बीमारियों से निजात के लिए जाने हरसिंगार का पत्ता के फायदे

हरसिंगार का पत्ता के फायदे

हरसिंगार का नाम वनस्पति शास्त्र और आयुर्वेद में काफी प्रचलित है। इसका बोटैनिकल नेम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस है। इसका लगभग हर एक भाग मेडिकल में प्रयोग किया है। दरअसल हरसिंगार के पत्तों में आर्थराइटिस को दूर करने के गुण होते हैं। इसके अलावा, पत्तियों के काढ़े से लीवर की रक्षा करने वाले, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एनाल्जेसिक, एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटीस्पास्मोडिक, हाइपोटेंसिव जैसे गुण भी पाए जा सकते हैं। इसकी पत्तियों में एंटी-लीशमैनियल गुण भी होते हैं, जो शरीर में परजीवियों को खत्म करने, जैसे पेट की कीड़ों की समस्या दूर करने में भी मदद कर सकते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि हरसिंगार का पत्ता के फायदे और हरसिंगार का सेवन करने से आपको किन-किन बीमारियों से निजात मिल सकती है।

हरसिंगार की पत्तियों में निम्न औषधीय गुण होते है।

  • टैनिन एसिड
  • बीटा-एमिरिन
  • बीटा-सिटोस्टेरोल
  • लिनोलिक एसिड
  • मेथिलसेलिसिलेट
  • डी-मैनिटोल
  • हेंट्रिएकॉन्टेन
  • बेंजोइक एसिड
  • एस्ट्रैगलिन
  • निकोटिफ्लोरिन
  • ओलीनोलिक एसिड
  • नेक्टेन्थिक एसिड फ्राइडेलिन
  • विटामिन सी
  • विटामिन ए

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हरसिंगार का पत्ता के फायदे-Harsingar Leaves Benefits In Hindi

जॉइंट्स पेन या गठिया

हरसिंगार के पत्तो का इस्तेमाल जोड़ो के दर्द के लिए बहुतायत से किया जाता है। शुरुआत में इसके काढ़े का प्रयोग कम मात्रा में करें। इससे आप अपने शरीर पर इसके असर से अवगत रहेंगे।

जॉइंट्स पेन
जॉइंट्स पेन

कैसे प्रयोग करें

हरसिंगार के पत्तो को धोकर छोटा छोटा काट ले, अब इसे पानी मे उबाले। पानी को ढक कर उबाले ताकि इसके गुण भाप के रूप में न उड़े।
पानी आधा रह जाने पर इसे छान लें। सुबह खाली पेट हल्का गुनगुना करके पिए। यदि आपको ये काढ़ा खाली पेट लगता है तो, हल्के नाश्ते के बाद इसका सेवन करें।

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खांसी

यदि आपको काफी लंबे समय से खांसी की समस्या है, तो इसका प्रयोग जरूर करें। खांसी के लिए आप हरसिंगार के पत्तो के साथ फूलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

कैसे प्रयोग करें

हरसिंगार के 3 से 4 पत्तियां ले, हार सिंगार का एक फूल ले, थोड़ी सी अदरक और दो पत्ते तुलसी के पानी मे उबाले।
थोड़ी देर उबलने पर छान लें। हल्का गुनगुना पी ले। इसमे बहुत थोड़ा सा शहद मिला कर दे सकते है। 5 साल से छोटे बच्चे को न दे।

बुखार

हरसिंगार के पत्तो को आप बुखार की रिकवरी स्टेज में या बुखार की शुरुआत में इस्तेमाल कर सकते है। चिकित्सको के अनुसार हरसिंगार का काढ़ा डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक, हर तरह के बूखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है।

कैसे प्रयोग करें

हरसिंगार के पत्तो का रस निकाल ले या बारीक काटकर पानी मे उबाले, शहद तथा अदरक के साथ सेवन करें। बुखार में आराम मिलेगा। यदि आप स्वस्थ है, और घर मे किसी को संक्रामक बुखार है तो भी इसी का सेवन करें।

साइटिका और कमरदर्द

साइटिका और कमर दर्द में हरसिंगार पर निर्भर ना रहे, उसके लिए साइटिका और कमरदर्द का कारण और उसके हिसाब से इलाज जैसे कि फिजियोथेरेपी जरूरी है। लेकिन साथ साथ हरसिंगार का सेवन करने से इस रोग में तीव्रता से आराम मिलता है।

कैसे प्रयोग करें

दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें। इस काढ़े को दिन में दो बार – प्रातः खाली पेट एवं सायं भोजन के एक डेढ़ घंटा पहले पियें। इस काढ़े का प्रयोग कम से कम 7 दिन तक अवश्य करना चाहिए । एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।

बवासीर या पाईल्स

बवासीर या पाईल्स के लिए हरसिंगार के पत्ते तो नही लेकिन उसके बीज बहुत ही लाभदायक है। खानपान में बदलाव व उपयुक्त जीवनशैली के साथ हरसिंगार के बीजों का प्रयोग लाभ देता है।

कैसे प्रयोग करें

आप हरसिंगार के बीजों को दो प्रकार से प्रयोग कर सकते है। चाहे तो एक बीज का सेवन प्रतिदिन करें, या गुदाद्वार में सूजन या मस्से हों तो हरसिंगार के बीजों का लेप बनाकर गुदा पर लगाए।

सुंदरता बढ़ाए

चेहरे की सुंदरता की सही पहचान होती है चमकदार त्वचा। इसके लिए भी हरसिंगार के पत्ते और फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे प्रयोग करें

हरसिंगार के पत्तो और फूलों का पेस्ट बनाकर उबटन में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। त्वचा उजली व चमकदार बनेगी। लेकिन चेहरे पर इसका प्रयोग करने से पहले स्किन पर पैच टेस्ट जरूर कर ले।

हृदय रोग व मांसपेशियों का दर्द

हृदय रोग व मांसपेशियों के दर्द में हार सिंगार के फूल व पत्तो का रस बहुत ही लाभदायक है।

कैसे प्रयोग करें

10 से 12 फूलों का रस निकाल सुबह शाम सेवन करने से हृदय मजबूत होता है। हरसिंगार के पत्तो का काढ़ा किसी भी प्रकार के संक्रमण, मांसपेशियों के दर्द में बहुत लाभ देता है।

अस्थमा

यदि आपको अस्थमा या सांस की किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो हरसिंगार की छाल का प्रयोग करें।

कैसे प्रयोग करें

हरसिंगार की छाल का चूर्ण पंसारी की दुकान से ले ले, एक से डेढ़ चुटकी छाल का चूर्ण पान के पत्ते में रखकर धीरे धीरे चूसे। प्रदूषण वाले स्थानों से दूर रहे।

स्त्री रोग

यदि आप एक महिला है और आपको किसी भी तरह स्त्री विशेष परेशानी जैसे यूरिन इन्फेक्शन, लिकोरिया तो हरसिंगार का प्रयोग करें।
हरसिंगार की 7 कोंपलों (नयी पत्तियों) को पाँच काली मिर्च के साथ पीसकर प्रातः खाली पेट सेवन करने से विभिन्न स्त्री रोगों में लाभ मिलता है।

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इम्युनिटी पावर

हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर आप नियमित रूप से भी सेवन कर सकते है। इसका सेवन करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, बालो मे रूसी की समस्या में भी बेहद फायदेमंद है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

हरसिंगार के पत्ते के क्या क्या फायदे हैं?

हरसिंगार को पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार के पत्ते बहुत ही फायदेमंद होते हैं । हरसिंगार के पत्ते बुखार को ठीक करने काम करते हैं । यदि किसी व्यक्ति के प्लेटलेट कम हो गया हो तो हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट बढ़ जाता हैं । हरसिंगार के पत्तों की सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । सूखी खांसी, अस्थमा तथा ब्रोंकाइटिस में भी हरसिंगार के पत्ते बहुत लाभदायक होते हैं । गठिया रोग में भी हरसिंगार के पत्तों का सेवन फायदेमंद होता है इसके अलावा लीवर के बढ़ने तथा फैटी लीवर में भी हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने की सलाह दी जाती है । इसके पत्तों का रस निकालकर लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं ।

हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जा सकता है । पहला पत्तों को पीसकर उसके रस का सेवन करना ,दूसरा पत्तों का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना । हरसिंगार के पत्तों का सेवन लगभग एक हफ्ते तक किया जा सकता है इससे अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। वहीं हरसिंगार के काढ़े का प्रयोग दिन में दो बार, एक हफ्ते तक किया जा सकता है । अधिक मात्रा में हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने से नुकसान हो सकते हैं इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।

हरसिंगार के पत्तों का उपयोग कैसे करें?

