चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय-Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

गोरा, साफ दमकता चेहरा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। चाहे महिला हो या पुरुष हर किसी की इच्छा होती है कि उसकी त्वचा का रंग गोरा हो जाए। इसके लिए कई बार सांवली रंगत के लोग बहुत से उपाय करते हैं। कई बार तो वे झूठा दिलासा देने वाली कंपनियों के झांसे में आकर अपने बहुत से पैसे गंवा बैठते हैं। कुछ लोगों का सांवलापन जन्म से ही होता है पर कई बार चेहरे का कालापन कई कारणों से भी हो सकता हैं। जैसे की

  • तेज धूप में बाहर निकलने से
  • त्वचा की ठीक से सफाई ना रखने से
  • कील मुहांसे और झाइयां होने पर
  • अनुचित खान पान की आदतों से।

चेहरे का कालापन दूर करने के लिए महंगे उपचार भी आजकल उपलब्ध हैं और कई तरह की क्रीम भी मिलती हैं। लेकिन, हम आज आपको घर पर ही कुछ आसान उपाय करके चेहरे का कालापन दूर करने के तरीके बता रहे हैं तो आर्टिकल को पूरा पढिए।

चेहरे का कालापन दूर करने के उपाय-Chehre Ka Kalapan Dur Karne Ke Upay

सिरका और दही का पेस्ट

सिरके में प्राकृतिक रूप से एसिड पाया जाता है जो काली त्वचा को अच्छी तरह से ब्लीच कर देता है और दही से स्किन को नमी मिलती है।

  • दही और सिरके का पेस्ट बनाइए और इसे काली त्वचा पर लगाइए।
  • 20 मिनट के बाद त्वचा को ताजे पानी से धो लीजिए।
  • चेहरे का कालापन दूर करने के लिए ये पेस्ट हफ्ते में दो बार जरूर लगाइए, आपका चेहरा दमक उठेगा।

नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक

नींबू त्वचा के गहरे धब्बों को दूर करता है। टमाटर का रस खुले हुए रोमछिद्रों को बंद करता है। साथ ही त्वचा से अतिरिक्त तैल को कम करता है। दही त्वचा को नमी देती है और पोषण देती है। चेहरे के कालेपन को दूर करने के लिए नींबू, दही और टमाटर का फेस पैक तैयार कर लीजिए।

नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक
नींबू का रस, टमाटर और दही का फेसपैक
  • इसका फेस पैक तैयार करने के लिए 3 बड़े चम्मच टमाटर का पेस्ट, एक बड़ा चम्मच नींबू का रस और एक बड़ा चम्मच दही लें।
  • इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिला लें और चेहरे पर लगाएं।
  • आधे घंटे के बाद इसे धो लीजिए।

बेसन और दही का पेस्ट

  • 1 चम्मच बेसन और 1 चम्मच दही मिक्स करके पेस्ट तैयार कर लीजिए।
  • इसे चेहरे की त्वचा पर लगाइए, 10 मिनट बाद इस पेस्ट को रगड़ कर साफ कर लीजिए।
  • फिर बाद में हल्के गुनगुने पानी के से धो लीजिए।
  • चेहरे का कालापन दूर करने के लिए इस पेस्ट को हफ्ते में 2 या 3 बार लगाइए।

संतरे के छिलके

संतरे में विटामिन सी पाया जाता है जो बहुत फायदेमंद है।

  • संतरे के छिलकों का पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बनाईए।
  • इस पेस्ट को 20-25 मिनट तक चेहरे पर लगाइए और सूखने के बाद पानी से साफ कर लीजिए।
  • नियमित इस्तेमाल से आप अपने चेहरे में फ़र्क खुद महसूस कर लेंगे।

आलू का टुकड़ा या रस

  • आलू को कद्दूकस करके रस निकाल लीजिए। इस रस में ज़रा सी हल्दी मिला लीजिए।
  • रस में रुई को भिगोकर चेहरे पर लगाइए और सूखने पर ठंडे पानी से धो लीजिए।
  • आलू का टुक़ड़ा या रस लेकर भी चेहरे पर घिस सकते हैं। ऐसा करने से चेहरे का कालापन दूर होता है।

बेकिंग सोडा का पेस्ट

  • कालेपन को दूर करने के लिए बेकिंग सोडा बहुत ही लाभकारी होता है।
  • बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाइए।
  • इस पेस्ट को गर्दन पर लगाकर 15 मिनट तक छोड़ दीजिए।
  • इसे हफ्ते में दो बार लगाने से त्वचा का कालापन हट जाता है।

चावल का आटा, चीनी और टमाटर

  • टमाटर के पेस्ट में एक चम्मच चावल का आटा और आधा चम्मच चीनी डालकर अच्छी तरह मिला लीजिए और मोटा पेस्ट तैयार कर लीजिए।
  • इसे अपने चेहरे पर लगाइए। पेस्ट सूख जाने पर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

ये सभी उपचार आपकी त्वचा और चेहरे का कालापन दूर करने के लिए मददगार होंगे लेकिन आपको अपनी खान-पान की आदतों में भी कुछ बदलाव करने होंगे जैसे –

• अधिक से अधिक फल एवं सब्जियों का सेवन करें।
• फलों का सेवन जरूर करें। फलों से शरीर को जरूरी एंटीओक्सीडेंट्स एवं पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे त्वचा में निखार एवं चमक आती है।
• रोजाना 7-8 गिलास पानी पिएँ ताकि पानी की कमी ना हो और त्वचा में नमी बनी रहें।
• भरपूर नींद लें।
• अच्छी क्वॉलिटी के सनक्रीन लोशन का प्रयोग करें।
• चेहरे पर हमेशा प्राकृतिक उत्पादों को ही प्रयोग करें।

जानिए कैसे झट से दूर होगी पेट में गैस की समस्या

pet me gas

पेट में गैस की बीमारी कभी-कभी एक बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। अधिक गैस के कारण कई बार छाती और कंधों में तेज दर्द होता है जो बिल्कुल दिल के दौरे की तरह उठने वाले दर्द की तरह है। कई बार लोग यह भी नहीं बता पाते कि यह गैस का दौरा है या दिल का दौरा। किसी भी उम्र की गैस होना आम बात है। लेकिन जब पेट में गैस की बीमारी हमेशा बनी रहे तो इस बारे में सोचना महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसा नहीं है कि खाना खाने के बाद बैठने से ही गैस बनती है, बल्कि लंबे समय तक भूखे रहने के कारण भी गैस की समस्या होती है।

लंबे समय तक भूखे रहने से सिर में तेज दर्द भी होता है। खाने के बाद लंबे समय तक फटना भी गैस का कारण है। इस लिए हमे पेट में गैस की बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानना जरूरी है जिस से इस समस्या से बचाव किया जा सके।

पेट में गैस बनने के कारण

पेट में गैस
पेट में गैस
  • कब्ज की समस्या के कारण शरीर के टॉक्सिन्स ठीक से बाहर नहीं निकलते हैं जिसकी वजह से गैस बनने लगती है।
  • कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव पेट में अच्छे बैक्टीरिया को कम करते हैं जो पाचन और गैस उत्पादन का कारण बनते हैं।
  • उम्र बढ़ने के साथ शरीर की भोजन पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में दूध और दूध से बने पदार्थों ठीक से पचते नहीं हैं और गैस का उत्पादन होता है।
  • पेट में अच्छे और खराब बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ जाने के कारण गैस का उत्पादन होता है। कभी-कभी यह असंतुलन किसी बीमारी के दुष्प्रभाव के कारण हो सकता है।
  • कई बार हम खाना ठीक से नहीं चबाते। जिसके कारण गैस की समस्या हो सकती है।
  • बर्गर, पिज्जा, सैंडविच आदि के अधिक सेवन से बच्चों का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। नतीजतन, उनका भोजन अच्छी तरह से पचता नहीं है।
  • दिनचर्या की गड़बड़ी, पेट साफ न होना भी पेट में गैस बनने के कारण है।
  • महिलाओं में मैनोपॉज के बाद और पुरुषों में 50 की आयु के बाद हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, जिसका असर डायजेशन पर भी पड़ता है। यह भी पेट में गैस बनने के कारण है।

