क्यों हो जाते है हम अक्सर मानसिक तनाव के शिकार,क्या है मानसिक तनाव से बचने के उपाय

तनाव कैसे दूर करे

आजकल हर कोई तनाव से परेशान है क्योंकि हर किसी के जीवन में कोई न कोई समस्या रहती है। जिसके वजह से वहां अपने आप को जबरन तनाव में डाल देता है, जिससे कि उसके कामों पर उस तनाव का असर दिखाई देता है। यह भी पाया गया है कि 40 से 50 साल की उम्र के लोगों को ज्यादा तनाव होता है, लेकिन आजकल विद्यार्थियों के ऊपर भी एक अलग तरह का तनाव नजर आता है उन पर परीक्षा के साथ साथ अन्य कार्यों का भी तनाव दिखाई देता है।

यदि तनाव अधिक बढ़ जाता है तो आप कई प्रकार के मानसिक रोग से पीड़ित हो सकते हैं, जिसमें से डिप्रेशन पैनिक डिसऑर्डर आदि शामिल है।

तनाव क्या है

तनाव जीवन में अचानक परिवर्तन को व्यक्त करने की एक प्रक्रिया होती है जिसमें शरीर भावनात्मक रूप से तथा शारीरिक रूप विकार होता है जिसे हम तनाव कहते हैं।

मानसिक शांति के उपाय इन हिंदी | तनाव से बचने के उपाय

आसान सी दैनिक जीवन चर्या

अक्सर लोग अपने दैनिक जीवन चर्या को बहुत ही उलझा हुआ बना देते हैं तथा अपने ऊपर कई प्रकार की समस्याएं लाद देते हैं, जिस वजह से उनके दिमाग तथा शरीर में एक सुस्ती आ जाती है इसलिए काम ना होने के कारण उनके दिमाग में एक तनाव सा बन जाता है।

समय का प्रबंधन

इस भागदौड़ वाली जिंदगी में समय का प्रबंधन करना बड़ा ही मुश्किल होता है। अगर कोई व्यक्ति समय के अनुसार काम ना करें तो वह निराश हो जाता है, यदि निराशा दिमाग पर आ जाए तो वहां तनाव में बदल जाती है इसलिए हमेशा अपना कार्य समय पर ही करें।

संबंधियों से मेल मिलाप

यह अपने तनाव से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि हम इसमें अपने सगे संबंधियों के साथ घिरे हुए रहते हैं, जिससे नकारात्मक बातें हमारे दिमाग में नहीं आती है और जो दिमाग की कार्य चल रहे होते हैं वह मनोरंजन में बदल जाते हैं जिस वजह से तनाव नहीं आता है।

जल्दी उठे

कुछ लोगों को रात में लेट सोने की आदत होती है तथा दिन में लेट उठने की आदत होती है तो यह बता दे कि यह आदत आपको एक बड़े तनाव में डाल सकती है, क्योंकि लोगों की दिनचर्या सुबह से शुरू होती है और उनके काम भी समय पर होते हैं, इस बात को ध्यान में रखेगी हमेशा सुबह 6:00 से 7:00 के बीच में पूरी नींद लेकर ही उठे।

व्यायाम

व्यायाम हमें रोजाना सुबह करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को एक लचीला होना जरूरी होता है, जिससे कि शरीर के सारे अंग सुचारू रूप से काम कर सकें। यदि हमारे शरीर में किसी प्रकार का दर्द हो रहा है तो वह दिमाग के ऊपर जोर डालता है जिससे की एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है इसलिए व्यायाम करना आवश्यक है।

व्यायाम
व्यायाम

ठंडे पानी से नहाना

हमें प्रतिदिन ठंडे पानी से नहाना चाहिए नहाने से हमारे शरीर के सारे विकार दूर हो जाते हैं तथा शरीर को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है। जब भी अगर हमें ऐसा लगे कि सर दर्द हो रहा है या परेशानी हो रही है तो हमें नहा लेना चाहिए जिससे हमारे मन को थोड़ी शांति मिलती है।

गाना सुनना

यह एक अलग प्रकार का तनाव मुक्त होने का तरीका होता है। ज्यादातर युवा साथी ही इसका यूज करते हैं, जब भी लोगों का दिमाग में टेंशन आ जाता है तो वह अपने पसंदीदा गाने सुनकर टेंशन फ्री हो सकता है। इससे पता चलता है कि मनुष्य के जीवन में संगीत का कितना महत्व है।

किताबें

कहा गया है कि लोगों से कब मिले तथा अच्छी किताबें ज्यादा से ज्यादा पढ़े यह एक तनावमुक्त होने का रास्ता है। जिसमें आप अच्छे शिक्षित तथा अन्य मोटिवेशनल लोगों की किताबें पढ़ें और उन किताबों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उनके महान व्यक्तित्व को उतारने की कोशिश करें जिससे कि आपका ध्यान गलत कार्यों में नहीं लगेगा और आप तनाव मुक्त रहेंगे।

बुरी आदतों का त्याग

बुरी आदतें मनुष्य के लिए हमेशा से हानि कारक तथा नाश का कारण रहा है, बुरी आदतों के वजह से कई बार इंसान को कई गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है। यदि आप हमेशा अच्छे कार्यों को करने में लगे रहते हैं तो बुरी आदतें आपके अंदर नहीं आ पाएंगे यह बुरी आदत; सिगरेट पीना, शराब पीना, देर रात सोना, सुबह लेट उठना, बुरा व्यवहार आदि शामिल है।

अच्छा भोजन खाए

यदि आप दिन में अच्छा भोजन खाते हैं तो निश्चित रूप से आपका शरीर सुचारू रूप से काम करेगा जिससे कि सारे पौष्टिक तत्व आपको मिलेंगे और आप लंबे समय तक अपना कार्य करते रहेंगे जिससे कि समय की पाबंदी के अनुसार आपको तनाव नहीं होगा।

डॉक्टर से सलाह

यदि आपको ऐसा लगता है कि आप किसी टेंशन में है जो आपको क्षति पहुंचा रहा है, तो उस तनाव को दूर करने के लिए आप अपने नजदीकी डॉक्टर से भी सलाह मशवरा कर सकते हैं और अपनी सारी बातें डॉक्टर को सच-सच बताएं ताकि आपको वहां उस तकलीफ अथवा तनाव से दूर ले जा सके।

रोजाना खाली पेट अखरोट खाने के फायदे है अनेक, जानकर आप भी रह जानेंगे दंग

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है, जिसे लोग खाना बेहद पसंद करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में लोग इसे अपनी दिनचर्या के अनुसार शामिल करते हैं। दोस्तों हम इस लेख के माध्यम से आपको अखरोट खाने के फायदे तथा नुकसान के बारे में बताएंगे तथा इसे किस तरह से अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी देंगे तथा इससे होने वाले फायदों के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे।

साथियों अखरोट का ज्यादा सेवन करने पर भी विभिन्न तरीके की हानि हो सकती है, इसलिए इसका एक संतुलित मापदंड के अनुसार ही नियमित रूप से इसका उपभोग करें। अखरोट के विभिन्न नाम है, अलग अलग राज्य अथवा भाषाओं के अनुसार इसका अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम है जैसे हम इसे अंग्रेजी में वॉलनट कहते हैं तथा कन्नड़ भाषा में अख़रोटा कहते हैं।

आइए जानते हैं अखरोट क्या है और अखरोट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी।

अखरोट क्या है?

अखरोट एक प्रकार का ड्राई फ्रूट है। अखरोट के फल में एक बीज होता है जिसका इस्तेमाल हम अपने आहार के रूप में करते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम जुग्लांस जीनस है तथा इसका इस्तेमाल हम कई औषधि में अथवा पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए भी करते हैं।

अक्सर आपको पता होगा कि जब भी हम डॉक्टर के पास जाते हैं; तो वह यह नसीहत देता है कि आप अपने दैनिक आहार में अखरोट का प्रयोग करें इससे कई प्रकार की बीमारियों तथा एलर्जी को ठीक करने में इस्तेमाल करते हैं।

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट अपने आप में एक औषधि गुण भी रखता है। इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियां ठीक होती है तथा यह एक स्वस्थ जीवन तथा पूर्ण आहार के रूप में हम अखरोट का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से शरीर को बीमारियों से हम दूर रह सकते हैं।

आइए जानते हैं अखरोट खाने के फायदे हिंदी में ।

कैल्शियम की मात्रा

अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिस में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इससे हम अपनी हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। अखरोट का सेवन करने पर हमारे शरीर को कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी भी प्राप्त होता है तथा इसमें पाए जाने वाले आवश्यक अम्ल हमारे लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

वजन कम

बहुत से लोग अपने ज्यादा वजन के कारण परेशान रहते हैं तो उनके लिए यह लेख महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अखरोट का सेवन करने पर वजन कम किया जा सकता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व तथा अम्ल होते हैं जिसकी प्रकृति वजन कम करने की होती है।

अखरोट से वजन कम
अखरोट से वजन कम

गर्भावस्था के दौरान

वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को अखरोट का सेवन करना लाभदायक सिद्ध होता है। अखरोट में कुछ ऐसे अम्ल, विटामिन ए और विटामिन ई पाया जाता है। जिससे शिशु के शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं तथा इसमें कई प्रकार के प्रोटीन भी शामिल होते हैं।

ब्लड प्रेशर से निजात

दोस्तों अखरोट का प्रयोग हम लो ब्लड प्रेशर के लिए भी कर सकते हैं इसमें एक खासियत होती है कि इसका सेवन करने पर ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके पोषक तत्व इसको संतुलित रखने में मदद करते हैं।

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली

इसका एक और विशिष्ट गुण है कि यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो एंटीबैक्टीरियल होते हैं जिनके माध्यम से हमारे शरीर के खून में एक प्यूरीफायर के रूप में काम करता है।

मधुमेह

यहां मधुमेह जैसी गंभीर समस्याओं के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं विशेषज्ञों के अनुसार निरंतर इसका सेवन करने पर मधुमेह की बीमारी का रोकथाम करने में मददगार साबित हो सकता है। कई वैज्ञानिक इसे एक अच्छी दवाई के रूप में लोगों को नसीहत देते हैं कि आप इसका निरंतर सेवन करें।

अखरोट से होने वाले नुकसान

स्किन कैंसर

अखरोट खाने के कारण आपको स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है यदि हम इस की अनियमित मात्रा खाते हैं तो यह बीमारी उत्पन्न हो सकती है इसलिए हमेशा यह ध्यान रखें कि इसकी एक आवश्यक मात्रा ही आप खाएं।

एलर्जी

दोस्तों इसका अति आवश्यक सेवन करने से एलर्जी भी हो सकती है, इससे छाती में खिंचाव महसूस होता है जिसके वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, आपको यह ध्यान रखना होगा कि इस तरह की किसी भी प्रकार की शिकायत होती है तो आप तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से मिले।

स्किन रैशेज

अखरोट खाने से स्किन रैशेज हो सकते हैं इसके वजह से आपके शरीर में लाल रंग के रैशेज बन सकते हैं इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि एक नियमित तथा नियंत्रित मात्रा ही आप खाएं।

क्या पेट साफ न होना भी है कब्ज? कब्ज क्या होता है? कब्ज कैसे दूर करे?

