वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए क्या खायें-Mota Hone Ke Liye Kya Khaye

मोटा होने के लिए क्या खायें

वजन कम करना कुछ लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा अहम हो सकता है और उनकी प्राथमिकता पर वजन कम करना ही रहता है लेकिन खुश रहो कुछ लोग प्राकृतिक रूप से मोटे होते हैं तो उनको वजन कम करने के लिए काफी मेहनत या फिर एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है लेकिन अगर आप स्वस्थ शरीर और अपनी बॉडी को मेंटेन रखने के लिए आप वजन बढ़ाना साथ हैं तो आज हम कुछ वजन बढ़ाने और मोटा होने के तरीकों के बारे में जानेंगे ।

मोटा होने के लिए क्या क्या खाये-Mota Hone Ke Liye Kya Khaye

मोटे होने के लिए आपके लिए सबसे ज्यादा कैलरी खाना या प्राप्त करना होता है आप जितना पहले कैलरी खाते थे उसे कई गुना ज्यादा आपको कैलरी का सेवन करना पड़ेगा जितनी ज्यादा कैलरी की मात्रा बढ़ेगी उतना ही आप जल्दी तरीके से वजन बढ़ा पाएंगे।

  • आलू का सेवन करें
  • चावल का सेवन करे
  • घी का सेवन करें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें
  • किशमिश का सेवन करें
  • केले का सेवन करें
  • बादाम का सेवन करें
  • नट्स का सेवन करें
  • हरी सब्जियों का सेवन करें
  • संपूर्ण आहार लें
  • प्रोटीन का सेवन करें
  • पूरी नींद ले

आलू का सेवन करें

अगर आप मोटा होना चाहते हैं या वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाइट में आलू को अवश्य रुप से शामिल करना चाहिए। आप आलू खाएंगे तो ज्यादा आप वजन बढ़ा पाएंगे क्योंकि आलू के अंदर कार्बोहाइड्रेट्स एवं कांपलेक्स नामक शुगर है ।

आलू वजन बढ़ाने के लिए बहुत ही ज्यादा मदद करता है लेकिन ध्यान रहे कि आलू ज्यादा भुना हुआ या तला हुआ ना हो।

आलू
आलू

चावल का सेवन करे

अगर आप चावल का सेवन करते है, तो आपका वजन बहुत ही जायदा तेजी से बढ़ेगा, डॉक्टर्स भी चावल व आलू खाने की सलाह देते है। तो आप भी रोजाना नाश्ते में चावल का सेवन करे आपको कुछ ही दिनों में असर देखने को मिल जायेगा ओर आपका वजन भी बढ़ने लगेगा।

मोटा होने के लिए करें घी का सेवन

मोटे होने के घरेलू तरीके में से एक है घी। घी खाने के बाद आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ेगा क्योंकि इसमें Saturated fats होती है होती है और कैलरी की भी ज्यादा मात्रा में होती है। घी को आप शकर के साथ जाकर खाने में डालकर भी खा सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि घी की मात्रा एक सीमित या बराबर रूप से हो।

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें

अगर आपको वजन बढ़ नहीं रहा है तो कहीं गए पानी आपके लिए एक बड़ी वजह हो सकती है तो आपको इतने कम से कम 5-6 लीटर पानी जरूर रूप से पीना चाहिए क्योंकि हमारा शरिर 80 प्रतिशत पानी से ही बना हुआ होता है।

किशमिश का सेवन करें

आप किशमिश का सेवन करके भी अपना वजन बढ़ा सकते हैं। रोजाना या फिर प्रतिदिन लगभग एक मुट्ठी किशमिश खाने चाहिए ऐसा करने से आप वजन काफी तेजी से बढ़ेगा और इसके अलावा आप किशमिश और अंजीर को दो बराबर भागों में बांट कर और उसको दिल में या फिर रात भर भिगोकर खाएं उसे भी आपको काफी वजन बढ़ाने मैं सहायता मिलेगी।

केले का सेवन करें

वजन बढ़ाने के लिए हमेशा केले खाना काफी आशा साबित होता है। केले से वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है। इसके लिए आपको खो जाना केले का सेवन करना चाहिए क्योंकि अकेले में केले की मात्रा बहुत ज्यादा होती है क्योंकि शरीर में एक बहुत ही बढ़िया एनर्जी देती है और साथ ही वजन बढ़ाने वाले विटामिन मिलते हैं आप दूध के साथ खा सकते हैं और उसको शेक बना कर दिखा सकते हैं

बादाम का सेवन करें

बादाम
बादाम

बादाम हमारे वजन बढ़ाने में काफी कारगर साबित होते हैं इनको हमेशा 3-4 बादाम को रात भर पानी में भिगोकर अगले दिन उसको पीसकर दूध के साथ घोलकर पीएं ऐसा आप रोजाना करें तो आपको कुछ ही महीनों में इसका असर देखने को मिलेगा और आपको बहुत ही बढ़िया तरीके से वजन बढ़ता हुआ नजर आएगा।

नट्स का सेवन करें

बादाम, काजू, मूंगफली आपको जरूरी तोड़कर खाना ही सही है क्योंकि मैं बहुत ही ज्यादा मात्रा में कैलोरी पाई जाती है। ग्राफ के शरीर में ज्यादा ज्यादा कैलरी की मात्रा बढ़ेगी तो उसे वजन बढ़ने के काफी ज्यादा चांस बढ़ जाते हैं और यह सभी मार्केट में सस्ते दामों पर भी मिल जाते हैं 100 ग्राम नट्स में लगभग 500 से 600 कैलरी मिल जाती है।

हरी सब्जियों का सेवन करें

वजन बढ़ाने के लिए आपको हरी एवं ताजी सब्जी का सेवन करना चाहिए क्योंकि हर एक सब्जी में एक अलग तरह का विटामिन मौजूद होता है। जिससे आपको वजन बढ़ाने में काफी हद तक मदद मिलती है इन सब्जियों में मुख्य तौर पर दाल सोयाबीन राजमा पनीर आदि शामिल है। उनका आप ज्यादा तौर पर सेवन करें तो आपको कुछ ही महीना असर देखने को मिलेगा।

संपूर्ण आहार लें

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको संपूर्ण आहार लेना चाहिए और आपको कम से कम दिन में 5-6 बार खाना खाना चाहिए थोड़ा-थोड़ा 1 दिन में ज्यादा से ज्यादा खाना खाए और हमेशा सुबह का ब्रेकफास्ट जरूर करें उसमें कुछ विटामिन वाली चीजें खाएं ।

वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन करें

अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको जरूर रूप से प्रोटीन का सेवन करना ही चाहिए अगर आप किसी भी फिटनेस या जिम ट्रेनर से बात करेंगे तो वह आपको प्रोटीन का सेवन करने की सलाह देगा साथ ही एक सही तरह का डाइट प्लान ही बताएगा जैसे आपको वजन बनाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

वजन बढ़ाना चाहता तो आपको जिम जाना ही चाहिए फिर भी आप जिम नहीं जा सकते तो आप वहां पर जाकर उनसे एक डाइट प्लान लीजिए और उनसे वजन बढ़ाने के लिए सलाह लिजिए, तो वह आपको बढ़िया तरीके से गाइड करेंगे कि आप किस तरह वजन बढ़ा सकते हैं और एक डाइट प्लान को मेंटेन रख सकते हैं।

पूरी नींद ले

जो जो हमने बताया है वो खाने के बावजूद भी आपका वजन नही बढ़ है तो आप पूरी नींद ले क्युकी काफी लोगो का पूरी नींद ना लेने के कारण भी वजन नहीं बढ़ पाता है। हर इंसान को पूरी नींद जरुरी रूप से लेनी चाहिए क्युकी नींद कमी से सिर्फ वजन में ही अन्य नुक्सान भी होते है अगर आप पूरी नींद लगे तो वजन भी बढ़ेगा और भी कई तरह से आपके शरीर में फायदे होंगे।

एक पर्याप्त नींद लेना आपके लिए कई तरीके से फायदेमंद हो सकता है जैसे कि वजन बढ़ना , यादाश्त मैं बढ़ोतरी , मानसिक संतुलन बनाए रखना इत्यादि फायदे हैं ।

प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए-Pregnancy Mein Kya Nahi khana Chahiye

प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए

गर्भवती महिला का खान-पान

गर्भावस्था के दौरान माता का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है और गर्भावस्था के दौरान कई ऐसी खाद्य पदार्थ चीजें होती हैं। जिनका सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए। ऐसी चीजों का सेवन करने से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। और इन समस्याओं से मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए और क्यों।

गर्भावस्था में खानपान का अवश्य ध्यान रखें

गर्भावस्था के दौरान उन चीजों पर ज्यादा फोकस करें जो आपके शरीर को स्वस्थ रखें और बच्चे के लिए काफी लाभदायक है। विभिन्न संतुलित आहार का भोजन करें ना कि बाहर के भोज्य पदार्थों का सेवन करें। बाहर के भोजन और तैलीय पदार्थों से कई प्रकार की बीमारियां होती है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। कई ऐसी चीजें भी है जो साधारण तौर पर शरीर को फायदा पहुंचाती है लेकिन गर्भावस्था के दौरान शरीर को नुकसान पहुंचाती है और गर्भावस्था में यह घातक साबित हो सकती है। जैसे पपीता, अनानास इत्यादि.

