मोटापा बढ़ाने के तरीके, दुबलापन कैसे दूर करे-Sehat Banane Ke Upay

दुबलेपन को दूर कैसे करें

आज के समय लोग खानपान पर मुख्य ध्यान नहीं देते हैं। साथ ही अपने शरीर को भी समय नहीं देते हैं। उसकी वजह से ही लोग मोटापा यह दुबलेपन के शिकार हो जाते हैं, और ज्यादा मोटा आदमी भी अच्छा नहीं होता है, और अगर आदमी हद से भी ज्यादा दुबला हो तो वह भी कमजोर नजर आता है। यह समस्या आज के समय में आमतौर देखी जाती है और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हर व्यक्ति सोचता रहता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि दुबलापन कैसे दूर करे।

दुबलापन का कारण

दुबलेपन से छुटकारा कैसे पाएं कुछ जानने से पहले आपको बता दें, कि दुबलेपन के क्या क्या कारण होता है।

जिसकी वजह से व्यक्ति दुबलेपन से ग्रस्त हो जाता है। शरीर दुबला होने के बाद व्यक्ति कमजोर हो जाता है, और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कम हो जाती है।

  • हमेशा मानसिक तनाव में रहना
  • पाचन शक्ति कमजोर होना
  • किसी बीमारी से ग्रस्त होना
  • पेट में कीड़े होना
  • सही समय पर भोजन नहीं करना
  • हार्मोन का असंतुलन
  • तंबाकू या किसी दोस्त से नशीले पदार्थ का सेवन करना
  • बहुत कम नींद लेना

दुबलेपन के कुछ यह कारण है। इन कारणों की वजह से व्यक्ति दुबलेपन से ग्रस्त हो सकता है।

दुबलापन कैसे दूर करे

दुबलापन दूर करने के लिए आहार-Mota Hone Ke Liye Kya Khaye

शरीर तभी विकास कर सकता है, जब वह स्वस्थ रह सकता है। इसलिए स्वस्थ भोजन का सेवन करें, शरीर को मजबूत बनाने के लिए अच्छी डाइट की जरूरत होती है, और स्वस्थ व स्वादिष्ट आहार शरीर के दुबलेपन को दूर करने में मदद करता है। अगर आप मोटा होना चाहते हैं या वजन बढ़ाना चाहते हैं तो नीचे लिखी बातों को अपनाये।

दुबलेपन को दूर करने के लिए उच्च कैलोरी वाले भोजन का सेवन करना चाहिए, इसलिए आपको अंडा, मीट, मछली, डेयरी उत्पादक जैसे दूध, दही, पनीर आदि को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

इसके अलावा आप चॉकलेट और मिठाइयों का भी सेवन कर सकते हैं।

फाइबर वाले भोजन करें

शरीर में दुबलेपन को कम करने के लिए फाइबर वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। फाइबर से रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। उच्च फाइबर वाली सब्जियां, फल व दालों को अपने आहार में अवश्य शामिल करें।

जंक फूड से रहे दूर

शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक फूड जंक फूड को माना जाता है। जंक फूड से शरीर में कई बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती है, और पाचन क्रिया को भी जंग फूड खराब कर देते हैं।

इसलिए अगर आप दुबलेपन को दूर करना चाहते हैं, तो जंक फूड का सेवन बिल्कुल भी ना करें।

जंक फूड से रहे दूर
जंक फूड से रहे दूर

आलू से बने पदार्थ खाएं

दुबलेपन को दूर करने के लिए आलू सबसे बढ़िया होता है। आलू में वसा, कैलोरी और फाइबर पाए जाते हैं। जो शरीर में फैट को जल्दी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए उबले आलू, आलू की सब्जी आदि का सेवन अवश्य करें।

भरपूर पानी पियें

शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए पानी बहुत महत्व होता है। शरीर में पानी का लेवल सही होने से शरीर हाइड्रेट जाता है, और आपको भूख भी ज्यादा लगती है।

पानी आपके शरीर में पाचन को बेहतर बनाता है। इसलिए दिन में कम से कम 2 लीटर पानी अवश्य पियें।

दुबलापन कैसे दूर करे-दुबलेपन को दूर करने के व्यायाम

जोगिंग करें

शरीर ज्यादा हिलाता डुलता नहीं है, तो शरीर में कमजोरी पड़ जाती है। इसलिए शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए जोगिंग करना बहुत ही जरूरी होता है।

पुश-अप करें

शरीर की मांसपेशियों और भुजाओं को मजबूत बनाने के लिए पुश-अप बहुत ही कामगार होती है। इसलिए आप नियमित रूप से पुश-अप करें।

