खरीदने से पहले जान लीजिये “हिमालय फेयरनेस क्रीम के फायदे और नुक्सान”

रंगत निखारने वाली हिमालय फेयरनेस क्रीम के फायदे

कहते हैं कि सुंदरता वैसे तो देखने वाले की ऑखों में होती है और कहा तो यह भी जाता है कि सच्ची सुंदरता सुंदर मन पर नहीं सुंदर तन पर निर्भर करती है। पर यह भी एक बड़ी सच्चाई है कि सुंदरता का हमारे व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर हम सुंदर दिखते हैं तो हम खुश भी रहते हैं। यही सकारात्मक उर्जा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

हम सभी जब बच्चे होते हैं तो सुंदर ही होते हैं चाहे हम सांवले हो या गोरे हो। सुंदरता हमारे रंग से नहीं हमारे चेहरे की चमक से दिखाई देती है। हमारी मासूमियत से दिखाई देती है। समय के साथ साथ हमारी त्वचा अपनी प्राकृतिक चमक खोने लगती है आजकल जब हर जगह प्रदूषण है तब हमारे शरीर की त्वचा भी कहाँ अछूती है। चेहरे की चमक को बरकरार करने के लिए हम न जाने क्या-क्या करते हैं। तरह तरह के प्रयास हमें चेहरे के लिए करने पड़ते हैं। क्रीम फेस और न जाने क्या-क्या।

बाज़ार में जब इतने विकल्प हों, तो यह सवाल मन में जरूर आता है कि हिमालय की सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है? इस सवाल का जवाब ढूँढने में हम आपकी मदद करेंगे।

बाजार तरह-तरह के विकल्पों से भरा हुआ है और सही या गलत ढूंढना अपने आप में ही बड़ा काम है। इसी काम को आपके लिए आसान करने के लिए हम यहां पर लाए हैं हिमालय फेयरनेस क्रीम से जुडी कुछ जानकारियाँ, आइये जानते हैं हिमालय क्रीम के फायदे और नुकसान।

वैसे तो हिमालय के प्रोडक्ट्स सब ही बहुत अच्छे हैं पर आज हम स्किन क्रीम के फायदे बताने जा रहे हैं

हिमालय क्रीम के फायदे और नुकसान

धूल, प्रदूषण और कई अन्य चीज़ों की वजह से हमारी त्वचा अपनी प्राकृतिक आभा खो देती है। जिसके कारण त्वचा रूखी और बेजान दिखने लगती है। जो इसलिए फेयरनेस क्रीम का उपयोग करना जरूरी हो जाता है। हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा को मॉइस्चराइज्ड और हाइड्रेटेड रखकर उसमे प्राकृतिक चमक लाती है।

हिमालय नेचुरल ग्लो केसर फेस क्रीम, छोटा पैकेट बड़ा धमाका है। हिमालय नाईट क्रीम के फायदे जानना भी ज़रूरी है क्योंकि यह स्किन को रातभर पोषण देती है। यह क्रीम बहुत कम कीमत में बहुत सारे फायदे देने वाली है।

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हिमालय फेयरनेस क्रीम में अल्फा हाइड्रोक्सी विटामिन और केसर होते हैं, जो त्वचा में गुलाबी रंगत लाते हैं। मुहांसों के दाग-धब्बे हल्के करने और झाइयों को कम करने में मदद करते हैं।

हिमालय क्रीम से क्या होता है ? हिमालय नाईट क्रीम के फायदे

केसर
केसर

हिमालय फेयरनेस क्रीम में है अल्फा हाइड्रोक्सी विटामिन और केसर, हिमालय फेस क्रीम में पाए जाने वाले अल्फा हाइड्रोक्सी विटामिन केसर त्वचा में गुलाबी रंगत लाती है

हिमालय फेयरनेस क्रीम झाइयों पर है असरदार

चेहरे को चमकदार बनाती हैं। मुहांसों के कारण पड़ने वाले त्वचा के दाग धब्बों को हिमालय फेयरनेस क्रीम हल्का करती है और झाइयों को धीरे धीरे कम करती हैं।

हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा को पोषित करती है। हिमालय फेयरनेस क्रीम में पाई जाने वाली अल्फा हाइड्राक्सी विटामिंस और केशर त्वचा को अंदर से पोषित करते हैं जिससे त्वचा तरोताजा रहती है।

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चिपचिपी नहीं है

हिमालय फेयरनेस क्रीम चेहरे की त्वचा के भीतर समा जाती है। यह चेहरे के ऊपर चिपचिपी लेयर नहीं बनाती है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम देती है त्वचा में निखार

हिमालय फेस क्रीम में पाए जाने वाला केशर त्वचा की रंगत निखारता है और चेहरे पर चमक प्रदान करता है। हिमालय फेयरनेस क्रीम रूखी और नॉर्मल स्किन के साथ ऑयली स्किन के लिए भी फ़ायदेमंद है हिमालय फेयरनेस क्रीम चिपचिपी नही है। इसलिए तैलीय त्वचा वाले दिन में एक बार हिमालय फेयरनेस क्रीम को लगा सकते हैं। हिमालय फेयरनेस क्रीम रूखी और सामान्य त्वचा वाले भी लगा सकते हैं ,क्योंकि यह त्वचा के अंदर समा जाती है।

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हिमालय फेयरनेस क्रीम को नाइट क्रीम की तरह प्रयोग कर सकते हैं

हिमालय फेयरनेस क्रीम को नाइट क्रीम की तरह प्रयोग कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत होती है। यह क्रीम आपकी स्किन को रातभर पोषण देकर उसे नर्म व चमकदार बनाती है।

हर तरह की त्वचा और हर उम्र के लिए

हिमालय फेयरनेस क्रीम बहुत माइल्ड है इसमें कैमिकल्स न होने के कारण मैच्योर स्किन से लेकर टीनएज तक अपने चेहरे की देखभाल के लिए हिमालय फेयरनेस क्रीम को इस्तेमाल कर सकते हैं कम उम्र के टीनएज की स्किन को साफ रखती है जिससे उन्हें मुहासे आदि नहीं होते हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा में आसानी से समा जाती है जिसके कारण त्वचा पोषित और निखार लगती है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम बहुत माइल्ड है। इसमें कैमिकल्स नहीं होते, इसलिए मैच्योर स्किन से लेकर टीनएज तक कोई भी इसका उपयोग कर सकता है। यह मुहांसों को रोकती है और त्वचा को निखारती है।

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हिमालय फेयरनेस क्रीम चेहरे के दाग-धब्बों को मिटाकर एक नया सा निखार देती है

दाग धब्बे
दाग धब्बे

हिमालय फेयरनेस क्रीम चेहरे को कोमल व चमकदार बनाने में मददगार साबित हुई है। हिमालय फेयरनेस क्रीम एक हल्की क्रीम है जो त्वचा के अंदर आसानी से समा जाती है। हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा को मैट फिनिश देकर त्वचा को चमकदार बनाती है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा पर गुलाबी चमक देकर त्वचा को निखारती है। हिमालय फेयरनेस क्रीम पैराबीन युक्त नही है अतः कोई साइड इफेक्ट भी नही है। हिमालय फेयरनेस क्रीम त्वचा पर सफेदी ना छोड़कर त्वचा में समा जाती है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम हर तरह की त्वचा के लिए उपयोगी है। पर शुष्क त्वचा के लिए एकदम सही विकल्प है।

बजट फ्रेंडली

हिमालय फेयरनेस क्रीम के २५ ग़म पैकेट की कीमत ४४ रूपये है। इसके ५० ग़म पैक की कीमत अमेजन में ८० रूपये है। मार्केट में इस पैक की कीमत ९० रूपये है। यह टीनएज भी आराम से अफोर्ड कर सकते हैं।

ट्रैवल फ्रेंडली

हिमालय फेयरनेस क्रीम का पैक एक छोटे से कैरी बैग में आ सकता है। जो सफर में ले जाने के लिए बहुत उपयोगी है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम है स्पिल प्रूफ

हिमालय फेयरनेस क्रीम के पैक के दक्कन स्क्रू के डिजाइन में है जो क्रीम को लीक होने से रोकता है।

हिमालय फेयरनेस क्रीम को लगाने का तरीका

बेहतर परिणाम के लिए हिमालय फेयरनेस क्रीम को लगाने से पहले हिमालय फेसवाश से चेहरा धोये। हिमालय फेयरनेस क्रीम को दिन में दो बार लगाये।

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निष्कर्ष

हिमालय फेयरनेस क्रीम एक भरोसेमंद, माइल्ड और बजट-फ्रेंडली स्किन केयर प्रोडक्ट है जो हर स्किन टाइप के लिए उपयुक्त है।

सामान्य प्रश्न

डेली यूज़ के लिए कौन सा क्रीम लगाएं?

डेली रूटीन में अच्छी क्रीम का प्रयोग करके हम अपने चेहरे को चमकदार और बेदाग रख सकते हैं।डेली स्किन केयर के लिए यदि आप एक अच्छी क्रीम चाहते हैं तो निविया इसके लिए सबसे बढ़िया क्रीम है निविया के उत्पाद अपनी गुणवत्ता और खुशबू के लिए जाने जाते हैं। यह क्रीम त्वचा को नमी प्रदान करती हैं और चमकदार बनाती है। यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए यह कारगर है। रेगुलर निविया क्रीम के अलावा , निविया की सॉफ्ट लाइट मॉइश्चराइजर क्रीम एक बेहतरीन क्रीम है जिसमें जोजोबा ऑयल और विटामिन ई है जो त्वचा को चमकदार बनाता है । इसके अलावा हिमालया वाओ और ओले की डे क्रीम्स भी अच्छा विकल्प है ।

हिमालय की सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है?

हिमालय के सभी उत्पाद अपनी गुणवत्ता और बेहतरीन रिजल्ट के लिए मशहूर है । हिमालय की सबसे अच्छी क्रीम की बात करें तो Himalaya Herbals Nourishing Skin Cream सबसे बेस्ट है । एलोवेरा ,Indian Kino Tree और Winter Cherry की गुणवत्ता से भरपूर यह क्रीम सभी प्रकार की स्किन के लिए बेस्ट है । यह क्रीम स्किन को मॉइश्चराइज करती है इससे त्वचा टोंड और चमकदार दिखाई देती है । इस क्रीम का प्रयोग मेकअप के बेस के तौर पर भी किया जा सकता है ।यह क्रीम हरे रंग के ढक्कन वाले सफेद बॉक्स में आता है। इस क्रीम के लीक होने का कोई खतरा नहीं होता, इसीलिए इसे आसानी से ट्रेवल के दौरान कैरी किया जा सकता है।

हिमालय की क्रीम लगाने से क्या होता है?