पेट में गैस के लक्षण

सबसे पहला लक्षण तो यह होता है कि आपका पेट फूल जाता है। आपको बड़ी बेचैनी होने लग जाती है। आपने कुछ भी ज्यादा खाया नहीं होता है फिर भी आपको लगता है कि जैसे आपका पेट पूरी तरह से से भरा हुआ हो।

पेट में सूजन व दर्द का होना, डकार लेना, खासकर भोजन के दौरान और बाद में, सामान्य है।

दिन में 10 से 15 बार गैंस निकलना सामान्य है अगर ज्यादा होता है तो गैंस के लक्षण होते हैं।

पेट की गैस का इलाज | Pet Ki Gas Ka Ilaj In Hindi

  • 5 बड़े चम्मच सौंफ के बीज को बारीक पीस लें। इस मात्रा में मिश्री का मिश्रण बनाएं और दोनों को ईसबगोल की भूसी में मिलाएं। खाना खाने के बाद इस दवा को सुबह, शाम और रात को दो चम्मच पानी के साथ लें। इससे खाना पचाने में आसानी होगी और पेट में गैस नहीं बनेगी।
  • गैस से जुड़ी सभी समस्याओं में सबसे फायदेमंद है हींग। हींग का पाउडर बहुत फायदा करता है। खाने के बाद पानी के साथ थोड़ा हींग का पाउडर लें। इससे गैस की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  • अगर आपको पेट में जलन की समस्या है, तो आप रोजाना खाना खाने के बाद गुड़ को चूसें। गुड़ खाने के लिए नहीं है, लेकिन इसका रस चूसना पड़ता है। यह प्रक्रिया जितनी धीमी होती है, उतनी ही प्रभावी होगी। इससे पेट की पाचन शक्ति बढ़ती है और जलन की समस्या खत्म होती है।
  • एक पैन में अजमोद को सेंकना और एक पाउडर बनाओ। इसमें काला नमक मिलाएं। खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गर्मी और एसिडिटी दूर होती है। अजमोद में मौजूद थायमोल और काले नमक में एल्कलॉइड होते हैं। इन दोनों को मिला कर एसिडिटी दूर होती है।
  • प्रत्येक बार भोजन के बाद एक लौंग और एक इलायची लेने से गैस वा एसिडिटी की समस्या दूर ही रहती है ।
  • लहसुन की दो से तीन कलियों के बारीक टुकड़े काट लें, इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू की बूंदें मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ निगल लें। यह गैस के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक करने में मदद करता है। गर्मियों में एक या दो कलियां लें।
  • अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उस पर काला नमक छिड़क कर दिन में 2-3 बार सेवन करें, इससे गैस नहीं बनेगी और भूख भी कम लगेगी।
  • जीरा खाने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसीलिए गैस की समस्या में एक चम्मच जीरे के पाउडर को ठन्डे पानी में घोलकर पियें, आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

जानिए शरीर की पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

पाचन शक्ति कैसे बढाये

ज्यादातर लोगों को यह समस्या होती है, कि भोजन करने के बाद उन्हें एसिडिटी अथवा सर दर्द होना चालू हो जाता है। यह सर दर्द सुचारू रूप से पाचन तंत्र ना काम करने की वजह से होता है यदि पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम नहीं करता है तो विभिन्न रोगों का सामना करना पड़ सकता है। पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए हमें विभिन्न तरीके के फाइबर, संतुलित आहार तथा आवश्यक पोषक तत्व युक्त भोजन करना चाहिए।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे शरीर में बीमारियों का मुख्य केंद्र हमारा पेट ही होता है क्योंकि इसमें हमारे द्वारा जब खाया गया भोजन इकट्ठा होता है, जिससे यह हमारे पेट में अनावश्यक रूप से जमा हो जाते हैं और हमारे शरीर को क्षति पहुंचाते हैं।

पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय

अधिक मात्रा में पानी पिए

पानी पिए
पानी पिए

पानी सारे संसार का एक आवश्यक जीवन प्रदान करने वाला तत्व है। पानी के बिना सृष्टि का निर्माण नहीं हो सकता है। उसी तरह पानी के बिना हमारे शरीर का निर्माण नहीं हो सकता है। हमें रोजाना 2 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए ताकि हमारे शरीर के खून में घुले हुए हानिकारक पदार्थ पानी के साथ मिलकर हमारे शरीर से बाहर निकल जाए जिससे कि हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

सही दिनचर्या का ध्यान

एक स्वस्थ शरीर के लिए हमारे दिनचर्या का सही होना जरूरी होता है। अगर हमारे दिन भर की गतिविधियां ठीक रही तो हमारा मन मस्ती अच्छे से काम करता है जिससे कि हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पाचन में असुविधा होती है।

पूरी नींद

नींद एक आवश्यक क्रिया है, जो शरीर को अगले दिन काम करने के लिए तरो ताजा बनाती है। साथ ही पूरी नींद लेने वाले लोग हमेशा स्वस्थ नजर आते हैं और दिन भर अच्छे से काम कर पाते हैं यदि पूरी नींद नहीं होती है तो खाने में मन नहीं लगता है तथा कम खाना खाकर ही हम सोने लगते हैं जिससे कि हमारे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।

सही समय में भोजन

हमें हमेशा सही समय में भोजन करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को उस वक्त की आदत हो जाती है। जब हमारे खाने का टाइम होता है, यदि खाने के समय में अगर खाना ना मिले या हम उसके एक 2 घंटे पहले या बाद में खाए तो हमारे भूख में अथवा भोजन ग्रहण शक्ति में कमी आ सकती है, जिससे पाचन तंत्र पर असर आ सकता है।

सलाद का सेवन

हमें अपने खाने में दाल चावल के साथ साथ सलाद का भी सेवन करना चाहिए। यह खाने को स्वादिष्ट बनाता है तथा खाने के साथ मिलकर पाचन शक्ति में अपना प्रभावी असर प्रदान करता है हमेशा सलाद में नींबू, टमाटर तथा प्याज का इस्तेमाल करें।

अमरूद

अमरूद खाने से हमारे शरीर को विटामिन सी फास्फोरस तथा पोटेशियम आदि आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, सारे आवश्यक पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं तो हमारी पाचन शक्ति भी अच्छे से बनी रहती है।

नींबू

नींबू में भी विटामिन सी पाया जाता है जो पेट से संबंधित विकारों को दूर करने में सहायक होता है। नींबू बदहजमी को रोकने के लिए भी उपयोग करते हैं तथा पेट की गैस एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं जिससे हमारी पाचन शक्ति तंदुरुस्त हो जाती है।

हल्दी का प्रयोग

हल्दी हमारे शरीर के लिए औषधि का कार्य करती है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे एल्कलाइन तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं जो अपच अल्सर अथवा अन्य पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। हमें प्रतिदिन एक गिलास पानी में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीते रहना चाहिए है।

आंवला

आंवले का इस्तेमाल अपने बालों को मजबूत करने के लिए तो पढ़ा ही होगा लेकिन आपको यह भी बता दें है इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने में कारगर साबित होता है। इसे काली मिर्च हींग अथवा जीरे के साथ मिलाकर आप रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो आपके पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

अपने भोजन को चबाकर खाएं

हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि अपने भोजन को सुचारू रूप से चबा चबा कर खाए यह अपनी लार में पूरी तरह से मिलकर हमारे पेट के अंदर जाना चाहिए जिससे कि पाचन शक्ति को बनाए रख सकें।

