पेट खराब होने पर क्या खाएं

जानिए पेट खराब होने पर क्या खाएं-Pet Kharab Ka Desi Ilaj

पेट खराब होना एक बहुत ही आम समस्या है। कभी बाहर का खाने की वजह से, कभी किसी खाने या दवाई के रिएक्शन से, कभी किसी बीमारी के कारण पेट खराब हो सकता है। इसके अलावा भी पेट खराब होने के बहुत से कारण होते है जैसे ठंड लग जाना या प्रेग्नेंसी। लेकिन सवाल ये है कि जब पाचन का मुख्य अंग ही बीमार हो तो क्या खाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे कि पेट खराब होने पर क्या खाएं।

बरसात के मौसम में अक्सर लोगों का पेट खराब हो जाता है. खासतौर पर उनका जो बाहर खाना खाते हैं. पर इस बात की गारंटी नहीं ली जा सकती है कि जो लोग घर पर खाना खाते हैं उनका पेट हमेशा ठीक ही रहे।

कई बार स्ट्रेस, ठंड लगने या पेट की गर्मी से भी पेट खराब हो जाता है। लेकिन ज्यादातर पेट खराब होने पर खानपान एक सा ही होता है।
तो आइए आपको बताते है पेट खराब होने पर क्या खाएं।

पेट खराब होने के लक्षण

  • पेट मे एसिडिटी या गैस बनना
  • जी खराब होना या मितली आना
  • खट्टी डकार के साथ गले तक खाना आना
  • पेट या छाती के पास जलन महसूस होना
  • एसिड रिफ्लक्स
  • पेट फूलना या ब्लोटिंग
  • मुंह से बदबू आना
  • हिचकी आना

पेट खराब के उपाय-पेट खराब होने पर क्या खाएं

हम आपको बताएंगे कि पेट खराब होने के कारण के हिसाब से क्या खाएं और क्या नही

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अदरक

अदरक में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इन्फेक्शन में फायदेमंद है। यदि पेट खराब होने का कारण ठंड या किसी प्रकार का इन्फेक्शन है तो अदरक का प्रयोग करें।

अदरक को पानी मे उबालकर उस पानी को चाय की जगह पिए। एक चम्मच अदरक पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।

कब न लें

यदि पेट मे गर्मी हो तो अदरक का प्रयोग न करें।

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर पेट खराब होने पर एक बेहतरीन उपाय है। इसमे पेक्ट‍िन नामक तत्व होता है जो पेट दर्द और मरोड़ में राहत देता है.

इसकी एसिडिक प्रॉपर्टी खराब पेट के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर है। एक चम्मच सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से जल्दी आराम होता है।

कब न लें

यदि आपको एसिडिक चीज़ों से एलर्जी हो। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रयोग न करें।

दही

जब भी पेट खराब होता है तो सबसे पहली चीज़ जो डॉक्टर सजेस्ट करते है, वो है दही। दही होती है प्रोबियोटिक से भरपूर और यही प्रोबियोटिक गट हेल्थ के लिए बेस्ट होती है।

पेट मे गर्मी होने पर या फ़ूड इन्फेक्शन होने पर दही खिचड़ी का कॉम्बिनेशन सबसे बेस्ट है।

दही
दही

कब न ले

यदि पेट ठंड लगने के कारण खराब हो, उबकाई आ रही हो, बरसात या सर्दी का मौसम हो, अथवा शाम को 4 बजे के बाद दही का सेवन न करें। दही में मीठा डालकर न लें।

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केला

आपको जानकर हैरानी होगी कि केला लूज मोशन तथा कब्ज दोनों स्थितियों में खाया जाता है। इसमे मौजूद पेक्टिन, मोशन को बांधने का काम करता है।

साथ ही केले में होता है भरपूर मात्रा में पोटेशियम जो कि बॉडी के सोडियम पोटेशियम सिस्टम को सही रखता है।

कब न ले

शाम के बाद केला खाने से बचे खासकर यदि पेट ठंड से खराब हो तो

 पुदीना

पुदीना सर्दियों में मिलने वाल बेहतरीन हर्ब है. आप सर्दियों में इसे सुखाकर रख सकते है और गर्मियों में प्रयोग कर सकते है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक होता है।

पुदीने को चटनी के रूप में या छाछ और दही में मिलाकर खाए। इससे जी साफ होता है और उबकाई में आराम मिलता है। यह आंतों में मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है।

कब न ले

अगर कच्चा पुदीना चटनी के रूप में आपको नुकसान कर रहा है, तो इसका उपयोग बन्द कर दे। आप पुदीने के पाउडर को जूस, चाय या अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर भी ले सकते हैं।

जीरा

जीरा पेट के लिए संजीवनी जैसा होता है। इसलिए भारतीय रसोई में जीरा रोज़ के खानपान का हिस्सा है। जीरा चबाकर पानी पी सकते है, भुना जीरा दही या छाछ में डालकर खा सकते है।

सब्जी, दाल या खिचड़ी को छोंकने में तो इसका प्रयोग होता ही है।

कब न लें

जीरा कभी भी, कैसे भी लिया जा सकता है। इसको पानी मे उबाल कर भी पिया जा सकता है।

पेट खराब होने पर उपयोगी अन्य खाद्यपदार्थ

  • फाइबर से भरपूर बेल या बेल का शरबत पेट को ठंडा रखता है।
  • निम्बू को गैस पर गर्म करके उसपर भुना जीरा और काला नमक छिड़कर चूसे, गैस और एसिडिटी से राहत मिलेगी। (ध्यान रहे कि निम्बू गर्म रहे, ठंडा नही)
  • सिट्रिक एसिड एलर्जी से ग्रस्त लोग निम्बू का प्रयोग न करें। निम्बू पानी का प्रयोग कर सकते है।
  • दालचीनी को अदरक, अजवायन के साथ पानी मे उबालकर पियें। अपच, गैस, खट्टी डकार से राहत मिलेगी। चाय में भी प्रयोग करें।
  • मेथीदाना, एलोवेरा का प्रयोग करें।
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इन बातों का रखें ध्यान

  • दूध का प्रयोग केवल पेट में जलन या एसिडिटी होने पर करें। दूध में सौंफ उबालकर पिए। लेकिन किसी प्रकार का संक्रमण होने पर इसका प्रयोग न करें।
  • खाना खाने के बाद लेटने या सोने की बजाय वज्रासन में बैठे या 100 कदम चले।
  • तला भुना, मसालेदार, भारी और बाहर का न खाएं।
  • फाइबर युक्त भोजन ले, खूब पानी पिएं, नारियल पानी ले।

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