पुल-अप करें

भुजाओ और चेस्ट को मजबूत बनाने के लिए पुल-अप बहुत कारगर होता है। इसलिए आप भी नियमित रूप से पुल अप अवश्य करें।

नींद ले

दुबलेपन को ठीक करने का सबसे महत्व को व्यायाम नींद लेना होता है। आप फ्री माइंड से भरपूर नींद लें, ज्यादा नींद से शरीर में कोई तनाव नहीं रहता है। इसलिए आपको ज्यादा मात्रा में नींद लेनी चाहिए।

क्या पेट साफ न होना भी है कब्ज? कब्ज क्या होता है? कब्ज कैसे दूर करे?

कब्ज कैसे दूर करे

पेट साफ न होना यानी मल त्याग में परेशानी होना, जिसे कब्ज भी कहते हैं। यह एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। अगर आपको लगातार पेट साफ नहीं हो रहा है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि pet saaf na hone ke nuksan क्या हैं, कब्ज क्या होता है, और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।

कब्ज क्या होता है?

कब्ज तब होती है जब आपका मल सख्त और सूखा हो जाता है और इसे निकालने में कठिनाई होती है। इसका मतलब है कि आपकी आंतों में मल लंबे समय तक रहता है, जिससे पेट साफ नहीं होता। कब्ज होने पर पेट में दर्द, भारीपन, और गैस की समस्या हो सकती है।

कब्ज
कब्ज

पेट साफ न होने के नुकसान (pet saaf na hone ke nuksan)

  • पेट में गैस और सूजन
  • सिरदर्द और कमजोरी महसूस होना
  • त्वचा पर रुखापन और मुंहासे
  • शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमा होना
  • लंबे समय तक कब्ज रहने पर पाइल्स या फिशर जैसी समस्या हो सकती है

कब्ज के कारण

  • पानी कम पीना
  • फाइबर युक्त आहार की कमी
  • तली-भुनी और जंक फूड का सेवन
  • शारीरिक गतिविधि की कमी
  • तनाव और चिंता
  • कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट

कब्ज कैसे दूर करें? (कब्ज का घरेलू इलाज)

  1. पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, जिससे आंतें ठीक से काम करें।
  2. फाइबर युक्त भोजन लें: फल, सब्जियां और साबुत अनाज कब्ज दूर करने में मदद करते हैं।
  3. नियमित व्यायाम करें: योग या चलना कब्ज को दूर रखने में सहायक है।
  4. नियमित भोजन करें: समय पर और सही मात्रा में भोजन लें।
  5. प्रोबायोटिक्स का सेवन करें: दही और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं।
  6. तनाव कम करें: तनाव मुक्त रहने से भी कब्ज की समस्या कम होती है।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर घरेलू उपायों से भी कब्ज ठीक न हो और साथ में तेज दर्द, रक्तस्राव या वजन में गिरावट हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

Pet saaf na hone ke nuksan गंभीर हो सकते हैं, इसलिए सही खानपान, पर्याप्त पानी और व्यायाम से कब्ज को नियंत्रित करना जरूरी है। सही जीवनशैली से आप स्वस्थ रह सकते हैं और कब्ज जैसी समस्या से बच सकते हैं।

रोजाना खाली पेट अखरोट खाने के फायदे है अनेक, जानकर आप भी रह जानेंगे दंग

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है, जिसे लोग खाना बेहद पसंद करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में लोग इसे अपनी दिनचर्या के अनुसार शामिल करते हैं। दोस्तों हम इस लेख के माध्यम से आपको अखरोट खाने के फायदे तथा नुकसान के बारे में बताएंगे तथा इसे किस तरह से अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी देंगे तथा इससे होने वाले फायदों के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे।

साथियों अखरोट का ज्यादा सेवन करने पर भी विभिन्न तरीके की हानि हो सकती है, इसलिए इसका एक संतुलित मापदंड के अनुसार ही नियमित रूप से इसका उपभोग करें। अखरोट के विभिन्न नाम है, अलग अलग राज्य अथवा भाषाओं के अनुसार इसका अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम है जैसे हम इसे अंग्रेजी में वॉलनट कहते हैं तथा कन्नड़ भाषा में अख़रोटा कहते हैं।

आइए जानते हैं अखरोट क्या है और अखरोट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी।

अखरोट क्या है?

