आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे जानकर आप हो जाएंगे हैरान

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

आंवला और शहद के फ़ायदों से तो हम सब अच्छी तरह से वाकिफ है। इन दोनों का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेद में किया जा रहा है। आंवला और शहद दोनों गुणों की खान माने जाते है। आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है । तथा शहद में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं। जहां शहद आपको खांसी से आराम दिलाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वहीं आंवला हाई ब्लड प्रैशर को कम करने और आँखों की रोशनी को बढ़ाया है। अगर इन दोनों का सेवन साथ में किया जाये तो इनके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको आंवला चूर्ण ओर शहद के फ़ायदे के बारे में बताएँगे।

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

गले की खराश को करे ठीक

आज कल मौसम के बदलते ही गले में खराश और खांसी की समस्याएँ हो जाती है। इनसे बचने के लिए आप आंवला चूर्ण में शहद और अदरक का रस मिला कर इसका सेवन करें। ये आपको गले की खराश में आराम दिलाएगा और खांसी को भी कम करेगा।

त्वचा को करे मोइश्चराइज़

आंवला चूर्ण और शहद आपकी त्वचा के लिए भी बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं। ये आपकी रूखी त्वचा में जान डालते हैं और आपकी त्वचा को नमी देकर उसे मोइश्चराइज़ करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे अपने चेहरे पर अच्छे से लगा लें। 15 से 20 मिनट तक इसे लगा रहने दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी की सहायता से धो लें।

पाचन को बनाए बेहतर

कई बार भोजन ठीक से नही पचता। जिस कारण से आपको कब्ज़ और अपच जैसी समस्याएँ भी हो जाती हैं। ऐसे में आप आंवला चूर्ण और शहद का सेवन कर सकते है। इसके लिए 1 चम्मच आंवला चूर्ण और 1 चम्मच शहद को पानी में मिला कर इसका सेवन करें। इसके सेवन से आपके शरीर में गेस्ट्रिक जूस का उत्पादन बेहतर होता है। जिससे भोजन अच्छे से पचता है। इससे आपका मेटाबोलिज़म भी बेहतर होता है। और आपको कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

हेयर मास्क की तरह करें प्रयोग

आप इसका प्रयोग एक हेयर मास्क की तरह भी कर सकते हैं। इसके लिये आप 2 चम्मच आंवला के चूर्ण में 2 चम्मच दही और 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे बालों में अच्छे से लगा लें। इसे 1 घंटे तक के लिए बालों में लगा रहने दें। इसके बाद बालों को गुनगुने पानी की सहायता से अच्छे से धो लें। इसके प्रयोग से आपके बालों में चमक आती है। आंवला पाउडर आपके बालों को पोषण देता है और उन्हे मजबूत बनाता है। वहीं शहद आपके बालों को नमी प्रदान करता है और उन्हे स्मूद और सिल्की बनाता है।

हेयर मास्क
हेयर मास्क

अस्थमा को रोकने में करे मदद

आज कल कई लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित है। कई लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद आपको आराम दिला सकता है। ये आपकी श्वसन नली को साफ रखता है और सांस लेने में हो रही दिक्कत को कम करता है। इसके लिए 20 ग्राम आंवले के चूर्ण में 1 चम्मच शहद मिलाये और इसका सेवन करें।

विषैले पदार्थों को शरीर से निकालें बाहर

विषैले पदार्थों के शरीर में ही रहने से आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे आप कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं और आपकी त्वचा भी बहुत सुंदर और साफ हो जाती है।

एजिंग को करे कम

उम्र बढने के साथ साथ शरीर कमजोर होने लगता है और चेहरे पर भी झुर्रियां और फ़ाइन लाइंस आने लगती है। ये देखने में भी अच्छी नहीं लगती। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन करने से आप एजिंग को भी कम कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला का चूर्ण लें और इसमे 1 चम्मच शहद मिला दें। अब इसे चेहरे पर फ़ेस मास्क की तरह अप्लाई करे। 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को पानी से अच्छी तरह से धो लें। आंवला का चूर्ण आपकी त्वचा को पोषण देगा जिससे झुर्रियां कम होंगी और शहद आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करेगा।

जानिए पेट खराब होने पर क्या खाएं-Pet Kharab Ka Desi Ilaj

पेट खराब होने पर क्या खाएं

पेट खराब होना एक बहुत ही आम समस्या है। कभी बाहर का खाने की वजह से, कभी किसी खाने या दवाई के रिएक्शन से, कभी किसी बीमारी के कारण पेट खराब हो सकता है। इसके अलावा भी पेट खराब होने के बहुत से कारण होते है जैसे ठंड लग जाना या प्रेग्नेंसी। लेकिन सवाल ये है कि जब पाचन का मुख्य अंग ही बीमार हो तो क्या खाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे कि पेट खराब होने पर क्या खाएं।

बरसात के मौसम में अक्सर लोगों का पेट खराब हो जाता है. खासतौर पर उनका जो बाहर खाना खाते हैं. पर इस बात की गारंटी नहीं ली जा सकती है कि जो लोग घर पर खाना खाते हैं उनका पेट हमेशा ठीक ही रहे।

कई बार स्ट्रेस, ठंड लगने या पेट की गर्मी से भी पेट खराब हो जाता है। लेकिन ज्यादातर पेट खराब होने पर खानपान एक सा ही होता है।
तो आइए आपको बताते है पेट खराब होने पर क्या खाएं।

पेट खराब होने के लक्षण

  • पेट मे एसिडिटी या गैस बनना
  • जी खराब होना या मितली आना
  • खट्टी डकार के साथ गले तक खाना आना
  • पेट या छाती के पास जलन महसूस होना
  • एसिड रिफ्लक्स
  • पेट फूलना या ब्लोटिंग
  • मुंह से बदबू आना
  • हिचकी आना

पेट खराब के उपाय-पेट खराब होने पर क्या खाएं

हम आपको बताएंगे कि पेट खराब होने के कारण के हिसाब से क्या खाएं और क्या नही

अदरक

अदरक में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इन्फेक्शन में फायदेमंद है। यदि पेट खराब होने का कारण ठंड या किसी प्रकार का इन्फेक्शन है तो अदरक का प्रयोग करें।

अदरक को पानी मे उबालकर उस पानी को चाय की जगह पिए। एक चम्मच अदरक पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।

कब न लें

यदि पेट मे गर्मी हो तो अदरक का प्रयोग न करें।

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर पेट खराब होने पर एक बेहतरीन उपाय है। इसमे पेक्ट‍िन नामक तत्व होता है जो पेट दर्द और मरोड़ में राहत देता है.

इसकी एसिडिक प्रॉपर्टी खराब पेट के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर है। एक चम्मच सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से जल्दी आराम होता है।

कब न लें

यदि आपको एसिडिक चीज़ों से एलर्जी हो। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रयोग न करें।

दही

जब भी पेट खराब होता है तो सबसे पहली चीज़ जो डॉक्टर सजेस्ट करते है, वो है दही। दही होती है प्रोबियोटिक से भरपूर और यही प्रोबियोटिक गट हेल्थ के लिए बेस्ट होती है।

पेट मे गर्मी होने पर या फ़ूड इन्फेक्शन होने पर दही खिचड़ी का कॉम्बिनेशन सबसे बेस्ट है।

दही
दही

कब न ले

यदि पेट ठंड लगने के कारण खराब हो, उबकाई आ रही हो, बरसात या सर्दी का मौसम हो, अथवा शाम को 4 बजे के बाद दही का सेवन न करें। दही में मीठा डालकर न लें।

केला

आपको जानकर हैरानी होगी कि केला लूज मोशन तथा कब्ज दोनों स्थितियों में खाया जाता है। इसमे मौजूद पेक्टिन, मोशन को बांधने का काम करता है।

साथ ही केले में होता है भरपूर मात्रा में पोटेशियम जो कि बॉडी के सोडियम पोटेशियम सिस्टम को सही रखता है।

कब न ले

शाम के बाद केला खाने से बचे खासकर यदि पेट ठंड से खराब हो तो

 पुदीना

पुदीना सर्दियों में मिलने वाल बेहतरीन हर्ब है. आप सर्दियों में इसे सुखाकर रख सकते है और गर्मियों में प्रयोग कर सकते है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक होता है।

पुदीने को चटनी के रूप में या छाछ और दही में मिलाकर खाए। इससे जी साफ होता है और उबकाई में आराम मिलता है। यह आंतों में मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है।

कब न ले

अगर कच्चा पुदीना चटनी के रूप में आपको नुकसान कर रहा है, तो इसका उपयोग बन्द कर दे। आप पुदीने के पाउडर को जूस, चाय या अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर भी ले सकते हैं।