हरसिंगार के पत्तों का निम्न प्रकार किया जा सकता है 1. पत्तों का रस निकालकर - प्रतिदिन पांच से सात हरसिंगार के पत्तों पीसकर उनका रस हल्का गुनगुना करके सेवन करने से गठिया, ह्रदय रोग, जुकाम खांसी जैसे कई रोगों में लाभ मिलता है। 2. काढ़ा बनाकर- 7 से 8 हरसिंगार के पत्तों को पानी में मिलाकर उनका काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है जिससे रक्त में प्लेटलेट्स की कमी, गठिया रोग, फैटी लीवर आदि समस्याओं से छुटकारा मिलता है । 3. पाउडर बनाकर -हरसिंगार के पत्तों को सुखाकर उनका पाउडर बनाकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर उसका सेवन करने से खांसी जुकाम में लाभ मिलता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 4. फेस पैक बनाकर - हरसिंगार के पत्तों और फूलों को पीसकर चेहरे पर लगाने से झाइयों और दाग धब्बों से छुटकारा मिलता है ।

हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

हरसिंगार में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं । बुखार, जुकाम खांसी, फैटी लीवर या बढ़े हुए लीवर, गठिया रोग, जोड़ों के दर्द, रक्त में प्लेटलेट्स की कमी, साइटिका, बवासीर, त्वचा की झाइयोंऔर दाग दाग धब्बों , ह्रदय रोग ,अस्थमा आदि लोगों में लाभदायक होता है इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है ।

दाने वाली खुजली का उपचार कैसे करें-Khujali Ke Gharelu Upay

दाने वाली खुजली का उपचार कैसे करें

खुजली जो एक बार हो जाए तो रात की नींद और दिन का चैन छीन लेती है। खुजली कभी किसी इन्फेक्शन, कभी किसी दवाई के साइड इफ़ेक्ट के कारण होती है। खुजली करने पर थोड़ा आराम जरूर लगता है पर यह समस्या गंभीर भी हो सकती है। आज के इस लेख में हम खुजली के कारण, हाथ और पैर में खुजली होने का कारण और दाने वाली खुजली का उपचार, खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज के बारे में बात करेंगे।

खुजली के प्रकार

खुजली कई प्रकार की होती है

प्रुरिटोसेप्टिव खुजली

ये सूजन, उम्र का असर या किसी इन्फेक्शन के कारण होने वाली खुजली होती है। इसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है।

न्यूरोजेनिक खुजली

न्यूरोजेनिक मतलब न्यूरॉन्स यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से रिलेटेड खुजली। ऐसी बीमारिया या दिक्कतें जो दरअसल त्वचा से नही किडनी, लिवर, खून और कैंसर से जुड़ी होती है और खुजली इन्ही में से किसी कारण से होती है।

साइकोजेनिक खुजली

ऐसी खुजली डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक विकारों के कारण हो सकती है। इसमे खुजली न होने पर भी व्यक्ति त्वचा को खुजलाता रहता है।

न्यूरोपैथिक खुजली

ये खुजली पेरिफेरल नर्वस सिस्टम से जुड़ी किसी दिक्कत के कारण होता है। यह खुजली विकार जैसे पैरेस्थेसिया (हाथों में लगातार सुई चुभने जैसा एहसास) के कारण हो सकती है। यह विकार कई बार खुजली के साथ दर्द का भी कारण बन सकते हैं।

हाथ और पैर में खुजली होने का कारण-खुजली के कारण

  • प्रदूषित हवा व पानी से
  • किसी खास भोज्य पदार्थ से एलर्जी
  • किसी दवा के साइड इफेक्ट से
  • ड्राई त्वचा
  • कॉस्मेटिक्स के साइड इफ़ेक्ट से जैसे केमिकलयुक्त हेयर डाई या हेयर कलर, क्रीम, डिओडरेंट या मेकअप प्रोडक्ट
  • मौसमी बदलाव
  • कीड़े मकोड़ो के काटने से
  • किडनी की बीमारी, आयरन की कमी या थायराइड की समस्या में हो तो खुजली हो सकती है।
  • पित्ती (हाइव्स), सोरायसिस (त्वचा पर खुजली, रैशेज और चकत्ते)
  • गर्भावस्था में पूरे शरीर में खुजली होना

दाने वाली खुजली का उपचार

दाने वाली खुजली भी कई तरह की की होती है, जैसे लाल जलन दार दानों वाली, पानी के दानों वाली, दर्दभरे दानों वाली खुजली। आज इस आर्टिकल में हम आपको दाने वाली खुजली के घरेलू उपचार बताएंगे।

आम की छाल का करें प्रयोग

आम के पेड़ की छाल और बबूल के पेड़ की छाल को बराबर मात्रा में ले। एक ली. पानी में उबाल लें और इस पानी से खुजली वाली जगह पर भाप लें। फिर इस जगह पर घी लगाएँ।

गंधक से मिले आराम

दाने वाली खुजली का उपचार करने के लिए गंधक को पीसकर नारियल के तेल में मिला ले। इस लेप को खुजली वाली जगह पर लगाए। इससे बहुत ज्यादा जलन होगी लेकिन खुजली में आराम मिलता है।

एलोवेरा दिलाये आराम

ताजे एलोवेरा को बीच से काटकर उसका पल्प खुजली की जगह रगड़े आराम मिलेगा। साथ ही ऐलोवेरा जूस का सेवन करें।

एलोवेरा
एलोवेरा

गिलोय के जूस का करें सेवन

गिलोय के जूस या काढ़े का सेवन करने से शरीर के अंदर की अशुद्धि दूर होती हैं,और खुजली में आराम मिलता है।

खुजली को जड़ से खत्म करने का इलाज है बेकिंग सोडा

नहाते समय बाथटब में एक से डेढ़ चम्मच बेकिंग सोडा मिला लें। इस पानी को खुजली वाले स्थान पर कुछ देर तक डाले और फिर साफ पानी मे नहा ले।

तुलसी के पत्तों का करें इस्तेमाल

तुलसी से दाद का इलाज करने के लिए तुलसी के पत्ते पानी मे उबाल लें। इस पानी को नहाने के पानी मे मिला ले। अब इस पानी से स्नान करें। चाहें तो तुलसी की पत्तियों का पेस्ट लगा सकते हैं। तुलसी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन व खुजली में आराम देते है।

नींबू से खुजली का इलाज

नीबू के रस को पानी मे मिलाकर प्रभावित स्थान पर कॉटन से लगाएं। नींबू में एंटीएजिंग गुण पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र के कारण होने वाली खुजली का घरेलू इलाज करने में मदद कर सकते हैं। संवेदनशील त्वचा पर इस्तेमाल न करें।

सेब का सिरका है लाभदायक

नहाने के पानी में एक कप सेब का सिरका मिलाएं। कुछ देर प्रभावित स्थान पर डाले। बाद में साफ पानी से नहा लें।

दाने वाली खुजली का उपचार हैं नीम की पत्तियां

नीम की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। पानी में नीम की पत्तियों को उबालकर नहा भी सकते हैं। नीम के एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल एवं एंटीवायरल गुण हर प्रकार की खुजली में आराम देते है।

नीम के तेल से दाद का इलाज भी किया जा सकता है।

ओटमील का करें प्रयोग

ओटमील पानी में कुछ मिनट के लिए भिगो दें।अब एक सूती कपड़े में रखें और इसे कस लें। कपड़े में बंधे हुए ओटमील को पांच-दस मिनट के लिए नहाने के पानी में डाल दे, और स्नान करें।

इन सबके अलावा नारियल तेल, पुदीना, पेपरमिंट ऑयल का प्रयोग कर सकते है।

किन बातों का रखे ध्यान

  • साफ सफाई का ध्यान रखें
  • हल्के कपड़े पहनें।
  • तेज गर्म पानी से नहाने से बचें।
  • त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
  • कॉस्मेटिक्स का कम से कम प्रयोग करे
  • पानी वाले दानों को फोड़े नही
  • दर्द भरे दानों को बार बार न छेड़े

न करें नजरअंदाज और तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करे जब

  • खुजली गंभीर रूप ले ले।
  • आसानी से आराम न मिले।
  • खुजली का कारण समझ न आए।

सामान्य प्रश्न

शरीर में दाना क्यों निकलते हैं?

कई बार हमारे शरीर में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं जिन में पानी भर जाता है और खुजली होती है कई बार ये दाने फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है परंतु कभी-कभी यह हर्पीज नामक बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं । इस बीमारी को शिंगल्स के नाम से भी जाना जाता है । यह रोग उन लोगों को अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है ।यह वायरस द्वारा होने वाला रोग है ।इस बीमारी के होने पर रोगी के शरीर के एक तरफ की त्वचा पर पानी वाले दाने निकलते हैं। इस वजह से रोगी को त्वचा में खुजली या दर्द या जलन या सुन्नपन या झनझनाहट की परेशानी होती है। इतना ही नहीं, जिस जगह ये दाने निकलते हैं, वहां की त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है और उसे छूने पर दर्द होता है।

खुजली में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?

दाद, खाज, खुजली शरीर में फंगल इंफेक्शन की वजह से होती है इसके लिए हमें नहाने के लिए एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करना चाहिए। एंटीबैक्टीरियल साबुन जैसे Ketotosc एक ऐंटिफंगल साबुन है जो सेट्रिमाइड, नीम ऑयल, एलो वेरा ऑयल और कैमोमाइल एक्स्ट्रैक्ट से भरपूर है। इसके अलावा Tetmosol Soap भी एक असरदार साबुन है खुजली से राहत दिलाता है । इन एंटीबैक्टीरियल साबुनों का इस्तेमाल किसी भी तरह की दाद, खाज, खुजली, सफेद दाग या बैक्टीरिया में भी कर सकते हैं । एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करते वक्त गुनगुने पानी से नहाने से अधिक फायदा मिलता है ।

खुजली की सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है?

