण्टे से एक घण्टे तक धूम्रपान नही करेंगे तो आपकी हृदय गति, पल्स रेट और ब्लड प्रेशर सामान्य स्थिति में आने लगेगा। यदि आप लगातार 8 से 10 घण्टे धूम्रपान न करे तो आपके खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल कम होता चला जायेगा 24 से 48 घंटे बाद शरीर में ऑक्सीजन की क्वालिटी और क्वांटिटी सामान्य होने से ब्लड वेसल्स स्वस्थ होने लगती हैं। जिससे फेफड़े म्यूकस और अन्य स्मोकिंग के कणों को बाहर करके साफ होने लगते हैं। 72 घण्टे से 1 महीने बाद फेफड़ों की कार्यक्षमता सुधरने लगती है। जिससे आपको वाकिंग, रनिंग, एक्सरसाइज करने में होने वाली परेशानी कम हो जाती है और सांस फूलना कम हो जाता है। 9 महीने से एक साल बाद आपके शरीर मे किसी भी प्रकार का टॉक्सिन्स नही बन पाता। और आपको दिल की बीमारी होने का खतरा स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति के मुकाबले आधा हो जाता है। यदि आप डेडिकेशन से धूम्रपान छोड़े रखते है तो, आपका शारीरिक सिस्टम एक कभी भी धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के जैसे काम करने लगता है।

धूम्रपान करने से कौन सा रोग होता है?

सही मायनों में धूम्रपान एक धीमा जहर है, जो विषैले तत्वों को शरीर मे प्रवेश कराता है। इसके नुकसान इग्नोर करने का सबसे बड़ा कारण है इसका बुरा असर देर से दिखाई देता है। इंसान की आंखे तब खुलती है जब वो कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, लंग इंफेक्शन जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है।

तंबाकू के फायदे

तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है जोकि अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग धूम्रपान का सेवन करते हैं उनको अल्जाइमर होने की संभावनाएं काफी कम होती है। इसके अलावा धूम्रपान करने वाले लोगों को लगता है कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उनको कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। कुछ महिलाएं इसे महिला सशक्तिकरण का प्रतीक मानने लगी है। धूम्रपान को लोग एक तनाव मुक्ति एवं मनोरंजन का साधन मानते हैं , कार्य की थकान से खुद को रिलैक्स करने के लिए भी वे धूम्रपान करते हैं।

धूम्रपान के नुकसान

धूम्रपान करने से निकोटीन हमारे फेफड़ों से होता हुआ हमारे पूरे शरीर में फैलने लगता है। जिसके कारण धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को कैंसर व अनेक बीमारियां हो जाती हैं। मुख्य तौर पर यह कैंसर गले का कैंसर फेफड़ों का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर होता है । तंत्रिका तंत्र की समस्याएं, हृदय रोग, टीवी और फेफड़ों की अन्य बीमारियां भी हो सकती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को खांसी और कफ, दमा की समस्या तो हमेशा ही रहती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, थायराइड वा मधुमेह की संभावना सर्वाधिक होती है।धूम्रपान करने से मोतियाबिंद भी हो सकता है।

अचानक से सिगरेट छोड़ने के नुकसान

जब आप अचानक से सिगरेट छोड़ते हैं तो आपके शरीर मैं बेचैनी और चिड़चिड़ापन होने लगता है। आपके आपके हाथ पैर कांपने लगते हैं। ‌ सिगरेट ना मिलने पर आप व्याकुल होने लगते हैं। आप के सर में चक्कर आते हैं वे हर दर्द रहने लगता है। आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। आपको काफी गुस्सा आता है। आप चिड़चिड़े हो जाते हैं और आपका मन उदास रहता है। खाना खाने का मन नहीं करता। कुछ लोगों को बहुत भूख लगती है। मुंह में छाले रहने लगते हैं। कब्ज सर्दी जुकाम खांसी आदि भी समस्याएं होने लगती है।

सीगरेट पीने के बाद क्या खाना चाहिए

धूम्रपान के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हमारे फेफड़ों को होता है। हमारे पास कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जो फेफड़ों को साफ करते हैं और इस नुकसान को कम करने का प्रयास करते हैं। हमें धूम्रपान के बाद अपने भोजन में इन सभी का प्रयोग करने की आदत डाल लेनी चाहिए। ग्रीन टी एक ऐसा पेय पदार्थ है जो कि एन्टीआक्सीडेंट से भरपूर है। हरी पत्तेदार सब्जियां हमारे शरीर की रक्त वाहिनीयों को साफ करती है। इन्हें सलाद की तरह या भोजन में अवश्य लें। सेब एक ऐसा फल है जो विटामिन ऑन एंटी एक्सीडेंट से भरपूर होता है।

धूम्रपान छोड़ने की दवा

डॉक्टर आपको धूम्रपान छोड़ने की अनेक दवाई बताएंगे लेकिन अगर हम चाहे तो हमारे पास घर में भी काफी कुछ है। जिसे अपनाकर हम इस बुरी आदत को छोड़ सकते हैं। अगर हम जब धूम्रपान की इच्छा करें तब सौफ चबएं। अदरक आंवले का चूर्ण, मुलेठी का पाउडर को जब धूम्रपान की इच्छा हो तब थोड़ा-थोड़ा खा ले।।मूली के रस व शहद को मिलाकर दिन मैं दो बार पीये। धूम्रपान करने वाले लोगों की संगत से बचें। अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे तो कुछ समय बाद आपकी धूम्रपान करने की इच्छा अपने आप समाप्त हो जाएगी।

धूम्रपान कितने प्रकार का होता है?

एक्टिव स्मोकिंग में व्यक्ति स्वयं धूम्रपान करता है जिसके कारण उसे धूम्रपान के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। पैसिव स्मोकिंग में धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के कारण उसके साथ रहने वाले व्यक्ति को नुकसान होता है। पैसिव स्मोकर को लंग कैंसर का खतरा होने लगता है इसके अलावा पैसिव स्मोकर की इम्यूनिटी वीक होने लगती है। ऐसे व्यक्ति को दिल की बीमारियां भी रहने लगती है।

गर्भपात के बाद पीरियड कब आता है ? एबॉर्शन के बाद पीरियड कब आता है ?

गर्भपात के बाद महवारी कब आती है

गर्भपात के बाद माहवारी कब आती है -Garbhpat Ke Baad Period

गर्भपात पिल या सर्जरी किसी भी तरह से करवाया जाऐ या गर्भपात किसी भी वजह से हो, गर्भपात कराने के लिए एक महिला को शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है। गर्भपात के बाद पीरियड फिर से शुरू हो जाते हैं। यह माहवारी साधारण तरीके से 30 से 40 दिन के अंदर शुरू हो जाती है।

गर्भपात से पहले और बाद में शारीरिक हालत कैसी है, यह सब माहवारी को प्रभावित करता है। चालीस दिन के बाद अगर माहवारी नहीं आती तो एक और बार जांच करवानी जरुरी है। गर्भपात के समय अगर छोटे छोटे टुकड़े रह जाते है तो भी माहवारी नहीं आती और यह सेहत पर प्रभाव डालती है। इसका पूर्ण रूप से ध्यान देना जरुरी है।

गर्भपात के बाद कितने दिन तक पीरियड आता है?

गर्भपात के बाद मासिक धर्म सामान्य से अधिक या लम्बी मात्रा में हो सकती है। ऐसा नहीं कि हर महिला को एक ही तरीके से माहवारी होती है बल्कि हर एक के शरीर के तत्व और जीवन गति पर आधारित है।

गर्भपात के बाद पीरियड कितने दिन तक होते हैं ?

दवाई के जरिए गर्भपात होने पर माहवारी कब से शुरू होंगे इसका कोई निश्चित समय नहीं है। इसमें चार से आठ हफ्ते लग सकते हैं। अगर सर्जरी के जरिए गर्भपात करवाया गया है तो चार से छह हफ्ते में पीरियड्स आ सकते है। गर्भपात के बाद इस समय आपका पहला पीरियड पूरी तरह से आप पर और आपके शरीर पर निर्भर करता है।

वैसे गर्भपात के लगभग 4-6 सप्ताह के बाद से पीरियड्स शुरू होने की संभावना होती है। अर्थात जब आपका शरीर भ्रूण के खत्म होने के बाद दोबारा से पूरी तरह ठीक हो जाता है तब आपका पहला मासिक धर्म शुरू हो सकता है।

गर्भपात के बाद माहवारी
गर्भपात के बाद माहवारी

यदि गर्भपात के बाद पीरियड पहले शुरू हो जाता है तो घबराएं नहीं, लेकिन यदि इसे शुरू होने में देरी होती है तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।

यदि गर्भपात और प्रेगनेंसी से पहले आपके पीरियड की अवधि नियमित थी तो 4 से 6 सप्ताह का अंतराल पीरियड्स शुरू होने के लिए सही माना जाता है।

गर्भपात के बाद पहला मासिकधर्म कैसा हो सकता है?

गर्भपात के बाद आपका पहला पीरियड बहुत असामान्य हो सकता है क्योंकि इस दौरान आपका शरीर बहुत सारे बदलावों से उबरता है। इस समय आपके हॉर्मोन पूरी तरह से असंतुलित होंगे और गर्भपात के बाद एचसीजी हॉर्मोन का स्तर जीरो पर पहुँचने को होगा।

कभी-कभी आपका शरीर गर्भपात को भी पीरियड के समान ही समझ सकता है और आपका अगला मासिक धर्म बस कुछ दिनों के बाद ही शुरू हो सकता है।

आप अपेक्षा कर सकती हैं कि गर्भपात के बाद पहली बार होने वाले पीरियड में ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या बहुत कम हो सकती है। गर्भपात के बाद पहली बार पीरियड होने पर अत्यधिक ब्लीडिंग होना पूरी तरह से स्वाभाविक है।

आपको प्री-मेन्सट्रूअल सिंड्रोम के लक्षण और अपने शरीर में बहुत सी असामान्य चीजें दिखाई दे सकती हैं, जैसे अलग-अलग रंग का सर्वाइकल म्यूकस और ब्लड क्लॉट्स। इस डिस्चार्ज में बहुत तेज दुर्गंध भी आ सकती है। इसके अलावा दर्द के लिए भी खुद को तैयार कर लें क्योंकि गर्भपात के बाद पहले पीरियड में आपको अत्यधिक दर्द हो सकता है।

गर्भपात के बाद ब्लीडिंग जल्दी ही बंद हो जाती है जिसके बाद आपको कुछ दिनों के लिए थोड़ी बहुत स्पॉटिंग ही दिखाई देगी। फिर कुछ हफ्तों के बाद आपको हेवी ब्लीडिंग के साथ ऐंठन और स्पॉटिंग का भी अनुभव हो सकता है।

गर्भपात के बाद पहला पीरियड कब तक रहता है?

