अगर नींद ना आये तो क्या करें-agar neend na aaye to kya kare

अगर नींद ना आये तो क्या करें

वर्तमान समय में लगभग हर तीसरे को चौथा व्यक्ति नींद ना आने की समस्या से परेशान है। नींद ना आना, फास्ट लाइफ़स्टाइल, देर रात तक जगना तनाव के कारण होती है । नींद ना आने या कम नींद आने के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है ब्लड प्रेशर, सिर दर्द और अन्य कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।

अनिद्रा के प्रकार

अनिद्रा मुख्यतः तीन प्रकार की होती है-

1. अस्थाई अनिद्रा

किसी कारणवश यदि 3 या 4 रात तक नींद ना आने की स्थिति अस्थाई अनिद्रा कहलाती है परंतु यह कुछ समय बाद  समाप्त हो जाती है ।

2. अल्पकालीन अनिद्रा

एक्यूट या अप्लकलीन अनिद्रा के लक्षण कुछ हफ्तों तक जारी रहते हैं पर्याप्त आराम करने और दवाई लेने पर यह समस्या समाप्त हो जाती हैं।

3. क्रोनिक अनिद्रा

स्थाई अथवा क्रोनिक अनिद्रा के लक्षण कई बार महीनों अथवा सालों तक चलते रहते हैं जिसे कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है ।

इसके अलावा अनिंद्रा को सुखी होने वाले कारणों के आधार पर दो भागों में बांटा गया है –

प्राथमिक अनिद्रा

इस स्थिति में व्यक्ति को सिर्फ नींद ना आने की समस्या होती है इसके अलावा उसे किसी भी प्रकार की अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं ।

माध्यमिक अनिद्रा

इस स्थिति में व्यक्ति को अनिद्रा के कारण और भी कई सारी समस्याएं होने लगती हैं जैसे अवसाद ,गठिया, कैंसर, सीने में दर्द, जलन इत्यादि ।

किसी भी उम्र के बारे व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या हो सकती है ऐसा शोध से पता चला है कि वयस्क पुरुषों की तुलना में वयस्क महिलाओं में यह समस्या अधिक होती है । अनिद्रा होने पर व्यक्ति एकाग्र होकर कार्य नहीं कर पाता है इसके अलावा याददाश्त से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हो जाता है साथ ही मोटापा और अवसाद की स्थिति में चला जाता है ।

अनिद्रा के लक्षण

अनिद्रा से ग्रसित व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती है या फिर कम आती है और पूरी रात जागने के कारण उसे चिड़चिड़ापन, यादाश्त का कम होना और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होना थकावट आलस्य जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं ।

अनिद्रा के कारण

अनिद्रा आमतौर पर गलत जीवनशैली और तनाव के कारण होती है आइए जानते हैं नींद ना आने के क्या-क्या कारण हैं ?

तनाव

वर्तमान समय में दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी बात को लेकर तनाव में रहता है. ऑफिस से लेकर घर तक कहीं ना कहीं किसी न किसी बात के कारण व्यक्ति मानसिक परेशानी का सामना करता है और तनाव की स्थिति में चला जाता है तनाव के कारण नींद नहीं आती है और धीरे-धीरे या एक समस्या बन जाती है .

सोने की खराब आदतें

स्मार्ट फोन, वीडियो गेम, टीवी, कंप्यूटर जैसी चीजों के आदी होने के कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना आजकल व्यक्ति की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है जिसके कारण नींद ना आने की समस्या होने लगती है ।

काम का दबाव

कामकाजी लोगों में ऑफिस के काम का दबाव होने के कारण उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है ,कई बार यात्राएं करनी  पड़ती है, कई  शिफ्टों में काम करना पड़ता है जिसके कारण उनके सोने की दिनचर्या खराब हो जाती है और अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

रात में अधिक मात्रा में भोजन करना

ऐसा माना जाता है कि रात में हल्का भोजन करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य सही रहता है परंतु तले भुने और फास्ट फूड के बढ़ते चलन के कारण लोग रात में अधिक भोजन कर लेते हैं जिसके कारण एसिडिटी और पेट में भारीपन की समस्या हो जाती है और साथ ही साथ अनिद्रा की समस्या भी होने लगती है।

नींद ना आना
नींद ना आना

अनिद्रा से बचाव के लिए क्या करें ?-agar neend na aaye to kya kare

सोने की अच्छी आदतें अनिद्रा को रोकने और अच्छी नींद लेने में मदद कर सकती हैं –

  • सोने से पहले अधिक मात्रा में भोजन करने और पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें।
  • सोने के करीब 1 घंटे पहले कंप्यूटर टीवी और स्मार्टफोन का प्रयोग बंद कर दें।
  • सोने का कमरा साफ सुथरा और आरामदायक होना चाहिए ।
  • सोने और जागने का समय निश्चित करें और उसी समय पर सोने और जागने का प्रयास करें।
  • दिन में सोने से बचें।
  • धूम्रपान, चाय, कॉफी अथवा अल्कोहल का प्रयोग कम से कम मात्रा में करें या ना करें ।
  • यदि किसी भी प्रकार की रोग की दवाई ले रहे हैं तो डॉक्टर से सुनिश्चित करें कि कहीं दवाइयों की वजह से तो अनिद्रा नहीं हो रही।
  • सोने से पहले स्नान करें किताबे पढ़ें या धीमी आवाज में संगीत सुनें ।
  • सोने के कमरे में हल्की सुगंध वाली मोमबत्ती अथवा कपूर का प्रयोग करें ।
  • मेडिटेशन करें ।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें ।

अनिद्रा के घरेलू उपाय

नींद ना आने पर निम्न घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या का समाधान पाया जा सकता है –

पैर धोएं

जिन लोगों को नींद नहीं आती है उन्हें गर्मियों में ठंडे पानी से और सर्दियों में गुनगुने पानी से पैर धो कर सोना चाहिए इससे मस्तिष्क को शीतलता मिलती है और नींद अच्छी आती है ।

मेहंदी का करे इस्तेमाल

मेंहंदी अनिद्रा के रोग के लिए बहुत ही लाभदायक है । मेहंदी को पीसकर सिर पर लगाने से मस्तिष्क को शीतलता मिलती है और नींद अच्छी आती है ।

मालिश से आएगी नींद

रीड की हड्डी की मालिश पहले नीचे से ऊपर और फिर ऊपर से नीचे तक करने से भी रात को नींद अच्छी आती है।

सलाद खाएं

सलाद के पत्तों का प्रयोग करके भी अनिद्रा की स्थिति से निजात पाया जा सकता है । गाजर का रस अनिद्रा में बहुत लाभदायक है ।

मेथी दाना से मिलेगी मदद

जिन लोगों को पेट संबंधी विकारों के कारण नींद नहीं आती उन्हें मेथी का प्रयोग करना चाहिए। दाना मेथी को भिगोकर अंकुरित करके अथवा उसकी सब्जी बनाकर खाने से लाभ होता है ।

प्याज के रस का करें प्रयोग

प्याज का रस भी अनिद्रा के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। प्याज को छीलकर देसी घी में अच्छी तरह भून लें और उसे रोटी के साथ खाएं इससे अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा ।

कद्दू मिलेगी मदद

घिया या कद्दू के रस में तिल का तेल मिलाकर खोपड़ी पर मालिश करने से अनिद्रा रोग में लाभ होता है। इसके अलावा गर्मियों में पैरों में जलन के कारण भी नींद नहीं आती है इसके लिए कद्दू का टुकड़ा लेकर पैरों के तलवों पर मिलना चाहिए इससे रात को अच्छी नींद आती है ।

दही से होगा लाभ

दही अनिद्रा के उपचार में बहुत ही उपयोगी होता है भोजन में दही का प्रयोग करने और स्नान के समय सिर पर दही की मालिश करने से अनिद्रा रोग के उपचार में सहायता मिलती।

गरम दूध पियें

रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर पीने से भी नींद अच्छी आती है।

शहद है लाभकारी

शहद अनिद्रा के लोग रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है सोने के से पूर्व गुनगुने पानी में दो चम्मच शुद्ध शहद का सेवन करने से नींद अच्छी आती है ।

सौंफ का करे सेवन

दो चम्मच सौंफ को पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें और पानी आधा रह जाने पर उसमें दुगुना दूध मिलाकर दो चम्मच घी और चीनी मिलाएं और सोते समय इसका सेवन करने से नींद अच्छी आती है और प्रातः काल पेट भी आसानी से साफ हो जाता।

चन्दन है लाभकारी

चंदन को पानी में किस कर माथे पर लगाने तथा कच्चे आंवले का पेस्ट बनाकर उसको सर पर लगाने से भी अनिद्रा में लाभ होता है।

चन्दन है लाभकारी
चन्दन है लाभकारी

हरे धनिये का करे प्रयोग

गर्मियों में नींद ना आने पर हरे धनिए को अच्छी तरह पीसकर पानी और चीनी मिला कर पीने से नींद अच्छी आती है ।

घरेलू उपचार के अलावा नींद ना आने का इलाज –

यदि अनिद्रा की समस्या अधिक बढ़ गई है तो ऐसी स्थिति में एलोपैथी , होम्योपैथी आयुर्वेद योग ध्यान प्राणायाम एक्यूपंक्चर आदि कई सारे तरीकों को अपनाकर अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ।

अनिद्रा में क्या खाएं ?