ब्यूटी प्रोडक्ट के क्षेत्र में हिमालय एक भरोसेमंद और जाना माना ब्रांड है। हिमालय फेस क्रीम्स की एक विशाल रेंज बाजार में उपलब्ध है । यह सभी क्रीम्स अलग-अलग प्रकार की त्वचा के अनुसार बनाई गई हैं । हिमालय क्रीम्स मुख्य रूप से त्वचा को मॉइश्चराइज और हाइड्रेट करके उसमें प्राकृतिक चमक लाती हैं । हिमालय क्रीम के लगातार प्रयोग से त्वचा के दाग धब्बे और झाइयां दूर होती हैं । हिमालय क्रीम में पाए जाने वाले नेचुरल तत्व जैसे जोजोबा ऑयल ,एलोवेरा और केसर त्वचा को अंदर से पोषित करते हैं जिससे त्वचा हमेशा तरोताजा रहती है।

हिमालय केसर फेस पैक कैसे यूज़ करें?

हिमालय का नैचुरल ग्लो केसर फ़ेस पैक बेहतरीन नेचुरल फॉर्मुलेशन है जो त्वचा की अशुद्धियों को साफ करके उसे आंतरिक चमक देता है और बेदाग बनाता है । हिमालय नेचुरल ग्लो फेस पैक को प्रयोग करने के लिए सबसे पहले चेहरे को अच्छे से साफ करें फिर हिमालय फेस पैक को चेहरे और गर्दन पर इसे समान रूप से लगाएं। आंखों के आसपास के क्षेत्र में का प्रयोग ना करें । 10 से 15 मिनट तक सूखने दें, गीले तौलिए या स्पंज से अच्छे से साफ करें। ठंडे पानी से एक बार फिर से चेहरे को अच्छे से धो लें ताकि बचा हुआ फेस पैक निकल जाए। सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसका प्रयोग हफ्ते में दो बार करें।

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के फायदे और नुकसान जो जानकर रह जाएंगे आप दंग

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के फायदे

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के फायदे

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के फायदे यूं तो बहुत है। यह स्किन के लिए बालों के लिए और शरीर के लिए कई और अन्य प्रकार से भी बहुत फायदेमंद है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि अश्वगंधा टेबलेट के फायदे क्या क्या है।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट लाभदायक है थायराइड की बीमारी में ( himalaya medicine for thyroid)

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का सेवन करने से थायराइड कंट्रोल होता है और मेटाबॉलिज्म इन ठीक होता है लेकिन अगर हम थायराइड की दवाइयाँ पहले से ही ले रहे हैं तो हिमालय अश्वगंधा टैबलेट हमें नुकसान कर सकता है चाहे वह हमारा हाइपर थायराइड हो या हाइपो थायराइड हो।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट का इस्तेमाल थाइरोइड ग्रंथि को उत्तेजित करने के लिए किया जा सकता है। थायरॉयड ग्रंथि पर हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के प्रभाव इसकी जड़ों का एक्सट्रैक्ट, अगर प्रतिदिन लिया जाए, तो थायराइड हार्मोन के स्राव में वृद्धि होगी।

हिमालय अश्वगंधा के फायदे हमारे शरीर के मेटाबालिज्म को कंट्रोल करने में

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर के मेटाबाॅलिज्म को बढ़ाने में मददगार है।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट यौन शक्ति बढ़ाने में मददगार

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में यौनांगो की मांसपेशियों को सक्रिय करने का गुण पाया जाता है। यह मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच तालमेल बनाने में कारगर है हिमालय अश्वगंधा टैबलेट शरीर की चर्बी को दूर कर शरीर को ऊर्जावान बनाती है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में पाये जाने वाले पोषक तत्व वीर्य की क्वालिटी बढाने में मददगार होते हैं।

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मोतियाबिंद रोग में लाभदायक

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के एंटीऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टि पाए जाते हैं। जो मोतियाबिंद के असर को कम करने में उपयोगी होते हैं।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट उपयोगी है त्वचा की बीमारियों में

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं यह एंटीऑक्सीडेंट त्वचा में नमी बनाए रखते हैं और त्वचा के कोलेजन स्तर की रिपेयर भी करते हैं।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट चेहरे के काले दाग धब्बोंझाइयों को दूर करती है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट सोरायसिस जैसे रोग को भी दूर करने में मददगार है। इस रोग में शरीर की त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट कोलेजन स्तर को बढ़ावा देकर त्वचा की नमी व चिकनाहट वापस लाती है|

झाइयाँ
झाइयाँ

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट उपयोगी है बालों की समस्याओं में

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में पाये जाने वाले पोषक तत्व कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के झडने को रोकता है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के गुणकारी तत्व बालों में मेलेनिन की हानि को कर समय से पहले बालों के ग्रे होने को रोकता है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में टाइयरोसीन पाया जाता है। जो एक एमिनो एसिड है और शरीर में मेलेनिन के उत्पादन को बढाता है। मेलेनिन को बढा कर बालों को काला बनाता है।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के फायदे ह्रदय रोगों में

अश्वगंधा, में सूजन कम करने के गुण,पाये जाते हैं। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट में सूजन व तनाव कम करने के गुण पाये जाते हैं।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम होती है।जिसके कारण ह्रदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत बनता है।

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हिमालय अश्वगंधा टैबलेट कारगर है कैंसर में

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में पाये जाने वाले पोषक तत्व ट्यूमर सेल्स को नष्ट करने में कारगर होते हैं। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट खाने से एपोप्टोसिस बढ़ता है जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मददगार साबित भावी है

तनाव चिंता और अवसाद दूर करने में

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट का प्रयोग व्यक्ति को मानसिक रुप से शांत कर देता है जिसके कारण व्यक्ति की चिंता दूर हो जाती है।हिमालय अश्वगंधा टैबलेट व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रसन्नचित रखती है। जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक अवसाद नही होता।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट है एन्टीबैक्टीरियल

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट में जीवाणु रोधी गुण हैं। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट घाव को पकने नही देती। घाव में पीसकर हिमालय अश्वगंधा टैबलेट लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

हिमालय अश्वगंधा टैबलेट मूत्रजनन, जठरांत्र और श्वसन तंत्र के संक्रमण में बहुत उपयोगी है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट का सेवन लाल रक्त कणिकाओं व सफेद रक्त कणिकाओं में वृद्धि करता है।

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट रोकती है बुढ़ापे को

हिमालय हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के सेवन से यौवनावस्था कायम रहती है और बुढापा नहीं आता। हिमालय अश्वगंधा टेबलेट शुक्राणुवर्धक एवं शक्ति प्रदान करने वाली है। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट के सेवन से शरीर को ताकत मिलती है और स्पर्म बेहतर होते हैं।

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के सेवन से मजबूत होता है तंत्रिका तंत्र

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट के सेवन से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है और मष्तिष्क मजबूत होता है। मस्तिष्क रीढ की हड्डी द्वारा जननांगों की मांसपेशियों को संदेश भेज कर संदेश का संचालन करता है और जननांगों की मांसपेशियों को शक्ति मिलती है।

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट में पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जो शरीर के तनाव व चिंता को दूर करते हैं। हिमालय अश्वगंधा टैबलेट टेबलेट में पाये जाने वाले आयुर्वेदिक तत्व अनिद्रा, मानसिक तनाव,धकान व स्वप्न दोष को दूर करने में मददगार हैं।

स्टेमिना और सेक्सुअल टाइमिंग बढ़ाने के लिए पतंजलि का अश्वगंधा कैप्सूल बहुत लाभकारी माना जाता है। अश्वगंधा कैप्सूल को खाना खाने के बाद या रात में सोने से पहले दूध के साथ लिया जा सकता है। दिन में दो बार कैप्सूल को उपयोग में लेना चाहिए। 

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का उपयोग दिन में किसी भी समय किया जा सकता है इसको पानी के साथ लिया जा सकता है खाना खाने के बाद। और रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ भी इसका उपयोग किया जा सकता है। 

डाबर अश्वगंधा टेबलेट एक नेचुरल तरीके से बना उत्पाद है जिसमें अश्वगंधा मिला हुआ होता है। जो की तनाव, इम्यूनिटी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इसके उपयोग से सेक्स से जुड़ी समस्याएं जैसे काम टाइमिंग, थकान जैसी समस्याएं भी दूर होती है। 

अश्वगंधा टेबलेट प्राकृतिक उत्पादों से मिकर बनी होती है इसलिए इससे किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट होने का खतरा नहीं रहता है। उसको दिन के समय खाना खाने के बाद और रात में सोने से पहले उपयोग में लिया जा सकता है। 

अश्वगंधा टेबलेट को उपयोग में लेने से बहुत सी समस्याओं से राहत पायी जा सकती है। यह तनाव, नींद में कमी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओ में काफी कारगर होता है। इसके उपयोग से स्टेमिना में वृद्धि होती है जिससे पूरे दिनभर थकान महसूस नहीं होती है। 

अश्वगंधा प्राय चूर्ण या टेबलेट के रूप में बाजार में उपलब्ध है। चूर्ण को आप दूध, घी, पानी किसी में मिक्स कर के ले सकते हो और टेबलेट को भी दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। सुबह और शाम दिन में दो टेबलेट का सेवन करना चाहिए। और चूर्ण को एक छोटा चमच जितना ही। 

अश्वगंधा सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं अपितु महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। महिलाओं में यह सेक्सुअल इन्फेक्शन को दूर करता है और घुटनों में दर्द, थायराइड की समस्या, और जनन क्षमता की समस्या को भी दूर करता है। यह एंटी ऐजिंग प्रोडक्ट के रूप में उपयोगी है। 

यदि आपको स्टेमिना में कमी, तनाव, थकान या सेक्स से जुड़ी कोई समस्या है तो आप हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का प्रयोग कर सकते है। आप नियमित रूप से तीन या चार महिने तक इसका प्रयोग  करते है तो आपको इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल जाएंगे।  

अश्वगंधा और मिश्री को मिक्स कर के खाने से न सिर्फ स्वाद में फर्क पड़ता है अपितु स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी है। यह शुगर को नियंत्रित करता है और घुटनों के दर्द और सेक्सुअल समस्याओं को भी दूर करता है। स्टेमिना में वृद्धि और तनाव को दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। 

अश्वगंधा को खाली पेट लेने की अपेक्षा खाना खाने के बाद प्रयोग में किया जाना चाहिए। चूंकि जब हम खाना खाने के बाद इसका उपयोग करते है तो खाने में मिले हुए तत्व अश्वगंधा के गुणकारी तत्वों को अवशोषित कर शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाते है। दूध के साथ भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।  

अश्वगंधा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लाभकारी है लेकिन यह पुरुषों में विशेष तय सेक्सुअल समस्याओं को जड़ से दूर करता है। जैसे पुरुषों में नपुसंकता, शुक्राणुओं की कमी, और सेक्स टाइमिंग में कमी जैसी समस्याओं के लिए यह रामबाण साबित होता है। 

अश्वगंधा का अधिक मात्रा में उपयोग करने से आपको इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। अधिक उपयोग से यह शरीर में गर्मी पैदा करता है जिससे पेट की समस्या, मुहँ में छालों की समस्या, अपच जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती है। अतः अधिक मात्रा में उपयोग से बचना चाहिए। 

अश्वगंधा का अधिक इस्तेमाल पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसका उपयोग करने से डायरिया जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें उसके बाद ही इसका सेवन करें। और जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या हो उनको अश्वगंधा के प्रयोग से बचना चाहिए। 