यह हर महिला में अलग हो सकता है और आप सामान्यतः इसे 4-7 दिनों में खत्म होने की अपेक्षा कर सकती हैं। चूंकि यह महिलाओं में अलग-अलग होता है इसलिए इसका निश्चित समय बता पाना मुश्किल है।

यह हर एक स्थिति में अलग हो सकता है, गर्भपात के पहले आपके पीरियड्स नॉर्मल थे या नहीं, गर्भपात से पहले आपकी गर्भावस्था कितने समय तक थी और अन्य स्थिति जिसका अनुभव आपने किया हो।

गर्भपात के बाद पहली माहवारी कितने समय तक चलती है?

इस दौरान आप एक महीने के लिए ब्लड स्पॉट का अनुभव कर सकती हैं और हाँ यह बहुत अजीब सी प्रक्रिया हो सकती है! पर आप किसी भी बात से न घबराएं। अपने शरीर को एडजस्ट करने के लिए समय दें और यह अपने आप ही ठीक हो जाएगा। इसमें समस्याएं बहुत कम होती हैं।

सामान्य प्रश्न

गर्भपात के बाद कितने दिन तक पीरियड आता है?, बच्चा खराब होने के बाद पीरियड कब आता है?

गर्भपात के बाद योनी से रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होना सामान्य बात है। यह एक आम लक्षण है और किसी भी प्रकार के अबॉर्शन (मेडिकल या सर्जिकल) के बाद लगभग दो हफ्तों तक ब्लीडिंग होना सामान्य है। सर्जिकल गर्भपात (सर्जरी के माध्यम से हुए) के बाद हल्का रक्तस्राव होता है, जबकि दवाइयों की मदद से हुए एबॉर्शन में लगभग 9 दिन तक रक्तस्त्राव हो सकता है। कुछ दुर्लभ मामलों में यह 45 दिन तक हो सकता है ।

गर्भपात के बाद पहली माहवारी कितने समय तक चलती है?

मिसकैरिज या गर्भपात के बाद हॉर्मोनल लेवल पर बहुत अधिक बदलाव होता है। इस हॉर्मोनल बदलाव के कारण ही पीरियड्स का समय भी घट- बढ़ जाता है। सभी महिलाओं को मिसकैरिज के बाद एक ही समय में पीरियड शुरू हो जाए, ये जरूरी नहीं है। ज्यादातर केस में चार से छह सप्ताह बाद तक पहला पीरियड आ जाता है। मिसकैरिज के बाद पहला पीरियड अधिक दर्दनाक या हैवी हो सकता है। और अधिक बदबूदार या तेज गंध वाला हो सकता है। इस बात को भी ध्यान में रखें कि अगर आपको मिसकैरिज के पहले समय पर पीरियड्स नहीं होते थे, तो मिसकैरिज के बाद भी ऐसा ही होगा। वहीं अगर आपको मिसकैरिज के पहले समय पर पीरिड्स होते थे, तो मिसकैरिज से चार से छह सप्ताह बाद भी रेग्युलर पीरियड्स शुरू हो जाते हैं।

गर्भपात के बाद आप कब ओव्यूलेट करते हैं?

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट की मानें तो,मिसकैरिज के दो सप्ताह बाद ही ओव्यूलेशन शुरू हो सकता है। मासिक धर्म या फिर पीरियड्स के पहले ही ओव्यूलेशन होता है, इसलिए महिलाएं मिसकैरिज के दो सप्ताह बाद तक फर्टाइल हो जाती हैं।

गर्भपात के बाद लक्षण

गर्भपात से गुजरने के बाद महिलाओं को कुछ शारीरिक लक्षणों के अनुभव होते हैं, जो सामान्य है। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं, योनी से भारी या हल्का रक्तस्त्राव,पेट में दर्द,उल्टी,दस्त,गर्मी या ठंड लगना,स्तनों में दर्द,भावनात्मक परिवर्तन..! गर्भपात के बाद के लक्षण हर महिला के लिए एक समान नहीं होते। कुछ मामलों में ये सामान्य से अधिक हो सकते हैं। ऐसे में गायनेकोलॉजिस्ट को तुरंत दिखाना जरूरी होता है।

गर्भपात के बाद सावधानियां

गर्भपात के बाद कुछ सावधानियां जरूरी हैं.. भरपूर नींद लें। भरपूर पानी पिएं। संतुलित आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, अदरक, लहसुन, तिल और दूध शामिल करें। जंक, प्रोसेस्ड फूड, शक्कर पेय और कोला से बचे, डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही विटामिन डी, आयरन और कैल्शियम जैसे सप्लीमेंट्स लें। हैवी वर्कआउट करने से बचें । वजन उठाने से बचने की सलाह दी जाती है। गर्म पानी का सेवन करें। गर्भपात के बाद पानी की कमी हो सकती है। इसलिए कब्ज से बचने और हाइड्रेटेड रहने के लिए गर्म पानी पिएं। बॉडी मसाज भी करवा सकती हैं,आखिरकार, आप इतने दर्द से गुजरी हैं, और आपको शांत और तनाव मुक्त रहने की जरूरत है। मालिश सुखदायक हो सकती है। सरसों या तिल के तेल का तेल इस्तेमाल करें। डॉक्टर की देखरेख में थोड़ा-थोड़ा व्यायाम करें। जब भी अधिक थकान महसूस हो, तो आराम करें।

गर्भपात के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है

गर्भपात के एक से दो महीने बाद पीरियड्स रेगुलर होना शुरु होते हैं। तीन से चार महीने के बाद गर्भ ठहर सकता है। डाक्टर कहते हैं कि एक महिला को सुरक्षित गर्भ के लिए अपने शरीर को वक्त देना चाहिए । गर्भपात के बाद एक महिला मानसिक और शारीरिक दोनों हीं रुप से कमजोर होती है। ऐसे में उसे जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए उसे पहले अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। उसके परिवार वालों को उसे सपोर्ट करना चाहिए ताकि वह जल्दी ही रिकवर कर पाएं। उसे कम से कम छह महीने के बाद ही गर्भधारण करना चाहिए।

गर्भपात के बाद पीरियड ना आए तो क्या करें

गर्भपात के बाद शरीर अंदर से कमजोर होता है। जब भ्रूण आपके शरीर से अच्छी तरह से बाहर निकल जाता है तब आपका शरीर पहले अंदर से खुद को मजबूत करता है। जब आप अंदर से स्वस्थ हो जाते हैं तब आपका शरीर दुबारा से अंडे का निर्माण करने लगता है। अब आपके गर्भाशय की दीवार अंदर से मजबूत होली लगती हैं गर्भाशय की दीवार के स्वस्थ होने पर ही पीरियड्स दुबारा शुरु होते हैं। अगर दो से तीन महीने तक पीरियड्स न आए तब आपको डॉक्टर को सलाह लेनी की आवश्यकता होती है।

गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय

आपको संतुलित व पौष्टिक भोजन की आवश्यकता है। अपनी पूरी टाइट लें। भोजन में आयरन, पोटेशियम, विटामिन और मिनरल्स के अलावा कैल्शियम से भरपूर भोजन लें। घी, दूध, मक्खन , बींस, किशमिश, हरी पत्तेदार सब्जियों, भींगे हुए अखरोट, बादाम, दालें, कद्दू के बीज, सोयाबीन खायें। ठंडी चीजों, का परहेज करें ।‌ तैलीय, तीखा, चटपटा, मसालेदार भोजन का परहेज करें । इस समय आप के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को आपकी बहुत देखभाल की आवश्यकता है। आप अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। आपको जो लोग पसंद है उनसे बात करें ।अपनी पसंद के गानों को सुने, मेडीटेशन करें। सेक्स से परहेज़ करें।


Sale
i Know Ovulation Test Kit For Women Planning Pregnancy | 5 Test Strips x Pack of 1 | Ovulation Predictor Kit for Accurate Results In 5 Mins | Fertility Test Kit for Women
  • The LH is in the urine of normal women increases in the middle of the menstrual cycle.
  • Designed for "Trying to conceive” women to get pregnant naturally.
  • This easy to use ovulation home LH Testing Kit test helps tracking ovulation surge with sufficient tests and minimize the chances missing the LH Surge

Last update on 2024-10-17 / Affiliate links / Images from Amazon Product Advertising API

क्या है जल्दी डिलीवरी होने के उपाय-Jaldi Delivery Hone Ke Upay

जल्दी डिलीवरी होने के उपाय

लेबर पेन लाने के उपाय

बच्चे के जन्म के साथ ही एक मां का भी दूसरा जन्म होता है। डिलीवरी ले दौरान जो कष्ट एक माँ झेलती है उसकी कल्पना भी करना मुश्किल है। चाहे वो कष्ट लेबर पेन का हो सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाले संघर्ष का। ऐसे में हर स्त्री की इच्छा होती है कि कोई ऐसा तरीका हो जिससे कम से कम कष्ट झेलना पड़े। डिलीवरी से पहले महिला का तनाव में होना एक सामान्य सी बात है। लेकिन जरूरी है कि एक सहज और सामान्य प्रसव के लिए माँ शांत और तनाव मुक्त हो। आज हम आपको ऐसे ही कुछ जल्दी डिलीवरी होने के उपाय बताएंगे जिससे कि डिलीवरी जल्दी और आसानी से हो।

जल्दी डिलीवरी होने के उपाय-Jaldi Delivery Hone Ke Upay

जल्दी डिलीवरी होने के लिए क्या करना चाहिए?-भरपूर नींद ले

नींद का स्वास्थ्य से बहुत ही गहरा रिश्ता है, नींद हमारे पूरे शरीर को हील करती है। भरपूर नींद लेना सबसे जरूरी है जल्दी और आसान डिलिवरी के लिए।

