थायराइड का रामबाण इलाज है ये घरेलु उपाय | Thyroid Ke Gharelu Upay

थायराइड का घरेलु इलाज

थायराइड हमारे गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली तितली के आकार की ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करती है। यह हमारे भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। थायराइड ग्रंथि हार्मोंन का निर्माण करती है। इन हार्मोंस के असंतुलित हो जाने के कारण ही शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है, जब ऐसा होता है तो उसे थायराइड की समस्या कहते हैं। पुरुषो की अपेक्षा महिलाओ मे थायराइड की समस्या ज्यादा होती है। नीचे थायराइड की समस्या से निजात पाने के कुछ घरेलू उपचार बताऐ गए है जो थायराइड का रामबाण इलाज है, इस प्रकार है।

थायराइड का रामबाण इलाज-Thyroid Ke Gharelu Upay

थायराइड का घरेलू उपचार है सेब का सिरका-Thyroid Ke Upay

सेब के सिरके को शहद और पानी मे मिलाकर ले सकते है। यह हार्मोन के संतुलित उत्पादन में मदद करता है। शरीर के वसा को रेग्युलेट करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायक है।

मुलेठी-Thyroid Ke Gharelu Upay

थायराइड के मरीज जल्दी थक जाते है इसलिए थाइराइड के मरीजों को मुलेठी का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

लौकी का जूस-Thyroid Ka Ilaaj

थायराइड की बीमारी से अगर आप छुटकारा पाना चाहते है तो रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिए, रोजाना ऐसा करने जल्दी ही आपकी थायराइड की बीमारी ठीक हो जायेगी।

बादाम-Gharelu Nuskhe For Thyroid

थायराइड के मरीजो के लिए बादाम सबसे उपयुक्त हैं। यह प्रोटीन, फाइबर और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। बादाम में सेलेनियम होता है जो थायराइड हेल्दी न्यूट्रिएंट है। यह मैग्नीशियम में भी बहुत समृद्ध है जो थायरायड ग्रंथि को आराम से काम करने में मदद कर सकता है। रोजाना बादाम का सेवन करे।

बादाम
बादाम

दूध और इससे बने पदार्थ-Thyroid Ke Upay

दूध, पनीर और दही थायराइड के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं जो लोग थायराइड की समस्या से ग्रसित है उन्हे दही और दूध का सेवन अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स थायराइड से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं। ये आयोडीन में हाई होते हैं जो थायराइड के सही तरह से काम के लिए आवश्यक है।

रोजमेरी एसेंशियल आयल-Thyroid Ke Gharelu Upay

रोजमेरी तेल की तीन-चार बूंदें को एक चम्मच नारियल तेल में मिक्स कर दें। अब इस तेल को थायराइड के एक्यूप्रेशर पॉइंट पर लगाएं। ये पॉइंट गले, टांग के निचले हिस्से और पैर के नीचे होते हैं। इन पॉइंट्स पर करीब दो मिनट तक मालिश करें। रोजमेरी  हायपरथायरॉडिज्म के लिए लाभकारी हो सकता है।

थायराइड का रामबाण इलाज है हल्दी-Thyroid Ka Ilaaj

हल्दी का सेवन और साथ ही आयोडीन युक्त नमक का उपयोग किया जाए, तो गॉइटर की समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है हल्दी का उपयोग खाना बनाने के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि की तरह भी किया जा सकता है। इसका उपयोग थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार करने के तौर पर भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद इंटीइंफ्लेमेटरी गुण के कारण यह थाइराइड की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

सेज की चाय-Gharelu Nuskhe For Thyroid

सेज की पत्तिया इसे तेजपत्ता भी कहा जाता है।एक पैन में पानी डालकर उसे गर्म करने के लिए रखें। जब पानी उबलने लगे, तो उसे गैस से उतार लें। अब इसमें ताजा या सूखे दो चम्मच सेज की पत्तियों को डालकर पांच से दस मिनट के लिए छोड़ दें। अब इस मिश्रण को छानकर एक कप में डाल लें, ताकि सेज के पत्ते अलग हो जाएं। फिर इस मिश्रण में स्वाद के लिए नींबू और शहद को मिक्स करके सेवन करें।

लहसुन-Thyroid Ka Desi Ilaj

रोज सुबह लहसुन की एक या दो कलियों का सेवन किया जा सकता है। अगर लहसुन खाने का मन नहीं करता है, तो लहसुन को सब्जी में उपयोग करके खा सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए लहसुन के कई फायदे हैं और थाइराइड भी उन्हीं में से एक है।

अदरक-Thyroid Ke Upay

सबसे पहले अदरक को बारीक टुकड़ों में काट लें। इसके बाद पानी को गर्म करें और अदरक के टुकड़े उसमें डाल दें। अब पानी को हल्का गर्म होने के लिए रख दें। फिर उसमें शहद डालकर मिक्स करें और चाय की तरह पिऐ। अदरक को ऐसे ही साबुत चबाकर भी खाया जा सकता है।

अदरक थायराइड के सही तरह से काम करने के लिए एक महत्वपूर्ण घरेलू उपाय हो सकता है।

अलसी-Thyroid Ke Gharelu Upay

एक चम्मच अलसी के पाउडर को पानी या फिर फलों के रस में डालें। अब इसे अच्छी तरह मिक्स करें और पिएं। इस मिश्रण को प्रतिदिन एक से दो बार पी सकते है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है और जो हायपोथायरॉडिज्म के जोखिम से बचाव चाहते हैं, वो इसका सेवन कर सकते हैं।

तुलसी-Thyroid Ka Ilaaj

एक पैन में पानी को उबाले फिर इसमें तुलसी के आठ दस पत्ते,  एक टूकड़ा अदरक कद्दूकस करके डाले और एक या दो इलायची को डालकर लगभग 10 मिनट तक उबाले। अब चाय को छानकर इसमें शहद या चीनी और नींबू के रस को डालकर गर्मा-गर्म पिएं।

अगर किसी को तुलसी की चाय नहीं पसंद, तो सिर्फ तुलसी के पत्तों का भी सेवन किया जा सकता है। इसमें एंटी-थायराइड गुण मौजूद होते हैं और इसी आधार पर थायराइड के इलाज के लिए तुलसी का सेवन करने का सुझाव दिया जा सकता है

 नारियल तेल-Thyroid Ke Upay

रोज एक गिलास पानी में नारियल तेल मिलाकर सेवन कर सकते हैं। अगर ऐसे नहीं पसंद, तो नारियल के तेल का उपयोग खाना बनाने के लिए कर सकते हैं। थायराइड रोग का उपचार करने के लिए नारियल तेल अच्छा उपाय साबित हो सकता है। यह थायरायड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने में मदद करता है।

साबुत धनिये का उपयोग-Gharelu Nuskhe For Thyroid

एक गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिये को रातभर भिगोकर रख दे, सुबह इसे मसलकर उबाल लें। जब पानी चौथाई भाग उबल कर रह जाये तो इसे खाली पेट पी लें, और साथ मे गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें। ऐसा लगातार करने से थायरायड की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

सिर में खुजली होने लक्षण और सिर में खुजली के उपाय-Khujli Ke Upay

सिर में खुजली

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सिर में खुजली के कारण तथा खुजली के घरेलू उपाय क्या है। आपको यह भी बताएंगे कि यह समस्या क्यों उत्पन्न होती है।