Candiforce -200 काफी कारगर होती है । इसके साथ LECOPE टेबलेट लेने से और भी बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं । यदि शरीर में खुजली से परेशान है तो Fluka-150 टैबलेट काफी कारगर साबित हो सकती है । इसके साथ सिट्राजिन टेबलेट लेने और एंटी फंगल क्रीम और एंटीफंगल सोप का प्रयोग करके खुजली से निजात पाया जा सकता है। दाने वाली खुजली के लिए candid clotrimazol cream काफी मददगार साबित हो सकती है यह क्रीम सूखी खुजली में भी काफी लाभदायक होती है । इन सभी प्रयासों के बावजूद यदि खुजली ठीक नहीं हो रही है तो किसी अच्छे त्वचा के डॉक्टर से संपर्क करें ।

दाने वाली खुजली कैसे ठीक होती है?

स्किन एलर्जी या इन्फेक्शन होने के कारण कई बार त्वचा पर छोटे छोटे दाने निकल आते हैं जिनमें खुजली होती है और पानी निकलने लगता है। इससे राहत पाने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं = 1. एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसका गूदा निकालकर उसे प्रभावित स्थान पर लगाने से दाने वाली खुजली ठीक हो जाती हैं। 2. शुद्ध नारियल तेल को हल्का गुनागुना करके लगाने से भी जाने वाली खुजली में आराम मिलता है । 3. टमाटर का गूदा पीसकर लगाने से भी दाने वाली खुजली में राहत मिलती है।

घर बैठे करें हेयर स्पा – आसान तरीका Hair Spa Karne Ka Tarika

हेयर स्पा

बालों की देखभाल के लिए हेयर स्पा एक प्रभावी तरीका है, जो बालों को मजबूत, मुलायम और चमकदार बनाता है। यदि आप पार्लर जाने का समय या पैसा बचाना चाहते हैं, तो घर पर ही हेयर स्पा करना एक बेहतरीन विकल्प है। इस लेख में, हम आपको घर पर हेयर स्पा करने का तरीका (Hair Spa Karne Ka Tarika) बताएंगे।

हेयर स्पा क्या है? (What is Hair Spa?)

हेयर स्पा एक विशेष उपचार है जो बालों और स्कैल्प की गहराई से सफाई, पोषण और मालिश करता है। यह प्रक्रिया बालों की गुणवत्ता में सुधार करती है, डैंड्रफ को कम करती है और बालों को स्वस्थ बनाती है।

✅ हेयर स्पा के फायदे (Benefits of Hair Spa)

  • बालों को पोषण प्रदान करता है: हेयर स्पा बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाता है, जिससे वे मजबूत होते हैं।
  • डैंड्रफ को कम करता है: नियमित हेयर स्पा से स्कैल्प की सफाई होती है, जिससे डैंड्रफ की समस्या कम होती है।
  • बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है: हेयर स्पा बालों को सॉफ्ट और शाइनी बनाता है।
  • तनाव को कम करता है: सिर की मालिश से मानसिक तनाव में राहत मिलती है।
  • बालों के झड़ने को रोकता है: हेयर स्पा बालों की जड़ों को मजबूत करता है, जिससे हेयर फॉल कम होता है।

️ घर पर हेयर स्पा करने का तरीका (How to Do Hair Spa at Home)

1. बालों की सफाई (Hair Wash)

माइल्ड शैम्पू से बालों को अच्छी तरह धोएं ताकि धूल और गंदगी हट जाए।

2. तेल लगाना (Hair Oiling)

गुनगुने नारियल या बादाम के तेल से स्कैल्प की मालिश करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और जड़ें मजबूत होती हैं।

मसाज
मसाज

मसाज

  • 3. स्टीमिंग (Steaming)

    एक तौलिया को गर्म पानी में भिगोकर बालों में लपेटें। इससे तेल स्कैल्प में अच्छी तरह समा जाता है।

    4. हेयर मास्क लगाना (Applying Hair Mask)

    प्राकृतिक सामग्री जैसे दही, शहद, एलोवेरा जेल या मार्केट में उपलब्ध हेयर स्पा क्रीम का प्रयोग करें।

    5. 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें

    मास्क को बालों में लगाकर 15-20 मिनट तक रहने दें।

    6. फिर से शैम्पू और कंडीशनिंग करें

    सॉफ्ट शैम्पू से बाल धोएं और हल्का कंडीशनर लगाएं।

    प्राकृतिक सामग्री से हेयर स्पा (Natural Ingredients for Hair Spa)

    सामग्री लाभ
    दही बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है
    शहद नमी को बनाए रखता है
    एलोवेरा स्कैल्प को ठंडक और डैंड्रफ में राहत
    नारियल तेल बालों की जड़ों को मजबूत करता है

    ⚠️ हेयर स्पा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

    • हफ्ते में एक बार से ज़्यादा हेयर स्पा न करें।
    • हमेशा केमिकल-फ्री प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
    • बहुत ज़्यादा गर्म पानी से परहेज करें।
    • ओवर-मसाज करने से स्कैल्प को नुकसान हो सकता है।

    ❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    Q1: क्या घर पर हेयर स्पा करना प्रभावी होता है?
    हाँ, अगर सही तरीके से किया जाए तो घर पर हेयर स्पा बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

    Q2: कौन-कौन से घरेलू उपाय सबसे अच्छे हैं?
    दही, शहद, एलोवेरा और नारियल तेल से बना हेयर मास्क काफी अच्छा होता है।

    Q3: हेयर स्पा करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
    रात को सोने से पहले हेयर स्पा करना अच्छा रहता है ताकि बालों को पूरी तरह पोषण मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

घर पर बालों में स्पा कैसे करें?

घर पर हेयर स्पा पाँच आसान स्टेप्स में कर सकते हैं। 1. सबसे पहले ऑयल को गुनगुना करके 15 से 20 मिनट तक हल्के हाथों से सिर की मसाज करें। 2.मसाज के बाद बालों को स्टीम देने के लिए गर्म पानी में कॉटन का एक मोटा टॉवल डुबोकर निचोड़ लें, इस टॉवल को बालों के चारोंओर 10 मिनट तक लपेट कर रखें। 3. स्टीम के बाद किसी माइल्ड शैंपू से हेयर वॉश करें। हेयर वॉश करने के लिए सादे पानी का इस्तेमाल करें, सर्दियों का मौसम है तो हल्का गर्म पानी लें। 4.बालों को शैंपू करने के बाद एक अच्छी क्वॉलिटी का कंडीशनर लगाना भी जरूरी है। 5. और लास्ट में हल्के गीले बालों में हेयर मास्क लगायें कम से कम 30 मिनट तक, फिर शैम्पू से बालों को धो लें।

हेयर स्पा कराने के क्या क्या फायदे हैं?

हेयर स्‍पा बालों की खूबसूरती बढाने में मदद करता है। ये रूखे और डैमेज़ बालो को हैल्दी बनाता है। साथ ही हेयर स्पा बालों का टेक्सचर और चमकदार बनाता है। बालों के फ्रिजनेस को कम करता है, जिससे बालों को मनपसंद स्टाइल दिया जा सकता है। हेयर स्पा बालों को कई तरह की परेशानियों से बचाव भी करता है। आमतौर पर स्‍पा कराने से बालों से डैन्ड्रफ, हेयर फॉल और सिर की त्वचा की समस्याएं खत्म होती हैं। इसके अलावा स्‍पा के मदद से बालों की खोयी हुई चमक और नमी को वापस आ जाती है। हेयर स्‍पा में प्रोटीन ट्रीटमेंट्स को भी शामिल किया जा सकता है ताकि आपके बाल रोजाना की विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने लायक मज़बूत हो सकें।

सबसे अच्छा हेयर स्पा कौन सा है?

बालों की कंडीशन के हिसाब से अलग अलग स्पा अलग अलग बालों के लिए बेस्ट होते हैं..! * ड्राई हेयर के लिए कैरेटिन युक्त स्पा सबसे बेस्ट है।यह बालों को मुलायम बनाता है। * अगर बाल ऑयली हैं, तो एलोवेरा और नींबू युक्त स्पा बेहतर रहेगा। ऐलोवेरा और नींबू का मिश्रण स्कैल्प पर तेल कम करता है। *अगर बाल प्रदूषण की वजह से खराब हो गए हैं, तो आगर्न तेल या नारियल तेल युक्त हेयर स्पा बेहतर रहेगा। ये बालों को नई जान देगा और वॉल्यूम बढा़येगा। *अगर बालों में डैंड्रफ ज्यादा है, तो आपको लैवेंडर तेल युक्त स्पा का चुनाव बेहतर है। लैवेंडर तेल रूसी रोकने का सबसे बेहतर उपाय है। *अगर बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं या पतले हैं, तो ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त हेयर स्पा सही रहेगा। *अगर आपकी स्कैल्प ड्राई है और सिर में खुजली होती है, तो नारियल तेल युक्त हेयर स्पा अच्छा विकल्प है।

हेयर स्पा में कितने पैसे लगते हैं?

