इम्युनिटी बढाने के लिए जानें एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

एप्पल साइडर विनेगर, यानी सेब का सिरका आजकल काफी ट्रेंडिंग में है। यूट्यूब से लेकर सारे सोशल मीडिया पर इसके गुणों की भरमार है। आज हम भी इस आर्टिकल में एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे विस्तार में बताएंगे। एप्पल साइडर विनेगर सेब के रस को फर्मेंट करके बनाया जाता है। इसका उपयोग केवल विभिन्न भोज्य पदार्थों में ही नही बल्कि स्वास्थ्य की विभिन्न समस्याओं में किया जाता है।
लेकिन इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले आपको एक बात बताना चाहते है कि, एप्पल साइडर विनेगर केवल किसी भी स्वास्थ्य समस्या में आराम देता है, उसका समाधान नही करता।

एप्पल साइडर विनेगर में होता क्या है

जब सेब के रस को फरमेंट करते है तो उस फर्मेन्टेड रस में एथिल अल्कोहल होता है, जो एसीटोबैक्टर नामक सूक्ष्म जीव द्वारा एसिटिक एसिड में परिवर्तित होता है। एसिटिक एसिड, एप्पल साइडर विनेगर का एक्टिव कॉम्पोनेन्ट है। यह इसकी तीव्र गंध और खट्टे स्वाद के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसमें विटामिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं

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एप्पल साइडर विनेगर पीने के फायदे

डायबिटीज में एप्पल साइडर विनेगर

दरअसल एप्पल साइडर विनेगर शरीर मे ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर में उपस्थित एसिटिक एसिड में एंटी-डायबिटिक और एंटी-ग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जोकि डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है।

यदि आप डायबिटीज से पीड़ित है या प्रिडॉयबेटिक है तो, रोज सुबह भोजन से पहले एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करें।

पाचनतंत्र को मजबूत बनाएं

एप्पल साइडर विनेगर पाचनतंत्र के लिए बहुत ही बेहतरीन है। यदि आप गैस, अपच, खट्टी डकार, कब्ज या किसी भी पाचन सम्बन्धी समस्या से परेशान है तो, इससे बेहतर कुछ नही।

यदि आप भोजन से कुछ देर पहले थोड़ी सी मात्रा में एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करें तो, ये पाचक रसों को एक्टिव करता है। जिससे भोजन अच्छे से पच जाता है।

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मोटापा घटाए

अगर हम ये कहे कि केवल एप्पल साइडर विनेगर पीने से मोटापा खत्म होगा तो ये गलत होगा। लेकिन हां मोटापा कम करने में ये बहुत फायदेमंद है। दरअसल इसमे उपस्थित एसिडिक एसिड फैट को काटने का काम करता है।

इसके सेवन से भोज्य पदार्थ अच्छे से पचता है, जिसके कारण भोजन के फैट में बदलेने की दर कम हो जाती है।यदि आप उचित आहार विहार और व्यायाम के साथ इसका सेवन करें आपका वजन बेहतर और तेज तरीके से कम होगा।

खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करें

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण दिल से जुड़े बहुत से रोग होने का खतरा रहता है। यहां तक कि हार्ट अटैक से जान का खतरा भी होता है।
आपको बता दे कि एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में, एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिटिक एसिड, सीरम टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में सहायक पाया गया है।

एप्पल साइडर विनेगर एलडीएल (LDL) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल (HDL) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

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इम्युनिटी बढ़ाए

एप्पल साइडर विनेगर में शामिल एसिटिक एसिड और फ्लेवोनोइड होते हैं, जो इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर बनाता है। एप्पल साइडर विनेगर में शामिल एंटी-माइक्रोबियल गुण, हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से दूर रखते है।

एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर

रक्तचाप को नियंत्रित करे

एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिडिक एसिड में एंटीहायपरटेंसिस गुण होते है। जिस कारण उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ये बहुत फायदेमंद है।

सुबह खाली पेट इसका थोड़ी मात्रा में सेवन करने से हाई बीपी के मरीजों को बहुत फायदा होगा। पर ध्यान रखे लो बी पी वाले मरीज इसके सेवन से बचे।

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दांतों के लिए फायदेमंद

सेब का सिरका दांतों को साफ करने में भी सहायक हो सकता है। सेब का सिरका दांतो के पीलेपन के लिए ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम कर सकता है। जिस कारण दांतों के रंग में सुधार हो सकता है।

लेकिन ध्यान रहे कि इसमे एसिडिक एसिड होता है। इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा प्रयोग दांतो के लिए हानिकारक है।

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

एप्पल साइडर विनेगर का एंटीऑक्सीडेंट गुण गट हेल्थ को सुधारता है। यह लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक है।

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आर्थराइटिस में फायदेमंद

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटिनोसाइसेप्टिव गुण होते हैं, जो कि जोड़ो की सूजन और दर्द को कम करते है।

कैसे करें इस्तेमाल

  • चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही इस्तेमाल करें।
  • सेब के सिरके को सलाद के ऊपर छिड़कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • एक या डेढ़ चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

जानिए पेट खराब होने पर क्या खाएं-Pet Kharab Ka Desi Ilaj

पेट खराब होने पर क्या खाएं

पेट खराब होना एक बहुत ही आम समस्या है। कभी बाहर का खाने की वजह से, कभी किसी खाने या दवाई के रिएक्शन से, कभी किसी बीमारी के कारण पेट खराब हो सकता है। इसके अलावा भी पेट खराब होने के बहुत से कारण होते है जैसे ठंड लग जाना या प्रेग्नेंसी। लेकिन सवाल ये है कि जब पाचन का मुख्य अंग ही बीमार हो तो क्या खाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे कि पेट खराब होने पर क्या खाएं।

बरसात के मौसम में अक्सर लोगों का पेट खराब हो जाता है. खासतौर पर उनका जो बाहर खाना खाते हैं. पर इस बात की गारंटी नहीं ली जा सकती है कि जो लोग घर पर खाना खाते हैं उनका पेट हमेशा ठीक ही रहे।

कई बार स्ट्रेस, ठंड लगने या पेट की गर्मी से भी पेट खराब हो जाता है। लेकिन ज्यादातर पेट खराब होने पर खानपान एक सा ही होता है।
तो आइए आपको बताते है पेट खराब होने पर क्या खाएं।

पेट खराब होने के लक्षण

  • पेट मे एसिडिटी या गैस बनना
  • जी खराब होना या मितली आना
  • खट्टी डकार के साथ गले तक खाना आना
  • पेट या छाती के पास जलन महसूस होना
  • एसिड रिफ्लक्स
  • पेट फूलना या ब्लोटिंग
  • मुंह से बदबू आना
  • हिचकी आना

पेट खराब के उपाय-पेट खराब होने पर क्या खाएं

हम आपको बताएंगे कि पेट खराब होने के कारण के हिसाब से क्या खाएं और क्या नही

अदरक

अदरक में एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इन्फेक्शन में फायदेमंद है। यदि पेट खराब होने का कारण ठंड या किसी प्रकार का इन्फेक्शन है तो अदरक का प्रयोग करें।

अदरक को पानी मे उबालकर उस पानी को चाय की जगह पिए। एक चम्मच अदरक पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।

कब न लें

यदि पेट मे गर्मी हो तो अदरक का प्रयोग न करें।

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर पेट खराब होने पर एक बेहतरीन उपाय है। इसमे पेक्ट‍िन नामक तत्व होता है जो पेट दर्द और मरोड़ में राहत देता है.