  • दूध

दूध में ट्राइप्टोफन नामक एक अमीनो एसिड होता है जिससे किसी कारण रात को दूध का सेवन करने से नींद जल्दी आ जाती है ।

  • केले

केले में पाया जाने वाला मैग्नीशियम और पोटेशियम प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को शिक्षित करते हैं जिसके कारण नींद आसानी से आती है ।

  • हर्बल चाय

हर्बल चाय में कई सारे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो नींद लाने में मदद करता है ।

  • साबुत अनाज

साबुत अनाज जैसे जॉब कुट्टू आदि में मैग्नीशियम पाया जाता है जो मांसपेशियों को सुचारू रूप से काम करने में और मानसिक शांति का एहसास दिलाने में मदद करता है इस कारण नींद अच्छी आती है ।

  • कांप्लेक्स कार्ब्स

कांप्लेक्स कार्ब्स जैसे फली और चमेली चावल ( जैस्मिन राइस )धीरे-धीरे पता है और इसमें पोटेशियम पाया जाता है जो मांसपेशियों को शिथिल करने में मदद करता है और अच्छी नींद में सहायक होता है।

  • चेरी का जूस

खट्टे फलों जैसे चैरी आदि के जूस में मेला टोनिन नामक हार्मोन होता है जो नींद पर नियंत्रण रखता है।

उपरोक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके, अच्छी जीवनशैली अपनाकर , पर्याप्त व्यायाम करके, अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। परंतु यदि समस्या अधिक बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और यदि कोई भी व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की बीमारी से ग्रसित है तो उसे भी डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयों और खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ।

जानिए क्या है बालों के लिए जड़ी बूटियों से भरपूर सेसा तेल के फायदे

जानिए क्या है बालों के लिए जड़ी बूटियों से भरपूर सेसा तेल के फायदे

चाहे पुरुष हो या स्त्री, हर किसी को लंबे और घने बाल बहुत पसंद आते हैं। हर कोई चाहता है कि उसे बालों से जुड़ी कोई समस्या ना हो और उनके बाल लंबे, घने और सुंदर बने रहें। परंतु इन सबके लिए बालों की बहुत देखभाल करनी पड़ती है और आज कल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोगों के पास इतना समय ही नहीं होता कि वो अपने बालों पर ध्यान दे सकें। इन सबके कारण उन्हे बालों से जुड़ी कई समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, रूसी आदि का सामना करना पड़ता हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाना मुश्किल सा लगता है। ऐसे में इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सेसा तेल बहुत लाभकारी है। सेसा तेल के फायदे अनेक है। इस लेख में हम सेसा तेल के इन ही फ़ायदों के बारे में आपको बताएंगे।

क्या है सेसा तेल

सेसा तेल ऐसा तेल है जिसे क्षीर पाक विधि द्वारा बनाया जाता है। इस विधि का प्रयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है और ये विधि सर्वोत्तम मानी जाती है। इस विधि में जड़ी बूटियों को दूध यानी क्षीर के साथ पकाया जाता है।

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सेसा तेल में पायी जाने वाली जड़ी बूटियाँ

सेसा तेल में अनेक प्रकार की जड़ी बूटियाँ पायी जाती है जो आपके बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। सेसा तेल में भृंगराज, ब्राह्मी, चमेली, धतूरा, इलायची, इंद्रवर्णी, जती, गुंजा, नील, करंज के बीज, जटामांसी, नीम, मेहँदी, त्रिफला, मंदूर भस्म, रसोत, अकरकरा, यष्टिमधु, लिम्बोडी, वज और रसवाती आदि जड़ी बूटियाँ पायी जाती हैं।

सेसा तेल के फायदे

बालों को बनाए घने और स्वस्थ

सेसा तेल बालों को घना बनाने में बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसमे मौजूद भृंगराज और त्रिफला बालों को घना बनाते हैं और उन्हे स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं।

बालों को बनाए घने और स्वस्थ
बालों को बनाए घने और स्वस्थ

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ब्लड सर्कुलेशन को करे बेहतर

सेसा तेल से सिर में मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन के बेहतर होने से बालों की ग्रोथ भी बढ़ती है, बाल स्वस्थ और सुंदर रहते हैं और बालों का गिरना कम होना हैं।

तनाव को करें कम

आज कल हर कोई तनाव से पीड़ित है। हर किसी को किसी ना किसी बात पर तनाव रहता ही है। ये तनाव आपके शरीर और साथ ही आपके बालों के लिए अच्छा नहीं है। ज्यादा तनाव लेने से आपको बालों से जुड़ी कई समस्याएँ जैसे बालों का झड़ना, बालों का असमय सफ़ेद होना जैसी समस्याएँ हो सकती है।

ऐसे में सेसा तेल का प्रयोग आपके लिए बहत लाभकारी साबित हो सकता है। सेसा तेल में पायी जाने वाली जड़ी बूटियाँ आपके दिमाग को शांत रखता है। साथ ही तनाव को कम करने में मदद करता है। तनाव कम होने से आपका मूड भी अच्छा रहता है और आप अच्छे से अपने काम पर फोकस कर सकते हैं।

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बालों का झड़ना रोके

अत्यधिक तनाव के कारण बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। ऐसे में सेसा तेल आपके बालों को झड़ने से भी रोकता है। इसमे मौजूद जड़ी बूटियाँ बालों को जड़ों से सिरे तक पोषण देती हैं जिस कारण बालों का झड़ना कम हो जाता है।

स्केल्प पर संक्रमण को रोके

कई बार अत्यधिक पसीने की वजह से या बालों की ठीक प्रकार से देखभाल न करने के कारण स्केल्प पर संक्रमण हो जाता है। जिसके कारण सिर में खुजली भी होने लगती है. इस संक्रमण को खत्म करने के लिए आप सेसा तेल का प्रयोग कर सकते हैं। सेसा तेल में नीम पाया जाता है जिसमे ऐन्टी फंगल और ऐन्टी बेक्टीरियल गुण पाये जाते है। ये संक्रमण को खत्म करने में मदद करते है।

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बालों को असमय सफ़ेद होने से रोके

कई लोगों के बाल समय से पहले ही पकने लगते हैं और सफ़ेद हो जाते हैं। बालों के असमय सफ़ेद होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आप सेसा तेल का प्रयोग कर सकते हैं। सेसा तेल आपके बालों को पोषण देता हैं और बालों को जल्दी पकने से रोकता है। जिस कारण बाल जल्दी सफ़ेद नहीं होते। इसमे मेहँदी भी पायी जाती है जो बालों को काला बनाए रखने में मदद करती है।

रूसी से मिले छुटकारा

आज कल तो रूसी की समस्या आम ही हो गयी है। सर्दियों में तो रूसी की समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में सेसा तेल का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। ये त्वचा को नमी प्रदान करता है और जड़ों को पोषण देता है जिस कारण रूसी की समस्या दूर हो जाती है।

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गर्भावस्था मे कब्ज से कैसे पायें आराम-Pregnancy Me Kabj Ke Upay In Hindi