यह हमेशा देखा गया है कि सिर में खुजली की कई वजह हो सकती है क्योंकि हमारा दैनिक जीवन अथवा दैनिक खानपान पर यह समस्या निर्भर करती है। दोस्तों सिर में खुजली होना एक आम बात है तथा इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक आम बीमारी भी हो सकती है या किसी अन्य परजीवी का आक्रमण भी हो सकता है।

फिर भी हमारी कुछ असावधानी के वजह से यह समस्या एक विकराल रूप धारण कर सकती है। अगर इसका समय पर निवारण नहीं किया गया तो यह हमारे दैनिक जीवन पर भी असर डाल सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको विस्तृत जानकारी देंगे।

क्या है सिर की खुजली

यह एक प्रकार की कष्टदायक खुजली होती है, जिससे आपको खुजली करने की इच्छा होती है साथ ही इससे बार-बार सिर में खुजली करने पर सूजन भी हो सकती है। इसका एक यह भी कारण है कि जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो हमारी कोशिका है मरने लगती है और वह बालों के बीच में फस कर सिर में ही रह जाती है।

जिससे विभिन्न प्रकार के फंगस तथा रिंग वार्म भी लग जाते हैं जिससे हमारे सिर में खुजली होना चालू हो जाती है। यह एक चर्म रोग के दायरे में आने वाली समस्या है। इस रोग अथवा समस्या का समाधान आपके आस पास के अस्पताल में आसानी से हो जाता है तथा कुछ कम खुजली होने पर इसका उपचार अपने घर में ही कर सकते हैं।

सिर की खुजली
सिर की खुजली

सिर में खुजली होने के लक्षण

दोस्तों सिर में खुजली होना एक आम बात है। इसे ज्यादा गंभीरता से लेना उचित नहीं होता है। लेकिन कभी-कभी जब हमें इसका मुख्य कारण पता नहीं होता है तो यह एक कष्टदायक समस्या बन सकती है।

जब यह समस्या बढ़ने लगती है तो इसके लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होने लगते हैं। इन लक्षणों को पहचानना बड़ा आसान होता है लेकिन आम खुजली हो तो इसे आसानी से पहचान सकते हैं परंतु जब किसी अन्य परजीवी अथवा फंगस अथवा रिंगवर्म का आक्रमण होता है तो तब इनके लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि सूक्ष्म जीवी होते हैं तो इनके लक्षण भी विशेष प्रकार के होते हैं।

आइए जानते हैं किस तरह के यह लक्षण प्रकट करते हैं।

  • जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ने लगती है वैसे वैसे हमारे बालों का झड़ना चालू हो जाता है और हम गंजे हो जाते हैं।
  • सिर में रूखी त्वचा उत्पन्न होने लगती है सिर में एक सफेद रंग की पपड़ी जमने लगती है।
  • अगर समस्या ज्यादा हो गई हो तो सिर में घाव भी बनना चालू हो जाते हैं।
  • जब समस्या का दायरा बढ़ जाता है तो हल्का बुखार तथा त्वचा में जलन होने लगती है।

सिर में खुजली होने के कारण

दोस्तों सिर में खुजली कई कारणों से हो सकती है जिनमें से कुछ को पहचानना बिना डॉक्टर के कठिन होता है तथा कुछ को आप आसानी से पहचान सकते हैं जो इस प्रकार है।

  • सिर में खुजली होने का सबसे पहला कारण है डैंड्रफ।
  • अस्थमा और फीवर जैसी एलर्जी एक मुख्य कारण है।
  • सिर में खुजली का एक और कारण तनाव भी है।
  • नींद की कमी के कारण भी सिर में खुजली हो सकती है।
  • बालों में ठीक तरह से तेल नहीं लगाना।
  • खुजली ठंड के मौसम में अथवा शुष्क मौसम में अधिक उत्पन्न होती है।
  • लोगों को अधिक पसीना यह भी एक मुख्य कारण में से एक है।
  • फंगस तथा रिंग वर्म का संक्रमण कारण से हो सकती है।

सिर में खुजली रोकने के घरेलू उपाय-Khujli Ke Upay

नींबू के रस

नींबू के रस को आप अपने सिर में 10 से 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दे और फिर इसे पानी से धोकर सुखा लें आप ऐसा एक से दो बार करें तो आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है।

प्याज का रस

प्याज का रस भी यह समस्या को मिटाने में कारगर साबित होता है। इसको आप कम से कम 15 मिनट के लिए अपने सिर पर लगाकर छोड़ दे इसके बाद आपको पानी से धोकर बालों को सुखा लेना है इससे आपकी समस्या कम हो जाएंगे।

गेंदे का फूल

गेंदे का फूल भी एक एंटीबैक्टीरियल गुण रखता है इसका उपयोग करके आप अपने सर की खुजली को मिटा सकते हैं।

दही

दही एक महत्वपूर्ण खुजली नाशक औषधि के रूप में काम करता है क्योंकि यहां खट्टा होता है जिसके वजह से सर में जमी हुई सफेद पपड़ी अथवा डैंड्रफ को आसानी से यहां निकाल देता है।

मेथी के फायदे बालों के लिए | Methi Ke Fayde Balo Ke Liye

मेथी के फायदे बालों के लिए

आज के समय में बालों की समस्याओं जैसे की बालों का झड़ना, बालों का सफ़ेद होना, गंजापन, सिर में खुजली और डैंड्रफ आदि से ज्यादात्तर लोग परेशान है। लोग इसके लिए बहुत से उपाय करते है। महंगे से महंगे तेल भी खरीदते है, बड़े बड़े सलून और डॉक्टर्स के चक्कर लगाते है पर ये सब इलाज भी कुछ काम नहीं आते।

ऐसे में आप ही के रसोई घर में उपलब्ध एक छोटी सी चीज बालो के लिए वरदान साबित हो सकती है। ये छोटी सी चीज है मेथी दाना या मेथरे। मेथी जितनी ज्यादा शरीर के लिए अच्छी होती है उतनी ही बालों के लिए भी। मेथी के फायदे बालों के लिए कई है। बालों पर मेथी लगाने से बाल मजबूत और घने होते है। इतना ही नहीं मेथी बालों को झड़ने से भी बचाती है।

मेथी क्या है?

