कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये-Face Ko Kaise Nikhare

कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये

फेयरनेस टिप्स - Fairness Tips In Hindi

Face Ko Kaise Nikhare

चाहे वो लड़का हो या लड़की, आज कल हर कोई सुंदर दिखना चाहता है। हर कोई आज कल फेयरनेस चाहता है। लेकिन आज की इस भाग दौड़ भरी लाइफ स्टाइल में प्रदूषण और धूल-मिट्टी से बचना नामुमकिन है। ऐसे में चेहरे पर कील-मुंहासों के दाग, टैनिंग और झाइयों बड़ी ही आसानी से चेहरे की रौनक खत्म कर देती है। इन सब चीजों से छुटकारा पाने के लिए आपको पार्लर जाने की या महंगे केमिकल प्रोडक्ट्स की ओर रुख करने की जरूरत नहीं। आप कुछ आसान सी घरेलू ब्यूटी टिप्स को अपनाकर फेयरनेस पा सकते हैं और खूबसूरत दिख सकते है। तो आइये जानते है कैसे निखारे फेस की रंगत बिना फेशियल कराये।

Face Ko Kaise Nikhare | Gharelu Nuskhe For Face In Hindi

पानी

सुंदर और दमकती त्वचा पाने के लिए त्वचा को हाइड्रेट करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको खूब सारा पानी पीना चाहिए। पानी आपकी त्वचा को हाइड्रेट करता है और आपके शरीर में से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे आपकी त्वचा साफ हो जाती है। इसलिए एक दिन में कम से कम 8 ग्लास पानी जरूर पिए।

नींद

सुंदर दिखने के लिए ये जरूरी है कि आप कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर है। पूरी नींद लेने से थकान दूर होती है और आपकी त्वचा भी खिली – खिली नजर आती है।

केसर से पाएं निखार

केसर के अंदर एंटी बैक्टेरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते है जो आपकी त्वचा को हील करते हैं। इसके अलावा केसर विटामिन्स और मिनरल्स भी पाए जाते है जो आपकी त्वचा को पोषण देते हैं और रंगत को भी निखारते है।

सामग्री

  • एक चुटकी केसर का पाउडर
  • 2 चम्मच दूध
  • 1 चम्मच चंदन पाउडर

प्रयोग की विधि

अगर आपके पास केसर पाउडर नहीं है तो आप घर में ही इसे तैयार कर सकते है। इसके लिए केसर को बारीक पीस लें। केसर पाउडर के अंदर दूध डाले। अब इसे 7 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें। 7 से 10 मिनट बाद इसमें चंदन पाउडर मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। 20 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें।

एलोवेरा बचाए सनटैन से

एलोवेरा
एलोवेरा

एलोवेरा बहुत गुणकारी है। ये आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन ये आपकी स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। अगर आप सनटैन से बचना चाहती है तो आप रोज़ एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग कर सकते हैं। आप एलोवेरा जेल को सोने से पहले अपने चेहरे पर लगा ले।

करे फेस पैक का इस्तेमाल

निखरी त्वचा पाने के लिए आपको नियमित रूप से घरेलू फेस पैक का इस्तेमाल करना चाहिए। घरेलू फेस पैक ना सिर्फ आपकी फेस की रंगत को निखरता है साथ ही ये आपकी स्किन से डेड सेल्स को भी हटाता है। आप अपनी त्वचा के अनुसार फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते है।

नॉर्मल स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच मलाई
  • ½ चम्मच शहद
  • 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी
  • ½ चम्मच बेसन
प्रयोग की विधि

एक कटोरी में इन सभी सामग्री को मिक्स करके पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को सूखने तक अपने चेहरे पर लगा रहने दें। इसे सूखने में 20 से 30 मिनट का समय लगता है। सूखने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से अच्छे से धो ले। इस फेस पैक को हफ्ते में दो बार अपने चेहरे पर लगाएं।

सामग्री
  • 1 चम्मच मिल्क पाउडर
  • 1 चुटकी केसर
  • 1 चम्मच पानी
प्रयोग की विधि

मिल्क पाउडर में पानी मिलाकर इसमें केसर का पाउडर डालें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। बाद में ठंडे पानी से अपने चेहरे को धो लें।

ऑयली स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच शहद
  • 1 चम्मच नींबू का रस
  • 1 चम्मच खीरे का रस
  • ½ चम्मच आलू का रस
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिला कर अपने चेहरे के लिए फेस पैक बनाये और इस घरेलू फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं। इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें। 15 मिनट बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

सामग्री
  • 1 चम्मच अंगूर का रस
  • 1 चम्मच दही
  • 1 चम्मच जौ का आटा
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को अच्छे से मिला कर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और इसे 20 मिनट तक लगा रहने दें। अंगूर के रस में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपकी त्वचा को पोषण देते हैं। दही आपकी स्किन की पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है और आपकी स्किन को हाइड्रेट करता है। जौ का आटा आपकी स्किन के डेड सेल्स को हटाता है और जाए सेल्स की ग्रोथ में मदद करता है।

रूखी और ड्राई स्किन के लिए फेस पैक

सामग्री
  • 1 चम्मच दही
  • ½ चम्मच शहद
  • ½ चम्मच मलाई
  • 2 चम्मच आलू का रस
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिला कर अपने चेहरे के लिए फेस पैक बनाये और इस घरेलू फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं। अब इसे सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें। दही और आलू का रस अपने चेहरे को हाइड्रेट करता है। शहद अपने चेहरे को पोषण देता है और मलाई अपने चेहरे की त्वचा को मुलायम बनाती है।

सामग्री
प्रयोग की विधि

सभी सामग्री को मिलाकर पेस्ट बना लें और फिर इसे अपने चेहरे पर लगा ले। सूखने के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

चेहरा रखें साफ

अपने चेहरे को हमेशा साफ रखें। चेहरे को गंदे हाथो से ना छुए। जब भी बाहर से घर आएं तो अपने चेहरा पानी से जरूर धोए। इससे जो भी धूल या मिट्टी आपके चेहरे पर लगी होगी वो साफ हो जाएगी। ऐसा करने से आप पिंपल्स की समस्या से भी बच सकते है।

सुंदरता बढ़ाए नींबू

नींबू सुंदरता बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होता है। नींबू के अंदर विटामिन्स पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा को चमकदार बनाते है। आप नींबू और चीनी को मिलाकर उसे स्क्रब की तरह इस्तेमाल कर सकते है। इस स्क्रब से 15 मिनट तक अपने चेहरे पर मसाज करें और अपने चेहरे को पानी से धो लें। जहां नींबू आपका रंग निखरेगा वही चीनी आपके डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करेगी।

नींबू
नींबू

बेसन और दही से लाए निखार

बेसन और दही दो ऐसी चीज है जो आपकी फेस की रंगत को निखारने में बहुत मदद कर सकती है। बेसन आपका रंग निखरता है और दही आपके चेहरे को हाइड्रेट करती है।

आप इस तरह से इनका प्रयोग कर सकते है

सामग्री

  • 1 चम्मच बेसन
  • 1 चम्मच दही
  • 1 चुटकी हल्दी

प्रयोग की विधि

इन सभी चीज़ों को मिलाकर एक पेस्ट बना ले और इस पेस्ट को सूखने तक अपने चेहरे पर लगा रहने दें। इसके सूखने के बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें।

कच्चा दूध

रोज़ सुबह उठकर रूई की सहायता से कच्चा दूध अपने चेहरे पर लगाएं। इसे कुछ समय तक लगा रहने दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी की सहायता से धो दे। कच्चा दूध आपके फेस की रंगत को निखरता है। ये आपकी त्वचा को पोषण देता है और आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है।

केमिकल प्रोडक्ट्स को कहें ना

केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें। केमिकल प्रोडक्ट्स आपकी त्वचा को नुक़सान पहुंचा सकते है। इसलिए कोशिश करें कि कम से कम केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करे और अपने रुख नेचुरल प्रोडक्ट्स की ओर करें।

खानपान का रखे ध्यान

अपने खान पान का ध्यान रखें। फल और सब्जियों का सेवन करें। जंक फूड खाने से बचें। इसमें बहुत मात्रा में तेल होता है जिससे आपको मुहांसों या पिम्पल्स की समस्या हो सकती है। तला हुआ खाना भी खाने से बचें।

मगज क्या होता है?क्या होते है मगज के बीज के फायदे?Kharbuje Ke Beej Ke Fayde

मगज के बीज के फायदे

मगज क्या होता है?