इसकी एसिडिक प्रॉपर्टी खराब पेट के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर है। एक चम्मच सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से जल्दी आराम होता है।

कब न लें

यदि आपको एसिडिक चीज़ों से एलर्जी हो। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रयोग न करें।

दही

जब भी पेट खराब होता है तो सबसे पहली चीज़ जो डॉक्टर सजेस्ट करते है, वो है दही। दही होती है प्रोबियोटिक से भरपूर और यही प्रोबियोटिक गट हेल्थ के लिए बेस्ट होती है।

पेट मे गर्मी होने पर या फ़ूड इन्फेक्शन होने पर दही खिचड़ी का कॉम्बिनेशन सबसे बेस्ट है।

दही
दही

कब न ले

यदि पेट ठंड लगने के कारण खराब हो, उबकाई आ रही हो, बरसात या सर्दी का मौसम हो, अथवा शाम को 4 बजे के बाद दही का सेवन न करें। दही में मीठा डालकर न लें।

केला

आपको जानकर हैरानी होगी कि केला लूज मोशन तथा कब्ज दोनों स्थितियों में खाया जाता है। इसमे मौजूद पेक्टिन, मोशन को बांधने का काम करता है।

साथ ही केले में होता है भरपूर मात्रा में पोटेशियम जो कि बॉडी के सोडियम पोटेशियम सिस्टम को सही रखता है।

कब न ले

शाम के बाद केला खाने से बचे खासकर यदि पेट ठंड से खराब हो तो

 पुदीना

पुदीना सर्दियों में मिलने वाल बेहतरीन हर्ब है. आप सर्दियों में इसे सुखाकर रख सकते है और गर्मियों में प्रयोग कर सकते है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाचन क्रिया को सुधारने में भी सहायक होता है।

पुदीने को चटनी के रूप में या छाछ और दही में मिलाकर खाए। इससे जी साफ होता है और उबकाई में आराम मिलता है। यह आंतों में मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है।

कब न ले

अगर कच्चा पुदीना चटनी के रूप में आपको नुकसान कर रहा है, तो इसका उपयोग बन्द कर दे। आप पुदीने के पाउडर को जूस, चाय या अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर भी ले सकते हैं।

जीरा

जीरा पेट के लिए संजीवनी जैसा होता है। इसलिए भारतीय रसोई में जीरा रोज़ के खानपान का हिस्सा है। जीरा चबाकर पानी पी सकते है, भुना जीरा दही या छाछ में डालकर खा सकते है।

सब्जी, दाल या खिचड़ी को छोंकने में तो इसका प्रयोग होता ही है।

कब न लें

जीरा कभी भी, कैसे भी लिया जा सकता है। इसको पानी मे उबाल कर भी पिया जा सकता है।

पेट खराब होने पर उपयोगी अन्य खाद्यपदार्थ

  • फाइबर से भरपूर बेल या बेल का शरबत पेट को ठंडा रखता है।
  • निम्बू को गैस पर गर्म करके उसपर भुना जीरा और काला नमक छिड़कर चूसे, गैस और एसिडिटी से राहत मिलेगी। (ध्यान रहे कि निम्बू गर्म रहे, ठंडा नही)
  • सिट्रिक एसिड एलर्जी से ग्रस्त लोग निम्बू का प्रयोग न करें। निम्बू पानी का प्रयोग कर सकते है।
  • दालचीनी को अदरक, अजवायन के साथ पानी मे उबालकर पियें। अपच, गैस, खट्टी डकार से राहत मिलेगी। चाय में भी प्रयोग करें।
  • मेथीदाना, एलोवेरा का प्रयोग करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • दूध का प्रयोग केवल पेट में जलन या एसिडिटी होने पर करें। दूध में सौंफ उबालकर पिए। लेकिन किसी प्रकार का संक्रमण होने पर इसका प्रयोग न करें।
  • खाना खाने के बाद लेटने या सोने की बजाय वज्रासन में बैठे या 100 कदम चले।
  • तला भुना, मसालेदार, भारी और बाहर का न खाएं।
  • फाइबर युक्त भोजन ले, खूब पानी पिएं, नारियल पानी ले।

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे जानकर आप हो जाएंगे हैरान

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

आंवला और शहद के फ़ायदों से तो हम सब अच्छी तरह से वाकिफ है। इन दोनों का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेद में किया जा रहा है। आंवला और शहद दोनों गुणों की खान माने जाते है। आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है । तथा शहद में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं। जहां शहद आपको खांसी से आराम दिलाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वहीं आंवला हाई ब्लड प्रैशर को कम करने और आँखों की रोशनी को बढ़ाया है। अगर इन दोनों का सेवन साथ में किया जाये तो इनके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको आंवला चूर्ण ओर शहद के फ़ायदे के बारे में बताएँगे।

आंवला चूर्ण ओर शहद के फायदे

गले की खराश को करे ठीक

आज कल मौसम के बदलते ही गले में खराश और खांसी की समस्याएँ हो जाती है। इनसे बचने के लिए आप आंवला चूर्ण में शहद और अदरक का रस मिला कर इसका सेवन करें। ये आपको गले की खराश में आराम दिलाएगा और खांसी को भी कम करेगा।

त्वचा को करे मोइश्चराइज़

आंवला चूर्ण और शहद आपकी त्वचा के लिए भी बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं। ये आपकी रूखी त्वचा में जान डालते हैं और आपकी त्वचा को नमी देकर उसे मोइश्चराइज़ करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे अपने चेहरे पर अच्छे से लगा लें। 15 से 20 मिनट तक इसे लगा रहने दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी की सहायता से धो लें।

पाचन को बनाए बेहतर

कई बार भोजन ठीक से नही पचता। जिस कारण से आपको कब्ज़ और अपच जैसी समस्याएँ भी हो जाती हैं। ऐसे में आप आंवला चूर्ण और शहद का सेवन कर सकते है। इसके लिए 1 चम्मच आंवला चूर्ण और 1 चम्मच शहद को पानी में मिला कर इसका सेवन करें। इसके सेवन से आपके शरीर में गेस्ट्रिक जूस का उत्पादन बेहतर होता है। जिससे भोजन अच्छे से पचता है। इससे आपका मेटाबोलिज़म भी बेहतर होता है। और आपको कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

हेयर मास्क की तरह करें प्रयोग

आप इसका प्रयोग एक हेयर मास्क की तरह भी कर सकते हैं। इसके लिये आप 2 चम्मच आंवला के चूर्ण में 2 चम्मच दही और 1 चम्मच शहद मिला कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसे बालों में अच्छे से लगा लें। इसे 1 घंटे तक के लिए बालों में लगा रहने दें। इसके बाद बालों को गुनगुने पानी की सहायता से अच्छे से धो लें। इसके प्रयोग से आपके बालों में चमक आती है। आंवला पाउडर आपके बालों को पोषण देता है और उन्हे मजबूत बनाता है। वहीं शहद आपके बालों को नमी प्रदान करता है और उन्हे स्मूद और सिल्की बनाता है।

हेयर मास्क
हेयर मास्क

अस्थमा को रोकने में करे मदद

आज कल कई लोग अस्थमा की बीमारी से पीड़ित है। कई लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद आपको आराम दिला सकता है। ये आपकी श्वसन नली को साफ रखता है और सांस लेने में हो रही दिक्कत को कम करता है। इसके लिए 20 ग्राम आंवले के चूर्ण में 1 चम्मच शहद मिलाये और इसका सेवन करें।

विषैले पदार्थों को शरीर से निकालें बाहर

विषैले पदार्थों के शरीर में ही रहने से आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे आप कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं और आपकी त्वचा भी बहुत सुंदर और साफ हो जाती है।