कब्ज कैसे दूर करे

पेट साफ न होना यानी मल त्याग में परेशानी होना, जिसे कब्ज भी कहते हैं। यह एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। अगर आपको लगातार पेट साफ नहीं हो रहा है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि pet saaf na hone ke nuksan क्या हैं, कब्ज क्या होता है, और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।

कब्ज क्या होता है?

कब्ज तब होती है जब आपका मल सख्त और सूखा हो जाता है और इसे निकालने में कठिनाई होती है। इसका मतलब है कि आपकी आंतों में मल लंबे समय तक रहता है, जिससे पेट साफ नहीं होता। कब्ज होने पर पेट में दर्द, भारीपन, और गैस की समस्या हो सकती है।

कब्ज
कब्ज

पेट साफ न होने के नुकसान (pet saaf na hone ke nuksan)

  • पेट में गैस और सूजन
  • सिरदर्द और कमजोरी महसूस होना
  • त्वचा पर रुखापन और मुंहासे
  • शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमा होना
  • लंबे समय तक कब्ज रहने पर पाइल्स या फिशर जैसी समस्या हो सकती है

कब्ज के कारण

  • पानी कम पीना
  • फाइबर युक्त आहार की कमी
  • तली-भुनी और जंक फूड का सेवन
  • शारीरिक गतिविधि की कमी
  • तनाव और चिंता
  • कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट

कब्ज कैसे दूर करें? (कब्ज का घरेलू इलाज)

  1. पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, जिससे आंतें ठीक से काम करें।
  2. फाइबर युक्त भोजन लें: फल, सब्जियां और साबुत अनाज कब्ज दूर करने में मदद करते हैं।
  3. नियमित व्यायाम करें: योग या चलना कब्ज को दूर रखने में सहायक है।
  4. नियमित भोजन करें: समय पर और सही मात्रा में भोजन लें।
  5. प्रोबायोटिक्स का सेवन करें: दही और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं।
  6. तनाव कम करें: तनाव मुक्त रहने से भी कब्ज की समस्या कम होती है।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर घरेलू उपायों से भी कब्ज ठीक न हो और साथ में तेज दर्द, रक्तस्राव या वजन में गिरावट हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

Pet saaf na hone ke nuksan गंभीर हो सकते हैं, इसलिए सही खानपान, पर्याप्त पानी और व्यायाम से कब्ज को नियंत्रित करना जरूरी है। सही जीवनशैली से आप स्वस्थ रह सकते हैं और कब्ज जैसी समस्या से बच सकते हैं।

आपकी सेहत के लिए क्या है अंकुरित मूंग के फायदे और नुकसान

अंकुरित मूंग के फायदे और नुकसान

वैसे तो हम सभी जानते हैं कि कोई भी अनाज या दाल अंकुरित होने के बाद स्वास्थ्य के लिए और अच्छी हो जाती है पर मूंग की तो बात ही अलग है। सभी दालों में सबसे ज्यादा पौष्टिक मूंग की दाल ही होती है और इसके अंदर इतने सारे एंजाइम होते हैं जो पाचन को आसान बनाते हैं तो सोचिए जब यही मूंग की दाल अंकुरित हो जाएगी तो इसकी शक्ति कितनी बढ़ जाएगी। अंकुरित मूंग खाने के फायदे बहुत है।

मूंग की दाल कब्ज तो दूर करती है साथ ही शरीर में शक्ति प्रदान करती है। मूंग की दाल में सबसे अधिक प्रोटीन होने के कारण सबसे अधिक गुणकारी है।

अंकुरित मूंग होती क्या है-Moong Ankurit Kaise Kare

मूंग की दाल को एक रात पानी में भिगोकर अगले दिन सुबह मलमल या किसी सूती कपड़े में कपड़े में बांध कर रख दे एक या दो दिन बाद मूंग में छोटे-छोटे अंकुर दिखाई देने लगेंगे यही अंकुरित मूंग है। अंकुरित मूंग पर्याप्त मात्रा में विटामिन, एंजाइम और मिनरल्स पाए जाते हैं तो आइए जानते हैं इसके फायदों को।

अंकुरित मूंग के फायदे-Ankurit Moong Ke Fayde

अंकुरित मूंग बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती है

अंकुरित मूंग में विटामिन ‘सी’ पाया जाता है जो बालों के लिए फायदेमंद होता है। विटामिन ‘सी’ शरीर में रक्त संचार को बेहतर करता है सर मे रक्त संचार बेहतर होने के कारण बालों की ग्रोथ अच्छी होती है|

अंकुरित मूंग फायदेमंद है वजन कम करने में

अंकुरित मूंग में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जिसके कारण भूख कम लगती है, पेट भरा भरा लगता है अंकुरित मूंग नाश्ते में लेने से कुछ समय बाद वजन कम होने लगता है|

अंकुरित मूंग बनाता है चेहरे को सुंदर

अंकुरित मूंग में फाइबर अधिक होने के कारण यह है चेहरे के तेल को कम कर मुहासे खत्म करता है।

अंकुरित मूंग है एंटी एजिंग

अंकुरित मूंग चेहरे के नए सेल्स को बनाता है और पुरानी सेल्स की मरम्मत करता है। अंकुरित मूंग चेहरे की एंटी एजिंग करता है।

अंकुरित मूंग कम करता है शरीर में सोडियम के इफेक्ट को

सोडियम जो अधिकतर नमक वाली चीजों या तली हुई चीजों में होता है और शरीर के लिए सोडियम का अधिक मात्रा में होना हानिकारक है। अंकुरित मूंग के नियमित सेवन से शरीर में सोडियम की मात्रा संतुलित रहती है।

अंकुरित मूंग फायदेमंद है मधुमेह के रोगियों के लिए

अंकुरित मूंग में ग्लूकोज का असर काफी कम होता है अतः मधुमेह के रोगियों के लिए भी अंकुरित मूंग लाभदायक है ।

अंकुरित मूंग
अंकुरित मूंग

अंकुरित मूंग फायदेमंद है कैंसर के रोगियों के लिए

अंकुरित मूंग में पॉलिसैचेराइड और पॉलिफिनॉल्स होता है। यह दोनों ही तत्व गंभीर रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। अंकुरित मूंग गंभीर रोगों के लिए भी लाभदायक है।

अंकुरित मूंग बढ़ाती हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

अंकुरित मूंग के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रांग है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं|

अंकुरित मूंग निकालती है शरीर के हानिकारक टॉक्सिंस को

अंकुरित मूंग में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज को दूर करता है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।

अंकुरित मूंग लाभदायक है चिर यौवन के लिए

अंकुरित मूंग में पाए जाने वाला साइटोजन शरीर में कॉलेजन व एलस्टिन बनाने में मदद करता है जो शरीर की खासतौर से चेहरे की त्वचा की एंटी एजिंग को रोकता है।

अंकुरित मूंग लाभदायक है बीपी में

अंकुरित मूंग में पेप्दीसाइड पाया जाता है जो शरीर में रक्तचाप को संतुलित करता है। जिससे बीपी के मरीज़ों को राहत है।

अंकुरित मूंग सर्वोत्तम विकल्प है शाकाहारीयों के लिए

मांसाहारी व्यक्ति तो अपने भोजन की जरूरत है अंडा, मीट, मछली आदि से पूरी कर लेते हैं प्रोटीन की जरूरत के लिए अंकुरित मूंग सर्वोत्तम विकल्प है अंकुरित मूंग का सेवन रोज करने से शरीर में आवश्यक सभी तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

अंकुरित मूंग के लाभ से तो हम सभी परिचित हो चुके हैं पर ऐसा नहीं कि अंकुरित मूंग के फायदे ही हैं अंकुरित मूंग खाने के कुछ नुकसान भी है तो आइए जानते हैं नुकसान के बारे में।

अंकुरित मूंग के नुकसान

अंकुरित मूंग खाने से हो सकती है पेट की बीमारियाँ

  • अंकुरित मूंग को अंकुरित करते समय इसकी नमी से साल्मोनेला, ईकोलाई और लिस्टॆरिया जैसे विक्टोरिया पैदा हो जाते हैं। जिनके कारण पेट दर्द, गैस और पेट के अनेक बीमारियाँ हो सकती है।
  • अंकुरित मूंग खाने से पेट में डायरियाँ व दस्त हो जाते हैं ।
  • अंकुरित मूंग ज्यादा खाने से पेट में ऐंठन और उल्टी भी हो सकती है
  • अंकुरित मूंग गैसट्रिटाइटिस, डायरिया, गैस्ट्रिक अल्सर या पैंक्रियाटाइटिस के मरीज़ को नहीं खानी चाहिए या खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ले ले।

अंत में मैं यही कहना चाहूँगी अति सर्वत्र वर्जिते है, तो अंकुरित मूंग खाइए स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। पर एक निश्चित अनुपात में और निश्चित समय पर ही खाएंगे तभी यह आपके शरीर को उपयुक्त फायदा करेगी। अन्यथा फायदे से ज्यादा नुकसान भी होगा।

जानिए क्या है पतंजलि कायाकल्प वटी के फायदे-Patanjali Kayakalp Vati Benefits

पतंजलि कायाकल्प वटी के फायदे

पतंजलि कायाकल्प वटी एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में किया जाता है। अगर आप patanjali kayakalp vati benefits जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए पूरी जानकारी लेकर आया है। यह दवा शरीर को अंदर से साफ करती है और त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाती है।

पतंजलि कायाकल्प वटी क्या है?