खरबूजा एक ऐसा फल है, जो स्वाद में बेहतरीन होने के साथ ही, स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। पानी से भरपूर ये फल बॉडी को हाइड्रेट करने का बेहतरीन ऑप्शन है। इसकी खास सुगन्ध और स्वाद इसे अलग बनाते है। गर्मियों में आने वाला ये फल बच्चे बूढ़े सभी पसन्द करते है। जितना सेहतमंद खरबूजे का ये फल होता है, उससे ज्यादा फायदेमंद होता है खरबूजे के बीज। इस लेख में हम जानेंगे मगज क्या होता है और मगज के बीज के फायदे क्या है।

खरबूजे के बीज को छीलकर निकलने वाली गिरी को मगज कहते है। मगज एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन ए, सी और विटामिन ई भरपूर होता है। ये बहुत से रोगों और समस्याओं में लाभकारी होते है। मगज के बीज आंखों, कॉलेस्ट्रॉल, कैंसर जैसी समस्याओं के लिये भी उपयोगी हैं।

कैसे निकाले मगज के बीज

सर्वप्रथम खरबूजे का बीज वाला हिस्सा निकालकर पानी मे भिगो दें। 2 दिन के लिए भिगो कर रखे। अब एक बड़ी छलनी ले, छलनी में इन बीजो को डालकर वाटर के नीचे हल्के हाथों से रगड़े। धीरे धीरे छलनी में केवल बीज रह जाएंगे और सब एक्स्ट्रा गूदा बह जाएगा। अब इन बीजो को सुखाकर छील लें। स्वास्थ्यवर्धक मगज के बीज आपके सामने होंगे।

मगज के बीज के फायदे

प्रोटीन से भरपूर है मगज के बीज

आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि मगज़ के बीज, सोयाबीन जितना प्रोटीन रखते है। इसलिए अगर आप जिम जा रहे है, मसल्स बिल्ड करना चाहते है, मोटापा कम करना चाहते है या प्रोटीन डाइट पर है, तो मगज के बीज आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन है।

मगज के बीज आंखों का रखे ख्याल

मगज के बीज विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई से परिपूर्ण होते है। ये सभी विटामिन आंखों की हर समस्या में लाभकारी होते है। इसलिए अगर आपका ज्यादातर वक्त कम्प्यूटर या लैपटॉप पर बीतता है। या आप हाई स्टडी कर रहे है, तो मगज के बीजो अपने स्नैक्स में जरूर रखे।

आंख
आंख

हड्डियों को मजबूत बनाए मगज के बीज

मग़ज़ के बीज में बोन डेंसिटी बढ़ाने के गुण होते है। यदि आप हार्मोनल बदलाव से गुजर रही है तो, पूरी सम्भावना है कि आपकी बोन डेन्सिटी कम हो रही हो। खासकर मेनोपॉज़ के समय पर महिलाएं इससे जूझती है।

हड्डियों में दर्द होने पर, मगज के बीज को अपने रोज के ईटिंग डाइट में जरूर शामिल करें।

खरबूजे के बीज-मधुमेह से बचाव

टाइप 2 डायबिटीज भारत मे तेजी से पैर पसार रही है। और इसके मरीजो की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित है या आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है तो खास ध्यान रखे। मगज के बीजो का सेवन करे। मगज के बीज इन्सुलिन के स्तर को नियंत्रित रखते है।

खरबूजे के बीज-दिल को रखे हेल्थी

मगज के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड के नियमित सेवन से रक्त में वसा या ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम रहता है।तो यदि आप अपने दिल को स्वस्थ्य रखना चाहते है तो मगज के बीज का सेवन जरूर करे।

कफ दूर करें

मगज के बीज की तासीर गर्म होती है। इसी कारण ये आपकी छाती से कफ निकालने में मदद करते है। यदि ठंड या किसी संक्रमण से आपके छाती पर कफ जमा है तो मगज के बीजो का सेवन करे।

बालो और नाखूनों को रखें स्वस्थ्य

मगज के बीजो का हाई प्रोटीन बालो और नाखूनों को स्वस्थ बनाता है। यदि आप टूटते बालो और नाखूनों से परेशान है तो मगज के बीजो का सेवन जरूर करे।

पाचन सुधार कर मोटापा घटाए

यदि आप गैस अपच या कब्ज के कारण मोटापा घटाने में असमर्थ है, तो मगज के बीज आपके लिए परफेक्ट है। मगज के बीज हाई फाइबर युक्त होते है। इनका सेवन करने से इंटेस्टाइन का पेरिस्ताल्टिक मूवमेंट अच्छा होता है। जिससे कब्ज, गैस और अपच दूर होती है।

पेट भरा हुआ लगता है, जिससे जल्दी भूख नही लगती। साथ ही मगज के बीज एक्स्ट्रा एनर्जी मिलती है। इस एनर्जी के कारण वर्कआउट करने में भी आसान होता है।

प्रसूता स्त्री के लिए लाभदायक

कई वर्षों से मगज के बीज प्रसूता स्त्री के लिए इस्तेमाल किये जाते रहे है। गुड़ सोंठ के लड्डू हो या गुड़ अजवायन की पात, मगज के बीज उसमे शामिल होते ही है। ये स्त्री की डिलीवरी के बाद आई कमजोरी दूर करते है।

डिलीवरी के बाद हो रही ब्लीडिंग को खुल कर होने में मदद करटे है। जिससे गर्भाशय की सफाई अच्छे से होती है। प्रसूता स्त्री के पाचन को सही बनाए रखते है, खून बढ़ाते है, स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाते है।

तो ये थे मगज के बीज के फायदे। उम्मीद हैं इतने फायदे सुनने के बाद अब आप खरबूजे के बीजो को यूंही नही फेकेंगे।

सामान्य प्रश्न

मगज के बीज क्या काम आते हैं?

खरबूजा के बीज को छिल कर निकाले जाने वाली गिरी को मगज कहते है ।यह बहुत लाभकारी होता है साथ ही तरबूज , कद्दू और खीरा के बीज की गिरी को भी मगज के बीज ही कहते है । परन्तु बहुतायत में खरबूजा के बीज की गिरी को ही मगज के रूप में प्रयोग में लिया जाता है ।ये अमूमन मिठाई बनाने में ज्यादा प्रयोग होते है । और ये बहुत लाभदायक होते है ।

चार मगज कौन से होते हैं?

मगज खरबूजा के बीज की गिरी को कहते है। ये दिमाग तेज करते है साथ ही साथ बहुत शक्तिवर्धक होते है । मगज के बीज चार प्रकार के होते है । 1.तरबूज के बीज की गिरी की मगज कहते है । 2.कद्दू जिसे काशीफल भी कहते है उसके बीज की गिरी को भी मगज कहते है ।साथ ही खरबूजा के बीज की गिरी और खीरे के बीज की गिरी को भी मगज कहते है ।

मगज कितने रुपए किलो है?

मगज के बीज बहुत ज्यादा लाभकारी होते है इस कारण ये बाजार में थोडे महंगे दामों पर उपलब्ध होते है ।इसके दाम पैदावार पर होते है अगर औसत रही तो महंगा हो जाता है और अच्छी पैदावार होने पर एक कुन्टल बीज एक बीघा के हिसाब से रहता 14000से 15000 प्रति कुन्टल बाजार का भाव है । 1.बाजार में बीज की क्वॉलिटी के हिसाब के दाम से मिल जाते है।यह डायबिटीज 2 के लिये बहुत लाभकारी होता है तो अमूमन 150 रू से 200रू तक भाव मिल जाता है।

मगज खाने से क्या होता है?

मगज के बीजों बहुत पोषक तत्व होते है ये शरीर को ताकत और स्फुर्ति देते है। 1.ये बालों को लम्बा, घना , और मजबूत बनाते है ।साथ ही खून बढाते है शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते है । 2. ये बच्चों के लिये भी बहुत फायदेमंद होते है उनकी स्मरण शक्ति तेज करते है ।साथ ही बडो की भी । 3.यदि किसी की त्वचा शुष्क हो गयी है तो इसका नियमित सेवन करने से निखार आता है । थकान होने नहीं देते बहुत ताकत देते है । ये शरीर के लिये बहुत उपयोगी होते है ।

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क्यों होता है गर्भावस्था की पहली तिमाही में पेट दर्द

गर्भावस्था में पेट दर्द

गर्भावस्था के पहली तिमाही में पेट दर्द होना बहुत आम बात है। इसके कई कारण हो सकते है, गर्भावस्था मे गर्भाशय का आकार बड़ा होता है जिससे आंतों पर दबाव बढ़ता है, गर्भावस्था मे कब्ज होता है, पेट में मरोड़ उठती है। इन सबकी वजह से गर्भावस्था मे पेट दर्द होता है। गर्भावस्था के पहले माह में हल्का स्राव का अनुभव करना बहुत सामान्य है, क्योंकि अंडा स्वयं ही गर्भाशय में प्रत्यारोपित होता है। आरोपण प्रक्रिया स्पॉटिंग और ऐंठन का कारण हो सकती है।