एजिंग को करे कम

उम्र बढने के साथ साथ शरीर कमजोर होने लगता है और चेहरे पर भी झुर्रियां और फ़ाइन लाइंस आने लगती है। ये देखने में भी अच्छी नहीं लगती। ऐसे में आंवला का चूर्ण और शहद का एक साथ सेवन करने से आप एजिंग को भी कम कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आंवला का चूर्ण लें और इसमे 1 चम्मच शहद मिला दें। अब इसे चेहरे पर फ़ेस मास्क की तरह अप्लाई करे। 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को पानी से अच्छी तरह से धो लें। आंवला का चूर्ण आपकी त्वचा को पोषण देगा जिससे झुर्रियां कम होंगी और शहद आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करेगा।

गन्ने का सिरका के फायदे है अनेक, जानिए क्या है सिरका के उपयोग

गन्ने का सिरका के फायदे

गन्ने का सिरका गन्ने के रस से बनाया जाता है। गन्ने के रस को एक मिटटी के बर्तन में एक महीने के लिए धुप में रखा जाता है। बर्तन के मुँह के ऊपर एक मलमल का कपडा बांध कर एक महीने तक धुप में रखते हैं फिर उसे ठंडा करके काँच की बोतल में भरकर दो तीन लाल मिर्ची डाल कर रख देते है। गन्ने का सिरका तैयार है। गन्ने का सिरका बहुत गुणकारी होता है। वैसे तो गन्ने का सिरका के फायदे अनगिनत हैं यहाँ हम सिरका के उपयोग के बारे में जानेंगे।

गन्ने का सिरका के फायदे

सिरके के लाभ बड़े हुए लिवर व वजन को कम करने में

गन्ने का सिरका रक्त वसा को कम करता है जो बड़े हुए लिवरवजन को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर के वजन बॉडी मास,व सीरम ट्राई ग्लिसरॉइड का स्तर कम करने में मददगार होता है। यह दैनिक चपापचप सिंड्रोम की रोकथाम करता है। यह सीरम एच डी एल के स्तर में वृद्धि करता है व बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग त्वचा के लिए

त्वचा के दाग धब्बों के लिए सिरका जादू जैसा कारगर होता है। प्याज के रस में सिरका मिलाकर चेहरे के निशानों पर लगाने सेचेहरे के निशान कुछ ही दिनों में निशान गायब हो जाते हैं।

सिरके के फायदे उच्च रक्त चाप में

सिरके का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है। व रक्तचाप कंट्रोल में रहता है।

सिरके के फायदे गले की सूजन व जलन को दूर करने में

सिरके में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते है व गले की सूजन कम करते है। जिसके कारण गर्म पानी में सिरका मिलाकर कुल्ला करने से गले की खराश व सूजन कम होती है।

सिरके का पेट दर्द में उपयोग

एसिडिटी के कारण होने वाले पेट दर्द मे आधा चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से पेटदर्द में राहत मिलती है।

सिरके के लाभ दस्त या कब्ज में

दस्त या कब्ज होने पर सलाद या पानी में सिरका मिलकर पीने से दस्त और कब्ज में आराम मिलता है।

सिरके के फायदे जहरीले कीड़े के काटने पर

जैली फिश का जहर सबसे हानिकारक विष में से एक माना जाता है। सिरका जैली फिश के विष के प्रभाव को कम कर देता हैं क्योकि सिरका जहरीले विष के हानिकारक प्रोटीन को तोड़ देता है अतः घाव में सिरका भरने से विष का प्रभाव तत्काल कम हो जाता है।

सिरके का उपयोग लू से बचाव में

गर्मियों की लू से बचने के लिए सिरका बहुत प्रभावी होता है सिरके को प्याज में मिलाकर खाने से लू नहीं लगती है।

सिरके के फायदे बालों के झड़ने में

बालों की समस्याओ के समाधान के लिए भी सिरका बहुत उपयोगी होता है। पानी में सिरका मिलाकर बाल धोने से बाल नहीं झड़ते हैं। क्योकि यह बालों को पोषण प्रदान करता हैं।

बालों के झड़ने में
बालों के झड़ने में

सिरका है इन्फ़ेक्शन रोधी

सिरका सर के फोड़े फुंसी फंगल इन्स्फेक्शन के लिए भी बहुत कारगर होता है यह सर के इंफेक्शन को दूर करता है। सिरकेवाले पानी से बाल धोने से सर के फोड़े फुंसी दूर होते हैं।

सिरका है रक्त शोधक

रक्त साफ़ न होने के कारण चेहरे पर होने वाले फोड़े फुन्सी की रोकथाम के लिए भी सिरका राम बाण होता है। सिरका पानी में मिलकर पीने से रक्त साफ़ होता है।

सिरका हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता हैं

सिरका गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

सिरके का उपयोग हिचकी रोकने में

लगातार आती हिचकियों से परेशान हो तो एक चम्मच सिरके से तुरंत लाभ मिलता है।

सिरका है उपयोगी पथरी में

मूत्र में अधिक अम्ल होने के कारण एसिड या ऑक्स्लेट के स्टोन बन जाते है। यह स्टोन पथरी होती है। सिरका मूत्राशय को क्षारीय बनाता है जिससे किडनी के स्टोन तोड़ने में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी में गन्ने के सिरके के सेवन से एक महीने में फायदा मिलता है।

गन्ने का सिरका है पीलिया में फायदेमंद

गन्ने के सिरके को पीलिया में लेने से तत्काल आराम मिलता है।

गन्ने के सिरके के फायदे आँखों की रोशनी बढ़ाने में

गन्ने के सिरके के नियमित सेवन से आँखों की रोशनी बढ़ती है।

गन्ने के फायदे पाचन में

गैस बनने पर सिरका पानी में मिलाकर लेने से हाजमा दुरुस्त करने में गन्ने का सिरका बहुत लाभदायक होता है।

गन्ने का सिरका है एक अच्छा प्रिजर्वेटिव

गन्ने का सिरका एक बहुत अच्छा प्रिजर्वेटिव होता है। अचार में सिरका डालने से अचार खराब नहीं होता।

सिरका है एक हेअर कंडीशनर

बालो के लिए सिरका एक हर्बल कंडीशनर होता है. बालों को धोने के बाद सिरका मिले पानी से बाल निथारने से बालों में चमक आती है।

सिरका है उपयोगी कपड़ों का रंग बरक़रार रखने में

सिरका मिले पानी से कपडे धोने से कपडे रंग नहीं छोड़ते व उनकी चमक बरक़रार रहती है तथा वे लम्बे समय तक नए रहते है।

सिरका कैल्शियम को शोषित करने में मददगार

सिरका आहार में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा शोषित करता है|

सिरका है उपयोगी कैंसर से बचाव में

कैंसर रोगियों के लिए गन्ने का सिरका बहुत उपयोगी होता है। यह शरीर में पोटेशियम व अन्य उपयोगी खनिज पदार्थ की कमी पूरी करता है।

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया में लाभकारी

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया ऐसी बीमारियां हैं जिनमे मरीज की याददाश्त व सिखने की क्षमता धीरे धीरे काम होने लगती है सिरके के सेवन से डिमेंशिया के दौरान संज्ञानात्मक कार्य में सुधार कर सकते है।

दादी नानी के ज़माने से सिरके के ऐसे ही न जाने कितने छोटे बड़े फायदे हैं। जिन्हे हम अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं एवं अपनी दिनचर्या से जुडी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान कर सकते है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

गन्ने के सिरके में क्या क्या पड़ता है?