तनाव

तनावपतंजलि द्वारा बनाई गई यह आयुर्वेदिक वटी कई जड़ी-बूटियों से बनी होती है, जो शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इसका नियमित उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में कारगर होता है।

जब भी कोई व्यक्ति “patanjali kayakalp vati benefits” खोजता है, तो उसका मकसद त्वचा की देखभाल से जुड़ी जानकारी लेना होता है, और यह वटी उस दिशा में काफी असरदार मानी जाती है।

Patanjali Kayakalp Vati Benefits – प्रमुख फायदे

  • त्वचा की सफाई और चमक: वटी रक्त को शुद्ध करती है जिससे त्वचा में निखार आता है।
  • फोड़े-फुंसी और दाग-धब्बों में राहत: यह त्वचा की गहराई से सफाई करती है और पुराने दाग कम करती है।
  • एलर्जी और खुजली से बचाव: त्वचा की एलर्जी, जलन और खुजली से राहत देती है।
  • त्वचा की उम्र धीमी करती है: यह त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करती है।

इन सभी patanjali kayakalp vati benefits को पाने के लिए इसे नियमित रूप से और सही तरीके से लेना जरूरी है।

प्रमुख घटक

इन सभी आयुर्वेदिक तत्वों का मिश्रण शरीर को डिटॉक्स करता है और त्वचा को प्राकृतिक रूप से हील करता है।

त्रिफला

त्रिफला

कैसे लें पतंजलि कायाकल्प वटी?

  • एक या दो गोली दिन में दो बार, भोजन के बाद लें।
  • इसे गुनगुने पानी के साथ लें।
  • बेहतर परिणाम के लिए कम से कम 2-3 महीने तक इसका उपयोग करें।

सावधानियाँ

  • गर्भवती महिलाएं या बच्चे इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह लें।
  • यदि किसी घटक से एलर्जी हो, तो उपयोग न करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन न करें।

निष्कर्ष

यदि आप patanjali kayakalp vati benefits की तलाश में हैं, तो यह वटी त्वचा की देखभाल के लिए एक बेहतरीन और सुरक्षित विकल्प हो सकती है। आयुर्वेदिक होने के कारण इसके साइड इफेक्ट बहुत कम हैं और यह आपकी त्वचा को अंदर से सुंदर और स्वस्थ बनाती है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस पीने से क्या होता है?-horlicks ke fayde

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस पीने से क्या होता है?

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस को दौड़ की आधुनिक दिन-प्रतिदिन की जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। मिलावट के इस युग में जब कुछ भी शुद्ध नहीं मिलता। न फल और न सब्जी। हमें अपने शरीर के आवश्यक प्रोटीन विटामिन के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस को हमारे शरीर की विविध आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर को विशेष रूप से प्रोटीन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यह आज की भागदौड़ भरी जिंदगी के उन युवाओं के लिए खास तौर पर बनाया गया है, जिनके पास समय पर खाने-पीने का भी समय नहीं है, इसलिए हम भूल जाते हैं कि वे सब्जियां और फल खाकर समय बिताएंगे।

समय की कमी के कारण उन्हें जो मिलता है वो खा लेते हैं। इनका ज्यादातर खाना जंक फूड होता है। जिससे पेट तो भर जाता है, स्वाद भी आता है, लेकिन शरीर के लिए जरूरी विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स नहीं मिल पाते। हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर शरीर को आवश्यक प्रोटीन, खनिज और विटामिन प्रदान करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

खिलाड़ी और एथलीट स्वास्थ्य पेय की तलाश में हैं जो शरीर की प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। लगातार व्यायाम से होने वाली थकान को दूर करें। और शरीर के मसल्स मास को बढ़ाएं। ये सभी हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस की विशेषताएं हैं।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस क्या है

हॉर्लिक्स एक प्रोटीन प्लस न्यूट्रीशन ड्रिंक है जिसे कामकाजी युवाओं के लिए बनाया गया है। हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस एक की ताकत बढ़ाता है हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध खाद्य पोषण पेय है जो विशेष रूप से वयस्कों के लिए तैयार किया गया है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस कैसे काम करता है

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस व्यक्ति की ताकत को बढ़ाता है। उनकी मांसपेशियों को प्राप्त करने में मदद करता है। और यह एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने में मदद करता है। तीस के बाद हम सभी अपने शरीर की मांसपेशियों को खोने लगते हैं। हमारा मसल्स मास कम होने लगता है, हमें बहुत जल्दी थकान होने लगती है, हमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन अधिक से अधिक लेना चाहिए ताकि हम अपनी नियमित शारीरिक गतिविधि कर सकें और थकें नहीं।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में पीडीसीएस मानक है

हमारे शरीर का मसल्स मास हमारे प्रोटीन सेवन पर निर्भर करता है। हमारा मसल्स मास इस बात पर निर्भर करता है कि हमने अच्छा प्रोटीन लिया है या नहीं। हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में पीडीसीएस मानक हैं जिन्हें हम प्रोटीन गुणवत्ता संकेतक कहते हैं। इसका उच्च स्कोर हमारे हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस के पास है। जो साबित करता है कि हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर एक बेहतरीन प्रोटीन पाउडर है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में अमीनो एसिड होता है जो हमारे शरीर की सभी जरूरतों को पूरा करता है। वैसे, प्रोटीन अमीनो एसिड के भीतर होता है या हम कह सकते हैं कि अमीनो एसिड वे हैं जो प्रोटीन बनाते हैं। हमारे शरीर में अधिकांश अमीनो एसिड बनते हैं लेकिन उनमें से 9 ऐसे अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें हमारा शरीर नहीं बना सकता और जिनका हमें बाहर से सेवन करना पड़ता है। ऐसे अमीनो एसिड को हम आवश्यक अमीनो एसिड कहते हैं। ये अमीनो एसिड हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में पाए जाते हैं। हमारे शरीर को बनाए रखने के लिए अमीनो एसिड के अंदर पाए जाने वाले प्रोटीन। हमारे शरीर की थकान को दूर करने और मसल्स मास को बेहतर बनाने के लिए यह आवश्यक है।

थकान को करे दूर
थकान को करे दूर

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में पाए जाने वाले पोषक तत्व

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में 3 प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं, आइए जानते हैं इसका प्रोटीन अनुपात –

100 ग्राम में 30 ग्राम प्रोटीन
55% कार्बोहाइड्रेट,
23.5 ग्राम चीनी
फैट 2 ग्राम

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी1, विटामिन डी, फॉस्फोरस, केनिन, बिपिन आदि जैसे खनिज होते हैं। इसका सेवन आकार लगभग 30 ग्राम है, जिसमें 10 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, वसा पाया जाता है। बहुत कम मात्रा। इसमें कोको पाउडर मिनरल व्हीट ग्लूटेन होता है। हम कह सकते हैं कि हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर अन्य प्रोटीन पाउडर की तुलना में काफी बेहतर है क्योंकि यह प्रोटीन पाउडर इसमें तीन प्रकार के प्रोटीन मिलाकर बनाया गया है बल्कि सोया प्रोटीन को अन्य प्रोटीन पाउडर में मिलाया जाता है लेकिन सोया प्रोटीन के साथ हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर- मट्ठा प्रोटीन भी होता है जोड़ा गया।

मट्ठा प्रोटीन क्या है

व्हे प्रोटीन में चार आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो अन्य प्रोटीनों की तुलना में काफी बेहतर होते हैं। ये चार अमीनो एसिड एरिओलिंग, लॉसिंग, मेथ्यूनिन और लाइसिन ये चार अमीनो एसिड मेथ्यूनीन एमिनो एसिड वजन घटाने में मदद करते हैं। लाइसिन अमीनो एसिड मांसपेशियों की वृद्धि को बढ़ावा देता है। सोया प्रोटीन में रजेमिनोर, ट्रिप्टो फैट, फेनिलएलनिन पापा होते हैं।

हार्लिक्स प्रोटीन प्लस में सोया प्रोटीन और व्हे प्रोटीन दोनों के फायदे हैं।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर में कैसिइन प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होती है जो एक पाचन प्रोटीन है जो पाचन में मदद करता है। कैसिइन प्रोटीन एक तेजी से अवशोषित होने वाला प्रोटीन है, जिसे दुबले व्यक्तियों के लिए सुबह और शाम दूध के साथ लेने से उनका वजन बढ़ता है और यदि एथलीट इसे व्यायाम के बाद लेते हैं, तो यह मांसपेशियों को टोन करने के लिए उपयोगी होता है।

हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस पीने से क्या होता है? – हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस के लाभ