कई बार पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द एसिडिटी के कारण भी होता है। इस दौरान राउंड लिगामेंट के स्ट्रेचिंग के कारण भी पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, जो बाद में पेट से नीचे जांघ से ऊपर वाले हिस्से में भी महसूस होता है। गर्भावस्था की शुरुआत में आमतौर पर पेट दर्द चिंता का कारण नहीं होते हैं। मगर, यदि साथ में अन्य लक्षण भी हों, तो आपको मदद कि जरुरत हो सकती है।

गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात हो जाना काफी आम है। दुर्भाग्यवश, पांच में से एक गर्भावस्था शुरुआत में ही समाप्त हो जाती है, क्योंकि शिशु उचित ढंग से विकसित नहीं हो रहा होता है।

गर्भावस्था की पहली तिमाही में पेट दर्द
गर्भावस्था की पहली तिमाही में पेट दर्द

पहली तिमाही में पेट दर्द के लक्षण

गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात होने का सबसे आम लक्षण रक्तस्त्राव होना है। यह रक्तस्त्राव कई दिनों तक रुक-रुककर हो सकता है। आपको शायद पेट में मरोड़, और योनि से तरल और उत्तक का स्त्राव भी हो सकता है। इस बारे में डॉक्टर को बताएं। आपकी स्थिति को समझते हुए वे आपको अस्पताल या क्लिनिक आने से पहले लेटने या फिर आराम से बैठने की सलाह दे सकती हैं।

  • अगर आपको वैसा दर्द हो रहा है जैसा पीरियड्स में होता है, साथ में ब्लीडिंग भी, तो ये गर्भपात का लक्षण हो सकता है।
  • अगर गर्भावस्था मे पेट दर्द के अलावा बार-बार जलन के साथ यूरीनेशन हो रहा है तो आपको यूटीआई हो सकता है।
  • अगर पेट में दर्द लगातार है, बहुत तेज़ है और वक्त के साथ बढ़ रहा है तो मुमकिन है कि गर्भनाल गर्भाशय से बाहर निकल गई हो।
  • अगर प्रेगनेंसी के छटे से दसवें सप्ताह के बीच बहुत तेज़ दर्द और ब्लीडिंग हो तो ये ऐक्टॉपिक (ectopic) प्रेगनेंसी के लक्षण हो सकते है।

पहली तिमाही में पेट दर्द के कारण

  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, यह पसलियों के निचले हिस्से और नाभि के बीच में होने वाला दर्द हो सकता है।
  • पेट के ऊपरी हिस्से के बाईं ओर दर्द, यह पसलियों के निचले हिस्से और नाभि के बीच में होने वाला दर्द होता है, जैसे प्लीहा, पैनक्रिया का अंतिम भाग, बाईं ओर की निचली पसलियां, बाएं गुर्दे, बड़ी आंत व पेट का एक हिस्सा आदि।
  • पेट के ऊपरी हिस्से के दाईं ओर दर्द, यह दाएं निप्पल से नाभि तक होने वाला दर्द होता है। इस ओर लिवर, फेफडे़ का निचला भाग, किडनी जैसे अंग होते हैं, इस वजह से कभी-कभी यह दर्द हो सकता है।
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द, यह नाभि से नीचे की ओर होने वाला दर्द है। यह दर्द किसी मेडिकल समस्या के चलते हो सकता है।
  • पेट के निचले हिस्से के बाईं ओर दर्द, यह निचले दाईं ओर के दर्द से ज्यादा आम है। इसका कारण किडनी का निचला हिस्सा, गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब व मूत्राशय की बनावट हो सकती हैं।
  • पेट के निचले हिस्से के दाईं ओर दर्द, यह पेट के निचले दाएं भाग में होना वाला दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और तेज भी। यह दर्द कभी-कभी बाईं ओर या पीछे की ओर भी फैल सकता है।

क्या है सटीक और असरदार तरीका मेथी से गर्भ गिराने का, मेथी से गर्भ कैसे गिराए?

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मेथी एक वनस्पति है जिसका पौधा एक फुट से छोटा होता है। इसकी पत्तियाँ साग बनाने के काम आतीं हैं तथा इसके दाने मसाले तथा दवाईं के रूप में प्रयुक्त होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बहुत गुणकारी है। भारतीय आमतौर पर मेथी के पौधे का उपयोग सब्जियों या पराठों में करते हैं। मेथी दाना मेथी के पौधे के सुनहरे-भूरे रंग के बीज होते हैं। भारत में मेथी के बीज और पाउडर का उपयोग काफी सदियों से किया जा रहा है, रोजमर्रा में खाने और किसी विशेष परिस्थिति में दवाई के तौर पर इसका सेवन किया जाता है। खाने के अलावा यह साबुन और शैम्पू जैसे उत्पादों में भी पाया जा सकता है।

मेथी के फायदे

मेथी दाना(साबुत, पाउड़र,और मेथी पानी) के बहुत फायदे हैं,मेथी को मधुमेह, मासिक धर्म में ऐंठन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य स्थितियों के नियंत्रण के लिए लिया जाता है।

मेथी प्राकृतिक रूप से एक एंटी-डिप्रेसेंट की तरह भी काम करती है।

मेथी फाइबर से भरी होती है । इसे आप किसी भी रूप में लें सब्जी और पराठें जो इसकी पत्तियों से बनते हैं, लड्डू जो मेथी दाने के पाउडर से बनते हैं और मेथी का पानी रात को मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगोकर रख दे तो सुबह तैयार हो जाता है।

मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा का बहुत आसानी से इससे इलाज हो जाता है लेकिन इसकी प्रकृति शुष्क और गरम होती है इसलिए इसको गर्भावस्था में बहुत ध्यान रखते हुए एक निश्चित मात्रा में खाया जाता है।

मेथी के बीज
मेथी के बीज

प्रेगनेंसी में मेथी

  • प्रेगनेंसी में सही मात्रा में मेथी खाने से फायदा होता है, अगर आपको diabetes हो चुका हैं तो अधिक आशंका है आपको गर्भकालीन मधुमेह होने की, मेथी blood sugar कम करने में बहुत कारगर होता है।
  • ये शरीर में इंसुलिन सक्रिय कर शुगर की मात्रा कम करता हैं तथा pregnancy diabetes में सहायता करता है।
  • इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो शिशु के मानसिक विकास में मदद करता हैं।
  • कुछ वैज्ञानिक परीकक्षणों में सामने आया, मेथी का सेवन महिलाओं में दूध उत्पादन करने वाले हार्मोन स्त्राव को बढ़ाता है।
  • ये प्रसव पीड़ा को भी कम करता है इसलिए इसका सेवन घर के बुजुर्ग और आयुर्वेदाचार्य प्रेगेनेंसी के आखिरी दिनों में कराते हैं।
  • और प्रसव के बाद तो इसका सेवन जच्चा को कराया ही जाता है जो सुरक्षित भी है, ये मासिक धर्म को सामान्य अवस्था में लाने में सहायक है।

यही कारण है कि अनचाही गर्भावस्था में भी बहुत सी महिलाएं गर्भपात करने के लिए इसका सेवन करती हैं, जो कि सुरक्षित तरीका नहीं है, और बिना चिकित्सीय देखभाल के तो इससे कईं अन्य परेशानियाँ भी हो सकती हैं लेकिन गर्भपात के घरेलू नुस्खों में मेथी का सेवन भी आम नुस्खा है।

वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कोई पुष्टिकरण नहीं जो कहे मेथी से गर्भपात होता है बल्कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करना, चाइल्ड डिफेक्ट और शिशु के विकास को बुरी तरह प्रभावित कर सकता हैं।

मेथी से गर्भ कैसे गिराए

सबसे पहली बात मेथी से गर्भपात नहीं होता, तथा गर्भपात के लिए इसके अत्यधिक सेवन से भी बचना चाहिए, फिर भी कुछ तरीके जो लोग मेथी से गर्भपात करने के लिए करते हैं,हम यहाँ बता रहे हैं –

मेथी पानी से गर्भपात

इसके लिए एक चम्मच मेथी के बीज ले, इसे एक गिलास पानी में रातभर भिगाए, तथा सुबह छानकर, इस पानी को आप खाली पेट सेवन करें!