.सिरका तैयार करने के लिये लीटर गन्ने के रस को उबाल लिया जाता है। .खमीरन डालकर इसे खमीर बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। .ठंडा होने के एक दिन बाद खमीर मिलाया जाता है। .इसके बाद इस जूस को तीन-चार दिन के लिए एक ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच हो। .फिर इसे छानकर साफ बर्तन में निकाल लिया जाता है और छठे दिन इसमें विशेष बैक्टीरिया वाला तरल पदार्थ साथ ही इसमें पुराना तैयार सिरका की कुछ मात्रा भी मिला दी जाती है। .7 से 14वें दिन इस पर झिल्ली बन जाती है जिसे हटा कर ठंडे स्थान पर रख दिया जाता है।फिर सिरके को इस्तेमाल में लाते हैं।

सिरके के क्या फायदे हैं?

अक्सर हमलोग सिरके का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही करते हैं।लेकिन सिरका हमारे लिए किसी औषधि से कम नहीं है। स्वास्थ्य के लिहाज से सफेद सिरका और सेब के रस से बना सिरका बहुत फायदेमंद होता है. सिरके का इस्तेमाल रूप निखारने से लेकर कई छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है. सिरके के फायदे: .सिरके का इस्तेमाल कंडिशनर के रूप में करें। .अगर आपको लगातार हिचकियां आ रही है तो एक चम्मच सिरका पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। .गले की खराश को दूर करने के लिये। .मांस-पेशियों की तकलीफ में राहत के लिए,सिरके से मसाज करें। .रोजाना एक निश्च‍ित मात्रा में सिरके का सेवन कर मोटापा कम कर सकते हैं।

सिरका पीने से क्या नुकसान होता है?

सिरका पीने के फायदे बहुत है तो नुकसान भी है। .भूख में कमी की समस्या हो सकती है। .इससे मतली की समस्या भी हो सकती है। .ज्यादा एसिटिक खाद्य या पेय पदार्थों से दांत संवेदनशील हो सकते हैं। .सिरके का सेवन दांत खराब कर सकता है। .इससे संवेदनशील त्वचा पर जलन या रैशेज की समस्या भी हो सकती है। इसलिए, त्वचा पर इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। .गर्भवती महिलाओं के लिये भी हानिकारक होता है। इसलिए जब भी सिरके का इस्तेमाल करें तो एकबार जरूर डॉक्टर से सलाह लेकर ही सिरके का सेवन करें।

गन्ने का सिरका कैसे बनाए?

बाजार में मिलने वाला सिरका सेहत के लिये काफी नुकसानदेह है इसलिए हमसभी को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में स्वस्थ के प्रति सचेत रहना चाहिये।इसलिए घर पर ही गन्ने से आसान तरीके से सिरका तैयार कर इस्तेमाल करना चाहिए। आइये जानते हैं विधि- .सिरका तैयार करने के लिए गन्ने के रस को उबाल लें। .गन्ने के रस को मिट्टी की हांडी में भर दें। .अब इस हाँडी को एक साफ व सूती कपड़े से बांधकर रोज़ तेज़ धूप में रखें। .इस प्रक्रिया को तकरीबन एक महीने तक दोहराएं और इसके बाद इस सिरके को छानकर एक कांच की बोतल में भर दें। .और फिर इसमें तीन सूखी लाल मिर्च डालकर बोतल को बंद कर दें। बहुत आसान विधि से उपयुक्त तरीके अपनाकर घर पर ही सिरका तैयार कर सकते हैं।

चांदी का कड़ा पहनने के फायदे है अनेक,जानकार रह जाएंगे दंग

चांदी का कड़ा पहनने के फायदे

सोने और चाँदी के आभूषण देखने में कितने सुंदर लगते है। ये लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते है। आज कल लोगों को खासतौर पर महिलाओं को सोने और चाँदी के आभूषण जैसे अंगूठी, पायल आदि पहनने का बहुत शौक होता है। ऐसे ही लोग चाँदी का कड़ा भी पहनते है।

ये आपके चार्म को बढ़ाता है। साथ ही ज्योतिष और पुराणों के अनुसार भी चांदी का कड़ा पहनने के फायदे अनेक है। सिक्ख धर्म में भी कडा पहनना आवश्यक माना गया है।

चांदी का कड़ा पहनने के फायदे-Chandi Ka Kada Benefits In Hindi

चांदी का कड़ा पहनने की कई फायदे हैं। यह आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को संचारित करता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।इतना ही नहीं है यह आपके मन को शांत रखने में भी मदद करता है। तो चलिए विस्तार में जानते हैं चांदी का कड़ा पहनने के फायदे।

चांदी का कड़ा बढ़ाए एकाग्र शक्ति-Chandi Pehnne Ke Fayde

चाँदी अपनी शीतलता के लिए जानी जाती है। इसीलिए चाँदी आपके मन को शांत करती है जिसके कारण आपकी एकाग्र शक्ति बढ़ती है और आप एकाग्र होकर, पूरे ध्यान से किसी भी काम को कर सकते है।

बढ़ाए एकाग्र शक्ति
बढ़ाए एकाग्र शक्ति

बीमारियों को रखे दूर चांदी का कड़ा-Chandi Ka Kada Phene Ke Fayde

आज कल नई नई तरह की बीमारियाँ सामने आ रही हैं और हम सभी इन बीमारियों से बचने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे में आप चाँदी का कड़ा धारण कर सकते है। चाँदी आपको बीमारियों से भी दूर रखने में मदद करती है। चाँदी का कड़ा 20 तरह की बीमारियों को आपसे दूर रखता है।

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नकारात्मक शक्तियों को रखे दूर चांदी का कड़ा-Chandi Pehnne Ke Fayde

चाँदी का कड़ा धारण करने से नकारात्मक शक्तियाँ भी आपसे दूर रहती हैं और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। चाँदी का कड़े से बच्चों और गर्भ के पल रहे भ्रूण को भी बुरी और नकारात्मक शक्तियों से बचाया जा सकता है।

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चन्द्र से जुड़े दोषों को करे खत्म चांदी का कड़ा-Chandi ka kada pahne ke fayde

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चाँदी को चन्द्र का कारक माना जाता है। इसीलिए यदि आप चाँदी का कड़ा धारण करते हैं तो चन्द्र से जुड़े जितने भी दोष है वो सब खत्म हो जाएंगे।

चांदी का कड़ा करे चुम्बकीय ऊर्जा उत्पन्न-Chandi ka kada pehne ke fayde benefits in hindi

चाँदी एक धातु है। इसलिए चाँदी का कड़ा धारण करने से शरीर में चुम्बकीय ऊर्जा का संचार होता है जो नकारात्मक ऊर्जा को शरीर से बाहर निकाल कर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करती है और बढ़ाती है।

गुस्से को करें कंट्रोल चांदी का कड़ा-Chandi Pehnne Ke Fayde

आज कल तनाव के कारण कुछ लोगों को छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है जो आपके दिमाग और शरीर के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में चाँदी का कड़ा धारण करने से आपको बहुत फायदा मिल सकता है। क्योंकि चाँदी शीतल होती है, इसलिए ये आपके दिमाग को शांत रखती है जिस कारण आपको गुस्सा कम आता है।

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दिल के लिए है अच्छा चांदी का कड़ा-Chandi ka kada pehne ke Fayde

चाँदी का कड़ा धारण करना आपके दिल के लिए भी बहुत लाभकारी साबित होता है। ज्यादा गुस्सा करना आपके दिल के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होता। ऐसे में चाँदी ना केवल आपके गुस्से को कंट्रोल करने में मदद करती है, साथ ही ये आपके ब्लड प्रैशर को कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इसके कारण आपका दिल स्वस्थ रहता है।

विषरोधी है चांदी का कड़ा-Silver Bracelet Benefits In Hindi

चाँदी के अंदर विषरोधी गुण पाये जाते हैं। इसलिए चाँदी का कड़ा धारण करने से शरीर में मौजूद विष बाहर निकल जाते हैं। इसके कारण आपकी सुंदरता बढ़ती है और आप स्वस्थ रहते हैं।

मन को करे मजबूत चांदी का कड़ा-Chandi ka kada pehne ke fayde benefits in hindi

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चाँदी चन्द्र के साथ साथ शुक्र का कारक भी मानी जाती है। इसलिए चाँदी का कड़ा धारण करने से शुक्र ग्रह शांत रहता है। शुक्र ग्रह के शांत रहने से आपका मन मजबूत होता है और आप प्रसन्नचित रहते है।

chandi ka kada
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Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

चांदी का कड़ा पहनने से क्या होता है?