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों में फायदेमंद है

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर वजन घटाने या वजन बढ़ाने दोनों में फायदा करता है। इसमें शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर के संतृप्त उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन शरीर के द्रव्यमान को बढ़ाने का काम करते हैं, इसलिए यदि एथलीट वजन कम करने के लिए हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर लेते हैं, तो हमें व्यायाम करने के बाद पानी में हॉर्लिक्स पाउडर मिलाना होगा। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन के लिए हमें अंडे की सफेदी के साथ हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर लेना होगा।

ऐसा नहीं है कि हम अंडे के सफेद हिस्से को पानी में तोड़कर उसमें प्रोटीन पाउडर मिलाकर पी लें, हमें या तो अंडे को उबालकर उसका सफेद हिस्सा लेना है या फिर सफेद हिस्से को आधा भून कर खाना है. जिससे हमारे शरीर को पोषण तो मिलता है लेकिन कार्बोहाइड्रेड शुगर की वजह से हमारा वजन नहीं बढ़ पाता। हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर में प्रोटीन होते हैं जो हमारे शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर बजट के अनुकूल है

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर की कीमत अन्य प्रोटीन पाउडर की तुलना में बहुत कम होती है इसलिए इसे कॉलेज जाने वाले युवाओं से लेकर कामकाजी युवाओं तक हर कोई खरीद सकता है। हॉर्लिक्स प्रोटीन प्लस बच्चों और किशोरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भी है। हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर जिम जाने वालों के लिए भी बहुत अच्छा है और इसकी कीमत पर सर्वोत्तम उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन समय प्रदान करता है। उन लोगों के लिए जो एक किफायती प्रोटीन पाउडर की तलाश में हैं जो 6 से 7000 रुपये खर्च नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर एक बढ़िया विकल्प है।

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर स्वाद में है बेहतर

हार्लिक्स प्रोटीन पाउडर की एक और विशेषता इसका स्वाद है। हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर अन्य सभी प्रोटीन पाउडर की तुलना में अधिक स्वादिष्ट होता है। हॉर्लिक्स प्रोटीन पाउडर एक बेहतरीन विकल्प है।

क्या आप भी है अनजान यूरिक एसिड में मेथी के फायदे से, जानिए कैसे करे इस्तेमाल यूरिक एसिड में मेथी

यूरिक एसिड में मेथी के फायदे

यूरिक एसिड क्या होता है

यूरिक एसिड के विषय में हम सभी जानते हैं यूरिक एसिड शरीर से निकलने वाला एक अवशिष्ट पदार्थ है जो कि प्रोटीन युक्त डाइट अधिक लेने के कारण होता है। प्रोटीन युक्त डाइट में फ्यूरीन नामक पदार्थ होता है जिसे कि हमारी किडनी यूरिन के रूप में बाहर निकाल देती है। लेकिन जब हमारे शरीर में प्यूरिन की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसे किडनी के लिए भी निकालना मुश्किल हो जाता है। फिर यह यूरिक एसिड हमारे शरीर में जमा होने लगता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो कि हमारे जोड़ों के दर्द का कारण होती है। हमारे शरीर में गठिया की स्थिति उत्पन्न करती है। यूरिक एसिड आजकल आम होता जा रहा है। न सिर्फ बड़ो और बूढों को बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। 

यूरिक एसिड में मेथी के फायदे

यूरिक एसिड से होने वाले नुकसान व मेथी की उपयोगिता

यूरिक एसिड की शरीर में अधिकता होने के कारण शरीर के जोड़ों में दर्द रहता है। उंगलियों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा हाथ पैरों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द हमेशा रहता है। बदलते खानपान और अव्यवस्थित दिनचर्या का भी इसमें मुख्य योगदान है। यूरिक एसिड के कारण समस्या इतनी बिगड़ जाती है कि लोगों को चलने, फिरने उठने, बैठने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किडनी में स्टोन भी यूरिक एसिड के जमने से ही होता है।

यूरिक एसिड के विषय में इतना सब कुछ जानने के बाद लगता है कि कुछ ऐसा आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खा हमें मिल जाए जिससे कि हम बिना डॉक्टर के पास जाए, बिना एलोपैथिक दवाई यूज किए घर में ही इसका ट्रीटमेंट कर सकें।

हम सब जानते हैं हर एलोपैथिक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। हम सभी तलाश करते हैं किसी ऐसी आयुर्वेदिक औषधि की जिसे इस्तेमाल करना हम सभी के लिए सहज हो। इसी कड़ी में एक नाम मेथी का आता है। इन सभी समस्याओं का समाधान मेथी से हो सकता है। मेथी आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती है। 

uric acid
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मेथी यूरिक एसिड में है गुणकारी

मेथी में मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, विटामिन ए, बी, सी और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो कि यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं। मेथी दाने में सोडियम, जिंक, फास्फोरस फॉलिक एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे मिनरल मिलते हैं इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर भी पाए जाते हैं।

अधिकतर यूरिक एसिड की समस्या मोटे लोगों में पाई जाती है क्योंकि वह अपने भोजन में प्रोटीन युक्त पदार्थ ज्यादा लेते हैं। जिसकी वजह से उनके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। उनकी किडनी पूरी तरह से यूरिक एसिड को यूरिन के रूप में बाहर नहीं निकाल पाती है। जिसके कारण यूरिक एसिड यूरेट क्रिस्टल के रूप में शरीर के जोड़ों में जमा होने लगता है। 

सर्दी के मौसम में यूरिक एसिड में मददगार है मेथी

सर्दी के मौसम में यूरिक एसिड ज्यादा बढ़ता है। वैसे तो यूरिक एसिड के बढ़ने का मौसम से कोई विशेष लेना देना नहीं है। लेकिन जब बारिश होती है या ठंड के मौसम में यूरिक एसिड शरीर के जोड़ों में ज्यादा जमा होने लगता है। अधिकतर यह बीमारियां प्रौढ़ावस्था वाले लोगों को होती है क्योंकि वह जाड़े में धूप न निकलने के कारण अपने शरीर की हिफाजत करने के लिए रजाई से बाहर ही नहीं निकलते हैं। सर्दी से तो वो बच जाते हैं लेकिन शरीर की और बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। ठंड के कारण वह योगा, एक्सरसाइज और वाॅक भी नहीं कर पाते। जिसके कारण उनके शरीर से यूरिक एसिड का निष्कासन नहीं हो पाता है। ऐसे में मेथी एक रामबाण का काम करता है मेथी काफी गर्म होता है यह जाड़े में शरीर को ऊष्मा प्रदान करता है।

मेथी फाइबर युक्त होता है जिसका सेवन करने से हमें डाइजेशन की दिक्कतों का भी सामना नहीं करना पड़ता। मेथी के प्रयोग से कब्ज की समस्या भी दूर होती है। जब आपका पेट अच्छी तरह से साफ होता है तो फिर आपके शरीर में बनने वाले विषैले पदार्थ यूरिक एसिड आदि भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं। मेथी खाने के कारण पेट भरा भरा रहता है और ज्यादा भूख नहीं लगती। जिसके कारण व्यक्ति का यूरिक एसिड नहीं बन पाता है।

मेथी का प्रयोग यूरिक एसिड दूर करने के लिए कैसे करें

मेथी को अगर हम रोज लेते हैं तो यह शरीर में जमने वाले यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निष्कासित करने में मदद करता है।

इसके लिए हमें रात को सोते समय दो चम्मच मेथी को पानी में भिगो देना चाहिए। मेथी को अच्छी तरह से साफ करके दो तीन बार पानी से निकाल कर के ही हमें भिगोना चाहिए। सुबह-सुबह हमें खाली पेट मेथी खानी चाहिए और जो पानी बचे उसे पी जाना चाहिए।

मेथी को अंकुरित करके भी सुबह-सुबह खाया जा सकता है। इससे आपके शरीर में यूरिक एसिड का बनना रुक जाता है मेथी आपके शरीर को यूरिक एसिड के साथ-साथ थायराइड, शुगर, पेट में बनने वाली गैस और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाती है। 

पथरी में क्या खाएं क्या नहीं खाएं -किडनी स्टोन में कैसा होना चाहिए आपका आहार, क्या खाएं और क्या नहीं

पथरी मे परहेज ही है घरेलू इलाज

पथरी की बीमारी से आजकल कई लोग परेशान हैं। इस बात का आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि सिर्फ पथरी का इलाज करने के लिए कई अलग-अलग अस्पताल भी खोले गए हैं। इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बहुत देखने को मिलती है। पथरी एक बहुत गंभीर बीमारी है। जितना पथरी का उपचार आवश्यक है उतना ही पथरी मे परहेज भी आवश्यक है।

पथरी की बीमारी में खानपान का मुख्य तौर पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपका खान-पान सही हो तो इसका खत्म भी किया जा सकता है। ज्यादा मात्रा में पेय पदार्थ पीने से पथरी ठीक हो सकती है। पेय पदार्थ पथरी के लिए बहुत मददगार होते हैं। खासतौर से पथरी की बीमारी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

पथरी की समस्या में डॉक्टर भी आपको रोजाना छह से आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको अपने डॉक्टर से यह भी पूछना चाहिए। कि आपको 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए। अगर आप पथरी के खतरे को कम करना चाहते हैं। तो आप बेस्ट डाइट प्लान को भी अपनाना चाहिए।

अधिक वजन वाले व्यक्तियों में पथरी की संभावना बढ़ जाती है। पथरी की समस्या को डॉक्टर से ना छुपाए नहीं तो काफी गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। पथरी से झुंझ रहे व्यक्तियों को क्या क्या नहीं खाना चाहिए। यह भी उनको जाना चाहिए। क्योंकि भोजन पथरी को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। इस आर्टिकल में आगे हम आपको पथरी मे परहेज और पथरी से ग्रसित लोगों को क्या-क्या नहीं खाना चाहिए। उसके बारे में बताएंगे।

पथरी कितने प्रकार की होती हैं

पथरी को किडनी स्टोन की समस्या भी कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित है, तो उसको अपने डॉक्टर से यह पता करना चाहिए कि उसको कौनसी पथरी है। जिससे इसका इलाज करने में आसानी हो जाती है। अगर आपको पथरी पता चल जाए। तो आप उससे बचाव के आहार का भी सेवन कर सकते हैं। मुख्य तौर पर पथरी चार प्रकार की होती है।

  • कैल्शियम ऑक्सिलेट स्टोन्स
  • कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन्स
  • यूरिक एसिड स्टोन्स
  • सिस्टीन स्टोन्स

इन चारों प्रकार की पथरी के लिए आपको अलग अलग डाइट प्लान का पालन करना चाहिए। पथरी में क्या परहेज करना चाहिए?
किडनी स्टोन में क्या खाना चाहिए इसका डाइट प्लान आप किसी किडनी एक्सपर्ट से ले सकते हैं।

पथरी मे परहेज, पथरी में क्या ना खाएं

प्रोटीन की मात्रा

पथरी के मरीजों को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन ना करें. ज्यादा प्रोटीन पथरी ग्रसित व्यक्तियों के लिए खतरनाक होता है। पथरी की बीमारी में भोजन में प्रोटीन की मात्रा को सीमित कर ले. ऐसी स्थिति में मीट मछली का सेवन ना करें.