जानिए क्या है हेमपुष्पा पीने के फायदे-Hempushpa Ke Fayde In Hindi

जानिए क्या है हेमपुष्पा पीने के फायदे

हेमपुष्पा एक आर्युवेदिक औषधि है। हेमपुष्पा स्त्रियों के लिए बहुत उपयोगी औषधि है। हेमपुष्पा महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाली परेशानियों को दूर करने में सहायक होती है। महिलाओं को हेमपुष्पा पीने के फायदे बहुत सारे है।

हेमपुष्पा पीने के फायदे-Hempushpa Ke Fayde In Hindi

हेमपुष्पा का सेवन रक्त शुद्धि में मदद करता है। हेमपुष्पा मानसिक व शारीरिक विकारों में सामान रूप से उपयोगी है। हेमपुष्पा उन महिलाओं के लिए भी जिन्हे कोई भी समस्या नहीं है उपयोग किया जाता है। हेमपुष्पा निरोगी महिलाओं को स्वस्थ व ऊर्जावान बनाने में मदद करती है।

हेमपुष्पा उपयोगी है मूत्र समस्या के निदान में

हेमपुष्पा यूरिन को साफ़ करने में मद करती है। पेशाब के पीलेपन को दूर करती है। पेशाब के समय होने वाली जलन को दूर करती है। हेमपुष्पा मूत्र की अशुद्धियों को साफ करके पेशाब में होने वाली जलन को दूर करने में कारगर है।

हेमपुष्पा लाभदायक है वजन घटाने में

हेमपुष्पा में पायी जाने वाली औषधियां शरीर के हानिकारक टोक्सिन को दूर करती हैं। हेमपुष्पा शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर वजन घटाने में मदद करती है। हेमपुष्पा के नियमित प्रयोग से शरीर फुर्तीला एवं हल्का होता है।

वजन कम करने में मदद करे
वजन कम करने में मदद करे

हेमपुष्पा गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करती है

हेमपुष्पा पेट में बनने वाली गैस की समस्या को दूर करने में उपयोगी है। हेमपुष्पा छोटी आंत व बड़ी आंत की बिमारियों को दूर करती है। हेमपुष्पा आँत के विचारों को दूर कर गैस की समस्या का समाधान करती है।

हेमपुष्पा हार्मोनल असंतुलन को दूर करती है

हेमपुष्पा में पायी जानेवाली जड़ी बूटियां हार्मोनल असंतुलन को दूर करने में सहायक हैं। महिलाओं में किशोरावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक अनेक मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तन आते हैं। इन परिवर्तनों के कारण हार्मोनल डिस्बैलेंस भी होते हैं।

इन हार्मोनल असतुंलन की वजह से मुहांसे ,अनिद्रा, बालों का झड़ना ,अनचाहे बाल, वजन का बढ़ना या कम होना, चिंता एवं तनाव आदि हो जाते हैं। हेमपुष्पा हार्मोनल असंतुलन को दूर कर शरीर को स्वस्थ रखती है।

हेमपुष्पा मासिकधर्म की अनियमितताओं को दूर करती है

हेमपुष्पा के नियमित सेवन से महिलाओं की अनियमित मासिक चक्र की समस्या दूर होती है। कुछ महिलाओं में मासिक चक्र बहुत जल्दी जल्दी आता है जिसके कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है।

कुछ महिलाओं में मासिक चक्र की अवधि बढ़ जाती है। इन मासिक विकारों में शरीर असहनीय दर्द होता है। हेमपुष्पा मासिक विकारों को दूर करती है।

हेमपुष्पा रजोनिवृति में लाभदायक

महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र में रजोनिवृत्ति होती है। इस समय स्त्रियों में मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तन होते हैं। इस समय शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन बनाना बंद कर देता है। एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण मासिक धर्म शुरु होता है। मासिक धर्म बंद होने से शारीरिक थकान, कमर दर्द, पीठ दर्द आदि की समस्या होती है। हेमपुष्पा इन तकलीफों को दूर करती है।

हेमपुष्पा गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फ़ायदेमंद

हेमपुष्पा में पायी जाने वाली औषधियां गर्भवती महिलाओं की समस्याओं को दूर करती हैं। गर्भवती महिलाओं को कमज़ोरी ,थकान, भूख न लगना आदि समस्याएं हैं। मॉर्निंग सिकनेस, भूख में कमी, खून की कमी आदि में भी हेमपुष्पा लाभदायक है।

हेमपुष्पा एनीमिया में उपयोगी

हेमपुष्पा में पायी जाने वाली गुणकारी औषधियां खून की कमी को दूर करती हैं। हेमपुष्पा में पाए जाने वाले तत्व शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने में उपयोगी हैं।

हेमपुष्पा लाभकारी है पीरियड्स में

हेमपुष्पा माहवारी के समय होने वाले दर्द को कम करने में फ़ायदेमंद हैं। अगर हम दर्दनिवारक दवाओं का प्रयोग दर्द दूर करने मे करेंगे तो कुछ समय बाद हमारे शरीर में दवाएं नुक्सान करना शुरू कर देती हैं। पर आर्युवेदिक हेमपुष्पा दवा के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते।

हेमपुष्पा के कुछ समय प्रयोग से शरीर के अंदर ताकत आती है। हेमपुष्पा के नियमित प्रयोग से शरीर में दर्द सहन करने की शक्ति आती है।

हेमपुष्पा लेने का तरीका

हेमपुष्पा सिरप के साथ टेबलेट आती है हेमपुष्पा सिरप को २ टीस्पून पानी के साथ लेना है सुबह शाम लेना है व इसमें जो टेबलेट होती है। उस टेबलेट को खाने के बाद सुबह और शाम को लेना है।

हेमपुष्पा में पायी जाने वाली औषधियां

हेमपुष्पा में अनेकानेक जड़ी बूटियां डाली गयी हैं जिनमे से कुछ नाम यहाँ दिए हैं .

ये सभी आर्युवेदिक गुणों से भरपूर प्राकृतिक जड़ी बूटियां हमारे शरीर को अंदर से शक्ति प्रदान करती हैं। आर्युवेदिक जड़ी बूटियों के प्रयोग से बनी होने के कारण हेमपुष्पा के साइड इफेक्ट्स नहीं होते।

हेमपुष्पा के कुछ अन्य लाभ

  • हेमपुष्पा पीरियड्स डिले होने पर बहुत उपयोगी है। हेमपुष्पा लगातार लेने से पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं।
  • हेमपुष्पा हार्मोनल असंतुलन को दूर करती है।
  • हेमपुष्पा मुहांसों को ठीक करती है।
  • हेमपुष्पा मासिक धर्म को नियमित करता है।
  • हेमपुष्पा गर्भवती महिला के लिए बहुत लाभदायक है।

धागे वाली मिश्री के फायदे है अनेक जानकर रह जाएंगे आप भी दंग

धागे वाली मिश्री के फायदे

 हम सभी मिश्री के स्वाद और उपयोग से परिचित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धागे वाली मिश्री (या जिसे धागा मिश्री, dhaage wali mishri और dhage wali misri भी कहा जाता है) सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है? आज हम आपको बताएंगे इसके ऐसे फायदे जो शायद ही आपने पहले सुने होंगे।

धागे वाली मिश्री क्या होती है?

धागे वाली मिश्री एक प्रकार की शुद्ध मिश्री होती है, जो सफेद धागे पर क्रिस्टल के रूप में जमती है। इसे बनाने की प्रक्रिया पारंपरिक और प्राकृतिक होती है, इसलिए इसमें किसी तरह का रसायन नहीं होता।

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धागे वाली मिश्री के प्रमुख फायदे

1. ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत

dhaage wali mishri शरीर में ताजगी और ऊर्जा लाने का काम करती है। यह थकावट दूर करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मददगार है।

2. पाचन में सहायक

भोजन के बाद मिश्री और सौंफ खाने की परंपरा का वैज्ञानिक कारण है। यह पाचन क्रिया को सक्रिय करती है और गैस की समस्या को कम करती है।

3. गले की खराश में राहत

धागा मिश्री को इलायची या काली मिर्च के साथ सेवन करने से गले की खराश और खांसी में राहत मिलती है।

4. आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार

प्राकृतिक मिश्री, विशेष रूप से धागे वाली मिश्री, आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद कर सकती है, खासकर बच्चों और वृद्धों के लिए।

5. शारीरिक कमजोरी में लाभदायक

थकान होना
थकान होना

जो लोग लगातार कमजोरी या थकावट महसूस करते हैं, उनके लिए रोजाना एक टुकड़ा dhage wali misri दूध के साथ लेना लाभदायक हो सकता है।

उपयोग करने के तरीके

  • एक टुकड़ा मिश्री सुबह खाली पेट खाएं।
  • मिश्री और सौंफ को मिलाकर भोजन के बाद सेवन करें।
  • मिश्री को दूध या गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें (नुकसान)

  • मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों को dhaage wali mishri से परहेज़ करना चाहिए।
  • अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापा और ब्लड शुगर बढ़ सकता है।

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FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: क्या धागे वाली मिश्री और सामान्य मिश्री में अंतर होता है?
हाँ, धागे वाली मिश्री अधिक शुद्ध और प्राकृतिक होती है, जबकि सामान्य मिश्री में शुद्धता की कमी हो सकती है।

Q2: क्या बच्चे भी इसे खा सकते हैं?
बिलकुल, लेकिन सीमित मात्रा में। यह बच्चों के लिए ऊर्जा और स्वाद दोनों देता है।

Q3: इसे दिन में कितनी बार खाना चाहिए?
दिन में एक या दो बार, भोजन के बाद या दूध के साथ सेवन करना पर्याप्त है।

Q4: क्या यह मिश्री वजन बढ़ाती है?
यदि अधिक मात्रा में ली जाए तो वजन बढ़ सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

निष्कर्ष

धागे वाली मिश्री, जिसे हम धागा मिश्री, dhaage wali mishri, या dhage wali misri भी कहते हैं, सिर्फ स्वाद में ही नहीं, स्वास्थ्य लाभों में भी बहुत आगे है। यदि आप इसे सही मात्रा में अपने दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो यह आपकी सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

मिश्री को गन्ने से सीधा नेचुरल तरीके से बनाया जाता है। गन्ने के रस की चासनी को किसी कप में डाल कर उसका क्रिस्टलीकरण किया जाता है। क्रिस्टल बनाते समय बीच में एक धागा रखा जाता है ताकि मिश्री के क्रिस्टल को कप से निकाल सके। 

मिश्री की तासीर ठंडी होती है। प्राय देखा जाता है की गर्मी के कारण मुहँ में छाले होना और गले के काग का लटकना जैसी समस्या देखि जाती है। मिश्री का सेवन गले को ठंडक प्रदान करता है। तासीर में ठंडी होने के कारण ही यह छालों और अन्य समस्या में लाभप्रद होती है।  

धागे वाली मिश्री गन्ने के रस से प्राकृतिक रूप से बनाई जाती है। इसमें किसी तरह का कोई रसायन नहीं डाला जाता है। गन्ने के रस को किसी कप में भर कर बीच में धागा डाला दिया जाता है और रस  को क्रिस्टल फॉर्मेट में परिवर्तित कर दिया जाता है। 