अखरोट एक प्रकार का ड्राई फ्रूट है। अखरोट के फल में एक बीज होता है जिसका इस्तेमाल हम अपने आहार के रूप में करते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम जुग्लांस जीनस है तथा इसका इस्तेमाल हम कई औषधि में अथवा पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए भी करते हैं।

अक्सर आपको पता होगा कि जब भी हम डॉक्टर के पास जाते हैं; तो वह यह नसीहत देता है कि आप अपने दैनिक आहार में अखरोट का प्रयोग करें इससे कई प्रकार की बीमारियों तथा एलर्जी को ठीक करने में इस्तेमाल करते हैं।

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट अपने आप में एक औषधि गुण भी रखता है। इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियां ठीक होती है तथा यह एक स्वस्थ जीवन तथा पूर्ण आहार के रूप में हम अखरोट का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से शरीर को बीमारियों से हम दूर रह सकते हैं।

आइए जानते हैं अखरोट खाने के फायदे हिंदी में ।

कैल्शियम की मात्रा

अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिस में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इससे हम अपनी हड्डियों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। अखरोट का सेवन करने पर हमारे शरीर को कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी भी प्राप्त होता है तथा इसमें पाए जाने वाले आवश्यक अम्ल हमारे लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

वजन कम

बहुत से लोग अपने ज्यादा वजन के कारण परेशान रहते हैं तो उनके लिए यह लेख महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अखरोट का सेवन करने पर वजन कम किया जा सकता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व तथा अम्ल होते हैं जिसकी प्रकृति वजन कम करने की होती है।

अखरोट से वजन कम
अखरोट से वजन कम

गर्भावस्था के दौरान

वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को अखरोट का सेवन करना लाभदायक सिद्ध होता है। अखरोट में कुछ ऐसे अम्ल, विटामिन ए और विटामिन ई पाया जाता है। जिससे शिशु के शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं तथा इसमें कई प्रकार के प्रोटीन भी शामिल होते हैं।

ब्लड प्रेशर से निजात

दोस्तों अखरोट का प्रयोग हम लो ब्लड प्रेशर के लिए भी कर सकते हैं इसमें एक खासियत होती है कि इसका सेवन करने पर ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके पोषक तत्व इसको संतुलित रखने में मदद करते हैं।

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली

इसका एक और विशिष्ट गुण है कि यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो एंटीबैक्टीरियल होते हैं जिनके माध्यम से हमारे शरीर के खून में एक प्यूरीफायर के रूप में काम करता है।

मधुमेह

यहां मधुमेह जैसी गंभीर समस्याओं के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं विशेषज्ञों के अनुसार निरंतर इसका सेवन करने पर मधुमेह की बीमारी का रोकथाम करने में मददगार साबित हो सकता है। कई वैज्ञानिक इसे एक अच्छी दवाई के रूप में लोगों को नसीहत देते हैं कि आप इसका निरंतर सेवन करें।

अखरोट से होने वाले नुकसान

स्किन कैंसर

अखरोट खाने के कारण आपको स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है यदि हम इस की अनियमित मात्रा खाते हैं तो यह बीमारी उत्पन्न हो सकती है इसलिए हमेशा यह ध्यान रखें कि इसकी एक आवश्यक मात्रा ही आप खाएं।

एलर्जी

दोस्तों इसका अति आवश्यक सेवन करने से एलर्जी भी हो सकती है, इससे छाती में खिंचाव महसूस होता है जिसके वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, आपको यह ध्यान रखना होगा कि इस तरह की किसी भी प्रकार की शिकायत होती है तो आप तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से मिले।

स्किन रैशेज

अखरोट खाने से स्किन रैशेज हो सकते हैं इसके वजह से आपके शरीर में लाल रंग के रैशेज बन सकते हैं इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि एक नियमित तथा नियंत्रित मात्रा ही आप खाएं।

क्यों हो जाते है हम अक्सर मानसिक तनाव के शिकार,क्या है मानसिक तनाव से बचने के उपाय

तनाव कैसे दूर करे

आजकल हर कोई तनाव से परेशान है क्योंकि हर किसी के जीवन में कोई न कोई समस्या रहती है। जिसके वजह से वहां अपने आप को जबरन तनाव में डाल देता है, जिससे कि उसके कामों पर उस तनाव का असर दिखाई देता है। यह भी पाया गया है कि 40 से 50 साल की उम्र के लोगों को ज्यादा तनाव होता है, लेकिन आजकल विद्यार्थियों के ऊपर भी एक अलग तरह का तनाव नजर आता है उन पर परीक्षा के साथ साथ अन्य कार्यों का भी तनाव दिखाई देता है।

यदि तनाव अधिक बढ़ जाता है तो आप कई प्रकार के मानसिक रोग से पीड़ित हो सकते हैं, जिसमें से डिप्रेशन पैनिक डिसऑर्डर आदि शामिल है।