चांदी शिवजी के नेत्र से उत्पन्न हुई है अतः चांदी का कड़ा पहनने का अपना महत्व है। ज्योतिषियों के अनुसार चांदी का कड़ा पहनने से चंद्र और शुक्र ग्रह से जुड़े दोष समाप्त और यह ग्रह मजबूत होते हैं जिससे जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है साथ ही मन की एकाग्रता भी बढ़ती है । चांदी शरीर के जल तत्व और कफ को नियंत्रित करती । कड़ा हाथ में धारण करने से कई प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं। ऐसा माना जाता है कि चांदी का कड़ा धारण करने वाले व्यक्ति पर लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।

कड़ा कौन से हाथ में पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी का कड़ा पहनने से चंद्रमा संबंधी दोष दूर होते हैं। चांदी का कड़ा शुक्रवार को बनाना चाहिए और सोमवार के दिन इसे शिव मंदिर में शिवजी के समक्ष रखकर ओम नमः शिवाय का जाप कर अभिजीत मुहूर्त में दाएं हाथ में धारण करना चाहिए इससे मन एकाग्र चित्त रहता है तथा वैभव की प्राप्ति होती है।

चांदी का कड़ा काला क्यों पड़ जाता है?

चांदी के कड़े को लगातार पहनने से वह काला पड़ जाता है । चांदी वायु में उपस्थित हाइड्रोजन सल्फाइड के साथ रासायनिक क्रिया करती है , जब कोई व्यक्ति चांदी का कड़ा लगातार पहनता है तो चांदी पसीने के संपर्क में आती है शुद्ध पसीना हाइड्रोजन सल्फाइड का एक रूप है जिसके कारण चांदी का रंग काला पड़ जाता है।

पुरुषों को हाथ में क्यों पहनना चाहिए कड़ा?

अधिकांश धर्मों में कड़ा पहनना शुभ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुषो को अपनी कुंडली में कमजोर ग्रहों को बलवान करने के लिए कड़ा धारण करना चाहिए। चंद्रमा ग्रह को बलवान करने के लिए चांदी का कड़ा धारण करना चाहिए यह मन को एकाग्र चित्त बनाता है और जीवन में समृद्धि लाता है । यदि कोई पुरुष बार-बार बीमार पड़ता है तो उसे अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए । इसके अलावा मंगल ग्रह दोष से पीड़ित व्यक्ति को तांबे का कड़ा धारण करना चाहिए । पुरुषों को कड़ा सही विधि और नियमों का पालन करके ही धारण करना चाहिए तभी लाभ प्राप्त होता है ।

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जानिए कैसे करे बिना किसी साइड इफेक्ट्स के करे पेट कम-Pait kam karne ki dawa

जानिए कैसे करे बिना किसी साइड इफेक्ट्स के करे पेट कम

पेट कम करने के लिए अधिकतर लोग एक्सरसाइज, योग, डाइटिंग और घरेलू नुस्खे प्रयोग करते है। पेट अंदर करने के उपाय को अपनाकर सेहतमंद तरीके से मोटापा कम किया जा सकता है पर कुछ लोगों की जिंदगी भागमभाग होती है जिस कारण वे नियमित रूप से इन उपायों को नहीं कर पाते और ऐसे में वे जल्दी पतले होने की दवाई या कोई आसान तरीका जानना चाहते है। आज हम पेट कम करने वाली दवाओ पर चर्चा करेगे जिनके सेवन से कोई नुकसान नही है।

पेट कम करने की दवा-Pait Kam Karne Ki Dawa

‘एग्रीप्योर गार्शिपेन प्लस टेबलेट’

यह आयुर्वेदिक दवा, पेट कम करने में कारगर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है। यह पेट कम करने असरदार है। क्योकि ये आसानी से चर्बी उत्पादन रोक देती है और शरीर की जमी हुई चर्बी को जला देती है। शरीर का भरा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम करती है। मेटाबॉलिज्म लेवल बढ़ाती है। शरीर का बढ़ा हुआ मोटापा कम करने में मदद करती है। शरीर में स्वाभाविक रूप से काम करती है और कभी कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाती। यह 100% आयुर्वेदिक दवा है।

दिव्य मेदोहर वटी

यह पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा है जो पेट अंदर करने के अलावा पाचन शक्ति को भी दरुस्त करने में कारगर है। ये दिव्य मेदोहर वटी पुरे शरीर का वेट लॉस करने की बजाय पेट कम करने में जादा असरदार दवाई है।

त्रिफला और गुग्गुल इस दवा के प्रमुख सामग्री में से एक है। त्रिफला मोटापा कम करने की आयुर्वेदिक दवाई है जो वसा पचाने की प्रक्रिया में सुधार लाती है। गुग्गल भी त्रिफला की तरह पेट की चर्बी घटाने और वजन कम करने में मदद करती है। दिव्य मेदोहर वटी में कुछ और भी औषधियां मौजूद है जो शरीर में वसा जमा नहीं होने देती और साथ ही फैट लॉस की प्रक्रिया को दरुस्त करने में मदद करते है।

त्रिफला
त्रिफला

ये दवा हार्मोन्स को संतुलन में रखने में मदद करती है। पेट कम के अलावा ये आयुर्वेदिक दवा भूख भी नियंत्रित करती है। ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है। मेदोहर वटी एक हर्बल मेडिसिन है जिससे वजन कम करने के अलावा ताक़त भी मिलती है।

गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद अक्सर वजन बढ़ जाता है और ऐसे में ये वजन कम करने की दवाई काफी सहायक हो सकती है। इस दवा की खुराक प्रयोग करने वाले के वजन और उसकी उम्र के अनुसार दी जाती है। बच्चों के लिए एक से दो गोली, नौजवानों के लिए दो से तीन गोलियां और वृद्ध लोग एक से दो टेबलेट दिन में दो बार ले सकते है। पतले होने के लिए दिन में तीन बार दो से तीन गोली ले सकते है।
दिव्य मेदोहर वटी के अलावा कुछ और पतंजलि दवाईयां भी है जो पेट अंदर करने में मददगार है जो इस प्रकार है।

  • आंवला जूस
  • एलोवेरा जूस
  • त्रिफला गुग्गुलदिव्य गोधन अर्क
  • दिव्या पेय हर्बल टी