गर्भावस्था के दौरान बच्चे के स्वास्थ्य की बेहतर ध्यान रखना जरूरी होता है। गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या में कई ऐसे पदार्थ जोड़ने होते हैं और कई ऐसे काम भी जोड़ने होते हैं जो बच्चे के सेहत के लिए फायदेमंद हो। कई ऐसी चीजों को अपने शरीर से दूर रखना जरूरी होता है ताकि बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।

प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए-Pregnancy Mein Kya Nahi Khana Chahiye

प्रेगनेंसी में पपीता क्यों नहीं खाना चाहिए

पपीता गर्भपात का खतरा माना जाता है। पपीते में उपस्थित लैकट्स महिला महिलाओं के लिए भी गर्भधारण रोकने का कार्य करता है। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में अगर पपीते का सेवन किसी महिला द्वारा कर लिया जाता है तो गर्भपात की संभावना रहती है। पपीते में पपेन तो फिर उपस्थित होता है। जो अंडाणु विकास में बाधा उत्पन्न करता है। पपीता ना केवल गर्भधारण में बाधा उत्पन्न करता है। यह निषेचन में भी बाधा उत्पन्न करता है।

अंगूर भ्रूण विकास में हानिकारक

अंगूर
अंगूर

कृपा के दौरान महिलाओं को अंगूर नहीं खाने चाहिए अंगूर आम तौर पर काफी ज्यादा पोस्टिक फल माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान अंगूर शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं।अंगूर की तासीर गर्मी जो उनके लिए काफी हानिकारक होती है।और शुरुआती दौर पर भ्रूण अवस्था बनने में बाधा उत्पन्न करती है। अंगूर के सेवन से और निश्चित समय पर प्रसव होने में बाधा होती है । अंगूर में छुट्टी अम्ल उपस्थित होता है जो बच्चे के विकास के लिए बाधा उत्पन्न करता है और बच्चे को दुबला पतला बना देता है।

तुलसी के पत्ते गर्भावस्था में हानिकारक

सामान्य तौर पर खांसी जुकाम में तुलसी के पत्तों का सेवन किया जाता है। तुलसी को कई पुराने महा पुराणों में एक औषधि माना गया है।और इसी वजह से तुलसी के पत्तों का शहद के साथ सेवन करने से खांसी जुकाम ठीक हो जाता है ऐसा बताया जा रहा है। तुलसी के पत्तों का सेवन गर्भावस्था के दौरान पर करने से गर्भपात की समस्या बढ़ती है और उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।तुलसी के पत्तों में उपस्थित एस्ट्रो गोल जो गर्भपात करवा देते हैं इसके अलावा तुलसी के पत्ते किसी भी महिला के लिए मासिक चक्र को भी काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं।

चाइनीज फूड और तेलीय पदार्थों से रहें दूर

आज के प्रचलित जमाने में चाइनीस फूड काफी ज्यादा पॉपुलर होते जा रहे हैं। और फास्ट फूड के तौर पर चाइनीस फूड सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले भोज्य पदार्थ बन गए हैं। लेकिन चाइनीस फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामैट उपस्थित होते हैं। जो शिशु के जन्म के बाद काफी ज्यादा प्रभावित कारक बन जाता है। और शिशु में कई प्रकार की सारी कमियां उत्पन्न कर देता है।

चाइनीस फूड के साथ उपयोग किया जाने वाला सोया सॉस में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो गर्भावस्था के दौरान माता के शरीर में हाई ब्लड प्रेशर उत्पन्न करता है और तैलीय पदार्थों का सेवन गर्भावस्था में काफी ज्यादा समस्या उत्पन्न करता है।

अनानास भी गर्भावस्था में हानिकारक

गर्भावस्था के दौरान अनानास फल का सेवन काफी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। अनन्नास में उपस्थित ब्रोमलिन तत्व शिशु परिपक्व होने से पहले ही प्रसव पीड़ा उत्पन्न करता है जो अपरिपक्व बच्चे के जन्म देने जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है।

गर्भावस्था के दौरान सभी प्रकार की नशीली पदार्थ जैसे शराब, स्मोकिंग इत्यादि से भी दूरी रखनी चाहिए। क्योंकि इस प्रकार की नशीली पदार्थों में उपस्थित निकोटीन बच्चे के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है।

जानिए डिलीवरी के बाद क्या क्या खाएं-Delivery Ke Baad Kya Khaye

Delivery Ke Baad Kya Khaye

सभी लोगो को अपने शरीर मे ऊर्जा बनाये रखने के लिए खाने की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन हर व्यक्ति का शरीर अलग अलग प्रकार का होता है,

शरीर मतलब कई लोग मोटे है तो उनको कम फैट वाला भोजन करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग पतले होते है, उनके लिए अलग अलग प्रकार का भोजन होता है। जिसमे अधिक फैट हो।

ठीक उसी प्रकार एक गर्भवती महिला होती है। तो उसे गर्भावस्था के दौरान उचित आहार लेने के लिए कहा जाता है। ताकि उसका शरीर स्वस्थ रह सके।

डिलीवरी के पहले तो उचित आहार लेना ही चाहिए बाद में इसकी अति आवश्यकता होती है। क्योंकि डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बिल्कुल कमजोर हो जाता है। ऐसा लगता है, जैसे की शरीर मे ऊर्जा ही न हो। इसलिए डिलीवरी के बाद उसके खाने पीने में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

अगर सही खाने खाएगी तो इससे शरीर को पोषण भी अच्छा ही मिलेगा।

डिलीवरी के बाद महिला को अपने नवजात शिशु को स्तनपान भी करवाना पड़ता है। इसलिए महिला को अधिक पोषण की जरूरत होती है। ऐसे ही कुछ डाइट के बारे में नीचे बताया गया है।

डिलीवरी के बाद क्या-क्या खाना चाहिए-Delivery Ke Baad Kya Khaye

महिला के प्रसव के बाद उसको पौष्टिक तत्वों वाला भोजन कराना चाहिए। उसके भोजन में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम आदि हो।

डेयरी पदार्थ जिसमें फैट कम हो

प्रसव के बाद महिला को डेयरी उत्त्पादो का अधिक सेवन करना चाहिये। डेयरी पदार्थों में कैल्शियम प्रोटीन और विटामिन ई बहुत ज्यादा मात्रा में पायी जाती है।

यह डिलीवरी वाली महिला को बहुत जरूरी होता है। क्योंकि बाद में उसे दुगने पोषण तत्व की जरूरत होती है। वह अपने शिशु को दूध पिलाती है।

दूध पीने से बच्चें की हड्डियां मजबूत हो जाती है। महिलाओ की डिलीवरी के बाद उनके शरीर मे कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है।

डेयरी पदार्थ
डेयरी पदार्थ

लीन मीट

बहुत सी महिलाएं मांसाहारी भी होती हैं। यह डाइट प्लान इन्ही महिलाओं के लिए है। अगर आप मांसाहारी महिला है तो आप अपने भोजन में लीन मीट का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर बात करें लीन मीट में तो इसके अंदर आयरन, प्रोटीन और विटामिन B12 की प्रचूर मात्रा होती है।

जब महिला अपने शिशु को दूध पिलाती है, तो उसके शरीर मे ऊर्जा कम हो जाती है। लीन मीट शरीर मे ऊर्जा को बढ़ाता है।

दालें

दाल में प्रोटीन खनिज विटामिन और फाइबर अत्यधिक मात्रा में होती है। सभी डिलीवरी वाली महिलाओं को हरी या लाल दाल को अवश्य खाना चाहिये।