जरूरी है कि गर्भवती महिला कम से कम 7 से 8 घण्टे की गहरी नींद ले। गर्भवती स्त्री नरम, त्वचा के अनुकूल तकिए और रेक्लाइनर पलंग के साथ बेहतर तरीके से आराम करें।

और पढ़े: गर्भावस्था में सोने के तरीके, जिससे बच्चे को ना हो कोई नुकसान

जल्दी डिलीवरी के लिए क्या खाना चाहिए-खजूर खाएं

प्राचीन समय से ऐसा माना जाता है कि खजूर में ऐसे तत्व पाए जाते है जो गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाते है। इसलिए जब आपका डिलीवरी का समय नजदीक आये तब खजूर का सेवन शुरू कर दे। गर्भावस्था की शुरुआत में खजूर खाने से बचे क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। खजूर गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) को चौड़ा करने के लिए भी मददगार होते हैं

जल्दी डिलीवरी होने के लिए क्या करें-व्यायाम करें

गर्भवती स्त्री को डिलीवरी को आसान बनाना है तो व्यायाम से बेहतर कुछ नही। लेकिन बहुत ही आवश्यक है कि सभी व्यायाम एक परफेक्ट ट्रेनर की देख रेख में हो।

इसके लिए फिजियोथेरेपी को एक विकल्प के तौर पर चुना जा सकता है। आपको आपकी स्थिति के अनुसार व्यायाम बताए जाएंगे। स्वयं से आप घर पर स्क्वाट कर सकती है।

व्यायाम
व्यायाम

स्क्वाट्स करने के लिए, एक मेडिसिन बॉल लें और इसे पीठ के निचले हिस्से और दीवार के बीच रखकर, पंजों और घुटनों को जितना संभव हो, उतना फैलाकर घुमाएं। ऐसा करने से डिलीवरी आसान और जल्दी होगी।

और पढ़े: सिजेरियन प्रसव के बाद क्या खाते हैं-Cesarean Delivery Ke Baad Kya Khana Chahiye

डिलीवरी जल्दी होने के उपाय-वॉटर बर्थ

आजकल जल्दी डिलीवरी के लिए बहुत से हॉस्पिटल में वाटर बर्थ का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर आपके हॉस्पिटल में इसकी सुविधा है तो उसका लाभ जरूर उठाए।

पानी डिलीवरी के दौरान गर्भवती स्त्री को रिलैक्स करता है। लेबर पेन को कम करता है। पानी तनावग्रस्त मांसपेशियों को शांत करने और सर्विक्स के फैलाव में भी मदद करता है और इस प्रकार प्रसव में सहायता करता है।

जल्दी प्रसव के घरेलू उपाय-लेट कर प्रेशर न लगाएं

अध्धयन कहता है कि अगर यदि प्रसव के समय गर्भवती महिला बिस्तर पर बैठकर पुश करे तो डिलीवरी आसानी से और जल्दी होती है।इसका कारण यह है कि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल इस प्रेशर को डबल करता है।

गुरुत्वाकर्षण के कारण बच्चे के सिर के कारण सर्विक्स पर जोर पड़ता है जिससे यह उसे अधिक तेजी से और अधिक आसानी से फैलने में मदद करता है।

और पढ़ें: सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के 9 महीने में आहार-9 Month Pregnancy Diet

जल्दी डिलीवरी होने के लिए क्या करना चाहिए?-ज्ञान बढ़ाये

पहली बार बनने वाले माता पिता के मन मे सैंकड़ो उलझने होती है। यही उलझने तनाव का कारण बनती है। ऐसे में जरूरी की माता पिता खासकर गर्भवती स्त्री बच्चो के जन्म से सम्बंधित किताबे पढ़े। एक एक स्टेप को जाने और उसके लिए तैयार रहे। यही ज्ञान प्रसव के समय उनके मन को निश्चिंत रखता है और पूरा ध्यान प्रसव में होने के कारण प्रसव जल्दी और आसान हो सकता है।

डिलीवरी जल्दी करने के उपाय-प्राणायाम करे

एक आसान प्रसव के लिए सही तरीके से सांस लेना बहुत जरूरी है, तो इसके लिए गर्भवती महिला अपने रूटीन में प्राणायाम की आदत डालें
इससे प्रसव के समय महिला एक लयबद्ध तरीके से सांस ले पाएगी, जिससे शरीर मे ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन जायेगी, मसल्स रिलैक्स होंगी और पीड़ा कम होगी।

और पढ़ें: कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन

जल्दी डिलीवरी के लिए क्या करें-मालिश कराएं

प्रसव के समय अपनी मालिश करवाना बहुत ही बेहतरीन तरीका है, यदि आपका जीवनसाथी आपकी मालिश करे तो इससे आपको एक सिक्योरिटी की फीलिंग आएगी। देखभाल और समर्थन का एहसास होता है। इससे प्रसव प्रक्रिया को जल्दी करने में भी बहुत मदद मिलती है।

इसके अलावा सैर करना और विटामिन से भरपूर भोजन करना आपको एक स्वस्थ्य और आसान प्रसव देगा।

और पढ़ें: ऑपरेशन से डिलीवरी के बाद सावधानी कैसे बरतें-Care After Cesarean Delivery In Hindi

पथरी में क्या खाएं क्या नहीं खाएं -किडनी स्टोन में कैसा होना चाहिए आपका आहार, क्या खाएं और क्या नहीं

पथरी मे परहेज ही है घरेलू इलाज

पथरी की बीमारी से आजकल कई लोग परेशान हैं। इस बात का आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि सिर्फ पथरी का इलाज करने के लिए कई अलग-अलग अस्पताल भी खोले गए हैं। इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बहुत देखने को मिलती है। पथरी एक बहुत गंभीर बीमारी है। जितना पथरी का उपचार आवश्यक है उतना ही पथरी मे परहेज भी आवश्यक है।

पथरी की बीमारी में खानपान का मुख्य तौर पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपका खान-पान सही हो तो इसका खत्म भी किया जा सकता है। ज्यादा मात्रा में पेय पदार्थ पीने से पथरी ठीक हो सकती है। पेय पदार्थ पथरी के लिए बहुत मददगार होते हैं। खासतौर से पथरी की बीमारी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

पथरी की समस्या में डॉक्टर भी आपको रोजाना छह से आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको अपने डॉक्टर से यह भी पूछना चाहिए। कि आपको 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए। अगर आप पथरी के खतरे को कम करना चाहते हैं। तो आप बेस्ट डाइट प्लान को भी अपनाना चाहिए।

अधिक वजन वाले व्यक्तियों में पथरी की संभावना बढ़ जाती है। पथरी की समस्या को डॉक्टर से ना छुपाए नहीं तो काफी गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। पथरी से झुंझ रहे व्यक्तियों को क्या क्या नहीं खाना चाहिए। यह भी उनको जाना चाहिए। क्योंकि भोजन पथरी को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। इस आर्टिकल में आगे हम आपको पथरी मे परहेज और पथरी से ग्रसित लोगों को क्या-क्या नहीं खाना चाहिए। उसके बारे में बताएंगे।

पथरी कितने प्रकार की होती हैं

पथरी को किडनी स्टोन की समस्या भी कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित है, तो उसको अपने डॉक्टर से यह पता करना चाहिए कि उसको कौनसी पथरी है। जिससे इसका इलाज करने में आसानी हो जाती है। अगर आपको पथरी पता चल जाए। तो आप उससे बचाव के आहार का भी सेवन कर सकते हैं। मुख्य तौर पर पथरी चार प्रकार की होती है।

  • कैल्शियम ऑक्सिलेट स्टोन्स
  • कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन्स
  • यूरिक एसिड स्टोन्स
  • सिस्टीन स्टोन्स

इन चारों प्रकार की पथरी के लिए आपको अलग अलग डाइट प्लान का पालन करना चाहिए। पथरी में क्या परहेज करना चाहिए?
किडनी स्टोन में क्या खाना चाहिए इसका डाइट प्लान आप किसी किडनी एक्सपर्ट से ले सकते हैं।

पथरी मे परहेज, पथरी में क्या ना खाएं

प्रोटीन की मात्रा

पथरी के मरीजों को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन ना करें. ज्यादा प्रोटीन पथरी ग्रसित व्यक्तियों के लिए खतरनाक होता है। पथरी की बीमारी में भोजन में प्रोटीन की मात्रा को सीमित कर ले. ऐसी स्थिति में मीट मछली का सेवन ना करें.

प्रोटीन की मात्रा
प्रोटीन की मात्रा

ज्यादा सोडियम

पथरी के पेशेंट को ज्यादा सोडियम नहीं लेना चाहिए। भोजन में सोडियम की मात्रा कम रखनी चाहिए। अधिक सोडियम पथरी के लिए खराब साबित हो जाता है। जंग-फूड डिब्बाबंद खाना का सेवन नहीं करें और घर बनाए हुए खाने में भी सोडियम की मात्रा कम रखें।

ऑक्सलेट के सेवन से बचें

पथरी के बीमारी से जूंझ रहे व्यक्तियों को ऑक्सलेट से परहेज करना चाहिए। पथरी के मरीजों को ऑक्सलेट रहित भोजन किसी भी हाल में नहीं करना चाहिए। जैसे पालक, साबुत अनाज आदि इनमें भरपूर मात्रा में ऑक्सलेट पाया जाता है।

विटामिन सी के ज्यादा मात्रा

विटामिन सी के ज्यादा मात्रा में सेवन से भी पथरी की समस्या बढ़ सकती है। विटामिन सी अगर आपके शरीर में ज्यादा हो जाए। तो आपके शरीर में किडनी स्टोन की समस्या गंभीर हो सकती हैं। विटामिन सी का कम मात्रा में सेवन करें। जिससे यह खतरा कम हो सके.