मेथी एक प्रकार की हरी सब्जी है जिसे कई तरह से अपने खाने में शामिल किया जाता है। मेथी कई तरह से इस्तेमाल की जाती है। यह हरी सब्जी के रूप मे काम मे ली जाती है। इसे सूखा कर मसालों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं मेथी के दानो को भी साबुत मसालों की तरह ही सब्जी पकाने में उपयोग किया जाता है।

मेथी दाना या मेथरे को बहुत से घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया जाता है। मेथी के कई फायदे है जैसे की इसके सेवन से रक्तचाप सामान्य रहता है। मेथी वजन घटाने में भी मदतगार है। मेथी का सेवन करने से त्वचा और बालो को भी कई लाभ मिलते है। आज इस लेख में हम जानेगे क्या है मेथी के फायदे बालों के लिए।

मेथी के बीज
मेथी के बीज

मेथी के फायदे बालों के लिए | Methi Ke Fayde Balo Ke Liye

बालों के लिए मेथी एक वरदान है। मेथी के उपयोग से बालों को बहुत से फायदे होते है। चलिये जानते है मेथी के फायदे बालों के लिए।

  • मेथी के उपयोग से बालों को घना किया जा सकता है।
  • मेथी के इस्तेमाल से सफ़ेद बालों से छुटकारा मिल जाता है।
  • मेथी बालों को बढ़ाने मे मदद करती है।
  • मेथी के उपयोग से बालों को प्रोटीन व निकोटिनिक एसिड के प्रचुर मात्रा मिल जाती है।
  • मेथी बालों को झड़ने से बचाता है।
  • मेथी का उपयोग करने से बाल कम टूटते है।
  • मेथी के दाने का उपयोग करने से बालों को मुलायम बनाया जा सकता है।
  • मेथी के इस्तेमाल से बालों मे चमक आती है।

बालों के फायदे के लिए मेथी कैसे काम मे ले-Methi Dana For Hair In Hindi

बालों के फायदे के लिए मेथी को आप अलग अलग तरीको से काम मे ले सकते है। चलिये जानते है कैसे मेथी को काम मे कैसे लेना चाहिए।

मेथी हेयर पैक

  • रात मे पहले गुनगुने पानी मे मेथी के दाने डाल कर भीगने के छोड़ दे।
  • अगले दिन भीगी हुई मेथी का पेस्ट बना लेना है।
  •  अब इस पेस्ट को बालों पर इसके साथ जड़ तक लगाना है।
  • अब बालों को 30 मिनट तक छोड़ दे।
  • 30 मिनट बाद मे बालों को अच्छे से धो ले।

कोकोनेट मिल्क एंड मेथी हेयर पैक

बालों को मजबूत व मुलायम बनाने के लिए आप मेथी को नारियल के दूध व नींबू के साथ मेथी काम मे ले सकते है। यह आपके बालों के लिए फायदेमंद रहेगा।

  • सबसे पहले रात मे गुनगुने पानी मे रात मे दो चम्मच मेथी के दाने भिगोने के लिए छोड़ दे।
  • सुबह तक मेथी पेस्ट के तरह बन जाएगी इससे अच्छे से पेस्ट कर ले।
  • इस पेस्ट मे एक चम्मच नीबू का रस व कोकोनेट मिल्क मिला ले।
  • इससे बालों मे अच्छे लगा कर 20 मिनट तक सूखने के छोड़ दे।
  • अब एक बार बालों की मालिश कर ले बाद मे इसे शैम्पू से धो ले।

क्या है ग्रीन टी पीने के फायदे और नुकसान-Tulsi Green Tea Benefits In Hindi

Tulsi Green Tea Benefits In Hindi

भारत मे तुलसी पौधे की पवित्रता, महत्व और गुणों के बारे में आप सब जानते ही है। भारत में एक पवित्र पौधे के रूप में तुलसी की पूजा की जाती है जो चिकित्सीय शक्तियों के रूप में जाना जाता है। ज्यादातर घरों में इसे रोपा जाता है। Tulsi Green Tea Benefits जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि तुलसी ग्रीन टी में कौन से लाभदायक तत्व होते है।

तुलसी की चाय में पाए जाने वाले पोषक तत्व

  • बी CARYOPHYLLENE
  • एस्कॉर्बिक एसिड
  • कैरोटेन (विटामिन ए)
  • रोजमरारी एसिड
  • यूआरएसओएलआईसीआई एसिड
  • APIGENIN
  • सेलेनियम
  • जस्ता
  • मैंगनीज

क्यों है Tulsi Green Tea चाय कॉफी से बेहतर

  • तुलसी ग्रीन टी में आर्टिफिशल मिठास नही होती
  • तुलसी ग्रीन टी में कोलेस्ट्रॉल नही होता
  • तुलसी ग्रीन टी में सैचुरेटेड फैट नही होता
  • ये टी कैफीन से मुक्त होती है
  • तुलसी ग्रीन टी में फाइबर, कैल्सियम, आयरन की मात्रा पाई जाती है।तुलसी ग्रीन टी
    तुलसी ग्रीन टी
    तुलसी ग्रीन टी

Green Tea Ke Fayde-Tulsi Green Tea Benefits In Hindi

तुलसी ग्रीन टी का सेवन आप रोज कर सकते है लेकिन उसे सही तरीके से बनाना चाहिए। तुलसी ग्रीन टी लेने का सबका उद्देश्य अलग अलग होता है, कुछ लोग वजन कम करने के लिए तुलसी ग्रीन टी पीते हैं जबकि दूसरे इसके एंटीऑक्सिडेंट और अन्य स्वास्थ्य लाभों की वजह से लेते हैं।

रिसर्च बताती है कि ग्रीन टी में फैट और प्रोटीन जैसे मैक्रो पोषक तत्वों का अवशोषण कम होता है। इसलिए भोजन और तुलसी ग्रीन टी के बीच मे कम से कम दो घण्टो का गैप हो।

  • तुलसी ग्रीन टी शरीर की चयापचय को बढ़ाकर और फैट के अवशोषण को रोक देती है। इसलिए ज्यादा फायदे के लिए बहुत से लोग दिन में तीन से पांच कप तुलसी ग्रीन टी पीने लगते है। यूँ तो आप तुलसी ग्रीन टी कितनी बार भी ले सकते है फिर भी इसके सेवन को एक कंट्रोल में रहकर करे।
  • Tulsi ग्रीन टी को यदि हल्दी के साथ लिया जाए तो गले और छाती से सम्बंधित समस्याओं को दूर करती है।
  • तुलसी ग्रीन टी शरीर मे बनने वाले एसिड के स्तर को कम कर बैलेंस करता है, जिससे एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
  • तुलसी ग्रीन टी में phytonutrients जैसे पोषक तत्व होते है जिससे ब्रेस्‍ट कैंसर और प्रो-स्‍टेट कैंसर जैसे रोगों को शरीर में पनपने नहीं देता।
  • Tulsi ग्रीन टी तुलसी की चाय पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। तुलसी की चाय में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण अस्थमा से बचाता है।
  • Tulsi Green Tea में होते है एंटीऑक्सिडेंट्स और प्राकृतिक फिटोकेमिकल्स, ये तत्व स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते है।
  • मुख्य रूप से Tulsi Green Tea इम्युनिटी सिस्टम, रेस्पिरेटरी सिस्टम, डायजेस्टिव और नर्वस सिस्टम की बेहतरी का काम करता है।
  • इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टी, और इम्युनिटी डवलप करने वाले गुणों के कारण ये सर्दी ज़ुकाम, खाँसी, बाहरी इन्फेक्शन, फ्लू में सुधार करती है।
  • Tulsi green tea भूख को बढ़ाती है, पाचन को बढ़ाती है। और जब आपको खुलकर भूख लगेगी और पाचन सही रहेगा तो मानसिक शांति खुद ब खुद मिलेगी। इसलिए ही ये कहा जाता है कि यह गुस्से को शांत करने और तनाव से मुक्त रहने में मदद करती है।

Tulsi Green Tea के नुकसान

जिस चीज़ के फायदे हो उसके नुकसान भी जानना जरूरी है। तो आपको बताते है तुलसी ग्रीन टी के नुकसान