गर्भावस्था मे कब्ज से कैसे पायें आराम

गर्भवती महिलाओं में कब्ज उन हार्मोन की वजह से होती है जो आंतों की मांसपेशियों को आराम पहुंचाती हैं और पेट बढ़ने की वजह से गर्भाशय पर पड़ने वाले दबाव को कम करते हैं। आंतों की मांसपेशियों को आराम मिलने की वजह से भोजन और अपशिष्ट पदार्थ  सिस्टम से धीरे धीरे बाहर निकलते हैं। गर्भावस्था के दूसरे महीने से गर्भावस्था के तीसरे महीने के आसपास, प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने पर कब्ज की समस्या शुरू होती है। जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती है आपका गर्भाशय भी बढ़ता है और ये समस्या बढती जाती है। कभी-कभी आयरन की गोलियां लेने की वजह से गर्भावस्था मे कब्ज हो जाती है। इसलिए आयरन सप्लिमेंट लेते समय साथ में खूब सारा पानी पिएं।

गर्भावस्था मे कब्ज के कारण

  • गर्भावस्था के दौरान कब्ज का सबसे अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बढ़ना है।
  • अगर गर्भवती महिला अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करती है, तो कब्ज हो सकती है। फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
  • प्रतिदिन कम मात्रा में पानी पीने से भी कब्ज हो सकती है। साथ ही पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के कारण भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो कब्ज का कारण बनती है।
  • गर्भावस्था में महिला के स्वभाव में बदलाव होता है और कई बार थकान भी महसूस होती है, जो कब्ज का कारण बन सकती है लेकिन रोज कुछ देर की सैर भी जरूरी है। इससे खाना हजम होता है और पेट आराम से साफ हो जाता है। अगर डॉक्टर ने आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए बोला है, तो बात अलग है।
  • स्ट्रोक, डायबिटीज, आंत में रुकावट, आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) जैसी समस्याओं के कारण भी कब्ज हो सकती है।
  • आयरन व कुछ दर्द निवारक दवाइयों के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।

गर्भावस्था मे कब्ज होना सामान्य है, लेकिन इसका उपचार करना जरूरी हैं। अगर गर्भावस्था के दौरान कब्ज को ठीक न किया जाए, तो इससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है

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गर्भावस्था मे कब्ज के उपाय-Pregnancy Me Kabj Ke Upay In Hindi

करें

संतरे

प्रेगनेंसी में कब्ज दूर करने का घरेलू उपाय

संतरे का सेवन

दिनभर में एक से दो संतरे का सेवन करें।

यह कैसे मदद करता है

एक कप प्रून यानी सूखे आलू बुखारे का सेवन करें। वैकल्पिक रूप से आलू बुखारे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं।

अलसी से मिलेगा आराम

अलसी को भूनकर और पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है, जिसे किसी भी सब्जी या सलाद में इस्तेमाल किया जा सकता है। अलसी को भूनकर इसे रोटी या पराठे के आटे में मिला सकते हैं।

इसबगोल से गर्भावस्था मे कब्ज होगा दूर

एक गिलास ठंडे पानी में इसबगोल को मिक्स कर लें। फिर इसका सेवन करें।

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कीवी और सेब दे आराम

रोजाना एक कीवी का सेवन करें। या इसके जूस को भी पी सकते हैं। सेब मे पानी, सोर्बिटोल, फ्रुक्टोज, फाइबर और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जिस वजह से इन्हें कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी माना जाता है। केला का सेवन करें। इसे दूध में मिक्स करके यानी शेक बनाकर भी लिया जा सकता है।

दही का सेवन या तो इसी तरह किया जा सकता है या फिर छाछ बनाकर कर सकते है।

गर्भावस्था मे कब्ज दूर करेगा अंगूर

गर्भावस्था मे कब्ज का इलाज घर में ही करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अंगूर का सेवन कर सकते हैं। इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

सेंधा नमक का करें प्रयोग

नहाते समय बाल्टी या टब में सेंधा नमक डालें। करीब 15 से 20 मिनट तक उसमें आराम से लेट जाएं या नहा लें। वैकल्पिक रूप से सेंधा नमक का पानी का भी सेवन किया जा सकता है।

ग्रीन टी पीयें

एक कप गर्म पानी में ग्रीन टी या ग्रीन टी बैग डालें। करीब 5 मिनट के बाद ग्रीन टी बैग को निकाल लें। अगर पत्ती का इस्तेमाल किया है, तो पानी को छान लें। स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं।

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सामान्य प्रश्न

प्रेगनेंसी में पेट साफ न हो तो क्या करे?

गर्भावस्था के दौरान अधिकांश महिलाओं को कब्ज की समस्या रहती है। कब्ज की समस्या से निपटने के लिए खाने में अधिक से अधिक मात्रा में फाइबर युक्त पदार्थ जैसे दलिया ,गाजर ,मूली पत्ता गोभी , संतरा ,सेब आदि का सेवन अधिक मात्रा में करें। अधिक से अधिक मात्रा में पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन करें यदि नारियल पानी का सेवन भी लाभप्रद रहेगा। सब की समस्या में दही का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक होता है जो पेट को साफ रखने में मदद करता है । ताजी देसी गुलकंद का सेवन भी कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है । किशमिश भिगोकर खाएं, सिट्रिक फलों का सेवन करें, भोजन बनाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें । किसी भी प्रकार की दवाई अथवा जुलाब लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें हो सके घरेलू नुस्खा द्वारा ही कब्ज की समस्या का निदान करने का प्रयास करें ।

गर्भावस्था की शुरुआत में कब्ज?

गर्भावस्था के दौरान शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बढ़ने लगता है जिसके कारण आंतों के कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है ,उसी कारण कब्ज की समस्या होने लगती हैं । गर्भावस्था के शुरुआती दौर में कब्ज की समस्या होने पर घरेलू नुस्खा प्रयोग कर समस्या से निजात पाने का प्रयास करना चाहिए, इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए । सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन कब्ज की समस्या में राहत दिलाता है । भोजन में फाइबर युक्त पदार्थों जैसे दलिया, पत्ता गोभी, सेब आदि भोज्य पदार्थ खाने चाहिए । दही का सेवन में समस्या में फायदेमंद होता है । गर्भावस्था का शुरुआती दौर काफी नाजुक होता है इसलिए समस्या हो तो सोच जाते समय अधिक जोर लगाने से बचना चाहिए । किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ।

कायम चूर्ण के फायदे और नुकसान, सेवन की विधि -kayam churna ke fayde

कायम चूर्ण के फायदे

कायम चूर्ण बहुत सालो से कब्ज के इलाज के तौर पर जाना जाता है। कायम चूर्ण को बनाने में अलग अलग प्रकार की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। विभिन्न जड़ी बूटियों का ये मिश्रण बदहजमी और अपचन को ठीक करता है। सेठ ब्रदर्स का उत्पाद का कायम चूर्ण एक आयुर्वेदिक पाउडर है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कायम चूर्ण के फायदे बताएंगे। साथ ही बताएंगे इसके तत्व, इसके नुकसान और कायम चूर्ण लेने का तरीका।

आपने विभिन्न मैगज़ीन, टीवी, रेडियो पर देखा और सुना ही होगा। यह दवा बहुत ही अच्छे तरीके से पेट को साफ करती है। बेशक ये दवा पेट के लिए अच्छी है लेकिन अति हर चीज़ की बुरी होती है। लगातार कायम चूर्ण लेना सही नही है।

उम्मीद है इस आर्टिकल में आपको इस बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

दवा का नाम- कायम चूर्ण

निर्माता: सेठ ब्रदर

मुख्य प्रयोग: कब्ज़

कायम चूर्ण क्या है?