जीरा

जीरा पेट के लिए संजीवनी जैसा होता है। इसलिए भारतीय रसोई में जीरा रोज़ के खानपान का हिस्सा है। जीरा चबाकर पानी पी सकते है, भुना जीरा दही या छाछ में डालकर खा सकते है।

सब्जी, दाल या खिचड़ी को छोंकने में तो इसका प्रयोग होता ही है।

कब न लें

जीरा कभी भी, कैसे भी लिया जा सकता है। इसको पानी मे उबाल कर भी पिया जा सकता है।

पेट खराब होने पर उपयोगी अन्य खाद्यपदार्थ

  • फाइबर से भरपूर बेल या बेल का शरबत पेट को ठंडा रखता है।
  • निम्बू को गैस पर गर्म करके उसपर भुना जीरा और काला नमक छिड़कर चूसे, गैस और एसिडिटी से राहत मिलेगी। (ध्यान रहे कि निम्बू गर्म रहे, ठंडा नही)
  • सिट्रिक एसिड एलर्जी से ग्रस्त लोग निम्बू का प्रयोग न करें। निम्बू पानी का प्रयोग कर सकते है।
  • दालचीनी को अदरक, अजवायन के साथ पानी मे उबालकर पियें। अपच, गैस, खट्टी डकार से राहत मिलेगी। चाय में भी प्रयोग करें।
  • मेथीदाना, एलोवेरा का प्रयोग करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • दूध का प्रयोग केवल पेट में जलन या एसिडिटी होने पर करें। दूध में सौंफ उबालकर पिए। लेकिन किसी प्रकार का संक्रमण होने पर इसका प्रयोग न करें।
  • खाना खाने के बाद लेटने या सोने की बजाय वज्रासन में बैठे या 100 कदम चले।
  • तला भुना, मसालेदार, भारी और बाहर का न खाएं।
  • फाइबर युक्त भोजन ले, खूब पानी पिएं, नारियल पानी ले।

इम्युनिटी बढाने के लिए जानें एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

एप्पल साइडर विनेगर, यानी सेब का सिरका आजकल काफी ट्रेंडिंग में है। यूट्यूब से लेकर सारे सोशल मीडिया पर इसके गुणों की भरमार है। आज हम भी इस आर्टिकल में एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे विस्तार में बताएंगे। एप्पल साइडर विनेगर सेब के रस को फर्मेंट करके बनाया जाता है। इसका उपयोग केवल विभिन्न भोज्य पदार्थों में ही नही बल्कि स्वास्थ्य की विभिन्न समस्याओं में किया जाता है।
लेकिन इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले आपको एक बात बताना चाहते है कि, एप्पल साइडर विनेगर केवल किसी भी स्वास्थ्य समस्या में आराम देता है, उसका समाधान नही करता।

एप्पल साइडर विनेगर में होता क्या है

जब सेब के रस को फरमेंट करते है तो उस फर्मेन्टेड रस में एथिल अल्कोहल होता है, जो एसीटोबैक्टर नामक सूक्ष्म जीव द्वारा एसिटिक एसिड में परिवर्तित होता है। एसिटिक एसिड, एप्पल साइडर विनेगर का एक्टिव कॉम्पोनेन्ट है। यह इसकी तीव्र गंध और खट्टे स्वाद के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसमें विटामिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं

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एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

डायबिटीज में एप्पल साइडर विनेगर

दरअसल एप्पल साइडर विनेगर शरीर मे ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर में उपस्थित एसिटिक एसिड में एंटी-डायबिटिक और एंटी-ग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जोकि डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है।

यदि आप डायबिटीज से पीड़ित है या प्रिडॉयबेटिक है तो, रोज सुबह भोजन से पहले एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करें।

पाचनतंत्र को मजबूत बनाएं

एप्पल साइडर विनेगर पाचनतंत्र के लिए बहुत ही बेहतरीन है। यदि आप गैस, अपच, खट्टी डकार, कब्ज या किसी भी पाचन सम्बन्धी समस्या से परेशान है तो, इससे बेहतर कुछ नही।

यदि आप भोजन से कुछ देर पहले थोड़ी सी मात्रा में एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करें तो, ये पाचक रसों को एक्टिव करता है। जिससे भोजन अच्छे से पच जाता है।

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मोटापा घटाए

अगर हम ये कहे कि केवल एप्पल साइडर विनेगर पीने से मोटापा खत्म होगा तो ये गलत होगा। लेकिन हां मोटापा कम करने में ये बहुत फायदेमंद है। दरअसल इसमे उपस्थित एसिडिक एसिड फैट को काटने का काम करता है।

इसके सेवन से भोज्य पदार्थ अच्छे से पचता है, जिसके कारण भोजन के फैट में बदलेने की दर कम हो जाती है।यदि आप उचित आहार विहार और व्यायाम के साथ इसका सेवन करें आपका वजन बेहतर और तेज तरीके से कम होगा।

खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करें

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण दिल से जुड़े बहुत से रोग होने का खतरा रहता है। यहां तक कि हार्ट अटैक से जान का खतरा भी होता है।
आपको बता दे कि एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में, एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिटिक एसिड, सीरम टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में सहायक पाया गया है।

एप्पल साइडर विनेगर एलडीएल (LDL) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल (HDL) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

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इम्युनिटी बढ़ाए

एप्पल साइडर विनेगर में शामिल एसिटिक एसिड और फ्लेवोनोइड होते हैं, जो इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर बनाता है। एप्पल साइडर विनेगर में शामिल एंटी-माइक्रोबियल गुण, हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से दूर रखते है।

एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर

रक्तचाप को नियंत्रित करे

एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिडिक एसिड में एंटीहायपरटेंसिस गुण होते है। जिस कारण उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ये बहुत फायदेमंद है।

सुबह खाली पेट इसका थोड़ी मात्रा में सेवन करने से हाई बीपी के मरीजों को बहुत फायदा होगा। पर ध्यान रखे लो बी पी वाले मरीज इसके सेवन से बचे।

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दांतों के लिए फायदेमंद

सेब का सिरका दांतों को साफ करने में भी सहायक हो सकता है। सेब का सिरका दांतो के पीलेपन के लिए ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम कर सकता है। जिस कारण दांतों के रंग में सुधार हो सकता है।

लेकिन ध्यान रहे कि इसमे एसिडिक एसिड होता है। इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा प्रयोग दांतो के लिए हानिकारक है।

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

एप्पल साइडर विनेगर का एंटीऑक्सीडेंट गुण गट हेल्थ को सुधारता है। यह लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक है।

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आर्थराइटिस में फायदेमंद

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटिनोसाइसेप्टिव गुण होते हैं, जो कि जोड़ो की सूजन और दर्द को कम करते है।

कैसे करें इस्तेमाल

  • चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही इस्तेमाल करें।
  • सेब के सिरके को सलाद के ऊपर छिड़कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • एक या डेढ़ चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

जानिए यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए

यूरिक एसिड में क्या नही खाना चाहिए

जब शरीर मे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो गठिया जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। गठिया जिसे गाउट भी कहते है। यूरिक एसिड बढ़ने से टॉक्सिन्स और अपशिष्ट पदार्थ शरीर से निकल नही पाते जिस कारण वो क्रिस्टल फॉर्म में बदल जाते है। ये क्रिस्टल जोड़ो को बहुत ही दर्दभरा बना देते है खासकर, पैरो की एड़ियों और पंजो को। इतना दर्द होता है कि जमीन पर पैर रखना मुश्किल हो जाता है। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का सबसे सरल और बेहतरीन उपाय है खान पान पर ध्यान देना। यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाना चाहिए ये जानने से ज्यादा जरूरी है परहेज किसका करें।

यूरिक एसिड में परहेज-यूरिक एसिड में खान पान कितना महत्व रखता है

दरअसल सारा खेल ही भोजन का होता है। होता यूं है कि जिस व्यक्ति के शरीर मे यूरिक एसिड की प्रोब्लम होती है, वो लोग प्यूरिन को पचाकर बने अपशिष्ट को बाहर नही निकाल पाते।

बहुत से खाद्य पदार्थो में पाया जाने प्यूरिन शरीर मे पचकर अपशिष्ट में बदल जाता है, और यूरिक एसिड के रूप में निकल जाता है। लेकिन गाउट के रोगी इस यूरिक एसिड को निकालने में असमर्थ होते है।

अब आपको जानकर हैरानी किसी पदार्थ में प्यूरिन होने के बाद भी गाउट में नुकसान नही करता जैसे बहुत सी हरी सब्जियां।
कुछ खाद्य पदार्थो में प्यूरिन न होने के बाद भी वह यूरिक एसिड को बढ़ा देती है जैसे फ्रुक्टोज (Fructose; फलों में प्राकृतिक शक्कर) और चीनी युक्त पेय पदार्थ, कुछ पदार्थ जैसे कलेजी, भेजा आदि), समुद्री फूड, शराब और बियर आदि में प्यूरीन की मात्रा बहुत अधिक होती है।