  • Tulsi Green Tea की ज्यादा मात्रा विषाक्त साबित हो सकती है।
  • Tulsi Green Tea को खून का थक्का जमाने वाली दवाइयों के साथ बिल्कुल ना ले।
  • हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित लोग तुलसी ग्रीन टी का ज्यादा सेवन न करे। इससे रक्त शर्करा में अत्यधिक कमी हो सकती है।
  • तुलसी गर्भवती महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन को एब्नॉर्मल तरीके से बढ़ा सकती है, साथ ही गर्म तासीर होने के कारण गर्भ को नुकसान पहुँचा सकती है।

छोटे से जीरे के गुण है कई, जानिए कब और कैसे करे इस्तेमाल

जीरे के गुण

जीरा हमारी रसोई में उपयोग में आने वाला एक बहुत ही लोकप्रिय मसाला है। भारत मे हर जगह यह पैदा होता है। आयुर्वेदिक औषधि विज्ञान में भी जीरे को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह तीन प्रकार का होता है-  सफेद जीरा, काला जीरा और कलौजी जीरा। तीनों प्रकार के जीरे के गुण को देखा जाय लगभग एक समान ही होते है | जीरा की तासीर ठंडी होती है। सफेद जीरा में अजवायन की तरह एक उड़नशील तेल, खनिज द्रव्य और विटामिन पाए जाते हैं। काले जीरे में भी उड़नशील तेल पाया जाता है, जिसके कारण इसकी महक बहुत तेज़ होती है। जीरे के गुण अनेक है जो इस प्रकार है।

जीरे के गुण-Jeera Ke Fayde Hindi Me

पाचन क्रिया करे दुरुस्त

  • सोंठ, जीरा, छोटी पीपल, कालीमिर्च और सेंधा नमक प्रत्येक समान भाग लेकर पीसकर और बारीक कपड़े से छानकर इस पाउडर को खाना खाने के बाद 1-1 चम्मच (3 से 5 ग्राम) ताजा पानी के साथ सेवन करने से भोजन शीघ्र ही पचता है।
  • जीरा 2 चम्मच लेकर 1 गिलास  पानी में उबालकर उसके बाद ठंडा करके और छानकर आधा-आधा कप की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से बदहजमी दूर होकर भोजन जल्दी पचता है।
  • धनिया व जीरे का चूर्ण चीनी के साथ सेवन करने से अम्ल-पित्त के कारण खाना खाने के बाद होने वाली छाती में जलन को ठीक करता है।
  • जीरा और सेंधा नमक समान भाग लेकर नींबू के रस में 7 दिन तक भिगोकर रखें, उसके बाद उसे सुखाकर पाउडर बनाकर रख लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम सेवन करने से अफारा मिटता है तथा पाचन शक्ति भी तेज़ होती है।
    पाचन क्रिया करे दुरुस्त
    पाचन क्रिया करे दुरुस्त

चेहरा करे साफ़

जीरे को पानी में उबालकर उस जीरे का पानी से मुख धोने से कुछ ही दिनों में इस प्रयोग को निरंतर करने से मुंह की झाइयां, चकत्ते, मुंहासों के दाग आदि दूर होकर चेहरा साफ़ हो जाता है ।

स्तनों में दुग्ध वृद्धि

  • जीरे को घी में भूनकर, भुने हुए आटे के लड्डुओं में डालकर प्रसूता स्त्री (जच्चा) को खिलाने से स्तनों में दुग्ध वृद्धि होती है।
  • शिशु को दूध पिलाने वाली स्त्रियों में दूध की कमी हो तो सफेद जीरा पीसकर समान भाग पिसी हुई शक्कर या मिश्री मिलाकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार सुबह-शाम सेवन करके ऊपर से दुग्धपान करने से यह कमी दूर करने में मदद मिलती है।

दांतों का दर्द

  • काले जीरे के काढ़े से कुल्लियां करने से दांतों का दर्द दूर होता है।
  • जीरे को भूनकर खाने से मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है।
  • भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक समान भाग लेकर तथा बारीक पीसकर मसूढ़ों पर हल्के-हल्के लगाने से मसूढ़ों की सूजन/मसूढ़े फूलना, टीस व दर्द होना आदि कष्ट दूर होते हैं।

पथरी की समस्या

पथरी की समस्या में जीरा और चीनी समान मात्रा में लेकर व पीसकर 1-1 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार ठंडे पानी के साथ सेवन करने से पथरी रोग में बहुत लाभ होता हैं।

पतले दस्तों में लाभ

  • जीरा 5 ग्राम को तवे पर भूनकर फिर पीसकर दही या दही की लस्सी में मिलाकर सेवन करने से अतिसार/पतले दस्तों में लाभ होता है।
  • बच्चों के दस्तों की शिकायत में जीरे को भूनकर और पीसकर 500 मि.ग्रा. मात्रा में लेकर 1 चम्मच पानी में घोलकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से लाभ होता हैं |
  • जीरा 15 ग्राम लेकर 400 ग्राम पानी में उबालकर जब 100 ग्राम पानी शेष रह जाये तब इस जीरे का पानी छानकर रोगी को सेवन कराने से पेट के कृमि खत्म जाते हैं।

अन्य फायदे

  • जुकाम होने पर काले जीरे को जलाकर उसका धुआं सूंघने से बंद नाक खुलती है।
  • बारीक पिसा हुआ जीरा पाउडर आधा चम्मच लेकर 100 ग्राम खौलते हुए पानी में डालकर ढक दें। 5 मिनट के बाद उसमें दूध और चीनी डालकर सुबह-शाम चाय की तरह सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।

जानिए क्या है लीवर को मजबूत करने के उपाय

लीवर को मजबूत करने के उपाय

लीवर अगर कमजोर हो तो कई बिमारीया घेर लेती है। लीवर को स्वस्थ्य रखने के लिए आयुर्वेद मे अनेक औषधियों का वर्णन मिलता है जिनका उपयोग करके लीवर को निरोग रखा जा सकता है। साथ ही ये लीवर की कार्यशीलता को भी बढ़ाती है। मानव शरीर के अंगों में लीवर सबसे महत्वपूर्ण अंग है। देखा जाए तो शरीर के सभी अंगों का सुचारू रूप से चलना बहुत ही आवश्यक है। अगर शरीर का एक अंग भी अपना कार्य ठीक से ना करे तो शरीर को बिगड़ने में देर नहीं लगती। यहाँ हम कुछ ऐसे औषधियो की बात कर रहे है जो हमारे किचन मे आसानी से मिल जाती है और हमारे लीवर को मजबूत बनाती है।

लीवर को मजबूत करने के उपाय-Liver Majboot Karne Ke Upay

हल्दी-Liver Ke Liye Gharelu Nuskhe

हल्दी वाला दूध लीवर की कमजोरी को दूर करता है। रात को सोने से पहले दूध में हल्दी मिला कर पीयें। हल्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। यह हैपेटाइटिस बी व सी के कारण होने वाले वायरस को बढ़ने से रोकता है और हमारे लीवर को भी स्वस्थ रखता है।

एप्पल साइडर विनेगर-Liver Ki Sujan Ka Ilaj In Hindi

एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और शहद मिला कर दिन में दो से तीन बार लें। यह शरीर में मौजूद विषैले चीजों को निकालने में मदद करता है।