दही का सेवन

हमें प्रतिदिन एक चम्मच दही का सेवन करते रहना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ अम्ल पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए वरदान साबित होते हैं यह हमारे भोजन को पाचन करने में मदद करते हैं।

अजवाइन

अजवाइन को पानी में मिलाकर अथवा उबले हुए पानी के साथ पीने से यह हमारे पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है; और हमारी भोजन करने की क्षमता बढ़ जाती है साथ ही अजवाइन के औषधि रूपी पौधा है जो विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है।

जानिये क्या है नींबू के फायदे और नींबू पानी पीने के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू के फायदे

नींबू के फायदे

नींबू शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। नींबू से शिकंजी भी बनाई जाती है। यह शिकंजी गर्मियों में बहुत ज्यादा फेमस होती है। नींबू के शरीर पर काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है और सेहत के साथ-साथ खूबसूरती से जुड़े फायदे भी नींबू द्वारा प्राप्त होते हैं। नींबू का उपयोग कई प्रकार की वस्तुओं में किया जाता है। कई प्रकार के साबुन में भी नींबू का इस्तेमाल किया जाता है।

नींबू में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट विटामिन और कई प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं। जो शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं। साथ ही सौंदर्य बढ़ाने में भी मदद करते है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नींबू के कुछ फायदों के बारे में बताएंगे।

नींबू के फायदे-Nimbu Ke Fayde

नींबू शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है और इसीलिए लोग नींबू का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। नींबू शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ खूबसूरती निखारने में भी मददगार है। नींबू के कई प्रकार के फायदे हैं,जो नीचे निम्न प्रकार से दिए हुए हैं।

नींबू
नींबू

पाचन क्रिया मे सहायक

नींबू शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखता है। क्योंकि नींबू में उपस्थित फाइबर पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं। साथ ही वजन को भी बढ़ने से रोकते हैं। मोटापा घटाने के लिए नींबू के सेवन की सलाह डॉक्टर भी देते हैं।

नींबू शरीर के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित हुआ है। क्योंकि नींबू में कई प्रकार के व्यंजन जैसे:- पोटैशियम, जिंक, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और मैग्नीशियम इत्यादि पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।

विटामिन सी का अच्छा स्रोत

नींबू विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है। शरीर में विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है। नींबू के नियमित रूप से सेवन करने से स्कर्वी रोग से बचा जा सकता है। स्कर्वी रोगियों को भी डॉक्टर नींबू खाने की सलाह देता है। इसके अलावा नींबू में कई अन्य प्रकार के विटामिन भी पाए जाते हैं। जैसे:- विटामिन ई और विटामिन बी 6.

विटामिन ई और विटामिन बी 6 मसूड़ों को मजबूत करने और खराब गले से राहत प्रदान करने में फायदेमंद है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियमित रखते हैं। जिन लोगों के मसूड़ों में दर्द होता है। उन लोगों को नींबू खाने से राहत प्राप्त होती है।

डायबि‍टीज

मधुमेह की बीमारी आज के समय में बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। उम्र बढ़ते-बढ़ते मधुमेह का शिकार हर कोई व्यक्ति होता जा रहा है। नींबू पानी का सेवन करने से शुगर कंट्रोल में रहता है।

डायबिटीज के मरीज का भजन लगातार बढ़ता जाता है और नींबू के सेवन से वजन की बढ़ोतरी नहीं होती है। साथ ही शुगर भी कंट्रोल में रहता है नींबू द्वारा रिहाइड्रेट शरीर को प्राप्त होता है। इससे शुगर लेवल नियमित रहता है।

किडनी स्टोन

नींबू के पानी का नियमित रूप से सेवन करने से किडनी पर भी काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को किडनी में पथरी की प्रॉब्लम है। तो नींबू पानी के सेवन से किडनी स्टोन से राहत प्राप्त होती है।

मुख्य रूप से किडनी स्टोन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता जाता है और इस परेशानी से हमेशा के लिए निपटा जा सकता है।

किडनी के पथरी होने पर शरीर से मूत्र का बहाव रुक जाता है और अत्यधिक पीड़ा होना शुरू होती है। ऐसे में नींबू के पानी के सेवन से यूरिन पतला रहता है। साथ ही किडनी स्टोन के टूटने की संभावना भी होती है। किडनी में उपस्थित स्टोन के छोटे-छोटे टुकड़े मूत्र के साथ बाहर निकल जाते है।

इम्यून सिस्टम

नींबू के पानी में उपस्थित फाइटोन्यूट्रियंट्स, विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉयड जो शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। रोगों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाता है।

प्रतिरक्षा तंत्र शरीर में प्रवेश करने वाले कीटाणुओं और जीवाणु से लडता है। उनसे होने वाले रोगों से राहत प्रदान करता है। नींबू शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

मोटापा घटाना

मोटापे को कम करने के लिए लोग कई प्रकार की दवाइयां व आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेते हैं। लेकिन मोटापे को कम करने के लिए नींबू पानी पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद है। नींबू पानी का सेवन एक तरह का घरेलू नुस्खा है और इस घरेलू नुस्खे से मोटापा घटाया जा सकता है। नींबू पानी में उपस्थित विटामिन k उपस्थित होता है। जो शरीर को रिहाइड्रेट रखता है।

नींबू पानी में थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा आसानी से घटाया जा सकता है। मोटापे को कम करने में नींबू पानी बहुत मददगार साबित हुआ है।

त्वचा की देखभाल

नींबू शरीर की खूबसूरती व सौंदर्य बढ़ाने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है। नींबू में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण जो शरीर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। नींबू पानी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।

नींबू में कई प्रकार के एंटी एंजिग गुण पाए जाते हैं। जो चेहरे पर आने वाले पिंपल्स से निपटने में फायदेमंद है।नींबू के रस को आप सीधा त्वचा पर लगा सकते हैं। त्वचा पर पिंपल्स और काले दाग धब्बों से निपटने के लिए नींबू रस एक अच्छा रामबाण इलाज माना जाता है।

वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए क्या खायें-Mota Hone Ke Liye Kya Khaye

मोटा होने के लिए क्या खायें

वजन कम करना कुछ लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा अहम हो सकता है और उनकी प्राथमिकता पर वजन कम करना ही रहता है लेकिन खुश रहो कुछ लोग प्राकृतिक रूप से मोटे होते हैं तो उनको वजन कम करने के लिए काफी मेहनत या फिर एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है लेकिन अगर आप स्वस्थ शरीर और अपनी बॉडी को मेंटेन रखने के लिए आप वजन बढ़ाना साथ हैं तो आज हम कुछ वजन बढ़ाने और मोटा होने के तरीकों के बारे में जानेंगे ।

मोटा होने के लिए क्या क्या खाये-Mota Hone Ke Liye Kya Khaye

मोटे होने के लिए आपके लिए सबसे ज्यादा कैलरी खाना या प्राप्त करना होता है आप जितना पहले कैलरी खाते थे उसे कई गुना ज्यादा आपको कैलरी का सेवन करना पड़ेगा जितनी ज्यादा कैलरी की मात्रा बढ़ेगी उतना ही आप जल्दी तरीके से वजन बढ़ा पाएंगे।

  • आलू का सेवन करें
  • चावल का सेवन करे
  • घी का सेवन करें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें
  • किशमिश का सेवन करें
  • केले का सेवन करें
  • बादाम का सेवन करें
  • नट्स का सेवन करें
  • हरी सब्जियों का सेवन करें
  • संपूर्ण आहार लें
  • प्रोटीन का सेवन करें
  • पूरी नींद ले

आलू का सेवन करें

अगर आप मोटा होना चाहते हैं या वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाइट में आलू को अवश्य रुप से शामिल करना चाहिए। आप आलू खाएंगे तो ज्यादा आप वजन बढ़ा पाएंगे क्योंकि आलू के अंदर कार्बोहाइड्रेट्स एवं कांपलेक्स नामक शुगर है ।