कायम चूर्ण बहुत सी हर्बल चीज़ों को मिलाकर बनाया गया एक पाउडर है। इस चूर्ण का निर्माण गुजरात के भावनगर में होता है। इस चूर्ण में सबसे ज्यादा मात्रा में, 50% सनाय की पत्तियां होती है। अब आप सोचेंगे कि सनाय क्या है तो हम आपको बताते है।

सनाय

बंजर भूमि में उगने वाला ये पौधा दस्तावर प्रभाव लिए होता है। कब्ज को दूर करने वाली ज्यादतर दवाओं में इसका प्रयोग किया जाता है।इसके अलावा इसे चर्म रोगों, पीलिया, अस्थमा, मलेरिया, बुखार, अपच आदि में भी प्रयोग किया जा रहा है ।

इसका प्रयोग कभी भी 6 साल से कम उम्र के बच्चो के लिए नही करना चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका प्रयोग करे क्योंकि इससे आंत्र रुकावट अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी समस्या हो सकती है।

कायम चूर्ण खाने के फायदे-Kayam Churna Benefits In Hindi

  • यदि आपको बहुत ही कठोर मल हो रहा है, तो कायम चूर्ण लेने से यह समस्या धीरे धीरे खत्म हो जाएगी।
  • कई-कई दिन तक पेट साफ न हो रहा हो, तो रोज रात को सोने से पहले इसका प्रयोग करे फायदा होगा।
  • मल त्यागते समय बहुत जोर लगाना पड़ रहा हो जिससे गुदा छिल कर, खून तक बहने लगा हो। तो तुरन्त खानपान पर ध्यान दे। मसालेदार खाना बंद करें। सुपाच्य भोजन के साथ कायम चूर्ण का सेवन करे।
  • पेट में भारीपन महसूस हो तो सुबह नाश्ते के आधे घण्टे बाद कायम चूर्ण का सेवन करे।
  • गैस, भूख न लगना जैसी समस्याओ में कायम चूर्ण तुरन्त असर दिखाता है।
  • मुंह के छालें जो कब्ज़ के कारण हैं वो भी कब्ज खत्म होने के साथ खत्म हो जाते है।
  • गैस से होने वाला सिरदर्द खत्म होता है।
  • एसिडिटी को दूर करता है।
  • शरीर में ज्यादा पित्त होने पर भी कायम चूर्ण फायदा करता है।
    सरदर्द
    सरदर्द

यदि समय रहते कब्ज के हल्के लक्षणो का इलाज न किया जाए तो स्थिति गम्भीर हो सकती हो और आपको बवासीर, फिस्टुला जैसी दिक्कत हो सकती है जो बहुत ही पीड़ादायक है।

कायम चूर्ण के इंग्रीडिएंट

सोनामुखी या सनाय की पत्ती 50%

काला नमक 18%

अजवाइन 11.5%

हिमेज या हरीतकी 8%

सज्जी क्षार 5%

मुलैठी 4.5%

निशोथ 3%

कायम चूर्ण का सेवन कैसे करें-How To Take Kayam Churna

वयस्क: 3 से 6 ग्राम या 1/2- 1 चम्मच, सोते समय गुनगुने पानी के साथ।

कायम चूर्ण के साइड इफेक्ट

कायम चूर्ण को लगातार न ले ,इससे इंटेस्टाइन का पेरिस्ताल्टिक मूवमेंट प्रभावित होता है। सीधे शब्दों में कहे तो नियमित लेने से पेट को इसकी आदत हो जाती है।

  • ये आंतो को कमजोर कर सकता है।
  • पेट दर्द, दस्त और शरीर में पानी की कमी हो सकती है। नियमित उपयोग से स्पर्म और क्वालिटी पर फर्क पड़ सकता है।
  • इसके अलावा ऐंठन, चक्कर आना भूख में कमी, मांसपेशी में कमज़ोरी, आंखों या होंठों में सूजन त्वचा पर चकत्ते जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते है।

कौन कायम चूर्ण नही ले सकते

क्रीम के साथ घर पर फेशियल कैसे करे-Facial Karne Ka Tarika Hindi Me

क्रीम के साथ घर पर फेशियल कैसे करे

How To Do Facial At Home In Hindi

क्या आपकी त्वचा भी बेजान और रूखी हो गई है? इसका कारण है यह भाग दौड़ वाली जिंदगी, जिसकी वजह से आप अपनी त्वचा का ध्यान नहीं रख पाते है। धूल, धूप, मिटटी, प्रदूषण, स्ट्रेस से हमारी त्वचा का निखार चला जाता है। त्वचा को पहले जैसा स्वस्थ बनाने के लिए फेशियल करना जरूरी होता है।

फेशियल आपकी त्वचा को उसका खोया हुआ निखार वापिस देता है। घर पर फेशियल करने से आपकी त्वचा स्वस्थ और निखरी हुई रहती है। इसके साथ साथ फेशियल करने से आप जो भी एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स का प्रयोग कर रहे है वो और ज्यादा अच्छे तरीके से काम करते है। आज के इस पोस्ट हम जानेंगे की घर पर फेशियल कैसे करे या फिर यूं कहे की पार्लर जैसा फेशियल घर पर कैसे करें?।

घर पर फेशियल कैसे करे

आपको महीने में एक बार फेशियल जरूर करवाना चाहिए। फेशियल करवाने के लिए लोग ज्यादातर पार्लर या स्पा जाते है। ऐसी जगहों पर फेशियल करवाने में काफी पैसे खर्च हो जाते है। बाहर जाकर फेशियल करवाने में समय भी ज्यादा लगता है। इसीलिए आप अपना फेशियल खुद घर पर भी कर सकते है। इस से आपका समय भी बचेगा और पैसे भी। चलिए इस पोस्ट में सबसे पहले देखते है कि खुद का फेशियल कैसे करें? और घरेलू फेशियल कैसे करें।

क्रीम के साथ फेशियल के स्टेप्स, फेशियल करने का तरीका

फेशियल करते वक़्त सबसे पहला काम होता है, अपनी स्किन को क्लीन करना और एक्सफोलिएट करना। उसके बाद आपको अपने फेस के पोर्स को अच्छे से क्लीन करना चाहिए। इसके बाद हम फेस मास्क लगता है और आखरी स्टेप होता है टोनिंग एंड मॉइस्चराइजिंग।

घर मे फेशियल कैसे करे – Facial Kaise Kare Step By Step In Hindi

  • क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन
  • क्लीनिंग पोर्स
  • फेस मास्क
  • टोनिंग
  • मॉइस्चराइजिंग

क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन

अपनी त्वचा को घर पर क्लीनअप करना बहुत जरुरी होता है। क्लीनिंग आपकी त्वचा का सारा अधिक तेल, चिपकी हुई धूल को हटा देता है। एक्सफोलिएशन से आपकी त्वचा के जितने भी बेजान सैल्स है वो निकल जाते है। यह बेजान सेल्स आपकी स्किन के पोर्स को ब्लॉक कर देते है। एक्सफोलिएशन के बाद आपका चेहरा चमकने लगता है।

क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन करने के लिए नीचे दिए हुए स्टेप्स अपनाये:

  • आपकी त्वचा के अनुसार क्लीन्ज़र सेलेक्ट करें। अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो बिना आयल वाला क्लीन्ज़र ले।
  • सबसे पहले अपना चेहरा हलके गरम पानी से धोये। क्लीन्ज़र इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर ध्यान रखे की आपने अपने चेहरे पर किसी भी प्रकार का मेकअप नहीं लगा रखा हो।
  • थोड़ा सा क्लीन्ज़र अपने हाथ में लेके सर्कुलर मोशन में अपने चेहरे पर मसाज करे।
  • इसके बाद ठंडे पानी से आपने चेहरा धोले।
  • अब क्लीनिंग के बाद अपनी त्वचा के अनुसार एक्सफोलिएटर सेलेक्ट करे।
  • थोड़ा सा एक्सफोलिएटर अपने हाथ में लेके अपने चेहरा पर सर्कुलर मोशन में लगाए। ऐसा कुछ मिनट तक करे लेकिन आराम से। ज्यादा ज़ोर से करने से आपकी स्किन को नुक्सान भी हो सकता है।
  • थोड़ी देर बाद अपना चेहरा ठंडे पानी से धोले। स्क्रब साफ़ करने के लिए आप पानी में भीगे हुए साफ़ कपडे का भी इस्तेमाल कर सकते है।
    क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन
    क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन

क्लीनिंग पोर्स

फेशियल करने के दूसरे स्टेप में स्किन के पोर्स को अच्छे से क्लीन करते है। क्लीन करने के लिए हम स्टीम का इस्तेमाल करते है। स्टीम आपकी स्किन को आराम देता है और पोर्स को क्लीन करता है। इसीलिए स्टीम जरूरी है फेशियल करते वक़्त।

सही तरीके से स्टीम करने के लिए नीचे दिए हुए स्टेप अपनाये:

  • सबसे पहले एक बड़े बर्तन में गरम पानी ले।
  • अपना फेस उस बर्तन के ऊपर लेके जाएँ और अपने सर पर तौलिया रख ले। तौलिया इस प्रकार रखें की आपका चेहरा पूरी तरीके से ढक जाये। यह जरूर ध्यान रखे की आप अपना चेहरा पानी के ज्यादा पास ना ले जाए।
  • 5-10 मिनट तक अच्छे से स्टीम ले।

फेस मास्क

स्टीम करने के बाद अब जरूरत है आपकी त्वचा को पोषण देने की। फेस मास्क आपकी त्वचा को यह पोषण देता है और स्वस्थ रखने में मदद करता है। फेस मास्क के जरिये आपकी त्वचा के सरे बेजान सेल्स निकल जाते है। इसीलिए फेशियल करते वक़्त यह स्टेप भी बहुत जरुरी होता है।

  • फेस मास्क लगाने के लिए सबसे पहले आप कोई सा भी फेस मास्क प्रोडक्ट ले सकते है। अगर आपको बहार से फेस मास्क नहीं खरीदना तो आप घर पर भी फेस मास्क आसानी से बना सकते है।
  • घर पर फेस मास्क बनाने के लिए अगर आपकी सूखी त्वचा है तो 1 मसले हुए केले को 1 बड़े चमच शहद में मिला ले। अगर आपकी ऑयली त्वचा है तो एक बड़ी चमच मुलतानी मिटटी को 1 बड़े चमच शहद में मिला ले। और अगर आपकी सामान्य त्वचा है तो 1 बड़े चमच दही में 1 बड़ा चमच शहद का मिला ले।
  • अपनी स्किन के अनुसार फेस मास्क लेने के बाद अब इस फेस मास्क को आप अपने चेहरे पर लगाए। ध्यान रहे फेस मास्क की ज्यादा मोती परत ना हो।
  • 15-20 मिनट तक यह फेस मास्क आप लगाके रखे। जब तक फेस मास्क लगा हुआ है आप खीरे के 2 स्लाइस अपनी आँखों पे भी रख सकते है। इससे आपकी आँखों को ठंडक मिलेगी। समय पुरा होने के बाद हलके गरम पानी से अपना चेहरा धोले।

टोनिंग

फेस मास्क के बाद अब बारी है टोनर की। टोनर आपकी स्किन को उसकी खोयी हुई रौनक वापिस देता है। यह आपके स्किन कलर को बैलेंस करने में भी मदद करता। आप बाजार में मिलने वाले टोनर का इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा आप घर में भी आसानी से टोनर बना सकते है।

  • घर में टोनर बनाने के लिए 1 बड़े चमच एप्पल साइडर विनेगर को 1 बड़े चमच पानी में मिला ले। इसके अलावा आप 1 बड़ा चमच गुलाबजल का भी 1 बड़े चमच पानी में मिलाके टोनर बना सकते है।
  • टोनर बनाने के बाद रुई की मदद से इस टोनर को अपने फेस पे अच्छे से लगालें। लगाते वक़्त यह ध्यान रखे की आप टोनर अपनी आँखों के ज्यादा पास ना लगाले ।
    टोनिंग
    टोनिंग

मॉइस्चराइजिंग

सब करने के बाद अब फैशियल का आखरी स्टेप है मॉइस्चराइजिंग। मॉइस्चराइजिंग आपकी स्किन को सूखने से बचाता है और फेशियल से मिले पोषण को आपकी स्किन में रोके रखता है। आप अपनी त्वचा के अनुसार कोई सा भी मॉइस्चराइज़र ले सकते है। आप घर में भी इसे बना सकते है।

  • अगर आपकी त्वचा सामान्य है तो आधा छोटा चमच बादाम के तेल का या जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। यदि आपकी त्वचा सूखी है तो आप आधा छोटा चमच नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। और अगर आपकी स्किन ऑयली है तो आप एक छोटा चमच एलो वेरा जेल का इस्तेमाल भी कर सकते है।
  • मॉइस्चराइज़र सेलेक्ट करने के बाद इसको अपने फेस पे आराम हलके हाथों से मसाज करते हुए लगाएं।

घर पर एलोवेरा से फेशियल कैसे करें

अभी तक अपने पढ़ा की क्रीम के साथ आप घर मे फेशियल कैसे करे। अब आगे इस पोस्ट में देखते है की आप घर पर एलोवेरा जेल से फेशियल  कैसे कर सकते है। एलो वेरा एक ऐसा पेड़ है जो आपकी त्वचा को बहुत सारे फायदे देता है। इसीलिए एलोवेरा जेल से फेशियल करने से आपकी स्किन निखरी हुई और स्वस्थ रहती है।

आप घर पर बड़ी ही आसानी से एलोवेरा जेल से फेशियल कर सकते है। चलिए देखते है की एलोवेरा से फेशियल कैसे करें

क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन

फेशियल के सबसे पहले स्टेप में 1 चमच एलो वेरा जेल, 1 चमच टमाटर का पेस्ट और एक चुटकी हल्दी अच्छे से मिला ले और एक पतला पेस्ट बना ले। फिर इस पेस्ट को अपने फेस पे लगाएं और 2-3 मिनट तक अच्छे से मसाज करे। इसके बाद अपना फेस पानी से धोलें। यह एक क्लीन्ज़र की तरह काम करेगा।

फेशियल के दूसरे स्टेप में एक चमच एलोवेरा जेल को 1 चमच ब्राउन शुगर के साथ मिलाएं। आपका फेस स्क्रब तैयार है। इस स्क्रब से अपने चेहरे पर आराम से मसाज करे। 3-5 मिनट तक मसाज करने के बाद चेहरा धोलें। यह आपकी स्किन को अच्छे से एक्सफोलिएट करदेगा।

क्लीनिंग पोर्स

एक्सफोलिएशन के बाद स्किन को हाइड्रेट करना जरूरी है। इसके लिए फेशियल के वक़्त डी-टेन जेल का इस्तेमाल करे। डी- टेन जेल बनाने के 1 नींबू के रस के साथ 1 चमच एलोवेरा जेल को मिला ले। इस जेल से अपने चेहरे पर 8-10 मिनट तक मसाज करें ताकि आपकी स्किन इसको अच्छे से सोख ले।

फेस मास्क

जेल लगाने के बाद अब बारी है फेस मास्क की। फेस मास्क बनाने के लिए आपको चाहिए 1 चमच एलो वेरा जेल, 1 चमच दही, आधा चमच मुल्तानी मिटटी और आधा चमच गुलाब जल। इन सभी को एक साथ अच्छे से मिला ले। आपका फेस मास्क तैयार है। इसको अपने पुरे चेहरे और गले पर लगाएं और सूखने दे। सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धोलें।

खुद का फेशियल करने के लिए आप मुल्तानी मिट्टी या दही और हल्दी का मिक्सर प्रयोग में ले सकते है। चहरे को अच्छी तरह से धोने के बाद चहरे पर इसे लगा कर 10-15 मिनट के लिए रख ले और जब सुख जाए तब चहरे को अच्छी तरह से धो लें। 

फेशियल करने से पहले चेहरे पर यदि बाल हो तो उन्हे हटा लेना चाहिए। और बहुत से एक्सपर्ट फेशियल से पहले ब्लीच करने की राय देते है। क्योंकि इससे त्वचा पर जमे हुए धूल मिट्टी के कण और डेड स्किन दूर हो जाती है। और फेशियल अच्छी तरह से काम करता है।  

 

दही चेहरे पर पड़ी झुरीयों और डेड स्किन के लिए बहुत लाभप्रद है। दही से फेशियल करने के लिए आप एक कटोरी में दही लेकर उसे अच्छी तरह से चेहरे पर लगाए अंगुलियों को सर्कुलर मोशन में अच्छी तरह से घुमाए। चाहे तो चावल के आटते को भी दही में मिक्स कर सकते है। 

बेसन के दानों में प्राय एबसोर्व करने की क्षमता होती है। बेसन से बने फेश पैक को चेहरे पर लगाने पर यह चेहरे पर जमें धूल मिट्टी के कण और डेड सेल्स को एबसोर्व कर के दुर कर देता है। और चेहरे पर एक नेचुरल चमक लाता है।

सर्दियों में अक्सर स्किन रूखी सुखी हो जाती है।  इसके लिए स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धोने के बाद किसी ढंग की क्रीम से मसाज कर के मास्क लगा लें। उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से गुलाब जल युक्त पानी से पोंछ लें। 

एलोवेरा त्वचा के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। एलोवेरा के रस के साथ नींबू को मिलाकर इसे चेहरे पर लगा कर चेहरे पर अंगुलियों को अच्छी तरह से सर्कुलर मोशन में घुमाएं। कुछ देरी तक रहने दें उसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से पानी से धो दें। 

गोरे होने के लिए कौन सा फेशियल करें?