आंवला-Liver Problem Solution In Hindi

आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है। यह लीवर की कमजोरी दूर करता है और लीवर को कार्यशील बनाने में मदद करता है। स्वस्थ लीवर के लिए दिन में 4-5 आंवलें का सेवन ज़रूर करना चाहिए।

नींबू-Liver Thik Karne Ke Upay

लीवर की देखभाल करने के लिए दिन में एक बार नींबू की चाय, सलाद या पानी में नींबू लें। नींबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक होता है। यह अग्नाशय की पथरी को विकसित नही होने देता। इतना ही नही यह आपके हाजमे को भी बढ़ाता है।

ग्रीन टी-Liver Majboot Karne Ke Upay

ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में केटेकाइन्स और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो लीवर की कार्यप्रणाली की क्षमता बढ़ाकर लीवर में वसा के जमाव को कम करने में सहायक बनता है।

ग्रीन टी
ग्रीन टी

ओलिव ऑयल-Liver Ka Ilaj In Hindi

लीवर की देखभाल करने के लिए भोजन को बनाने में जैतून के तेल का प्रयोग करें और मीठे से परहेज जरूर रखे। ओलिव ऑयल से लीवर के रोगों का खतरा कम हो जाता है।

ज्वार और बाजरा-Liver Ke Liye Gharelu Nuskhe

इनमें मौजूद फाइबर शरीर से टोक्सिन बाहर करने में सहायक है जिससे लीवर की सफाई होती है। इसकी रोटी बनाकर खाना फायदेमंद होता है।

जूस उपवास-Liver Problem Solution In Hindi

व्रत करना लीवर को साफ रखने का एक बेहतरीन तरीका है। व्रत के समय किसी तरह का ठोस आहार नहीं लिया जाता। जिस कारण लीवर को आराम मिलता है और एक निश्चित समय पर फल, जूस या कुछ सब्जियाँ ली जाती है जिसे लीवर बहुत कम समय में आसानी से पचा लेता है।

पपीता-Liver Thik Karne Ke Upay

पेट से सम्बंधित सभी रोगों क लिए एक रामबाण औषधि है। प्रतिदिन दो चम्मच पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलकर पिये। इससे पेट सम्बंधित कई परेशानियों से निजात मिलता है। खासकर यह “लीवर सिरोसिस” में लाभकारी होता है। पपीता खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है पपीते को आप सुबह नाश्ते में ले सकते है। पपीते को आप खाने के समय या खाने के बाद भी उपयोग कर सकते है।

लहसुन-Liver Majboot Karne Ke Upay

लहसुन का उपयोग भी आप प्रतिदिन खाने पीने चीजों में कर सकते है। उसके अलावा सुबह लहसुन के एक,दो टुकड़े भी खाने से लाभ होता है।

अंजीर-Liver Ka Ilaj In Hindi

अंजीर हमारे लीवर के लिए बहुत फायदेनंद है। अंजीर को रातभर पानी में भिगों दे और सुबह के समय उसको खा ले आप चाहे तो और इसी तरह सुबह के भिगोयें हुए अंजीर शाम को खा सकते है।

मिल्क थिस्टल-Liver Strong Karne Ke Upay

मिल्क थिस्टल हमारे लीवर को मजबूत बनाता है।  बाजार में मिल्क थिस्टल कैप्सूल के रूप में आसानी से मिल जाता है। मिल्क थिस्टल का सेवन लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है।

पालक-Liver Problem Solution In Hindi

पालक भी हमारे लीवर को स्वस्थ रखता है। लीवर की देखभाल करने के लिए आप पालक और गाजर के रस का मिश्रण बनाकर पिये। यह “लीवर सिरोसिस” के लिए फायदेमंद घरेलू उपचार है।

सेब-Liver Ke Liye Gharelu Nuskhe

सेब और हरी पत्तेदार सब्जी पाचन तंत्र में उपस्थित जहरीली चीजों को बाहर निकलने में और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसलिए दिन मे एक सेब जरुर खाऐ।

अजवायन खाने के फायदे जो नहीं जानते होंगे आप-Ajwain Ke Fayde Hindi Me

अजवायन खाने के फायदे

कहा जाता है कि अजवायन हर अपच वाले खाने को पचा देती है। ये एक ऐसी औषधि है जो आसानी से उपलब्ध होने के साथ ही ढेरो फायदे लिए हुए है। आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ढेरो अजवायन खाने के फायदे बताएंगे जो आपको शायद पता न हो।

दरअसल अजवायन एक बीज होता है, जिसका प्रयोग मसाला एवं औषधि के रूप में किया जाता है। अजवाइन तीन तरह की होती है:-

  • अजवाइन
  • जंगली अजवाइन
  • खुरासानी अजवाइन

आइए आपको बताते हैं अजवाइन के गुण।

अजवायन खाने के फायदे-Ajwain Ke Fayde Hindi Me

अजवायन के ढेरों फायदे होते है जो उसे इस्तेमाल करने के तरीके पर निर्भर होते है। आज हम आपको अजवायन के प्रयोग करने के तरीके के साथ साथ इसके फायदे भी बताएंगे।

पेट से जुड़ी समस्याएं

प्राचीन समय से जिस समस्या के लिए अजवायन का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है वो है पेट की समस्या। यदि आपको जल्दी जल्दी छाती में जलन की समस्या होती है तो अजवायन और बादाम को एक साथ मुँह में डाले और चबा चबा कर खाए। इसके अलावा आप एक चम्मच अजवायन, आधा आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर और सेंधा नमक मिलाकर रख ले। इस मिश्रण को गुनगुने पानी के साथ ले।

पेट के लिए चूर्ण

  • 60 ग्राम अजवाइन, 30 ग्राम सेंधा नमक, 30 ग्राम काली मिर्च, 30 ग्राम काला नमक, 250मिग्रा यवक्षार ले ले। उसके बाद कच्चे पपीते से निकलने वाला दूध ले,ये सारी सामग्री इस दूध के साथ पीस ले और एक कांच के बर्तन में रख कर, 1 ली नींबू का रस डाल दे। लगभग महीने भर में ये धूप में अच्छे से सूख जाएगा। रोज इस चूर्ण को आधा चम्मच सेवन करें। इससे अपच, अमाशय संबंधी रोग, और बार-बार दस्त होने की बीमारी में लाभ होता है।
  • एक बर्तन में 2 गिलास पानी रखे। जब पानी उबलकर सवाया रह जाए, तो उसमें करीब 2 चम्मच अजवायन डाल कर ढक दे। गैस ऑफ कर दे। इस पानी को दिन में दो बार 50-50ml पी ले।
  • अगर किसी बच्चे या बड़े को दूध ठीक से ना पचता हो, उसे इस पानी की कुछ बूंदे दूध में डाल कर दी जा सकती है।
  • यदि गेहूं की रोटी ,परांठा, या मैदे की मठरी, मिठाई में अजवायन डाल दी जाए तो ये पचने में आसान हो जाती है। सोंठ, काली मिर्च तथा पिप्पली को पानी मे उबालकर काढ़ा बना लें या पीसकर चूर्ण बना ले। इसके सेवन से पैट की गैस की समस्या ठीक होती है।
  • diarrhea की समस्या में अजवाइन, और काले नमक को ताजे पानी के साथ सेवन करें। दस्त में अजवाइन के फायदे काफी है।