बीजो वाली सब्जियों का सेवन

ज्यादा हरी सब्जियों से भी पथरी का रोग गंभीर बीमारी हो सकता है। ऐसी सब्जियों का सेवन कभी नहीं करें. जिसमें बीजों जो। बीच किडनी स्टोन का कारण बन सकते हैं। जैसे टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द, चने आदि का सेवन ना करें। अन्यथा यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

कोल्ड ड्रिंक का सेवन

पथरी के मरीज को गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक और बाहर के जूस पथरी की समस्या को बढ़ावा देते हैं। वैसे तो पथरी कम करने के लिए पेय पदार्थ का उपयोग किया जाता है। लेकिन कोल्ड्रिंक्स में कई प्रकार के केमिकल मिले होते हैं। जिनकी वजह से पेट में पथरी की मात्रा बढ़ सकती है। वैसे तो नॉर्मल व्यक्ति को भी ज्यादा कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक शरीर के लिए गर्म करती है। और यह सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकती है।

सामान्य प्रश्न-पथरी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

पथरी में चावल खाना चाहिए या नहीं

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है की पथरी की समस्या के दौरन चावल खाने चाहिए या नहीं? पथरी में चावल खाने से किसी तरह का कोई भी नुकसान नहीं होता है। चावल में ऐसा कोई तत्व नहीं होता जो पथरी के दौरान समस्या पैदा करें उल्टा चावल पोषण से भरपूर होते है और शरीर में कार्बोहाइड्रेड की कमी को दूर करते है। हाँ चावल बनाते समय उसे अच्छी तरह से धोना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की उसमें कोई कंकड़ पत्थर तो नहीं। और चावल को अच्छी तरह से पकाना भी चाहिए।

पथरी में कौन-कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए

पथरी की समस्या के दौरान खाने में सब्जी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि बहुत सी सब्जियां ऐसी होती है जिसमें आयरन और खनिज तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते है जो की शरीर में नमक आदि के संपर्क में आकर पथरी की समस्या को बढ़ा देते है। पालक, शकरकंदी, बेंगन, टमाटर आदि ऐसी सब्जियां है जो पथरी की समस्या को बढ़ा सकती है। टमाटर के छिलके, पालक में मिट्टी के छोटे छोटे कण आदि शरीर में धीरे धीरे जमा होते रहते है जिससे पथरी की समस्या देखने को मिलती है। बिना पथरी से ग्रसित लोगों को भी यह सब्जियां अच्छी तरह धोकर खानी चाहिए।

पथरी में आलू खाना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या के दौरान आलू खाया जा सकता है इसके सेवन से किसी भी तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है। बस पथरी की समस्या के दौरान बीज वाली सब्जियों जैसे टमाटर, बेंगन आदि के सेवन से परहेज करनी चाहिए। आलू कार्बोहाइड्रेड से भरपूर होता है जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है।आलू को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पकाना चाहिए और देर रात में आलू का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अच्छी तरह से पाचन न होने के कारण इससे गैस की समस्या या पेट दर्द की समस्या देखने को मिलती है।

पथरी में दूध पीना चाहिए या नहीं

प्राय पथरी की समस्या में डॉक्टर आदि अधिक मात्रा में दूध का सेवन करने से मना करते है। और तो और दूध से बने प्रोडक्ट का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि दूध में कैल्शियम की अधिकता पायी जाती है जो स्टोन के पास इकट्ठा होकर स्टोन की समस्या को बढ़ाता है। और आजकल बाजार में मिलावट युक्त दूध भी अधिक पाया जाता है जो पथरी की समस्या को बढ़ा देता है। जहाँ तक हो सके मिलावट युक्त दूध से परहेज करनी चाहिए और शुद्ध दूध का प्रयोग ही करना चाहिए।

पथरी में चाय पीना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या के दौरान अधिक चाय और कॉफी पीने से परहेज करनी चाहिए। क्योंकि इनमें केफिन की मात्रा अधिक होती है जिससे डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। चाय पीने पर पानी का सेवन कम हो जाता है। जबकि पथरी से ग्रसित व्यक्ति को अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। जिससे पथरी के पेशाब मार्ग से बाहर निकलने की अधिक संभवना बनती है। चाय और कॉफी में पाया जाने वाला कैफीन पथरी की समस्या को बढ़ा देता है। चाय के स्थान पर नींबू पानी का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद होगा।

पथरी में कौन सा फल खाना चाहिए

पथरी में अक्सर डॉक्टर फलों के सेवन की बात करते है लेकिन ऐसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसका पाचन मुश्किल हो। पानी से भरपूर फलों का सेवन करना चाहिए। जैसे तरबूज, खरबूज, नारियल पानी आदि शरीर में पानी की कमी को दूर करते है। और खट्टे फलों जैसे संतरा आंवला आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि उसमें उपस्थित सिट्रिक एसिड पथरी को गलाने का काम करते है। फलों के साथ साथ पानी का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। पानी के अधिक सेवन से पथरी के मूत्र मार्ग से निकलने की संभवना रहती थी।

पथरी में कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?

पथरी की समस्या के दौरान ऐसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसका पाचन मुश्किल से होता है और ऐसे फल जिनमें छोटे छोटे दाने या बीज पाए जाते है उनका सेवन करने से भी परहेज करनी चाहिए। टमाटर, चीकू आदि छिलके युक्त फल जिनके छिलके में बारीक मिट्टी के कण पाए जाते है जो की शरीर में जाकर स्टोन के पास इकट्ठा होने लगते है। जिससे स्टोन की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है अतः ऐसे फलों का सेवन पथरी की समस्या के दौरान नहीं करना चाहिए। अनार और पपीता का भी अधिक सेवन पथरी की समस्या में हानिकारक हो सकता है।

पथरी में दही खा सकते हैं क्या?

पथरी की समस्या में दही फायदेमंद साबित हो सकता है। दही को पथरी की समस्या में उपचार के तौर पर लिया जाता है। दही में पाए जाने वाले विशेष बैक्टीरिया किडनी में उपस्थित हानिकारक तत्वों को दूर कर किडनी की सफाई का काम करते है जिससे किडनी स्टोन की संभावना कम हो जाती है। इसी के साथ दही को सुपर फूड माना जाता है जो की मोटापा घटाने में लाभकारी है। यह शरीर में कॉर्टिसॉल और स्टेरॉयड हार्मोन को बढ़ने से रोकता है। इसी के साथ यह कलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने के साथ साथ इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है।

पथरी में अनार खाना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या में हर प्रकार के फल सब्जियों को खाने में विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अन्यथा पेट दर्द की समस्या पैदा हो जाती है जो की असहनीय दर्द देती है। पथरी की समस्या में अनार का सेवन करते समय भी विशेष ध्यान रखना चाहिए अधिक मात्रा में अनार नुकसान कर सकता है। जबकि अनार की सीमित मात्रा शरीर में रक्त निर्माण में लाभकारी होती है। अनार में भी छोटे छोटे बीज और फाइबर होते है जिनका जमाव स्टोन पर विपरीत असर डाल सकता है।

पथरी में पपीता खाना चाहिए या नहीं

देखा जाए तो पपीता एक बहुत ही ज्यादा लाभकारी फल है लेकिन पथरी की समस्या से ग्रसित लोगों को पपीते के सेवन से परहेज करनी चाहिए। विटामिन सी से भरपूर पपीता का अधिक सेवन करने से इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्सलेट टूटकर स्टोन बन जाते है जो की पथरी की समस्या को और ज्यादा भयावह बना देते है। अतः देखा जाए तो पथरी की समस्या से ग्रसित लोगों द्वारा पपीते का सेवन करने से स्टोन का आकार बढ़ने की संभावना रहती है। पपीते का ज्यादा सेवन आपके पाचन को भी बिगाड़ सकता है जिससे पेट दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है।

पथरी में मछली खाना चाहिए

इंसानों में पथरी की अलग अलग समस्या देखने को मिलती है। जिसमें यूरिक एसिड स्टोन, कैल्शियम स्टोन, सिस्टाइन स्टोन और स्टूवाइट स्टोन जैसी पथरी देखने को मिलती है इस सब पथरी की समस्या में मछली खाने से परहेज करनी चाहिए। क्योंकि मछली के अंदर बहुत से समुद्री लवण पाए जाते है जिनका ढंग से पाचन न होने के कारण यह पहले से पनप रहे स्टोन के आस पास एकत्रित होकर पथरी की समस्या को अधिक बढ़ा देते है। इसी के साथ हाई प्रोटीन सी फूड खाने से भी बचना चाहिए।

पथरी में कौन कौन सी दाल खाना चाहिए?

पथरी की समस्या में डॉक्टर हाई प्रोटीन फूड को अवोइड करने की सलाह देते है लेकिन आप कुलथी की दाल, चने की दाल, चावल, सोयाबीन आदि का सेवन कर सकते है। कुथली की दाल स्टोन के आकार को कम करती है। कुलथी की दाल को नियमित खाने से पथरी धीरे धीरे गल जाती है और यूरिन के रास्‍ते से बाहर निकल जाती है। इन सब के साथ यह दाल पोषण से भरपूर होती है तथा शरीर से प्रोटीन और फाइबर की कमी को दूर करती है।

पथरी में लहसुन खाना चाहिए

किडनी की समस्या होने पर लहसुन खाया जा सकता है लहसुन को खाने से किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होती है। लहसुन में पाए जाने वाले विशेष तत्व किडनी की सूजन को कम करते है जिससे स्टोन की समस्या के दौरान होने वाला दर्द कम होता है। लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन तत्व शरीर में एकत्रित होने वाली गंदगी को शरीर से बहार निकालने का काम करता है। इस प्रकार देखा जाए तो लहसुन पथरी की समस्या में बहुत कारगर साबित हो सकता है। पथरी के साथ साथ बहुत सी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।

गिरते बालो के लिए शैम्पू 5 बेस्ट-Balo Ke Liye Best Shampoo

गिरते बालो के लिए शैम्पू

बालों का झड़ना हल्के से लेकर सिर के पूरे बाल गिरने के कई अलग-अलग कारण होते है। हेयर फॉल ऐसी समस्या है जिससे केवल महिलाएं ही नहीं पुरुष भी परेशान रहते हैं। हार्मोनल चेंजेज महिलाओं में ज्यादा होते हैं और महिलाओं की खूबसूरती का पर्याय लंबे बालों को या घने बालों को माना जाता है, तो उनके लिए यह और भी ज्यादा चिंता का विषय होता है। जीवन बहुत ही व्यस्त हैं और तरह-तरह की की होम रेमेडी बनाने का टाइम किसी के पास भी नहीं। ऐसे में जहां पर जो भी नुस्खा, जो भी दवाई महिलाओं को पता चलती है वह उसे आजमाने से नहीं चूकती। आजकल ट्रेंड चला है एंटी हेयर फॉल शैंपू का यानि की गिरते बालो के लिए शैम्पू।