एक तरफ जहाँ कम फैट वाले डेरी प्रोडक्ट यूरिक एसिड को कम करते है, वहीं अधिक फैट वाले डेरी प्रोडक्ट यूरिक एसिड को बढ़ाते है।

यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए-Uric Acid Me Kya Nahi Khana Chahiye

नॉनवेज

सभी प्रकार के नॉनवेज तो नही लेकिन कुछ खास चीज़ों का परहेज यूरिक एसिड में जरूरी होता है। जैसे इंटरनल ऑर्गन कलेजी, किडनी, भेजा आदि खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है। इसके अलावा तीतर या हिरन का मांस भी न खाए।

कुछ खास तरह की मछलियां जैसे हेरिंग, ट्राउट, मैकेरल, टूना आदि इन मछलियों को खाना यूरिक एसिड में सही नही है। सी फ़ूड जैसे केकड़ा झींगा आदि भी गाउट के लिए हानिकारक हैं।

इनके स्थान पर ताजा मछली, सैल्मन, चिकन, लाल मांस, सुअर का मांस, भेड़ का मांस आदि खाए जा सकते है। कोशिश करे कि नॉनवेज न ही खाए।

प्रोटीन

हाइ प्रोटीन डाइट यूरिक एसिड की समस्या को काफी हद तक बढ़ा सकती है, क्योंकि प्रोटीन के किसी भी पदार्थ में प्रोटीन से दुगुनी मात्रा में प्यूरिन होता है।

शुगर और फ्रक्टोज़

  • जिन फलों में शुगर ज्यादा मात्रा में हो उन्हें खाने या उनका जूस पीने से बचे।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक, सोडा, न पिएं। शहद और हाई फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप वाले खाद्य पदार्थों को न खाएं। खमीर खाने से बचे।
  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, सफेद ब्रेड, केक और बिस्कुट भी न खाएं।

यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए

अब हम बात करेंगे कि यूरिक एसिड की समस्या में क्या खा सकते है। यूरिक एसिड की समस्या में निम्न खाद्य पदार्थों को खा सकते  हैं –

फल

हाइ शुगर वाले फलों को छोड़कर सभी फल खाएं जा सकते है। खासकर बेरीज और चेरी ये फल न केवल यूरिक एसिड कम करते है बल्कि स्ट्रेस हॉरमोन भी कम करते है।

सब्जियां

यूरिक एसिड की समस्या में सभी प्रकार की सब्जियां खा सकते हैं। लेकिन बादी वाली सब्जियों को खाने से परहेज करें जैसे अरबी, कद्दू आदि।

सब्जियां
सब्जियां

फलियां

सभी हरी फलियों की सब्जी खाने में कोई नुकसान नही होता लेकिन लोबिया की फली गैस बना सकती है जिससे दर्द बढ़ सकता है।

सूखे मेवे

सभी प्रकार के सूख मेवे और बीज खा सकते हैं। लेकिन काजू और सनफ्लॉवर सीड की मात्रा सीमित रखें। इनके अलावा ओट्स, ब्राउन राइस और जौ कम वसा वाले सभी डेरी उत्पाद, अंडा, ग्रीन टी डाइट में ले। कॉफी या चाय के ज्यादा प्रयोग से बचें। तेलों में कैनोला आयल, नारियल तेल , जैतून तेल और अलसी का तेल आदि खाएं।

भोजन के विकल्प

दही के साथ ओट्स, जामुन, स्मूदी, पालक, दही, कम फैट वाला दूध, अलसी, चिया बीज) टोस्ट,  स्ट्राबेरी, इडली, प्लेन गेहूँ का डोसा, उबले हुए अंडे, मशरूम, ऑमलेट, ताजा सब्जियां,  चौलाई (या क्विनोआ) सलाद, भुना हुआ चिकन, शिमला मिर्च, कम फैट वाला पनीर, साबुत अनाज का सैंडविच, ब्राउन राइस, चने, शतावरी, टमाटर और दलीया, ओट्स का उपमा (या टोफू और ब्राउन राइस), मिक्स्ड वेज सब्जी, चिकन बर्गर

आपकी सेहत के लिए क्या है करी पत्ता के फायदे और नुकसान-मीठी नीम के फायदे इन हिंदी

करी पत्ता के फायदे और नुकसान

हमारे घर की रसोई में कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। ये मसाले खाने के स्वाद को और बढ़ा देते है जिससे खाना और स्वादिष्ट हो जाता है। ऐसा ही एक मसाला है करी पत्ता। करी पता खाने के स्वाद के साथ साथ सुगंध भी बढ़ाता है। करी पत्ते का इस्तेमाल दक्षिण भारत में ज्यादा किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी है। करी पत्ता बहुत ही गुणकारी है। प्राचीन समय में करी पत्ते का इस्तेमाल इसकी सुगंध के कारण किया जाता था। बाद में इसके सेवन से होने वाले फ़ायदों को देखते हुए लोग इसका इस्तेमाल खाने में भी करने लगे। आज इस लेख में हम आपको करी पत्ता के फायदे और नुकसान के बारे में बताएँगे।

करी पत्ता में पाये जाने वाले पोषक तत्व

प्रति 100 ग्राम करी पत्ता में पाये जाने वाले पोषक तत्व हैं
कैल्सियम 810 mg
फास्फोरस 600 mg
आइरन 3.1 mg
केरोटीन 12600IU
विटामिन सी 4 mg
निकोटिनीक एसिड 2.3 mg

करी पत्ता के फायदे-Kari Patta Ke Fayde

दिल के लिए है बेहतर-Kari Patta Ke Fayde In Hindi

करी पत्ता आपके दिल के लिए बहुत ही बेहतर साबित होता है। करी पत्ता में भरपूर मात्रा में एंटी ओक्सीडेंट्स और विटामिन सी पाया जाता है जो शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है। इससे आपको दिल से जुड़ी बीमारियाँ होने का खतरा कम हो जाता है और आप स्वस्थ रहते हैं।

बालों की ग्रोथ में करे मदद-Kari Patta For Hair In Hindi

करी पत्ता बालों के लिए भी बहुत अच्छा होता है। ये बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद करता है। करी पत्ता से आपके बाल मजबूत होते हैं और बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है। इससे बालों की जड़ें मजबूत हो जाती है। जिससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे हो जाते हैं। अगर आपके बालों में डेंड्रफ की समस्या है तो करी पत्ता इससे भी छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए आप करी पत्ता के रस को अपने बालों में लगाएँ। फिर 1 घंटे बाद बालों को धो लें।

डायरिया और कब्ज़ में दे राहत-Kari Patta Ke Fayde

अगर आपको पेट से संबन्धित समस्याएँ जैसे डायरिया या कब्ज़ है तो आप करी पत्ता का सेवन भी कर सकते हैं। करी पत्ता डाइजेस्टीव एंज़ाइम्स को बढ़ाने में मदद करते हें। जिससे खाना अच्छे से पचता है और पेट से जुड़ी समस्याएँ नहीं होती। इसके लिए आप कच्चे करी पत्ता का सेवन भी कर सकते हैं।

कब्ज
कब्ज

फंगल और बेक्टीरियल संक्रमण से बचाए-Curry Leaves Benefits In Hindi

अगर आपको फंगल या बेक्टीरियल संक्रमण हुआ है तो आप करी पत्ता का प्रयोग कर सकते हैं। करी पत्ता में एंटी बेक्टीरियल गुण पाये जाते हैं जो संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप ताजे करी पत्तों को पीस कर उनका पेस्ट बना लें। अब इसे संक्रमण वाली जगह पर लगा लें।

वज़न घटाने में करे मदद-Kari Patta Ke Fayde In Hindi

अपने बढ़े हुए वज़न को घटाने के लिए आप करी पत्ता का सेवन कर सकते हैं। करी पत्ता में डाइक्लोरोमीथेन और एथिल एसीटेट पाया जाता है। ये आपके बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद करता है। जिससे आप फिट और स्वस्थ रहते है।

डायबिटीज़ को करे कंट्रोल-Kari Patta Ke Fayde

करी पत्ता डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए भी बहुत लाभकारी साबित होता है। करी पत्ता में एंटी डाइबिटिक प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है। जो आपके शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है और इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में भी सहायक है।