हेयर स्पा से रूखे बालों, दो मुँहे बाल, बालों का झड़ना, बेजान बाल आदि समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हेयर स्पा प्राइस इस बात पर निर्भर करता है कि आपके बालों की लेंथ कितनी है और आप इसे किस एरिया के सैलून में करा रहे हैं, अमूमन हेयर स्पा की कीमत 500 से 1500 रुपये तक की होती है। और अगर आप हैमर स्पा घर पर ही करते हैं तो जितना पैसा आपका सामंग्री खरीदनें में लगेगा, वही कीमत होगी और ये किफा़यती ही रहेगा क्योंकि मेहनत आपकी है।

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये

आजकल महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या अनचाहे गर्भ की होती है । प्रत्येक महिला चाहती है की यदि अनचाहा गर्भ ठहर गया है तो उसका निस्तारण घरेलू नुस्खों से हो जाए । यूं तो गर्भपात के लिए कई सारे घरेलू नुस्खे (bacha girane ke gharelu nuskhe) अपनाए जा सकते हैं परंतु इनमें से सबसे ज्यादा सुरक्षित और कारगर तरीका है तुलसी का काढ़ा। तुलसी के सेवन से गर्भाशय में संकुचन बढ़ने लगता है जिससे गर्भपात हो जाता है।
प्राकृतिक औषधीय गुणों से युक्त तुलसी एक बहुत ही लाभदायक जड़ी बूटी है जो हमारे घरों में आसानी से उपलब्ध होती है।
आइए जानते हैं गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात (1 mahine ka garbhpat)-

1. तुलसी के बीजों में संकुचन को प्रेरित करने की क्षमता होती है जिससे गर्भपात हो जाता है ।

2. गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक तुलसी का सेवन ब्लड शुगर लेवल को बहुत कम कर देता है जिसके कारण गर्भपात होता है ।

आइए जानते हैं गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये (bacha girane ke gharelu nuskhe):

पहली विधि –

सामग्री

1. दो का पानी
2. 4 लॉन्ग
3. एक इंच अदरक का टुकड़ा
4. 5 से 6 काली मिर्च
5. 5 से 6 तुलसी के पत्ते
6. 1 इंच दालचीनी का टुकड़ा

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये: विधि

एक पतीले में दो कप गरम पानी चढ़ाएं। अब अदरक ,लॉन्ग ,काली मिर्च और दालचीनी का पेस्ट बनाएं । इस पेस्ट को पानी में मिलाएं और 20 मिनट तक गर्म उबलने दें । थोड़ा ठंडा करके इसे छाने और शहद मिलाएं ,तुलसी का काढ़ा तैयार है।

और पढ़ें: अनचाहे गर्भ का कैसे करें इलायची से गर्भपात

तुलसी का काढ़ा
तुलसी का काढ़ा

 

दूसरी विधि

सामग्री

1. आधा चम्मच तुलसी के बीज
2. 5 से 6 तुलसी के पत्ते साफ किए हुए
3. दो गिलास पानी
4. एक छोटी डली गुड़

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये: विधि

पतीले में दो गिलास पानी डालकर गरम करने के लिए रख दें ,फिर उसमें एक चम्मच तुलसी के बीज ,5 से 6 तुलसी के पत्ते और एक छोटी डली गुड़ डालकर अच्छे से करीब पानी चौथाई रह जाने तक उबालें उसे छानकर गरम गरम सेवन करें ।

इसके अलावा गर्म पानी के साथ आधा चम्मच तुलसी के बीजों के सेवन करने से भी अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिल जाता है ।

सेवन की मात्रा – गर्भपात हेतु दिन में आधा कप तुलसी का काढ़ा प्रयोग किया जा सकता है इसे सुबह नाश्ते के बाद अथवा रात को सोने से पहले इसका सेवन किया जा सकता है।

और पढ़ें: अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?

तुलसी की प्रवृत्ति गर्म होती है इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए आइए जानते हैं तुलसी के काढ़े का सेवन करते समय क्या क्या सावधानियां रखना आवश्यक है –

1. तुलसी में हमारे खून पतला करने की क्षमता मौजूद रहती है इसलिए यदि गर्भवती महिला खून पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर रही है तो उसे तुलसी के काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए ।
2. तुलसी का उपयोग ब्लड शुगर को कम करने के लिए किया जाता है इसलिए यदि किसी महिला को लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उससे तुलसी का काढ़ा नहीं लेना चाहिए।
3. मतली ,उल्टी और घबराहट आदि के लिए जाने वाली विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करने वाली महिलाओं को भी तुलसी के काढ़े का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
4. गंभीर प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर ,किडनी की समस्या आदि से प्रभावित महिलाओं को भी गर्भपात के लिए तुलसी के काढ़े का सेवन करने से बचना चाहिए ।

वैसे तो तुलसी के काढ़े और तुलसी के पत्तों से गर्भपात हो जाता है परंतु यदि किसी भी प्रकार की समस्या के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

6 महीने का गर्भ कैसे गिराए?

यदि आप अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं तो इसके लिए शुरुआती 5से 6 हफ्ते का समय सबसे उचित रहता है इसके बाद जैसे-जैसे वक्त बढ़ता जाता है जटिलताएं बढ़ने लगती है । 6 महीने का गर्भ काफी बड़ा होता है इसलिए इसे गिराने के लिए किसी प्रकार के घरेलू उपाय ना अपनाएं यह गर्भवती के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है । 6 महीने के गर्भ को गिराने के लिए डॉक्टर की मदद से ही हॉस्पिटल में गर्भपात करवाएं ।

गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

यदि आपने गर्भपात के लिए अबॉर्शन किट का प्रयोग किया है किया है तो ब्लीडिंग बंद होने के तीन से चार हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए या सटीक परिणाम देता है परंतु अगर आप जल्दी परिणाम जानने की इच्छुक हैं तो आपको गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करके अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इसके अलावा यदि आप गर्भपात के बाद गर्भधारण हेतु प्रयास कर रही हैं तो पीरियड मिस होने के हफ्ते भर बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना सही परिणाम देता है ।

बार बार गर्भपात करने से क्या होता है?

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कई जोड़े बार बार गर्भपात का सहारा लेते हैं। बार बार गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा कमजोर हो जाती है किसी कारण अगली बार गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की कमी, इन्फेक्शन ,रक्तस्राव, संक्रमण, ऐंठन, एनेस्थेसिया से संबन्धित जटिलताएं, एम्बोलिज़्म, गर्भाशय में सूजन, एंडोटोक्सिक शॉक आदि कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए बार बार गर्भपात कराने के स्थान पर परिवार नियोजन के तरीके अपनाकर गर्भधारण को रोकना ही ज्यादा कारगर उपाय है ।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

Tomato flu, tomato fever symptoms in hindi-टोमैटो फीवर के कारण, लक्षण और उपचार

टोमैटो फीवर के कारण, लक्षण और उपचार

Tomato flu

कोरोना वायरस महामारी का खौफ अभी तक खत्म नहीं हुआ है. इस बीच एक नई बीमारी का खतरा मंडराने लगा है, और अभी तक की जो भी रिपोर्ट आई हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि ये टमाटर बुखार छोटे बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है। केरल के कई हिस्सों में ये वायरस पाया गया है, बता दें कि वायरस का पता चलने के बाद, इससे पीड़ित सभी लोगों की टेस्टिंग की जा रही है. राज्य में अब तक पाँच साल से कम उम्र के 80 से ज्‍यादा बच्चे इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।

एक निवारक कदम के रूप में, आंँगनवाड़ी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है, और अधिकारियों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए छोटे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है।

टोमैटो फीवर क्या है?

टोमैटो फीवर एक अज्ञात वायरस बुखार है जो केरल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया गया है, और वायरस के संक्रमण से फैलता है, इससे संक्रमित बच्चों को रैशेज और फ़फ़ोले हो जाते हैं, ये रैशेज और फ़फ़ोले आमतौर पर लाल होते हैं। इसलिए इसे टोमैटो फीवर कहा जाता है, बता दें कि अभी तक ये फ्लू केरल के कुछ हिस्सों में ही पाया गया है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर संक्रमण को रोकने के उपाय नहीं किए गए तो ये वायरस और फैल सकता है।

टोमैटो फीवर के लक्षण

टोमैटो फीवर के मुख्य लक्षण है

  • रेड रैशेज,
  • तेज बुखार
  • छाले,
  • स्किन में जलन
  • डिहाइड्रेशन

इसके अलावा, संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, हाथों में दर्द, जोड़ों में सूजन, थकान, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, खांसी, छींक और नाक बहना और हाथों के रंग में बदलाव जैसे लक्षण होते हैं.

बुखार
बुखार

क्या टोमेटो फ्लू छूत की बीमारी है?

फ्लू के अन्य मामलों की तरह, टमाटर फ्लू संक्रामक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि टमाटर फ्लू एक छूत की बीमारी है जो छूने से फैलती है। इसलिए अगर आपके आस-पास कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो उससे दूर रहें और खासकर बच्चों को मरीज के करीब न आने दें। यह गलती आपके बच्चे को भारी पड़ सकती है। अगर आपका बच्चा इस गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया है, तो उसे अलग-थलग रखें और उसके आसपास थोड़ा काम करें। फिलहाल इस लेख को लिखते समय यह राहत की बात है कि टमाटर फ्लू से अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।

टोमैटो फीवर होने पर क्या करें?