इलायची और मिश्री को बारीक पीस कर मिक्स करके इसका सेवन करने से गले से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। शरीर में गर्मी के कारण छालों की समस्या देखी जाती है इलायची और मिश्री का सेवन छालों की समस्या में भी लाभकारी है।  

ईसबगोल और मिश्री को बारीक पीस कर पानी में घोलकर पीने से पाचन से जुड़े हुए विकार दूर होते है। यह पेट में बनी में अपच, गैस की समस्या, बदहजमी आदि को दूर करता है। यह मिश्रण पेट में ठंडक प्रदान करता है जो की पेट में जलन आदि समस्या को दूर करता है। 

प्राय मिश्री में दो वेरायटी मिलती है जिसमें एक तो बड़े बड़े क्रिस्टल धागे से एक दूसरे से जुड़े होते है और एक प्रकार में क्रिस्टल के बीच में धागा नहीं होता है। देखा जाए तो दोनों ही एक रूप हे बस बनाने की विधि में थोड़ा फर्क रहता है।  

प्राय लोग मिश्री और चीनी को एक ही रूप में देखते है लेकिन दोनों ही अलग अलग प्रकृति के होते है। मिश्री में चीनी की अपेक्षा सुगर की मात्रा कम होती है। मिश्री के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। और शुगर भी संतुलित रहता है।  

मिश्री के प्रकारों में धागे वाली मिश्री को अच्छा माना जाता है क्योंकि वो आज भी पुराने तौर तरीकों से बनती है। इसका निर्माण आज भी घरेलू औधयोगिक इकाइयों में होता है जिससे इसमें किसी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं होता है।  

प्राय चीनी में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है क्योंकि चीनी को केमिकल मिक्स कर के बनाया जाता है। परन्तु मिश्री का निर्माण नेचुरल तरीके से किया जाता है। इसलिए मिश्री को खाने से शुगर लेवल बेलेन्स रहता है। केलेस्ट्रॉल की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।    

मिश्री को हम चीनी के विकल्प के रूप में खा सकते है। चीनी की अपेक्षा मिश्री थोड़ी कम मीठी होती है परन्तु लाभकारी होती है। देखा जाता है की कई लोग चाय में चीनी की बजाय मिश्री का प्रयोग करते है। मिश्री को छालों की समस्या में भी खाया जा सकता है। 

मिश्री सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। आजकल हर मीठी चीज में चीनी का उपयोग होता है जिसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। जबकि मिश्री में चीनी की अपेक्षा शुगर की मात्रा कम होती है। अतः मिश्री के सेवन से मधुमेह जैसी समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

धागा मिश्री में धागे का प्रयोग इसलिए किया जाता है की जब मिश्री को बनाया जाता है तो लंबे साँचो का उपयोग किया जाता है। उन्ही साँचो में से मिश्री के क्रिस्टल को खींच के निकाल सके इसी लिए बीच में धागा डाला जाता है। अतः इसे खाने के उद्देश्य से नहीं डाला जाता है। 

खांड को गन्ने से रस से नेचुरल तरीकों से बनाया जाता है। इसमें किसी तरह का कोई केमिकल उपयोग में नहीं लिया जाता है। गन्ने के रस को गरम कर के उसमें देशी घी मिलाकर अच्छी तरह घुटाई की जाती है। इसमें किसी तरह के अनावश्यक केमिकल का प्रयोग नहीं होता है।  

हाथ पांव गोरा करने का तरीका आसान और असरदार

हाथ पांव गोरा करने का तरीका आसान और असरदार

आजकल गर्मी और प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि उसका असर हमारी त्वचा पर बहुत ज्यादा पड़ने लगा है। जिससे त्वचा पर कालेपन की समस्या भी बढ़ गई है। व्यस्त रहने के कारण हम हाथ पांव का उतना ध्यान नहीं रख पाते जितना की चेहरे की त्वचा का रखते हैं। जिसकी वजह से हाथ पांव का कालापन धीरे धीरे बढ़ता जाता है। काले हाथ पांव से आपकी पर्सनेलिटी पर बुरा असर पड़ता है। हाथों और पावों को गोरा करने के लिए आपको कुछ ज्यादा सामान नहीं चाहिए। घर पर पड़े सामान से कुछ आसान और घरेलू नुस्खे आजमाकर आप हाथों और पैरो का कालापन दूर कर सकते है। तो आइये आज हम जानते है की क्या है हाथ पांव गोरा करने का तरीका जो है बेहद ही आसान और और असरदार भी।

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हाथ पांव गोरा करने का तरीका-Hath Paon Gora Karne Ka Tarika In Hindi

हाथों की सुंदरता बढ़ाएगा चन्दन, खीरे, टमाटर और नींबू का पेस्ट

  • हाथों पैरों से कालेपन को दूर करने के लिए 2 चम्मच चन्दन पाउडर में टमाटर, खीरे और नींबू के रस को अच्छे से मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
  • अब इस पेस्ट को हाथ पैर पर 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दीजिए और फिर बाद पानी से धो लीजिए। इस पेस्ट को एक हफ़्ते में दो बार जरूर इस्तेमाल करें।

हाथ पांव गोरा करने का तरीका है बादाम का पेस्ट और निम्बू

  • चार बादाम भिगोकर छिलका उतार कर पीस लीजिए।
  • फिर इसमें 3-4 बूदें नींबू का रस, 1 चम्मच दूध और आधा चम्मच बेसन को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाइए और अपने हाथ पैरों पर लगा दीजिए।
  • फिर सूखने पर पानी से धो लीजिए।

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हाथों की सुंदरता बढ़ाएगा दूध, ग्लिसरीन और नींबू का रस

  • कटोरी में दूध, ग्लिसरीन, नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर अपने हाथ और पैर पर लगाइए।
  • सूख जाने पर पानी से धो लीजिए।
  • दूध और नींबू को प्राकृतिक ब्लीच मानते हैं तो इस उपाय से आपके हाथ पैर साफ और नर्म होंगे।

हाथ पांव गोरा करने का तरीका है संतरे का पेस्ट

संतरे
संतरे
  • पहले संतरे के सूखे छिलकों को पीस लीजिए।
  • फिर इस पाउडर में दूध मिलाकर अपने हाथ और पैरों पर पेस्ट बनाकर लगाइए।
  • जब सुख जाए तब धीरे से रगड़ते हुए पानी से धो लें।
  • इस पेस्ट को लगाने से आपके हाथ और पैरों से कालापन खत्म हो जाएगा और सॉफ्ट भी होंगे।

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हाथों की त्वचा गोरी करने के उपाय है मीठे तेल से मालिश

हाथो को गोरा करने के घरेलू नुस्खे है शहद और नींबू

  • हाथ पैरों की त्वचा को गोरा करने के लिए शहद और निम्बू का रस एक बहुत असरदार उपाय माना जाता है ।
  • शहद आपकी त्वचा को मुलायम बनाता है और नींबू ब्लीचिंग का काम करता है।
  • निम्बू के रस में त्वचा को गोरा करने वाले गुण मौजूद होते हैं।
  • इससे आप अपने हाथ पैरों को गोरा बना सकते हैं।
  • इसे दिन में 2 से 3 बार अपने हाथों पर आधे घंटे के लिए लगाइए और फिर धो लीजिए।
  • जिससे आपके हाथ गोरे और सुन्दर हो जाते हैं और हाथो के बाल भी कम होते हैं।

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हाथ पांव गोरा करने का तरीका है बेसन, निम्बू का रस और गुलाब जल का पेस्ट

  • एक और अच्छा उपाय ये है कि बेसन में निम्बू का रस और गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कीजिए।
  • इस पेस्ट को अपने हाथो पर सूखने तक लगाइए फिर हल्का रगड़कर धो लीजिए।
  • इस पेस्ट को रोजाना एक बार इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में आपके हाथ पैर गोरे और खूबसरत बन जायंगे।

हाथो को गोरा करने के घरेलू नुस्खे है दूध और सेंधा नमक

  • हाथों और पैरों के कालेपन को दूर करके उन्हें गोरा और मुलायम बनाने के लिए दूध और सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
  • इसके लिए पहले 2 चम्मच सेंधा नमक में 2 चम्मच कच्चा दूध मिला लीजिए।फिर आप चाहे तो इस पेस्ट में 1 चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
  • पेस्ट तैयार हो जाने पर इससे अपने हाथों और पैरों पर हल्के हाथों से स्क्रब करें।
  • इस पेस्ट के उपयोग से बहुत ही जल्दी आपके हाथों पैरों से कालापन दूर हो जाएगा और वे गोरे और खूबसूरत हो जाएंगे।

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हाथों का रंग गोरा करने के उपाय है दलिया और जैतून का तेल

  • हाथ पैरों को गोरा करने के लिए दलिया का उपयोग करने से बहुत फायदा होता है।
  • अगर आप चाहते हैं कि आपके हाथ और पैरों की त्वचा कोमल भी बन जाए तो इसके लिए दलिये को पानी में उबालकर फिर उसमें एक चम्मच जैतून का तेल मिला लीजिए।
  • फिर इस मिश्रण को कम से कम आधे घंटे तक हाथ और पैरों पर लगा रहने दीजिए और फिर पानी से इसे धो लें।
  • इसका एक बार उपयोग करके ही आप अपने हाथो और पैरों में बहुत फर्क महसूस करेंगे।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

हाथो को कैसे गोरा करे?

आइए जानते हैं अपने हाथों को किस प्रकार गोरा किया जा सकता है - 1.बेसन - दो चम्मच बेसन में थोड़ा सा कच्चा दूध और चुटकी भर हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करके उसे हाथों पर लगाने से हाथों का रंग गोरा होता है। 2.नींबू -नींबू के रस में चीनी अथवा नमक मिलाकर हाथों पर रगड़ने से हाथों का कालापन दूर होता है । 3. टमाटर - टमाटर के रस में थोड़ा-सा नींबू का रस मिला कर हाथों पर मसाज करें इससे हाथों का रंग गोरा होता है । इसके अलावा कच्चे दूध से हाथों पर मसाज करने से भी उसका रंग गोरा होता है।

पैरों को कैसे गोरा करें?

पैरों को गोरा कैसे बनाये? आइऐ जानते है..... 1.रात को सोने से पहले पैरों को गुनगुने पानी से धोये ।और क्रीम लगा कर सोये इससे पैरो की त्वचा नर्म और मुलायम रहेगी साथ ही पैरों को गोरा भी बनाऐ रखेगी 2.नहाने दस मिनट पहले एक चम्मच नींबू का रस,एक चम्मच खीरे के रस में हल्दी मिलाकर मसाज करे ।और कुछ समय रख कर नहा ले । 3.एक चम्मच ऐलोवेरा जैल और एक चम्मच बादाम का तेल मिला कर हफ्ते में दो बार मसाज करें। पैर गोरे रहेंगे। 4. दो चम्मच चीनी में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच गुलाबजल मिला कर हल्के हाथों से स्क्रब करें और साफ पानी से धोये।

हाथ पैर के कालेपन को दूर कैसे करें?