तनाव क्या है

तनाव जीवन में अचानक परिवर्तन को व्यक्त करने की एक प्रक्रिया होती है जिसमें शरीर भावनात्मक रूप से तथा शारीरिक रूप विकार होता है जिसे हम तनाव कहते हैं।

मानसिक शांति के उपाय इन हिंदी | तनाव से बचने के उपाय

आसान सी दैनिक जीवन चर्या

अक्सर लोग अपने दैनिक जीवन चर्या को बहुत ही उलझा हुआ बना देते हैं तथा अपने ऊपर कई प्रकार की समस्याएं लाद देते हैं, जिस वजह से उनके दिमाग तथा शरीर में एक सुस्ती आ जाती है इसलिए काम ना होने के कारण उनके दिमाग में एक तनाव सा बन जाता है।

समय का प्रबंधन

इस भागदौड़ वाली जिंदगी में समय का प्रबंधन करना बड़ा ही मुश्किल होता है। अगर कोई व्यक्ति समय के अनुसार काम ना करें तो वह निराश हो जाता है, यदि निराशा दिमाग पर आ जाए तो वहां तनाव में बदल जाती है इसलिए हमेशा अपना कार्य समय पर ही करें।

संबंधियों से मेल मिलाप

यह अपने तनाव से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि हम इसमें अपने सगे संबंधियों के साथ घिरे हुए रहते हैं, जिससे नकारात्मक बातें हमारे दिमाग में नहीं आती है और जो दिमाग की कार्य चल रहे होते हैं वह मनोरंजन में बदल जाते हैं जिस वजह से तनाव नहीं आता है।

जल्दी उठे

कुछ लोगों को रात में लेट सोने की आदत होती है तथा दिन में लेट उठने की आदत होती है तो यह बता दे कि यह आदत आपको एक बड़े तनाव में डाल सकती है, क्योंकि लोगों की दिनचर्या सुबह से शुरू होती है और उनके काम भी समय पर होते हैं, इस बात को ध्यान में रखेगी हमेशा सुबह 6:00 से 7:00 के बीच में पूरी नींद लेकर ही उठे।

व्यायाम

व्यायाम हमें रोजाना सुबह करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को एक लचीला होना जरूरी होता है, जिससे कि शरीर के सारे अंग सुचारू रूप से काम कर सकें। यदि हमारे शरीर में किसी प्रकार का दर्द हो रहा है तो वह दिमाग के ऊपर जोर डालता है जिससे की एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है इसलिए व्यायाम करना आवश्यक है।

व्यायाम
व्यायाम

ठंडे पानी से नहाना

हमें प्रतिदिन ठंडे पानी से नहाना चाहिए नहाने से हमारे शरीर के सारे विकार दूर हो जाते हैं तथा शरीर को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है। जब भी अगर हमें ऐसा लगे कि सर दर्द हो रहा है या परेशानी हो रही है तो हमें नहा लेना चाहिए जिससे हमारे मन को थोड़ी शांति मिलती है।

गाना सुनना

यह एक अलग प्रकार का तनाव मुक्त होने का तरीका होता है। ज्यादातर युवा साथी ही इसका यूज करते हैं, जब भी लोगों का दिमाग में टेंशन आ जाता है तो वह अपने पसंदीदा गाने सुनकर टेंशन फ्री हो सकता है। इससे पता चलता है कि मनुष्य के जीवन में संगीत का कितना महत्व है।

किताबें

कहा गया है कि लोगों से कब मिले तथा अच्छी किताबें ज्यादा से ज्यादा पढ़े यह एक तनावमुक्त होने का रास्ता है। जिसमें आप अच्छे शिक्षित तथा अन्य मोटिवेशनल लोगों की किताबें पढ़ें और उन किताबों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उनके महान व्यक्तित्व को उतारने की कोशिश करें जिससे कि आपका ध्यान गलत कार्यों में नहीं लगेगा और आप तनाव मुक्त रहेंगे।

बुरी आदतों का त्याग

बुरी आदतें मनुष्य के लिए हमेशा से हानि कारक तथा नाश का कारण रहा है, बुरी आदतों के वजह से कई बार इंसान को कई गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है। यदि आप हमेशा अच्छे कार्यों को करने में लगे रहते हैं तो बुरी आदतें आपके अंदर नहीं आ पाएंगे यह बुरी आदत; सिगरेट पीना, शराब पीना, देर रात सोना, सुबह लेट उठना, बुरा व्यवहार आदि शामिल है।