विशेषज्ञों के पास अभी तक टोमैटो फीवर को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं है इसलिए इसका कोई सटीक कारण और इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। अभी इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी अन्य फ्लू की तरह से ही किया जा रहा है। टोमैटो फीवर के तेज़ी से फैलने के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा सलाह दी गई है कि इसके लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें। इसके अलावा साफ-सफाई का उचित ध्यान रखने, सही डाइट और संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखने से आप इस स्थिति का शिकार होने से अपने बच्चों को बचा सकते हैं और इस संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं।

इस तरह लें सावधानी…

  • बच्चों में कुछ भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर्स से सलाह लें ।
  • बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा पानी और तरल पदार्थों दें।
  • छालों पर खुजली ना करने दें।
  • कमरे का तापमान कम रखें जिससे छालों में जलन से परेशानी ना हो ।
  • बच्चों को कम तला और मसालें का खाना दें,सादा भोजन ही दें ।
  • बच्चों को कम से कम एक हफ्ते का बेड रेस्ट दें
  • कोई भी दवाई देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें ।
  • बच्चे को आइसोलेट रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • स्वस्थ बच्चों को संक्रमित बच्चों से दूर रखें ।

हमेशा याद रखिए जानकारी है तो बचाव है।

कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये-Face Ko Kaise Nikhare

कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये

फेयरनेस टिप्स - Fairness Tips In Hindi

Face Ko Kaise Nikhare

चाहे वो लड़का हो या लड़की, आज कल हर कोई सुंदर दिखना चाहता है। हर कोई आज कल फेयरनेस चाहता है। लेकिन आज की इस भाग दौड़ भरी लाइफ स्टाइल में प्रदूषण और धूल-मिट्टी से बचना नामुमकिन है। ऐसे में चेहरे पर कील-मुंहासों के दाग, टैनिंग और झाइयों बड़ी ही आसानी से चेहरे की रौनक खत्म कर देती है। इन सब चीजों से छुटकारा पाने के लिए आपको पार्लर जाने की या महंगे केमिकल प्रोडक्ट्स की ओर रुख करने की जरूरत नहीं। आप कुछ आसान सी घरेलू ब्यूटी टिप्स को अपनाकर फेयरनेस पा सकते हैं और खूबसूरत दिख सकते है। तो आइये जानते है कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये।

Face Ko Kaise Nikhare | Gharelu Nuskhe For Face In Hindi

पानी

सुंदर और दमकती त्वचा पाने के लिए त्वचा को हाइड्रेट करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको खूब सारा पानी पीना चाहिए। पानी आपकी त्वचा को हाइड्रेट करता है और आपके शरीर में से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे आपकी त्वचा साफ हो जाती है। इसलिए एक दिन में कम से कम 8 ग्लास पानी जरूर पिए।

नींद

सुंदर दिखने के लिए ये जरूरी है कि आप कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर है। पूरी नींद लेने से थकान दूर होती है और आपकी त्वचा भी खिली – खिली नजर आती है।

केसर से पाएं निखार

केसर के अंदर एंटी बैक्टेरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते है जो आपकी त्वचा को हील करते हैं। इसके अलावा केसर विटामिन्स और मिनरल्स भी पाए जाते है जो आपकी त्वचा को पोषण देते हैं और रंगत को भी निखारते है।

सामग्री

  • एक चुटकी केसर का पाउडर
  • 2 चम्मच दूध
  • 1 चम्मच चंदन पाउडर

प्रयोग की विधि

अगर आपके पास केसर पाउडर नहीं है तो आप घर में ही इसे तैयार कर सकते है। इसके लिए केसर को बारीक पीस लें। केसर पाउडर के अंदर दूध डाले। अब इसे 7 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें। 7 से 10 मिनट बाद इसमें चंदन पाउडर मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। 20 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें।

एलोवेरा बचाए सनटैन से

एलोवेरा
एलोवेरा

एलोवेरा बहुत गुणकारी है। ये आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन ये आपकी स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। अगर आप सनटैन से बचना चाहती है तो आप रोज़ एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग कर सकते हैं। आप एलोवेरा जेल को सोने से पहले अपने चेहरे पर लगा ले।

करे फेस पैक का इस्तेमाल

निखरी त्वचा पाने के लिए आपको नियमित रूप से घरेलू फेस पैक का इस्तेमाल करना चाहिए। घरेलू फेस पैक ना सिर्फ आपकी फेस की रंगत को निखरता है साथ ही ये आपकी स्किन से डेड सेल्स को भी हटाता है। आप अपनी त्वचा के अनुसार फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते है।

नॉर्मल स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच मलाई
  • ½ चम्मच शहद
  • 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी
  • ½ चम्मच बेसन
प्रयोग की विधि

एक कटोरी में इन सभी सामग्री को मिक्स करके पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को सूखने तक अपने चेहरे पर लगा रहने दें। इसे सूखने में 20 से 30 मिनट का समय लगता है। सूखने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से अच्छे से धो ले। इस फेस पैक को हफ्ते में दो बार अपने चेहरे पर लगाएं।

सामग्री
  • 1 चम्मच मिल्क पाउडर
  • 1 चुटकी केसर
  • 1 चम्मच पानी
प्रयोग की विधि

मिल्क पाउडर में पानी मिलाकर इसमें केसर का पाउडर डालें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। बाद में ठंडे पानी से अपने चेहरे को धो लें।

ऑयली स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच शहद
  • 1 चम्मच नींबू का रस
  • 1 चम्मच खीरे का रस
  • ½ चम्मच आलू का रस
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिला कर अपने चेहरे के लिए फेस पैक बनाये और इस घरेलू फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं। इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें। 15 मिनट बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

सामग्री
  • 1 चम्मच अंगूर का रस
  • 1 चम्मच दही
  • 1 चम्मच जौ का आटा
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को अच्छे से मिला कर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और इसे 20 मिनट तक लगा रहने दें। अंगूर के रस में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपकी त्वचा को पोषण देते हैं। दही आपकी स्किन की पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है और आपकी स्किन को हाइड्रेट करता है। जौ का आटा आपकी स्किन के डेड सेल्स को हटाता है और जाए सेल्स की ग्रोथ में मदद करता है।

रूखी और ड्राई स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच दही
  • ½ चम्मच शहद
  • ½ चम्मच मलाई
  • 2 चम्मच आलू का रस
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिला कर अपने चेहरे के लिए फेस पैक बनाये और इस घरेलू फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं। अब इसे सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें। दही और आलू का रस अपने चेहरे को हाइड्रेट करता है। शहद अपने चेहरे को पोषण देता है और मलाई अपने चेहरे की त्वचा को मुलायम बनाती है।

सामग्री
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिलाकर पेस्ट बना लें और फिर इसे अपने चेहरे पर लगा ले। सूखने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

चेहरा रखें साफ

अपने चेहरे को हमेशा साफ रखें। चेहरे को गंदे हाथो से ना छुए। जब भी बाहर से घर आएं तो अपने चेहरा पानी से जरूर धोए। इससे जो भी धूल या मिट्टी आपके चेहरे पर लगी होगी वो साफ हो जाएगी। ऐसा करने से आप पिंपल्स की समस्या से भी बच सकते है।

सुंदरता बढ़ाए नींबू

नींबू सुंदरता बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होता है। नींबू के अंदर विटामिन्स पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा को चमकदार बनाते है। आप नींबू और चीनी को मिलाकर उसे स्क्रब की तरह इस्तेमाल कर सकते है। इस स्क्रब से 15 मिनट तक अपने चेहरे पर मसाज करें और अपने चेहरे को पानी से धो लें। जहां नींबू आपका रंग निखरेगा वही चीनी आपके डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करेगी।

नींबू
नींबू

बेसन और दही से लाए निखार

बेसन और दही दो ऐसी चीज है जो आपकी फेस की रंगत को निखारने में बहुत मदद कर सकती है। बेसन आपका रंग निखरता है और दही आपके चेहरे को हाइड्रेट करती है।

आप इस तरह से इनका प्रयोग कर सकते है

सामग्री

  • 1 चम्मच बेसन
  • 1 चम्मच दही
  • 1 चुटकी हल्दी

प्रयोग की विधि

इन सभी चीज़ों को मिलाकर एक पेस्ट बना ले और इस पेस्ट को सूखने तक अपने चेहरे पर लगा रहने दें। इसके सूखने के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें।

कच्चा दूध

रोज़ सुबह उठकर रूई की सहायता से कच्चा दूध अपने चेहरे पर लगाएं। इसे कुछ समय तक लगा रहने दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी की सहायता से धो दे। कच्चा दूध आपके फेस की रंगत को निखरता है। ये आपकी त्वचा को पोषण देता है और आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है।

केमिकल प्रोडक्ट्स को कहें ना

केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें। केमिकल प्रोडक्ट्स आपकी त्वचा को नुक़सान पहुंचा सकते है। इसलिए कोशिश करें कि कम से कम केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करे और अपने रुख नेचुरल प्रोडक्ट्स की ओर करें।

खानपान का रखे ध्यान

अपने खान पान का ध्यान रखें। फल और सब्जियों का सेवन करें। जंक फूड खाने से बचें। इसमें बहुत मात्रा में तेल होता है जिससे आपको मुहांसों या पिम्पल्स की समस्या हो सकती है। तला हुआ खाना भी खाने से बचें।