आलू वजन बढ़ाने के लिए बहुत ही ज्यादा मदद करता है लेकिन ध्यान रहे कि आलू ज्यादा भुना हुआ या तला हुआ ना हो।

आलू
आलू

चावल का सेवन करे

अगर आप चावल का सेवन करते है, तो आपका वजन बहुत ही जायदा तेजी से बढ़ेगा, डॉक्टर्स भी चावल व आलू खाने की सलाह देते है। तो आप भी रोजाना नाश्ते में चावल का सेवन करे आपको कुछ ही दिनों में असर देखने को मिल जायेगा ओर आपका वजन भी बढ़ने लगेगा।

मोटा होने के लिए करें घी का सेवन

मोटे होने के घरेलू तरीके में से एक है घी। घी खाने के बाद आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ेगा क्योंकि इसमें Saturated fats होती है होती है और कैलरी की भी ज्यादा मात्रा में होती है। घी को आप शकर के साथ जाकर खाने में डालकर भी खा सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि घी की मात्रा एक सीमित या बराबर रूप से हो।

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें

अगर आपको वजन बढ़ नहीं रहा है तो कहीं गए पानी आपके लिए एक बड़ी वजह हो सकती है तो आपको इतने कम से कम 5-6 लीटर पानी जरूर रूप से पीना चाहिए क्योंकि हमारा शरिर 80 प्रतिशत पानी से ही बना हुआ होता है।

किशमिश का सेवन करें

आप किशमिश का सेवन करके भी अपना वजन बढ़ा सकते हैं। रोजाना या फिर प्रतिदिन लगभग एक मुट्ठी किशमिश खाने चाहिए ऐसा करने से आप वजन काफी तेजी से बढ़ेगा और इसके अलावा आप किशमिश और अंजीर को दो बराबर भागों में बांट कर और उसको दिल में या फिर रात भर भिगोकर खाएं उसे भी आपको काफी वजन बढ़ाने मैं सहायता मिलेगी।

केले का सेवन करें

वजन बढ़ाने के लिए हमेशा केले खाना काफी आशा साबित होता है। केले से वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है। इसके लिए आपको खो जाना केले का सेवन करना चाहिए क्योंकि अकेले में केले की मात्रा बहुत ज्यादा होती है क्योंकि शरीर में एक बहुत ही बढ़िया एनर्जी देती है और साथ ही वजन बढ़ाने वाले विटामिन मिलते हैं आप दूध के साथ खा सकते हैं और उसको शेक बना कर दिखा सकते हैं

बादाम का सेवन करें

बादाम
बादाम

बादाम हमारे वजन बढ़ाने में काफी कारगर साबित होते हैं इनको हमेशा 3-4 बादाम को रात भर पानी में भिगोकर अगले दिन उसको पीसकर दूध के साथ घोलकर पीएं ऐसा आप रोजाना करें तो आपको कुछ ही महीनों में इसका असर देखने को मिलेगा और आपको बहुत ही बढ़िया तरीके से वजन बढ़ता हुआ नजर आएगा।

नट्स का सेवन करें

बादाम, काजू, मूंगफली आपको जरूरी तोड़कर खाना ही सही है क्योंकि मैं बहुत ही ज्यादा मात्रा में कैलोरी पाई जाती है। ग्राफ के शरीर में ज्यादा ज्यादा कैलरी की मात्रा बढ़ेगी तो उसे वजन बढ़ने के काफी ज्यादा चांस बढ़ जाते हैं और यह सभी मार्केट में सस्ते दामों पर भी मिल जाते हैं 100 ग्राम नट्स में लगभग 500 से 600 कैलरी मिल जाती है।

हरी सब्जियों का सेवन करें

वजन बढ़ाने के लिए आपको हरी एवं ताजी सब्जी का सेवन करना चाहिए क्योंकि हर एक सब्जी में एक अलग तरह का विटामिन मौजूद होता है। जिससे आपको वजन बढ़ाने में काफी हद तक मदद मिलती है इन सब्जियों में मुख्य तौर पर दाल सोयाबीन राजमा पनीर आदि शामिल है। उनका आप ज्यादा तौर पर सेवन करें तो आपको कुछ ही महीना असर देखने को मिलेगा।

संपूर्ण आहार लें

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको संपूर्ण आहार लेना चाहिए और आपको कम से कम दिन में 5-6 बार खाना खाना चाहिए थोड़ा-थोड़ा 1 दिन में ज्यादा से ज्यादा खाना खाए और हमेशा सुबह का ब्रेकफास्ट जरूर करें उसमें कुछ विटामिन वाली चीजें खाएं ।

वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन करें

अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको जरूर रूप से प्रोटीन का सेवन करना ही चाहिए अगर आप किसी भी फिटनेस या जिम ट्रेनर से बात करेंगे तो वह आपको प्रोटीन का सेवन करने की सलाह देगा साथ ही एक सही तरह का डाइट प्लान ही बताएगा जैसे आपको वजन बनाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

वजन बढ़ाना चाहता तो आपको जिम जाना ही चाहिए फिर भी आप जिम नहीं जा सकते तो आप वहां पर जाकर उनसे एक डाइट प्लान लीजिए और उनसे वजन बढ़ाने के लिए सलाह लिजिए, तो वह आपको बढ़िया तरीके से गाइड करेंगे कि आप किस तरह वजन बढ़ा सकते हैं और एक डाइट प्लान को मेंटेन रख सकते हैं।

पूरी नींद ले

जो जो हमने बताया है वो खाने के बावजूद भी आपका वजन नही बढ़ है तो आप पूरी नींद ले क्युकी काफी लोगो का पूरी नींद ना लेने के कारण भी वजन नहीं बढ़ पाता है। हर इंसान को पूरी नींद जरुरी रूप से लेनी चाहिए क्युकी नींद कमी से सिर्फ वजन में ही अन्य नुक्सान भी होते है अगर आप पूरी नींद लगे तो वजन भी बढ़ेगा और भी कई तरह से आपके शरीर में फायदे होंगे।

एक पर्याप्त नींद लेना आपके लिए कई तरीके से फायदेमंद हो सकता है जैसे कि वजन बढ़ना , यादाश्त मैं बढ़ोतरी , मानसिक संतुलन बनाए रखना इत्यादि फायदे हैं ।

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प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए

गर्भवती महिला का खान-पान

गर्भावस्था के दौरान माता का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है और गर्भावस्था के दौरान कई ऐसी खाद्य पदार्थ चीजें होती हैं। जिनका सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए। ऐसी चीजों का सेवन करने से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। और इन समस्याओं से मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए और क्यों।

गर्भावस्था में खानपान का अवश्य ध्यान रखें

गर्भावस्था के दौरान उन चीजों पर ज्यादा फोकस करें जो आपके शरीर को स्वस्थ रखें और बच्चे के लिए काफी लाभदायक है। विभिन्न संतुलित आहार का भोजन करें ना कि बाहर के भोज्य पदार्थों का सेवन करें। बाहर के भोजन और तैलीय पदार्थों से कई प्रकार की बीमारियां होती है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। कई ऐसी चीजें भी है जो साधारण तौर पर शरीर को फायदा पहुंचाती है लेकिन गर्भावस्था के दौरान शरीर को नुकसान पहुंचाती है और गर्भावस्था में यह घातक साबित हो सकती है। जैसे पपीता, अनानास इत्यादि.