अच्छा भोजन खाए

यदि आप दिन में अच्छा भोजन खाते हैं तो निश्चित रूप से आपका शरीर सुचारू रूप से काम करेगा जिससे कि सारे पौष्टिक तत्व आपको मिलेंगे और आप लंबे समय तक अपना कार्य करते रहेंगे जिससे कि समय की पाबंदी के अनुसार आपको तनाव नहीं होगा।

डॉक्टर से सलाह

यदि आपको ऐसा लगता है कि आप किसी टेंशन में है जो आपको क्षति पहुंचा रहा है, तो उस तनाव को दूर करने के लिए आप अपने नजदीकी डॉक्टर से भी सलाह मशवरा कर सकते हैं और अपनी सारी बातें डॉक्टर को सच-सच बताएं ताकि आपको वहां उस तकलीफ अथवा तनाव से दूर ले जा सके।

सिगरेट कैसे छोड़े-Smoking Chodne Ke Tarike In Hindi

सिगरेट कैसे छोड़े

सिगरेट का सेवन काफी लोग करते हैं। सिगरेट शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। सिगरेट शरीर के फेफड़ों को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाते हैं और फेफड़ों कैंसर जैसी समस्याएं भी सिगरेट की वजह से उत्पन्न होती है। सिगरेट की लत लगने के पश्चात सिगरेट को छोड़ना काफी मुश्किल होता है। सिगरेट की वजह से होने वाले नुकसान सिगरेट छोड़ने के पश्चात भी समाप्त होते हैं। अन्यथा सिगरेट से होने वाले नुकसान शरीर को भी एक दिन खत्म कर सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सिगरेट की लत से छुटकारा पाया था। अगर आप खुद इस बारे में जिद कर लें कि मुझे सिगरेट छोड़ना है तो आप आसानी से छोड़ सकते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे कि सिगरेट कैसे छोड़े और सिगरेट से होने वाले नुकसान शरीर को कैसे बचाए।

सिगरेट कैसे छोड़े

कई लोग शौक से सिगरेट पीते हैं। स्मोकिंग करना कई लोगों की लाइफ स्टाइल में है। तो कोई लोग शौक से ही इस लत के शिकार हो जाते हैं। युवा लोग जो सिगरेट को इतना सीरियस नहीं लेकर धीरे-धीरे घरवालों के चुपके-चुपके सीख जाते हैं और एक बार आदत पढ़ने के पश्चात सिगरेट को छोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है।

लेकिन बराक ओबामा ने 48 साल की उम्र में सिगरेट को छोड़ दिया था। अगर बराक ओबामा 48 साल की उम्र में सिगरेट छोड़ सकते हैं। तो युवा लोग जो आज के समय में बहुत ज्यादा सिगरेट के शिकार हो रहे हैं। वह भी अगर ठान ले तो सिगरेट छोड़ सकते हैं।

सिगरेट को छोड़ने के लिए अपने दैनिक जीवन में कई प्रकार के बदलाव करने होते हैं। अपनी दिनचर्या में कुछ अन्य टॉपिक जोड़ने होते हैं। ताकि आप सिगरेट की याद को भुला सके और उसे छोड़ने में आसानी हो। कई विशेषज्ञों के अनुसार बराक ओबामा के सहित दुनिया भर में जितने भी लोग स्मोकिंग करके उसके पश्चात छोड़ चुके हैं। उनके ऊपर कई प्रकार के फाइव स्टेप प्लान बनाया गया है।

इस प्लान को फॉलो कर के युवा लोग जो आज के समय में सबसे ज्यादा सिगरेट के शिकार होते जा रहे हैं। युवा लोग जो शुरुआत में शौक से सिगरेट पीते हैं और बाद में उनकी लत हो जाती है। इन निम्नलिखित स्टेप को फॉलो कर के युवा लोग के साथ-साथ बुजुर्ग भी सिगरेट को हमेशा के लिए छोड़ सकते हैं।

सिगरेट छोड़ने के लिए इन स्टेप को करें फॉलो | Smoking Chodne Ke Tarike In Hindi

अपने आपको तनाव से दूर करें

आदमी को सिगरेट की याद सबसे ज्यादा तब आती है। जब व्यक्ति तनाव में होता है। किसी भी व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की चिंता होती है। तब व्यक्ति सिगरेट पीने की सोचता है। लेकिन ऐसे में अपने आपको कहीं दूसरे काम में उड़ जाएं और खुद को तनाव से उबरने की कोशिश करें।