करी पत्ता के नुकसान

  • हर चीज़ की अति बुरी होती है। इसलिए करी पत्ता का ज्यादा सेवन करना आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं होता।
  • गर्भवती स्त्री या स्तनपान कराने वाली स्त्रियॉं को डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
  • कई लोगों को करी पत्ते से एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए अगर आपको एलर्जी है तो आप करी पत्ते का सेवन करने से बचें।

नींबू और शहद के नुकसान, जिन्हें जानना आपके लिए है जरुरी

नींबू और शहद के नुकसान

जब भी कोई व्यक्ति सेहत के बारे में सोचना शुरू करता है, उसे सबसे पहली सलाह दी जाती है कि गर्म पानी नींबू और शहद पीना शुरू कर दो। मोटापा घटाना हो या सुंदरता बढ़ाना दोनों के लिए नींबू शहद के गुण गाये जाते है। बहुत से कॉस्मेटिक अपने प्रोडक्ट में इनके होने का दावा करते है। लेकिन जैसा हम हमेशा कहते है हर चीज़ का एक नुकसान होता है। उसी प्रकार निम्बू और शहद के भी कुछ साइड इफ़ेक्ट होते हैं। आज हम उन्ही साइड इफ़ेक्ट के बारे में बात करेंगे। सबसे पहले बात करते है, गर्म पानी नींबू और शहद पीने की और नींबू और शहद के नुकसान की।

अगर आप सोचते है सुबह गर्म पानी नींबू और शहद पीने से आप पतले हो जाएंगे, तो आप बहुत बड़ी गलतफहमी में है।

नींबू के नुकसान-Nimbu Ke Nuksan In Hindi

  • निम्बू मे सिट्रिक एसिड होता है, जो अगर ज्यादा मात्रा में शरीर मे जाए तो समस्या पैदा कर सकता है। ज्यादा निम्बू के सेवन से शरीर मे डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी हो सकती है। इससे आपको पूरे दिन हलक सूखने की समस्या हो सकती है। गर्म पानी के साथ नींबू का रस लेने से यह डाइयूरेटिक की तरह से कार्य करता है। जरूरत से ज्यादा यूरीनेशन आपको डीहाइड्रेट कर सकता है।
  • ज्यादा नींबू पानी पीने से दांतों की प्रोटेक्शन लेयर यानी इनेमल को नुकसान पहुंचता है। जिससे दांत बहुत सेंसिटिव हो जाते है। आपको ठंडा गर्म लगने की समस्या हो सकती है।
  • इसका कारण निम्बू का एसिडिक नेचर है। आप चाहें तो नींबू पानी हमेशा स्ट्रॉ से पीएं, इससे नींबू की अम्लता दांतों को सीधे तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाएगी।
  • नींबू पेप्सिन एंजाइम को एक्टीवेट करता है। यह एंजाइम प्रोटीन्स को तोड़ता है। गले और ईसोफेगस में पेप्सिन के एक्टीवेट होने से ही जलन की समस्या होती है। इसके अलावा एसिडिटी, खट्टी डकार, खराब डाइजेस्टिव सिस्टम, की समस्या होती है।
  • ज्यादा नींबू पानी पीने से किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या भी हो जाती है। इसके अलावा गुर्दे और पित्ताशय की थैली में समस्या आती है।
  • निम्बू में उपस्थित टायरामाइन नामक तत्व माइग्रेन को बढ़ा सकता है। तो यदि आप माइग्रेन से ग्रस्त है और इसकी की दवा ले रहे हों तो उसके साथ नींबू पानी बिल्कुल न ले।
  • कई बार मुँह में सफेद रंग के दर्द भरे छाले हो जाते है, जिन्हें केंकर सोर्स कहते है। उसका कारण भी निम्बू का एसिडिक होना माना जाता है।

शहद के नुकसान-Shahad Ke Nuksan

अगर आप शहद से मोटापा कम करने का सोच रहे है तो भूल जाए। शहद बहुत ज्यादा मीठा होता है और इसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा मोटापा बढ़ाती है।

शहद
शहद

आइए जानते हैं शहद का अधिक सेवन करने से होने वाले नुकसान…

स्माल इंटेस्टाइन में दिक्कत-Shahad Ke Nuksan

अगर आप लगातार शहद का अधिक सेवन कर रहे है तो, स्माल इंटेस्टाइन की न्यूट्रीटीएंट्स को सोखने की कैपेसिटी घट जाएगी। ऐसा शरीर मे फ्रक्टोज नामक तत्व की मात्रा बढ़ने से होता है। इससे शरीर धीरे धीरे कमजोर होने लगेगा।

 डायबिटीज का खतरा-Shahad Ke Nuksan

शहद का लंबे समय तक अधिक सेवन करने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। अगर आप डायबिटीक पेशेंट हैं, तो शहद भूल कर भी न खाए। यदि नही तो सीमित मात्रा में सेवन करें।

वोमिट की फील-Shahad Ke Nuksan

अगर आप एक साथ अधिक मात्रा में शहद का सेवन करते हैं, तो इससे आपको उल्टी की फीलिंग हो सकती है। फ़ूड पॉइज़निंग हो सकती है। निम्बू और शहद के साथ मे सेवन करने से ब्लोटिंग सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरती है।

नींबू लगाने के नुकसान

त्वचा पर लेमन जूस लगाने से आपकी स्किन पर डार्क स्पॉट हो सकते हैं. खासकर यदि आप बाहर निकल रहे हो तो। क्योंकि सूर्य के प्रकाश में संपर्क में आने से सबसे खतरनाक तरह का सनबर्न हो सकता है। इस सनबर्न को Phytophotodermatitis कहते है।

नींबू के जूस में एसिड अधिक मात्रा में होता है। इसकी वजह से हाइपरपिगमेंटशन, इरिटेशन की समस्या होती है और त्वचा अत्यधिक संवेदनशील हो सकती है।

शहद लगाने के नुकसान

शहद स्किन के लिए अच्छा ही होता है और नुकसान न के बराबर होता है। लेकिन बहुत से लोग इससे एलर्जिक होते है। शहद से एलर्जी होने पर चेहरे पर लाल पैच, जलन और सूजन आ जाती है।

ये थे निम्बू और शहद के सेवन और लगाने के नुकसान।

जानिए अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करें-How To Use Arjun Ki Chaal

अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करे

अर्जुन का पेड़ एक ऐसा औषधीय पेड़ है जिसके अनगिनत लाभ है। अर्जुन की छाल अंदर से लाल रंग की होती है और पेड़ से उतारने पर चिकनी चादर की तरह उतरती है। अलग अलग प्रान्त में इसे अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे घवल, ककुभ और नदीसर्ज। आयुर्वेद में इस पेड़ के बहुत से लाभ वर्णित हैं, आज हम बात करेंगे अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करें के बारे में।

छाल में बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि भी पाए जाते हैं। पेड़ की छाल में पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम के तत्व भी पाए जाते हैं। अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है ,यदि सर्दियों में इसका सेवन लहसुन के साथ किया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होगा।

अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करें-How To Use Arjun Ki Chaal

फ्रैक्चर होने पर पानी के साथ करे प्रयोग

ह्रदय को शक्ति देने के लिए दूध के साथ अर्जुन की छाल ली जाती है। यह फ्रैक्चर को ठीक करने में भी लाभकारी होता है। 50 मिली अर्जुन की छाल के पाउडर को पानी में मिलाकर दिन में खाना खाने से पहले एक या दो बार पिये।

एक चम्मच अर्जुन की छाल के पाउडर को 2 कप पानी में डालकर उबालें और आधा कप रह जाने पर छान कर गुनगुना पी लें। आप दूध के साथ अर्जुन की छाल को ले सकते हैं और इसके अर्क से बने कैप्सूल भी ले सकते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर में दूध के साथ करे सेवन

तीन ग्राम चूर्ण की मात्रा सुबह-शाम दूध के साथ लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है। चायपत्ती की बजाय इसकी छाल को पानी में उबालकर उसमें दूध व चीनी डालकर पीना हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशरकोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद है।

वजन कम करना है तो पियें काढ़ा

अर्जुन की छाल में हाइपोलिपिडेमिक पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम अथवा नियंत्रित करता है। वजन कम करने में अर्जुन की छाल गुणकारी है। इसके लिए आप रोजाना सुबह और शाम के वक्त अपनी शारीरिक क्षमता अनुसार अर्जुन की छाल का काढ़ा पी सकते हैं। आपको जल्द असर देखने को मिल सकता है।

अर्जुन की छाल का काढ़ा
अर्जुन की छाल का काढ़ा

अधिक जानकारी के लिए पढ़े: अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये

डायबिटीज़ के रोगी गुनगुने पानी के साथ करें सेवन

अर्जुन की छाल डायबिटीज़ रोग को भी नियंत्रित करती है। इसके लिए रोजाना रात में सोने से पहले आधा चम्मच अर्जुन की छाल पाउडर गुनगुने गर्म पानी में मिलाकर पिएं। इससे आपको बहुत जल्द डायबिटीज़ में आराम देखने को मिल सकता है।