दाल का हलवा बनाकर भी इसका सेवन कर सकती है। दाल शरीर को ताकत प्रदान करती है। और फैट को बढ़ने से रोकती है।

फलियां

फलीयो में राजमा, ब्लैक बीन्स आदि होती है। डिलिवरी वाली महिलाओ को इन फलियों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर मे ऊर्जा प्राप्त होती है। वैसे सभी लोगो को फलियों का सेवन करना चाहिए।

फलियों में प्रोटीन होती है। जिससे माँ और शिशु को ऊर्जा मिलती है। महिला को विशेष रूप से इसका प्रयोग करना चाहिये, वो अपने शिशु को दूध पिलाती है, जिससे उनकी ऊर्जा में कमी आ जाती है।

हरी सब्जियां

हरी सब्जियों में विटामिन ए , विटामिन सी और कैल्शियम की अधिकता होती है। हरी सब्जियो में कैलोरी की मात्रा कम होती है। बहुत सी डिलीवरी महिलाओ का वजन बढ़ने लगता है। और हरी सब्जियां वजन को बढ़ने से रोकती है।

हरी सब्जियो में परवल, पालक, टिंडा और बाकली इत्यादि है। सभी लोगो को हरी सब्जियो को अपने डेली डाइट में शामिल करना चाहिए।

गेंहू वाली ब्रेड

गेंहू में आयरन और फायबर पाया जाता है। डिलीवरी होने वाली महिलाओं को इसका प्रयोग जरूर करना चाहिए। जन्म देने के बाद महिला के शरीर मे आयरन की कमी हो जाती है।

अंडे

अंडे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते है। अंडों में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। अंडा नई माँ को फायदा करता है। इसके लिए उबले अंडे की भुजिया और आमलेट बनाकर खा सकते है।

अंडा महिला के शरीर में आवश्यकता की कमी को दूर कर देता है।

अजवायन

डिलिवरी के बाद सभी महिलाओं को अजवायन का इस्तेमाल करना चाहिए। अजवाइन से गैस, अपच की समस्या नही होती है।

अजवायन में एन्टी बैक्टीरियल एन्टी फंगल और एंटीसेप्टिक गुड़ मौजूद होते है। एक चम्मच में एक चुटकी अजवायन को गुनगुने पानी के साथ पी जाएं।

बादाम

बादाम से शरीर का मानसिक संतुलन बना रहता है। सभी लोगो को एक बादाम डेली जरूर खाना चाहिए। बादाम में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ई, मैग्नीशियम कैल्शियम और पोटेशियम आदि तत्व होते है।

इसका प्रयोग डिलीवरी वाली महिलाओं को अवश्य करना चाहिए। बादाम को एक गिलास दूध के साथ पीना चाहिए।

काले और सफेद तिल

तिल से पेट साफ हो जाता है। तिलों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम मैग्नीशियम और कॉपर होता है। तिल का प्रयोग डिलीवरी वाली महिला को जरूर करना चाहिए। तिल को चटनी और किसी मीठे पकवान में डालकर सेवन कर सकते है।

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क्या है चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे

चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे

चाहे महिला हो या पुरुष सब चाहते है की उनके सिर पर काले और घने बाल हों लेकिन चेहरे पर बाल कोई पसंद नहीं करता। पुरुषों की दाढ़ी और मूंछें होती हैं, ये तो सभी जानते होंगे, लेकिन कई बार आपने देखा होगा कि महिलाओं के चेहरे पर भी अनचाहे बाल उग आते हैं। ये अनचाहे बाल महिलाओं को अपनी खूबसूरती पर दाग जैसे लगते है। चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे आजमाकर भी आप अपनी खूबसूरती बनाये रख सकती है।

कई बार महिलायें इन बालो को हटाने के लिए बहुत सारे तरीके जैसे की थ्रेडिंग, ब्लिज और क्रीम आदि का सहारा लेती है। जिससे उनके चहेरे के सारे बाल तो साफ़ हो जाते है। परन्तु कई बार ये तरीके किसी और त्वचा की बीमारी का रूप ले लेते है। जिसके कारण बाद में आगे चलके उनको और भी दिक्कतों का समना करना पड़ता है। और ऐसे में लड़कियों के मन में ये सवाल हमेशा आता रहेता है की बिना किसी दिक्कतों का सामना किये हम अपने चहेरे के बालो को कैसे हटा सकते है।

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे बताएंगे।

महिलाओं के चेहरे पर घने बाल होने के कारण

  • हार्मोनल के बदलाव से महिलाओ के चहरे पर बाल उगने लग जाते है।
  • एंड्रोजन हार्मोन की बढ़ोतरी के कारण महिलाओ के चहरे पर अनचाहे बाल आ जाते है।
  • आनुवांशिकता के कारण भी महिलाओ के चहरे पर अनचाहे बाल आ जाते है।
  • ज्यादा मेकअप या क्रीम का उपयोग करने के कारण भी महिलाओ के चहरे पर बाल आ जाते है।
  • कभी कभी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी चहरे पर बाल उगने लग जाते है।

चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू नुस्खे-Face Ke Baal Hatane Ke Upay

कच्चे पपीते का प्रयोग

कच्चे पपीते को पीसकर के हल्दी में लगा करके जहा से बालो को हटाना है उस जगह पर लगाए क्योकि पपीते में पैपैन एंजाइम पाया जाता है जो चहेरे के बालो को हटाने में मदद करता है। ( गर्भावस्था के समय इसका उपयोग न करे )

और पढ़ेंः पपीता खाने के फायदे

कच्चे पपीता
कच्चे पपीता

 

दलिया और पिसे हुए केले का मिश्रण

दलिया और पिसे हुए केले के मिश्रण को चहेरे में वहा पर लगाए जहा के बालो को आप हटाना चाहते हो, दलिया में एवेंथ्रामैमाइड पाया जाता है चहेरे के बालो को हटाने में मदद करता है।

नींबू का रस, चीनी और शहद

नींबू का रस, चीनी और शहद को मिलाकर उसे 2 से 3 मिनिट तक गर्म करे, इसको उतला करने के लिए थोडा सा पानी डाले और फिर उसको ठंडा होने दे फिर मक्की का आटा या मैदा अपने चहेरे पर उस जगह पर लगाए जहा के बाल को हटाना चाहते हो और फिर अब उस मिश्रण को इसके उपर लगाए और फिर वैक्सिंग स्ट्रिप या कपड़े की मदद से अपने बालो को निकालने का प्रयास करे।

अंडे का सफेद हिस्सा, चीनी और मक्की का आटा का मिश्रण

अंडे का सफेद हिस्सा, चीनी और मक्की का आटा का मिश्रण करके उसका पेस्ट बनाए, और इसको उस जगह पर लगाए। जहा से आप बालो को हटाना चाहते हो, अब इसे 20 से 30 मिनिट तक सूखने दे और फिर अपने चहेरे को पानी से धो ले ।

चीनी और नींबू के रस का मिश्रण

चीनी और नींबू के रस को थोड़े से पानी में मिलाए और फिर उस मिश्रण को थोडा गर्म कर ले फिर उसको ठंडा होने दे, फिर जहा जहा के बालो को हटाना चाहते हो, वहा पर इस मिश्रण को लगाए और 20 से 30 मिनिट सूखने दे फिर पानी से धो ले। इससे आपके चहेरे के बाल हट जायेंगे ।

एलोवेरा जेल और सरसों तेल

१/4 टी-स्पून बेसन, 4 टी-स्पून एलोवेरा जेल और 2 टी-स्पून सरसों तेल, सभी चीजों को अच्छे से मिला कर एक पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर जहा-जहां बाल हैं, वहां लगायें। पेस्ट को बालों की ग्रोथ से उल्टी ओर लगायें। सूखने पर पेस्ट को साफ करें। पेस्ट निकलने के बाद चेहरे को पानी से धो लें। टॉवल से पोंछ लें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में 3 बार करें। इसे कम से कम 3 महीने तक लगातार करें। यह चेहरे के बाल हटाने का उपाय बहुत ही कारगर है

और पढ़ेंः एलोवेरा जेल के फायदे जो न कभी सुने होंगे

हल्दी

1-2 टी-स्पून हल्दी की पानी या दूध मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने के बाद 15-20 मिनट तक सूखने दें। सूखने पर गुनगुने पानी से धो लें। इससे अनचाहे बालों से छुटकारा मिल सकता है।