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माहवारी की समस्या

माहवारी की किसी भी प्रकार की समस्या हो चाहे रक्तस्राव कम होना, ज्यादा होना या अनियमित माहवारी, अजवायन सभी समस्याओं में कारगर हैं।

यदि आपको माहवारी खुल कर नही होती है तो एक बर्तन में 200ml पानी रखे। अब इसमें अजवायन गुड़, बादाम, गोला और खरबूजे के बीज डालकर उबाल लें। उबाल आने पर थोड़ा घी डाले और गर्म गर्म सेवन करे यह खाने में भी स्वादिष्ट होता है।

  • इससे गर्भाशय की गंदगी साफ होती है, और मासिक धर्म संबंधी विकार भी ठीक होते हैं।
  • अजवाइन के चूर्ण को या अजवायन को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे भी मासिक धर्म में लाभ होता है।
    माहवारी की समस्या
    माहवारी की समस्या

सर्दी-जुकाम

अगर छोटा बच्चा सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो 200 ग्राम अजवाइन को मलमल के कपड़े में बांध लें। इसे पोटली बनाकर तवे पर गर्म कर लें।
इस पोटली को बच्चे के सिरहाने रखे, हल्का ठंडा होने पे छाती पर घुमाए, दोबारा गर्म करके इस्तेमाल करे।

  • 2-3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ पिएं। इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करना है। इससे जुकाम, खांसी तथा सिर दर्द में लाभ होता है।
  • अजवायन, सोंठ और लौंग को 200ml पानी मे पकाए। ठंडा होने पर छान लें, शहद मिला कर घूंट घूंट करके पी ले।
  • अगर खांसी के साथ बहुत ज्यादा कफ हो तो अजवाइन के रस में घी, और शहद मिला लें। इसे दिन में 3 बार खाएं। इससे कफ वाली खांसी में लाभ होता है।

अन्य फायदे

  • जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हैं, उन्हें रात में 500 मिग्रा अजवाइन खिलाएं। इससे फायदा हो सकता है।
  • कान में दर्द की समस्या होने पर अजवाइन को सरसो के तेल में पका लें। अब इस तेल को छान कर रख ले। इस तेल को गुनगुना कर, 2-2 बूंद कान में डालें। इससे कान का दर्द ठीक होता है। इस तेल से शरीर और जोड़ो की मालिश करने से दर्द में बहुत आराम मिलता है।
  • डिलीवरी के बाद महिला को ज्यादा से ज्यादा अजवायन का सेवन कराया जाता है ताकि गर्भाशय की सफाई अच्छे से हो जाए।
    50 ग्राम अजवाइन को 50 ग्राम गुड़ के साथ अच्छी प्रकार कूट लें। इसकी 1-1 ग्राम की गोली बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लें।
  • इससे एक सप्ताह में ही शरीर पर फैली हुई पित्ती शांत होती है। इसी गोली के सेवन से यूरिन से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती है।

ये थे अजवायन के अनगिनत फायदे

दालचीनी के उपयोग जो आप नहीं जानते होंगे-Dalchini Ke Upyog

दालचीनी के उपयोग जो आप नहीं जानते होंगे

दालचीनी से क्या क्या होता है?

आमतौर पर दालचीनी का प्रयोग केवल मसालों के रूप में ही होता हैं, आयुर्वेद में दालचीनी को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है।आजकल दालचीनी का उपयोग कैंसर जैसे असाध्य रोंगो में भी किया जाता है। दालचीनी की छाल तेजपात की वृक्ष छाल से अधिक पतली, पीली, और अधिक सुगन्धित होती है। यह भूरे रंग की मुलायम, और चिकनी होती है। इसे दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी भी कहतें हैं। रोजमर्रा की ज़िंदगी में दालचीनी के बहुत सारे उपयोग है।

दालचीनी के उपयोग-Dalchini Ke Upyog

आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी के सेवन से पाचनतंत्र संबंधी विकार, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म की परेशानियां ठीक की जा सकती हैं। इसके साथ ही दस्त, और टीबी में भी इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। आइए जानतें कि दालचीनी का उपयोग कैसे करना चाहिए?

दालचीनी का उपयोग कैसे करना चाहिए?

हिचकी को रोके-Dalchini Khane Ke Fayde

हिचकी आना बहुत ही साधारण सी बात है, लेकिन कई ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी के 10-20 मिली काढ़ा को पिएं। इससे आराम मिलता है।

भूख बढ़ाये-Dalchini Ke Fayde In Hindi

दालचीनी भूख बढाने में भी मदद करती है. भूख को बढ़ाने के लिए 500 मिग्रा शुंठी चूर्ण, 500 मिग्रा इलायची, तथा 500 मिग्रा दालचीनी को पीस लें। भोजन के पहले सुबह-शाम लेने से भूख बढ़ती है।

आँखों की रोशनी बढ़ाये-Dalchini Ka Upyog

आंखों के रोग में दालचीनी का प्रयोग कर सकते हैं,इसे भोजन में शामिल करने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

दांत दर्द से पाए आराम-Dalchini Ke Fayde

दांत के दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी के तेल को रूई से दांतों में लगाएं। इससे आराम मिलेगा। दालचीनी के 5-6 पत्तों को पीसकर मंजन करें। इससे दांत साफ, और चमकीले हो जाते हैं।

सिर दर्द से पायें आराम-Dalchini Powder Ke Fayde

सिर दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप बना लें। दालचीनी के लेप को मस्तक पर लगाने से ठंड, या गर्मी से होने वाली सिर दर्द से आराम मिलता है। आराम मिलने पर लेप को धोकर साफ कर लें।

दालचीनी के तेल से सिर पर मालिश करें। इससे सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द से आराम मिलती है।

सरदर्द
सरदर्द

दालचीनी, तेजपत्ता, तथा चीनी को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इसे चावल के धोवन (चावल को धोने के बाद निकाला गया पानी) से पीस कर बारीक चूर्ण बना लें। इसे नाक के रास्ते लें। इसके बाद गाय के घी को भी नाक के रास्ते लें। इससे सिर से संबंधित विकारों में आराम मिलता है।

तंत्रिका-तंत्र संबंधी परेशानियों के लिए दालचीनी के तेल को सिर पर लगाएं। इससे फायदा होता है

खांसी का करें इलाज-Dalchini Ke Gun

खांसी के इलाज के लिए दालचीनी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। खांसी से परेशान रहने वाले लोग आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को, 2 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे खांसी से आराम मिलता है।

दालचीनी उबालकर पीने से क्या होता है?

दालचीनी के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है। एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 1 चम्मच मधु को मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है।

वजन कम करने में करे मदद-Dalchini Powder For Weight Loss In Hindi

वजन कम करने के लिए दालचीनी का प्रयोग कैसे करें?