अर्जुन की छाल का पेस्ट बढ़ाये आपकी सुन्दरता

अर्जुन की छाल सेहत और सुंदरता दोनों के लिए गुणकारी है। अगर आप त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखना चाहते हैं, तो अर्जुन की छाल का पाउडर और कपूर को मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं। इसके बाद जब पेस्ट सूख जाए, तो अपने चेहरे को साफ पानी की मदद से धो लें।

पेट दर्द होने पर साथ में लें हींग

पेट दर्द की शिकायत होने पर अर्जुन की छाल का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए छाल में भुना हुआ हींग और काला नमक मिला कर दिन में दो बार इसका सेवन करना चाहिए।

एक कप पानी में तीन ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण डालकर उबालें। पानी की मात्रा आधी रहने पर इसे सुबह-शाम गुनगुना पी लें। इससे बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

अर्जुन की छाल के अन्य प्रयोग

  • अर्जुन की छाल में कसुआरिनिन (Casuarinin)  नाम का एक तत्व मौजूद होता है जो स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए बहुत प्रभावी है।
  • नारियल के तेल में इसकी छाल के चूर्ण को मिलाकर मुँह के छालों पर लगाने से मुख के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • अर्जुन की छाल के चूर्ण को गुड के साथ लेने से बुखार में काफ़ी आराम मिलता है।
  • अर्जुन की छाल के काढ़े को यूरिन इन्फेक्शन में प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह गुर्दे या मूत्राशय की पथरी को निकालने में भी मदद करती है।
  • इसका काढ़ा बना कर पीने से ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या दूर होती है।
  • हड्डी टूटने, नील पड़ जाने, या अंदुरनी चोट लगने पर भी इसके काढ़े का सेवन तथा चोट पर लेप का इस्तेमाल लाभदायक है।
  • पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग में इसका काढ़ा तथा कान के दर्द में इसका एक बूंद रस लाभदायक है।

डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार, जो आपके लिए जानना है जरुरी

डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार

बारिश के मौसम के साथ ही ढेरो बीमारियां फैल जाती है। उन्ही में से एक खतरनाक बीमारी होती है डेंगू, डेंगू जो शुरू में एक सामान्य बुखार की तरह लगता है, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर जानलेवा हो सकता है। डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार की जानकारी के अभाव में मरीज की जान भी जा सकती है। डेंगू बुखार मादा एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। जुलाई से अक्टूबर में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण होता है। इसलिए इन महीनों में बहुत ही ध्यान देने की जरूरत होती है।

इन मच्छरों के शरीर पर काली सफेद रंग की धारिया होती है। डेंगू से पीड़ित किसी इंसान को जब ये मच्छर काटता है तो खून के साथ ये वायरस भी मच्छर के शरीर मे चला जाता है। जब यहीं मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी डेंगू हो जाता है।

डेंगू के लक्षण

ये तीन तरह का होता है, और उसी के आधार डेंगू के लक्षण होते है।

साधारण डेंगू के लक्षण

  • दिन से लेकर एक हफ्ते तक व्यक्ति बुखार से पीड़ित रहता है।
  • बुखार हो जाता है।
  • बहुत तेज ठंड महसूस होती है।
  • सरदर्द
  • आँखों मे दर्द होता है जो आंखों को हिलाने पर बढ़ जाता है।
  • मसल्स और जॉइंटस में दर्द होता है।
  • कमजोरी लगती हैं,
  • मुँह में कड़वापन,गले मे भी दर्द होता है।
  • फेस, गर्दन,और छाती पर रैशेस हो जाते है।

डेंगू हैमरेजिक बुखार के लक्षण

  • नाक, मुँह और मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकती है।
  • मरीज को हर समय गला सूखा महसूस होता है और प्यास लगती हैं,
  • स्किन पर घाव हो जाते है,
  • त्वचा बहुत ठंडी महसूस होती है,मरीज बेचैनी में कराहता रहता है,
  • उल्टी हो सकती है, जिसमे खून भी आ सकता है।
  • सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती हैं,
    डेंगू हैमरेजिक बुखार
    डेंगू हैमरेजिक बुखार

डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण

  • नाम से पता चल रहा कि मरीज शॉक में आ जाता है।
  • ब्लड प्रेशर गिर जाता है।
  • तेज बुखार महसूस होता है पर शरीर ठंडा रहता है।
  • मरीज का होश खोना आदि लक्षण होते है,नब्ज तेज चलने लगती है।

डेंगू बुखार से बचाव के उपाय

डेंगू से बचाव करने का सबसे सरल और जगजाहिर उपाय है, कि पानी को एक जगह इक्कठा न होने दे। पानी चाहे गंदा हो या साफ़
क्योंकि डेंगू का मच्छर रुके हुए पानी मे पनपता है,ये कुछ निम्न उपाय है जो हम अपना सकते हैं।

  • कूलर का पानी बदलते रहे।
  • पूरी बाजू के कपड़े पहने।
  • अगर आपकी छत या आँगन में कही भी कोई टायर, डब्बा, फालतू बाल्टी, घड़ा, बोतल जैसा कोई भी बर्तन रखा हो जिसमें पानी इक्कठा होता हो उसे तुरंत हटा दे।
  • मच्छर नाशक चीज़ो का प्रयोग करे, लेकिन सावधानी से।
  • टँकीयो और बर्तनों को ढककर रखे।
  • मच्छरदानी का प्रयोग स्वस्थ्य व्यक्ति के साथ साथ मरीज के लिए भी जरूर करें ताकि मच्छर उसको काटकर बीमारी ना फैला सके।
  • एस्पिरिन,आईब्रूफेन बिल्कुल ना दे।
  • डॉक्टर के पास ले जाने तक बुखार के लिए पैरासिटामोल दे सकते है।।
  • जहाँ पानी भरा हो वहां केरोसिन,मिट्टी का तेल डालें
  • नीम की पत्तियां जलाए, कीटनाशक का छिड़काव केवल ऊपरी तौर पर नही घर के अंदुरुनी और छुपे हुए हिस्सो में भी करें।
  • खिड़की,दरवाजो पर बारीक जाली लगवाए।
  • बाहर का खाना, ज्यादा तला हुआ,मसालेदार ना खाएं खासकर बरसात के मौसम में।
  • पूरे मानसून सीजन में पानी उबाल कर पिए।
  • बासी खाना ना खाएं चाहे वो फ्रिज का ही क्यों ना हो।
  • तुलसी, काली मिर्च, अदरक, गिलोय, एलोवेरा, आँवला का प्रयोग करें
  • पानी मे क्लोरीन का प्रयोग, डी डी टी का छिड़काव भी मददगार होता है।
  • इम्युनिटी बढ़ाने पर जोर दे।
  • फल और सब्जियों को भली प्रकार धोकर ही उपयोग करे
  • खुले में शौच ना करे,जंक फूड ना खाएं
  • डस्टबीन में गीला सूखा कचरा अलग रखें, और ढक कर रखे।

डेंगू से बचने के घरेलू उपाय

डेंगू में गिलोय का प्रयोग

डेंगू में गिलोय का प्रयोग, अब डेंगू के लिए संजीवनी बूटी की तरह प्रसिद्ध हो चुका है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखकर इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाता है।

कैसे ले

डेंगू बुखार में आप गिलोय की डंडी को पानी में उबालें, पानी के आधा रह जाने पर छान लें और एक हर्बल ड्रिंक के रूप में उपयोग करें। इस पेय में कुछ तुलसी के पत्ते भी मिला सकते हैं।

तुलसी

तुलसी का प्रयोग न केवल इम्युनिटी बढ़ाता है बल्कि किसी भी तरह के संक्रमण को भी दूर करता है। इसके लिए आपको कुछ मेहनत भी नही करनी होगी।

कैसे ले

सुबह कभी भी तुलसी के पत्ते ले और पानी से निगल ले। आप तुलसी के पत्तो को साबुत दालचीनी और काली मिर्च के साथ उबाल कर काढ़ा भी बना सकते है।

मेथी

मेथी के पत्ते डेंगू से होने वाले दर्द में आराम देता है। बेचैनी से मरीज को नींद नही आती उसमें भी मेथी के पत्ते फायदेमंद है और नींद लाने में मदद करते है।

कैसे ले

मेथी के पत्तो का साग, आटे में मिलाकर रोटी या मेथी दाने का भिगोकर प्रयोग करें। रात को मेथी दाना भिगो दें और सुबह पानी से निगल ले।

डेंगू में कौन सा फल खाना चाहिए

क्या डेंगू में संतरे अच्छे होते हैं?