अपने शरीर को तनाव से उबरने के लिए आप अन्य कई प्रकार के काम कर सकते हैं। जैसे:- दोस्तों के साथ खेलना, फिल्म देखना,किताबें पढ़ना, संगीत सुनना, ऑनलाइन किसी के साथ वीडियो कॉल पर बात करना इत्यादि।इस प्रकार से आप अपने शरीर के तनाव को कम कर सकते हैं और ऐसा करने पर आपको सिगरेट की याद नहीं आएगी। लगातार ऐसा करते रहेंगे तो आप सिगरेट आसानी से छोड़ सकते हैं।

सिगरेट कैसे छोड़े
सिगरेट कैसे छोड़े

खुद की प्रशंसा करें और खुद से जिद करें

सिगरेट कैसे छोड़े-सिगरेट छोड़ने के लिए अपने खुद के मन में एक मजबूत कारण बनाएं कि मुझे इस वजह से सिगरेट छोड़ दी है। आपको कुछ अलग अपने दिमाग में सोचना होगा और जब आप खुद पूरी तरह से सिगरेट की लत को छुड़ा देते हैं। तो खुद को तोहफा दे खुद की प्रशंसा करें।

सिगरेट छोड़ने के लिए थोड़ा समय दें

सिगरेट छोड़ने के लिए आपको समय निश्चित करना होता है, कि मैं आज से या इस तारीख से सिगरेट छोड़ने के लिए तैयार हूं। उसके बाद आपको एक साथ या एक ही दिन में सिगरेट को नहीं छोड़ना है।

धीरे-धीरे छोड़ने का प्रयास करें

स्मोकिंग को छोड़ने के लिए आपको अपने एक निश्चित अवधि के दौरान धीरे-धीरे करके एक एक सिगरेट की संख्या कम करते जाना होगा। सिगरेट को छोड़ने के लिए आपको एक निश्चित समय इस मुद्दे के लिए देना होग।

उदाहरण के तौर पर यदि आप दिन में 5 सिगरेट पीते हैं। तो जिस दिन से सिगरेट छोड़ने की शुरुआत करते हैं। तब दिन की चार सिगरेट पीना शुरू करें। यह काम चार-पांच दिन तक करें जब आपको उचित लगे,कि मैं चार सिगरेट में भी अपना दिन गुजार सकता हूं। तो उसके बाद एक सिगरेट और कम करें ऐसे ऐसे करके सिगरेट को अपने आप से छुड़वाए।

उन दोस्तों के साथ ना बैठे जो आपको सिगरेट पीने को कहे

सिगरेट छोड़ने के लिए अपने जिंदगी में एक नई सोच रखकर एक बड़ा डिसीजन लेना होता है। जिंदगी की नई शुरुआत करने के लिए आपको हर दिन खुद को बधाई देनी होती है और आपको अपने आप पर काबू पाने के लिए खुद से जिद करके बैठना होगा। ऐसा करके ही आप सिगरेट को छुड़ा सकते हैं।

जब आप सिगरेट छोड़ने की मन में ठान लेते हैं। तो उसके पश्चात आप ऐसे दोस्तों के साथ ज्यादा संपर्क में ना रहे। जो आपको सिगरेट पीने के लिए कहते हैं या सिगरेट पीने के लिए उकसाते हैं।

आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे

नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे

नाभि को आयुर्वेद के अनुसार रीढ़ की हड्डी के बाद आपका दूसरा मस्तिष्क कहा जाता है। नाड़ी हमारे शरीर का मुख्य अंग है। नाड़ी के विषय में आज भी हम ज्यादा नहीं जानते हैं बस हमें इतना ही पता है कि एक मां अपने बच्चे को अपनी गर्भनाल के द्वारा भोजन प्रदान करती है। शिशु गर्भ में गर्भनाल के द्वारा ही पोषित होता है। मां और बच्चे की गर्भनाल नाभि के द्वारा ही दूसरे से जुड़ी होती है। जब हम नाभि में कुछ लगाते हैं तो वह हमारे पूरे शरीर में रक्त नाड़ी के माध्यम से पहुंच जाता है। नारियल तेल की मालिश के फायदे के विषय में हम सभी जानते हैं कि यह हमारे बाल, त्वचा एवं आंखों के लिए अत्यंत फायदेमंद है तो आइए जानते हैं की नाभि में नारियल के तेल को लगाने का क्या फायदे हैं।