मेथी पानी की तरह आप मेथी दानो का सेवन कर सकते है इसके लिए आप मेथी पानी के साथ इसके बीजों को भी खाएं।

मेथी के पत्तों का प्रयोग

आप फ्रेश मेथी के पत्तों का प्रयोग भी कर सकती हैं। इसके लिए एक मुट्ठी साफ मेथी के पत्ते लें, इसे सलाद के रूप में आप खा सकती है। कड़वाहट काम करने के लिए गुड़ के साथ सेवन करें। इन पत्तों से स्मूदी भी बनाया जाती है।

मेथी पाउडर

मेथी को पीसकर इसका पाउडर बनाए, इसे एक गिलास तरबूज रस के साथ मिलाए, थोड़ा नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। पाउड़र को गर्म दूध के साथ भी ले सकती है।

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मेथी कैप्सूल

आजकल मेथी कैप्सूल सप्लीमेंट भी आते हैं, आपको मेथी कैप्सूल बाजा़र में आसानी से मिल जाएंगे, ये कईं ब्रांड़ में उपलब्ध हैं जैसे झंडू, हिमालय, नैच़रस…आदि। इन सप्लीमेंट का उपयोग भी आप चिकत्सक की सलाह से कर सकते हैं।

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बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में पपीता, अजवायन, अन्नानास का रस, तुलसी का काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, लहसून, विटामिन सी, केले का अंकुर, अजमोद, कोहोश, गर्म पानी, बाजरा, गाजर के बीज, तिल, ग्रीन टी, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, अनार के बीज, कैमोमाइल तेल, काली चाय का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भपात से पहले सुनिश्चित कर लें कि क्या गर्भपात करना आवश्यक है, यहांँ आपको कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता है –

  • 10 सप्ताह से पहले अबॉर्शन कराए, 10 सप्ताह के बाद केवल सर्जिकल अबॉर्शन होता हैं ।
  • बिना योग्य निरीक्षक के कुछ ना करें।
  • आपातकाल के लिए मेडिकल हेल्प सुनिश्चित करें,
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
  • अधूरे गर्भपात में मेडिकल हेल्प जरूर लें
  • गर्भपात बाद अपनी केयर करें।

याद रखिए ये बहुत सेंसिटिव इशू है, आप जो भी करने जा रही हैं उसके बारे में पूरी तरह से जागरूक रहें और जान का जोखिम बिल्कुल भी ना उठाये।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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सरसो का तेल बालों के लिए

सरसों का तेल फॉर हेयर इन हिंदी

स्वस्थ लंबे और घने बालों के लिए हैं कुछ भी करते है, टाइम खराब करने वाले नुस्खों से लेकर जेब ढीली करने वाले ट्रीटमेंट तक। कभी कोई नुस्खा कारगर होता है कभी नही। केमिकल ट्रीटमेंट थोड़े समय के लिए आपके बालों को खूबसूरत बना सकते है, लेकिन उनके साइड इफ़ेक्ट बालो को पहले से बेकार कर देते है। ऐसे में इस पॉल्युशन और तनाव से होने वाले बालो के नुकसान से कैसे बचें जिससे लम्बे समय तक बेहतर परिणाम मिल सके। तो आइए आपको बताते है एक ऐसा तेल जो शायद हमारे पूर्वजों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया होगा।

वो है सरसो का तेल, शायद आप मे से बहुत लोगो ने ऐसे बुजुर्ग देखे होंगे जिनके बाल बुढ़ापे में भी सफेद नही हुए, पूछियेगा उनसे, जरूर सरसो का तेल इस्तेमाल करते होंगे। इसका कारण यह है कि सरसो के तेल में काफी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। ओमेगा 3 की भी काफी मात्रा इनमें पाई जाती है। ये सभी बालों को स्वस्थ बनाने में मददगार होते हैं। आइए बालों के लिए सरसों के तेल के फायदों के बारे में कुछ और जानते हैं।

Sarso Ke Tel Ke Fayde For Hair | सरसो के तेल के फायदे फॉर हेयर

नेचुरल कंडीशनर

बालों को नमी प्रदान करने वाले सभी जरूरी फैटी एसिड सरसो के तेल में होते है। इनके कारण बाल रूखे और बेजान नही दिखते। इसके अलावा ये तेल बालों की ग्रोथ तो बढ़ाता है।

सरसों का तेल फॉर हेयर ग्रोथ

बालो को सुंदर दिखाने वाले सभी हेयर ट्रीटमेंट में केमिकल का इस्तेमाल होता है जो नुकसानदेह है। ऐसे में बीटा कैरोटिन, फैटी एसिड, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर सरसो के तेल की मसाज बेहतरीन रिजल्ट देती है।

सरसों का तेल
सरसों का तेल

स्ट्रांग बालो के लिए

हमारी हेयर सेल्स पॉल्युशन के प्रति बहुत सेंसिटिव होती है, ऐसे में सरसों का तेल बहुत ही कारगर होता है। सरसों का तेल में सेलेनियम नामक एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होता है। यह सेल्स को प्रदूषण से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा यह स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है जिससे बाल जड़ से मजबूत होते हैं।

सफेद बाल अब नही

पॉल्युशन, तनाव, हार्मोनल इमबेलेन्स इन सब चीज़ों से बाल समय से पहले सफेद होने लगे है। अगर कोई तेल है जो आपके बालों को लम्बे समय तक काला रख सकता है तो वो है सिर्फ सरसों का तेल।

बालों को पोषण

अगर आपके हेयर फॉलिकल्स को सही से पोषण मिले तो बालो में कोई समस्या ही ना हो। सरसों का तेल हेयर फॉलिकल्स को पोषण प्रदान करता है, जिससे बाल कमज़ोर होकर नही टूटते ।

दो मुंहे बालों के लिए

सरसों का तेल बालों में लगाने के फायदे है दो मुंहे बालों से बचाव। रोज़ सरसो के गुनगुने तेल को हल्के हाथों से बालों में लगाने से दो मुंहें बालो से निजात मिलती है।

रूसी से बचाव

सरसों के तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। बालों में गरम सरसों के तेल से मालिश करने पर रूसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। नींबू और सरसों का तेल लगाने के फायदे हैं रूसी से बचाव।

बालो में चमक लाए

सरसो का तेल बालों को प्राकृतिक चमक ही नही देता बल्कि खोई हुई चमक लौटाता भी है, इसके लिए सरसो के तेल को हल्का गुनगुना करके मसाज करें और पूरी रात बालो में छोड़ दे। सुबह जब आप माइल्ड शैम्पू से सर को धोएंगे तो बेहतरीन चमक के साथ आपके बाल खिल उठेंगे।

सरसों के तेल को बालों में कैसे लगाएं?

  • थोड़े से नारियल तेल में कुछ मात्रा सरसों के तेल की मिलाए और बालों में मसाज करें। आधे घंटे के बाद सिर को गुनगुने पानी से धो लें।
  • सरसो के तेल में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाए और छोटी छोटी मांग निकालकर बालो की जड़ो में लगाए, ऐसे करने से कुछ ही हफ़्तों में रूसी से मुक्ति मिल जाती है।

सरसो का तेल बहुत ही आसानी से मिलने वाला और सस्ती दर पर मिलने वाला तेल है। इसे अपनी बालो की जीवनशैली में शामिल करिये और सरसों के तेल के बालों में फायदे देखिए।

सरसों के तेल का मालिश कैसे करें

  • सरसो के तेल को लेकर उंगलियों के पोरों में लगा कर बालो की जड़ो से लेकर सिरों तक लगाए।
  • हल्के हाथ से कम से कम 15 मिनट मालिश करे।
  • तेल अगर रात को लगाकर सोएंगे तो ये और भी बेहतर असर दिखायेगा।
  • सुबह माइल्ड शैम्पू से बाल धो ले।
  • हल्के गीले बालों में ही कंघी करे, ज्यादा सूखे बालो में कंघी करने पर बाल ज्यादा टूटते है।
  • सुखाने के लिए ड्राईर का इस्तेमाल ज्यादा ना करें।
  • बालो को धोने के बाद तौलिए से ज्यादा जोर से रगड़ना या झाड़ना नही चाहिए।
  • बड़े दाँतो वाली कंघी का प्रयोग करे, उससे बाल कम टूटते है।

सामान्य प्रश्न

बालों के लिए कौन सा तेल सही है?

बालो के लिए सबसे अच्छा कैस्टर आयल होता है। यह बालो को घना करता है।

क्या गीले बालों में तेल लगाना चाहिए?

गीले बालो की जड़े कमजोर होती है तेल लगाने से जड़ से उखड़ जाते है और गीले बालो पर तेल लगाने से बदबू की समस्या भी हो सकती है

क्या झड़े हुए बाल वापस आ सकते है?

हां इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। बालो की अच्छी देखबाल करना चाहिए। और कैमिकल यूक्त शैम्पू का प्रयोग नही करना चाहिए ।

बालों में गर्म तेल लगाने से क्या होता है?

हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर डैंड्रफ की समस्या में काफी फायदा होता है। हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर बालों का झड़ना कम होता है।ये बालों को पोषण देने का काम करता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत बनती है, हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर डैंड्रफ की समस्या में काफी फायदा होता है।

सरसों का तेल गर्म करके लगाने से क्या होता है?