1.हाथ पैर का कालापन दूर करने के लिये कच्चे दूध में जायफल धिसकर लगाने से पुराने काले निशान मिट जाते है साथ ही हाथ पैर का कालापन भी दूर हो जाता है । 2. एक चम्मच कच्चे दूध में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर रोज कालेपन वाली जगह हाथ पैरों पर लगाये इसके नियमित प्रयोग से कालापन हटने लगेगा। 3. संतरे के छिलके सुखाकर पीस ले फिर रोज एक चम्मच संतरे के छिलके में थोड़ा दूध मिला कर हाथ पैरों पर लगा ले और सूखने के बाद धोले ।कालापन कम होने लगेगा ।

गोरे होने के लिए क्या किया जाता है?

गोरे होने के उपाय क्या है ? आइऐ जानते 1.आधा चम्मच शहद में नींबू का रस मिलाकर रात में लगाये और सुबह ठण्डे पानी से धोये । 2. अधपके केले में कच्चा दूध मिलाकर मसाज करे और दस मिनट बाद धोले । 3 . आटे के चोकर में बादाम का तेल , चंदन का बुरादा , गुलाब जल , मसूर की दाल का पाउडर मिला कर रोज उबटन करें ।त्वचा गोरी और मुलायम बनेगी 4.चावल का आटा उसमें आधा चम्मच शहद मिलाये और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना ले और अपने चेहरे, हाथ , पैरो पर लगाये और सूखने पर धोले । रंगत निखर कर आयेगी

जानिए क्या है मुनक्का के बीज के फायदे आपकी सेहत के लिए

मुनक्का के बीज खाने से फायदा

आज हम आपको मुनक्का के बीज के फायदे के बारे में बताएंगे। मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व जैसे की मेग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, जस्ता, फास्फोरस, मैगनीज, आयरन और कैल्शियम आदि पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक और फायदेमंद होते हैं। दिखने में मुनक्का बहुत छोटी होती है पर बहुत ही गुणकारी होती है। मुनक्का में वसा की मात्रा ना के बराबर होती है। मुनक्का खाने में हल्की और सुपाच्य होती है।

मुनक्का को बड़ी दाख (रेजिन) के नाम से भी जाना जाता है। साधारण दाख यानि किशमिश और मुनक्का में इतना फर्क सिर्फ इतना है कि मुनक्का बीज वाली होती है और किशमिश से अधिक गुणकारी होती है। आयुर्वेद में मुनक्का को कई रोगों की सर्वश्रेष्ठ औषधि माना गया है।

मुनक्का के बीज के फायदे

मुनक्का के बीज से आपको यह सब फायदे मिलते हैं जिनको जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।

नोट – यदि आपको किसी भी प्रकार की कोई बीमारी है तो मुनक्का के बीज का सेवन करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह जरूर से लें।

आंखों के लिए उपयोगी

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में विटामिन A पाया जाता है जो हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मुनक्का में बीटा कैरोटीन पाया जाता है। विटामिन A और बीटा कैरोटीन से हमारी आंखों की रोशनी बढ़ती है। 5-7 मुनक्का को रात में पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उठकर इसका सेवन करे।

विटामिन A
विटामिन A

त्वचा के लिए उपयोगी

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है जो हमारे शरीर की त्वचा पर होने वाले नुकसान से बचाता हैं और मुनक्का के बीजों का रोजाना सेवन करने से आपकी हमारी त्वचा स्वस्थ एवं चमकदार बन जाती है। रात में मुनक्के को पानी में भिगो कर रख दे। सुबह इस पानी को भी पिए। मुनक्के का पानी हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकालकर शरीर को डिटॉक्स करता है, जिससे हमारी त्वचा चमकदार बनती है।

यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में एमिनो एसिड पाया जाता है जो हमारे शरीर में यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायता प्रदान करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में पोटेशियम व कैल्शियम पाया जाता है। मुनक्का के बीज हमारी हड्डियों को और मजबूत बनाता है। कैल्शियम की कमी के कारण हमारे शरीर में जो रोग होता है वह हमारी हड्डियों को कमजोर व नाजुक बना देता है।

बालों को स्वस्थ रखने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हमारे बालों के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि आयरन की कमी के कारण हमारे बाल झड़ने लगते हैं और बालो से संबंधित रोग होने लग जाते हैं।

बुखार और जुकाम को ठीक करने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में फिनोलिक पायथोन्यूट्रीएंट और जर्मिशिडल के साथ साथ एंटीओक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में बुखार व जुकाम जैसी बीमारियों से छुटकारा पाने में सहायता प्रदान करते है।

खून की कमी को दूर करने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में कॉपर पाया जाता है जो हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता प्रदान करता है जिसके कारण हमारे शरीर में खून की बढ़ोतरी होने लगती है।

कब्ज से राहत दिलाने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर, कैल्शियम और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं ये तत्व हमारे पेट के अंदर जाकर वहाँ का सारा पानी सोख लेते हैं जिसके कारण कब्ज जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा मिलता है।

ह्रदय के लिए फायदेमंद

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा मे पोटेशियम पाया जाता है जो हमारे शरीर में रक्तचाप को कम करता है पोटेशियम हमारे शरीर में रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है जिसके कारण हृदय संबंधित रोगों से छुटकारा मिलता है।

दांतो को स्वस्थ रखने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में ओलेनोलिक नामक एसिड पाया जाता है जो हमारे शरीर में जाकर दांतों को सुरक्षित लगता है और इसके साथ-साथ हमारे दांतो को मजबूत रखने में भी सहायता प्रदान करता है।

बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

मुनक्का के बीज बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। बहुत बार देखा जाता है कि बच्चे महीने में 5 से 6 बार बीमार पड़ जाते हैं।  मुनक्का के बीजों का सेवन करने से उन रोगों से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।

गले के संबंधित रोगों को दूर करने में सहायक

मुनक्का के बीज में प्रचुर मात्रा में एंटी बैक्टीरिया नामक तत्व पाए जाते है जो हमारे गले के लिए बहुत फायदेमंद होते है क्योंकि यह हमारे गले में होने वाली खराश व खुजली जैसी बीमारियों को ठीक करने में सहायता प्रदान करता है।

यदि आप रोजाना मुनक्का के बीजों का सेवन करते हैं या रोजाना मुनक्का के बीजों को खाते हैं तो आपको यह सब फायदे मिलेंगे।

यदि आपका मुनक्का के बीजों से संबंधित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।  हम आपके कमेंट का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे ।

मुनक्का के बीजों की यह जानकारी अपने दोस्तों और अपनी सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें ताकि आपके दोस्तों को भी मुनक्का के बीजों के फायदों के बारे में पता चल सके।

सामान्य प्रश्न

क्या मुनक्का के बीज खाने चाहिए?

मुनक्का के बीजों का सेवन करना चाहिए ।मुनक्का के बीजों में प्रचुर मात्रा में कॉपर पाया जाता है जो शरीर में खून की कमी का दूर करता है। मुनक्का के बीजों में प्रचुर मात्रा में फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कब्ज की समस्या को दूर करते हैं, मुनक्का के बीज में पोटेशियम पाया जाता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है , यह हृदय रोगों में भी बहुत लाभदायक है। मुनक्का के बीजों का प्रयोग फायदेमंद तो है परंतु अधिक मात्रा में मुनक्का के बीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में मोटापा बढ़ सकता है और मधुमेह की समस्या भी हो सकती हैं। मुनक्का के बीजों में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्वों को हमारा शरीर आसानी से पचा नहीं सकता मुझे अधिक सेवन से हमें पेट फूलना उल्टी और गैस की समस्या भी होती है ।

मुनक्का का सेवन कैसे करना चाहिए?

मुनक्का हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है। मुनक्का की तासीर गर्म होती हैं इसलिए अधिकांश इसका सेवन सर्दियों में किया जाता है। मुनक्का का सेवन करने से पहले उसे रात भर पानी में भिगोकर रखना चाहिए और सुबह खाली पेट इसका सेवन करना चाहिए । मुनक्का का सेवन गर्मियों में भी किया जा सकता है परंतु गर्मियों में इसका सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए । आप यदि चाहे तो सर्दियों में रात में भी मुनक्का का सेवन कर सकते हैं इसके मुनक्का को चार से पांच घंटे पानी में भिगो कर रखें और उसके बाद में दूध के साथ इन भीगे हुए मुनक्का का सेवन करें। यह शरीर में खून की कमी को दूर करने का रामबाण उपाय है।

खाली पेट मुनक्का खाने से क्या क्या बीमारी खत्म होगी?

रोजाना सुबह खाली पेट भीगे मुनक्का खाना बहुत लाभदायक होता है। मुनक्का में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है । मुनक्का का सेवन शरीर में रक्त की कमी को दूर करता है । मुनक्का में फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कब्ज की समस्या को दूर करते हैं। मुनक्का में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो नेत्र ज्योति को बढ़ाता है । मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए मुनक्का बहुत ही लाभदायक होता है। खाली पेट भीगे मुनक्का खाने से त्वचा चमकदार होती है। ह्रदय रोग में भी है लाभदायक है और यह उच्च रक्तचाप की समस्या को भी दूर करता है।

मुनक्का और किशमिश में कौन ज्यादा फायदेमंद है?

मुनक्का और किशमिश दोनों ही अंगूर से बनते हैं और बहुत लाभदायक होते हैं परंतु यदि दोनों के बीच तुलना की जाए तो आयुर्वेद के अनुसार मुनक्का अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के लगभग सभी अंगों के लिए लाभदायक होते हैं । मुनक्का में किशमिश की तुलना में आयरन और कैल्शियम ज्यादा होता है जो शरीर में रक्त की कमी को दूर करता है। किशमिश में अम्लीयता पाई जाती है जो एसिडिटी की समस्या को बढ़ावा देती है वहीं मुनक्का में फाइबर पाया जाता है जो पेट की समस्याओं को दूर करता है । पोषक तत्वों की बात की जाए तो मुनक्का में किशमिश की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं इसलिए इसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है ।

दूध में मुनक्का खाने से क्या होता है?

दूध के साथ मुनक्के का सेवन करने से कई लाभ हैं । रोजाना रात को दूध के साथ मुनक्के को उबालकर पीने से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है। दूध के साथ मुनक्के का सेवन करने से नींद अच्छी आती है, यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है । यदि सर्दी जुकाम की समस्या से पीड़ित है तो दूध के साथ मुनक्का को उबालकर उसका सेवन करें यह सर्दी जुकाम को खत्म कर देगा । दूध के साथ मुनक्के का सेवन गठिया रोग के लिए भी लाभदायक होता है इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है ।

मुनक्का और किशमिश में क्या अंतर है?