हल्दी
हल्दी

अश्वगन्धा

अश्वगन्धा एक आयुर्वेदिक औषधि है जो तनाव और थकान में बहुत लाभकारी है। अश्वगन्धा हार्मोन के असंतुलन को ठीक करने में भी मदत करता है। यह चेहरे के बालों को हटाने में मदद करता है। चेहरे के बालों को हटाने के लिए आपको 5 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण को दूध के साथ रोजाना लेना चाहिए।

और पढ़ेंः अश्वगंधा और दूध के फायदे और सेवन करने का तरीका

तुलसी

तुलसी की कुछ पत्तियाँ चबाने मात्र से ही हार्मोनल के असंतुलन की समस्या ठीक हो जाती है। चेहरे के अनचाहे बाल हटाने के उपाय में तुलसी बहुत काम आती है।

और पढ़ेंःक्या होते है तुलसी के बीज के फायदे

चेहरे से अनचाहे बाल हटाने के दौरान आपका खान-पान और आपकी जीवनशैली

चेहरे के बाल हटाने के उपाय करते हुए एक संतुलित जीवनशैली अपनाये। अपने खान पान का ध्यान रखे।

  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। पानी से शरीर हाईड्रेट रहता है और हार्मोन संतुलन बना रहता है।
  • सूखे मेवे प्रोटीन, ऑरगैनिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक और फास्फोरस इत्यादि से भरपूर होते है। सूखे मेवे के सेवन से आपके शरीर में रक्त प्रव्हा सामान्य हो जाता है। इससे शरीर के हार्मोन्स भी संतुलित हो जाते है।
  • खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाईड्रेट और फाइबर होते है जो हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदत करते है।
  • रात में पूरी नींद लें।
  • मानसिक तनाव से दूर रहे।
  • रोजाना व्यायाम और मेडिटेशन करें।

जरुरी सवाल

क्या ऊपर के उपाय से चेहरे के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों के भी अनचाहे बाल हटा सकते हैं?
जी हां, ऊपर लिखे उपाय से चेहरे के साथ साथ शरीर के सभी अंगों के अनचाहे बालों को हटाया जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

अजवाइन से गर्भपात – अजवाइन के फायदे और नुकसान

अजवाइन से गर्भ कैसे गिराए

अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे? Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

मां बनना हर औरत का सपना होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में वह यह सपना नहीं देखना चाहती। यह संभव है कि वह पहले से मां हो, बच्चा अभी छोटा हो, परिवार पूरा हो चुका हो, या फिर वह अभी मां बनने के लिए तैयार न हो। ऐसी स्थिति में यदि गर्भ ठहर जाए, तो गर्भपात कराना जरूरी हो सकता है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और अस्पताल जाने की जटिलताओं से बचने के लिए कई महिलाएं अजवाइन से गर्भपात जैसे प्राकृतिक तरीकों को अपनाना चाहती हैं, खासकर जब वे अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में किसी को बताना नहीं चाहतीं।

गर्भपात करने के सरल घरेलु तरीका

अक्सर यह सवाल आता है कि “बच्चा कितने दिन का गिरा सकते हैं?” और इसके लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं। पारंपरिक रूप से गर्भपात के लिए विटामिन सी, पपीता , अन्नानास का रस, अजवायन, तुलसी का काढ़ा, लहसून, ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भावस्था का पता चलने के शुरुआती दिनों में ही गर्भपात कराना सही रहता है। विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे कच्चा पपीता,अनानास, कटहल, संतरा, नींबू आदि चीजों के सेवन से शुरुआती गर्भावस्था में गर्भपात हो जाता है।

भुने हुए तिल तासीर में बहुत गर्म होते हैं। तीन से चार चम्मच तिलों को भूनकर दिन में दो बार सेवन करने से गर्भपात हो जाता है।

दो से चार हफ्तों की गर्भ को गिराने के लिए, 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी के साथ उबालें पानी आधा रह जाने पर उसे छानकर उसका सेवन करें जब तक ब्लीडिंग शुरू ना हो तब तक दिन में दो से तीन बार इस पानी का सेवन करने से गर्भ गिर जाता है।

ग्रीन टी के अधिक सेवन से भी गर्भपात हो जाता है ।

अधिक मात्रा में दालचीनी तथा काली मिर्च का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।केले की पत्तियों और बबूल की फलियों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर नियमित रूप से सेवन गर्भ गिराने का तरीका है।

कॉफी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से भी गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।

तुलसी के पत्तों और उसके बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से गर्भपात होता है।

तीन से चार चम्मच अजवायन को गुड़ के साथ मिलाकर दो गिलास पानी में उबालें और इस पानी को छानकर अजवायन के पानी का दिन में 2 बार सेवन गर्भ गिराने का तरीका है ।

उछल कूद और अधिक मात्रा में व्यायाम करने से भी गर्भपात हो जाता है।

गर्भपात सही है या गलत

खैर यहाँ सवाल यह नही है कि गर्भपात सही है या गलत। या फिर गर्भपात का कौन सा तरीका सही है? अजवाइन से गर्भपात प्राकृतिक गर्भपात की श्रेणी में आता है?
यहाँ हम बात प्राकृतिक तरीके से गर्भपात की कर रहे हैं। हर तरीके के गर्भपात की अपनी कुछ सीमाएं होती हैं।

अजवायन से गर्भपात केवल तभी हो सकता है जब ज्यादा दिन न चढ़े हो। दस बीस दिन ऊपर होने पर अगर अजवायन से गर्भपात करतें हैं तो गर्भपात की प्रतिशत दिन बढने के साथ कम होने लगती है। अगर एक महीने से ज्यादा हो जाता है तो अजवायन से गर्भपात नहीं हो पाता।

ऐसी महिलाएं जिन्‍हें अस्‍थमा, हाई ब्‍लड प्रेशर, मधुमेह, मिर्गी और किडनी की समस्या हो उन्हें अजवायन से गर्भपात से बचना चाहिए।

इससे पहले कि हम अजवायन से गर्भपात कैसे करें ये जाने आइए जानते हैं गर्भपात की प्रकिया को गर्भ ठहरने की स्थिति में गर्भाशय में भ्रूण बनना शुरू हो चुका होता है। भ्रूण के बनने से पहले ही भ्रूण के शरीर से निष्कासन की प्रक्रिया को गर्भपात कहते हैं। गर्भपात का विरोध भी इसीलिए होता है कि तर्क यही दिया जाता है कि किसी के जीवन को नष्ट करने का अधिकार किसी को भी नही है।

क्यों हम अपने बच्चे का जीवन स्वंय ही नष्ट कर रहे हैं?

हमारे देश में परिस्थितियों पर गर्भपात निर्भर करता है कि गर्भपात कानूनी है या गैरकानूनी। लेकिन पश्चिमी देशों में गर्भपात को कानूनी माना जाता है। लेकिन फिर भी कुछ देशों में काफी नियमों का पालन करना होता है। अब हम बात करते हैं अजवायन से गर्भपात कैसे करें।

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?-Ajwain Se Garbhpat kaise kare

अजवायन एक मसाला होता है जिसकी तासीर काफी गरम होती है। इसका यह गुण ही अजवायन से गर्भपात के लिए सहायक होता है। यह नुस्खा पर तभी काम करता है जब कुछ दिन ही ज्यादा हुए हो।

अजवाइन से गर्भपात के तरीके-Garbhpat Karne Ke Gharelu Upay

अजवायन और जीरे के साथ

रात को सोते समय अजवायन और जीरे को भुन कर गर्म पानी के साथ लेने पर गर्भपात हो जाता है। इस नूस्खे को तब तक आजमाते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की चाय से

एक चम्मच अजवायन को आधा चम्मच हल्दी पाउडर व आधा चम्मच सौंठ पाउडर डालकर दो कप पानी में डालकर उबाल ले। जब पानी एक कप रह जाये तो उसे गरम गरम पी ले। इस चाय को तब तक पीये जब तक कि महावारी शुरू न हो जाये।

जानिए: जानिए बिना किसी दवा के अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे

अजवायन के परांठे

आटे में अजवायन हींग व हल्दी मिलाकर उसके परांठे सुबह-सुबह नाश्ते में लेने से भी गर्भपात हो जाता है। यह नाश्ता तब तक करते रहिये जब तक कि गर्भपात न हो जाये।

अजवायन की फंकी लेने से

अजवायन को भून लें। साथ ही हींग व हल्दी को भी भुन लें। इन तीनों चीज़ो को एक साथ मिलाकर एक खाली डिब्बे में भर लें। तीनों समय खाना खाने के बाद इस फंकी को मुखवास की तरह लें। ऐसा करने से गर्भपात हो जाता है। जब तक गर्भपात नही होता तब तक इस फंकी का सेवन करते रहे।

जानिए: इलायची से गर्भपात कैसे करें?