गर्भावस्था के दौरान बच्चे के स्वास्थ्य की बेहतर ध्यान रखना जरूरी होता है। गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या में कई ऐसे पदार्थ जोड़ने होते हैं और कई ऐसे काम भी जोड़ने होते हैं जो बच्चे के सेहत के लिए फायदेमंद हो। कई ऐसी चीजों को अपने शरीर से दूर रखना जरूरी होता है ताकि बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।

प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए-Pregnancy Mein Kya Nahi Khana Chahiye

प्रेगनेंसी में पपीता क्यों नहीं खाना चाहिए

पपीता गर्भपात का खतरा माना जाता है। पपीते में उपस्थित लैकट्स महिला महिलाओं के लिए भी गर्भधारण रोकने का कार्य करता है। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में अगर पपीते का सेवन किसी महिला द्वारा कर लिया जाता है तो गर्भपात की संभावना रहती है। पपीते में पपेन तो फिर उपस्थित होता है। जो अंडाणु विकास में बाधा उत्पन्न करता है। पपीता ना केवल गर्भधारण में बाधा उत्पन्न करता है। यह निषेचन में भी बाधा उत्पन्न करता है।

अंगूर भ्रूण विकास में हानिकारक

अंगूर
अंगूर

कृपा के दौरान महिलाओं को अंगूर नहीं खाने चाहिए अंगूर आम तौर पर काफी ज्यादा पोस्टिक फल माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान अंगूर शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं।अंगूर की तासीर गर्मी जो उनके लिए काफी हानिकारक होती है।और शुरुआती दौर पर भ्रूण अवस्था बनने में बाधा उत्पन्न करती है। अंगूर के सेवन से और निश्चित समय पर प्रसव होने में बाधा होती है । अंगूर में छुट्टी अम्ल उपस्थित होता है जो बच्चे के विकास के लिए बाधा उत्पन्न करता है और बच्चे को दुबला पतला बना देता है।

तुलसी के पत्ते गर्भावस्था में हानिकारक

सामान्य तौर पर खांसी जुकाम में तुलसी के पत्तों का सेवन किया जाता है। तुलसी को कई पुराने महा पुराणों में एक औषधि माना गया है।और इसी वजह से तुलसी के पत्तों का शहद के साथ सेवन करने से खांसी जुकाम ठीक हो जाता है ऐसा बताया जा रहा है। तुलसी के पत्तों का सेवन गर्भावस्था के दौरान पर करने से गर्भपात की समस्या बढ़ती है और उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।तुलसी के पत्तों में उपस्थित एस्ट्रो गोल जो गर्भपात करवा देते हैं इसके अलावा तुलसी के पत्ते किसी भी महिला के लिए मासिक चक्र को भी काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं।

चाइनीज फूड और तेलीय पदार्थों से रहें दूर

आज के प्रचलित जमाने में चाइनीस फूड काफी ज्यादा पॉपुलर होते जा रहे हैं। और फास्ट फूड के तौर पर चाइनीस फूड सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले भोज्य पदार्थ बन गए हैं। लेकिन चाइनीस फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामैट उपस्थित होते हैं। जो शिशु के जन्म के बाद काफी ज्यादा प्रभावित कारक बन जाता है। और शिशु में कई प्रकार की सारी कमियां उत्पन्न कर देता है।

चाइनीस फूड के साथ उपयोग किया जाने वाला सोया सॉस में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो गर्भावस्था के दौरान माता के शरीर में हाई ब्लड प्रेशर उत्पन्न करता है और तैलीय पदार्थों का सेवन गर्भावस्था में काफी ज्यादा समस्या उत्पन्न करता है।

अनानास भी गर्भावस्था में हानिकारक

गर्भावस्था के दौरान अनानास फल का सेवन काफी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। अनन्नास में उपस्थित ब्रोमलिन तत्व शिशु परिपक्व होने से पहले ही प्रसव पीड़ा उत्पन्न करता है जो अपरिपक्व बच्चे के जन्म देने जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है।

गर्भावस्था के दौरान सभी प्रकार की नशीली पदार्थ जैसे शराब, स्मोकिंग इत्यादि से भी दूरी रखनी चाहिए। क्योंकि इस प्रकार की नशीली पदार्थों में उपस्थित निकोटीन बच्चे के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है।

जानिए डिलीवरी के बाद क्या क्या खाएं-Delivery Ke Baad Kya Khaye

Delivery Ke Baad Kya Khaye

सभी लोगो को अपने शरीर मे ऊर्जा बनाये रखने के लिए खाने की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन हर व्यक्ति का शरीर अलग अलग प्रकार का होता है,

शरीर मतलब कई लोग मोटे है तो उनको कम फैट वाला भोजन करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग पतले होते है, उनके लिए अलग अलग प्रकार का भोजन होता है। जिसमे अधिक फैट हो।

ठीक उसी प्रकार एक गर्भवती महिला होती है। तो उसे गर्भावस्था के दौरान उचित आहार लेने के लिए कहा जाता है। ताकि उसका शरीर स्वस्थ रह सके।

डिलीवरी के पहले तो उचित आहार लेना ही चाहिए बाद में इसकी अति आवश्यकता होती है। क्योंकि डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बिल्कुल कमजोर हो जाता है। ऐसा लगता है, जैसे की शरीर मे ऊर्जा ही न हो। इसलिए डिलीवरी के बाद उसके खाने पीने में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

अगर सही खाने खाएगी तो इससे शरीर को पोषण भी अच्छा ही मिलेगा।

डिलीवरी के बाद महिला को अपने नवजात शिशु को स्तनपान भी करवाना पड़ता है। इसलिए महिला को अधिक पोषण की जरूरत होती है। ऐसे ही कुछ डाइट के बारे में नीचे बताया गया है।

डिलीवरी के बाद क्या-क्या खाना चाहिए-Delivery Ke Baad Kya Khaye

महिला के प्रसव के बाद उसको पौष्टिक तत्वों वाला भोजन कराना चाहिए। उसके भोजन में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम आदि हो।

डेयरी पदार्थ जिसमें फैट कम हो

प्रसव के बाद महिला को डेयरी उत्त्पादो का अधिक सेवन करना चाहिये। डेयरी पदार्थों में कैल्शियम प्रोटीन और विटामिन ई बहुत ज्यादा मात्रा में पायी जाती है।

यह डिलीवरी वाली महिला को बहुत जरूरी होता है। क्योंकि बाद में उसे दुगने पोषण तत्व की जरूरत होती है। वह अपने शिशु को दूध पिलाती है।

दूध पीने से बच्चें की हड्डियां मजबूत हो जाती है। महिलाओ की डिलीवरी के बाद उनके शरीर मे कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है।

डेयरी पदार्थ
डेयरी पदार्थ

लीन मीट

बहुत सी महिलाएं मांसाहारी भी होती हैं। यह डाइट प्लान इन्ही महिलाओं के लिए है। अगर आप मांसाहारी महिला है तो आप अपने भोजन में लीन मीट का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर बात करें लीन मीट में तो इसके अंदर आयरन, प्रोटीन और विटामिन B12 की प्रचूर मात्रा होती है।

जब महिला अपने शिशु को दूध पिलाती है, तो उसके शरीर मे ऊर्जा कम हो जाती है। लीन मीट शरीर मे ऊर्जा को बढ़ाता है।

दालें

दाल में प्रोटीन खनिज विटामिन और फाइबर अत्यधिक मात्रा में होती है। सभी डिलीवरी वाली महिलाओं को हरी या लाल दाल को अवश्य खाना चाहिये।

दाल का हलवा बनाकर भी इसका सेवन कर सकती है। दाल शरीर को ताकत प्रदान करती है। और फैट को बढ़ने से रोकती है।

फलियां

फलीयो में राजमा, ब्लैक बीन्स आदि होती है। डिलिवरी वाली महिलाओ को इन फलियों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर मे ऊर्जा प्राप्त होती है। वैसे सभी लोगो को फलियों का सेवन करना चाहिए।

फलियों में प्रोटीन होती है। जिससे माँ और शिशु को ऊर्जा मिलती है। महिला को विशेष रूप से इसका प्रयोग करना चाहिये, वो अपने शिशु को दूध पिलाती है, जिससे उनकी ऊर्जा में कमी आ जाती है।