प्रोटीन की मात्रा
प्रोटीन की मात्रा

ज्यादा सोडियम

पथरी के पेशेंट को ज्यादा सोडियम नहीं लेना चाहिए। भोजन में सोडियम की मात्रा कम रखनी चाहिए। अधिक सोडियम पथरी के लिए खराब साबित हो जाता है। जंग-फूड डिब्बाबंद खाना का सेवन नहीं करें और घर बनाए हुए खाने में भी सोडियम की मात्रा कम रखें।

ऑक्सलेट के सेवन से बचें

पथरी के बीमारी से जूंझ रहे व्यक्तियों को ऑक्सलेट से परहेज करना चाहिए। पथरी के मरीजों को ऑक्सलेट रहित भोजन किसी भी हाल में नहीं करना चाहिए। जैसे पालक, साबुत अनाज आदि इनमें भरपूर मात्रा में ऑक्सलेट पाया जाता है।

विटामिन सी के ज्यादा मात्रा

विटामिन सी के ज्यादा मात्रा में सेवन से भी पथरी की समस्या बढ़ सकती है। विटामिन सी अगर आपके शरीर में ज्यादा हो जाए। तो आपके शरीर में किडनी स्टोन की समस्या गंभीर हो सकती हैं। विटामिन सी का कम मात्रा में सेवन करें। जिससे यह खतरा कम हो सके.

बीजो वाली सब्जियों का सेवन

ज्यादा हरी सब्जियों से भी पथरी का रोग गंभीर बीमारी हो सकता है। ऐसी सब्जियों का सेवन कभी नहीं करें. जिसमें बीजों जो। बीच किडनी स्टोन का कारण बन सकते हैं। जैसे टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द, चने आदि का सेवन ना करें। अन्यथा यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

कोल्ड ड्रिंक का सेवन

पथरी के मरीज को गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक और बाहर के जूस पथरी की समस्या को बढ़ावा देते हैं। वैसे तो पथरी कम करने के लिए पेय पदार्थ का उपयोग किया जाता है। लेकिन कोल्ड्रिंक्स में कई प्रकार के केमिकल मिले होते हैं। जिनकी वजह से पेट में पथरी की मात्रा बढ़ सकती है। वैसे तो नॉर्मल व्यक्ति को भी ज्यादा कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक शरीर के लिए गर्म करती है। और यह सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकती है।

सामान्य प्रश्न-पथरी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

पथरी में चावल खाना चाहिए या नहीं

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है की पथरी की समस्या के दौरन चावल खाने चाहिए या नहीं? पथरी में चावल खाने से किसी तरह का कोई भी नुकसान नहीं होता है। चावल में ऐसा कोई तत्व नहीं होता जो पथरी के दौरान समस्या पैदा करें उल्टा चावल पोषण से भरपूर होते है और शरीर में कार्बोहाइड्रेड की कमी को दूर करते है। हाँ चावल बनाते समय उसे अच्छी तरह से धोना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की उसमें कोई कंकड़ पत्थर तो नहीं। और चावल को अच्छी तरह से पकाना भी चाहिए।

पथरी में कौन-कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए

पथरी की समस्या के दौरान खाने में सब्जी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि बहुत सी सब्जियां ऐसी होती है जिसमें आयरन और खनिज तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते है जो की शरीर में नमक आदि के संपर्क में आकर पथरी की समस्या को बढ़ा देते है। पालक, शकरकंदी, बेंगन, टमाटर आदि ऐसी सब्जियां है जो पथरी की समस्या को बढ़ा सकती है। टमाटर के छिलके, पालक में मिट्टी के छोटे छोटे कण आदि शरीर में धीरे धीरे जमा होते रहते है जिससे पथरी की समस्या देखने को मिलती है। बिना पथरी से ग्रसित लोगों को भी यह सब्जियां अच्छी तरह धोकर खानी चाहिए।

पथरी में आलू खाना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या के दौरान आलू खाया जा सकता है इसके सेवन से किसी भी तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है। बस पथरी की समस्या के दौरान बीज वाली सब्जियों जैसे टमाटर, बेंगन आदि के सेवन से परहेज करनी चाहिए। आलू कार्बोहाइड्रेड से भरपूर होता है जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है।आलू को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पकाना चाहिए और देर रात में आलू का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अच्छी तरह से पाचन न होने के कारण इससे गैस की समस्या या पेट दर्द की समस्या देखने को मिलती है।

पथरी में दूध पीना चाहिए या नहीं

प्राय पथरी की समस्या में डॉक्टर आदि अधिक मात्रा में दूध का सेवन करने से मना करते है। और तो और दूध से बने प्रोडक्ट का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि दूध में कैल्शियम की अधिकता पायी जाती है जो स्टोन के पास इकट्ठा होकर स्टोन की समस्या को बढ़ाता है। और आजकल बाजार में मिलावट युक्त दूध भी अधिक पाया जाता है जो पथरी की समस्या को बढ़ा देता है। जहाँ तक हो सके मिलावट युक्त दूध से परहेज करनी चाहिए और शुद्ध दूध का प्रयोग ही करना चाहिए।

पथरी में चाय पीना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या के दौरान अधिक चाय और कॉफी पीने से परहेज करनी चाहिए। क्योंकि इनमें केफिन की मात्रा अधिक होती है जिससे डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। चाय पीने पर पानी का सेवन कम हो जाता है। जबकि पथरी से ग्रसित व्यक्ति को अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। जिससे पथरी के पेशाब मार्ग से बाहर निकलने की अधिक संभवना बनती है। चाय और कॉफी में पाया जाने वाला कैफीन पथरी की समस्या को बढ़ा देता है। चाय के स्थान पर नींबू पानी का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद होगा।

पथरी में कौन सा फल खाना चाहिए

पथरी में अक्सर डॉक्टर फलों के सेवन की बात करते है लेकिन ऐसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसका पाचन मुश्किल हो। पानी से भरपूर फलों का सेवन करना चाहिए। जैसे तरबूज, खरबूज, नारियल पानी आदि शरीर में पानी की कमी को दूर करते है। और खट्टे फलों जैसे संतरा आंवला आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि उसमें उपस्थित सिट्रिक एसिड पथरी को गलाने का काम करते है। फलों के साथ साथ पानी का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। पानी के अधिक सेवन से पथरी के मूत्र मार्ग से निकलने की संभवना रहती थी।

पथरी में कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?

पथरी की समस्या के दौरान ऐसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसका पाचन मुश्किल से होता है और ऐसे फल जिनमें छोटे छोटे दाने या बीज पाए जाते है उनका सेवन करने से भी परहेज करनी चाहिए। टमाटर, चीकू आदि छिलके युक्त फल जिनके छिलके में बारीक मिट्टी के कण पाए जाते है जो की शरीर में जाकर स्टोन के पास इकट्ठा होने लगते है। जिससे स्टोन की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है अतः ऐसे फलों का सेवन पथरी की समस्या के दौरान नहीं करना चाहिए। अनार और पपीता का भी अधिक सेवन पथरी की समस्या में हानिकारक हो सकता है।

पथरी में दही खा सकते हैं क्या?

पथरी की समस्या में दही फायदेमंद साबित हो सकता है। दही को पथरी की समस्या में उपचार के तौर पर लिया जाता है। दही में पाए जाने वाले विशेष बैक्टीरिया किडनी में उपस्थित हानिकारक तत्वों को दूर कर किडनी की सफाई का काम करते है जिससे किडनी स्टोन की संभावना कम हो जाती है। इसी के साथ दही को सुपर फूड माना जाता है जो की मोटापा घटाने में लाभकारी है। यह शरीर में कॉर्टिसॉल और स्टेरॉयड हार्मोन को बढ़ने से रोकता है। इसी के साथ यह कलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने के साथ साथ इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है।

पथरी में अनार खाना चाहिए या नहीं

पथरी की समस्या में हर प्रकार के फल सब्जियों को खाने में विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अन्यथा पेट दर्द की समस्या पैदा हो जाती है जो की असहनीय दर्द देती है। पथरी की समस्या में अनार का सेवन करते समय भी विशेष ध्यान रखना चाहिए अधिक मात्रा में अनार नुकसान कर सकता है। जबकि अनार की सीमित मात्रा शरीर में रक्त निर्माण में लाभकारी होती है। अनार में भी छोटे छोटे बीज और फाइबर होते है जिनका जमाव स्टोन पर विपरीत असर डाल सकता है।

पथरी में पपीता खाना चाहिए या नहीं

देखा जाए तो पपीता एक बहुत ही ज्यादा लाभकारी फल है लेकिन पथरी की समस्या से ग्रसित लोगों को पपीते के सेवन से परहेज करनी चाहिए। विटामिन सी से भरपूर पपीता का अधिक सेवन करने से इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्सलेट टूटकर स्टोन बन जाते है जो की पथरी की समस्या को और ज्यादा भयावह बना देते है। अतः देखा जाए तो पथरी की समस्या से ग्रसित लोगों द्वारा पपीते का सेवन करने से स्टोन का आकार बढ़ने की संभावना रहती है। पपीते का ज्यादा सेवन आपके पाचन को भी बिगाड़ सकता है जिससे पेट दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है।

पथरी में मछली खाना चाहिए

इंसानों में पथरी की अलग अलग समस्या देखने को मिलती है। जिसमें यूरिक एसिड स्टोन, कैल्शियम स्टोन, सिस्टाइन स्टोन और स्टूवाइट स्टोन जैसी पथरी देखने को मिलती है इस सब पथरी की समस्या में मछली खाने से परहेज करनी चाहिए। क्योंकि मछली के अंदर बहुत से समुद्री लवण पाए जाते है जिनका ढंग से पाचन न होने के कारण यह पहले से पनप रहे स्टोन के आस पास एकत्रित होकर पथरी की समस्या को अधिक बढ़ा देते है। इसी के साथ हाई प्रोटीन सी फूड खाने से भी बचना चाहिए।

पथरी में कौन कौन सी दाल खाना चाहिए?