अजवायन से गर्भपात के अपने नुकसान भी हो सकते हैं। क्योंकि है तो यह बिना किसी विशेषज्ञ की देखरेख के बिना। आइये तो नजर डालते हैं अजवायन से गर्भपात की जटिलताओं पर

  • अजवायन से गर्भपात करने पर बहुत ज्यादा रक्त स्राव हो सकता है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में बहुत कमज़ोरी हो सकती है।
  • अजवायन से गर्भपात करने पर शरीर में गर्मी हो सकती है।

जानिए: जानिये गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi

गर्भावस्था में अजवाइन के फायदे – Pregnancy Me Ajwain Ke Fayde

पाचन तंत्र को सुधारती है

गर्भावस्था में अजवाइन खाने के फायदे (Ajwain Khane Ke Fayde) में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है। इसमें मौजूद थाइमोल (Thymol) पेट में गैस, अपच और एसिडिटी को दूर करता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को राहत मिलती है।

वजन नियंत्रण में सहायक | Ajwain Pani Peene Ke Fayde

गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन अजवाइन का पानी पीने के फायदे (Ajwain Ke Pani Ke Fayde) इस दौरान भी लाभदायक हो सकते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। हालांकि, गर्भावस्था में किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

जोड़ों और कमर दर्द से राहत | Ajwain Ke Gun

गर्भावस्था में अजवाइन का काढ़ा पीने के फायदे (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गठिया (Arthritis) और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और गर्भावस्था में होने वाले पीठ और कमर दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ठंड और खांसी में राहत

गर्भावस्था में ठंड और खांसी से राहत पाने के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Ka Upyog) बहुत फायदेमंद हो सकता है। अजवाइन पानी पीने के फायदे (Ajwain Pani Peene Ke Fayde) में से एक यह है कि यह गले की खराश और बलगम को दूर करता है, जिससे सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

गर्भावस्था में हार्मोनल बदलावों के कारण त्वचा और बालों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। अजवाइन के बीज (Ajwain Ke Beej) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार बनाते हैं और बालों की रूसी और झड़ने की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

नोट : गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन सीमित मात्रा में करें और किसी भी नई चीज़ को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

गर्भावस्था में अजवाइन के नुकसान | Ajwain Ke Nuksan

तेज एसिडिटी और जलन

अजवाइन का अत्यधिक सेवन पेट में जलन और एसिडिटी बढ़ा सकता है, जो पहले से ही गर्भवती महिलाओं में आम समस्या होती है। यह पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को बढ़ा सकता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसान

प्रेगनेंसी में अजवाइन खाना चाहिए या नहीं? (Pregnancy Me Ajwain Khana Chahiye?) यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।अगर आप सोच रहे हैं कि pregnancy me ajwain kha sakte hai, तो इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कितनी मात्रा में और किस तरह से खा रहे हैं। अधिक मात्रा में अजवाइन खाने से गर्भ गिर सकता है (Ajwain Khane Se Garbh Gir Jata Hai Kya) इसलिए गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है

अजवाइन का अधिक सेवन रक्तचाप (Blood Pressure) को कम या बढ़ा सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को चक्कर, कमजोरी या सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

एलर्जी और त्वचा पर दुष्प्रभाव

कुछ महिलाओं को अजवाइन से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते या जलन हो सकती है। यदि अजवाइन खाने के बाद ऐसी कोई प्रतिक्रिया हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अजवाइन खाने का सही तरीका | Ajwain Khane Ka Tarika

  1. खाली पेट अजवाइन पानी पिएं (Khali Pet Ajwain ka Pani Peene Ke Fayde) – 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच अजवाइन डालकर पिएं।
  2. अजवाइन का काढ़ा बनाएं (Ajwain Ka Kadha Peene Ke Fayde) – इसमें हल्दी और शहद मिलाकर सेवन करें।
  3. अजवाइन को चबाकर खाएं (Ajwain Khane Ke Fayde) – पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  4. अजवाइन का तेल (Ajwain Oil) – त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद।

निष्कर्ष
अजवाइन के फायदे और नुकसान (Ajwain Ke Fayde Aur Nuksan) को समझकर ही इसका सेवन करें। यह सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से नुकसान भी हो सकता है। अगर आप इसे वजन घटाने, पाचन सुधारने या रोगों से बचने के लिए ले रहे हैं, तो संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य प्रश्न

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

 

मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज-monkeypox in hindi

मंकी पॉक्स कितना है गंभीर, क्या है लक्षण और इलाज

शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने चिकेन पॉक्स के बारे में नहीं सुना होगा! चिकेन पोक्स मतलब चेचक। लेकिन क्या आपने मंकी-पॉक्स (Monkeypox) का नाम सुना है। कोविड से दुनियाभर के देश अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नई दुर्लभ बीमारी मंकी पोक्स ने दस्तक दे दी है। चेचक से इसकी तुलना इसलिए ही की जा रही है कि ये भी वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है।

अमेरिका और यूरोप में एक दुर्लभ संक्रमण के उभरने से वैज्ञानिक चिंतित हैं, इस बीमारी का नाम है- मंकीपॉक्स। गनीमत है कि भारत में अभी तक इससे संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है।

विभिन्न देशों से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए हैं।

मंकी-पॉक्स (Monkeypox) कैसा फैलता है

ये वायरस संक्रमण से फैलता है, मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आँख, नाक और मुँह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकी पॉक्स के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जानकारों की मानें ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ सकता है।

मंकी-पॉक्स (Monkeypox) के लक्षण क्या हैं –

मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

बुखार
बुखार

इस बीमारी का इतिहास क्या है

पहली बार साल 1958 में ये वायरल इन्फेक्शन बंदर में पाया गया था। इंसानों में पहली बार ये बीमारी 1970 में सामने आई थी। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था। खास बात ये है कि, उस दौरान 75 फीसदी मरीज पुरुष थे। ये एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसने अबतक अधिकतर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में अपना जोर दिखाया है।

वर्तमान में हालात

वर्तमान समय में, अभी तक ब्रिटेन में इसका पहला मरीज 7 मई को मिला था। फिलहाल यहाँ मरीजों की कुल संख्या 9 है। वहीं, स्पेन में 7 और पुर्तगाल में 5 मरीजों की पुष्टि हुई है। अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में मंकी पॉक्स के 1-1 मामले सामने आए हैं। साथ ही कनाडा में 13 संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। बेल्जियम में शुक्रवार को 2 मामले सामने आए हैं।

मंकीपॉक्स का इलाज कैसे होता है

मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं, जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है. रोगियों को अलग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का उपयोग करके हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा निगरानी की जाती है. हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।

अभी तक ये यह वायरस ज्यादा खतरनाक साबित नहीं हुआ, पश्चिम अफ्रीका में कुछ मौतें हुई हैं, इसलिए मंकीपॉक्स के मामले भी गंभीर हो सकते हैं, हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा खतरा नहीं है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है।

विशेष

विशेष तथ्य ये निकलकर आ रहा है कि ये समलैंगिकों पर भारी पड़ रहा है, मीडिया रिापाोर्ट्स में यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) का हवाला देते हुए कहा है कि, ब्रिटेन में अब तक मिले मंकी पॉक्स के ज्यादातर मामलों में मरीज वे पुरुष हैं, जो खुद को ‘गे’ या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई करते हैं। हालांकि, अबतक मंकी पॉक्स को यौन संक्रामक बीमारी नहीं माना गया है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि समलैंगिकों में ये सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से फैलती हो।

क्या है लू लगने के लक्षण व उपचार-loo lagne ke lakshan aur upay

क्या है लू लगने के लक्षण व उपचार

loo lagne ke lakshan aur upay

गर्मियों के मौसम में जब कोई व्यक्ति ज्यादा देर तक धूप के में रहता है तो उसका सिर और चेहरा गर्म हवाओं के संपर्क में आता है इसके कारण उसके शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है और  बेचैनी होने लगती है इसे लू लगना कहते हैं । लगातार 40 डिग्री से अधिक तापमान के संपर्क में रहने पर लू लग सकती है।