नाभि में नारियल तेल लगाने के फायदे

त्वचा को चमकदार बनाए रखता है नाभि में नारियल तेल

अगर आपकी त्वचा बेरौनक और दागदार हो रही है तो नारियल का तेल एक वरदान है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम, आयरन, जिंक, विटामिन ई, विटामिन के के अनेक औषधीय गुण होते हैं। यह आपकी त्वचा को कांति प्रदान करते हैं। और आपकी स्किन को ऊर्जावान बनाते हैं। इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व आपकी त्वचा को रिपेयर करते हैं और चेहरे पर चमक लाते हैं। जिसके कारण धीरे धीरे आपकी त्वचा का रंग निखरने लगता है।

  • नारियल के तेल को जब हम नाभि में लगाते हैं तो यह हमारी त्वचा के साथ-साथ यह हमारे पूरे शरीर को फायदा करता है।
  • नारियल के तेल को नीम के तेल में मिलाकर नाभि में लगाने से पिंपल्स दूर होते हैं।
  • जोड़ो का दर्द, हड्डियों में होने वाला दर्द नाभि में नारियल का तेल डालने से दूर होता है।

इतने सारे फायदे के लिए हमें करना ही क्या है बस जरा सा नारियल के तेल को रात को सोने से पहले अपनी नाभि में लगा लेना है।

नाभि में नारियल तेल महिलाओं के लिए अत्यंत मददगार है

महिलाओं के लिए पीरियड्स का समय बहुत कष्टकारी होता है। पेट दर्द, पेट में मरोड़ होना, ऐंठन और शरीर में एनर्जी की कमी होना ये महिलाओं की आम समस्याएं हैं इन समस्याओं से निजात पाने के लिए नाभि में नारियल का तेल अवश्य लगाना चाहिए।

नाभि में नारियल तेल आंखों की रोशनी बढ़ाता है

ज्यादा परिश्रम के कारण आपकी आंखें थकी थकी रहती हैं। देर तक पढ़ाई करने से, ज्यादा कंप्यूटर पर काम करने से आंखों में जलन , सूजन और सूखेपन की समस्या रहती है। आंखें धीरे धीरे कमजोर होना शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में नारियल का तेल नाभि पर लगाना चाहिए।

  • नारियल का तेल नाभि में लगाने से आंखों की खोई हुई चमक फिर से वापस आने लगती है। अगर आपके पास शुद्ध नारियल तेल है तो आप इसे नाड़ी में डालने के साथ-साथ आंखों में भी काजल की तरह लगा सकते हैं ऐसा करने से आपकी आंखें हमेशा स्वस्थ रहोंगी।
  • नारियल के तेल को नाभि में डालते समय हल्का सा मसाज भी अवश्य करना चाहिए जिससे सारा का सारा तेल नाभि की मदद से पूरे शरीर में चला जाए।

नारियल के तेल को नाभि में रोज लगाने से आपकी आंखों की रोशनी भी धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी।

नाभि में नारियल तेल सर्दी जुकाम भगाने में मददगार होता है

मौसम बदलने के कारण होने वाले सर्दी जुकाम या फिर सर्दी गर्मी, धूल के कारण होने वाली एलर्जी से होने वाले सर्दी जुकाम से बचने के लिए हमारे बड़े बूढ़े हमें बच्चों को नाभि में दो बूंद नारियल का तेल लगाने की सलाह देते थे।

नाभि में नारियल तेल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अतः जिन लोगों को सर्दी गर्मी की समस्या है रहती है या फिर जिन लोगों को एलर्जी के कारण छींकें लगातार आती है उन्हें अपनी नाभि में नारियल का तेल लगाना चाहिए।

कुछ दिनों में ही उन्हें अंतर खुद ही पता चलने लगेगा। नाभि में नारियल तेल सर्दी जुखाम जो समस्याओं से बचाता है।

नाभि में नारियल तेल होंठों की रंगत बढ़ाता है

बालों में नारियल तेल लगाने के फायदे तो हम सब जानते है पर क्या आप जानते है कि रात को सोते समय नाभि में नारियल का तेल लगाने से आपके होठ मुलायम रहते हैं। मौसम के बदलने का सबसे ज्यादा असर हमारे होठों पर होता है। हमारे होंठ सूरज की गर्मी प्रदूषण से अपनी स्वाभाविक रंगत खोने लगते हैं।

ज्यादा गर्मी और ज्यादा सर्दी दोनों ही हमारे होठों पर अपना असर दिखाती है और हमारे होंठ फटने लगते हैं। कभी-कभी तो सर्दियों में होठों से खून भी आने लगता है। जब हम ज्यादा धूप में बाहर निकलते हैं तो हमारे होंठ किनारों से काले होते होते धीरे धीरे पूरी तरह से काले हो जाते हैं। हमारे होठों का अंदर का हिस्सा बहुत नाजुक होता है। वह धीरे-धीरे सफेद होता हुआ अपनी स्वाभाविक रंगत खो देता है। और फिर हम पूरी तरह से मेकअप पर निर्भर हो जाते हैं जोकि हमारे होठों का और नुकसान करता है।