हरी सब्जियां

हरी सब्जियों में विटामिन ए , विटामिन सी और कैल्शियम की अधिकता होती है। हरी सब्जियो में कैलोरी की मात्रा कम होती है। बहुत सी डिलीवरी महिलाओ का वजन बढ़ने लगता है। और हरी सब्जियां वजन को बढ़ने से रोकती है।

हरी सब्जियो में परवल, पालक, टिंडा और बाकली इत्यादि है। सभी लोगो को हरी सब्जियो को अपने डेली डाइट में शामिल करना चाहिए।

गेंहू वाली ब्रेड

गेंहू में आयरन और फायबर पाया जाता है। डिलीवरी होने वाली महिलाओं को इसका प्रयोग जरूर करना चाहिए। जन्म देने के बाद महिला के शरीर मे आयरन की कमी हो जाती है।

अंडे

अंडे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते है। अंडों में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। अंडा नई माँ को फायदा करता है। इसके लिए उबले अंडे की भुजिया और आमलेट बनाकर खा सकते है।

अंडा महिला के शरीर में आवश्यकता की कमी को दूर कर देता है।

अजवायन

डिलिवरी के बाद सभी महिलाओं को अजवायन का इस्तेमाल करना चाहिए। अजवाइन से गैस, अपच की समस्या नही होती है।

अजवायन में एन्टी बैक्टीरियल एन्टी फंगल और एंटीसेप्टिक गुड़ मौजूद होते है। एक चम्मच में एक चुटकी अजवायन को गुनगुने पानी के साथ पी जाएं।

बादाम

बादाम से शरीर का मानसिक संतुलन बना रहता है। सभी लोगो को एक बादाम डेली जरूर खाना चाहिए। बादाम में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ई, मैग्नीशियम कैल्शियम और पोटेशियम आदि तत्व होते है।

इसका प्रयोग डिलीवरी वाली महिलाओं को अवश्य करना चाहिए। बादाम को एक गिलास दूध के साथ पीना चाहिए।

काले और सफेद तिल

तिल से पेट साफ हो जाता है। तिलों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम मैग्नीशियम और कॉपर होता है। तिल का प्रयोग डिलीवरी वाली महिला को जरूर करना चाहिए। तिल को चटनी और किसी मीठे पकवान में डालकर सेवन कर सकते है।

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क्या है चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे

चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे

चाहे महिला हो या पुरुष सब चाहते है की उनके सिर पर काले और घने बाल हों लेकिन चेहरे पर बाल कोई पसंद नहीं करता। पुरुषों की दाढ़ी और मूंछें होती हैं, ये तो सभी जानते होंगे, लेकिन कई बार आपने देखा होगा कि महिलाओं के चेहरे पर भी अनचाहे बाल उग आते हैं। ये अनचाहे बाल महिलाओं को अपनी खूबसूरती पर दाग जैसे लगते है। चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे आजमाकर भी आप अपनी खूबसूरती बनाये रख सकती है।

कई बार महिलायें इन बालो को हटाने के लिए बहुत सारे तरीके जैसे की थ्रेडिंग, ब्लिज और क्रीम आदि का सहारा लेती है। जिससे उनके चहेरे के सारे बाल तो साफ़ हो जाते है। परन्तु कई बार ये तरीके किसी और त्वचा की बीमारी का रूप ले लेते है। जिसके कारण बाद में आगे चलके उनको और भी दिक्कतों का समना करना पड़ता है। और ऐसे में लड़कियों के मन में ये सवाल हमेशा आता रहेता है की बिना किसी दिक्कतों का सामना किये हम अपने चहेरे के बालो को कैसे हटा सकते है।

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे बताएंगे।

महिलाओं के चेहरे पर घने बाल होने के कारण

  • हार्मोनल के बदलाव से महिलाओ के चहरे पर बाल उगने लग जाते है।
  • एंड्रोजन हार्मोन की बढ़ोतरी के कारण महिलाओ के चहरे पर अनचाहे बाल आ जाते है।
  • आनुवांशिकता के कारण भी महिलाओ के चहरे पर अनचाहे बाल आ जाते है।
  • ज्यादा मेकअप या क्रीम का उपयोग करने के कारण भी महिलाओ के चहरे पर बाल आ जाते है।
  • कभी कभी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी चहरे पर बाल उगने लग जाते है।

चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे-Face Ke Baal Hatane Ke Upay

कच्चे पपीते का प्रयोग

कच्चे पपीते को पीसकर के हल्दी में लगा करके जहा से बालो को हटाना है उस जगह पर लगाए क्योकि पपीते में पैपैन एंजाइम पाया जाता है जो चहेरे के बालो को हटाने में मदद करता है। ( गर्भावस्था के समय इसका उपयोग न करे )

और पढ़ेंः पपीता खाने के फायदे

कच्चे पपीता
कच्चे पपीता

 

दलिया और पिसे हुए केले का मिश्रण

दलिया और पिसे हुए केले के मिश्रण को चहेरे में वहा पर लगाए जहा के बालो को आप हटाना चाहते हो, दलिया में एवेंथ्रामैमाइड पाया जाता है चहेरे के बालो को हटाने में मदद करता है।

नींबू का रस, चीनी और शहद

नींबू का रस, चीनी और शहद को मिलाकर उसे 2 से 3 मिनिट तक गर्म करे, इसको उतला करने के लिए थोडा सा पानी डाले और फिर उसको ठंडा होने दे फिर मक्की का आटा या मैदा अपने चहेरे पर उस जगह पर लगाए जहा के बाल को हटाना चाहते हो और फिर अब उस मिश्रण को इसके उपर लगाए और फिर वैक्सिंग स्ट्रिप या कपड़े की मदद से अपने बालो को निकालने का प्रयास करे।

अंडे का सफेद हिस्सा, चीनी और मक्की का आटा का मिश्रण

अंडे का सफेद हिस्सा, चीनी और मक्की का आटा का मिश्रण करके उसका पेस्ट बनाए, और इसको उस जगह पर लगाए। जहा से आप बालो को हटाना चाहते हो, अब इसे 20 से 30 मिनिट तक सूखने दे और फिर अपने चहेरे को पानी से धो ले ।

चीनी और नींबू के रस का मिश्रण

चीनी और नींबू के रस को थोड़े से पानी में मिलाए और फिर उस मिश्रण को थोडा गर्म कर ले फिर उसको ठंडा होने दे, फिर जहा जहा के बालो को हटाना चाहते हो, वहा पर इस मिश्रण को लगाए और 20 से 30 मिनिट सूखने दे फिर पानी से धो ले। इससे आपके चहेरे के बाल हट जायेंगे ।

एलोवेरा जेल और सरसों तेल

१/4 टी-स्पून बेसन, 4 टी-स्पून एलोवेरा जेल और 2 टी-स्पून सरसों तेल, सभी चीजों को अच्छे से मिला कर एक पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर जहा-जहां बाल हैं, वहां लगायें। पेस्ट को बालों की ग्रोथ से उल्टी ओर लगायें। सूखने पर पेस्ट को साफ करें। पेस्ट निकलने के बाद चेहरे को पानी से धो लें। टॉवल से पोंछ लें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में 3 बार करें। इसे कम से कम 3 महीने तक लगातार करें। यह चेहरे के बाल हटाने का उपाय बहुत ही कारगर है

और पढ़ेंः एलोवेरा जेल के फायदे जो न कभी सुने होंगे

हल्दी

1-2 टी-स्पून हल्दी की पानी या दूध मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने के बाद 15-20 मिनट तक सूखने दें। सूखने पर गुनगुने पानी से धो लें। इससे अनचाहे बालों से छुटकारा मिल सकता है।

हल्दी
हल्दी

अश्वगन्धा

अश्वगन्धा एक आयुर्वेदिक औषधि है जो तनाव और थकान में बहुत लाभकारी है। अश्वगन्धा हार्मोन के असंतुलन को ठीक करने में भी मदत करता है। यह चेहरे के बालों को हटाने में मदद करता है। चेहरे के बालों को हटाने के लिए आपको 5 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण को दूध के साथ रोजाना लेना चाहिए।