संतरे में मौजूद होते है,एन्टीऑक्सीडेंट जो कि किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण में प्रभावी है। साथ ही इसमे होता है विटामिन सी जो इम्युनिटी को बढ़ाता है।

कोलेजन के निर्माण में विटामिन सी की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण यह सेलुलर मरम्मत को उत्तेजित करता है।

संतरा
संतरा

कैसे ले

जूस की बजाय संतरे को खाएं, क्योंकि जूस की जगह संतरे का फाइबर ज्यादा उपयोगी है। शाम के बाद संतरे का सेवन न करें। यदि खांसी है तो संतरा न खाएं।

पपीते के पत्ते

पपीते के पत्ते में न्यूट्रिशनल एलिमेंट और आर्गेनिक एलिमेंट्स की जुगलबंदी प्लेटलेट नंबर्स बढ़ाती है। साथ ही इसमे मौजूद एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और रक्त में अधिक विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सहायता करता है।

कैसे ले

पपीते के पत्तो को तुलसी या गिलोय के साथ उबालकर इस्तेमाल कर सकते है। साथ ही पपीते के पत्ते का रस निचोड़कर भी सेवन कर सकते है।

पपीते के फल को भी डाइट का हिस्सा बनाए खासकर सुबह के समय जरूर खाए।

जौं

जौ घास ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाती है। इसलिए इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है।

कैसे ले

जौ घास से बना काढ़ा पिएँ या इसे सीधे ही खा सकते है। जौं का सत्तू या रोटी के आटे में मिलाकर प्रयोग करे।

क्या डेंगू बुखार में नारियल पानी पी सकते हैं?

खूब नारियल पानी पिएँ। इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) शरीर को मजबूत बनाते हैं।

कैसे ले

नारियल पानी का सेवन तेज बुखार में न करे। शाम 4 बजे के बाद भी नारियल पानी न पीएं।

इनके अलावा कद्दू (पके हुए कद्दू को पीस कर उसमें एक चम्मच शहद डालकर पिएँ) चुकंदर, एलोवेरा का सेवन भी डेंगू और उसके लक्षणों में आराम देता है।

संतरा एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए डेंगू के मरीजो़ के लिए संतरे को अच्छा माना जाता है। इसमें भरपूर फाइबर होने से कब्ज़ की समस्या नहीं होती, रसदार होने से डिहाइड्रेशन दूर करता है, पोषक तत्वों से शरीर की कमजोरी दूर होती है। संतरा खाने का अगर रोगी का मन ना हो तो संतरे का जूस भी अच्छा विकल्प है। मुँह का स्वाद अच्छा हो इसके लिए हल्के से काले नमक के साथ भी जूस ले सकते हैं।

बुखार में शरीर का तापमान बढा़ रहता है इसलिए चावल, बहुत ज्यादा खट्टी या ठंडी चीजों को एवोइड़ करनें की सलाह दी जाती है, लेकिन रोटी आप खा सकते हैं। डेंगू बुखार में जितना हो सके हल्का भोजन ही खाना चाहिए, जैसे दाल, दलिया, खिचड़ी और तरल पदार्थ। क्योंकि बुखार में मुँह का स्वाद काफी खराब हो जाता है इसलिए स्वाद बदलने के लिए पतली दाल के साथ रोटी खा सकते हैं।

बुखार होने पर हल्के आहार का ही चुनाव करना चाहिए जो पचने में आसान हो, अक्सर बुखार में चावल और ठंडी चीजों से परहेज़ की सलाह दी जाती है लेकिन चावल की खिचड़ी खाना अच्छा माना जाता है। एक्सपर्ट भी यही कहते हैं कि डेंगू बुखार होने पर हल्का-फुल्का भोजन लेना चाहिए। लंच में आप थोड़ा चावल भी ले सकते हैं। ध्यान रखें कि शाम के वक्त चावल बिल्कुल न खाएं। चावल में कुछ ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो डेंगू में होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करते हैं ।

डेंगू के मरीजों के लिए गिलोय बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। इसके पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट्स काउंट भी तेजी से बढ़ता है। गिलॉय के पत्तों का काढा़ अगर नियमित रूप से पीते हैं तो डेंगू बुखार होने की संभावना कम हो जाती है, गिलोय की बेल के 10 छोटे छोटे टुकड़े तोड़कर उसे 2 लीटर पानी में थोड़ा सा अदरक और दो चुटकी अजवाइन के साथ सात मिनट तक उबालकर, थोड़ा ठंडा करके, रोगी को खाली पेट पीने को दें तो बेहद लाभ मिलता है।

डेंगू के रोगियों को आहार में हाई प्रोटीन और आयरन से भरपूर डाइट को शामिल करने की सलाह दी जाती है। अंडे में प्रोटीन आयरन और कईं तरह के पोषक तत्व होते हैं। इसलिए डेंगू मरीज को अंडा खाने को दे सकते है। बस ध्यान रखें कि कैसे देना है * उबले हुए अंडे खाने को दें और अंडे का पीला हिस्सा हटाकर खाएं।अंडे का यह हिस्सा नुकसान पहुंचा सकता है। *अंडे को फ्राई करके खाना बिल्कुल एवोइड करें इससे उसमें फैट की मात्रा बढ़ जायेगी जो पचनें में मुश्किल करेगी। *और ध्यान रखें कि अधपके अंडे ना खायें इससे शरीर में इंफैक्शन का खतरा रहता है।

फीवर के दौरान पैरों के दर्द की शिकायत अक्सर होती हैं- डॉक्टर बताते हैं कि दो तरह के पेन सामने आते हैं, क्यूट रिएक्टिव आर्थराइटिस और क्रॉनिक जाइंट पेन। रिसर्च से ये भी पता चला है कि मांसपेशियों और जोड़ों में अधिक समय तक दर्द रहने के लक्षण एक ऑटो इम्यून स्थिति भी हो सकती है। अगर ऐसा है तो सामान्य व्यायाम और पैरासिटामोल के द्वारा इसमें आराम मिल जायेगा, लेकिन जब अधिक समय तक आराम न मिले तो फिजियोथेरेपी का सहारा लिया जा सकता है। इसके अलावा घर पर नियमित तेल मालिश भी की जा सकती है, जिससे आराम मिलेगा। मालिश के लिए नारियल, तिल और सरसो का तेल अच्छा रहेगा।

डेंगू के इलाज को लेकर कुछ लोगों का यह मानना है की डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आने पर इलायची के सेवन से प्लेटलेट की संख्या बढ़ जाती है ,आइए जानते हैं ,क्या ऐसा होता है?डॉक्टर्स की माने तो इलायची के सेवन से प्लेटलेट्स की संख्या में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं होती है । इलायची पाचन शक्ति को सुधारने और मरीज के मुंह का स्वाद ठीक करने के काम में आती है ।डेंगू के दौरान मरीज के शरीर में होने वाली गर्मी से भी इलायची का सेवन फायदा पहुंचाता है परंतु इसके सेवन से प्लेटलेट्स काउंट नहीं बढ़ता है ।

जानिये सर्दियों में ऑयली स्किन के लिए बेस्ट क्रीम-Oily Skin Ke Liye Best Cream

ऑयली स्किन के लिए बेस्ट क्रीम

ऑयली स्कीन होना आम बात है, लेकिन इसके कारण चेहरे की खूबसूरती बिगड़ जाती है। चेहरे पर हल्का ऑयल दिखाई देता रहता है, जो मेकअप या फिर प्राकृतिक सुंदरता को बिगाड़ सकता है। ऑयली स्किन पर मुहासे की समस्या ज्यादा होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि तैलीय त्वचा की समस्या को कम नहीं किया जा सकता। बाजार में ऐसी कई क्रीम मौजूद हैं, जो ये दावा करती हैं कि उनके इस्तेमाल से तैलीय त्वचा की स्थिति में सुधार लाया जा सकता इसलिए अपनी त्वचा के लिए क्रीम चुनने से पहले बहुत सावधानी बरतनी होगी। आपको ऐसे क्रीम की जरुरत है जो आपकी त्वचा के तेल के संतुलन को बनाए रखे। आइये जानते है बेस्ट ऑयली क्रीम के बारे मे-

सर्दियों में ऑयली स्किन के लिए बेस्ट क्रीम-Oily Skin Ke Liye Best Cream

काया व्हाइट लुमेनिस व्हिटनिंग डे क्रीम

इस क्रीम मे एजेलेइक एसिड होता है जो त्वचा के रंग हल्का करता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन-सी और सनस्क्रीन भी है जो त्वचा को होने वाली हानि को कम करते हैं। यह त्वचा से अतिरिक्त तेल उत्पादन को रोककर त्वचा को मॉइस्चराइज भी रखता है