अगर बाल रूखे, दो मुंहे, बेजान और उनमें रूसी है तो सरसों के गरम तेल की मालिश से इन समस्‍याओं से निजात पाया जा सकता है। सरसों के तेल में विटामिन ए होता है जो कि हेयर ग्रोथ के लिये अच्‍छा माना जाता है।

सरसों के तेल में क्या मिलाए जिससे बाल लंबे हो

सरसों का तेल बालों के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है यदि इसमें विटामिन ई के कैप्सूल मिलाकर प्रयोग में लाया जाए तो तेल की गुणवता बढ़ जाती है। सरसों का तेल बालों की चमक और कालापन बढ़ाता है वहीं विटामिन ई बालों की जड़ों जाकर बालों की जड़ों को मजबूत करता है। एलोवेरा का मिश्रण भी बालों की नेचुरल चमक बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा।

नींबू और सरसों का तेल लगाने के फायदे

नींबू और सरसों के तेल का मिश्रण बालों क लिए बहुत लाभकारी है। नींबू बालों की जड़ों में जाकर डैंड्रफ की समस्या को जड़ से दूर करता है। जड़ों में जमे हुए डैंड्रफ को निकाल कर बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। नींबू और सरसों के तेल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुण बालों की सेहत में सुधार करते है।

मेथी का तेल बालों के लिए

मेथी अपने आप में बहुत से गुणों से भरपूर है। मेथी की खूबियों की लिस्ट बहुत लंबी है। मेथी के दानों में विटामिन A, K, C, आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड आदि जैसे गुणकारी तत्व पाए जाते है। यह तत्व बालों की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है। मेथी के तेल में यह सब तत्व पाए जाते है। इस तरह मेथी का तेल बालों की सफेदी को दूर कर नेचुरल कलर प्रदान करता है।

सरसों के तेल में कपूर मिलाकर लगाने के फायदे

सरसों के तेल में कपूर का उपयोग करने से बहुत सी समस्या का समाधान किया जा सकता है। त्वचा पर लगाने से कील मुहासों और झुर्रियों की समस्या को दूर करता है। बालों में डैंड्रफ की समस्या को दूर करने में भी बहुत ज्यादा लाभकारी है। यह दो मुँहे बालों की समस्या को दूर करता है और समय से पहले बालों के झड़ने की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।

सरसों का तेल और विटामिन ई कैप्सूल for Hair

विटामिन ई बालों के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी और लाभप्रद होता है। विटामिन ई की कमी के कारण ही तो बालों का कमजोर होना, समय से पहले बालों का सफेद हो जाना, दो मुहें बाल जैसी समस्या देखने को मिलती है। सरसों के तेल में विटामिन ई डालकर प्रयोग करने से बहुत कम समय में ही बालों में मजबूती लौट आती है। दो मुँहे बाल और बालों का समय से पहले ही सफेद हो जाने की समस्या से भी जड़ से छुटकारा मिल जाता है।

क्या प्याज का रस सरसों के तेल में मिला सकते हैं?

प्याज का रस और सरसों के तेल का मिश्रण बालों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा। बहुत से लोगों के माथे में छोटे छोटे परजीवी पाए जाते है जो की बालों को कमजोर करते है। तेल और प्याज के रस का मिश्रण उन परजीवियों को नष्ट कर बालों को मजबूती प्रदान करता है। इसके साथ साथ यह दो मुँहे बालों की समस्या को भी जड़ से दूर करता है।

एलोवेरा और सरसों का तेल लगाने से क्या होता है

एलोवेरा को कई गुणों की खान कहा जाता है क्योंकि इसमें पौषक तत्वों की भरपुरता पायी जाती है। एलोवेरा में मौजूद तत्व बालों की कमजोरी को दूर कर उसे पोषण प्रदान करते है। जिससे रूखे सूखे बालों में एक नेचुरल चमक और नमी आ जाती है। एलोवेरा बालों के रोम में जाकर उसे पोषण प्रदान करता है। जिससे बालों की ग्रोथ भी बढ़ती है।

सरसों के तेल में लहसुन मिलाकर लगाने के फायदे

सरसों का तेल और लहसुन मिलाकर इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात पाई जा सकती है। लहसुन अपने आप में औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके साथ ही साथ यह एन्टीईनफलेमेट्री गुण, सूजन और दर्द को दूर करता है। बालों के झड़ने की समस्या में भी यह बहुत लाभकारी होता है। यह बालों के झड़ने की समस्या को दूर करता है।

काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

काली चाय से गर्भपात – एक घरेलू उपाय?

आजकल कई महिलाएं गर्भपात के घरेलू उपायों की तलाश करती हैं, और इस सूची में काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं एक आम सवाल बन चुका है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या काली चाय से गर्भपात संभव है, इसके संभावित प्रभाव, फायदे और नुकसान क्या हैं, और इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।

काली चाय से गर्भपात कैसे हो सकता है?

काली चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर गर्भ में संकुचन (uterine contractions) उत्पन्न कर सकती है। इसी कारण कुछ लोग मानते हैं कि यह एक संभावित गर्भ गिराने का घरेलू उपाय हो सकता है।

लेकिन यह medically approved method नहीं है, और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काली चाय से गर्भ 100% गिराया जा सकता है।

काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं? – जानिए संभावित तरीका

कुछ महिलाएं खाली पेट या बार-बार काली चाय पीने का सहारा लेती हैं, यह सोचकर कि इससे गर्भ गिर जाएगा। हालांकि यह तरीका सुरक्षित नहीं है।

ध्यान दें:

  • अत्यधिक मात्रा में कैफीन गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट डाल सकता है।
  • WHO के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को 200mg से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए।

क्या काली चाय से गर्भपात सुरक्षित है?

नहीं। काली चाय का अत्यधिक सेवन कई गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है:

⚠ नुकसान:

  • मतली और उल्टी
  • डिहाइड्रेशन
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • गर्भाशय में असामान्य गतिविधि
  • गर्भस्थ शिशु को नुकसान

घरेलू उपाय vs डॉक्टर की सलाह

जहां कुछ महिलाएं सोचती हैं कि काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी घरेलू उपाय को बिना चिकित्सकीय सलाह के अपनाना खतरनाक हो सकता है।

यदि आप अनचाहे गर्भ से परेशान हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। मेडिकल एबॉर्शन एक सुरक्षित तरीका है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर विकल्प होता है।

वैकल्पिक उपाय जिनके बारे में लोग सोचते हैं:

गुड़

गुड़

लेकिन इनमें से कोई भी उपाय 100% सुरक्षित या प्रभावी नहीं माना गया है।

सावधानी और निष्कर्ष

काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं? इस प्रश्न का उत्तर यह है कि इसे घरेलू उपाय के रूप में उपयोग करना न तो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है और न ही सुरक्षित।

✅ बेहतर होगा कि आप विशेषज्ञ की राय लें और medically approved abortion methods पर ध्यान दें।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: क्या काली चाय से गर्भपात संभव है?
A: कुछ लोग ऐसा मानते हैं लेकिन इसका कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Q2: काली चाय से गर्भ कैसे गिराएं?
A: अधिक मात्रा में सेवन करने पर गर्भ में संकुचन हो सकते हैं, लेकिन यह सुरक्षित नहीं है।

Q3: क्या ये तरीका 100% असरदार है?
A: नहीं, यह पूरी तरह से घरेलू उपाय है और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है।

Q4: सही विकल्प क्या है?
A: डॉक्टर से संपर्क करें और मेडिकल समाधान अपनाएं।

इलायची से गर्भपात (Elaichi Se Garbhpat) – अनचाहे गर्भ को कैसे गिराए

इलायची से गर्भपात

मां बनना हर स्त्री के लिए एक सौभाग्य की बात है, लेकिन कभी कभी स्त्री, पुरूष या परिवार इस स्थिति के लिए तैयार नही होता इसके कई कारण हो सकते है, जैसे आर्थिक स्थिति सही न होना, पहले से ही एक नवजात शिशु का होना, स्त्री को कोई शारिरिक समस्या होना। कभी कभी एक कुमारी स्त्री भी परिस्थितियों के वशीभूत गर्भवती हो जाती है, ऐसे में कई बार डॉक्टर के पास जाने में या तो झिझक होती है या पैसे की कमी। गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे (bacha girane ke gharelu nuskhe) प्राचीन काल से आजमाए जा रहे है और आज हम ऐसे ही घरेलू नुस्खे की बात करेंगे-इलायची से गर्भपात कैसे करें।

जानिए: क्या खाने से मिसकैरिज होता है?-Kya Khane Se Miscarriage Hota Hai

लेकिन एक बात का हमेशा ध्यान रखना होगा की गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे 100% सुरक्षित नहीं होते है। इसके लिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जब आप पूर्णरूप से सुनिश्चित हो जाए। तभी इनका प्रयोग करे क्योंकि आप इनके असर को उलटा नहीं कर सकते।

एक महीने की प्रेगनेंसी कैसे हटाए घरेलू उपाय

अगर प्रेगनेंसी को एक महीना (लगभग 4 से 5 हफ्ते) हुआ है, तो कुछ घरेलू नुस्खों से उसे रोका जा सकता है। लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि ऐसे उपाय सिर्फ शुरुआत में ही करने चाहिए।