वजन को कम करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। आप भी मोटापा कम करने में दालचीनी से फायदा ले सकते हैं। एक कप पानी में दो चम्मच मधु, तथा तीन चम्मच दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसका रोज 3 बार सेवन करें। इससे कोलेस्ट्राल कम होता है।

वजन को करे नियंत्रित
वजन को करे नियंत्रित

पेट सम्बंधित विकारों को करे दूर-Dalchini Ke Fayde Kya Kya Hai

पेट से संबंधित कई तरह के रोगों में दालचीनी बहुत ही फायदेमंद होती है। 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। पेट के फूलने की बीमारी ठीक होती है।

दालचीनी , इलायची और तेजपत्ता को बराबर-बराबर लेकर काढ़ा बना लें। इसके सेवन से आमाशय की ऐंठन ठीक होती है।

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी दालचीनी का इस्तेमाल करना अच्छा परिणाम देता है। दालचीनी का तेल पेट पर मलने से आंतों का खिंचाव दूर हो जाता है।

प्रसव के बाद दालचीनी के सेवन से फायदे बहुत ही ज्यादा होतें हैं। त्रिकटु, पीपरामूल, दालचीनी, इलायची, तेजपात, तथा अकरकरा लें। इनके 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटें। इससे मां बनने वाली महिलाओं के रोग रक्त जनित और अंदरूनी रोग ठीक हो जाते हैं।

दालचीनी का उपयोग कर रक्तस्राव पर रोक-Dalchini Benefits to Stop Bleeding in Hindi

अगर फेफड़ों, या गर्भाशय से रक्तस्राव हो रहा है तो दालचीनी का काढ़ा 10-20 मिली पिएं। आपको काढ़ा को सुबह, दोपहर तथा शाम पीना है। इससे लाभ पहुंचता है।

गठिया रोग को करे दूर-Dalchini Ke Kya Fayde Hain

गठिया में 10-20 ग्राम दालचीनी के चूर्ण को 20-30 ग्राम मधु में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे दर्द वाले स्थान पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे फायदा मिलेगा।

इसके साथ-साथ एक कप गुनगुने पानी में 1 चम्मच मधु, एवं दालचीनी का 2 ग्राम चूर्ण मिला लें। इसे सुबह, दोपहर, तथा शाम सेवन करें। गठिया में लाभ देता है।

अन्य उपयोग-Dalchini Ke Fayde Hindi Me

  • वीर्य वृद्धि के लिये दालचीनी पाउडर सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ ले।
  • मुह की दुर्गंध और दांत की दवा में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
  • मुहांसे कम करने के लिये दालचीनी का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर लगाये।
  • उल्टी को रोकने के लिए दालचीनी का प्रयोग दालचीनी, और लौंग का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से उल्टी पर रोक लगती है।
  • चर्म रोग में दालचीनी से फायदा चर्म रोग को ठीक करने के लिए शहद एवं दालचीनी को मिलाकर रोग वाले अंग लगाएं। आप देखेंगे कि थोड़े ही दिनों में खुजली-खाज, तथा फोड़े-फुन्सी ठीक होने लगेंगे।
  • दालचीनी के सेवन से बुखार में 1 चम्मच शहद में 5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करने से ठंड के साथ आने वाला संक्रामक बुखार ठीक होता है।

ध्यान रखने योग्य बातें-

  • दालचीनी उष्ण गुणधर्म की है, इसलिये गर्मी के दिनो में कम उपयोग करें।
  • दालचीनीसे पित्त बढ सकता है।
  • दालचीनी के अति सेवन से शरीर को नुकसान भी हो सकता है इसलिए दालचीनी के नुकसान से बचने के लिए इस्तेमाल से पहले देख परख कर या चिकित्सक से सलाह से ही इसका उपयोग करें।

जानिए गर्मियों में लौकी के जूस के फायदे-lauki ke juice ke fayde hindi me

जानिए गर्मियों में लौकी के जूस के फायदे

लौकी एक ऐसी सब्जी जिसे ज्यादातर लोग खाने से बचते है। लेकिन इसे सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक माना जाता है। लौकी को घीया या दूधी के नाम भी कहा जाता है। लौकी को केवल साधारण सब्जी ही नही बल्कि खीर, मिठाई, के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। क्या आप जानते है की लौकी डायबिटीज में बहुत असरकारी होती है। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जिससे शरीर ठीक तरह से अपना कार्य कर पाता है और बीमारियों से बचाव होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको लौकी के जूस और लौकी के जूस के फायदे से सम्बंधित सारी जानकारी देंगे।

लौकी का जूस कैसे बनाए

बहुत से लोग स्वाद के कारण लौकी का जूस नही पीते, आप इस तरीके से लौकी का जूस बनाएंगे तो आपको जरूर पसंद आएगा।
जूस निकालने से पहले आप लौकी को चख कर देख लें की लौकी कड़वी तो नहीं है अगर लौकी कड़वी है तो उस का जूस नहीं निकालें।

आवश्यक सामग्री

  • आधी लौकी
  • 8-10 पुदीना पत्ता
  • चुटकीभर काली मिर्च पाउडर
  • चुटकीभर नमक
  • आधा छोटा चम्मच नींबू का रस
  • पानी जरूरत के अनुसार

विधि

  • सबसे पहले लौकी को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • अब लौकी के टुकड़े, पानी और पुदीने पत्ते को एक मिक्सर जार में डालकर पीस लें।
  • तैयार रस को एक छन्नी से छानते एक गिलास में निकालकर रखें। लौकी का जूस तैयार है।
  • काली मिर्च पाउडर, थोड़ा नमक और नींबू का रस मिलाकर पिएं।

सबसे जरूरी बात अगर लौकी का जूस कड़वा निकल आए तो उस जूस को बिल्कुल भी न लें।

लौकी के जूस का सेवन कब करें

लौकी के जूस के सेवन का कोई निश्चित समय नही होता। फिर भी खाना खाने के तुरन्त बाद इसका सेवन ना करें। यदि इसका सेवन सुबह-सुबह खाली पेट किया जाए तो यह अधिक फायदेमंद होता है। लेकिन बहुत से लोगो को इससे जी खराब होने की समस्या हो सकती है। तो बेहतर यही है कि आप शुरुआत में कम मात्रा में इसका सेवन करके देखे।

लौकी के जूस के फायदे-lauki ke juice ke fayde hindi me

वजन कम करने में

यदि आप नियमित व्यायाम के साथ लौकी के जूस का सेवन करते है, तो वजन घटाने में बहुत ही मदद मिलेगी। एक्सरसाइज के बाद लगभग 100gm लौकी का जूस पिए। इससे आपको इंस्टेंट एनर्जी भी मिलेंगी साथ ही पेट भी काफी समय तक भरा फील होगा।

वजन कम करने में मदद करे
वजन कम करने में मदद करे

पाचन तंत्र सुधारे

लौकी के रस में  विटामिन, पोटेशियम, लौह, पानी और फाइबर होता है।ये सभी पोषक तत्व पाचन तंत्र में होने वाली क्रियाओं को नियमित करते है। इसमे उपस्थित फाइबर कब्ज को दूर रखता है। जिससे भूख खुलकर लगती है।

इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) भी होते हैं जो शरीर में इसके बैलेंस को बनाकर रखते हैं, जिससे लूजमोशन की समस्या नहीं होती है।लौकी का जूस अन्य पाचन समस्याओं जैसे पेट दर्द, खराब बॉवेल मूवमेंट, गैस, पेट फूलना, सूजन आदि से राहत प्रदान करने के लिए भी प्रभावी है।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें

रोज सुबह लौकी का जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। हाई ब्लड प्रेशर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। हाई बी पी के कारण हृदय संबंधी दूसरी समस्या हो सकती हैं, जैसे दिल का दौरा, अनियमित दिल की धड़कन आदि। लौकी का जूस 200 मिलीग्राम प्रतिदिन पीने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है और इससे उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात मिलता है।