  • इसकी पैकेजिंग साफ़-सुथरी पंप शैली की है।
  • यह त्वचा को हाइड्रेटेड रखती है।
  • फ्लेड्स गहरे दाग-धब्बे और मुहांसों के निशान हल्के करने मे मदद करती है।
  • त्वचा की टोन को हल्का और एक जैसा करती है।

लक्मे टोटल परफेक्ट रेडियंस स्किन लाइटनिंग डे क्रीम

लक्मे की यह क्रीम हल्की और मैट है। इसमें सफेद लिली, पवित्र कमल का सत्त, माइक्रोक्रिस्टल और जरूरी विटामिन होते हैं जो त्वचा को हल्का करके चमकाते हैं। इसमें सूर्य से होने वाली हानि और त्वचा की उम्र बढ़ने को नियंत्रित करने के लिए एसपीएफ़-30 भी मजूद है। इसकी बनावट हलकी होने की वजह से त्वचा इसे आसानी से सोख लेती है। यह त्वचा को तुरंत साफ़ करती है,त्वचा को हाइड्रेटेड रखती है। ऑयली स्किन के लिए बेस्ट क्रीम है। गहरे दाग-धब्बे और त्वचा के दोष दूर करती है, त्वचा की टोन को एक जैसा कर देती है

लक्मे टोटल परफेक्ट रेडियंस स्किन लाइटनिंग डे क्रीम
लक्मे टोटल परफेक्ट रेडियंस स्किन लाइटनिंग डे क्रीम

गार्नियर स्किन नैचुरल्स व्हाइट कम्पलीट स्पीड व्हाइट मल्टी एक्शन फेयरनेस क्रीम

यह क्रीम नींबू के अर्क से भरपूर है जो सनटेन, काले धब्बे और दोष हटा देती है। पहली बार ही इसे लगाने से त्वचा गोरी हो जाती है। इस क्रीम में एसपीएफ़-19 और पीए +++ भी हैं जो त्वचा के सूर्य के संपर्क में आने से त्वचा को काला होने से बचाते हैं।

  • यह कठोर सूरज की किरणों से बचाती है।
  • इसमें प्राकृतिक घटक हैं
  • सभी प्रकार की त्वचा के लिए सही है,त्वचा को चमकदार बनाती है।
    गार्नियर स्किन नैचुरल्स व्हाइट कम्पलीट स्पीड व्हाइट मल्टी एक्शन फेयरनेस क्रीम
    गार्नियर स्किन नैचुरल्स व्हाइट कम्पलीट स्पीड व्हाइट मल्टी एक्शन फेयरनेस क्रीम

पोंड्स वाइट ब्यूटी एंटी-स्पॉट फेयरनेस एसपीएफ़ 15 पीए ++ फेयरनेस क्रीम

त्वचा के गहरे दाग-धब्बे रोकने के साथ-साथ यह क्रीम त्वचा को सूर्य की किरणों से होने वाली हानि से बचाती है। इसके नियमित उपयोग से त्वचा साफ़ और गोरी दिखाई देती है। त्वचा ताजा दिखती है। यह बनावट में चिकनी है यह सूरज की कठोर रोशनी से बचाती है। इसका रोजाना उपयोग करने से त्वचा के काले धब्बे हट जाते हैं|

पोंड्स वाइट ब्यूटी एंटी-स्पॉट फेयरनेस एसपीएफ़ 15 पीए ++ फेयरनेस क्रीम
पोंड्स वाइट ब्यूटी एंटी-स्पॉट फेयरनेस एसपीएफ़ 15 पीए ++ फेयरनेस क्रीम

क्लीन एंड क्लियर फेयरनेस क्रीम

इस क्रीम में कुछ जरूरी बहु-विटामिन के साथ-साथ चेरी का सत्त भी होता है जो आपकी त्वचा में एक अनूठी चमक लाता है। इसमें शुद्ध चावल के तेल की नियंत्रण प्रणाली भी है जो तैलीय त्वचा के लिए अच्छी है।

  • त्वचा के लिए चिकनी और वजन में हलकी है।
  • चिपचिपाहट और चिकनाई रहित है। त्वचा को उज्जवल और चमकदार बनाए।
  • यू.वी किरणों से त्वचा की सुरक्षा करे।
  • मुहांसों के फूटने का कारण नहीं है, त्वचा की रंगत गुलाबी करे।
    क्लीन एंड क्लियर फेयरनेस क्रीम
    क्लीन एंड क्लियर फेयरनेस क्रीम

लोटस व्हाइटग्लो स्किन वाइटनिंग एंड ब्राइटनिंग जेल क्रीम

इसमें अंगूर, शहतूत, सैक्सिफ्रागा का सत्त और दूध के एंजाइम होते हैं जो त्वचा की टोन को एक जैसा करती है। इस क्रीम में सनस्क्रीन होते हैं जो सूरज से होने वाली हानि से बचाते हैं।

लोटस व्हाइटग्लो स्किन वाइटनिंग एंड ब्राइटनिंग जेल क्रीम
लोटस व्हाइटग्लो स्किन वाइटनिंग एंड ब्राइटनिंग जेल क्रीम
  • यह जेल बनावट में हलकी होने की वजह से त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाती है। इसमें एसपीएफ़-25 मौजूद है
  • त्वचा को तैलीय नहीं बनाती। हल्की और अच्छी खुशबू वाली है
  • त्वचा चमकाती है। त्वचा पर कोई सफ़ेद अवशेष नहीं छोडती।

फेयर एंड लवली एडवांस्ड मल्टीविटामीन फेस क्रीम

तैलीय त्वचा के लिए क्रीम में फेयर एंड लवली एडवांस्ड क्रीम का नाम भी आता है। यह मल्टी विटामिन क्रीम है, फेयर एंड लवली कंपनी का कहना है कि यह लेजर तकनीक की तरह त्वचा से निशानों का सफाया कर सकती है।

फेयर एंड लवली एडवांस्ड मल्टीविटामीन फेस क्रीम
फेयर एंड लवली एडवांस्ड मल्टीविटामीन फेस क्रीम
  • यह क्रीम काले घेरों को कम करने में लाभकारी है।
  • इसकी महक बहुत अच्छी है।
  • और यह क्रीम महंगी नहीं है ।

बायोटिक बायो डंडेलियन ऐजलेस लाइटनिंग सीरम

इसमें जायफल का तेल और डंडेलियन का सत्त होते हैं जिनमें विटामिन-ई और खनिज होते हैं। यह बायोटिक सीरम त्वचा को चमकाता है, गहरे दाग-धब्बे हटाता है और उम्र बढ़ने के संकेतों को भी कम कर देता है।

बायोटिक बायो डंडेलियन ऐजलेस लाइटनिंग सीरम
बायोटिक बायो डंडेलियन ऐजलेस लाइटनिंग सीरम
  • चिपचिपाहट रहित है।
  • त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाती है।
  • सभी प्रकार की त्वचा के लिए सही है।
  • एकदम हल्की है।

ओले नेचुरल व्हाइट लाइट इंस्टेंट ग्लोइंग फेयरनेस क्रीम

इस क्रीम में एक सीरम फॉर्मूला है जो त्वचा को तुरंत चमक देता है जबकि इसका यू.वी फिल्टर सूर्य की कठोर किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। त्वचा की टोन एक जैसी कर देती है,त्वचा को तुरंत चमक देती है। धूप से आपकी सुरक्षा करती है। हल्की और अच्छी खुशबू लिए हुए है। मैट फिनिश में आती है।

ओले नेचुरल व्हाइट लाइट इंस्टेंट ग्लोइंग फेयरनेस क्रीम
ओले नेचुरल व्हाइट लाइट इंस्टेंट ग्लोइंग फेयरनेस क्रीम

इस क्रीम में शहद के इलावा एक मजबूत सनस्क्रीन है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने के साथ ही   रोजाना उपयोग करने पर त्वचा का रंग हल्का बनाती है। ट्यूब की आसान पैकेजिंग में आती है। मैट फिनिश में मिलती है।त्वचा को नरम बनाती है।त्वचा में एक स्वस्थ चमक लाती है।त्वचा को हल्का करती और चमकाती है।

हिमालया हर्बल नेचुरल ग्लो फेयरनेस क्रीम

हिमालया हर्बल नेचुरल ग्लो फेयरनेस क्रीम
हिमालया हर्बल नेचुरल ग्लो फेयरनेस क्रीम

हिमालय फेयरनेस क्रीम केसर, अल्फाल्फा, विटामिन बी-3 और विटामिन-ई से भरपूर है। ये सभी घटक दोष, गहरे धब्बे, डार्क सर्कल और त्वचा को गहराई तक मॉइस्चराइज करते हैं। इसकी बनावट चिकनी होने की वजह से त्वचा इसे आसानी से सोख लेती है,यह तेल के उत्पादन को नियंत्रित करती है, त्वचा में गुलाबी सफेद चमक लाती है, मुहांसों के फूटने या रोम-छिद्रों के बंद होने का कारण नहीं है। चेहरे को साफ़ करती है।