और पढ़ेंः अश्वगंधा और दूध के फायदे और सेवन करने का तरीका

तुलसी

तुलसी की कुछ पत्तियाँ चबाने मात्र से ही हार्मोनल के असंतुलन की समस्या ठीक हो जाती है। चेहरे के अनचाहे बाल हटाने के उपाय में तुलसी बहुत काम आती है।

और पढ़ेंःक्या होते है तुलसी के बीज के फायदे

चेहरे से अनचाहे बाल हटाने के दौरान आपका खान-पान और आपकी जीवनशैली

चेहरे के बाल हटाने के उपाय करते हुए एक संतुलित जीवनशैली अपनाये। अपने खान पान का ध्यान रखे।

  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। पानी से शरीर हाईड्रेट रहता है और हार्मोन संतुलन बना रहता है।
  • सूखे मेवे प्रोटीन, ऑरगैनिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक और फास्फोरस इत्यादि से भरपूर होते है। सूखे मेवे के सेवन से आपके शरीर में रक्त प्रव्हा सामान्य हो जाता है। इससे शरीर के हार्मोन्स भी संतुलित हो जाते है।
  • खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाईड्रेट और फाइबर होते है जो हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदत करते है।
  • रात में पूरी नींद लें।
  • मानसिक तनाव से दूर रहे।
  • रोजाना व्यायाम और मेडिटेशन करें।

जरुरी सवाल

क्या ऊपर के उपाय से चेहरे के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों के भी अनचाहे बाल हटा सकते हैं?
जी हां, ऊपर लिखे उपाय से चेहरे के साथ साथ शरीर के सभी अंगों के अनचाहे बालों को हटाया जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

अजवाइन से गर्भपात – अजवाइन के फायदे और नुकसान

अजवाइन से गर्भ कैसे गिराए

अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे? Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

मां बनना हर औरत का सपना होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में वह यह सपना नहीं देखना चाहती। यह संभव है कि वह पहले से मां हो, बच्चा अभी छोटा हो, परिवार पूरा हो चुका हो, या फिर वह अभी मां बनने के लिए तैयार न हो। ऐसी स्थिति में यदि गर्भ ठहर जाए, तो गर्भपात कराना जरूरी हो सकता है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और अस्पताल जाने की जटिलताओं से बचने के लिए कई महिलाएं अजवाइन से गर्भपात जैसे प्राकृतिक तरीकों को अपनाना चाहती हैं, खासकर जब वे अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में किसी को बताना नहीं चाहतीं।

गर्भपात करने के सरल घरेलु तरीका

अक्सर यह सवाल आता है कि “बच्चा कितने दिन का गिरा सकते हैं?” और इसके लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं। पारंपरिक रूप से गर्भपात के लिए विटामिन सी, पपीता , अन्नानास का रस, अजवायन, तुलसी का काढ़ा, लहसून, ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भावस्था का पता चलने के शुरुआती दिनों में ही गर्भपात कराना सही रहता है। विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे कच्चा पपीता,अनानास, कटहल, संतरा, नींबू आदि चीजों के सेवन से शुरुआती गर्भावस्था में गर्भपात हो जाता है।

भुने हुए तिल तासीर में बहुत गर्म होते हैं। तीन से चार चम्मच तिलों को भूनकर दिन में दो बार सेवन करने से गर्भपात हो जाता है।

दो से चार हफ्तों की गर्भ को गिराने के लिए, 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी के साथ उबालें पानी आधा रह जाने पर उसे छानकर उसका सेवन करें जब तक ब्लीडिंग शुरू ना हो तब तक दिन में दो से तीन बार इस पानी का सेवन करने से गर्भ गिर जाता है।

ग्रीन टी के अधिक सेवन से भी गर्भपात हो जाता है ।

अधिक मात्रा में दालचीनी तथा काली मिर्च का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।केले की पत्तियों और बबूल की फलियों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर नियमित रूप से सेवन गर्भ गिराने का तरीका है।

कॉफी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।

तुलसी के पत्तों और उसके बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से गर्भपात होता है।

तीन से चार चम्मच अजवायन को गुड़ के साथ मिलाकर दो गिलास पानी में उबालें और इस पानी को छानकर अजवायन के पानी का दिन में 2 बार सेवन गर्भ गिराने का तरीका है ।

उछल कूद और अधिक मात्रा में व्यायाम करने से भी गर्भपात हो जाता है।

गर्भपात सही है या गलत

खैर यहाँ सवाल यह नही है कि गर्भपात सही है या गलत। या फिर गर्भपात का कौन सा तरीका सही है? अजवाइन से गर्भपात प्राकृतिक गर्भपात की श्रेणी में आता है?
यहाँ हम बात प्राकृतिक तरीके से गर्भपात की कर रहे हैं। हर तरीके के गर्भपात की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं।

अजवायन से गर्भपात केवल तभी हो सकता है जब ज्यादा दिन न चढ़े हो। दस बीस दिन ऊपर होने पर अगर अजवायन से गर्भपात करतें हैं तो गर्भपात की प्रतिशत दिन बढने के साथ कम होने लगती है। अगर एक महीने से ज्यादा हो जाता है तो अजवायन से गर्भपात नहीं हो पाता।

ऐसी महिलाएं जिन्‍हें अस्‍थमा, हाई ब्‍लड प्रेशर, मधुमेह, मिर्गी और किडनी की समस्या हो उन्हें अजवायन से गर्भपात से बचना चाहिए।

इससे पहले कि हम अजवायन से गर्भपात कैसे करें ये जाने आइए जानते हैं गर्भपात की प्रकिया को गर्भ ठहरने की स्थिति में गर्भाशय में भ्रूण बनना शुरू हो चुका होता है। भ्रूण के बनने से पहले ही भ्रूण के शरीर से निष्कासन की प्रक्रिया को गर्भपात कहते हैं। गर्भपात का विरोध भी इसीलिए होता है कि तर्क यही दिया जाता है कि किसी के जीवन को नष्ट करने का अधिकार किसी को भी नही है।

क्यों हम अपने बच्चे का जीवन स्वंय ही नष्ट कर रहे हैं?

हमारे देश में परिस्थितियों पर गर्भपात निर्भर करता है कि गर्भपात कानूनी है या गैरकानूनी। लेकिन पश्चिमी देशों में गर्भपात को कानूनी माना जाता है। लेकिन फिर भी कुछ देशों में काफी नियमों का पालन करना होता है। अब हम बात करते हैं अजवायन से गर्भपात कैसे करें।

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?-Ajwain Se Garbhpat kaise kare

अजवायन एक मसाला होता है जिसकी तासीर काफी गरम होती है। इसका यह गुण ही अजवायन से गर्भपात के लिए सहायक होता है। यह नुस्खा पर तभी काम करता है जब कुछ दिन ही ज्यादा हुए हो।

अजवाइन से गर्भपात के तरीके-Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

अजवायन और जीरे के साथ

रात को सोते समय अजवायन और जीरे को भुन कर गर्म पानी के साथ लेने पर गर्भपात हो जाता है। इस नूस्खे को तब तक आजमाते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की चाय से

एक चम्मच अजवायन को आधा चम्मच हल्दी पाउडर व आधा चम्मच सौंठ पाउडर डालकर दो कप पानी में डालकर उबाल ले। जब पानी एक कप रह जाये तो उसे गरम गरम पी ले। इस चाय को तब तक पीये जब तक कि महावारी शुरू न हो जाये।

जानिए: जानिए बिना किसी दवा के अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे

अजवायन के परांठे

आटे में अजवायन हींग व हल्दी मिलाकर उसके परांठे सुबह-सुबह नाश्ते में लेने से भी गर्भपात हो जाता है। यह नाश्ता तब तक करते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की फंकी लेने से

अजवायन को भून लें। साथ ही हींग व हल्दी को भी भुन लें। इन तीनों चीज़ो को एक साथ मिलाकर एक खाली डिब्बे में भर लें। तीनों समय खाना खाने के बाद इस फंकी को मुखवास की तरह लें। ऐसा करने से गर्भपात हो जाता है। जब तक गर्भपात नही होता तब तक इस फंकी का सेवन करते रहे।

जानिए: इलायची से गर्भपात कैसे करें?