गोरा होने के लिए आप गोल्ड या डायमंड फेशियल का उपयोग कर सकते है। किसी बेहतर फेशियल का प्रयोग करने पर धूल मिट्टी और धूप के कारण त्वचा पर आया कालापन दूर हो जाता है। और डायमंड फेशियल त्वचा में भारी चमक देता है।

डायमंड फेशियल अलग अलग ब्रांड में अलग अलग कीमत का होता है। इसकी कीमत 1500 से लेकर 10000 तक की भी होती है। यह आप पर निर्भर करता है की आप किस ब्रांड का डायमंड फेशियल यूज करते हो।

फेशियल करवाने के बाद धूप में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस से चेहरा काला पड़ सकता है। और यदि धूप में जाना ही पड़े तो फेशियल के बाद सन स्क्रीन लगानी चाहिए जिससे धूप में जाने पर चेहरे में किसी तरह की कोई समस्या न आए।

कई बार उम्र से पहले ही चेहरे पर झाइयाँ देखने को मिलती है। इसको दूर करने के लिए फेशियल कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आप सिल्वर फेशियल का उपयोग कर सकते है और यदि आपकी स्किन ऑयली है तो पर्ल फेशियल का प्रयोग किया जा सकता है। 

घर पर ब्लीच करने के लिए आप हल्दी और दही के मिश्रण का प्रयोग कर सकते हो क्योंकि यह नेचुरल ब्लीचिंग एजेंट है। इसी के साथ किसी कंपनी का ब्लीच पाउडर लाकर इसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगा लें और 10-15 मिनट के बाद टिस्यू पेपर से पोंछ कर चेहरे को धो लें।  

हर महीने पार्लर पर फेशियल करवाना त्वचा के लिए सही नहीं रहता है। क्योंकि पार्लर पर विभिन्न ब्रांड के फेशियल पेक का उपयोग किया जाता है। जिसमें अनेकों तरह के केमिकल होते है जो त्वचा को कमजोर बनाते है और त्वचा संबंधी समस्या पैदा करते है। 

ग्लिसरीन के साथ गुलाब जल मिलाकर उसे फेशियल के रूप में यूज में लिया जा सकता है। इन दोनों को मिलाकर कर रात में सोने से पहले लगा दें और सुबह मुहँ को अच्छी तरह से धो दें। इससे चेहरे पर एक नेचुरल चमक आती है। 

घरेलू फेशियल करने के लिए पहले चेहरे पर यदि बाल हो उसे हटा लें। उसके बाद किसी स्क्रब से अच्छी तरह से चेहरे को धो दें। चेहरे को धोने के बाद जो भी मास्क आप यूज कर रहे है उसे चेहरे पर लगा कर 15 मिनट  तक सूखने डे और उसके बाद चेहरा धोलें। 

घर पर गोल्ड फेशियल करने के लिए सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर ले यदि चेहरे पर कोई बाल वगैरह हो तो। इसके बाद स्क्रब से चेहरे को धो कर गोल्ड फेशियल की अच्छी तरह मसाज कर लें। मसाज से पहले ब्लीच भी कर सकते है।  

चेहरे पर दही लगाना काफी हद तक फायदे मंद हो सकता है लेकिन यदि आपकी स्किन ऑयली है तो आपको चेहरे पर दही लगाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस से मुहासे एर फुंसिया होने का डर रहता है। और यदि चेहरे पर अधिक मात्रा में कीले है तब भी दही लगाने से परहेज करना चाहिए। 

बेसन और दही का फेस पैक एक नेचुरल फेश पैक है जो चेहरे की झुरीयों और डेड सेल्स को दूर करने के साथ साथ चेहरे में एक नेचुरल चमक लाता है। इसके उपयोग के बाद आपको किसी तरह के मॉसराइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह त्वचा का रूखा सूखापन दूर कर देगा।  

रोजाना चेहरे को किसी अच्छे फेस वॉश से धोना चाहिए जिससे त्वचा पर जमे धूल मिट्टी के कण दूर हो जाए। फेशवाश से चेहरे को धोने के बाद उसमें रूखा पन आजाता है अतः इसे दूर करने के लिए किसी अच्छे मोश्चराइजेशन क्रीम का प्रयोग किया जा सकता है।

 

बच्चों में उल्टी आने के क्या है कारण, जानें बच्चों की उल्टी का इलाज

बच्चों की उल्टी का इलाज

जब पेट में मौजूद खाना या पानी पूरे दबाव के साथ मुंह के द्वारा बाहर निकल जाता है, तो यह प्रक्रिया उल्टी कहलाती है। कभी कभी यह मुंह के साथ साथ नाक से भी बाहर आ सकता है। उल्टी होने के एहसास को मितली कहा जाता है। उल्टी आने के कई कारण होते हैं जैसे गैस, बदहजमी, अपच, अधिक अथवा दूषित खाना, पेट का संक्रमण, विषाणु जनित संक्रमण, आदि । सामान्य वयस्कों की तुलना में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है इस कारण वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। बीमार होने के कारण कई बच्चों को उल्टी की समस्या हो जाती है ऐसे समय बच्चा सुस्त हो जाता है और खाने के प्रति अरुचि दिखाने लगता है। कुछ भी खिलाने पर वह उल्टी करके बाहर निकाल देता है।

वैसे तो उल्टी करने से बिना पचा भोजन शरीर से बाहर निकल जाता है लेकिन अगर बच्चे को  बार-बार उल्टी हो रही  है तो यह अत्यधिक चिंताजनक विषय है क्योंकि इससे बच्चे के शरीर में पानी और पोषक तत्वों  की कमी हो जाती है ।

आइए जानते हैं बच्चे आमतौर पर किस प्रकार की उल्टी का अनुभव करते हैं ?

बलपूर्वक उल्टी

इस प्रकार की उल्टी में बच्चा पूरे बल के साथ पेट से भोजन को बाहर निकलता  है। ऐसे में उल्टी अधिक मात्रा में होती है । यदि कभी कभार भोजन के बाद इस प्रकार की उल्टी होती है  तो उसका कारण गैस अथवा अधिक खाना हो सकता है परंतु यदि लगातार ऐसा होता है तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

दूध उलटना

स्तनपान करने वाले बच्चे अक्सर स्तनपान करने की तुरंत बाद थोड़ी मात्रा में दूध उलट देते हैं लेकिन ऐसा होना सामान्य है।

दूध का फटना

कभी-कभी अधिक मात्रा में स्तनपान करने पर पेट में पाए जाने वाले अम्ल से क्रिया करके दूध फट जाता है और शिशु उसे मुंह से बाहर निकाल देता है।

प्रतिवाह

इस प्रकार की  उल्टी सामान्यता छोटे बच्चों में होती है, जब कभी पेट का ऊपरी वॉल्व खुल जाता है तो पेट में आया हुआ खाना भोजन नली की विपरीत दिशा में आने लगता है ऐसे में बच्चा उल्टी करके भोजन को बाहर निकाल देता है। उल्टी का प्रतिवाह कुछ मामलों को छोड़कर सामान्यता हानि रहित होता है और जब बच्चे बैठना, उठना, चलना शुरू कर देते हैं तो ऐसा होना स्वतः बंद हो जाता है।

बच्चे का रोना
बच्चे का रोना

सामान्य मामलों में गैस, अधिक अथवा दूषित खाना खाने से उल्टी की समस्या होती है परंतु बच्चों के संबंध में इस समस्या का संभावित कारण पता करना आवश्यक है।

उल्टी के कारण

आइए जानते हैं बच्चों में उल्टी के क्या क्या कारण हो सकते हैं। बच्चों में उल्टी के निम्न कारण हो सकते हैं –