आइए सबसे पहले हम जानते हैं बाल झड़ने के क्या कारण होते हैं।

बाल झड़ने के कारण

  • लंबी बीमारी, बड़ी शल्य क्रिया अथवा गंभीर संक्रमण जैसे बड़े शारीरिक तनाव से दो या तीन महीने के बाद बालों का झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है।
  • हार्मोन स्तर में आकस्मिक बदलाव के बाद भी यह हो सकता है, विशेषकर स्त्रियों में शिशु को जन्म देने के बाद यह हो सकता है। साधारण तरीके से बाल झड़ते रहते हैं किन्तु गंजापन दिखाई नहीं देता है।
  • कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट भी बाल झड़ने का कारण बनते हैं जैसे कि ब्रेन से संबंधित दवाइयां। बालों का झड़ना चिकित्सा बीमारी का लक्षण हो सकता है जैसे कि थाइरॉयड, सेक्स हार्मोन में असंतुलन या गंभीर पोषाहार समस्या विशेषकर प्रोटीन, लौह, जिंक या बायोटीन की कमी। यह कमी खान-पान में परहेज करने वालों और जिन महिलाओं को मासिक धर्म में बहुत ज्यादा रक्त स्राव होता है उनमें यह आम है।
  • सिर की त्वचा यानी स्कैल्प में जब विशेष प्रकार की फफूंद से संक्रमण हो जाता है तो बीच बीच में बाल झड़ने लगते हैं। बच्चों में आमतौर पर बीच-बीच के बाल झड़ने का संक्रमण पाया जाता है।

तो अब आपको बताते हैं फाइव बेस्ट एंटी हेयर फॉल शैंपू यानी गिरते बालो के लिए शैम्पू

1-बिओटिक बायो केल्प फ्रेश ग्रोथ प्रोटीन शैम्पू

Balo Ke Liye Best Shampoo
Botique Bio kelp Fresh Growth Protein Shampoo

यह पौष्टिक शैम्पू केल्प, प्राकृतिक प्रोटीन, पेपरमिंट ऑइल और पुदीने की पत्तियों के अर्क का मिश्रण है। जिससे बालों को धीरे से साफ़ किया जा सकता है और ताज़े विकास और स्वस्थ चमक के लिए स्कैल्प को मज़बूत बनाया जा सकता है।

सामग्री: नीम (मेलिया एजेडिरक्टा इंडिका), टेसू (ब्यूटिया फ्रॉनडोसा), दारूहल्दी (बर्बेरिस अरिस्टाटा), भृंगराज (एक्लिप्टा अल्बा), रीठा (सेपिन्डस मुकोरोसी), सजीकिशर (केल्प या समुद्री नमक), हिमालयन पानी

2-हिमालया हर्बल एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

Balo Ke Liye Best Shampoo
हिमालया हर्बल एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

Himalaya का एंटी-हेयर फॉल शैम्पू एक सफल 2-इन -1 फॉर्मूला है, जो बालों का गिरना कम करता है और बालों को पोषण प्रदान करता है। जड़ी बूटी ब्यूटा फ्रोंडोसा और भृंगराज बालों के रोम के विकास को प्रोत्साहित करते हैं। बालों की जड़ों को मजबूत करने और बालों के झड़ने को नियंत्रित करने में प्रभावी होते हैं।

3-इंदुलेखा भृंग एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

Balo Ke Liye Best Shampoo
इंदुलेखा Bringha एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

Indulekha Bringha anti Hairfall शैम्पू में 9 पौधे के अर्क शामिल हैं। इंदुलेखा सेधा शैंपू न केवल एक नियमित शैंपू है, बल्कि हेयरफॉल के लिए एक आयुर्वेदिक दवा है। हर बोतल में 9 फुल भृंगराज पौधे के अर्क होते हैं। आयुर्वेद में, भृंगराज को केशराज – बालों के राजा के रूप में भी जाना जाता है।
इस पौधे के अर्क को उनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। भृंगराज न केवल बालों के झड़ने को कम करता है बल्कि नए बालों को उगाने में मदद करता है। नियमित रूप से, सप्ताह में कम से कम तीन बार इसका प्रयोग करे।
सभी प्रकार के बालों के लिए प्रभावी, केमिकल ट्रीटमेंट जैसे कि कलरिंग और स्ट्रेटनिंग किए हुए बालों पर भी असर करता है।

4-हेड एंड शोल्डर एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

हेड एंड शोल्डर एन्टी हेयर फॉल शैम्पू
हेड एंड शोल्डर एन्टी हेयर फॉल शैम्पू

इस शैम्पू को विशेष रूप से तैयार किया गया है। एक बोतल में शैम्पू और कंडीशनर दोनों के लाभों का संयोजन है। यह आपके बालों को 100% तक डैंड्रफ मुक्त और आश्चर्यजनक रूप से चिकना बनाता है।
100 प्रतिशत तक रूसी मुक्त बालों को मुलायम करने में मदद करता है। कलर किये हुए हेयर टाइप्स और केमिकल ट्रीटेड हेयर पर भी आप हेड एंड शोल्डर एन्टी हेयर फॉल शैम्पू ट्रॉय कर सकते है।

5-डव हेयर फॉल रेस्क्यू शैम्पू

Dove Hairfall Rescue शैम्पू
Dove Hairfall Rescue शैम्पू

बालों के झड़ने को रोकने में मदद करने के लिए तैयार किए गए डव शैम्पू 98% तक बालों के झड़ने को कम करता है। पोषक सीरम के साथ तैयार डव शैम्पू बालों को मजबूत और सुंदर बनाता है।

जानिए जल्दी से बालों को घना करने के उपाय-Balo Ko Ghana Karne Ka Upay

बालों को घना करने के उपाय

सुंदर और घने बाल तो हर कोई चाहता है। महिलाएं अपने बालों को लेकर बहुत ही ज्यादा संवेदनशील होती है। वह चाहती है कि उनके बाल लंबे और घने हो। लेकिन आजकल की तनाव से भरी और भागदौड़ वाली जिंदगी में लंबे और घने बाल पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तनाव की वजह से लोगों के बाल झड़ने की समस्याएं भी हो जाती है। ऐसे में कुछ लोग बालों को घना करने के उपाय करने के बजाय महंगे–महंगे हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं जो केमिकल से भरे होते है। कुछ हद तक इनका इस्तेमाल सही होता है लेकिन ना सिर्फ ये आपके बालों को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि आपकी आंखों पर भी बुरा असर डालते हैं।

लेकिन आप कुछ घरेलू नुस्खों का प्रयोग करके अपने बालों को लंबा घना बना सकते हैं। यह बहुत ही आसान होते हैं और कोई भी इन्हें घर पर मिलने वाली चीजों से आसानी से कर सकता है। ये नुस्खे ना सिर्फ आपके पैसे बचाते हैं बल्कि आपके बालों पर कोई बुरा असर भी नहीं डालते। ये आपके बालों की सुंदरता को चार चांद लगाते है और आपके बालों को घना, मजबूत और लंबा बनाने में मदद करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बालों को घना कैसे करे।

बालों को घना कैसे करे

बालों को घना करने के उपाय-Balo Ko Ghana Karne Ka Upay

एलोवेरा जेल-Balon Ko Ghana Kaise Kare Aloe Vera ke Istemal Se

एलोवेरा स्किन के साथ साथ बालो के लिए भी बहुत जरूरी है। बालो को घना करने के लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल भी कर सकती है। एलोवेरा रूसी को कम करने में मदत करता है और बालो को चमकीला भी बनता है। एलोवेरा के प्रयोग से बाल हाइड्रेट रहते है क्योंकि एलोवेरा में भरपूर मात्रा में पानी होता है।

सामग्री

एलोवेरा का पत्ता

प्रयोग की विधि

एलोवेरा के पत्ते को काटे और उसका जेल निकाल दे। अगर आपके पास एलोवेरा का पत्ता उपलब्ध नहीं हैं तो आप बाज़ार से एलोवेरा जेल भी खरीद सकते हैं। लंबे बालों के लिए इस जेल को आप अपने बालो और स्कैल्प पर लगाए। कुछ घंटो के बाद बालो को शैंपू की सहायता से धो लें। इसे हफ्ते में कम से कम दो बार जरूर करें।

आलू का जूस-Balo Ko Ghana Karne Ka Upay Hai Aloo Ka Juice

आलू आमतौर पर सबके घर में आसानी से पाया जाता है। आलू बालो के लिए भी बहुत अच्छा होता है। बालो को घना आलू काफी मददगार होता है। आलू में कई ऐसे पोषक तत्व होते है जो बालों को मजबूती देने में मदद करते है।

सामग्री

एक आलू

प्रयोग की विधि

आलू को लेकर उसका जूस निकाल ले। इस जूस को अपने बालो और जड़ों में लगाए। 20 मिनट तक इसे आपके बालो में ही लगा रहने दें। इसके बाद अपने बालो को नियमित रूप से शैंपू की मदद से धो लें।

प्याज-Baal Ghane Karne Ke Gharelu Nuskhe

प्याज बालों के लिए बहुत गुणकारी होता है। बालो को घना करने का उपाय है प्याज का रस। प्याज के मौजूद सल्फर बालों को पोषण देता है और उन्हें मजबूत बनाता है। प्याज से रूसी की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है। आप चाहे तो बाजार में उपलब्ध प्याज का तेल भी इस्तेमाल कर सकती है।

सामग्री

1 से 2 लाल प्याज
कॉटन बॉल (रूई)

प्रयोग की विधि

लंबे बालों के लिए प्याज को छीलकर उसे मिक्सर की मदद से पीस लें। अब इस पिसे हुए प्याज का रस निकाल ले। इस रस को रूई की सहायता से अपने बालो की जड़ों में लगाएं। इसे 15 मिनट तक अपने बालो में लगा रहने दे। इसके बाद अपने बालो को शैंपू की मदद से धो दे। ऐसा हफ्ते में एक बार जरूर करे।

दही-Baal Ghane Karne Ke Upay

दही जहां हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है वैसे ही दही बालों को भी सवस्थ बनाने में मदद करती है। दही से रूसी की समस्या का समाधान तो होता ही है साथ ही ये आपके बालों को हाइड्रेट भी रखती हैं।