जानिए क्या है भुने चने खाने के फायदे और नुकसान

भुने चने खाने के फायदे

भुने चने खाने में बेहद स्वादिष्ट, गुणों से भरपूर औरन जाने कितने किस्से कहानियों का हिस्सा रहै है। प्रोटीन और कैल्शियम की खान ये भुने चने न फिटनेस फ्रीक लोगो की पसन्द है। बल्कि खाने के शौकीन भी विभिन्न डिशेस में इसका प्रयोग करते है। देश के प्रमुख खाद्यानों में से एक चना, पौष्टिकता जे भरपूर होता है।

भुने चने का नियमित सेवन मोटापा घटाने, दिल को स्वस्थ रखने, कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने, तथा डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है।

सबसे पहले आइए जानते है चने में कौन कौन पोषक तत्व होते है।

कुल 100gm के अनुसार

  • कैलोरी – 378
  • वसा – 6 gm
  • कुल कार्बोहाइड्रेट – 6gm
  • फाइबर – 17 gm
  • प्रोटीन – 19gm
  • विटामिन A – दैनिक आवरश्‍यकता का 1 प्रतिशत
  • विटामिन C – दैनिक आवश्‍यकता का 6 प्रतिशत
  • कैल्शियम – दैनिक आधार पर 10 प्रतिशत
  • आयरन – दैनिक आवश्‍यकता का लगभग 34 प्रतिशत

भुने चने खाने के फायदे

मोटापा घटाए

मोटापे घटाने के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता होती है वह सभी तत्व भुने चने में होते है। भुने चने में होता है फाइबर जो पेट को फुल महसूस कराता है। भुने चने में होता है कैल्शियम और प्रोटीन जो आपके वर्कआउट को आसान बनाता है। जल्दी से भूख नही लगने देता, जिससे आप एक्सट्रा खाने से बच सकते है।

मोटापा कम करने में मदद करे
मोटापा कम करने में मदद करे

डायबिटीज से बचाये

डायबिटीज 1 हो या डायबिटीज 2 दोनों में ही हाई फाइबर फ़ूड जरूरी होते है।क्योंकि इससे रक्‍त शर्करा, लिपिड और इंसुलिन के स्‍तर में सुधार होता है। इसका कारण यह होता है कि चने में मिलने वाला कार्बोहाइड्रेट बहुत ही धीरे से डाइजेस्ट होता है। और सुगर लेवल तेजी से नही बढ़ता।

दिल के लिए लाभकारी

भुने चने में होते है वो सभी तत्व जो ब्लड वेसेल्स को रखते हों स्वस्थ्य, जैसे कि एंटीऑक्‍सीडेंट, एंथोसाइनिन, डेल्फिंडिन, साइनाइडिन पेटुनिडिन, फाइटोन्‍यूट्रिएंट्स, मैग्‍नीशियम और फोलेट। ये सभी तत्व मिलकर प्लाक फार्मेशन, ब्लड क्लॉट, हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक से दिल को बचाते है।

कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल करें

भुने चने बेड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते है। बेड कोलेस्ट्रॉल हाई बीपी और दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। भुने चने का सॉल्युबल फाइबर ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम रखता है, जिससे पूरे शरीर में सर्कुलेटरी सिस्टम बहुत अच्छे से कार्य करता है। और शरीर बहुत सी बीमारियो से बचा रहता है।

डायजेस्टिव सिस्टम सुधारे

भुने चने का फाइबर इंटेस्टाइन के पेरिस्टलटिक मूवमेंट को बेहतर बनाता है। जिससे कब्ज, अपच, गैस बनने जैसी समस्याएं नही होती।
चना डायजेस्टिव सिस्टम के लिए इसलिए भी ज्यादा बेहतरीन होता है, क्योंकि इसमें सॉल्युबल और नोसॉल्युबल फाइबर होते है।
ये आपके पाचन तंत्र को मजबूत बना आंतो पर पड़ने वाले स्ट्रेस को कम करता है।

कैंसर के निदान में करे मदद

भुने चने में उपस्थित कुछ यौगिक कोलन कैंसर के खतरे को कम करते है। क्योंकि इसके फाइबर फैटी एसिड में टूटकर कोलन सेल्स द्वारा ऊर्जा में उपयोग किये जाते है। और इसी तरह भुने चने कोलन सेल्स को मजबूती प्रदान करता है।

स्त्री समस्याओं का निदान

महिलाओं में होने वाली बहुत सी हार्मोनल समस्याओं का निदान चने में छुपा है। ये मेनोपॉज़ के बाद होने वाली हड्डियों की कमजोरी, ऑस्टियोपोरोसिस, ब्रैस्ट कैंसर, हॉट फ्लैश, सफेद पानी को कम करने में मदद करता है। इन सभी फायदों का कारण होता है चनों में मौजूद सैपोनिन नामक फाइटोन्‍यूट्रिएंट एंटीऑक्‍सीडेंट।

इंस्टेंट एनर्जी दे

अगर आप वर्कआउट के बाद थकान और एनर्जी लेस महसूस कर रहे है तो एक मुट्ठी भुने चने खाकर देखिए। आप तुरन्त एनर्जी महसूस करेंगे इसका कारण होता है चने में मिलने वाला कार्बोहाइड्रेट। क्योंकि ये जल्दी पचकर जल्दी एनर्जी देता है।

खून की कमी दूर करे

चने में मिलने वाला आयरन, खून की कमी दूर करता है। इसके लिए डेली रूटीन में कम से कम 2 मुट्ठी भुने चने का सेवन करे।

सुंदरता बढ़ाये

भुने चने में मिलने वाला फाइबर, प्रोटीन, कॉपर, आयरन, विटामिन बी6 और जस्‍ता त्वचा को चमकदार बनाता है, डेंड्रफ को दूर करता है। बालो को मजबूत बनाता है।

भुने चने खाने ज्यादा खाने के नुकसान

क्या हैं चेहरे पर चमक लाने के उपाय-Chehre Par Glow Kaise Laye

क्या हैं चेहरे पर चमक लाने के उपाय

चेहरा हमारे व्यक्तित्व का आईना होता है। इसलिए, हर इंसान के चेहरे की चमक और खूबसूरती मायने रखती है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, हर कोई ‘स्किन को ग्लोइंग कैसे बनाएं’ इसके उपाय ढूंढते रहते हैं। ग्लोइंग स्किन के उपाय की बात करें, तो आजकल बाजार में चेहरे की चमक बढ़ाने के उपाय के तौर पर कई तरह के कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट बिकने लगे हैं। हालांकि, इनमें मौजूद केमिकल त्वचा पर निखार तो ला सकते हैं, लेकिन साइड इफेक्ट का खतरा भी बढ़ा देते हैं। ऐसे में इस लेख से हम घरेलू फेस ग्लो टिप्स देने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट का ज्यादा उपयोग किए बिना चेहरे पर लंबे वक्त तक निखार रहे।

चेहरे पर चमक लाने के उपाय-Chehre Par Glow Kaise Laye

पानी का सेवन

हमारे शरीरमें 70 प्रतिशत पानी होता है और ये हमारे त्वचा की नमी और चमक बरकरार रखने के लिए ,कम से कम 8 से 10 गिलास पानी का सेवन ज़रूरी है, ये पाचन तंत्र को भी स्वास्थ्य रखता है

असंतुलित पाचन भी मुहासों का कारण है, इसलिए पानी का पर्याप्त सेवन बहुत ज़रूरी है।

करें योग

योग आसन​ से भी चेहरे और सिर के भाग में रक्त परिसंचरण बढ़ता है। ये आपको प्राकृतिक रूप से सुन्दर त्वचा देता है।

करें योग
करें योग

भुजंगासन

पीठ और कंधे से कड़ापन कम करता है। आपको विश्राम देकर आपकी मनोदशा को अच्छा करता है। आपकी त्वचा को चिकना और लचीला करता है।

मत्स्यासन

सांस की गहराई बढ़ाता है, हार्मोन के असंतुलन ठीक करता है और मांसपेशियों को आराम देता है। त्वचा अधिक लचीली और दृढ हो जाती है।

हलासन

चेहरे और सिर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। परिणामस्वरूप त्वचा में निखार आ जाता है।

सर्वांगासन

सिर में रक्त के प्रवाह को बढाकर त्वचा की चमक में वृद्धि करता है। साथ ही ये दानों और मुहांसों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।

त्रिकोणासन

आपके चेहरे और सिर में रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है। ऑक्सीजन की अधिक मात्रा में आपूर्ति त्वचा की चमक में वृद्धि के रूप में दिखती है।

घरेलू उपाय

गुलाब

जल हमारे चेहरे को साफ करने के साथ सॉफ्टनेस को बरकरार रखता है। गुलाब जल का को रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और फिर मालिश करें। सुबह चेहरे को हल्के गर्म पानी से धो लें। इसके बाद आपका चेहरा चमकने लगेगा।