अजवायन से गर्भपात के अपने नुकसान भी हो सकते हैं। क्योंकि है तो यह बिना किसी विशेषज्ञ की देखरेख के बिना। आइये तो नजर डालते हैं अजवायन से गर्भपात की जटिलताओं पर

  • अजवायन से गर्भपात करने पर बहुत ज्यादा रक्त स्राव हो सकता है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में बहुत कमज़ोरी हो सकती है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में गर्मी हो सकती है।

जानिए: जानिये गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi

गर्भावस्था में अजवाइन के फायदे – Pregnancy Me Ajwain Ke Fayde

पाचन तंत्र को सुधारती है

गर्भावस्था में अजवाइन खाने के फायदे (Ajwain Khane Ke Fayde) में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है। इसमें मौजूद थाइमोल (Thymol) पेट में गैस, अपच और एसिडिटी को दूर करता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को राहत मिलती है।

वजन नियंत्रण में सहायक | Ajwain Pani Peene Ke Fayde

गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन अजवाइन का पानी पीने के फायदे (Ajwain Ke Pani Ke Fayde) इस दौरान भी लाभदायक हो सकते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। हालांकि, गर्भावस्था में किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

जोड़ों और कमर दर्द से राहत | Ajwain Ke Gun

गर्भावस्था में अजवाइन का काढ़ा पीने के फायदे (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गठिया (Arthritis) और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और गर्भावस्था में होने वाले पीठ और कमर दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ठंड और खांसी में राहत

गर्भावस्था में ठंड और खांसी से राहत पाने के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Ka Upyog) बहुत फायदेमंद हो सकता है। अजवाइन पानी पीने के फायदे (Ajwain Pani Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गले की खराश और बलगम को दूर करता है, जिससे सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

गर्भावस्था में हार्मोनल बदलावों के कारण त्वचा और बालों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। अजवाइन के बीज (Ajwain Ke Beej) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार बनाते हैं और बालों की रूसी और झड़ने की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

नोट : गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन सीमित मात्रा में करें और किसी भी नई चीज़ को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

गर्भावस्था में अजवाइन के नुकसान | Ajwain Ke Nuksan

तेज एसिडिटी और जलन

अजवाइन का अत्यधिक सेवन पेट में जलन और एसिडिटी बढ़ा सकता है, जो पहले से ही गर्भवती महिलाओं में आम समस्या होती है। यह पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को बढ़ा सकता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसान

प्रेगनेंसी में अजवाइन खाना चाहिए या नहीं? (Pregnancy Me Ajwain Khana Chahiye?) यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।अगर आप सोच रहे हैं कि pregnancy me ajwain kha sakte hai, तो इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कितनी मात्रा में और किस तरह से खा रहे हैं। अधिक मात्रा में अजवाइन खाने से गर्भ गिर सकता है (Ajwain Khane Se Garbh Gir Jata Hai Kya) इसलिए गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है

अजवाइन का अधिक सेवन रक्तचाप (Blood Pressure) को कम या बढ़ा सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को चक्कर, कमजोरी या सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

एलर्जी और त्वचा पर दुष्प्रभाव

कुछ महिलाओं को अजवाइन से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते या जलन हो सकती है। यदि अजवाइन खाने के बाद ऐसी कोई प्रतिक्रिया हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अजवाइन खाने का सही तरीका | Ajwain Khane Ka Tarika

  1. खाली पेट अजवाइन पानी पिएं (Khali Pet Ajwain ka Pani Peene Ke Fayde) – 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच अजवाइन डालकर पिएं।
  2. अजवाइन का काढ़ा बनाएं (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) – इसमें हल्दी और शहद मिलाकर सेवन करें।
  3. अजवाइन को चबाकर खाएं (Ajwain Khane Ke Fayde) – पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  4. अजवाइन का तेल (Ajwain Oil) – त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद।

निष्कर्ष
अजवाइन के फायदे और नुकसान (Ajwain Ke Fayde Aur Nuksan) को समझकर ही इसका सेवन करें। यह सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से नुकसान भी हो सकता है। अगर आप इसे वजन घटाने, पाचन सुधारने या रोगों से बचने के लिए ले रहे हैं, तो संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य प्रश्न

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

 

मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज-monkeypox in hindi

मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज

शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने चिकेन पॉक्स के बारे में नहीं सुना होगा! चिकेन पोक्स मतलब चेचक। लेकिन क्या आपने मंकी-पॉक्स (Monkeypox) का नाम सुना है। कोविड से दुनियाभर के देश अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नई दुर्लभ बीमारी मंकी पोक्स ने दस्तक दे दी है। चेचक से इसकी तुलना इसलिए ही की जा रही है कि ये भी वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है।

अमेरिका और यूरोप में एक दुर्लभ संक्रमण के उभरने से वैज्ञानिक चिंतित हैं, इस बीमारी का नाम है- मंकीपॉक्स। गनीमत है कि भारत में अभी तक इससे संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है।

विभिन्न देशों से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए हैं।

मंकी-पॉक्स (Monkeypox) कैसा फैलता है

ये वायरस संक्रमण से फैलता है, मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आँख, नाक और मुँह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकी पॉक्स के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जानकारों की मानें ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ सकता है।

मंकी-पॉक्स (Monkeypox) के लक्षण क्या हैं –

मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

बुखार
बुखार

इस बीमारी का इतिहास क्या है

पहली बार साल 1958 में ये वायरल इन्फेक्शन बंदर में पाया गया था। इंसानों में पहली बार ये बीमारी 1970 में सामने आई थी। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था। खास बात ये है कि, उस दौरान 75 फीसदी मरीज पुरुष थे। ये एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसने अबतक अधिकतर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में अपना जोर दिखाया है।

वर्तमान में हालात

वर्तमान समय में, अभी तक ब्रिटेन में इसका पहला मरीज 7 मई को मिला था। फिलहाल यहाँ मरीजों की कुल संख्या 9 है। वहीं, स्पेन में 7 और पुर्तगाल में 5 मरीजों की पुष्टि हुई है। अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में मंकी पॉक्स के 1-1 मामले सामने आए हैं। साथ ही कनाडा में 13 संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। बेल्जियम में शुक्रवार को 2 मामले सामने आए हैं।

मंकीपॉक्स का इलाज कैसे होता है

मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं, जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है. रोगियों को अलग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का उपयोग करके हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा निगरानी की जाती है. हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।

अभी तक ये यह वायरस ज्यादा खतरनाक साबित नहीं हुआ, पश्चिम अफ्रीका में कुछ मौतें हुई हैं, इसलिए मंकीपॉक्स के मामले भी गंभीर हो सकते हैं, हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा खतरा नहीं है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है।

विशेष

विशेष तथ्य ये निकलकर आ रहा है कि ये समलैंगिकों पर भारी पड़ रहा है, मीडिया रिापाोर्ट्स में यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) का हवाला देते हुए कहा है कि, ब्रिटेन में अब तक मिले मंकी पॉक्स के ज्यादातर मामलों में मरीज वे पुरुष हैं, जो खुद को ‘गे’ या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई करते हैं। हालांकि, अबतक मंकी पॉक्स को यौन संक्रामक बीमारी नहीं माना गया है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि समलैंगिकों में ये सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से फैलती हो।

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