वेट लॉस सप्लीमेंट

यह पेट कम करने का कैप्सूल है। ब्लेसिंग ट्री वेट लॉस सप्लीमेंट में ऐसे तत्व शामिल है जिनके द्वारा फैट बर्न होता और भूख पर नियंत्रण रहता है। ये दवा 100% नैचूरल है और इस सप्लीमेंट के साथ अगर आप वर्कआउट एक्सरसाइज भी करते है तो बहुत जल्द आपको अच्छे रिजल्ट देखने को मिल जायेगे इसमें ग्रीन कॉफ़ी बीन और दूसरे तत्वों के कारण वेट लॉस में मदद करता है। यह पेट कम करने के लिए यह सबसे बेस्ट कैप्सूल है।

एप्पल सीडर विनेगर

एप्पल सीडर विनेगर सबसे अच्छा है क्यों की इसके एक नहीं कई अनेक फायदे है। जैसे की वेट लॉस के साथ साथ इससे बाल अच्छे होते है, चेहरे की स्किन पर निखार आता है और हार्ट के लिए भी अच्छा है। ज्यादातर लोग इसे नॉर्मल यूज़ में लेते ही है, इसके कोई भी साइड इफ़ेक्ट या नुक्सान नहीं है इसलिए आप इसे  बेफिक्र होकर यूज़ करे और फायदा उठाये।

फैट बर्नर मेडिसिन

मार्केट में आपको कई तरह के फैट बर्नर टेबलेट मिल जायेगे पर ज्यादातर केस में लोग सही कंपनी का सही प्रोडक्ट पसंद नहीं कर पाते। आपको बता दू की पतले होने के लिए नटुरीज़ ब्रांड का फैट बर्नर सबसे बेस्ट है।इसमें हर वो तत्व शामिल है जो पेट कम करने के लिए जरुरी है जैसे की ग्रीन टी बीन्स, गार्सीनिअ कम्बोगिआ, कैफीन और क्रोमियम। आज तक जिसने भी इस प्रोडक्ट को यूज़ किया है उसमे से 95% लोगो ने इसके पॉजिटिव रिव्यु दिये है।

जानिए क्या है भीगे चने खाने के नुकसान-Chana Khane Se Kya Hota Hai

भीगे चने खाने के नुकसान

बहुत पुराने समय से भीगे सुबह के समय भीगे चने खाना मानो भारतीय परिवारों की परंपरा रही है। चाहे आयुर्वेद हो या एलोपैथी, भीगे चने खाना दोनों पद्धतियों के अनुसार लाभदायक है। भीगे हुए चने खाने के फायदे अनगिनत है पर आज इस लेख में हम बात करेंगे भीगे चने खाने के नुकसान के बारे में।

भीगे चने के फायदे

भीगे हुए चनों में होता है फॉस्फोरस और क्लोरोफिल जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है। इनमें पाया जाने वाला हाई फाइबर पेट की कब्ज और अपच से मुक्ति दिलाता है। डायबिटीज में आराम दे शरीर मे फुर्ती लाता है और पुरूषों में वीर्य को गाढ़ा करके नपुंसकता दूर करता है।

चने में ब्यूटिरेट नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो मुख्य रूप से कैसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है।

इसमें पाया जाने वाला तत्व β-कैरोटीन आंखों की कोशिकाओं को फायदा करता है।भीगे हुए चने में विटामिन-ए, बी, और विटामिन-ई बालो और स्किन को चमकदार बनाता है। इसके अलावा खून की कमी को दूर करता है।

कब्ज
कब्ज

भीगे चने खानें के नुकसान

अब जिसके इतने अनगिनत फायदे हो क्या उसके कुछ नुकसान हो सकते है। तो बिल्कुल हो सकते है। हर चीज़ के दो पहलू होते है, इसी प्रकार भीगे चने खाने के तरीके, समय, और मात्रा के कारण ये भी नुकसान कर सकते है।

तो आगे हम आपको बताएंगे भीगे चने खाने के नुकसान

  • जब आप सुबह खाली पेट भीगे हुए चने खाते है तो इससे आपके पेट में गैस बन सकती है, जिस कारण पेट में दर्द हो सकता है।
  • हाई फाइबर होने के कारण डिजेस्टिव सिस्टम एब्नॉर्मल हो सकता है। चने में ‘प्यूरिन’ नामक यौगिक होते हैं जो शरीर के यूरिक एसिड द्वारा टूट सकते हैं जिससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • भीगे  हुए चने खाने से पेट में सूजन, ऐंठन, कब्ज और बदहजमी की समस्या भी हो सकती है।
  • अचार,करेला या हाई एसिडिक चीज़ों के साथ आसपास भीगे चने खाने से, हाई एसिडिटी, जलन यहाँ तक कि हार्ट अटैक आ सकता है।
  • हाई प्रोटीन होने के कारण यदि हम इसका ज्यादा सेवन करते है तो ज्यादा प्रोटीन नुकसान करता है।
  • इससे वजन बढ़ना, कब्ज़ ब्लॉटिंग, डिहाइड्रेशन, ऑस्टियोपोरोसिस, और किडनी की बीमारी जैसी समस्याएं हो सकती है
  • इसी प्रकार भीगे चनों से मिलने वाला ज्यादा आयरन भी नुकसानदेह है। ज्यादा मात्रा में भीगे चने खाने से सीने में जलन, उल्टी, दस्त, शरीर में पानी की कमी, लिवर डैमेज, लगातार गिरता बीपी, धडक़नों का घटना-बढऩा हार्ट फेल या किडनी फेल की समस्या हो सकती है।
  • भीगे चनों में पाया जाने वाला फॉस्फोरस यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो इससे हाइपरफॉस्फेटिमिया की समस्या हो सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

चने में पाए जाने वाले पोषक तत्व

पोषक तत्वमात्रा ( प्रति100 ग्राम)
पानी (g) 60.21
ऊर्जा (kcal) 164
प्रोटीन (g) 8.86
कुल फैट(g) 2.59
कार्बोहाइड्रेट (g) 27.42
फाइबर (g) 7.6
कुल शुगर (g) 4.80

मिनरल्स
कैल्शियम (mg) 49
आयरन (mg) 2.89
मैग्नीशियम (mg) 48
फास्फोरस (mg) 168
पोटैशियम (mg) 291
सोडियम (mg) 7
जिंक (mg) 1.53

विटामिन
विटामिन सी (mg) 1.3
थियामिन (mg) 0.116
राइबोफ्लेविन (mg) 0.063
नियासिन (mg) 0.526
विटामिन बी 6 (mg) 0.139
फोलेट (μg) 172
विटामिन बी -12 (μg) 0.00
विटामिन ए (μg RAE) 1
विटामिन ए (IU) 27
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल),mg0.35
विटामिन डी (डी2 + डी3)00.0
विटामिन डी (IU) 0
विटामिन K1 (फाइलोक्विनोन) (μg)4.0
लिपिडफैटी एसिड कुल सैचुरेटेड (g)0.269फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (g)0.583फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (g)1.156फैटी एसिड, कुल ट्रांस। 0.000
कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0

इसलिए भीगे चने खाने की शुरुआत करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखे।

  • शुरुआत से ही ज्यादा मात्रा का सेवन न करे।
  • भीगे चने खाने से पहले कोई फल जरूर ले।
  • भीगे चने खाने के आसपास या साथ मे एसिडिक भोजन न करें।
  • गुर्दे की पथरी, पित्त या गठिया से पीड़ित इसका सेवन बिल्कुल भी न करें।

जानिए कितना और कैसे करें इस्तेमाल ताकि ना हो फिटकरी से नुकसान

फिटकरी से नुकसान

फिटकरी के बारे में किसी को बताने की जरूरत नही, ज्यादातर घरों में फिटकरी किसी न किसी काम के लिए रखी ही होती है। कलरलेस और दानेदार दिखने वाले इस पदार्थ को साइंस की भाषा मे साधारण ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ (KAl(SO4)2.12H2O) कहते हैं। सामान्यतया इसे ‘एलम’ (Alums) नाम से जाना जाता है। फिटकरी की तासीर गर्म होती है। इस लेख में हम जानेंगे क्या है फिटकरी के गुण, फिटकरी से नुकसान और इस्तेमाल।

फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का साल्ट है। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।

फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है। फिटकरी के अलग अलग रूपो का प्रयोग अलग काम मे लिया जाता है।

पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया जाता था पुराने समय मे।

अमोनियम एलम : चिकने सफेद पत्थर की तरह दिखने वाली इस फिटकरी का प्रयोग कॉस्मेटिक या पर्सनल हाइजीन के लिए होता, जैसे आफ्टरशेव लोशन, पसीने की बदबू से छुटकारा और हाथों से जुड़े उत्पाद।

क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, यह पूरी तरह से केमिकल बेस्ड है और इसका प्रयोग इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

सोडियम एलम : यह एक इनआर्गेनिक कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम भी कहते है। इसका उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है।

फिटकरी के गुण

फिटकरी में निम्न औषधीय गुण होते है।

  • एंटीबायोटिक (सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाला)
  • एंटी-ट्राइकोमोनस (प्रोटोजोवल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
  • एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला)
  • एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला)
  • एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला)
    फिटकरी
    फिटकरी

फिटकरी से नुकसान

यूँ तो फिटकरी के अनगिनत फायदे आपको हर जगह पढ़ने सुनने को मिलेंगे। लेकिन क्या आप जानते है की फिटकरी से नुकसान कितने है।

तो आगे हम आपको बताएंगे कि फिटकरी के क्या क्या नुकसान होते है। ताकि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए फिटकरी का प्रयोग करे।

  • बहुत से लोग खांसी ज़ुकाम या नकसीर के लिए फिटकरी का प्रयोग करते है। जैसे फिटकरी का चूर्ण बना कर शहद के साथ लेना। लेकिन ध्यान रखे फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • अगर आप फिटकरी का प्रयोग अपनी त्वचा पर कर रहे है तो ध्यान रखे। फिटकरी घुले हुए पानी से आंखे धोने पर आंखों को नुकसान हो सकता है। इसे लगाने से स्किन और आंखों में जलन व रैशेज भी हो सकते हैं। क्योंकि पोटेशियम ऐलम (potassium alum) त्वचा को कमजोर कर सकता है। इसके कारण ड्राई स्किन, त्वचा में चकते, लाली जैसी समस्याए हो सकती है।
  • लगाने के अलावा फिटकरी खाने से भी नुकसान हो सकता है। इससे पुरुषों में वीर्य और फ्रक्‍टोज (semen and fructose) का स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर ज्यादा समय तक फिटकरी का सेवन किया जाए कैंसर और अल्‍जाइमर का खतरा हो सकता है।
  • अगर आप मुँह के छालों के लिए फिटकरी का प्रयोग कर रहे है, तो लार को गलती से भी ना निगले, बच्चो पर इस तरह का कोई प्रयोग ना करें।
  • ज़ुओं से मुक्ति के लिए आप फिटकरी पाउडर का उपयोग लगातार ना करें, इससे बाल रूखे और बेजान हो सकते है।
  • आफ्टर शेव लोशन के तौर पर आप फिटकरी का प्रयोग केवल घर मे करें। अगर आप नाई की दुकान पर जा रहे है तो इससे बचे। क्योंकि नाई एक ही फिटकरी का प्रयोग सबके चेहरे पर करता है जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।
  • कुछ लोग दावा करते है कि रात को फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग गोरा होता है। यदि ऐसा होता तो कॉस्मेटिक का बाजार इतना बड़ा नही होता। रंग गोरा हो ना हो पर लगातार फिटकरी को चेहरे पर रगड़ने से रंग काला जरूर हो सकता है। क्योंकि चेहरे की त्वचा बहुत नाजुक होती है।
  • योनि में कसावट के लिये भी महिलाएं फिटकरी का प्रयोग करती है, पर हमारा मानना है कि इसके लिए कीगल एक्सरसाइज से बेहतर कुछ नही हौ। इतनी संवेदनशील भाग पर किसी तरह का एक्सपेरिमेंट ना ही किया जाए तो बेहतर होगा।

फिटकरी को रखने का सही तरीका

  • दानेदार फिटकरी या फिटकरी के टुकड़े को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए, इससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है।
  • यूज़ करने के बाद इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में ही रखे।
  • फिटकरी पाउडर की बात करें, तो इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखा जाना चाहिए।

उम्मीद है फिटकरी पर लिखा ये आर्टिकल आपको जरूर पसन्द आया होगा, और फिटकरी का उपयोग करने से पहले आप इसके नुकसानों पर एक नजर जरूर डालेंगे। साथ ही इसके प्रयोग से पहले अपनी स्वास्थ्य और शरीरिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
उपयोग करने के कारण कोई समस्या होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें, घरेलू उपायों में समय बर्बाद ना करें।

जानिए कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें- Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें

हमारे बॉडी मे बहुत से कोशिकाओं होती है इन्हे सही से काम करने के लिए किसी भी प्रकार की रुकावट नही चाहिए होती है। परंतु व्यक्ति के गलत खान पान के कारण शरीर मे बहुत सी बीमारिया पैदा हो जाती है। बहुत बार व्यक्ति ऑइल की चीजे ज्यादा खाता है जिससे उसके बुरे प्रभाव उसके शरीर पर पड़ते है। ज्यादा ऑइल का खाना शरीर मे कोलेस्ट्रोल की समस्या पैदाकर देता है। कोलेस्ट्रोल की समस्या से मोटापा, सिर दर्द, सांस फूलना, बेचेनी, सिने मे दर्द, हार्ट के बीमारी आदि होने लगती है। जब कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तो यह बीमारिया आम तोर पर होना शुरू हो जाती है। इसके लिए व्यक्ति बहुत से उपाय करने लगता है जिससे कोलेस्ट्रोल कम किया जा सके। तो आइये जानते है कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें ।

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रोल एक वसा से भरा तरल की तरह होता है, जो हमारे लिवर से पैदा होता है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं की दीवारों, हॉर्मोस को बनाये रखने मे, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच के लिए जरूरी होता है। बॉडी मे दो तरह के कोलेस्ट्रोल होते है जैसे एक अच्छा दूसरा बुरा। अच्छा कोलेस्ट्रोल काफी हल्का होता है, बुरा ज्यादा गाढ़ा होता है जो हमारे आर्टरी की दीवारों पर जमा होता है। इससे खून का बहाव रुक जाता है।

कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें-Cholesterol Kam Karne Ke Upay In Hindi

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए हमने नीचे कुछ खाद्य सामाग्री के बारे मे बताया है जिससे व्यक्ति आसानी से अपने बढ़ते हुये कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है। चलिये जानते है कैसे?