मुनक्का और किशमिश दोनों अंगूर से बनते हैं फिर भी दोनों के गुणों और आकार में काफी अंतर होता है । सामान्य रूप से किशमिश बीज रहित और पीले हरे रंग के साथ छोटी होती है। दूसरी ओर मुनक्का बड़ा, बीज के साथ भूरे या हल्‍के काले रंग का होता है। किशमिश छोटे अंगूरों को सुखाकर तैयार की जाती है जबकि मुनक्का लाल रंग के बड़े अंगूरों को सुखाकर तैयार की जाती है इसमें बीज भी होता है ।

जानिए क्या है पपीता खाने के फायदे और पपीता खाने का सही समय

पपीता खाने के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार सभी फलों को खाने का अलग अलग समय निश्चित किया हुआ है, जब हम निश्चित समय पर ही उन फलों का सेवन करते है तो वो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभगदायक हो जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे की पपीता खाने का सही समय क्या होता है ओर पपीता खाने के फायदे क्या होते है।

आयुर्वेद के अनुसार हमे फलों का सेवन सुबह से समय में करना चाहिए जो हमारे लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि हम फलों का सेवन शाम के समय में करते है तो इससे हमारे पाचन क्रिया पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है ।

पपीता खाने का सही समय

पपीते का सेवन करना का सही समय होता है सुबह के 5 से 9 बजे के बीच में या हमे नाश्ते में पपीते का सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे हमे पूरे दिन ऊर्जा मिलती रहती है और हमे थकान महसूस नही होती है ।

पपीता खाने के फायदे

यदि आप रोजना पपीते का सेवन करते है तो आपको ये सब फायदे मिलते है।

त्वचा के लिए लाभदायक

पपीते में ऐसे बहुत सारे तत्व होते है जो हमारे शरीर की त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होते है। आप पपीते को खाने के साथ अपनी त्वचा पर किसी क्रीम की तरह लगा भी सकते हो, जिससे आपकी त्वचा पर उपस्थित मृत कोशिकाएं हटने लगेगी ओर परिमाण स्वरूप आपकी त्वचा का निखार बढ़ने लगेगा।

कैंसर के उपचार में

पपीता में लाइकोपिन, कैरोटिनॉइड, एंटीऑक्सिडेंट, बीटा-क्रिप्टोक्साथीन और बीटा कैरोटिन आदि तत्व पाए जाते है जो कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से लड़ने में आपको सहायता प्रदान करते है। पपीते में आइसोथियोसाइनेट्स नामक एक तत्व पाया जाता है जो कार्सिनोजेंस नामक तत्व को खत्म करने का काम करता है।

पपीता
पपीता

प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाना

पपीते में एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, विटामिन E , C और A ये सब तत्व बहुत ज्यादा मात्रा में पाये जाते है, जिनसे WBC (स्वेत रक्त कोशिका) में बढ़ोतरी होती है प्रतिरक्षा तंत्र और मजबूत होने लगता है ।

दिल के लिए लाभदायक

पपीते में विटामिन A , C और E ,एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर आदि बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। फाइबर हमारे शरीर में उपस्थित हानिकारक कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है जिससे आपको हार्ट अटेक जैसी दिल की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।

बालों के लिए

पपीते के अंदर भरपूर मात्रा में खनिज, एंजाइम और विटामिन्स पाए जाते है जो हमारे बालों के वृद्धि और विकास के लिए बहुत जरुरी होते हैं, पपीते का रोजाना सेवन करना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है इससे हमारे शरीर के बालो में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलती है ।

रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक

उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना पपीते का सेवन करना चाहिए। वह बहुत लाभदायक होता है क्योंकि पपीते में पोटेशियम पाया जाता है जो हमारे शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करता है जिससे रक्तचाप नियंत्रण में रहता है ।

पाचन में सहायक

पपीते में प्रचुर मात्रा में पपेन नाम का एक एंजाइम पाया जाता है जो हमारे शरीर में पाचन क्रिया को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा पपीते में फाइबर, बीटा कैरोटिन, विटामिन ई और फोलेट आदि तत्व पाए जाते है जो कब्ज को रोकने में सहायता प्रदान करते है ओर साथ ही कैंसर से भी बचाव करता है ।

वजन कम करने में सहायक

यदि आपका वजन ज्यादा है और आप अपने वजन को कम करना चाहते हो तो आपको रोजाना पपीते का सेवन करना चाहिए, पपीते में फाइबर, विटामिन सी, फोलेट और पोटेशियम आदि तत्व पाए जाते है जो पाचन किया को बढ़ाते है ओर पपीते में कोलेस्ट्राल और वसा दोनों बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते है जो की वजन कम करने ये लिए बहुत ज्यादा लाभगदायक है ।

जोड़ों के दर्द में

यदि आपके जोड़ो में दर्द है तो आपको रोजाना पपीते का सेवन करना चाहिए क्योंकि पपीते में उपस्तिथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी, पपेन और चयमोपपेन जैसे एंजाइम जोड़ो के दर्द को काफी हद तक कम करने में सहायता प्रदान करता है, पपीते के रोजाना सेवन से शरीर पर होने वाली सूजन में भी कमी आती है ।

आँखों के लिए लाभगदायक

पपीते में विटामिन A काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो आपकी आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन A से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है ओर साथ पपीते में कुछ ऐसे तत्व भी होते है जो मोतियाबिंद रोग में आपको बहुत ज्यादा राहत दिलाता है। इसके अलावा नील प्रकाश से रक्षा करने के लिए पपीते में कैरोटिनॉइड ल्यूटिन और जेक्सैंटिन भी पाया जाता है जो रेटिना को नुकसान पहुचाने से बचाता है।

तो दोस्तों आज अपने जाना की अगर आप पपीता का सेवन करते है, तो आपके शरीर को कितना फायदा होगा, साथ ही इससे आप इसके सेवन से बड़े बड़े बीमारियों से दूर रहेंगे। अगर आपको इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी सवाल पूछना चाहते है, तो आप निचे कमेंट करके पूछ सकते है।

कैसे घटाएं वजन सिर्फ कुछ हफ्तों में बिना कुछ किये

कैसे घटाएं वजन सिर्फ कुछ हफ्तों में बिना कुछ किये

वजन को लेकर हर कोई परेशान रहता है और वजन बढ़ना प्रदूषित खानपान तथा अपने शरीर का ध्यान नहीं रखने की वजह से यह समस्या काफी ज्यादा फैल रही है। वजन घटाने के लिए कई प्रकार के उपाय जो आपको अपनी दिनचर्या में लाने होते हैं। वजन घटाने की बात जब आती है। तब आपका वजन पहले से ही ज्यादा या बड़ा हुआ हो कई लोग मोटापा घटाने के लिए कई प्रकार की मेडिसिन तथा आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाइयां लेते हैं। लेकिन यह दवाइयां ना के बराबर असर करती है।

मोटापा घटाने के लिए अपने खान-पान तथा शरीर का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, और इसी आधार पर आप बिना कोई दवाइयां लिए मोटापा घटा सकते हैं।

मोटापा घटाने के लिए अपनी दिनचर्या को मैं कई नियम जोड़ने होते हैं। अपनी दिनचर्या को एक व्यवस्थित तरीके से शुरू करनी होती है और टाइम टाइम पर खान-पान और वर्कआउट बहुत जरूरी है।

सुबह मेंथी का पानी

रात को एक गिलास या किसी बर्तन में थोड़ा पानी लेकर उसमें थोड़ी मेथी डाल दें। इस पानी को रात भर पड़ा रहने दें। और सुबह उठते ही मेथी निकालकर उस मेथी के पानी को पिए मेथी का पानी आपके शरीर के मोटापे को घटाने में एक अहम भूमिका निभाता है।

मेथी में anti-obesity गुण मौजूद होते हैं जो मोटापे को घटाने में अहम भूमिका निभाते हैं, तथा मेथी शरीर में उपस्थित जहरीले पदार्थों को बाहर निकालते हैं और उपापचय क्रिया को बढ़ावा देते हैं ।

ग्रीन टी

सुबह मेथी के पानी का सेवन करने के बाद दूध वाली चाय की बजाए ग्रीन टी पीए। कई बार मोटापे के वजह से भी कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियां होने लगती है। जिसमें दिल की बीमारी भी शामिल है।

मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों से ग्रीन टी काफी मददगार साबित होती है, और शरीर के वजन को कम करने में भी सहायता प्रदान करती है।

ग्रीन टी
ग्रीन टी

नियमित वर्कआउट

शरीर की वजन को घटाने के लिए आपकी दिनचर्या में वर्कआउट तथा मॉर्निंग वॉक को ऐड करना काफी महत्वपूर्ण होता है। मॉर्निंग वॉक तथा सुबह के वर्कआउट से आपकी शरीर की कैलोरी बर्न होती है। जिससे आपके शरीर से पसीना निकलता है।

पसीने के साथ जहरीले पदार्थ बाहर निकलते हैं, और वजन घटाने में इस प्रकार से वर्कआउट अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संतुलित आहार

शरीर का वजन कम करने के लिए आपको संतुलित आहार का सेवन करना होता है, और संतुलित आहार भी निश्चित रखें ज्यादा खाना नहीं खाएं। वजन को कम करने के लिए संतुलित आ रहा कम मात्रा में दिन में दो-तीन बार खाएं एक बार में ही भरपेट खाना नहीं खाए।

पैक या सोडा पेय तथा फास्ट फूड से दूर रहे

सोडा पेय कोका कोला तथा अन्य प्रकार की एनर्जी ड्रिंक और फास्ट फूड से दूर रहें इन प्रकार के पदार्थों में कई ऐसे मिनरल्स उपस्थित होते हैं।

जो आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं और वजन घटाने के लिए इस प्रकार के किसी भी पदार्थ का सेवन ना करें इसके साथ ही ज्यादा ऑयल वाले पदार्थों का सेवन भी ना करें।

रात का डिनर हल्का व 7:30 बजे से पहले करें

रात का डिनर बिल्कुल हल्का लें इसमें सलाद फ्रूट के साथ 1-2 चपाती खाए। पेट भर के रात के समय खाना नहीं खाए, तथा रात का डिनर शाम 7:30 बजे से पहले कर लें ताकि आपका भोजन सोने से पहले अच्छी तरह से पच जाए।

खाना खाने के बाद 1 घंटे से पानी पिये

जब आप खाना खाते हैं तो खाना अच्छी तरह से चबा चबा कर खाए साथ ही खाना खाने के बाद घंटे भर तक पानी नहीं पिये। यदि आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं तो ऐसे में आपके शरीर के पाचन तंत्र पर बहुत ज्यादा इफेक्ट पड़ता है, और पाचन तंत्र जल्दी से भोजन को पचा नहीं पाता है।

जब आपके शरीर में पाचन तंत्र जल्दी भोजन नहीं पच आएगा तो आपके शरीर में स्फूर्ति की बजाय आलस आने लगता है  शरीर के मोटापे को कम करने के लिए शरीर में स्फूर्ति होना बहुत जरूरी है जिससे शरीर की कैलोरी खर्च होती रहती है।

आपने क्या सिखा वजन घटाने के बारे में

हम उम्मीद करते है की हमने जो भी आपको वजन घटाने के बारे में बताया है, वो आपको अच्छा लगा होगा, और अगर आपके मन में इससे रिलेटेड कोई सवाल है, तो हमे कमेंट  करके पूछ सकते है।

तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी पसंद आया हो तो प्लीज अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