9 या 10 हफ्ते के बाद घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए उस समय कोई भी घरेलू तरीका अपनाना सही नहीं होता। इससे आपकी सेहत और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है।

इसलिए अगर आप घरेलू उपाय अपनाना चाहती हैं, तो इसे सिर्फ शुरुआती हफ्तों में ही करें, और किसी जानकार की सलाह जरूर लें।

इस पीरियड के बाद डॉक्टर को दिखाए और मेडिकल टर्मिनेशन करवाए। गर्भपात के लिए अपनाएं जाने वाले घरेलू नुस्खों में से ही एक नुस्खा है इलायची से गर्भपात करना। तो आज इस आर्टिकल में हम इसी पर प्रकाश डालेंगे।

गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे-Garbh Girane Ke Gharelu Nuskhe

बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में पपीता, अजवायन, अन्नानास का रस, तुलसी का काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, लहसून, विटामिन सी, केले का अंकुर, अजमोद, कोहोश, गर्म पानी, बाजरा, गाजर के बीज, तिल, ग्रीन टी, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, अनार के बीज, कैमोमाइल तेल, काली चाय का प्रयोग खूब किया जाता है।

लेकिन हम यहां बात करेंगे केवल इलायची की, तो इलायची से गर्भपात करने का तरीका आपको बताते है।

इलायची को कई प्रकार से गर्भपात के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

और पढ़ें: गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

इलायची से गर्भपात कैसे करें?-Elaichi Se Garbhpat Kaise Kare

इलायची से गर्भपात-Pregnancy Khatam Karne Ka Tarika

  • इलायची के बीजो को पीसकर चूर्ण बना ले, एक चम्मच चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार ले और ब्लीडिंग होने तक कंटिन्यू रखे।
  • गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर और 5 इलायची को कूटकर एक गिलास पानी मे ढककर उबाल लें, छान कर रख ले। दिन में तीन बार 50ml पिए।
  • गाजर के बीज और इलायची को पूरी रात पानी मे भिगो दें, सुबह गाजर के बीज और इलायची के साथ ही इस पानी को उबले और पी ले। ऐसा लगातार ब्लीडिंग होने तक करें।
  • गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के लिए तुलसी के पत्तो को इलायची के साथ पीस ले और इस मिश्रण का रोज शहद के साथ सेवन करे।

जानिए: अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?

इलायची से गर्भपात
इलायची से गर्भपात

 

घरेलू नुस्खों से गर्भपात कब खतरनाक हो सकता है।

  • अगर आप बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी बच्चा गिराने के तरीके अपना रही है।
  • किसी अज्ञानी व्यक्ति से, खुद के द्वारा अथवा घरेलू दाई से गर्भपात करवा रही है।
  • पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के बिना गर्भपात करवाना।
  • 10 हफ़्तों के बाद घरेलू नुस्खों से गर्भपात करने की कोशिश कर रही है।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर गर्भपात करना।
  • दाई या झोला छाप डॉक्टर से पेट की मालिश करवाकर गर्भ गिरवाना।

घरेलू नुस्खों से गर्भपात के नुकसान

इन बच्चा गिराने के उपाय से महिला को एलर्जी हो सकती या उल्टी व चक्कर आ सकते हैं। यहां तक कि महिला की मृत्यु भी हो सकती है। हो सकता है गर्भपात पूरी तरह से न हो अर्थात गर्भाशय में भ्रुण का कुछ भाग रहा जाए जो बाद में इन्फेक्शन फैला दे। इस तरह गर्भपात के तरीके अपनाने से योनि को भारी क्षति हो सकती है, अंदरूनी हिस्सो पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। हो सकता है इन सबके बाद भी गर्भपात न हो और शिशु को कोई बर्थ डिफेक्ट हो जाये।

इसलिए जो भी करे सोच विचार कर करे। घरेलू गर्भपात के कारण स्थिति बिगड़ने पर जल्द से जल्द मेडिकल हेल्प ले।

गर्भपात के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए

गर्भपात के बाद शरीर और मानसिक स्थिति दोनों को ठीक होने में थोड़ा समय लगता है। आमतौर पर डॉक्टर्स की सलाह होती है कि गर्भपात के कम से कम 2 हफ्ते बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं, ताकि संक्रमण का खतरा न हो और शरीर पूरी तरह से रिकवर कर सके।

हालांकि, हर महिला की स्थिति अलग होती है। इसलिए सबसे बेहतर यही होगा कि आप पहले डॉक्टर से सलाह लें और जब शरीर पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करे, तब ही अगला कदम उठाएं।

कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें:

  • अगर ब्लीडिंग अभी भी हो रही है, तो संबंध न बनाएं।

  • शरीर में कमजोरी या दर्द हो तो थोड़ा और इंतजार करें।

  • अगली प्रेगनेंसी से बचने के लिए कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करें।

नोट– यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।

बार बार गर्भपात करने से क्या होता है?

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कई जोड़े बार बार गर्भपात का सहारा लेते हैं। बार बार गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा कमजोर हो जाती है किसी कारण अगली बार गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की कमी, इन्फेक्शन ,रक्तस्राव, संक्रमण, ऐंठन, एनेस्थेसिया से संबन्धित जटिलताएं, एम्बोलिज़्म, गर्भाशय में सूजन, एंडोटोक्सिक शॉक आदि कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए बार बार गर्भपात कराने के स्थान पर परिवार नियोजन के तरीके अपनाकर गर्भधारण को रोकना ही ज्यादा कारगर उपाय है ।

जानिए बिना किसी दवा के अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय – बिना दवा के सुरक्षित तरीके

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय (garbh girane ke gharelu upay)

मां बनना एक महिला के लिए एक सुखद एहसास है, जिसकी खुशी के आगे दुनिया की हर खुशी फीकी लगती है। लेकिन अगर आप गलती से प्रेग्नेंट हो जाएं, तो क्या करें? यह सवाल किसी भी महिला के मन में घबराहट, बेचैनी और डर पैदा कर सकता है, खासकर तब जब यह बिना फैमिली प्लानिंग के हुआ हो। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय सही जानकारी और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी होता है। कई महिलाएं इस दौरान गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के बारे में जानना चाहती हैं, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सही कदम उठा सकें।

गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें? यह सवाल कई महिलाओं के मन में आता है, जब वे बिना फॅमिली प्लानिंग के गर्भवती हो जाती हैं। गर्भपात के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार संभोग के दौरान पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका गर्भनिरोधक उपायों का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते, जिससे अनचाहा गर्भ ठहर जाता है। कुछ महिलाओं के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से माँ बनना संभव नहीं होता, तो कुछ अपनी करियर या पर्सनल लाइफ को प्राथमिकता देती हैं जिससे वे गर्भपात कराने का फैसला लेती हैं। इस तरह, विभिन्न परिस्थितियों के कारण गर्भपात का निर्णय लिया जाता है।

गर्भपात क्या होता है (garbhpat kya hota hai)

गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भधारण के 20 से 24 सप्ताह से पहले भ्रूण का विकास रुक जाता है या उसे चिकित्सकीय रूप से समाप्त कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक (Natural/Miscarriage) या कृत्रिम (Medical/Surgical Abortion) हो सकती है।

और पढ़ें: जानिये गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi

अनचाहा गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

-Garbh Girane Ke Gharelu Nuskhe

अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?-Ajwain Se Garbhpat

अजवाइन की तासीर बहुत गर्म मानी जाती है, इसे आप इस प्रकार प्रयोग कर सकती है कि गर्भावस्था के शुरुआती हफ़्तों में रोज आधा चम्मच अजवायन की फंकी ले, या एक गिलास पानी मे इसे उबालकर पिये।

और पढ़ें: अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?