ब्लड सर्क्युलेशन को ठीक करे

लौकी के जूस में मिलने वाला पोटेशियम बेहतरीन वेसोडाइलेटर के रूप में काम करता है। यह ब्लड कैपिलरीज को बड़ा करने का काम करता है। ब्लड वेसेल्स को रिलैक्स करता है।

ब्लड सर्कुलेशन जितना अच्छा होगा। शरीर के सभी भागों तक ऑक्सीजन उतनी ही जाएगी। इससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक आराम भी मिलता है।

यूरिन इन्फेक्शन को ठीक करें

लौकी का जूस यूरिन इन्फेक्शन को दूर करता है। इसमे पानी की भरपूर मात्रा होती है। जिसके कारण यूरिन खुलकर आता है। साथ ही क्योंकि लौकी ठंडी होती है, प्राइवेट पार्ट में गर्मी से होने वाली जलन को भी दूर करती है।

लौकी के जूस के अन्य फायदे

  • इसके ड्यूरेटिक, सेडेटिव और एंटी-बिलियस गुण तनाव को दूर करते है।
  • लौकी के जूस में उपस्थित न्यूरोट्रांस्मिटर कोलीन मस्तिष्क को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करता है।
  • आंवला और लौकी के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से रूसी कम होती है. साथ ही इस मिश्रण से सिर पर मालिश करने से भी रूसी ठीक होती है।
  • लौकी का रस मिर्गी, पेट अम्लता, अपच, अल्सर और अन्य तंत्रिका रोगों के उपचार में बहुत उपयोगी है।
  • लौकी के रस में लेक्टिंस (lectins) और प्रोटीन होता है जो कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोकता है।

कुछ बातों का रखे ध्यान

  • गर्भवती स्त्री को लौकी के जूस का सेवन न कराए। क्योंकि यदि लौकी कड़वी हुई तो भारी नुकसान हो सकता है।
  • लौकी के जूस को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें दुनिया भर की चीज़ें न डाले।
  • शुरु में इसके रस का उपयोग कम मात्रा में करें और जैसे-जैसे यह अच्छे से पचने लगे इसकी मात्रा को बढ़ा दें।

क्या सच में अदरक की चाय से हो सकता है गर्भपात का खतरा? क्या प्रेगनेंसी में अदरक खाना चाहिए? अदरक से गर्भपात हो सकता है क्या?

क्या सच में अदरक की चाय से हो सकता है गर्भपात का खतरा? क्या प्रेगनेंसी में अदरक खाना चाहिए? अदरक से गर्भपात हो सकता है क्या?

गर्भावस्था हर स्त्री के लिए एक सुखद एहसास है परंतु इसके साथ साथ प्रत्येक स्त्री हमेशा इस बात को लेकर शंका में रहती है कि उसे इस दौरान कौन सी चीजें खानी चाहिए और कौन सी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। घर की बुजुर्ग महिलाएं भी इस संबंध में अलग-अलग प्रकार की सलाह देती रहती हैं । इन्हीं चीजों में से एक है अदरक, अदरक का सेवन गर्भावस्था के दौरान करना चाहिए अथवा नहीं या कितनी मात्रा में करना चाहिए इन सभी बातों को लेकर कई सारे भ्रम दिमाग में रहते हैं। आइए जानते हैं की क्या प्रेगनेंसी में अदरक खाना चाहिए? अदरक से गर्भपात हो सकता है क्या?

अदरक के अनेक औषधीय गुण हैं, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला मॉडरेशन में अदरक का सेवन कर सकती है। अदरक का सेवन कच्चा ही किया जाना चाहिए इसकी सूखी जड़ का सेवन नुकसानदायक होता है।

और पढ़ें: गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

गर्भवती महिला को 1 दिन में कितनी मात्रा में अदरक का सेवन करना चाहिए ?

गर्भवती महिला को 1 दिन में महज एक या अधिकतम 2 ग्राम अदरक का सेवन करना चाहिए । इससे अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

गर्भावस्था में अदरक का सेवन करने के लाभ

उल्टी
उल्टी
  • अदरक इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाती है और गर्भवती को सर्दी ,जुकाम ,खांसी जैसी बीमारियों से बचाती है।
  • अदरक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करती है तथा हृदय को मजबूत बनाती है।
  • अदरक के सेवन से रक्त प्रवाह संतुलित रहता है और भ्रूण रक्त की आपूर्ति सही तरीके से होती है ।
  • अदरक भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने का कार्य भी भली प्रकार से करने में मदद करती है ।
  • अदरक गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान को दूर कर शरीर को स्फूर्ति प्रदान करती है।
  • यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मदद करती है ।
  • रात में अदरक का सेवन करने से गैस, मितली और उल्टी की समस्या नहीं होती ।
  • मॉर्निंग सिकनेस की समस्या में भी अदरक का सेवन लाभदायक है ।
  • अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में होने वाली सूजन में लाभदायक है।

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गर्भावस्था में अदरक के सेवन से होने वाले नुकसान

  • गर्भावस्था में अदरक का अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी की समस्या होती है।
  • ज्यादा अदरक के सेवन से कभी-कभी त्वचा पर शक करते या लाल दाने उभर सकते हैं।
  • अधिक मात्रा में अदरक के सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है ।
  • अदरक के सेवन कभी-कभी लो शुगर लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।

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गर्भावस्था में अदरक का सेवन करते समय निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए –

  • यदि गर्भवती महिला खून पतला करने की दवाई ले रही है तो उसे अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अदरक में एंटीप्लेटलेट तत्व पाए जाते हैं जो खून में रक्त का थक्का नहीं जमने देते ।
  • यदि आपको गर्भावस्था में एसिडिटी की समस्या है तो अदरक का सेवन से और बढ़ा सकता है ।
  • अदरक का सेवन रक्तचाप को कम करता है अतः लो ब्लड प्रेशर की समस्या वाली गर्भवती महिलाओं को सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • यदि कोई महिला गॉल ब्लैडर में स्टोन की समस्या से पीड़ित है तो उसे अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए ।
  • यदि गर्भवती का ब्लड शुगर लेवल लो रहता है तो भी उसे अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए।

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क्या गर्भावस्था के दौरान अदरक के सेवन से गर्भपात हो सकता है ?

गर्भावस्था के दौरान अदरक का सेवन गर्भपात का कारण नहीं होता है। विशेषज्ञों की माने तो सीमित मात्रा में अदरक का सेवन गर्भवती के लिए लाभदायक होता है परंतु यदि अधिक मात्रा में अदरक का सेवन कर लिया जाए तो समस्याएं हो सकती हैं । यदि महिला किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित है अथवा लो ब्लड प्रेशर ,लो शुगर की समस्या है तो अदरक का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अति आवश्यक है।

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गर्भावस्था के दौरान किस समय अदरक का सेवन किया जा सकता है ?

गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनों तक अदरक का सेवन लाभदायक होता है ।

अदरक का सेवन किस किस प्रकार से किया जा सकता है ?

अदरक का सेवन चाय में, अदरक के सत के कैप्सूल के, अदरक की कैंडी के रूप में तथा अदरक के रस का सेवन किया जा सकता है।

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