दही

जितना खाने में सेहत को फायदा करता है, उतना ही हमारे चेहरे के लिए उपयोगी होता है। दही से स्किन को नमी मिलती है और चेहरे से गंदे कण बाहर निकल जाते हैं। यह टैनिंग हटाने में बेहज कारगर है। ताजा व ठण्डा दही डबल परत में लगाएं व आँखों के नीचे सावधानीपूर्वक चेहरे पर 30 मिनट के लिए ऐसे ही छेड़ दें। इसके बाद सादा पानी से चेहरा धो लें। 2 घण्टे तक इस पर कुछ न लगाएं।

कच्चा दूध

दूध स्किन के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। चेहरे पर कॉटन से ठण्डा व कच्चा दूध लगाएं और 15 मिनट तक सूखने पर इसे धो डालें। इससे आपका चेहरा ग्लो करने लगेगा। इसे आप रोज प्रयोग कर सकती हैं।

एलोवेरा

गर्मी के मौसम में सबसे अच्छा और गुणकारी उपाय से त्वचा को खूबसूरत व ग्लोइंग बनाया जा सकता है। कई गुणों से भरपूर एलोवेरा हमारी स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट से चेहरे की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।

नारियल का तेल

चेहरे की गंदगी को साफ करना हो या मेकअप को हटाना है तो नारियल का तेल बहुत असरकारक है। नारियल तेल के चेहरे पर इस्तेमाल करने से गंदगी या मेकअप साफ भी हो जाएगा और किसी तरह का नुकसान भी नहीं होगा। नारियल तेल को चेहरे पर लगाकर कुछ देर तक मलें, इसके बाद क़ॉटन की मदद से तेल हटाकर आईस को चेहरे पर लगाएं और सो जाएं। सुबह उठकर आप देखेंगी कि चेहरा एक बार के प्रयोग से चमक उठा है।

नींबू

निम्बू के रस का इस्तेमाल करने से चेहरे में चमक आ जाती है और इससे चेहरे की गंदगी भी साफ हो जाती है। हफ्ते में एक बार चेहरे पर नींबू का रस लगाकर 15 मिनट बाद चेहरा धो लेना चाहिए। इससे त्वचा को हानिकारक जीवों से बचाया जा सकता है और ऑइली स्कीन को ऑइली फ्री बनाया जा सकता है।

खीरा

चेहरे पर चमक लाने में खीरा बहुत मदद करता है। खीरे को कद्दूकस करें और चेहरे पर लगाएं। इसके अलावा खीरे के रस में दही मिलाकर पेस्ट चेहरे पर लगा सकते हैं। पांच मिनट तक लगाने के बाद चेहरा धो लें। चेहरे पर गजब का निखार आएगा।

टमाटर

चेहरे पर निखार लाने के लिए टमाटर को भी काम ले सकते हैं। इसके लिए आपको एक चम्मच दूध और नींबू के रस में टमाटर को मिलाकर पेस्ट बना लें। इसके बाद इस पेस्ट से चेहरे को धो डालें।

संतुलित आहार

अपने भोजन में हरी सब्जियां, हल्दी, ताजे फल ,ज्यूस, दूध, अंडे इत्यादि को शामिल करें।

  • सूरज की सीधी किरणों से बचे, त्वचा को अच्छी तरह मॉस्चोराइज़र ज़रूर करें।
  • मुल्तानी मिट्टी का लेप भी चेहरे की चमक के लिए बहुत फायदेमंद है,
  • इसके अलावा तनाव मुक्त रहें और धूम्रपान से बचें। ये सभी उपाय चेहरे की चमक बढ़ने के बहुत कारगर है।

मगज क्या होता है?क्या होते है मगज के बीज के फायदे?Kharbuje Ke Beej Ke Fayde

मगज के बीज के फायदे

मगज क्या होता है?

खरबूजा एक ऐसा फल है, जो स्वाद में बेहतरीन होने के साथ ही, स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। पानी से भरपूर ये फल बॉडी को हाइड्रेट करने का बेहतरीन ऑप्शन है। इसकी खास सुगन्ध और स्वाद इसे अलग बनाते है। गर्मियों में आने वाला ये फल बच्चे बूढ़े सभी पसन्द करते है। जितना सेहतमंद खरबूजे का ये फल होता है, उससे ज्यादा फायदेमंद होता है खरबूजे के बीज। इस लेख में हम जानेंगे मगज क्या होता है और मगज के बीज के फायदे क्या है।

खरबूजे के बीज को छीलकर निकलने वाली गिरी को मगज कहते है। मगज एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन ए, सी और विटामिन ई भरपूर होता है। ये बहुत से रोगों और समस्याओं में लाभकारी होते है। मगज के बीज आंखों, कॉलेस्ट्रॉल, कैंसर जैसी समस्याओं के लिये भी उपयोगी हैं।

कैसे निकाले मगज के बीज

सर्वप्रथम खरबूजे का बीज वाला हिस्सा निकालकर पानी मे भिगो दें। 2 दिन के लिए भिगो कर रखे। अब एक बड़ी छलनी ले, छलनी में इन बीजो को डालकर वाटर के नीचे हल्के हाथों से रगड़े। धीरे धीरे छलनी में केवल बीज रह जाएंगे और सब एक्स्ट्रा गूदा बह जाएगा। अब इन बीजो को सुखाकर छील लें। स्वास्थ्यवर्धक मगज के बीज आपके सामने होंगे।

मगज के बीज के फायदे

प्रोटीन से भरपूर है मगज के बीज

आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि मगज़ के बीज, सोयाबीन जितना प्रोटीन रखते है। इसलिए अगर आप जिम जा रहे है, मसल्स बिल्ड करना चाहते है, मोटापा कम करना चाहते है या प्रोटीन डाइट पर है, तो मगज के बीज आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन है।

मगज के बीज आंखों का रखे ख्याल

मगज के बीज विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई से परिपूर्ण होते है। ये सभी विटामिन आंखों की हर समस्या में लाभकारी होते है। इसलिए अगर आपका ज्यादातर वक्त कम्प्यूटर या लैपटॉप पर बीतता है। या आप हाई स्टडी कर रहे है, तो मगज के बीजो अपने स्नैक्स में जरूर रखे।

आंख
आंख

हड्डियों को मजबूत बनाए मगज के बीज

मग़ज़ के बीज में बोन डेंसिटी बढ़ाने के गुण होते है। यदि आप हार्मोनल बदलाव से गुजर रही है तो, पूरी सम्भावना है कि आपकी बोन डेन्सिटी कम हो रही हो। खासकर मेनोपॉज़ के समय पर महिलाएं इससे जूझती है।

हड्डियों में दर्द होने पर, मगज के बीज को अपने रोज के ईटिंग डाइट में जरूर शामिल करें।

खरबूजे के बीज-मधुमेह से बचाव

टाइप 2 डायबिटीज भारत मे तेजी से पैर पसार रही है। और इसके मरीजो की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित है या आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है तो खास ध्यान रखे। मगज के बीजो का सेवन करे। मगज के बीज इन्सुलिन के स्तर को नियंत्रित रखते है।

खरबूजे के बीज-दिल को रखे हेल्थी

मगज के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड के नियमित सेवन से रक्त में वसा या ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम रहता है।तो यदि आप अपने दिल को स्वस्थ्य रखना चाहते है तो मगज के बीज का सेवन जरूर करे।

कफ दूर करें

मगज के बीज की तासीर गर्म होती है। इसी कारण ये आपकी छाती से कफ निकालने में मदद करते है। यदि ठंड या किसी संक्रमण से आपके छाती पर कफ जमा है तो मगज के बीजो का सेवन करे।

बालो और नाखूनों को रखें स्वस्थ्य

मगज के बीजो का हाई प्रोटीन बालो और नाखूनों को स्वस्थ बनाता है। यदि आप टूटते बालो और नाखूनों से परेशान है तो मगज के बीजो का सेवन जरूर करे।

पाचन सुधार कर मोटापा घटाए

यदि आप गैस अपच या कब्ज के कारण मोटापा घटाने में असमर्थ है, तो मगज के बीज आपके लिए परफेक्ट है। मगज के बीज हाई फाइबर युक्त होते है। इनका सेवन करने से इंटेस्टाइन का पेरिस्ताल्टिक मूवमेंट अच्छा होता है। जिससे कब्ज, गैस और अपच दूर होती है।

पेट भरा हुआ लगता है, जिससे जल्दी भूख नही लगती। साथ ही मगज के बीज एक्स्ट्रा एनर्जी मिलती है। इस एनर्जी के कारण वर्कआउट करने में भी आसान होता है।

प्रसूता स्त्री के लिए लाभदायक

कई वर्षों से मगज के बीज प्रसूता स्त्री के लिए इस्तेमाल किये जाते रहे है। गुड़ सोंठ के लड्डू हो या गुड़ अजवायन की पात, मगज के बीज उसमे शामिल होते ही है। ये स्त्री की डिलीवरी के बाद आई कमजोरी दूर करते है।

डिलीवरी के बाद हो रही ब्लीडिंग को खुल कर होने में मदद करटे है। जिससे गर्भाशय की सफाई अच्छे से होती है। प्रसूता स्त्री के पाचन को सही बनाए रखते है, खून बढ़ाते है, स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाते है।

तो ये थे मगज के बीज के फायदे। उम्मीद हैं इतने फायदे सुनने के बाद अब आप खरबूजे के बीजो को यूंही नही फेकेंगे।

सामान्य प्रश्न

मगज के बीज क्या काम आते हैं?