इलायची से गर्भपात-Abortion Kaise Hota Hai

इलायची के बीजो को पीसकर चूर्ण बना ले, एक चम्मच चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार ले और ब्लीडिंग होने तक कंटिन्यू रखे।

इलायची से गर्भ गिराने का घरेलू उपाय
इलायची के बीज और दालचीनी के साथ गर्भपात का तरीका

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय के लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर और 5 इलायची को कूटकर एक गिलास पानी मे ढककर उबाल लें, छान कर रख ले। दिन में तीन बार 50ml पिए।

और पढ़ें: इलायची से गर्भपात कैसे करें

तुलसी का काढ़ा-तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें

तुलसी की तासीर भी बहुत गर्म होती है, तुलसी के पत्तो को ऐसे ही चबा कर खाएं या उसका काढ़ा बनाकर पिये, दोनों ही तरह से ये गर्भपात में सहायक होती हौ।

और पढ़ें: गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

लहसुन-Garbhpat Ke Gharelu Upay

लहसुन ज्यादातर सभी की रसोई में शामिल होता है, इसमे ‘एलिसिन’ नामक तत्व होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। लहसुन से गर्भपात करने के लिए अत्यधिक मात्रा में इसका किसी भी प्रकार सेवन करे।

और पढ़ें: बच्चा गिराने के घरेलु नुस्खे-Bacha Girane Ke Gharelu Nuskhe In Hindi

बबूल के पत्ते- Garbh Girane Ke Upay

1 महीने से 15 दिन की प्रेग्नेंसी है तो उसके लिए बबूल के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 8 से 10 बबूल के पत्तों को एक गिलास पानी में तब तक उबाल लें जब तक कि पानी आधा ना रह जाए। इस पानी का सेवन दिन में चार से पांच बार तब तक करें जब तक कि आपको ब्लीडिंग होने ना शुरू हो जाए।

अनानास का रस-Abortion Ke Gharelu Nuskhe

अनानास को गर्भवती स्त्री से दूर रखा जाता है क्योंकि अनानास में बड़ी मात्रा में विटामिन सी, एंजाइम और रसायन होते हैं, जो की गर्भपात का कारण बनते है। इसमें उपस्थित ब्रोमेलैन के कारण गर्भाशय की दीवार नरम हो जाती है। तो अगर शुरुआती हफ़्तों में इसका प्रयोग किया जाए तो गर्भपात आसानी से हो सकता है।

अनानास से गर्भ गिराने का घरेलू नुस्खा
अनानास के रस में मौजूद ब्रोमेलैन से गर्भपात कैसे होता है

पपीता के बीज-Garbhpat Ke Gharelu Upay In Hindi

पपीता भी गर्म फलों में माना जाता है, बहुत सी महिलाओं द्वारा इसका प्रयोग गर्भपात के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। क्योंकि पपीते में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रोजेस्टेरोन एक्टिविटी में रुकावट डाल सकते हैं। जो गर्भपात का कारण है।

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विटामिन सी फूड्स-Abortion Kaise Hota Hai

घर पर गर्भपात करने के लिए आप विटामिन सी युक्त फलों का भरपूर सेवन करे।

गर्भपात करने के घरेलू उपाय को अपनाते समय यदि ज़्यादा अवधि के लिए हेवी ब्लीडिंग, पेट दर्द, बुखार, कमजोरी जैसे लक्षण दिखे तो अपने डॉक्टर का संपर्क करे।

एस्पिरिन की टेबलेट-Garbh Girane Ke Upay

मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एस्पिरिन की टेबलेट ले, इस टेबलेट को 6 से 8 की मात्रा में रोज़ खाए। टेबलेट को खाने के साथ साथ दूसरे घरेलू उपाय भी करते रहें।

काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?-baccha girane ka gharelu upay

इसे बनाने के लिए जैसे हम चाय बनाते हैं वैसे ही दो गिलास पानी गर्म करके उसमें चाय पत्ती डालकर उबालते हैं। जब यह पानी आधा हो जाए तो इसे गरम-गरम पीते हैं। इसे कुछ दिनों तक लगातार पीने से शीघ्र ही मिसकैरेज हो जाएगा।

और पढ़ें: काली चाय से गर्भपात, काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?

अदरक से गर्भपात हो सकता है

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एक दिन में केवल 1500 मिलीग्राम अदरक का ही सेवन करना चाहिए। इससे ज्यादा सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए अदरक या अदरक की चाय का अधिक मात्रा में सेवन बिल्कुल न करें।

और पढ़ें: क्या प्रेगनेंसी में अदरक खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में नींबू खाने से क्या होता है

गर्भावस्था में चक्कर आना, सिर दर्द और जी मिचलाना जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए महिलाएं कभी-कभी नींबू पानी पीती हैं या फिर नींबू पर नमक छिड़क कर चाट लेती हैं। लेकिन, नींबू एक साइट्रस फल है। यह खट्टा फल अम्लीय प्रकृति का होता है। इसलिए नींबू का सेवन शरीर में एसिडिक लेवल और पीएच बैलेंस को प्रभावित करता है। इन दोनों कारणों से नींबू का अधिक सेवन किसी के लिए भी हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था की तरह महिलाओं को भी खट्टा खाना पसंद होता है। इसलिए अगर आप सीमित मात्रा में नींबू का सेवन करते हैं तो यह हानिकारक नहीं है।

क्या गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है?

हां यह सच है, गुड़ से गर्भपात भी हो सकता है। गुड़ बहुत गर्म होता है अगर हम इसे लगातार कुछ समय तक कुछ चीजों के साथ मिला कर ले तो आसानी से गर्भपात हो सकता है।

गर्भ गिराने के घरेलू उपाय

इसके अलावा गर्भ गिराने के कुछ अन्य तरीके (Garbh Girane Ke Upay) निम्न है।

  • सूखे बबूल की फली और कच्चे केले का अंकुर लेकर उसे पीसकर रख ले ,इस चूर्ण का ब्लीडिंग होने तक सेवन करे। कड़वाहट के लिए शक्कर या शहद का सेवन कर सकते है।
  • कोहोश नामक पौधे में पाए जाने वाले तत्व कॉलसोस्पोनीन और ऑक्सिटोसिन जो गर्भपात में मदद करते है।
  • इसी प्रकार मगवार्ट भी एक आयुर्वेदिक औषधि ही हैं, इसमें कुछ ऐसे केमिकल होते है जो गर्भाशय की एक्टिविटी अर्थात कंट्रक्शन को बढ़ाकर गर्भपात कर सकते है। इसकी पत्तियों को पानी मे उबालकर छानकर इस पानी का सेवन करे, कम से कम दिन में 2 बार, ब्लीडिंग होने तक।
  • कपास के पौधे की जड़ की छाल को पानी मे उबाले, जब पानी आधा रह जाये तो छानकर रख ले। गर्भपात होने तक रोज 50ml दिन में दो बार पिए।
  • कलौंजी का उपयोग चाय के रूप में करे या ऐसे ही पानी से सटक ले, शुरुआती हफ़्तों में ये भी गर्भपात का एक कारगर तरीका है।
  • रोकफोर्ट, गोर्गोजोला, फेटा ये चीज़ के कुछ प्रकार है। कुछ लोगो का मानना है कि शुरुआती हफ़्तों में इस चीज़ को खाने से भी गर्भ गिर जाता है।
  • साधारणतः भी कहा जाता है कि अनार के बीजो को नही खाना चाहिए, यदि महिला अनार के बीजो को पीसकर इसका सेवन करे तो गर्भपात हो सकता है। पर ध्यान रहे इसके स्थान पर पोमेग्रेनेट सीड आयल का इस्तेमाल ना करें।
  • अजमोद के पत्तो को धोकर पानी मे उबाल लें, दिन में तीन बार इस पानी का सेवन करे। अजमोद सर्विक्स को नरम बनाकर, गर्भाशय की दीवार को मुलायम बनाता है, जिससे भ्रूण आराम से निकल आता है।

ये थे गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे, इन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार अपना सकते है।

और पढ़ें: गर्भपात के बाद माहवारी कब आती है-Garbhpat Ke Baad Period Kab Aate Hain

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य प्रश्न-baccha girane ka gharelu upay

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

अजवाइन से गर्भपात हो सकता है क्या?

अजवाईन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर , कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और पोषक तत्व होते है।जो कि पेट के लिये लाभदायक है। साथ ही इसमें बोलाटाईल ऑइल भी होता है जिससे इसकी खुश्बू तेज हो जाती है और इसकी तासीर गर्म हो जाती है इस कारण यह गर्भपात होने का खतरा रहता है तब ही इसे खाने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर ले।। घरेलू नुस्खे के तौर पर इसे गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता है।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।

क्या हींग से गर्भपात हो सकता है? कितना है सुरक्षित गर्भवस्था में हींग का सेवन?