सामग्री

1 कटोरी सादा दही

प्रयोग की विधि

दही को अच्छे से अपने बालो कि जड़ों और बालो में लगा कर उनका जुड़ा बना ले। इसे एक घंटे तक बालो में लगा रहने दें। एक घंटे बाद बालो को शैंपू की मदद से धो ले। दही का प्रयोग हफ्ते में एक बार जरूर करें।

जैतून का तेल-Baal Ghane Karne Ke Gharelu Nuskhe

जैतून का तेल वास्तव में गुणों का भंडार है। जैतून का तेल कई तरीको से आपके लिए फायदेमंद है। जैतून के तेल के कई फायदे हैं। वजन कम करने से लेकर पिंपल हटाने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। जैतून तेल को अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर लगाने से बाल घने किये जा सकते है।

जैतून का तेल बालो के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके मौजूद तत्व आपके बालो को पोषण देते हैं और इसके प्रयोग से दिमाग भी शांत रहता है।

सामग्री

जैतून का तेल

प्रयोग की विधि

जैतून के तेल को हल्का गर्म करें और फिर इसे बालो की जड़ों पर हल्के हाथों के मालिश करते हुए लगाए। ध्यान रखे कि तेल ज्यादा गर्म ना हो नहीं तो आपकी स्किन जल सकती है। तेल की 30 मिनट तक अच्छे से मालिश करे। आप चाहे तो तेल को रात में लगा कर सो सकते हैं और सुबह अपने बालों को शैंपू की मदद से धो लें। ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार जरूर करें।

नींबू-Balo Ko Ghana Karne Ka Upay

नींबू बालो के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। नींबू के मौजूद सिट्रिक ऐसिड ना सिर्फ रूसी को खत्म करता है साथ ही आपके बालो को हाइड्रेट भी रखता है। ये आपके बालों को मजबूत बनाता है जिससे बाल जल्दी लंबे भी होते है।

नींबू
नींबू

सामग्री

1 नींबू
गुनगुना पानी

प्रयोग की विधि

गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाएं और फिर इसे तेल की तरह मसाज करते हुए बालो के लगाए। इसे 30 मिनट तक बालो में लगा रहने दे और फिर 30 मिनट बाद अपने बालो को शैंपू की मदद से धो लें। इसे हफ्ते में एक से दो बार जरूर लगाएं।

अंडा-Baal Ghane Karne Ke Upay

अंडा बालों को लंबा बनाने में बहुत मददगार होता है। अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो बालों के लिए बहुत जरूरी होता है। प्रोटीन बालों कि ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करता है।

 सामग्री

1 अंडा
कुछ बूंद रोजमेरी ऑयल

प्रयोग की विधि

एक कटोरी में अंडे को अच्छी तरह से फेट ले। इसमें कुछ बूंदें रोजमेरी ऑयल की डाल दें। अब इसे बालो में अच्छी तरह से लगा दे। आधे घंटे के बाद बालों को धो दे। अंडे  से बहुत ज्यादा बदबू आती है। लेकिन इसमें रोजमेरी ऑयल की बूंदे डालने से इसकी बदबू से छुटकारा पाया जा सकता है। इसे हफ्ते में एक बार जरूर करे।

आंवला पाउडर-Baal Ghane Karne Ke Gharelu Nuskhe

आंवला के अंदर विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला ना सिर्फ बालो के लिए बल्कि आंखो के लिए भी बहुत अच्छा होता है।  आपके बालो को पोषण देता है।

सामग्री

2 चम्मच आंवला पाउडर
2 चम्मच नींबू का रस

प्रयोग की विधि

आंवले के पाउडर में नींबू का रस डालें। इन्हें अच्छे से मिला लें और बालों की जड़ों में लगाएं। इस मिश्रण को 30 मिनट तक बालो में लगा रहने दे। 30 मिनट के बाद बालों को शैंपू से धो ले। लंबे बालों के लिए इसे हफ्ते में एक से दो बार जरूर करें।

मुल्तानी मिट्टी-Balo Ko Ghana Karne Ka Upay

मुल्तानी मिट्टी बहुत पुराने समय से बालों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हो रही है। मुल्तानी मिट्टी ना सिर्फ बालो को चमकीला बनाती है साथ ही ये बालों को स्मूथ भी बनाती है। मुल्तानी मिट्टी रूसी को हटाने के भी मदद करती है।

सामग्री

1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी
1 चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच पानी

प्रयोग की विधि

एक कटोरी में मुल्तानी मिट्टी, नींबू का रस और पानी को मिला ले। इस मिश्रण को बालों की जड़ों में और बालों में लगा ले। इस मिश्रण को बालों में 30 मिनट तक लगा रहने दें। 30 मिनट बाद  बालों को धो लें। इसे हफ्ते में एक बार जरूर लगाएं।

मेहंदी-Baal Ghane Karne Ke Upay

मेहंदी में बहुत से औषधीय गुण हैं। मेहंदी ना केवल बालों को रंगने में मदद करती है साथ ही यह बालों की ग्रोथ को भी बढ़ाती है। हेयर कलर आपके बालों को रंगते तो है लेकिन इनमें मौजूद केमिकल आपके बालों को बहुत नुक़सान पहुंचाते हैं। वहीं मेहंदी आपके बालों को मजबूत बनाती है।

सामग्री

मेहंदी
1 चम्मच कॉफी पाउडर
½ चम्मच ऑलिव ऑयल
आवश्यता के अनुसार पानी

प्रयोग की विधि

मेहंदी, कॉफी पाउडर, ऑलिव ऑयल और पानी को एक लोहे के कटोरे में मिला ले। इस मिश्रण को रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। अगले दिन इस मिश्रण को बालों में लगा लें। इस मिश्रण को एक से दो घंटे तक बालों में लगा रहने दे। इसके बाद बालों को अच्छे से धो लें। इसे दो से तीन हफ्तों में एक बार जरूर लगाएं।

जानिए क्या है नाभि में नारियल का तेल लगाने के नुकसान

नाभि में नारियल का तेल लगाने के नुकसान

नारियल के तेल के फायदें से तो हम सभी वाकिफ हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाभि में नारियल का तेल लगाना नुकसान भी दे सकता है। जी हां बिल्कुल सही सुना आपने नाभि में नारियल का तेल लगाने के नुकसान भी हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं अति सर्वत्रे वर्जित तो फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि हम कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। हम जिस नारियल तेल को अपनी नाभि में फायदे के लिए लगा रहे हैं वह हमें फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा रहा है।

वैसे तो नारियल का तेल नाभि में लगाने के बहुत सारे फायदे है लेकिन अगर हम कुछ बातों का ध्यान न रखें तो इसके नुकसान भी कम नहीं है। तो आइए जानते हैं कि नाभि में नारियल तेल लगाने के क्या क्या नुकसान है।

नाभि में नारियल का तेल लगाने के नुकसान

नाभि में नारियल का तेल नुकसानदायक है सूखी त्वचा वालों के लिए

आमतौर पर हम सभी को लगता है कि अगर ड्राई स्किन वाले नाभि में नारियल का तेल लगाएंगे तो उनकी स्किन ग्लो करने लगेगी, लेकिन ऐसा है नहीं नारियल का तेल ड्राई स्किन पर फायदा नहीं कर पाता। यह ड्राई स्किन को पोषण नहीं प्रदान कर पाता वैसे तो नारियल का तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है और यह शरीर के अंदर अच्छी तरह से पोषण देता है। ड्राई स्किन नारियल के तेल को अच्छी तरह से अपनी त्वचा में सोख नहीं पाती है। ड्राई स्किन के ऊपर नारियल के तेल की परत बन जाती है।

नाभि में नारियल के तेल से होते हैं मुहासे

अगर आप नाभि में नारियल का तेल लगाते हैं तो यह आपके पूरे शरीर को नमी प्रदान करता है। कुछ प्रकार की त्वचा में यह नमी मुहांसों का कारण बनती है। अगर आपकी त्वचा जरूरत से ज्यादा मास्चराइज है और आप ऐसी त्वचा को और अधिक नमी प्रदान कर रहे हैं तो यह आपकी त्वचा में पोषण का कारण तो बिल्कुल नहीं बनेगी बल्कि आपके त्वचा को तैलीय बना देगी। तैलीय त्वचा में कील- मुंहासे, ब्लैकहेड जल्दी होते हैं। नाभि में नारियल का तेल मुंहासें, गंदगी और ब्लैक हेड्स, व्हाइट हेड्स का कारण बन जाती है।

नाभि में नारियल का तेल लाता है चेहरे पर अवांछित बाल

हम सभी को चेहरे पर बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं होते। हम सभी चाहते हैं कि हमारी त्वचा चिकनी और हेयरलैस हो अगर बात चेहरे की आती है तो हम एक भी बाल चेहरे पर नहीं चाहते। लेकिन जब हम नाभि में नारियल का तेल लगाते हैं तो धीरे-धीरे हमारे चेहरे पर बाल आने लगते हैं।

नाभि में नारियल का तेल पैदा करता है पेट की समस्या

नाभि में नारियल का तेल आमतौर पर फ़ायदेमंद होता है। गर्मियों में नारियल का तेल काफी गर्म होने के कारण और फैटी एसिड व वसा युक्त होने के कारण गैस और कब्ज की समस्या पैदा करता है। नाभि में नारियल का तेल अगर हम गर्मियों में भी कभी कभार लगाते हैं तो यह हमारे लिए फायदेमंद है लेकिन अगर हम रोज गर्मियों में अपनी नाभि में नारियल का तेल लगाते हैं तो यह काफी नुकसानदायक भी हो सकता है।

नाभि में नारियल तेल लगाने से हो सकती है एलर्जी

नारियल का तेल काफी गर्म होता है अगर हम इसे रोज लगाते हैं या गर्म मौसम में या फिर मानसून के मौसम में अपनी नाभि पर लगाते हैं तो यह हमारे लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। इससे हमारी त्वचा पर दाने व रैसेज हो सकते हैं। हमारी त्वचा लाल हो सकती है।

इसलिए नाभि में रोज नारियल तेल लगाना अवॉइड करना चाहिए। हम यह तो नहीं कह सकते कि नाभि में नारियल तेल लगाना फायदेमंद नहीं है। हम कुछ सावधानियों का ध्यान न रखें तो यह काफी नुकसानदायक हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि नाभि में नारियल का तेल लगाते समय किन सावधानियों को ध्यान रखें।