हिप्स कम करने के उपाय-Hips Kam Karne Ke Upay Hindi Me

Hips Kam Karne Ke Upay Hindi Me

सभी स्त्रियों  की कामना होती है एक सुडौल और आकर्षक स्वस्थ शरीर की जो विवाह और मातृत्व के बाद कहीँ खो सा जाता है। यूँ तो मातृत्व  भी एक अहम  दायित्व है पर इसे निभाने में अपने शरीर के प्रति सबसे ज़्यादा कोई कोताही बरतता है तो वो हैं हम स्त्रियाँ। जब ये चूक आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है तो परिणाम शरीर पर जमा चर्बी के रूप में पाते हैं, यदि ये समस्या बहुत बढ़ जाये तो कमर के निचले हिस्से और पैरों को प्रभावित करती है। नतीजा…बढ़ा हुआ वज़न, पैरों में सूजन

कारण

आखिर चूक कहाँ हो जाती है हमसे? अक्सर पति और बच्चों के प्लेट में छोड़े हुए नाश्ते और भोजन को निपटा देने के बाद हम सभी अपने दैनिक कार्यों पर लग जाते हैं। कभी कभी तो हाल यह भो होता है गृहकार्य निपटाने में ,गृहणियाँ अपने नाश्ते और भोजन की अनदेखी कर जाती हैं।

फिर इकट्ठा पेट भर कर भोजन या विश्राम ,यदि कामकाजी है तो फिर दिन कुर्सी पर बैठे ही बीत जाता है। यही कुछ छोटी छोटी बातें हैं,जिन्हें हम नज़रंदाज़ करते जाते हैं और बाद में यही बातें हमारे शरीर पर जमी वसा के रूप में दिखाई पड़ती हैं।

यदि हम  किसी स्वस्थ व्यक्ति की दिनचर्या पर ध्यान दें तो पायेंगे कि इसका राज़ उनकी दिनचर्या में ही छुपा है।

पुरानी कहावत है “नाश्ता राजा की तरह ,दोपहर का भोजन राजकुमार और रात का खाना भिखारी ” की तरह ग्रहण करना चाहिये।
नाश्ता  रेशेदार फ़लों मेवों और  पौष्टिक  चीजों का होना चाहिये। वहीँ दोपहर का भोजन बेहद सन्तुलित होना चाहिये। रात का भोजन बेहद सादा ही उचित होता है।

क्योंकि सुबह हमारी जठराग्नि (पाचनशक्ति) प्रबल होती है,जो दिन बीतने के साथ मन्दी पड़ती जाती है। रात को शरीर दिन भर की टूट फूट की मरम्मत करता है  यदि रात के समय देर रात्रि भोजन किया जाता है तो यह मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया को धीमा करता है और मोटापे को बढ़ा देता है।

यही है पहली गलती जो कि हम स्त्रियाँ अक्सर कर डालते हैं,यानि कि अपने नाश्ते को छोड़ देना। नाश्ते में अगर खाते भी हैं तो तला भुना,या मैदायुक्त आहार ।

जिसमें आलू ,या फिर स्टार्च बहुल पदार्थों की अधिकता होती है स्वास्थ्य वर्द्धक पदार्थों या फलों का प्रयोग बहुत कम ही किया जाता है।
दोपहर और रात का भोजन भी देर रात तक  ही खाने के कारण शरीर का उपापचय बेहद धीमा पड़ जाता है  ऊपर से ज़रूरत से ज़्यादा  आरामदायक जीवनशैली करेले पर नीम चढ़ाने का काम करती है।

अब सवाल ये उठता है कि इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं , तो प्रस्तुत हैं कुछ आसान उपाय जिन्हें घरेलू महिलाएं भी  उतनी ही आसानी से कर सकती हैं।

हिप्स कम करने के उपाय-Hips Kam Karne Ke Upay Hindi Me

उपाय- कमर के निचले भाग की फैट(वसा) को कम करने के लिये खाना छोड़ देना गलत होता है ,क्यूंकि जब खाना वापस शुरू होता है तो बाद में फिर वजन तेज़ी से बढ़ जाता है।उपाय- कमर के निचले भाग की फैट(वसा) को कम करने के लिये खाना छोड़ देना गलत होता है ,क्यूंकि जब खाना वापस शुरू होता है तो बाद में फिर वजन तेज़ी से बढ़ जाता है।

गर्म पानी

  • पानी का प्रयोग बढ़ा देना चाहिये और फ्रिज़ के बजाय मटके का पानी पीना चाहिये ।
  • भोजन करने के आधे घण्टे बाद पानी पीना चाहिए,और पेट पहले सलाद और कच्ची सब्ज़ियों से भरना चाहिये और भूख से 1 रोटी कम सेवन करना चाहिए।
  • दिन की शुरुआत गर्म पानी से करनी चाहिये, ग्रीन टी और पुदीना की चाय दिन में पीनी चाहिये और चीनी के स्थान पर शहद या गुड़ का प्रयोग करना लाभदायक रहता है।

सलाद

सलाद को खाने से पहले खाना चाहिए और सलाद में भी C से शुरू होने वाली सब्जियों का प्रयोग बढ़ा देना चाहिये,जैसे Cabbage, Carrot, Capsicum, Cucumber, Coriander (बन्दगोभी,गाज़र,शिमला मिर्च,खीरा और हरी धनिया)

इसके अतिरिक्त धनिया और पुदीने का प्रयोग भी करना चाहिये चटनी के रूप में स्वाद और स्वास्थ्य दोनों ही प्राप्त हो जाते हैं।

रेशेदार सब्ज़ियों

शकरकन्द भी रेशेदार सब्ज़ियों का अच्छा विकल्प है इसे खाने से पेट लम्बे समय तक भरा महसूस होता है।

पपीता एवँ अनन्नास  वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है परन्तु गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को इससे बचना चाहिए।

मट्ठे का प्रयोग

मक्खन निकले हुए मट्ठे का प्रयोग करना चाहिये 1 कप दही में 4 से छह कप पानी मिलाने से यह लाभदायक हो जाता है।

ब्रिस्क वॉक

ब्रिस्क वॉक करना चाहिये यानि कि तेज़ टहलना इतना तेज कि पसीना आने लगे ,यह चर्बी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थ

डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थ और डेयरी प्रोडक्ट से बचना चाहिये उनके स्थान पर पॉपकॉर्न और भुने हुए चने और मुरमुरे का प्रयोग करना चाहिए।

दालचीनी

दालचीनी का पाउडर रात को एक गिलास पानी मे भिगोकर उसे सुबह गर्म करके सिप करके पीना चाहिये।

दालचीनी
दालचीनी

अजवायन

अजवायन का पानी भी कमर और हिप्स की चर्बी को पिघलाने में  लाभदायक सिध्द होता है।

अदरक

एक ज़ार में एक अदरक का टुकड़ा,1 छील कर पतले टुकड़े में काटा हुआ खीरा ,1 नींबू के टुकड़ें और  पुदीने की 10 से 12 पत्तियों को पानी मिलाकर रात भर रखें और सुबह सेंधा नमक डालकर पियें।

आसन

  • घर मे अनुलोम विलोम,बालासन,सेतुबन्ध व कपालभाति के साथ कुर्सी पर बैठने जैसे आसन की मुद्रा और पश्चिमोत्तासन का प्रयोग करना चाहिए।
  • सम्भव हो लिफ़्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करना चाहिये,खाना देर रात खाने से बचना चाहिये और खाने के बाद तुरंत ही सोने नहीं जाना चाहिये।

बीजों का सेवन

बीजों का सेवन जैसे 1-1 कटोरी  सभी मसालदानी मे उपलब्ध बीज जैसे धनिया,अजवायन ,मेंथी, जीरा, सौंफ़, कलौंजी और आधा कटोरी अलसी के बीजों को हल्का भून कर पीस लें और इस पाऊडर को सुबह शाम गर्म पानी से खाएँ।

हल्की फुल्की भूख

जब हल्की फुल्की भूख हो तो सूप, फलों और बीन्स को प्रयोग करना चाहिये। तरबूज और ककड़ी भी बेहतर विकल्प होते हैं। तरल पदार्थों जैसे मठा,दही ,मलाई निकला हुआ दूध और सूप का प्रयोग बढ़ा कर कोल्डड्रिंक बन्द कर देना चाहिए ।

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