पथरी की समस्या में डॉक्टर हाई प्रोटीन फूड को अवोइड करने की सलाह देते है लेकिन आप कुलथी की दाल, चने की दाल, चावल, सोयाबीन आदि का सेवन कर सकते है। कुथली की दाल स्टोन के आकार को कम करती है। कुलथी की दाल को नियमित खाने से पथरी धीरे धीरे गल जाती है और यूरिन के रास्‍ते से बाहर निकल जाती है। इन सब के साथ यह दाल पोषण से भरपूर होती है तथा शरीर से प्रोटीन और फाइबर की कमी को दूर करती है।

पथरी में लहसुन खाना चाहिए

किडनी की समस्या होने पर लहसुन खाया जा सकता है लहसुन को खाने से किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होती है। लहसुन में पाए जाने वाले विशेष तत्व किडनी की सूजन को कम करते है जिससे स्टोन की समस्या के दौरान होने वाला दर्द कम होता है। लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन तत्व शरीर में एकत्रित होने वाली गंदगी को शरीर से बहार निकालने का काम करता है। इस प्रकार देखा जाए तो लहसुन पथरी की समस्या में बहुत कारगर साबित हो सकता है। पथरी के साथ साथ बहुत सी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।

क्यों छोड़े धुम्रपान, क्या है बीड़ी छोड़ने के फायदे? सिगरेट छोड़ने के फायदे?

बीड़ी छोड़ने के फायदे

धूम्रपान एक ऐसी आदत है जिसे अच्छा कोई नही मानता, लेकिन करते ज्यादातर लोग है। धूम्रपान के फायदे कोई नहीं है बस नुकसान है है, सब इसके नुकसान जानते है लेकिन छोड़ना नही चाहते। यहां तक कि नई जनरेशन धूम्रपान को स्टाइल स्टेटमेंट मानने से भी गुरेज नही करती। धूम्रपान को ग्लोरीफाई करने में बहुत बड़ा हाथ फिल्मों, वेब सीरीज और नाटकों का भी है।

धूम्रपान के नुकसान तो सभी जानते है। लेकिन क्या आप जानते है कि जब आप धूम्रपान छोड़ते आपके शरीर पर क्या इफ़ेक्ट आता है।
आज इस आर्टिकल में हम आपको सिगरेट छोड़ने के फायदे बताएंगे।

धूम्रपान छोड़ने से शरीर में होने वाले बदलाव

धूम्रपान छोड़ने या आखिरी सिगरेट, बीड़ी पीने के बाद मिनट दर मिनट आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ने लगता है। जिसे लोग धूम्रपान के फायदे समझ लेते हैं, आइए, जानते हैं कि धूम्रपान छोड़ने के बाद कितने समय में हमारे शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं।

आपको धूम्रपान से होने वाली गम्भीर बीमारियो का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। धूम्रपान से होने वाले रोग जैसे, सर्वाइकल कैंसर, मुंह, गले और ब्लैडर का कैंसर, पैंक्रियाज और वॉइस बॉक्स का कैंसर, लंग कैंसर

धुम्रपान छोड़ने के फायदे-Bidi Chodne Ke Fayde

अब आपको संक्षेप में बीड़ी छोड़ने के फायदे मतलब धूम्रपान छोडने के फायदे बताते है।

ओरल हेल्थ

धूम्रपान छोड़ने का असर आपके ओरल हेल्थ पर दिखाई देता है। आपके दांत भद्दे ओर काले रंग से साफ हो जाते है। सांसो से बदबू नही आती। आपका स्वाद बेहतर बनता है।

धूम्रपान छोड़ने से शरीर में हानिकारक केमिकल का स्तर कम होता है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।

उम्र बढ़ाए

धूम्रपान छोड़ना आपके जीवन काल मे कुछ स्वास्थ्य से भरपूर वर्ष जोड़ देता है। आप अपने लक्ष्य और मंजिल के प्रति उत्साह पूर्वक अग्रसर हो सकते है।

जवां दिखाए

धूम्रपान से त्वचा निस्तेज होती है, चेहरे पर असमय झाईआ और झुर्रियां दिखती है। धूम्रपान छोड़ने से बॉडी को ऑक्सीजन के द्वारा भरपूर न्यूट्रिशन मिलता है। जिससे त्वचा चमकदार होती है, झाइयां दूर होती है और आप खुद को जवां महसूस करते हो।

फर्टिलिटी बढ़ाए

धूम्रपान छोड़ने से यौन शक्ति बढ़ने के साथ साथ स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी बढ़ती है। फर्टिलिटी इम्प्रूव होती है। महिलाओं में यूट्रस लेयर बेहतर बनती है।

डिप्रेशन कम होता है

लोग कहते है कि धूम्रपान करने से तनाव कम होता है। जबकि यह पूर्णतया गलत है। जो चीज़ शरीर को नुकसान पहुँचा रही है वो मानसिक शक्ति को कमजोर ही करेगी।

इसलिए धूम्रपान छोड़ने से आपको तनाव, अवसाद और डिप्रेशन से आराम मिलेगा। जो की धूम्रपान के फायदे नहीं है बल्कि नुकसान है।

एनर्जी बढ़ाये

धुम्रपान छोड़ने से बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो बहुत बेहतरीन हो जाता है। जिससे पूरे शरीर को विटामिन्स एंड मिनरल्स अच्छी तरह से मिलते है। जिससे आपको एक नई ऊर्जा का अहसास होगा।ऑक्सीजन की इस भरपूर आपूर्ति के कारण मसल्स भी मजबूत होती है, इस कारण किसी भारी काम को करने की क्षमता बढ़ जाती है।

ये थे धूम्रपान छोड़ने के फायदे अब आप समझ ही गए होंगे। धूम्रपान छोड़ने के केवल फायदे है नुकसान नही होता।

धूम्रपान क्या होता है

धूम्रपान एक नशा है। जिसे हमारे पूर्वज भी करते आए हैं तंबाकू एक पत्ता है जिसे सुखा कर खाने से या उसको जलाकर उसके धुए को सूंघने ने से या घूंट मार कर पीने से नशा होता है। पहले लोग तंबाकू को हुक्के में डालकर पिया करते थे। इसमें हुक्के में नीचे अंगार रखे जाते थे जोकि गोबर के कंडे के होते थे। उसके ऊपर तंबाकू रखा जाता था और फिर एक लंबी सी डंडी से उस तंबाकू को घूंट घूंट कर के पिया जाता था।अब लोग बीड़ी या सिगरेट पीना पसंद करते हैं

धूम्रपान के बाद फेफड़ों को कैसे साफ करें?

धूम्रपान के बाद फेफड़ों को साफ करने के लिए कुछ लोग अदरक या इलायची चबाते हैं। ऐसा वे धुए की दुर्गंध उनके मुंह में लंबे समय तक ना बनी रहे इसलिए करते हैं। इसके साथ साथ ये उत्पाद आपके फेफड़ों को सुरक्षित रूप से साफ करने का काम करते हैं । अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जोकि आपके फेफड़ों को साफ करने में मदद करते हैं। इलायची, हल्दी, सेब लहसुन, ग्रीन टी आदि ऐसे ही प्राकृतिक उत्पाद है। जिनके औषधीय गुण फेफड़ों को साफ करने में मददगार होते हैं। ये शरीर को अंदर से डिटॉक्सिफाइड करते हैं। यदि आपने हाल ही में स्मोकिंग छोड़ दी है, तो फेफड़ों को पहले की तरह साफ और स्वस्थ करने के लिए एक्सरसाइज करें, हर दिन 8-10 गिलास पानी पिए, एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर फ़ूड जैसे पालक, ब्लूबेरी, ग्रीन टी, चैरी, बादाम और ऑलिव का सेवन करे।

धूम्रपान क्यों नहीं करना चाहिए

धूम्रपान करने से हमारे शरीर में निकोटीन और अन्य कई खतरनाक रसायनिक पदार्थ अपनी जगह बनाने लगते हैं। इस धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि अनेक रेडियोधर्मी यौगिक तत्व पाए जाते हैं। हमारे फेफड़ों में इन यौगिक पदार्थों की एक परत बनने लगती है। और कुछ समय बाद हमारे फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। जिसके कारण हमें 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। ।तंत्रिका तंत्र की बीमारियां होने लगती हैं। है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को थायराइड, कफ, खांसी, सांस फूलना, ब्लड प्रेशर आदि रहने लगत है।मधुमेह और आंखों की समस्याएं भी रहने लगती है।

धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या होता है?