रोज न लगाएं नाभि में नारियल का तेल

नाभि में नारियल का तेल गर्मियों में रोज न लगाएं नारियल का तेल काफी फायदेमंद होता है लेकिन विशेषकर सर्दियों में जब हम गर्मियों में नारियल कर रोज की नाभि पर लगाते हैं हमारे शरीर में काफी गर्मी पैदा करता है जिसके कारण हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है कील मुंहासे, एलर्जी, तैलीय त्वचा यह सब इसी के दुष्परिणाम है।

नाभि में नारियल का तेल लगाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें

जब आप तेल लगाते हैं तो उससे पहले आपको अपनी नाभि को अच्छे से धो लेना चाहिए और उसके बाद उसे सूती कपड़े से पोछकर सुखा देना चाहिए। जब आप रोज नाभि में नारियल का तेल लगाते हैं और साफ सफाई का ध्यान रखने पर यह धीरे धीरे गंदगी के रूप में इकट्ठा होने लगता है। जिससे हमारे नाभि के आस पास दाने, फोड़े फुंसी होने लगते हैं कभी-कभी स्थिति ऐसी हो जाती है कि हमें ऑपरेशन भी कराना पड़ता है अतः अगर हमें नाभि में नारियल का तेल डालना है तो हमें नाभि को अच्छी तरह से साफ भी करना चाहिए।

अच्छी क्वालिटी का नारियल तेल प्रयोग करें

आजकल मिलावट का समय है ऐसे में नारियल के तेल में पाम आयल डालना या पैराफीन आंँयल डालना एक आम बात है तो हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उत्तम गुणवत्ता वाला ही नारियल का तेल प्रयोग में लाएं। हम मार्केट से या आयुर्वेदिक दुकानों से इस तेल को खुदरा भी खरीद सकते हैं। नारियल का तेल पारदर्शी होता है और नए-नए नारियल तेल में ज्यादा खुशबू नहीं होते जैसे जैसे वह पुराना होता जाता है नारियल के तेल की खुशबू बहुत तीखी होने लगती है हमें पुराना नारियल तेल नाभि में प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

किसी सर्जरी के बाद न प्रयोग करें नाभि में नारियल का तेल

आप ही कोई सर्जरी हुई हो या तेज हाथों से नाभि में मसाज करते हुए नारियल का तेल न लगाएं यह आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है।

क्या है जानलेवा मारबर्ग वायरस के लक्षण और इलाज

marburg virus

दुनिया अभी पूरी तरह से कोरोना वायरस का कहर भूली नहीं है कि, अब एक नए वायरस की दस्तक ने लोगों की नींद उड़ा दी है। कोरोना वायरस की भयानक तबाही को पूरे विश्व ने देखा। महीनों तक कई देशों को लॉकडाउन का सामना करना पड़ा और करोड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। दुनिया के ज्यादातर देशों को कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक नुकसान भी पहुंचा। सभी देशो ने जान माल दोनों की हानि उठायी और मानसिक रूप से लोग इससे बहुत प्रभावित हुए। काफी समय बाद लोगों की जिंदगी कोरोना से उबर कर पटरी पर लौट ही रही थी की, अब एक नए वायरस मारबर्ग की आहट है।

एक न्यूज़ चैनल के मुताबिक, मारबर्ग वायरस के कारण घाना में पिछले महीने 2 लोगों की मौत हो गई थी। ये दोनों लोग मारबर्ग वायरस से संक्रमित पाए गए थे. प्रशासन ने दोनों के संपर्क में आने वाले लोगों को एतिहातन आइसोलेट कर दिया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। WHO ने कहा कि अगर मारबर्ग वायरस को लेकर तुरंत सावधानियां नहीं बरतीं गई तो इस वायरस के फैलने पर हालात बेकाबू हो सकते हैं।

आइये पहले ये जानते है कि क्या है मारबर्ग वायरस?

मारबर्ग वायरस
मारबर्ग वायरस

मारबर्ग वायरस कोरोना की ही तरह चमगादड़ों के स्रोत के कारण होने वाली बीमारी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमित जानवर से इंसानों में वायरस के क्रॉसओवर के बाद इसका एक से दूसरे व्यक्ति में संचरण हो सकता है. जानकारों के मुताबिक, मारबर्ग वायरस के कारण मारबर्ग वायरस डिजीज (MVD) का खतरा होता है और इसकी मृत्युदर 88 फीसदी से अधिक हो सकती है. आपको बता दें कि ये वायरस भी इबोला परिवार का ही सदस्य है। बताया जा रहा है कि मारबर्ग इबालो से भी ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है. साल 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट में सबसे पहले इस वायरस का प्रकोप देखा गया था।

इसके संक्रमण से होने वाले व्यक्ति में इसके लक्षण आने में 2-21 दिन का समय लगता है। इससे संक्रमित मरीज में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसलिए समय पर इसका इलाज बहुत जरूरी है।

कैसे फैलता है इस वायरस का संक्रमण?

इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के रक्त, शरीर के तरल पदार्थ जैसे मूत्र, लार, पसीना, मल, उल्टी, आदि के संपर्क में आने से संक्रमण दूसरे लोगों में फैल सकता है। यही नहीं संक्रमित व्यक्ति के कपड़े और बिस्तर के इस्तेमाल से भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसलिए ये वायरस कोरोना से भी खतरनाक नज़र आता है।

इसके बचाव और इलाज के बारे में जानकार बताते हैं कि, मारबर्ग वायरस से संक्रमित मरीज़ को इलाज के तौर पर उसे लिक्विड डाइट और इलेक्ट्रोलाइट्स को नियंत्रित करने, ऑक्सीजन और ब्लड प्रेशर की स्थिति को कंट्रोल में रखने और खून की कमी न होने देने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।अगर आप प्रभावित इलाके में रह रहे हैं तो हाथों में दस्ताने और मास्क पहनना आवश्यक है। वहीं, संक्रमित व्यक्ति को क्वारंटीन में रखना चाहिए ।और इस दौरान उसके द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी वस्तु को खुले हाथों से छूना नहीं चाहिए।

जानिए कैसे करे उपयोग ताकि मिले भरपूर कची हल्दी के फायदे

कची हल्दी के फायदे

कच्ची हल्दी रोगियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है। कच्ची हल्दी में इन्सुलिन का स्तर कम करने का गुण होता है। कच्ची हल्दी रोग पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स जो शरीर के प्राकृतिक सेल्स को नष्ट करते है उनको शरीर में पनपने नहीं देती। कची हल्दी के फायदे ढेर सारे होते हैं। कच्ची हल्दी का उपयोग चेहरे की सुंदरता निखारने के साथ साथ शरीर की कई बिमारियों से बचने के लिए भी किया जाता है।

सर्दी जुकाम के लिए एक चुटकी हल्दी ही जादू का काम करती है। कोरोना काल में तो हम सभी ने हल्दी के औषधीय गुण देखे ही हैं। तो आइये जानते है कच्ची हल्दी के गुणों को।

कच्ची हल्दी कैसी होती है

कच्ची हल्दी अदरक की तरह गांठ जैसी है इसमें वोलाटाइल नामक तेल पायाा जाता है जिसमे रोग प्रतिरोधक गुण होते है जो कैंसर जैसी बीमारी पर भी भी प्रभाव हैं। कच्ची हल्दी के औषधीय गुण हल्दी पाउडर की तुलना में कहीं अधिक होते  हैं। कच्ची हल्दी से निकलने वाला पीला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में अधिक गड़ा होता है

कची हल्दी के फायदे-Kachi Haldi Ke Fayde

कच्ची हल्दी लाभकारी है इम्युनिटी बूस्टर में-Haldi Khane Ke Fayde

कची हल्दी एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है। कच्ची हल्दी हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। इसका एक मुख्य घटक लिपोपोलीसेकराइड होता है जिसमे एन्टीवैक्टीरियल एंटीफंगल एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। जो शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते हैं। जिसके कारण कच्ची हल्दी बुखार से लेकर गले के दर्द व घुटनों के दर्द में सामान रूप से उपयोगी होती है।

कच्ची हल्दी रखे स्वस्थ पाचन तंत्र को-Haldi Ke Fayde

कच्ची हल्दी में मौजूद क्यूरक्युमिन नामक अव्यय पित्त उत्पादन को एक्टिवेट करता है। पित्त की अधिकता से खाना जल्दी से पच जाता है। पाचन क्रिया सुचारू रूप से होने के कारण पेट में सूजन और गैस की समस्या नहीं होती।

पाचन क्रिया करे दुरुस्त
पाचन क्रिया करे दुरुस्त

कच्ची हल्दी डाइबिटीज में भी है लाभकारी-Haldi Ka Upyog

कची हल्दी के सेवन से भोजन का पाचन अच्छे से होता है। कच्ची हल्दी इन्सुलिन के स्तर को संतुलित करती है। इन्सुलिन की अधिकता या कमी ही शुगर जैसी बीमारी की वजह होती है जब शरीर में इन्सुलिन की मात्रा संतुलित होती है तो डायबिटीज़ अर्थात शुगर भी कंट्रोल में रहती है।

कच्ची हल्दी उपयोगी है त्वचा व चेहरे के लिए-Kachi Haldi Benefits For Skin In Hindi

कच्ची हल्दी के चेहरे एवं शरीर पर उपयोग से त्वचा निखरती है। कच्चे दूध या दही के साथ बेसन और हल्दी मिलाकर लगाने से त्वचा की टैनिंग दूर होती है एवं त्वचा एवं चेहरे पर निखार आता है।

कच्ची हल्दी का प्रयोग दादी नानी उबटन में सदियों से करती आयी हैं। दुल्हन का रूप निखारने के लिए भी उसे कच्ची हल्दी ही लगायी जाती है।

कच्ची हल्दी फायदेमंद है दिल के लिए-Haldi Ke Gun

कच्ची हल्दी को आर्युवेद में ओषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। कच्ची हल्दी के निरंतर सेवन से शरीर के हानिकारक टोक्सिन बाहार निकल जाते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और धमनियों एवं शिराओ में बहने वाला रक्त गाड़ा नहीं होता एवं रक्त का परभाव सुचारू रूप से होता है।

दिल की बीमारियां काफी हद तक कम हो जाती हैं विज्ञान मे रिशर्च द्वारा भी प्रूव हुआ है कि हल्दी वाले दूध के सेवन से सर्जरी के बाद होने वाले हार्ट अटैक की दर दर में कमी आयी है। कच्ची हल्दी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को संतुलित करने में उपयोगी होती है।

कच्ची हल्दी फायदेमंद है त्वचा के रोगों में-Kachi Haldi Benefits For Skin In Hindi

कच्ची हल्दी में एंटीसेप्टिक एवं एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों से बचाव करती है। चेहरे की झाइयों को दूर करने के लिए कच्ची हल्दी को पीस कर खीरे के रस के साथ मिलकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की झाइयां दूर होती हैं। चर्म रोगों मे कच्ची हल्दी व आवले का रस मिलकर पीने से लाभ मिलता है।

कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों व पिग्मेन्टेशन को रॉकने में प्रभावी हैं.