हींग से गर्भपात

हर स्त्री का सपना होता है मां बनना। कभी-कभी लेकिन ऐसी परिस्थितियां होती है कि मां बनना एक दुस्वप्न लगता है। कभी ऐसा भी होता है कि आप प्रेगनेंसी कंसीव कर लेते हैं और आपको पता ही नहीं चलता। यह भी हो सकता है कि आपकी फैमिली कंप्लीट होती है और आप इस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं होते। ऐसे में गर्भपात करना आवश्यक हो जाता है।

बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में विटामिन सी, पपीता, अन्नानास का रस, अजवायन,  तुलसी का काढ़ा, लहसून,  ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

यहां पर हम बात करेंगे हींग से गर्भपात के तरीके की। हमें ध्यान रखना है कि यह सिर्फ शुरुआत के 1 महीने के लिए ही संभव है। इसके अलावा इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। बेहतर तो यही होगा कि हमें चिकित्सक परामर्श ले लेना चाहिए। डॉक्टर के पास जाना कभी-कभी संभव नहीं होता। ऐसे में हम घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। यहां पर हम ऐसे ही एक घरेलू नुस्खे हींग की बात कर रहे हैं। 

हींग का गर्भनिरोधक गुण

हींग
हींग
  • हींग तासीर में बहुत गर्म होती है। यह गर्भवती स्त्री के ब्लड प्रेशर लेवल को बड़ा सकती है। जिसके कारण भ्रूण गर्भ में ही नष्ट हो सकता है।
  • हींग अपने गर्भनिरोधक गुण के कारण भ्रूण को गर्भाशय में बढ़ने नहीं देती। भ्रूण को गर्भ में ही नष्ट कर देती है।
  • हींग में ऐसे केमिकल पाये जाते हैं जो कि बच्चे के लिए नुकसान करते हैं। ये केमिकल बच्चे के मस्तिष्क में विकार उत्पन्न करके उसकी मृत्यु तक करा सकते हैं।
  • हींग का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर में वात का संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे बच्चे के नर्वस सिस्टम के टिशु के विकास में बाधा पहुंचती है।
  • लगातार सेवन करने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। हींग गर्भाशय को तेजी से संकुचित करती है। जिसके कारण गर्भपात हो जाता है। आइए जानते हैं हींग के द्वारा गर्भपात के तरीके।

हींग का काढा

सुबह-सुबह हींग के काढे का सेवन लगातार तीन-चार दिन करने से जल्दी ही गर्भपात हो जाता है। हींग का काढा बनाने के लिए आपको एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच चाय पत्ती और थोड़ी सी हींग डालकर खौलानी होती है। जब यह पानी आधा हो जाए तो इसे गरम-गरम पीना होता है। यह नुस्खा बहुत ही जल्दी असर करता है। लेकिन इससे बेचैनी और घबराहट होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। 

अजवाइन और हींग का काढा

अजवाइन और हींग दोनों ही गर्भनिरोधक का कार्य करती हैं। इन दोनों का अगर मिलाकर सेवन किया जाए तो गर्भपात की संभावना काफी बढ़ जाती है। अजवाइन का काढ़ा बनाने के लिए आपको दो गिलास गर्म पानी को उबालना है। उबलते हुए गर्म पानी में आपको एक चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच हींग डालनी है। जब हींग और अजवाइन का पानी आधा रह जाए तो उसे गरम गरम तीन-चार दिन तक लेना है। यह उपाय बहुत कारगर है बहुत ही जल्दी गर्भपात हो जाता है। 

हींग और गुड़ का काढा

गुड़ बहुत गर्म होता है। हींग भी काफी गर्म होती है। हींग और गुड़ मिलकर एक उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। जिससे बहुत जल्दी ही गर्भपात हो जाता है। हींग और गुड़ की चाय बनाने के लिए आपको एक गिलास पानी में एक चम्मच चाय पत्ती डालेंगे। जब यह खौलने लगेगा तो इसमें आपको एक गुड़ का टुकड़ा डाल देना है। जब यह खौलते खौलते आधा रह जाएगा तब इसे पी लेना है। यह काढ़ा बहुत आरामदायक होता है इसको पीने से दर्द से भी राहत मिलती है।

हींग और सौंठ का काढा 

सौंठ और हींग दोनो ही बहुत गर्म होते हैं। जो गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है जिसके कारण गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है। हमें दो गिलास पानी में एक चम्मच सौंठ और एक चौथाई चम्मच हींग और गुड़ का मिलाकर उबालना होता है जब यह चाय एक चौथाई से भी कम रह जाए। इस चाय को सुबह उठते समय और रात को सोते समय 4 दिन तक लगातार लेने से गर्भपात होने की संभावना अधिक हो जाती हैं।

हींग और सौंठ, अजवाइन, गुड़ का काढा 

आप चाहे तो इन सारी सामग्रीयों को एक साथ मिलाकर भी उबाल सकते हैं। जब यह काढा पी सकते हैं। यह प्रक्रिया आपको तब तक दोहरानी है जब तक आप की डेट आने ना लगे। जब हम लेकिन एक साथ इतनी सारी गर्म चीजें उपयोग में लाएंगे तो इसके काफी सारे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हमारा बीपी बढ़ सकता है। हमें हीट स्ट्रोक्स आ सकते हैं। एन्जाइटी हो सकती है। बीपी बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक हर्ट अटैक की संभावनाएं भी हो सकती हैं। इन सारी चीजों के कारण गर्भपात तो भले ही हो जाए पर और दूसरी समस्याएं भी हो सकती है। अतः सारी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर उपयोग में लाना अच्छा विकल्प नही है। आप चाहे तो सुबह शाम अलग-अलग तरह के काढे प्रयोग में ला सकते हैं।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

ऑलिव ऑयल बालों में कैसे लगाएं? जैतून का तेल बालों में कैसे लगाएं?

ऑलिव ऑयल बालों में कैसे लगाएं?

बालों के लिए जैतून का तेल: इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में बालों का झड़ना एक आम समस्या हो गई है। ज्यादातर महिलाएं इस समस्या से परेशान रहती हैं। बाल झड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें खराब लाइफस्टाइल, उलटी डाइट और केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आदि शामिल हैं। अगर समय रहते बालों के झड़ने की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो बालों की स्थिति भी खराब हो सकती है।

अपने बालों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं। इस खबर में बताए गए उपायों को अपनाकर आप बालों का झड़ना रोक सकते हैं। स्वस्थ बालों के लिए आप जैतून के तेल का इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं ऑलिव ऑयल बालों में कैसे लगाएं?

ऐसे में कैसे करें ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल

बालों के लिए जैतून का तेल एक बहुत ही फायदेमंद औषधि है । बालों में ऑलिव आयल से इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले इसे हल्का गुनगुना कर ले और फिर इसे हल्के हाथों से बालों की जड़ों से लेकर छोर तक लगाएं। 20 से 30 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें बालों को शावर कैप से ढक लें और फिर माइल्ड शैंपू से धो लें ।अगर आप चाहे तो रात भर के लिए भी ऑलिव ऑयल को बालों में लगाकर सुबह शैंपू कर सकते हैं।

जैतून के तेल की मालिश

  • सबसे पहले जैतून के तेल को गर्म करें।
  • ठंडा होने के बाद तेल को स्कैल्प पर लगाएं।
  • इसके बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
  • इसे 30-40 मिनट के लिए या हो सके तो रात भर के लिए छोड़ दें।
  • माइल्ड शैम्पू से धो लें।
  • ऐसा आप हफ्ते में 2 से 3 बार कर सकते हैं।

जैतून का तेल और लहसुन का रस

  • लहसुन की 6-7 कलियों को पीसकर रस निकाल लें।
  • फिर इसे किसी ठंडे जैतून के तेल में मिला लें।
  • इसे गर्म करें और फिर आंच से उतार लें।
  • इसे एक तरफ रख दें। इसे स्कैल्प और बालों पर मसाज करें।
  • इसे एक घंटे के लिए लगा रहने दें।
  • इसके बाद माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करें और बालों को धो लें।
  • इसे आप हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
    जैतून का तेल और लहसुन का रस
    जैतून का तेल और लहसुन का रस

अदरक का रस और जैतून का तेल

  • अदरक लें और उसे कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई अदरक का रस निकाल लें।
  • इसमें दो बड़े चम्मच कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल मिलाएं और सामग्री को एक साथ मिलाएं।
  • इस मिश्रण को बालों और स्कैल्प पर लगाएं।
  • इससे अपने बालों की कुछ मिनट तक मसाज करें।
  • इसे 30 से 40 मिनट तक लगा रहने दें।
  • इसके बाद माइल्ड शैंपू से धो लें।
  • इसे आप हफ्ते में 2 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

जैतून का तेल, अंडा और शहद

  • एक बाउल में दो अंडे तोड़कर अच्छी तरह फेंट लें।
  • इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और दो बड़े चम्मच कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल भी मिलाएं।
  • सामग्री को मिलाएं और इसे पूरे स्कैल्प और बालों की लंबाई पर लगाएं।
  • कुछ मिनट के लिए सर्कुलर मोशन में अपनी उंगलियों से अपने स्कैल्प की मालिश करें।
  • इसे 30-40 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर माइल्ड शैम्पू से धो लें।
  • आप इसे हफ्ते में 1 या 2 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

जैतून का तेल और नींबू का रस

  • एक बाउल में 2 टेबल स्पून कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल लें।
  • इसमें कुछ ताजा निचोड़ा हुआ नींबू का रस मिलाएं।
  • एक साथ मिलाएं और इसे अपने स्कैल्प और बालों पर मसाज करें।
  • वैकल्पिक रूप से, आप जैतून के तेल में नींबू के आवश्यक तेल की 4-5 बूंदें मिला सकते हैं।
  • इसे बालों पर 30 से 40 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद माइल्ड शैंपू से धो लें।
  • आप इसे हफ्ते में 1 या 2 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
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