ऑलिव ऑयल

कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए ऑलिव ऑयल का उपयोग करना चाहिए क्यूकी इसमे अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के लेवेल को कम करने के गुण होते है जो कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने से रोकते है। यह हमारे शरीर मे ऑर्टरी को मजबूत बनाए रखता है।
ऑलिव ऑयल हमारे हार्ट के लिए भी सही होता है।

ऑलिव ऑयल ब्लड प्रेशरशुगर के लेवेल को बनाए रखता है। ऑलिव ऑयल का लगातार 6 महीने से ज्यादा काम मे लेने से यह आपका 8-10% कोलेस्ट्रोल घटा देता है।

नींबू

नींबू को कोलेस्ट्रोल कम करने का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमे घुलनशील फाइबर होते है जो हमारे पेट के लिए अच्छे होते है।

नींबू
नींबू

यह हमारे पेट मे कोलेस्ट्रॉल को खून के साथ मिलने से रोकने मे मदद करता है। इसके अंदर पाये जाने वाला विटामिन सी खून की नालियो की सफाई करता है। यह हमारे बड़े हुये कोलेस्ट्रोल को बाहर निकाल देता है। इसके आप खटे फलो को खा सकते है, क्यूकी इनमे एंजाइम्स होते है जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करते है, जिससे आप कोलेस्ट्रॉल को घाटा सकते है।

सोयाबीन और दालें

कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए व्यक्ति को अंकुरित चीज़ों को खाना चाहिए, इसलिए सोयाबीन और दालें का सेवन करना जरूरी है, क्यूकी अंकुरित अनाज मे खून मे पाये जाने वाले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने मे लिवर की सहायता करता है।

यदि इन चीज़ों को सही से सेवन नही किया जाता है तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ा भी सकती है।

ओट्स

ओट्स मे मोजूद फाइबर हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है। ओट्स मे बीटा ग्लूकॉन होता है जो हमारी आंत की सफाई करता है।

जिससे हमारी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल को ख़त्म कर देता है। यदि इसका लगातार सेवन करते रहने से यह 3 महिनो मे ही 6-7 % कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है।

लहसुन

लहसुन को आम तौर पर बहुत से बीमारी के काम मे भी लिया जाता है। इसमे पाये जाने एंजाइम्स कोलेस्ट्रॉल को घटाने मे मदद करते है।

यदि हम लहसुन का रोजाना सेवन करते है तो लगभग 10-15% तक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है। यह हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय है ड्राई फ्रूट्स

कुछ ड्राई फ्रूट्स जिनमे फाइबर पाये जाते है जैसे पिस्ते, अखरोट और बादाम आदि है। इन ड्राई फ्रूट्स मे ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे हमारी मदद करता है।

इसमे फाइबर ज्यादा होता है ,जो हमे पेट के भरे रहने का अहसास करवाते है। इससे फालतू की चीजे खाने से बच सकता है।

जानिए गर्मी में चेहरे की देखभाल कैसे करे-Garmi Me Face Care In Hindi

चेहरे की देखभाल

गर्मियों में हमारी त्वचा को सबसे ज्यादा केयर की जरूरत होती है क्योंकि तेज धूप और गर्मी त्वचा को कई तरीके से नुकसान पहुंचा सकती है। हम आज अपने आर्टिकल में गर्मियों में चेहरे की देखभाल करने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं जिनसे आप घर बैठे बिना खर्च किए मुलायम और साफ और गोरी स्किन कर लेंगे।

गर्मी के मौसम में चेहरे पर पसीना, सूखापन, टैनिंग, सर्न बर्न, पिंपल, हीट रैशेस जैसी समस्याएं होने लगती हैं। चेहरा सुस्त और थका हुआ दिखने लगता है। गर्मियों में फेस का ठीक से ख्याल ना रखने पर पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और मुंहासे की प्रॉब्लम भी हो जाती है। चूंकि इस मौसम में पसीना और तेल फेस पर जम जाता है तो इसे हटाने के लिए त्वचा की सफाई बहुत जरूरी होती है। ऐसे में कई लोग फेस अच्छा रखने के लिए बहुत से रुपए खर्च करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है।

जानिए गर्मी में चेहरे की देखभाल कैसे करे-Garmi Me Face Care In Hindi

गर्मी में बनाकर लगाएं ये बेहतरीन फेस मास्क

एक कप ओटमील लेकर उसमें थोड़ा खीरा और एक चम्मच दही मिला दें। इसे अच्छी तरह मिक्स कर लें और अब इसकी एक मोटी लेयर चेहरे पर लगाइए।

दस मिनट बाद इसे ठंडे पानी से धो लीजिए। ये मास्क सभी तरह की स्किन पर सूट करता है। इसे लगाने से चेहरे पर निखार आता है और इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है।

फेस मास्क
फेस मास्क

ठंडा ठंडा वॉटरमेलन फेस पैक

गर्मियों में तरबूज़ खाना तो सभी को पसंद होता है। इसे खाने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। चेहरे की नमी बनाए रखने के लिए आप तरबूज़ का फेस पैक बनाइए।

इसके लिए आप तरबूज़ के गूदे में दही मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धोकर खुद फर्क महसूस कीजिए।

गर्मी में स्किन की देखभाल करें टमाटर से

गर्मियों में चेहरे की देखभाल करने के लिए एक कटोरी में 1-1 टेबलस्पून टमाटर का जूस और नारियल पानी लें। इसे अच्छी तरह मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगा लें। कुछ देर के लिए इससे चेहरे की मसाज करें और फिर इसे लगाकर छोड़ दीजिए।

फिर ठंडे पानी से स्किन को साफ कर लीजिए। गर्मी में टमाटर से बना फेस मास्क आपकी त्वचा को नई चमक देगा।

दही का कमाल

दही खाना सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही हमारे चेहरे के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। दही से स्किन को नमी मिलती है और चेहरे से गंदे कण बाहर निकल जाते हैं। यह टैनिंग हटाने में बहुत उपयोगी है। ताजा व ठण्डा दही लेकर फेस पर दो परत में लगाएं।

इसे चेहरे पर 30 मिनट के लिए ऐसे ही लगा रहने दें। इसके बाद सादे पानी से चेहरा धो लें। ध्यान रहे बाद में 2 घण्टे तक इस पर कुछ ना लगाएं।

गर्मियों में एलोवेरा से ऑयली स्किन की देखभाल

अगर आप ऑयली स्किन से परेशान हैं तो आपके लिए मददगार हो सकता है ऐलोवेरा और हल्दी पाउडर

एक टेबलस्पून हल्दी पाउडर और 2 टेबलस्पून ऐलोवेरा जेल लीजिए। दोनों चीजों को मिलाकर 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाइए और फिर इसे ठंडे पानी से धो लीजिए।

बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में दो या तीन बार जरूर लगाएं।

नींबू जूस और दालचीनी का फेस मास्क

एक कटोरी में 2 टेबलस्पून नींबू का जूस और आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर लेकर इन्हें अच्छी तरह से मिला लें।
इस फेस मास्क को लगाने से पहले आप अपना चेहरा अच्छी तरह से साफ जरूर कर लें। फिर इस मास्क को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और करीब 5 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दीजिए।
इसके बाद इसे ठंडे पानी से धो लीजिए। शीघ्र और बेहतर रिजल्ट के लिए इसे रोज इस्तेमाल कीजिए।

गर्मी में लगाइए खीरा फेस पैक

खीरा यानी ककड़ी में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी होता है। गर्मी में चेहरे को हाइड्रेट रखने के लिए खीरे का फेस पैक लगाएं। इसके लिए पहले खीरे को पीस लें। फिर उसमें पिसी हुई शक्कर और दही मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दें। फिर साफ पानी से चेहरा धो लें।

गर्मियों में चेहरे की देखभाल के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

– 15 SPF या उससे ज़्यादा SPF वाला सनस्क्रीन यूज करें।
– ऑयल फ्री मेकअप प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें।
– ज्यादा देर धूप में हो तो बाद में एलोवीरा जेल चेहरे पर जरूर लगाएं।
गर्मी में जूसी फ्रूट जरूर खाएं। इससे आपकी स्किन शाइन करेगी।

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