घर पर फेशियल करने का तरीका Facial karne ka tarika in hindi

घर पर फ्रूट फेशियल कैसे करे

घर पर फेशियल करने का तरीका

दोस्तों अगर आपके पास पार्लर जाने का समय नही है तो आप घर पर भी फेशियल कर सकती है। बस आपको जानने की जरुरत है घर पर फेशियल करने के तरीका| सबसे पहले यह जानते है कि फेशिअल से होता क्या है, यदि आप फेशिअल करती है तो आपके चहरे से गंदगी निकल जाती है और आपका चहेरा एकदम साफ हो जाता है और ग्लो करने लगता है|

तो आईये जानते है की आप घर पर ही फेशिअल कैसे कर सकते है |

Ghar Par Facial Karne Ka Tarika

  • क्लींजिग
  • स्क्रबिंग
  • टोनिंग
  • मसाज
  • फेसपैक

क्लींजिग

फेशियल का पहला स्टेप क्लींजिग होता है। जिसमे चेहरे की अच्छी तरह सफाई यानी डीप क्लीनिंग करते है। अगर आपने मेकअप किया है तो पहले मेकअप रिमूवर से उसे रिमूव कर लें फिर क्लींजिंग मिल्क या बेबी ऑयल को कॉटन बॉल में लगाकर चेहरे पर सर्कुलर मोशन में घुमाएं। उसके बाद फेसवॉश से चेहरा धो लें।

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स्क्रबिंग

क्लींजिंग के बाद बारी आती है चेहरे को स्क्रब करने की ताकि डेड स्किन हट जाए। स्क्रब आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी अच्छे ब्रांड का ले सकती हैं, लेकिन स्क्रब माइल्ड ही लें। आप चाहें तो होममेड फेस स्क्रब भी लगा सकती हैं। यदि आपके चेहरे पर ब्लैकहेड्स ज्यादा हैं तो स्क्रब करने से पहले कॉटन के रूमाल को गरम पानी में भिगोकर चेहरे को ढंक लें, जिससे भाप की वजह से बंद पोर्स खुल जाते हैं और स्क्रब का इफेक्ट भी अच्छा आता है। फेस पर स्क्रब लगाकर सर्कुलर मोशन में करीब 3 मिनट तक मसाज करें।

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स्क्रबिंग
स्क्रबिंग

टोनिंग

चेहरे को स्क्रब करने के बाद खुले हुए पोर्स को बंद करने की जरूरत होती है। इसलिए स्क्रब करने के बाद चेहरे पर टोनर या गुलाब जल लगाएं। आप चाहें तो ग्रीन टी को ठंडा करने के बाद उसे स्प्रे बोतल में डालकर उसे भी टोनर की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं।

मसाज

टोनिंग के बाद बारी आती है चेहरे को मसाज करने की। इससे चेहरे की त्वचा का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन में ग्लो आता है। मसाज के लिए आप किसी ब्रांड की मसाज क्रीम ले सकती है या फिर कोई अच्छी क्रीम भी ले सकती हैं। क्रीम को चेहरे पर लगाने के बाद करीब 5 मिनट तक मसाज करें। मसाज ऊपर से नीचे की तरफ करें।

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फेसपैक

सबसे आखिरी मे हम फेसपैक लगाऐगे जिससे चेहरे को पोषण मिलती है। इस स्टेप में आप कोई भी ऐसा पैक चेहरे पर लगा सकती हैं, जो आपकी स्किन को सूट करता हो। पैक को 15 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें और आंखों पर खीरे की स्लाइस रखें, फिर हल्के हाथो से मसाज कर चेहरे को धुल ले। घर पर फेशियल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि रात को ही फेशियल करें और उसके बाद सो जाएं। सुबह उठने पर आपके चेहरे पर नया निखार आता है।

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खुद का फेशियल करने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी या दही और हल्दी का मिक्सर प्रयोग में ले सकते है। चहरे को अच्छी तरह से धोने के बाद चहरे पर इसे लगा कर 10-15 मिनट के लिए रख ले और जब सुख जाए तब चहरे को अच्छी तरह से धो लें। 

फेशियल करने से पहले चेहरे पर यदि बाल हो तो उन्हे हटा लेना चाहिए। और बहुत से एक्सपर्ट फेशियल से पहले ब्लीच करने की राय देते है। क्योंकि इससे त्वचा पर जमे हुए धूल मिट्टी के कण और डेड स्किन दूर हो जाती है। और फेशियल अच्छी तरह से काम करता है।  

 

दही चेहरे पर पड़ी झुरीयों और डेड स्किन के लिए बहुत लाभप्रद है। दही से फेशियल करने के लिए आप एक कटोरी में दही लेकर उसे अच्छी तरह से चेहरे पर लगाए अंगुलियों को सर्कुलर मोशन में अच्छी तरह से घुमाए। चाहे तो चावल के आटते को भी दही में मिक्स कर सकते है। 

बेसन के दानों में प्राय एबसोर्व करने की क्षमता होती है। बेसन से बने फेश पैक को चेहरे पर लगाने पर यह चेहरे पर जमें धूल मिट्टी के कण और डेड सेल्स को एबसोर्व कर के दुर कर देता है। और चेहरे पर एक नेचुरल चमक लाता है।

सर्दियों में अक्सर स्किन रूखी सुखी हो जाती है।  इसके लिए स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धोने के बाद किसी ढंग की क्रीम से मसाज कर के मास्क लगा लें। उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से गुलाब जल युक्त पानी से पोंछ लें। 

एलोवेरा त्वचा के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। एलोवेरा के रस के साथ नींबू को मिलाकर इसे चेहरे पर लगा कर चेहरे पर अंगुलियों को अच्छी तरह से सर्कुलर मोशन में घुमाएं। कुछ देरी तक रहने दें उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से पानी से धो दें। 

गोरे होने के लिए कौन सा फेशियल करें?

गोरा होने के लिए आप गोल्ड या डायमंड फेशियल का उपयोग कर सकते है। किसी बेहतर फेशियल का प्रयोग करने पर धूल मिट्टी और धूप के कारण त्वचा पर आया कालापन दूर हो जाता है। और डायमंड फेशियल त्वचा में भारी चमक देता है।

डायमंड फेशियल अलग अलग ब्रांड में अलग अलग कीमत का होता है। इसकी कीमत 1500 से लेकर 10000 तक की भी होती है। यह आप पर निर्भर करता है की आप किस ब्रांड का डायमंड फेशियल यूज करते हो।

फेशियल करवाने के बाद धूप में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस से चेहरा काला पड़ सकता है। और यदि धूप में जाना ही पड़े तो फेशियल के बाद सन स्क्रीन लगानी चाहिए जिससे धूप में जाने पर चेहरे में किसी तरह की कोई समस्या न आए।

कई बार उम्र से पहले ही चेहरे पर झाइयाँ देखने को मिलती है। इसको दूर करने के लिए फेशियल कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आप सिल्वर फेशियल का उपयोग कर सकते है और यदि आपकी स्किन ऑयली है तो पर्ल फेशियल का प्रयोग किया जा सकता है। 

घर पर ब्लीच करने के लिए आप हल्दी और दही के मिश्रण का प्रयोग कर सकते हो क्योंकि यह नेचुरल ब्लीचिंग एजेंट है। इसी के साथ किसी कंपनी का ब्लीच पाउडर लाकर इसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगा लें और 10-15 मिनट के बाद टिस्यू पेपर से पोंछ कर चेहरे को धो लें।  

हर महीने पार्लर पर फेशियल करवाना त्वचा के लिए सही नहीं रहता है। क्योंकि पार्लर पर विभिन्न ब्रांड के फेशियल पेक का उपयोग किया जाता है। जिसमें अनेकों तरह के केमिकल होते है जो त्वचा को कमजोर बनाते है और त्वचा संबंधी समस्या पैदा करते है। 

ग्लिसरीन के साथ गुलाब जल मिलाकर उसे फेशियल के रूप में यूज में लिया जा सकता है। इन दोनों को मिलाकर कर रात में सोने से पहले लगा दें और सुबह मुहँ को अच्छी तरह से धो दें। इससे चेहरे पर एक नेचुरल चमक आती है। 

घरेलू फेशियल करने के लिए पहले चेहरे पर यदि बाल हो उसे हटा लें। उसके बाद किसी स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धो दें। चेहरे को धोने के बाद जो भी मास्क आप यूज कर रहे है उसे चेहरे पर लगा कर 15 मिनट  तक सूखने डे और उसके बाद चेहरा धोलें। 

घर पर गोल्ड फेशियल करने के लिए सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर ले यदि चेहरे पर कोई बाल वगैरह हो तो। इसके बाद स्क्रब से चेहरे को धो कर गोल्ड फेशियल की अच्छी तरह मसाज कर लें। मसाज से पहले ब्लीच भी कर सकते है।  

चेहरे पर दही लगाना काफी हद तक फायदे मंद हो सकता है लेकिन यदि आपकी स्किन ऑयली है तो आपको चेहरे पर दही लगाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस से मुहासे एर फुंसिया होने का डर रहता है। और यदि चेहरे पर अधिक मात्रा में कीले है तब भी दही लगाने से परहेज करना चाहिए। 

बेसन और दही का फेस पैक एक नेचुरल फेश पैक है जो चेहरे की झुरीयों और डेड सेल्स को दूर करने के साथ साथ चेहरे में एक नेचुरल चमक लाता है। इसके उपयोग के बाद आपको किसी तरह के मॉसराइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह त्वचा का रूखा सूखापन दूर कर देगा।  

रोजाना चेहरे को किसी अच्छे फेस वॉश से धोना चाहिए जिससे त्वचा पर जमे धूल मिट्टी के कण दूर हो जाए। फेशवाश से चेहरे को धोने के बाद उसमें रूखा पन आजाता है अतः इसे दूर करने के लिए किसी अच्छे मोश्चराइजेशन क्रीम का प्रयोग किया जा सकता है।

 

फेशियल के फायदे | Benefits Of Facial

फेशियल के फायदे

Facial Benefits

त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर बनाए रखने के लिए एक अच्छी दैनिक रूटीन बहुत जरुरी है पर इसके साथ साथ हमारी स्किन को और भी कई चीजों की जरूरत पड़ती है जिनमे से एक है फेशियल। फेशियल आपके चेहरे की त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर रखता है। फेशियल एक मल्टी-पर्पज स्किन ट्रीटमेंट है जिसमें त्वचा को साफ़ करने के लिए क्लींजिंग, स्टीम, फेस मास्क, एक्सफोलिएशन, फेस मसाज आदि स्टेप्स किये जाते हैं। मार्किट में कई तरह के फेशियल किट्स और ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं जिनमे से आप अपनी स्किन टाइप और स्किन की जरूरतों के हिसाब से चुन सकते है। महीने में एक बार या हर 6 सप्ताह में एक बार आपको फेशियल करवाना चाहिए।

फेशियल ना सिर्फ आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है,साथ ही आपकी त्वचा को पोषण भी देता है। आइए जानते हैं कि फेशियल करवाने से त्‍वचा को क्‍या-क्‍या फायदे होते हैं।