लू के लक्षण-loo lagne ke lakshan

लू लगने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है , बेचैनी होने लगती है, उल्टी होना, सिरदर्द और चक्कर आने लगते हैं । कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है । आप शुरुआत में लू के लक्षण हल्के होते हैं परंतु यदि वक्त रहते इलाज न किया जाए तो गंभीरता बढ़ सकती है । लू लगने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है अधिक तापमान होने पर भी शरीर से पसीना नहीं निकलता है, कभी-कभी लू के लक्षण विपरीत भी हो सकते हैं जिसमें बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना निकलना शुरू हो जाता है । शरीर का तापमान बढ़ने पर त्वचा का रंग भी लाल हो जाता है । लू लगने पर दस्त भी लग सकती है । उल्टी और दस्त होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटेशियम की कमी हो जाती है । जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वह लोग लू लगने पर बेहोश तक हो जाते हैं ।

बच्चों को लू लगने के लक्षण-loo lagne ke lakshan in hindi

बच्चों में लू लगने का खतरा अधिक होता है। बच्चों को लू लगने पर उनके शरीर का तापमान बढ़ जाता है इसके अलावा बच्चों को लू लगने के लक्षण हैं सांसो का तेजी से चलना, बार-बार प्यास लगना, चिड़चिड़ापन,होंठ सूखना, त्वचा का लाल और शुष्क होना, चक्कर आना, सिर दर्द ,उल्टी दस्त, सुस्ती अथवा बेहोशी आदि होते हैं ।

चक्कर आना
चक्कर आना

लू लगने के घरेलू उपचार

हर साल गर्मियों के मौसम में तापमान की अधिकता के कारण कई लोग लू की चपेट में आ जाते हैं और कुछ लोगों की मृत्यु तक हो जाती है। कहते हैं सावधानी ही बचाव है इसलिए आइए जानते हैं गर्मियों के मौसम में लू लगने से कैसे बचा जा सकता है

  • ज्यादा देर धूप में रहने से बचें । ज्यादा देर धूप में रहना है तो छाते का इस्तेमाल करें।
  • गर्मियों के मौसम में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकले।
  • समय-समय पर पानी पीते रहे ,शरीर में पानी की कमी ना होने दें। यदि घर से बाहर निकल रहे हैं तो अपने साथ एक बोतल पानी अवश्य रखें।
  • हल्के रंगों वाले आरामदायक सूती कपड़े पहनें ।
  • पूरी बाजू के कपड़े पहने और नंगे पांव ना निकलें।
  • मौसमी फलों जैसे खरबूज, तरबूज इत्यादि का सेवन करें । इनमे में अत्यधिक मात्रा में पानी पाया जाता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

लू लगने पर क्या करें

सबसे पहले व्यक्ति को किसी छायादार स्थान पर लेकर जाकर लिटाएं। शरीर को ठंडा रखने के लिए गीले कपड़े से शरीर को पोछें । यदि व्यक्ति ने टाइट कपड़े पहन रखे हैं तो उन्हें ढीला कर दें । खिड़की दरवाजे खोल दें और ताजी हवा आने दें । कूलर अथवा एसी है तो ऑन कर दें। आराम महसूस होने पर व्यक्ति को तुरंत सादा पानी अथवा ओ आर एस का घोल पिलाएं। यदि व्यक्ति बेहोश हो गया है या गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं ।

लू लगने के घरेलू उपचार

लू लगने पर अधिकतर घरेलू उपायों द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं लू लगने के घरेलू उपचार कौन-कौन से हैं

  • लू के लक्षण लगने पर आम के पने का सेवन सबसे ज्यादा लाभदायक होता है ।
  • प्याज को भून कर उसमें पिसी हुई मिश्री और भुना हुआ जीरा मिलाकर खाने से लू में फायदा होता है। रोजाना कच्चे प्याज का सेवन करने से लू नहीं लगती ।
  • लू लगने पर नींबू पानी बनाकर पीने से भी लाभ मिलता है ।
  • पैरों के तलवे पर पुदीने की पत्तियों को पीसकर लगाने से लू में लाभ मिलता है।
  • कच्चे नारियल की गिरी को पीसकर उसके रस में काला नमक मिलाकर पीने से भी लू में तुरंत आराम मिलता है । इसके अलावा नारियल पानी के सेवन से भी लू लगने में फायदा होता है।
  • सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसलिए सौंफ के पानी में थोड़ा सा पुदीने का रस मिलाकर देने से भी लाभ होता है ।
  • लू लगने पर व्यक्ति को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी, छाछ, फलों का रस आदि देते रहे ।

यदि लू लगने पर गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं जैसे शरीर का सुन्न पड़ना, बेहोशी आदि ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास ले कर जाएं ।

गर्भपात से जुड़े कुछ सामान्य सवाल और जरूरी जानकारी (भाग-2)

गर्भपात से जुड़ी जानकारी

कई बार इंटरकोर्स के बाद अनचाहे गर्भ का खतरा बढ़ जाता है। कुछ सावधानियों के साथ नियमित अंतराल में गर्भपात भी किया जा सकता है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ तरीकों और उनसे जुड़े कुछ आवश्यक सवाल के बारे में बताने जा रहे हैं।

बता दें कि प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद तक अबॉर्शन किया जा सकता है। इसके बाद गर्भपात महिला की जान के लिए खतरा बन सकता है। इसके अलावा 18 साल से कम और 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का गर्भपात बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

गर्भ गिराने के लिए पपीता कैसे खाएं?

गर्भ गिराने के लिए पपीते का सेवन एक कारगर नुस्खा है। गर्भ गिराने के लिए कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिए । कच्चे पपीते में लेटेक्स नामक पदार्थ की अधिकता होती है जो गर्भाशय को संकुचित करता है जिसके कारण गर्भपात हो जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है ।

प्रेगनेंसी नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए?

वैसे तो मातृत्व सुखद एहसास है लेकिन अनचाहा गर्भ कोई नहीं चाहता । आइए जानते हैं प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू नुस्खे यदि आप प्रेगनेंसी नहीं चाहती हैं तो असुरक्षित संभोग के बाद शलजम का सेवन करें गर्भधारण को रोकता है । इसके अलावा पपीते के बीज,आंवला,अदरक आदि के सेवन से भी अनचाहा गर्भ रोका जा सकता है। अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए नीम का तेल के कारगर उपाय है इसे वेजाइना में क्रीम के रूप में लगाकर अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता है । सेक्स के बाद अजमोद के पानी का कुछ समय तक सेवन करने से भी गर्भ नही ठहरता। इन सभी घरेलू नुस्खे उनके अलावा कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, कॉपर टी आदि कई सारे विकल्प बाजार में मौजूद हैं जिनके माध्यम से अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता है ।

गर्भपात के लिए काढ़ा कैसे बनाएं?

गर्भपात के लिए कई सारे घरेलू नुस्खे उपलब्ध है परंतु उनमें से तुलसी का काढ़ा सबसे कारगर उपाय है। आइए जानते हैं गर्भपात हेतु तुलसी का काढ़ा कैसे बनाएं सामग्री दो कप पानी एक टुकड़ा अदरक 4 से 5 लौंग काली मिर्च पांच से छह पांच से छह तुलसी पत्ती दो चम्मच शहद दालचीनी 1 इंच विधि सबसे पहले एक पतीले में दो कप पानी डालकर गर्म करने के लिए रखें । अदरक , लौंग ,काली मिर्च ,तुलसी की पत्तियों और दालचीनी का पेस्ट बनाएं ।अब इस फेस को पानी में डालकर 15 से 20 मिनट तक उबालें। थोड़ा ठंडा होने दें और कप में छान कर दो चम्मच शहद मिलाएं और सेवन करें । इस काढ़े का सेवन दिन में दो बार करें ।

क्या खाने से मिसकैरेज होता है?

गर्भावस्था के दौरान कुछ ऐसी चीजें होती है जिनका सेवन करने से गर्भपात हो सकता है । आइए जानते हैं, वो चीजें कौनसी हैं - *कच्चा पपीता - कच्चे पपीते में लेटेस्ट नामक पदार्थ पाया जाता है जो गर्भपात का कारण हो सकता है । *कच्चा अंडा - कच्चे अंडे से सेलमोनेन संकर्मण का खतरा होता है जिससे गर्भपात हो सकता है । इसके अलावा कैफीन ,अल्कोहल ,अधपका या प्रोसेस्ड मीट,एलोवेरा, अन्नानास,सहजन, तिल जैसे गर्म प्रकृति की चीजों के सेवन से गर्भपात होता है ।

बच्चा कैसे गिराना चाहिए?

गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में बच्चा गिराने के तरीके - गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में बच्चा गिराने के लिए घरेलू नुस्खा का प्रयोग किया जा सकता है। घरेलू नुस्खे पपीते का सेवन, तुलसी के काढ़े का सेवन आदि कुछ कारगर उपाय हैं । 2 से 4 महीने की गर्भावस्था में बच्चा गिराने के तरीके - गर्भावस्था के समय अवधि यदि 2 महीने से अधिक हो गई हो तो इसके लिए घरेलू नुस्खा के स्थान पर अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेकर गर्भपात की गोलियां, डी एन सी अथवा डॉक्टर द्वारा सुझाए गए अन्य तरीकों का प्रयोग कर बच्चा गिरवाना चाहिए । 6 महीने की गर्भावस्था में बच्चा गिराने के तरीके -6 महीने की गर्भावस्था तक भ्रूण का विकास काफी अधिक हो चुका होता है अतः इस अवस्था में बच्चा गिराने की किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और यदि बहुत जरूरी हो तभी बच्चा गिराने के बारे में सोचना चाहिए ।

क्या पपीता खाने से गर्भ गिर जाता है?

गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने को लेकर कई सारे तर्क दिए जाते हैं। ये सही है की गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में कच्चे पपीते का सेवन गर्भपात का खतरा पैदा करता है । कच्चे पपीते में लेटेस्ट नाम का पदार्थ पाया जाता है जिसे कारण गर्भाशय सिकुड़ जाता है जिससे गर्भपात हो सकता है । गर्भावस्था के दौरान पापा पपीता खाया जा सकता है परंतु उसकी मात्रा बहुत ही सीमित होनी चाहिए ।

पेट में बच्चा कैसे खराब होता है?

पेट में बच्चा खराब होने के तीन प्रमुख कारण माने गए हैं 1. प्लेसेंटा अथवा गर्भनाल शिशु को पोषक तत्व, और ऑक्सीजन मिलती है यदि गर्भनाल में किसी प्रकार की समस्या होती है तो शिशु का विकास रुक जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा कभी-कभी गर्भनाल भशिशु की गर्दन की चारों ओर लपेट जाती है जिसके कारण भी शिशु की मौत हो जाती है । 2. यदि गर्भवती महिला किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी की समस्या अथवा हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड , डायबिटीज से ग्रसित है तब भी कभी-कभी बच्चा पेट में मर जाता है । 3. इन सबके अलावा अधिक मात्रा में धूम्रपान करने , अल्कोहल का सेवन करने या डिप्रेशन के कारण भी गर्भ में बच्चे की मौत हो जाती है ।

10 दिन का गर्भ कैसे गिराया जाता है?

10 दिन के गर्भ हो गिराना आसान होता है । 10 दिन के गर्भ को गिराने के घरेलू नुस्खा प्रयोगी सर्वोत्तम होता है। इसके लिए कच्चे पपीते का सेवन किया जा सकता है इसके अलावा तुलसी के काढ़े से भी से भी गर्भपात हो जाता है। अधिक मात्रा में शारीरिक श्रम करने से, उछल कूद करने से तथा गर्म प्रकृति की चीजों जैसे तिल, अजवाइन आदि का सेवन करने से भी 10 दिनों के गर्भ को गिराया जा सकता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा पपीता, कच्चा अंडा से गर्भपात हो सकता है। इसके अलावा कैफीन ,अल्कोहल ,अधपका या प्रोसेस्ड मीट,एलोवेरा, अन्नानास,सहजन, तिल जैसे गर्म प्रकृति की चीजों के सेवन से गर्भपात होता है ।

गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें घरेलू उपाय हिंदी?

यदि आप प्रेगनेंसी नहीं चाहती हैं तो असुरक्षित संभोग के बाद शलजम का सेवन करें गर्भधारण को रोकता है । इसके अलावा पपीते के बीज,आंवला,अदरक आदि के सेवन से भी अनचाहा गर्भ रोका जा सकता है। सेक्स के बाद अजमोद के पानी का कुछ समय तक सेवन करने से भी गर्भ नही ठहरता।

क्या चीज खाने से गर्भपात हो जाता है?

*कच्चा पपीता - कच्चे पपीते में लेटेस्ट नामक पदार्थ पाया जाता है जो गर्भपात का कारण हो सकता है । *कच्चा अंडा - कच्चे अंडे से सेलमोनेन संकर्मण का खतरा होता है जिससे गर्भपात हो सकता है । इसके अलावा कैफीन ,अल्कोहल ,अधपका या प्रोसेस्ड मीट, एलोवेरा, अन्नानास, सहजन, तिल जैसे गर्म प्रकृति की चीजों के सेवन से गर्भपात होता है ।

प्रेगनेंसी में गाजर के बीज खाने से क्या होता है?

प्राचीन काल से गाजर के बीजों का सेवन गर्भनिरोधक के रूप में किया जा रहा है । गाजर के बीजों की प्रकृति गरम होती है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इनका सेवन करने से गर्भपात होने की संभावना हो सकती है । गाजर के बीजों के स्थान पर गाजर का सेवन गर्भावस्था के दौरान लाभदायक होता है।

 

गर्भपात से जुड़े कुछ सामान्य सवाल और जरूरी जानकारी (भाग-1)

गर्भपात

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें। कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है।

6 महीने का गर्भ कैसे गिराए?

यदि आप अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं तो इसके लिए शुरुआती 5से 6 हफ्ते का समय सबसे उचित रहता है इसके बाद जैसे-जैसे वक्त बढ़ता जाता है जटिलताएं बढ़ने लगती है । 6 महीने का गर्भ काफी बड़ा होता है इसलिए इसे गिराने के लिए किसी प्रकार के घरेलू उपाय ना अपनाएं यह गर्भवती के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है । 6 महीने के गर्भ को गिराने के लिए डॉक्टर की मदद से ही हॉस्पिटल में गर्भपात करवाएं ।

गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

यदि आपने गर्भपात के लिए अबॉर्शन किट का प्रयोग किया है किया है तो ब्लीडिंग बंद होने के तीन से चार हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए या सटीक परिणाम देता है परंतु अगर आप जल्दी परिणाम जानने की इच्छुक हैं तो आपको गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करके अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इसके अलावा यदि आप गर्भपात के बाद गर्भधारण हेतु प्रयास कर रही हैं तो पीरियड मिस होने के हफ्ते भर बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना सही परिणाम देता है ।

बार बार गर्भपात करने से क्या होता है?

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कई जोड़े बार बार गर्भपात का सहारा लेते हैं। बार बार गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा कमजोर हो जाती है किसी कारण अगली बार गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की कमी, इन्फेक्शन ,रक्तस्राव, संक्रमण, ऐंठन, एनेस्थेसिया से संबन्धित जटिलताएं, एम्बोलिज़्म, गर्भाशय में सूजन, एंडोटोक्सिक शॉक आदि कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए बार बार गर्भपात कराने के स्थान पर परिवार नियोजन के तरीके अपनाकर गर्भधारण को रोकना ही ज्यादा कारगर उपाय है।

जानिए क्या है बेटनोवेट सी के फायदे – Betnovate c uses in hindi

बेटनोवेट सी के फायदे

बेटनोवेट सी स्किन क्रीम जो शायद एक ऐसी क्रीम है जो लगभग हर घर मे मिलती है। बेटनोवेट सी एक कॉर्टिकोस्टेरॉयड ड्रग है।साधारणतया यह त्वचा पर होने वाली किसी भी प्रकार की एलर्जी के लिए प्रयोग की जाती है। बेटनोवेट से गोरे होते है ये मिथक भी काफी प्रसिद्ध है। पर हम आपको बता दे को बेटनोवेट सी त्वचा को गोरा करने का कोई दावा नही करता। अगर आप लगातार अपने चेहरे पर बेटनोवेट सी का प्रयोग कर रहे है, तो सावधान रहे। ये आपको गोरा करने की बजाय अन्य नुकसान कर सकती है। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन द्वारा निर्मित बेटनोवेट सी क्रीम के बारे में ही आज ये आर्टिकल हैं। आज हम आपको बताएंगे कि बेटनोवेट सी कहाँ कहाँ इस्तेमाल होती है, बेटनोवेट सी क्रीम के फायदे और नुकसान, बेटनोवेट सी कैसे काम करती है, बेटनोवेट सी क्रीम चेहरे पर लगाने से क्या होता है और इसके क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं।