यदि आप चेन स्मोकर है और हर 20 मिनट बाद धूम्रपान करते है। तो अगर आप आधे घण्टे से एक घण्टे तक धूम्रपान नही करेंगे तो आपकी हृदय गति, पल्स रेट और ब्लड प्रेशर सामान्य स्थिति में आने लगेगा। यदि आप लगातार 8 से 10 घण्टे धूम्रपान न करे तो आपके खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल कम होता चला जायेगा 24 से 48 घंटे बाद शरीर में ऑक्सीजन की क्वालिटी और क्वांटिटी सामान्य होने से ब्लड वेसल्स स्वस्थ होने लगती हैं। जिससे फेफड़े म्यूकस और अन्य स्मोकिंग के कणों को बाहर करके साफ होने लगते हैं। 72 घण्टे से 1 महीने बाद फेफड़ों की कार्यक्षमता सुधरने लगती है। जिससे आपको वाकिंग, रनिंग, एक्सरसाइज करने में होने वाली परेशानी कम हो जाती है और सांस फूलना कम हो जाता है। 9 महीने से एक साल बाद आपके शरीर मे किसी भी प्रकार का टॉक्सिन्स नही बन पाता। और आपको दिल की बीमारी होने का खतरा स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति के मुकाबले आधा हो जाता है। यदि आप डेडिकेशन से धूम्रपान छोड़े रखते है तो, आपका शारीरिक सिस्टम एक कभी भी धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के जैसे काम करने लगता है।

धूम्रपान करने से कौन सा रोग होता है?

सही मायनों में धूम्रपान एक धीमा जहर है, जो विषैले तत्वों को शरीर मे प्रवेश कराता है। इसके नुकसान इग्नोर करने का सबसे बड़ा कारण है इसका बुरा असर देर से दिखाई देता है। इंसान की आंखे तब खुलती है जब वो कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, लंग इंफेक्शन जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है।

तंबाकू के फायदे

तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है जोकि अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग धूम्रपान का सेवन करते हैं उनको अल्जाइमर होने की संभावनाएं काफी कम होती है। इसके अलावा धूम्रपान करने वाले लोगों को लगता है कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उनको कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। कुछ महिलाएं इसे महिला सशक्तिकरण का प्रतीक मानने लगी है। धूम्रपान को लोग एक तनाव मुक्ति एवं मनोरंजन का साधन मानते हैं , कार्य की थकान से खुद को रिलैक्स करने के लिए भी वे धूम्रपान करते हैं।

धूम्रपान के नुकसान

धूम्रपान करने से निकोटीन हमारे फेफड़ों से होता हुआ हमारे पूरे शरीर में फैलने लगता है। जिसके कारण धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को कैंसर व अनेक बीमारियां हो जाती हैं। मुख्य तौर पर यह कैंसर गले का कैंसर फेफड़ों का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर होता है । तंत्रिका तंत्र की समस्याएं, हृदय रोग, टीवी और फेफड़ों की अन्य बीमारियां भी हो सकती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को खांसी और कफ, दमा की समस्या तो हमेशा ही रहती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, थायराइड वा मधुमेह की संभावना सर्वाधिक होती है।धूम्रपान करने से मोतियाबिंद भी हो सकता है।

अचानक से सिगरेट छोड़ने के नुकसान

जब आप अचानक से सिगरेट छोड़ते हैं तो आपके शरीर मैं बेचैनी और चिड़चिड़ापन होने लगता है। आपके आपके हाथ पैर कांपने लगते हैं। ‌ सिगरेट ना मिलने पर आप व्याकुल होने लगते हैं। आप के सर में चक्कर आते हैं वे हर दर्द रहने लगता है। आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। आपको काफी गुस्सा आता है। आप चिड़चिड़े हो जाते हैं और आपका मन उदास रहता है। खाना खाने का मन नहीं करता। कुछ लोगों को बहुत भूख लगती है। मुंह में छाले रहने लगते हैं। कब्ज सर्दी जुकाम खांसी आदि भी समस्याएं होने लगती है।

सीगरेट पीने के बाद क्या खाना चाहिए

धूम्रपान के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हमारे फेफड़ों को होता है। हमारे पास कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जो फेफड़ों को साफ करते हैं और इस नुकसान को कम करने का प्रयास करते हैं। हमें धूम्रपान के बाद अपने भोजन में इन सभी का प्रयोग करने की आदत डाल लेनी चाहिए। ग्रीन टी एक ऐसा पेय पदार्थ है जो कि एन्टीआक्सीडेंट से भरपूर है। हरी पत्तेदार सब्जियां हमारे शरीर की रक्त वाहिनीयों को साफ करती है। इन्हें सलाद की तरह या भोजन में अवश्य लें। सेब एक ऐसा फल है जो विटामिन ऑन एंटी एक्सीडेंट से भरपूर होता है।

धूम्रपान छोड़ने की दवा

डॉक्टर आपको धूम्रपान छोड़ने की अनेक दवाई बताएंगे लेकिन अगर हम चाहे तो हमारे पास घर में भी काफी कुछ है। जिसे अपनाकर हम इस बुरी आदत को छोड़ सकते हैं। अगर हम जब धूम्रपान की इच्छा करें तब सौफ चबएं। अदरक आंवले का चूर्ण, मुलेठी का पाउडर को जब धूम्रपान की इच्छा हो तब थोड़ा-थोड़ा खा ले।।मूली के रस व शहद को मिलाकर दिन मैं दो बार पीये। धूम्रपान करने वाले लोगों की संगत से बचें। अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे तो कुछ समय बाद आपकी धूम्रपान करने की इच्छा अपने आप समाप्त हो जाएगी।

धूम्रपान कितने प्रकार का होता है?

एक्टिव स्मोकिंग में व्यक्ति स्वयं धूम्रपान करता है जिसके कारण उसे धूम्रपान के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। पैसिव स्मोकिंग में धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के कारण उसके साथ रहने वाले व्यक्ति को नुकसान होता है। पैसिव स्मोकर को लंग कैंसर का खतरा होने लगता है इसके अलावा पैसिव स्मोकर की इम्यूनिटी वीक होने लगती है। ऐसे व्यक्ति को दिल की बीमारियां भी रहने लगती है।

क्या आपको भी भूख न लगने की समस्या है? जानिए भूख लगने के घरेलू नुस्खे

भूख लगने के घरेलू नुस्खे

जब कोई बोलता है कि उसे भूख नही लगती तो इस बात को बहुत ही सरलता से लिया जाता है। जबकि भूख न लगना कई समस्याओं का कारण हो सकता है। बहुत से ऐसे लोग है जिनके खुलकर भूख नहीं लगती । डायजेस्टिस सिस्टम का सही से काम न करना, पेट मे कोई संक्रामक रोग हो जाना, भय, चिंता, तनाव, खून की कमी, लिवर की बीमारी इन सब कारणों से खुलकर भूख नहीं लगती।

भूख नहीं लगने का घरेलू उपाय

भोजन कितना भी स्वादिष्ट बना हो, व्यक्ति भोजन को देखते ही मुँह बनाने लगता है, वह न तो पेट भर खाता है ना मन से खाता है। शुरू में अरुचि के कारण भोजन कम करने की आदत धीरे धीरे परमानेंट हो जाती है। भूख न लगने के कारण व्यक्ति का वजन दिन ब दिन कम होने लगता है। भोजन में अरुचि, भूख न लगने के कारण या भूख कम लगने के अन्य कारण है।

भूख नहीं लगने का कारण

इमोशनल पेन, डिप्रेशन, हार्मोनल असंतुलन, बीमारियों के कारण, भोजन विकार, अरूचि पूर्ण भोजन, शारीरिक और मानसिक कमजोरी।
जब व्यक्ति को खुलकर भूख नहीं लगती तो वो खाने की प्लेट लिए बैठा रहता है, एक दो टुकड़े खाकर हट जाता है। बिना कुछ खाए ही खट्टी डकारें आने लगती है। धीरे धीरे कमजोरी आकर छोटे और साधारण कामो में भी दिक्कत होने लगती है।

भूख लगने के घरेलू नुस्खे -Bhukh Lagne Ke Gharelu Nuskhe In Hindi

आज हम आपको भूख लगने का घरेलू उपाय बतांएगे जो की बिलकुल घरेलु है, और आप आसानी से कर सकते हैं

आंवला-ज्यादा भूख लगने के लिए क्या खाएं?

आयुर्वेद में आंवले को बहुत सी चीज़ों के लिए फायदेमंद माना गया है, विटामिन सी की प्रचुरता इम्युनिटी बढ़ाती है। यह लिवर को साफ रखने में मदद करता है। आप आंवले का जूस, आंवला कैन्डी, या आंवले का मुरब्बा के रूप में ले सकते है। मुनक्का और आंवला 10-10 ग्राम को एक साथ पीसकर मुंह में रखकर चूसने से भूख लगने लगती है।

दालचीनी और सूखे आंवले को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण दिन में 2 बार सेवन करे, आंवले का जूस रोज सुबह पीए। अगर आपके यहाँ आंवले का पेड़ है जिस पर फल नही हो तो आप, सुबह खाली पेट आंवला के 5-6 ग्राम पत्ते को सेंककर खूब चबा-चबाकर खाए।

अदरक-सबसे ज्यादा भूख कैसे लगती है?

अदरक को हमेशा से भूख बढ़ाने वाला माना जाता है, अदरक को कई प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे अदरक के रस को निम्बू मिलाकर चाटे, इसके अलावा अदरक के टुकड़े पर सेंधा नमक लगाकर चूसे, साबुत धनिया और अदरक को कूट कर पानी मे उबाले। दिन में तीन बार इस पानी को 50 ml पिए।

नींबू-क्या खाने से भूख बढ़ेगी?