Benefits Of Facial

तनाव को कम करने में मिलती है मदद | Reduces Stress

आज कल का जीवन बहुत ही तनाव भरा है। तनाव का असर हमारे चेहरे पर भी पड़ता है। ऐसे में फेशियल बहुत ही मददगार साबित होता है। फेशियल मसाज आपके तनाव को कम करती है। हमारे चेहरे पर दबाव बिंदु अर्थात् प्रेशर प्वाइंट्स होते है जिन पर मसाज करने से आप तनाव मुक्त महसूस करते हो साथ ही आपकी त्वचा में भी चमक आ जाती है।

तनाव
तनाव

कील मुहांसों को दूर करने में मददगार | Treat Acne And Acne Marks

अक्सर जब हमारे चेहरे पर धूल, मिट्टी या गंदगी जम जाती है, तो वो पिंपल्स को जन्म देती है। ये पिंपल्स आपकी खूबसूरती को बिगाड़ देते है और जब पिंपल्स चले जाते हैं तो उनके पीछे रह जाने वाले दाग इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ते। ऐसे में नियमित फेशियल करने से पिंपल्स की समस्या कम हो जाती है। फेशियल आपको दाग धब्बों की समस्या से भी निजात दिलाता है और आपकी त्वचा को साफ करता है।

त्वचा को करता है एक्सफोलिएट | Exfoliate Your Skin

त्वचा की अच्छे से सफाई न होने पर आपकी त्वचा पर डेड सेल्स यानी मृत कोशिकाओं की परत बन जाती है जो आपकी त्वचा को सूखा और बेजान दिखाती है। एक्सफोलिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें dead skin को हटाया जाता है जिससे आपकी साफ त्वचा सामने आती है। वैसे तो आप कई तरीकों से अपनी त्वचा को एक्सफोलिएट कर सकते हैं। आप इसके लिए स्क्रब या फेस पैक का इस्तेमाल भी कर सकते है। लेकिन फेशियल सबसे बेस्ट ऑप्शन है। फेशियल में प्रयोग होने वाली पील आपकी स्किन से dead skin को हटाता है और उसे एक्सफोलिएट करता है।

एंटी एजिंग को रोके फेशियल | Facial Prevents Aging

फेशियल एक एंटी एजिंग फैक्टर की तरह भी काम करता है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे ही त्वचा पर फाइन लाइन्स और रिंकल्स आने लगते हैं। ये फाइन लाइन्स और रिंकल्स आपकी खूबसूरती को पूरी तरह से ढक लेते है। इसलिए इनसे निजात पाना बहुत जरुरी हो जाता है। फेशियल ये काम बखूबी करता है, फेस मसाज से आपके चेहरे की त्वचा की रिपेयर हो जाती है और रिंकल्स भी कम हो जाते है।

Why Facials?

ब्लड सर्कुलेशन में लाएं सुधार | Facial Massage Promotes Blood Circulation

चेहरे की मसाज हमारे फेस की स्किन में ब्लड सर्कुलेशन को इम्प्रूव करती है। ब्लड ही हमारे सारे शरीर के अंगों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने का काम करता है। मतलब ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने पर फेस की स्किन तक प्रॉपर मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पुहंचते है। जिससे आपके चेहरे की त्वचा खूबसूरत बनी रहती है।

डार्क सर्कल्स को घटाने में करे मदद | Eliminate Under Eye Bags And Dark Circles

आजकल की busy लाइफस्टाइल में कई बार नींद पूरी न होने की वजह से आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स आ जाते है। आंखों के नीचे की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है जिसे बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। यदि अच्छे से देखभाल न की जाये तो भी dark सर्कल्स की समस्या हो जाती है। डार्क सर्कल्स आपकी ब्यूटी खराब करते है। डार्क सर्कल्स की समस्या से बचने के लिए आपको नियमित रूप से फेशियल करवाना चाहिए। फेशियल करते समय एक्सपर्ट एक विशेष क्रीम का प्रयोग करते हैं जो डार्क सर्कल्स, आंखों के नीचे आने वाली सूजन और झुर्रियों को हटाता है।

त्वचा को बनाए मुलायम | Facial Masks Make Your Skin Soft And Glowing

फेशियल में कई स्टेप्स फॉलो किये जाते है जो त्वचा साफ़ करने के साथ साथ उसे मुलायम और चमकदार भी बनाते है। फेशियल के लास्ट स्टेप में चेहरे पर मास्क लगाया जाता है। ये फेशियल मास्क लगने से आपकी त्वचा निखर जाती है और पहले से अधिक मुलायम और चमकदार हो जाती है।

रोम छिद्रों को खोलने में सहायक | Open Up All The Pores

हमारे चारों ओर मौजूद प्रदूषण और धूल मिट्टी के कण त्वचा पर चिपक जाते है और रोम छिद्रों को बंद कर देते है। फेशियल ट्रीटमेंट में भाप लेने से रोम छिद्र खुल जाते है और त्वचा साफ हो जाती है।

खुद का फेशियल करने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी या दही और हल्दी का मिक्सर प्रयोग में ले सकते है। चहरे को अच्छी तरह से धोने के बाद चहरे पर इसे लगा कर 10-15 मिनट के लिए रख ले और जब सुख जाए तब चहरे को अच्छी तरह से धो लें। 

फेशियल करने से पहले चेहरे पर यदि बाल हो तो उन्हे हटा लेना चाहिए। और बहुत से एक्सपर्ट फेशियल से पहले ब्लीच करने की राय देते है। क्योंकि इससे त्वचा पर जमे हुए धूल मिट्टी के कण और डेड स्किन दूर हो जाती है। और फेशियल अच्छी तरह से काम करता है।  

 

दही चेहरे पर पड़ी झुरीयों और डेड स्किन के लिए बहुत लाभप्रद है। दही से फेशियल करने के लिए आप एक कटोरी में दही लेकर उसे अच्छी तरह से चेहरे पर लगाए अंगुलियों को सर्कुलर मोशन में अच्छी तरह से घुमाए। चाहे तो चावल के आटते को भी दही में मिक्स कर सकते है। 

बेसन के दानों में प्राय एबसोर्व करने की क्षमता होती है। बेसन से बने फेश पैक को चेहरे पर लगाने पर यह चेहरे पर जमें धूल मिट्टी के कण और डेड सेल्स को एबसोर्व कर के दुर कर देता है। और चेहरे पर एक नेचुरल चमक लाता है।

सर्दियों में अक्सर स्किन रूखी सुखी हो जाती है।  इसके लिए स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धोने के बाद किसी ढंग की क्रीम से मसाज कर के मास्क लगा लें। उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से गुलाब जल युक्त पानी से पोंछ लें। 

एलोवेरा त्वचा के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। एलोवेरा के रस के साथ नींबू को मिलाकर इसे चेहरे पर लगा कर चेहरे पर अंगुलियों को अच्छी तरह से सर्कुलर मोशन में घुमाएं। कुछ देरी तक रहने दें उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से पानी से धो दें। 

गोरे होने के लिए कौन सा फेशियल करें?

गोरा होने के लिए आप गोल्ड या डायमंड फेशियल का उपयोग कर सकते है। किसी बेहतर फेशियल का प्रयोग करने पर धूल मिट्टी और धूप के कारण त्वचा पर आया कालापन दूर हो जाता है। और डायमंड फेशियल त्वचा में भारी चमक देता है।

डायमंड फेशियल अलग अलग ब्रांड में अलग अलग कीमत का होता है। इसकी कीमत 1500 से लेकर 10000 तक की भी होती है। यह आप पर निर्भर करता है की आप किस ब्रांड का डायमंड फेशियल यूज करते हो।

फेशियल करवाने के बाद धूप में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस से चेहरा काला पड़ सकता है। और यदि धूप में जाना ही पड़े तो फेशियल के बाद सन स्क्रीन लगानी चाहिए जिससे धूप में जाने पर चेहरे में किसी तरह की कोई समस्या न आए।

कई बार उम्र से पहले ही चेहरे पर झाइयाँ देखने को मिलती है। इसको दूर करने के लिए फेशियल कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आप सिल्वर फेशियल का उपयोग कर सकते है और यदि आपकी स्किन ऑयली है तो पर्ल फेशियल का प्रयोग किया जा सकता है। 

घर पर ब्लीच करने के लिए आप हल्दी और दही के मिश्रण का प्रयोग कर सकते हो क्योंकि यह नेचुरल ब्लीचिंग एजेंट है। इसी के साथ किसी कंपनी का ब्लीच पाउडर लाकर इसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगा लें और 10-15 मिनट के बाद टिस्यू पेपर से पोंछ कर चेहरे को धो लें।  

हर महीने पार्लर पर फेशियल करवाना त्वचा के लिए सही नहीं रहता है। क्योंकि पार्लर पर विभिन्न ब्रांड के फेशियल पेक का उपयोग किया जाता है। जिसमें अनेकों तरह के केमिकल होते है जो त्वचा को कमजोर बनाते है और त्वचा संबंधी समस्या पैदा करते है। 

ग्लिसरीन के साथ गुलाब जल मिलाकर उसे फेशियल के रूप में यूज में लिया जा सकता है। इन दोनों को मिलाकर कर रात में सोने से पहले लगा दें और सुबह मुहँ को अच्छी तरह से धो दें। इससे चेहरे पर एक नेचुरल चमक आती है। 

घरेलू फेशियल करने के लिए पहले चेहरे पर यदि बाल हो उसे हटा लें। उसके बाद किसी स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धो दें। चेहरे को धोने के बाद जो भी मास्क आप यूज कर रहे है उसे चेहरे पर लगा कर 15 मिनट  तक सूखने डे और उसके बाद चेहरा धोलें। 

घर पर गोल्ड फेशियल करने के लिए सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर ले यदि चेहरे पर कोई बाल वगैरह हो तो। इसके बाद स्क्रब से चेहरे को धो कर गोल्ड फेशियल की अच्छी तरह मसाज कर लें। मसाज से पहले ब्लीच भी कर सकते है।  

चेहरे पर दही लगाना काफी हद तक फायदे मंद हो सकता है लेकिन यदि आपकी स्किन ऑयली है तो आपको चेहरे पर दही लगाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस से मुहासे एर फुंसिया होने का डर रहता है। और यदि चेहरे पर अधिक मात्रा में कीले है तब भी दही लगाने से परहेज करना चाहिए। 

बेसन और दही का फेस पैक एक नेचुरल फेश पैक है जो चेहरे की झुरीयों और डेड सेल्स को दूर करने के साथ साथ चेहरे में एक नेचुरल चमक लाता है। इसके उपयोग के बाद आपको किसी तरह के मॉसराइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह त्वचा का रूखा सूखापन दूर कर देगा।  

रोजाना चेहरे को किसी अच्छे फेस वॉश से धोना चाहिए जिससे त्वचा पर जमे धूल मिट्टी के कण दूर हो जाए। फेशवाश से चेहरे को धोने के बाद उसमें रूखा पन आजाता है अतः इसे दूर करने के लिए किसी अच्छे मोश्चराइजेशन क्रीम का प्रयोग किया जा सकता है।

 

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