कच्ची हल्दी गुणकारी है अस्थमा में-Haldi Ke Labh

अस्थमा
अस्थमा

एक चौथाई चम्मच कच्ची हल्दी को आधा चम्मच शहद मिलकर खाने से अस्थमा में तत्काल लाभ मिलता है। कच्ची हल्दी का एक छोटा टुकड़ा मुँह में लेकर चूसने से लगातार रूक रूक कर होने वाली खाँसी में रहत मिलती है। जुकाम व खांसी होने पर गरम दूध में सोंठ पाउडर व कच्ची हल्दी का पाउडर डाल कर पीने से जुकाम व खासी दूर होती है।

कच्ची हल्दी लाभकारी है चोट में-Haldi Ke Faide

कच्ची हल्दी सरसों के तेल में गर्म करकेअगर चोट पर लगाई जाये तो वह घाव को पकने नहीं देती अंदरूनी चोट में गर्म दूध में हल्दी मिलकर पीने से चोट जल्दी ठीक होती है। कच्ची हल्दी, खाने वाला चूना व शहद मिलाकर चोट या मोच की जगह पर लगाने से चोट एवं मोच तुरंत ठीक होती है।

कच्ची हल्दी है रक्त शोधक-Kachi Haldi Benefits For Skin

कच्ची हल्दी में एंटीसेप्टिक व एन्टीबैक्टिरीअल गुण पाए जाते हैं जिसके कारण कच्ची हल्दी खून को साफ़ करती है व रक्त की अशुद्धि के कारण कील मुहांसों व फोड़े फुंसियों को दूर करती हैं। कच्ची हल्दी में मुहांसों की सूजन दूर करती है हल्दी तैलीय त्वचा की अतिरिक्त चिकनाहट को दूर कर त्वचा को स्निगध बनती है। आटा शहद दूध व कच्ची हल्दी का फेस पैक त्वचा को कांतिमान बनता है।

कच्ची हल्दी गुणकारी है गठियां में-Kachi Haldi Ke Fayde

कच्ची हल्दी का नियमित सेवन करने से रोगी को जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। कच्ची हल्दी गठिया के रोगी की जोड़ों की सूजन को कम करने में कारगर होती है। कच्ची हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में हानिकारक रेडिकल्स को नष्ट करने में सहायक होते हैं।

कच्ची हल्दी है मासिक धर्म में उपयोगी-Haldi Khane Ke Fayde

कच्ची हल्दी सुबह सुबह पानी या दूध के साथ लेने से मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द व ऐठन से राहत मिलती है एवं पीरियड भी नियमित होते हैं।

कच्ची हल्दी बढ़ाये याददाश्त-Haldi Ke Fayde In Hindi

कच्ची हल्दी में मौज़ूद टारमरों नमक अव्यय मस्तिष्क की कोशिकाओं की मरम्मत में मददगार होता है जो मानसिक बिमारियों की संभावनाओं को कम करता है। यह मस्तिष्क में प्लाक के गठन को रोकता है जिससे मस्तिष्क में रक्त एवं ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारू रूप से होता है।

कच्ची हल्दी लाभकारी है कैंसर में-Haldi Ke Fayde

कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नमक घटक ट्यूमर सेल्स के प्रसार को काम करने एवं उन्हें बनने से रोकने में सक्षम होता है यह प्रोस्टेट ,स्तन व लंग्स कैंसर से बचाव में सहायक होता है।

तो इस तरह से आप सभी ने देखा की एक छोटी सी कच्ची हल्दी की गांठ में कितने सरे फायदे छुपे होते हैं तो फिर हो जाइय शुरु कच्ची हल्दी को अपने घर अपने रसोई घर में जगह देने के लिए।

जानकर चौंक जाएंगे आप चमेली के तेल के फायदे

चमेली के तेल के फायदे

चमेली एक ऐसा फूल जिसकी सुगन्ध कोई भुलाए न भूले, इसी चमेली के तेल का प्रयोग अलग अलग उद्देश्य से किया जाता रहा है।कभी स्वास्थ्य तो कभी सुंदरता के लिए। आज इस लेख में हम चमेली के तेल के बहुत से गुणों और चमेली के तेल के फायदे के बारे में बात करेंगे। चमेली के फूल में बहुत से औषधीय और लाभकारी गुण होते है। इसे जैस्‍मीन के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे के फूल से निकाले गए एसेंशियल ऑयल को चमेली का तेल कहा जाता है। हो सकता है चमेली के तेल के बहुत से उपयोग आप जानते भी न हो। किस समस्या के लिए इस तेल को किस प्रकार इस्तेमाल किया जाए ये भी हम आपको बताएंगे।

चमेली के तेल के फायदे

डिप्रेशन एंग्जायटी कम करें

अगर आप खुद को या किसी अपने को डिप्रेशन या एंग्जायटी में देख रहे है तो चमेली के तेल आपकी मदद कर सकता है। चमेली के तेल की सुगंध का उपयोग ऐसे हालात में किया जा सकता है। थाइलैंड यूनिवर्सिटी भी अपने एक रिसर्च में इसका जिक्र करती है। दरअसल चमेली के तेल की खुशबू हैप्पी हॉरमोन को उत्तेजित करती है जिससे खुशी का अहसास होता है।

चमेली का तेल
चमेली का तेल

इसकी खुशबू मन और मस्तिष्‍क को सुखद और शांति का अनुभव कराती है। इसलिए अरोमाथेरेपी में इसका प्रयोग बहुतायत से किया जाता है।

एंटीसेप्टिक के तौर पर

चमेली के तेल में एंटीबैक्टेरियल तत्व पाए जाते है। जिसके कारण इसे एंटीसेप्टिक की तरह भी काम मे लिया जा सकता है।

यौन समस्याओं में लाभकारी

चमेली के तेल की खुशबू सेक्स डिजायर बढ़ाती है, वास्तव में इसकी खुशबू आपको उत्तेजित करके रोमांस जगाती है। यह भी एक कारण है कि नवविवाहित जोड़े के आसपास चमेली के फूलों को जरूर रखा जाता है। चमेली के तेल से अरोमाथेरेपी करके स्‍खलन, फ्रिगडिटी, नपुंसकता और अन्‍य यौन समस्‍याओं का इलाज भी किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि चमेली का फूल प्रेम संबंधों को मजबूत करने में सहायक होता क्योंकि यौन समस्याओं का एक कारण तनाव भी है, और चमेली का तेल तनाव को कम करता है।

बालों की करे देखभाल

अब चूंकि चमेली का तेल तनाव कम करता है तो तनाव से गिरते बालो से भी मुक्ति दिला सकता है। इसके अलावा यह स्‍कैल्‍प और बालों मॉइस्‍चराइज करता है। हमने पहले भी बताया कि चमेली के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है जिस कारण यह स्कैल्प के बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करता है।

अब जब ये तनाव को दूर करेगा और स्कैल्प पर किसी प्रकार का इन्फेक्शन भी होने देगा, तो बालो का विकास होना लाजमी है। यदि आप भी बालों के रूखेपन, ड्राई स्कैल्प से पीड़ित है तो एक बार चमेली के तेल जरूर प्रयोग करे।

रजोनिवृत्ति अर्थात मेनोपॉज़ को आसान बनाएं

मेनोपॉज़ का समय किसी भी महिला के लिए बहुत ही अजीब होता है। तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव और बढ़ती उम्र जीवन को मुश्किल कर देती हैं।

ऐसे समय मे अवसाद, ज्यादा गर्मी लगना, रात का पसीना, इर्रिटेशन होने लगती हैं। ऐसे समय मे खुश रहना बहुत ही जरूरी होता है। यदि मेनोपॉज़ के समय महिला खुद को पैम्पर करे तो इन सब लक्षणों से बचने का ये बेहतरीन तरीका होगा।

और एक बेहतरीन बॉडी मसाज से बेहतर क्या होगा। इस समय मे कुछ दूसरे एसेंशियल ऑइल जैसे लैवेंडर ऑयल के साथ चमेली का तेल मिलाकर मालिश करे या करवाए। बॉडी मसाज से न केवल टॉक्सिन्स फ्लश आउट होंगे बल्कि तनाव और इरिटेशन भी कम होगी।

ब्लड प्रेशर का रखे ध्यान

चमेली के तेल का प्रयोग रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) अपनी रिसर्च में ये मानता है कि चमेली के फूलों में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं। तो यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित है तो चमेली के तेल का प्रयोग करे, खुश रहे जिससे रक्तचाप नियंत्रण में रहे।

सुंदरता बढ़ाये

चमेली के तेल को प्रयोग करने से मुंह के बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है। इससे मुंहासे की समस्‍या भी कम होती है, साथ ही चेहरे पर चमक आ जाती है.

अन्य फायदे

  • मस्तिष्क को एकाग्र करे
  • खांसी जुकाम के लक्षणों को कम करें
  • अनिंद्रा के लक्षणों को कम करें

चमेली के तेल में मिलने वाले तत्व

  • कार्बोहाइड्रेट
  • फ्लेवोनॉयड
  • टैनिन्स और फेनोलिक यौगिक
  • ग्लाइकोसाइड
  • सैपोनिंस

चमेली के तेल को कैसे प्रयोग करे

  • चमेली के तेल को मालिश के लिए इस्तेमाल करें।
  • चमेली के तेल को ऑयल पुलिंग के लिए इस्तेमाल करे।
  • चमेली के तेल को सिर पर लगाने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • कमरे में खुशबू करने में इस्तेमाल करे

चमेली के तेल का उपयोग जानने के बाद अब हम आपको चमेली के तेल के नुकसान के बारे में बताएंगे।

error: Content is protected !!