पेट में गैस

बच्चों में पेट में गैस बनना सामान्य बात है। कई बार अधिक  भोजन करने  या छोटे बच्चों द्वारा अधिक स्तनपान करने की स्थिति में पेट में गैस बनने लगती है और  गैस के कारण बिना पचा  भोजन उल्टी के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।

मोशन सिकनेस

कुछ बच्चों को कार बस या रोलर कोस्टर में बैठने से उल्टी आती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कान का अंदरूनी भाग हमारे शरीर के संतुलन का कार्य करता है जब बच्चा रोलर कोस्टर अथवा बस  में बैठता है तो संतुलन में बदलाव आ जाता है और मस्तिष्क द्वारा पेट की मांसपेशियों को कष्ट का संकेत मिलता है  संकेत पाते ही मांसपेशियां सक्रीय हो जाती है और बच्चे को उल्टी हो जाती है। मोशन सिकनेस की स्थिति में उल्टी के साथ सर दर्द और चक्कर भी आ सकते हैं ।

आंतों का संक्रमण

कई प्रकार के रोगजनक बैक्टीरिया के कारण बच्चों की आंतों संक्रमण में हो जाता है ,जो उल्टी का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में बुखार ,पेट में दर्द और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

खाद्य पदार्थों से एलर्जी

यदि बच्चा किसी विशेष प्रकार के भोजन को खाने के बाद उल्टी करता है तो ऐसा एलर्जी के कारण हो सकता है। एलर्जी होने की स्थिति में उल्टी के अलावा बच्चों के होठों और पलकों के आस पास की त्वचा में सूजन , पेट दर्द, त्वचा पर खुजली आदि लक्षण हो सकते हैं।

कई बार बच्चा उल्टी के साथ दूध बाहर निकालता है ऐसा तब होता है जब शरीर को दूध पचाने के लिए पर्याप्त एंजाइम नहीं मिलते  इसे लेक्टोज इनटोलरेंट कहा जाता है ।

निमोनिया

वायरल अथवा बैक्टीरियल संक्रमण के कारण फेफड़ों में एल्वियोली उत्तेजित हो जाते हैं जिसके कारण निमोनिया हो जाता है। निमोनिया की स्थिति में बच्चे को खांसी जुकाम हो जाता है और उसे सांस लेने में कठिनाई होती है ऐसी स्थिति में उसे कुछ खिलाने पिलाने पर उल्टी  हो जाती है ।

कान का संक्रमण

कान में  संक्रमण के कारण कान का अंदरूनी हिस्सा जो शरीर का संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है वह मस्तिष्क को कष्ट के संकेत भेजता है और ऐसी स्थिति में चक्कर आना, संतुलन बनाए रखने में परेशानी होना और उल्टी की गंभीर  समस्या हो सकती है ।

लंबे समय तक रोना

कई बार बच्चे ज़िद्द अथवा अन्य कारणों से काफी देर तक रोते रहते हैं ऐसी स्थिति में भी उल्टी हो जाती है ।

इसके अलावा कई बार  बच्चों में अपेंडिक्स, हर्निया और कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के सेवन से भी उल्टी हो सकती है । यदि बच्चे को बार बार उल्टी हो रही है तो बिना किसी देर के तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बच्चों में उल्टी के लक्षण

बच्चे अपनी समस्याओं को बता पाने में असमर्थ होते हैं ऐसे में माता पिता बच्चों में दिखने वाले निम्न लक्षणों पर ध्यान देकर उल्टी की  समस्या का इलाज कर सकते हैं –

  • मतली
  • बार बार उबकाई आना
  • शरीर में पानी की कमी होना
  • सुस्ती और थकावट होना
  • तेज सरदर्द
  • चिड़चिड़ा होना
  • हल्का बुखार
  • दस्त लगना
  • पेट में गैस होना
  • चक्कर आना
  • त्वचा का रूखा और पीला होना
  • पेट में दर्द और फूलना
  • मुंह में बार बार थूक आना या लार टपकना
  • दिल की धड़कन का तेज होना

कब करें डॉक्टर से संपर्क

उल्टी के कारण बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है । यदि बच्चों में निम्न लक्षण दिखाई दें तो यह सीधा संकेत है कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है और ऐसी स्थिति में तुरंत  डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए –

  • बार-बार प्यास लगना
  • बहुत ज्यादा नींद आना
  • गहरी और तेज सांसें
  • थकान
  • आंखों का कमजोर होना
  • बहुत ज्यादा नींद आना
  • कमजोरी महसूस होना
  • पेशाब कम आना
  • मुंह का बार-बार सूखना

बच्चे के शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी गंभीर समस्या का रूप ले सकती है अतः ऐसी स्थिति में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करवाना चाहिए साथ ही ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए ।

कैसे जाने कि शिशु दूध उलट रहा है या उल्टी कर रहा है ?

कई महिलाएं यह समझ नहीं पाती कि बच्चा दूध उलट रहा है या उल्टी कर रहा है ?

बच्चा जब उल्टी करता है तो दूध एकदम जोर से बाहर आता है और बच्चा  रोने लगता है ,उल्टी का प्रकार  बलगम जैसा भी होता है ।
जबकि जब शिशु दूध उलटता है तो थोड़ा सा दूध बिना किसी जोर के बाहर  निकलता  और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शुरुआती महीनों  में  शिशु की भोजन नली और पेट की मांसपेशियां विकसित नहीं होती हैं  इसलिए पिए हुए दूध का कुछ भाग मुंह से बाहर आ जाता है ।

शिशुओं की उल्टी रोकने के सावधानियां

सामान्यता शिशुओं की उल्टी को रोकना संभव नहीं होता और  उसे रोकना भी नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शिशु को छाती में घुटन हो सकती है और यह उसके लिए खतरनाक हो सकता है । परंतु निम्न सावधानियों  को अपनाकर बच्चे में होने वाली  उल्टी को कम कर सकते हैं –

  • शिशु को हमेशा स्तनपान के दौरान थोड़ी थोड़ी देर में डकार दिलाना चाहिए ।
  • शिशु को सही समय पर और उचित मात्रा में  ही दूध दें । जरूरत से ज्यादा दूध अपच और उल्टी का कारण बनता है।
  • यदि शिशु फार्मूला दूध पीता है तो यहां ध्यान रखें कि बोतल में निप्पल का छेद ज्यादा बड़ा ना हो निप्पल का छेद ज्यादा बड़ा होने पर दूध के साथ हवा बच्चे के पेट में जाएगी ऐसी स्तिथि में उसे उल्टी हो सकती है ।
  • स्तनपान कराने के बाद शिशु को उछलने वाली कुर्सी ,झूले अथवा गोद में लेकर ना उछालें ।
  • स्तनपान अथवा खाना खिलाने के बाद शिशु को लगभग आधे घंटे तक सीधा लिटा कर रखें उसे ज्यादा ना हसाएं ।
  • स्तनपान हमेशा बैठकर सही पोजीशन में कराएं।
  • बच्चे को हमेशा आरामदायक कपड़े पहनाए । ज्यादा टाइट कपड़े और डायपर पहनने से बच्चे को गर्मी हो सकती है जिसकी वजह से वह उल्टी कर सकता है ।

बच्चों की उल्टी रोकने के घरेलू उपाय-बच्चों की उल्टी का इलाज

निम्बू का रस

यदि गर्मी की वजह से बच्चे को उल्टी हो रही है तो ऐसी स्थिति में उसे थोड़े से पानी में नमक और नींबू का रस मिलाकर  दिन में दो या तीन बार पिलाने से फायदा होता है ।

उल्टियां होने पर बच्चे को एक चम्मच नींबू  के रस के साथ थोड़ा अनार का रस मिलाकर पिलाने से उल्टियां बंद हो जाती है।

ताजा पुदीने की पत्तियों का रस निकालकर उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिलाने से  बच्चों को उल्टी में राहत मिलती है ।

चावल का पानी

यदि गैस के कारण उल्टी हो रही हो तो बच्चे को उबले हुए चावल का पानी पिलाना चाहिए । दिन में दो से तीन बार चावल का पानी पिलाने से बच्चे को उल्टी आना बंद हो जाती है।

अदरक के रस से मिले आराम

एक चम्मच अदरक के रस के साथ थोड़ा सा शहद मिलाकर पिलाने से बच्चे को उल्टी की समस्या से राहत मिलती है।