बेटनोवेट सी क्रीम के फायदे और नुकसान

बीटामेथासोन

बीटामेथासोन वैलेरेट स्टेरॉयड नामक दवाओं के एक समूह से संबंधित है। यह सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है।

क्लीओकुइनोल

क्लीओकुइनोल एक प्रकार का एंटी-संक्रमित दवा है। यह त्वचा के जीवाणु और फंगल संक्रमण से लड़ता है।

बेटनोवेट सी स्किन क्रीम कैसे काम करता है – Betnovate C Skin Cream Uses In Hindi

बेटनोवेट सी स्किन क्रीम एक कॉर्टिकोस्टेरॉयड ड्रग है। यह अपने एंटीबैक्टीरियल प्रभाव के कारण बैक्टीरिया को मारकर एलर्जी और खुजली आदि को दूर करता है।

बेटनोवेट सी लगाने के फायदे-Betnovate C Cream Ke Fayde In Hindi

बेटनोवेट सी कई प्रकार की त्वचा सम्बन्धी समस्याओं में फायदा करती है। आज हम आपको बताएंगे बेटनोवेट सी के फायदे, कुछ ऐसे, जिनके बारे में शायद आप न जानते हो।

त्वचा सम्बन्धी समस्याए, जैसे काले धब्बे के लिए बेटनोवेट सी

सोरयसिस [Psoriasis, खुजली [Eczema] Dermatitis [चमड़ी में खुजली दाद ], चर्म रोग [Skin disease], पिंपल्स के लिए बेटनोवेट सी [Pimple on the face], मुहाँसे[Acne], वल्गारिस, प्रुरिटस जैसी स्वास्थ्य समस्याए।

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मुहाँसे
मुहाँसे

विभिन्न संक्रमण

एथ्लीट फूट [Athletic foot पैरो में फंगल होना ] वेजिनल yeast infection योनि और योनि के मुख पर सूजन, तीव्र खुजली, खाज खुजली में, Herpes simplex [सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, जो मुँह और योनि के किनारों को प्रभावित्त करती है), कान में संक्रमण [Ear Infection], बैक्टीरियल इन्फेक्शन[Bacterial infection]

अन्य समस्याएं

रूमेटिक डिसऑर्डर[Rheumatic disorder] बुर्सिटिस, टेंडिनाइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस , रूमेटोइड गठिया, में सूजन और दर्द कम करने के लिए फैशियल हेयर, स्किन का जलने पर उपयोगी [Useful on skin burns], त्वचा पर होने वाले काले दाग धब्बे, जोड़ों की सूजन [joint inflammation] दाद ,मस्सा में उपयोगों, आंखों में होने वाले संक्रमण, एलर्जी, रसायनों के संपर्क में होने के कारण हुई आंखों की जलन, सूजन, जलने से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

बेटनोवेट-सी क्रीम का उपयोग आदि जैसी बीमारियों से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।

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बेटनोवेट सी क्रीम के नुकसान

हो सकता है आपको बेटनोवेट क्रीम के किसी इंग्रीडिएंट से आपको एलर्जी हो। ऐसे में इस क्रीम से आपको निम्न साइड इफ़ेक्ट हो सकते है।

  • चकत्ते
  • सूजन
  • जलन
  • खुजली
  • त्वचा की लाली
  • फफोले
  • त्वचा की जलन
  • त्वचा का सूखापन
  • मुँहासे
  • लाल चकत्ते पड़ना

बेटनोवेट सी स्किन क्रीम को प्रयोग करने से पहले ध्यान रखे ये बात

  • शुरू में त्वचा के छोटे से हिस्से पर बेटनोवेट क्रीम का प्रयोग करके देखे, यदि आपको कोई समस्या न हो तभी बड़े हिस्से पर इसका प्रयोग करे।
  • स्तनपान और प्रेग्नेंसी के समय इस क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • प्रेगनेंसी के दौरान इसका इस्तेमाल करने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • इस क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छे से धो लें।
  • इस क्रीम को बच्चों से दूर रखें।
  • बेटनोवेट सी क्रीम को केवल बाहरी उपयोग के लिए इस्तेमाल करे।
  • श्वास में अन्दर लेने से और निगलने से बचें
  • क्रीम को आंखों और मुंह के संपर्क में न आने दे
  • ज्यादा लम्बे समय तक प्रयोग न करे ।
  • बुजुर्गो और अस्थमा के रोगियों के लिए सोच समझ कर प्रयोग करे।
  • बहुत ज्यादा फंगल इन्फेक्शन होने, या थाइरोइड होने पर भी बेटनोवेट सी का इस्तेमाल न करें।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बेटनोवेट क्रीम का इस्तेमाल कैसे करें

बेटनोवेट सी क्रीम का उपयोग डॉक्टर के निर्देशानुसार ही करें। डॉक्टर की बताई गई खुराक के अनुसार और बताई गई अवधि के अनुसार इसकी इसे इस्तेमाल करें। इस्तेमाल करने से पहले लेबल की जांच कर ले और अच्छे से लेबल को पढ़ ले। इस्तेमाल करने के बाद हाथों को अच्छे से धो और यदि प्रभावित एरिया हाथों पर ही है तो हाथों को ना धोए।

बेटनोवेट क्रीम कैसे लगाते हैं?

बेटनोवेट क्रीम कई सारी दवाओं से मिलकर बनती है ,इसका प्रयोग स्किन इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है । बेटनोवेट क्रीम का प्रयोग त्वचा के शुष्क स्थान पर किया जाना चाहिए । क्रीम लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें, जहां क्रीम लगाना है उस त्वचा को भी साफ और सूखा कर लें । अब स्क्रीन की एक मोटी परत इनफेक्टेड जगह पर लगाएं और उसे खुला छोड़ दें ,जल्दी आराम के लिए इसे रात भर लगा कर रखें। इस क्रीम को आंख, नाक वह मुंह के सीधे संपर्क में ना आने दें, यदि गलती से ऐसा हो जाए तो तुरंत पानी से धो दें ।

बेटनोवेट एन लगाने से चेहरे पर क्या होता है?

बेटनोवेट - एन एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम है इसका प्रयोग केवल इंफेक्शन या घाव होने पर किया जाता है । बेटनोवेट -एन क्रीम का प्रयोग फेयरनेस क्रीम के रूप में नहीं करना चाहिए ।चेहरे पर बेटनोवेट -एन क्रीम को लगाने से कुछ समय के लिए ऐसा लगता है कि चेहरे पर निखार आ रहा है परंतु लगातार इसका प्रयोग करने से चेहरे का रंग काला पड़ सकता है और इस पर दाने निकल सकते हैं ।

बेटनोवेट सी कैसे यूज़ किया जाता है?

बेटनोवेट सी क्रीम का उपयोग बाहरी अंगों पर लगाने के लिए किया जाता है। इस क्रीम का प्रयोग करने के लिए त्वचा की प्रभावित हिस्से को साफ करके सुखा लें उसके बाद स्क्रीन की पतली परत प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर उसे खुला छोड़ दें, प्रभावित क्षेत्र पर किसी प्रकार की पट्टी ना बांधे , चाहे तो रात भर लगाकर भी रख सकते हैं। क्रीम का प्रयोग आंख, नाक, मुंह अथवा योनि पर ना करें। यदि गलती से भी इन क्षेत्रों पर क्रीम लग जाता है तो उसे तुरंत पानी से साफ करें। बेटनोवेट सी क्रीम एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम है इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह से ही करें ।

बेटनोवेट N क्रीम लगाने से क्या होता है?

बेटनोवेट एन क्रीम का प्रयोग त्वचा की समस्या जैसे सूजन, लालिमा, एग्जिमा , जहरीले कीड़ों के काटने अथवा सोरायसिस में किया जाता है। यह कई सारी दवाओं से मिलकर बनी एक एंटीबैक्टीरियल क्रीम है।यह क्रीम इन्फेक्शन के कारण पैदा होने वाले सूक्ष्मजीवों के खिलाफ एंटीमाइक्रोबियल एक्शन का कार्य करती है । दिन में दो बार डॉक्टर की सलाह के अनुसार क्रीम की पतली परत लगाने से त्वचा की खुजली जलन ,लालिमा ,सूजन दूर होती है।

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