भूख बढ़ाने की दवा के रूप में नींबू का प्रयोग किया जा सकता है। निम्बू के साथ काले नमक और भुने जीरे की शिंकनजी बनाकर पिए। या फिर आधा निम्बू काटकर उसे आंच पर सेक ले, गर्म निम्बू पर भुना और पिसा हुआ जीरा व काल नमक छिड़के। इसे बून्द बून्द करके मुँह में निचोड़ लें।

नींबू के एक चम्मच रस में थोड़ी कालीमिर्च व सेंधा नमक का चूर्ण मिलाकर भोजन से पहले गर्म करके पीने से भूख खुलकर लगती है।

पीपल

पीपल के पेड़ पर आपने कभी न कभी पके फल देखे होंगे, यदि आप इन पके फलों का सेवन करते है तो आपको कफ, पित्त, रक्तदोष, विषदोष, जलन, उल्टी तथा अरूचि से मुक्ति मिलेगी और भूख भी बढ़ेगी।

3 ग्राम पीपल, 7 ग्राम टाटरी, 1ग्राम हींग, 1 ग्राम भुना हुआ सफेद जीरा और 30 ग्राम मिश्री को साथ मे पीस ले। इस चूर्ण को कम से कम दिन तीन बार आधा चम्मच ले।

मेथी-भूख ना लगे तो क्या खाना चाहिए

रात को एक चम्मच मेथी भिगो दें, सुबह मेथी फूल जाएगी, सुबह उठकर खाली पेट आधा चम्मच मेथी का सेवन करें। आप चाहे तो मेथी को छलनी में अंकुरित भी कर सकते है, इसके लिए मेथी को छलनी में भिगोए और अंकुरित होने तक पानी देते रहे। चाहे तो मेथी को घी डालकर भून लें, फिर उसे पीसकर एक कांच की शीशी में रख ले। अब इस चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर ले।

अनार या अनारदाना-भूख कैसे बढ़ाएं

भूख बढ़ाने के अनार में जूस बहुत फायदेमंद होता है, अनार के जूस में कालानमक और भुना जीरा मिलाकर पी ले। अनारदाना भी स्वाद को बेहतर बनाकर अरुचि दूर करता है। पर याद रखें, कब्ज में अनार का इस्तेमाल सोच समझ कर करें। यह कब्ज को बढ़ा सकता है।

सेब-भूख बढ़ाने की जड़ी बूटी

रोज सुबह एक सेब का सेवन करें। आप चाहे तो कच्चे सेब की चटपटी सब्जी भी बना सकते है। अगर खाना देखकर आपका जी मिचलाता है तो सुबह खाली पेट सेब की फांक पर काला नमक और भुना जीरा डालकर खा ले।

लालमिर्च-ज्यादा भूख लगने के लिए क्या खाएं?

लालमिर्च को नींबू के रस में पीसकर लगभग आधे-आधे ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। इस 1-1 गोली प्रतिदिन पान में रखकर 40 दिनों तक खाने से भूख खुलकर लगती है।

संतरा-क्या खाने से भूख बढ़ेगी?

संतरे का जूस पिये उसमे काला नमक डाल लें, संतरे को बिना जूस निकाले खाने में ज्यादा फायदा होता है। इसके अलावा फालसा, जामुन भी खाए।

इन सब उपायों के अलावा निम्न उपाय भी अपनाए

  • योगा, प्राणायाम व एक्सरसाइज करें।
  • पौष्टिक आहार और नियमित व्‍यायाम के साथ ही आप अपनी नींद पर नियंत्रण रखें। अच्‍छी भूख के लिए समय पर सोना और सुबह जल्‍दी उठना भी फायदेमंद होता है।
  • भोजन का समय निश्चित रखे।
  • मोटे आटे की रोटियां खाए।
  • खाने में पुराने चावल का इस्तेमाल करे।
  • स्विमिंग करे, मॉर्निंग वॉक करे
  • सड़ी-गली और बासी चीजें नही खानी चाहिए। गंदा पानी नहीं पीना चाहिए।
  • तनाव, डर और चिंता को दूर करे।
  • भूख न लगने का कारण ढूंढे और इलाज करवाए।

सामान्य प्रश्न

भूख बढ़ाने की जड़ी बूटी, भूख कैसे बढ़ाएं

भूख बढा़ने की जडी़ बूटी आपकी रसोई में ही मिलती है, बडी इलाइची, आंवला, इमली, अजवाइन, सौंफ, अदरक, हींग और लहसुन. .! आइये जानते हैं इन्हें कैसे प्रयोग करें, *इलायची को अच्छी तरह से पीस लें। बच्चों को इसे दूध में मिलाकर पीने को दें। * एक गिलास पानी में आंवला डालें और इसे गर्म कर लें। अब इस पानी में शहद मिलाकर बच्चे को पीने को दें। इससे पाचन शक्ति बढ़ेगी! * इमली की पत्ती की चटनी बनाकर खिलाएं। ये वातहारक होती है। * गुनगुने पानी के साथ अजवाइन पीसकर खिलाएं। यह पाचन प्रणाली पर प्रभावी तरीके से काम करता है। अजवाइन में मौजूद गुण एंटी फ्लैटुलेंस पाचन एंजाइमों के स्त्राव में भी सहायक होते हैं, जो भूख को बढ़ाते हैं। * सौंफ पाचन को भी दुरुस्त करता है। भूख बढाने को आप सौंफ और मिश्री खिला सकते हैं। * भूख बढ़ाने के लिए अदरक का रस ले सकते हैं । * डाइट में हींग और लहसुन को जरूर शामिल करना चाहिए।

भूख बढ़ाने की आयुर्वेदिक सिरप

आजकल बाजार में बहुत से सीरप हैं जो भूख बढाने के लिए दिए जाते हैं, इन्हें एप्टीवेट व एप्टिमस्ट नाम से जाना जाता है। इनके सेवन के तरीके भी इन्हीं की बोतल पर अंकित होते हैं। लेकिन ये कितने प्रमाणिक हैं ये कहा नहीं जा सकता। क्योंकि इनके बारे कोई भी रिसर्च प्रमाणिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, इसलिए आप इन्हें जरूर आजमायें लेकिन लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें ।
इसके अलावा कईं कम्पनियों के लीवर टोनिक भी भूख बढ़ाने के लिए दिये जाते हैं।

भूख ना लगे तो क्या खाना चाहिए , ज्यादा भूख लगने के लिए क्या खाएं? , क्या खाने से भूख बढ़ेगी?, अगर भूख ना लगे तो क्या खाएं?

आइये जानते हैं भूख बढ़ाने के कुछ आसान नुस्खें। •अदरक भूख बढानें में सहायक होता है, इसका रस भोजन से पहले आप ले सकते हैं या इसके छोटे छोटे टुकड़े काटकर नींबू के रस में भिगोकर खाने से पहले खाएं, स्वाद के लिए हल्का नमक मिला लें।• आंवले के सेवन से भी भूख बढ़ती है, इसके रस को खाली पेट पानी में ले सकते हैं, साथ में नींबू का रस और शहद मिला लें।•खाने से पहले अगर दो-तीन इलायची खूब चबा चबाकर खायी जाये तो भी भूख बढती हैं।• अजवाईन भी पाचन में बहुत सहायक से इसे भोजन से पहले ले सकते हैं, पाउडर की फोर्म में है तो गर्म पानी से ले लें या चबा चबाकर खा सकते हैं तो खा ले और फिर गुनगुना पानी पी लें।

भूख बढ़ाने के लिए योग

भूख बढा़ने के लिए योगासन बहुत लाभकारी होते हैं,आइये जानते है मुख्यतः प्रयोग होने वाले आसनों के बारे में।

* सबसे पहला और जरूरी आसन है पवनमुक्त आसन । कब्ज, अपच और गैस की परेशानी इस आसन को नियमित करने से दूर होती है।
इसे करने का तरीका है कि सीधे लेट जाएं पीठ के बल, सांस सामान्य लें, फिर एक पैर को उठाकर घुटनों से मोड़ते हुए छाती तक लाएं और घुटनों को चेहरे की ठोढी़ से लगाएं। यहीं प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ भी करें। इसे दस बार दोहराएं।

*वज्रासन एक ऐसा इकलौता आसन है जिसे खाना खाने के बाद किया जा सकता है। घुटनों के बल बैठ जाएं और तलवों को पीछे फैलाकर एक पैर को अंगूठे को दूसरे अंगूठे पर रख दें। एड़ियों को अलग-अलग रखना है और ध्यान रहें वे कूल्हों को तलवों के बीच में रहें। इसे जितना हो सके उतनी देर करें कम से कम पांच सात मिनट तो जरूर।

*पाचन तंत्र को सहयोग करने वाला एक अन्य आसन है, शशांक आसन। इसका तरीका ये हैं कि, दाहिने पैर को मोड़कर पीछे की ओर दाहिने कूल्हे के नीचे ले जाएं। इसी तरह बाएं पैर से सेम प्रोसीज़र रिपीट करें और बैठ जाएं।फिर सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। अब धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। सिर को नीचे जमीन पर रख लें। अब सांस छोड़ते हुए पहले की स्थिति में वापस आएं।

भूख बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा, अगर भूख ना लगे तो क्या खाएं?

आयुर्वेद में भूख बढ़ाने के निम्नलिखित प्रयोग हैं- *एक गिलास पानी में 3 ग्राम पुदीना, जीरा, हींग, काली मिर्च, नमक डालकर गरम करके पीने से खाने के प्रति हमारी रुचि बढ़ती है। *खाना खाने से आधे घंटे पहले अदरक की चटनी खाएं इससे भूख ना लगने की बीमारी खत्म होती है। *धनिया, छोटी इलायची और काली मिर्च को समान मात्रा में पीसकर उसमें चौथाई चम्मच घी और चीनी मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण को खाने से पहले खाएं। *इमली की कुछ पत्तियां लेकर इसकी चटनी बनाकर बनाकर खाने से भूख भी बढती है साथ ही खाना भी हजम होता है।

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