खरबूजा के बीज को छिल कर निकाले जाने वाली गिरी को मगज कहते है ।यह बहुत लाभकारी होता है साथ ही तरबूज , कद्दू और खीरा के बीज की गिरी को भी मगज के बीज ही कहते है । परन्तु बहुतायत में खरबूजा के बीज की गिरी को ही मगज के रूप में प्रयोग में लिया जाता है ।ये अमूमन मिठाई बनाने में ज्यादा प्रयोग होते है । और ये बहुत लाभदायक होते है ।

चार मगज कौन से होते हैं?

मगज खरबूजा के बीज की गिरी को कहते है। ये दिमाग तेज करते है साथ ही साथ बहुत शक्तिवर्धक होते है । मगज के बीज चार प्रकार के होते है । 1.तरबूज के बीज की गिरी की मगज कहते है । 2.कद्दू जिसे काशीफल भी कहते है उसके बीज की गिरी को भी मगज कहते है ।साथ ही खरबूजा के बीज की गिरी और खीरे के बीज की गिरी को भी मगज कहते है ।

मगज कितने रुपए किलो है?

मगज के बीज बहुत ज्यादा लाभकारी होते है इस कारण ये बाजार में थोडे महंगे दामों पर उपलब्ध होते है ।इसके दाम पैदावार पर होते है अगर औसत रही तो महंगा हो जाता है और अच्छी पैदावार होने पर एक कुन्टल बीज एक बीघा के हिसाब से रहता 14000से 15000 प्रति कुन्टल बाजार का भाव है । 1.बाजार में बीज की क्वॉलिटी के हिसाब के दाम से मिल जाते है।यह डायबिटीज 2 के लिये बहुत लाभकारी होता है तो अमूमन 150 रू से 200रू तक भाव मिल जाता है।

मगज खाने से क्या होता है?

मगज के बीजों बहुत पोषक तत्व होते है ये शरीर को ताकत और स्फुर्ति देते है। 1.ये बालों को लम्बा, घना , और मजबूत बनाते है ।साथ ही खून बढाते है शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते है । 2. ये बच्चों के लिये भी बहुत फायदेमंद होते है उनकी स्मरण शक्ति तेज करते है ।साथ ही बडो की भी । 3.यदि किसी की त्वचा शुष्क हो गयी है तो इसका नियमित सेवन करने से निखार आता है । थकान होने नहीं देते बहुत ताकत देते है । ये शरीर के लिये बहुत उपयोगी होते है ।

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क्या है सटीक और असरदार तरीका मेथी से गर्भ गिराने का, मेथी से गर्भ कैसे गिराए?

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मेथी एक वनस्पति है जिसका पौधा एक फुट से छोटा होता है। इसकी पत्तियाँ साग बनाने के काम आतीं हैं तथा इसके दाने मसाले तथा दवाईं के रूप में प्रयुक्त होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बहुत गुणकारी है। भारतीय आमतौर पर मेथी के पौधे का उपयोग सब्जियों या पराठों में करते हैं। मेथी दाना मेथी के पौधे के सुनहरे-भूरे रंग के बीज होते हैं। भारत में मेथी के बीज और पाउडर का उपयोग काफी सदियों से किया जा रहा है, रोजमर्रा में खाने और किसी विशेष परिस्थिति में दवाई के तौर पर इसका सेवन किया जाता है। खाने के अलावा यह साबुन और शैम्पू जैसे उत्पादों में भी पाया जा सकता है।

मेथी के फायदे

मेथी दाना(साबुत, पाउड़र,और मेथी पानी) के बहुत फायदे हैं,मेथी को मधुमेह, मासिक धर्म में ऐंठन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य स्थितियों के नियंत्रण के लिए लिया जाता है।

मेथी प्राकृतिक रूप से एक एंटी-डिप्रेसेंट की तरह भी काम करती है।

मेथी फाइबर से भरी होती है । इसे आप किसी भी रूप में लें सब्जी और पराठें जो इसकी पत्तियों से बनते हैं, लड्डू जो मेथी दाने के पाउडर से बनते हैं और मेथी का पानी रात को मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगोकर रख दे तो सुबह तैयार हो जाता है।

मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा का बहुत आसानी से इससे इलाज हो जाता है लेकिन इसकी प्रकृति शुष्क और गरम होती है इसलिए इसको गर्भावस्था में बहुत ध्यान रखते हुए एक निश्चित मात्रा में खाया जाता है।

मेथी के बीज
मेथी के बीज

प्रेगनेंसी में मेथी

  • प्रेगनेंसी में सही मात्रा में मेथी खाने से फायदा होता है, अगर आपको diabetes हो चुका हैं तो अधिक आशंका है आपको गर्भकालीन मधुमेह होने की, मेथी blood sugar कम करने में बहुत कारगर होता है।
  • ये शरीर में इंसुलिन सक्रिय कर शुगर की मात्रा कम करता हैं तथा pregnancy diabetes में सहायता करता है।
  • इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो शिशु के मानसिक विकास में मदद करता हैं।
  • कुछ वैज्ञानिक परीकक्षणों में सामने आया, मेथी का सेवन महिलाओं में दूध उत्पादन करने वाले हार्मोन स्त्राव को बढ़ाता है।
  • ये प्रसव पीड़ा को भी कम करता है इसलिए इसका सेवन घर के बुजुर्ग और आयुर्वेदाचार्य प्रेगेनेंसी के आखिरी दिनों में कराते हैं।
  • और प्रसव के बाद तो इसका सेवन जच्चा को कराया ही जाता है जो सुरक्षित भी है, ये मासिक धर्म को सामान्य अवस्था में लाने में सहायक है।

यही कारण है कि अनचाही गर्भावस्था में भी बहुत सी महिलाएं गर्भपात करने के लिए इसका सेवन करती हैं, जो कि सुरक्षित तरीका नहीं है, और बिना चिकित्सीय देखभाल के तो इससे कईं अन्य परेशानियाँ भी हो सकती हैं लेकिन गर्भपात के घरेलू नुस्खों में मेथी का सेवन भी आम नुस्खा है।

वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कोई पुष्टिकरण नहीं जो कहे मेथी से गर्भपात होता है बल्कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करना, चाइल्ड डिफेक्ट और शिशु के विकास को बुरी तरह प्रभावित कर सकता हैं।

मेथी से गर्भ कैसे गिराए

सबसे पहली बात मेथी से गर्भपात नहीं होता, तथा गर्भपात के लिए इसके अत्यधिक सेवन से भी बचना चाहिए, फिर भी कुछ तरीके जो लोग मेथी से गर्भपात करने के लिए करते हैं,हम यहाँ बता रहे हैं –

मेथी पानी से गर्भपात

इसके लिए एक चम्मच मेथी के बीज ले, इसे एक गिलास पानी में रातभर भिगाए, तथा सुबह छानकर, इस पानी को आप खाली पेट सेवन करें!

मेथी पानी की तरह आप मेथी दानो का सेवन कर सकते है इसके लिए आप मेथी पानी के साथ इसके बीजों को भी खाएं।

मेथी के पत्तों का प्रयोग

आप फ्रेश मेथी के पत्तों का प्रयोग भी कर सकती हैं। इसके लिए एक मुट्ठी साफ मेथी के पत्ते लें, इसे सलाद के रूप में आप खा सकती है। कड़वाहट काम करने के लिए गुड़ के साथ सेवन करें। इन पत्तों से स्मूदी भी बनाया जाती है।

मेथी पाउडर

मेथी को पीसकर इसका पाउडर बनाए, इसे एक गिलास तरबूज रस के साथ मिलाए, थोड़ा नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। पाउड़र को गर्म दूध के साथ भी ले सकती है।

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मेथी कैप्सूल

आजकल मेथी कैप्सूल सप्लीमेंट भी आते हैं, आपको मेथी कैप्सूल बाजा़र में आसानी से मिल जाएंगे, ये कईं ब्रांड़ में उपलब्ध हैं जैसे झंडू, हिमालय, नैच़रस…आदि। इन सप्लीमेंट का उपयोग भी आप चिकत्सक की सलाह से कर सकते हैं।

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बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में पपीता, अजवायन, अन्नानास का रस, तुलसी का काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, लहसून, विटामिन सी, केले का अंकुर, अजमोद, कोहोश, गर्म पानी, बाजरा, गाजर के बीज, तिल, ग्रीन टी, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, अनार के बीज, कैमोमाइल तेल, काली चाय का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भपात से पहले सुनिश्चित कर लें कि क्या गर्भपात करना आवश्यक है, यहांँ आपको कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता है –

  • 10 सप्ताह से पहले अबॉर्शन कराए, 10 सप्ताह के बाद केवल सर्जिकल अबॉर्शन होता हैं ।
  • बिना योग्य निरीक्षक के कुछ ना करें।
  • आपातकाल के लिए मेडिकल हेल्प सुनिश्चित करें,
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
  • अधूरे गर्भपात में मेडिकल हेल्प जरूर लें
  • गर्भपात बाद अपनी केयर करें।

याद रखिए ये बहुत सेंसिटिव इशू है, आप जो भी करने जा रही हैं उसके बारे में पूरी तरह से जागरूक रहें और जान का जोखिम बिल्कुल भी ना उठाये।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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