इलायची के बीजों का करें प्रयोग

आधा चम्मच इलायची के बीजों को पीसकर उसमें थोड़ा सा बूरा मिलाकर बच्चे को पिलाने  से इसे उल्टी में आराम मिलता है।

लौंग देगा आराम

बड़े बच्चों के लिए एक कप पानी में दो से तीन  लौंग उबालें उस पानी में शहद डालकर बच्चे को पिलाएं उल्टी आना बंद हो जाएगी ।

सौंफ का करें इस्तेमाल

सौंफ पाचन तंत्र के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होती है। एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर 5 से 10 मिनट के लिए उबालें और उस पानी को ठंडा करके छानकर बच्चे को पिलाने से उल्टी होना बंद हो जाती है ।

दालचीनी से मिलेगी राहत

एक चम्मच दालचीनी के पाउडर को पानी में उबालकर देने से भी उल्टी में राहत मिलती है आप चाहे तो इस पानी में थोड़ा शहद मिलाकर भी पिला  सकते हैं ।

दालचीनी
दालचीनी

प्याज करेगा समस्या को कम

प्याज में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों की उल्टी की समस्या को कम करते हैं। प्याज के रस में बराबर मात्रा में अदरक का रस मिलाकर बच्चे को देने से  काफी फायदा होता है । स्वाद के लिए इस में थोड़ा शहद मिलाया जा सकता है।

लैवेंडर का तेल देगा राहत

लेवेंडर तेल की खुशबू से बच्चों को उल्टी में राहत मिलती है। यह तेल ताजगी बढ़ाने में मदद करता है । बच्चे के तकिए  या नैपकिन पर लेवेंडर तेल की कुछ बूंदे डाल कर सुंघाने से बच्चे को ताजगी का अनुभव होगा ।

जीरे का करें सेवन

उल्टी आने पर जीरे का सेवन करना लाभ देता है । एक चम्मच जीरे को तवे पर भून कर उसे  गुनगुने पानी में मिलाकर बच्चे को पिलाएं उसे आराम मिलेगा ।

सेब के सिरके का करें प्रयोग

सेब के सिरके में पाए जाने  वाले एंटीबैक्टीरियल तत्व बच्चों की उल्टी में लाभ प्रदान  करते हैं । एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और शहद मिलाकर बच्चे को देने से उसे उल्टी में लाभ होगा ।

उपरोक्त नुस्खों से घर पर ही बच्चों की उल्टी का इलाज किया जा सकता है परंतु यदि बच्चा बार-बार उल्टी कर रहा है, लगातार दस्त हो रही है या मल में खून आ रहा है, सांस फूल रही है , पेशाब आना बिल्कुल कम हो गया हो उसे डॉक्टर के पास ले जाने में देरी नहीं करनी चाहिए ।

ये हो सकते हैं खाना खाने के बाद उल्टी होने का कारण-Vomiting In Hindi

खाना खाने के बाद उल्टी होने का कारण

खाया हुआ खाना अथवा पानी किसी कारण से जब तेजी के साथ पेट से बाहर आता है तो ऐसी स्थिति को उल्टी होना कहते हैं । उल्टी होने से पहले व्यक्ति का जी मिचलाता है और मतली होने लगती हैं। मतली और उल्टी दिमाग के उसी हिस्से से नियंत्रित होती है जो किसी काम को करने के प्रति इच्छा ना होने का भाव प्रकट करता है। उल्टी बच्चों ,वयस्कों और बूढ़ों किसी भी उम्र में हो सकती है। कई लोगों पर खाना खाने के तुरंत बाद उल्टी की समस्या होती है खाना पचता नहीं है और उल्टी के रूप में बाहर आ जाता है। आइए जानते हैं खाना खाने के बाद उल्टी होने का कारण क्या हैं?

खाना खाने के बाद उल्टी होने का कारण-Vomiting In Hindi

फूड पॉइजनिंग

कई बार बासी, दूषित अथवा बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन खाने से फूड पॉइजनिंग की समस्या हो जाती है। फूड पॉइजनिंग होने पर बुखार, पेट दर्द ,दस्त, जी मिचलाना, असहजता और उल्टी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। फूड पॉइजनिंग के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पानी, तरल पदार्थ और ओ आर एस का घोल देते रहें। जंक फूड ,डेरी प्रोडक्ट और अल्कोहल से दूर रखें।

फूड पॉइजनिंग
फूड पॉइजनिंग

ज्यादा भोजन करना

जरूरत से ज्यादा खाना खाने या ओवरइटिंग करने से पेट में पड़ा भोजन ठीक प्रकार से पच नहीं पाता और उल्टी होने लगती है। जिन लोगों की  किसी भी प्रकार की सर्जरी हो रखी है उनका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है उन्हें ज्यादा खाना खाने से बचना चाहिए । उपचार के रूप में पुदीना, अजवाइन ,इलायची, सौंफ का सेवन करना चाहिए।

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माइग्रेन

माइग्रेन के कारण सिर में भयंकर दर्द होता है और साथ ही साथ मतली या उल्टी समस्या होती है । यदि माइग्रेन के कारण उल्टी की समस्या हो रही है तो ऐसी स्थिति में खुली हवा में सांस लेने का प्रयास करना चाहिए खिड़कियां खोल देनी चाहिए और कपड़े ढीले कर देना चाहिए । शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए लेकिन एक साथ बहुत सारा पानी पीने से बचना चाहिए ।

कैंसर रोग

कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज करने के लिए कीमोथेरेपी की जाती है । कीमोथेरेपी के दौरान दी जाने वाली दवाइयों के कारण अक्सर मरीज को खाने के बाद उल्टी की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।

 एसिड रिफ्लेक्स

शरीर में  एसिड या पित्त की मात्रा बढ़ने पर पाचन तंत्र में भी एसिड बढ़ जाता है । ऐसे में अन्न प्रणाली खुल जाती है और एसिड का प्रवाह गले और गर्दन के पीछे तक होने लगता है ऐसी स्थिति में कई बार खाने  के बाद उल्टी होने की समस्या हो जाती है । इस बीमारी को गैस्ट्रोएसोफैजल रिफ्लक्स डिजीज (जी. ई. आर. डी ) भी कहा जाता है। आयुर्वेदिक उपचार द्वारा इस बीमारी को बढ़ने से रोकने में काफी मदद मिलती है ।

गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को अक्सर भोजन के बाद उल्टी करने की इच्छा होने लगती है । एक निश्चित समय के बाद क्या समस्या खत्म हो जाती है । कई बार हार्मोन परिवर्तन के कारण भी इस प्रकार की समस्या महिलाओं में होती है । वैसे तो ऐसा होना सामान्य है परंतु यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

खाद्य पदार्थों से एलर्जी

कभी-कभी व्यक्ति को कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है और इनका सेवन, खाना खाने के बाद उल्टी होने का कारण हो सकता है। कई लोगों को गेहूं, दूध, डेरी प्रोडक्ट ,मशरूम आदि  से एलर्जी होती है ।

मनोवैज्ञानिक कारण

एनोरेक्सिया यानी तनाव और चिंता के कारण भी कई बार खाने के तुरंत बाद मतली अथवा उल्टी होने की स्थिति हो सकती है । ऐसी स्थिति में तनाव से खुद को दूर रखें और खुश रहने का प्रयास करें। जब भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो तो कम खाएं ।

चिकित्सकीय कारण

यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की बीमारी से संबंधित दवाई ले रहा है तो ऐसी स्थिति में भी खाना खाने के बाद उल्टी और जी मिचलाने की समस्या हो जाती है । ऐसा होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ।

लीवर में खराबी अथवा कम काम करना

यदि आपका लीवर ठीक से काम नहीं कर रहा है तो खाने के बाद उल्टी होना और जी मिचलाना, एसिडिटी ,अपच , मुंह से बदबू आना, त्वचा के रंग में परिवर्तन , सुबह उठने पर मुंह का कड़वा लगना, यूरिन के रंग में परिवर्तन होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं । यदि आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

उपरोक्त सभी कारणों के कारण व्यक्ति को आने के बाद उल्टी की समस्या होती है। वैसे तो यह कोई गंभीर रोग नहीं है परंतु यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है तो चिकित्सक से संपर्क करने में देर नहीं करनी चाहिए ।

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