नारियल के तेल में दाग धब्बे को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। जब हम रोज नाभि में नारियल का तेल डालते हैं तो हमारे होठों पर जो पपड़ी जमने लगती है वह दूर होने लगती है हमारे होठों का कटना पटना बंद हो जाता है। जिसके कारण धीरे-धीरे आपके होठों का कालापन भी दूर होने लगता है।

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यूरिक एसिड में मूली के फायदे

यूरिक एसिड क्या होता है

यूरिक एसिड शरीर से निकलने वाला हानिकारक पदार्थ है। यूरिक एसिड को अगर शरीर में ही जमा होने दिया जाए तो हम अनेक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। गठिया, जोड़ों का दर्द, पथरी आमतौर पर मुख्य बीमारियां हैं। यूरिक एसिड शरीर में प्रोटीन की अधिकता से होता है। प्रोटीन में प्यूरीन नमक पदार्थ होता है। प्यूरीन शरीर से अगर ना निकले तो यह जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसके कारण उठने बैठने में दिक्कत होने लगती है। प्रोटीन अगर शरीर में अधिक मात्रा में जमा हो जाता है तो फिर किडनी यूरिन को अच्छी तरह से साफ नहीं कर पाती। जिसके कारण किडनी में स्टोन बनना शुरू हो जाता है। परेशानियों से निजात पाने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉक्टर हमें दवाइयों के साथ अपने भोजन में कुछ ऐसे पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं जो कि शरीर में प्रोटीन की अधिकता को रोके। इन्हीं पदार्थों में मूली है। मूली आयुर्वेदिक गुणों का भंडार है। मूली के सेवन से कैंसर, बवासीर, डायबिटीज में फायदा होता है। तो आइए जानते हैं यूरिक एसिड में मूली के फायदे क्या है।

मूली है औषधीय गुणों से भरपूर

मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, आयोडीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मूली में विटामिन ए, बी, और सी पाया जाता है। ये शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाकर बीमारियों से बचाते हैं। मूली में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर छोटी आंत और बड़ी आंत की अच्छे से सफाई करने में मददगार होता है। जिसके कारण कब्ज नहीं होता।

मूली दूर करती है मोटापे की समस्या को

यूरिक एसिड की मुख्य वजह मोटापा ही है। मूली के पत्तों का और मूली का सेवन करने से पेट भरा भरा रहता है। जिसके कारण भूख कम लगती है, भोजन आसानी से पचता भी है। धीरे-धीरे यूरिक एसिड कम होने लगता है और व्यक्ति के शरीर में प्रोटीन का संतुलन होने लगता है। 

मूली दूर करती है पेट की समस्याओं को

हमारे शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता होने से हमारा भोजन अच्छे से पच नही पाता। पेट की अधिकतर समस्याएं यूरिक एसिड के बिगड़ने के कारण होती हैं। यूरिक एसिड के बिगड़ने से हमारा पाचन तंत्र भी बिगड़ जाता है। मूली पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मुख्य भूमिका निभाती है। अगर हम खाने के बाद मूली का प्रयोग करते हैं तो यह भोजन को पचाने में सहायक होती है।

  • मूली को मिश्री के साथ खाने से एसीडिटी की समस्या दूर होती है। पाइल्स और खूनी बवासीर में मूली खाना फ़ायदेमंद होता है।
  • मूली के 20 मिली रस का सेवन 50 ग्राम गाय के घी के साथ करने से बवासीर में राहत मिलती है।
  • मूली के पत्तों को छाया में सुखाकर उसको 40 दिन तक 25 से 50 ग्राम की मात्रा में मिश्री के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है। 

मूत्र विकारों को दूर करती है मूली

जब शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता होती है तो किडनी यूरिन की गंदगी को पूरी तरह से साफ नही कर पाती। यूरिक एसिड के यूरेट क्रिस्टल किडनी में जमा होने लगते हैं। जिसके कारण यूरिन खुलकर नहीं आ पाता। है। मूली के सेवन से धीरे धीरे यूरेट क्रिस्टल टूटने लगते हैं। यूरिक एसिड का बनना कम होता है। यूरिन खुलकर होने लगता है।

मूली के सेवन और मूली के पत्तों के सेवन से मूत्र विकार दूर होतें हैं। बीस तीस मिली लीटर मूली के रस के सेवन दिन मैं तीन से चार बार करने से मूत्र विकार दूर होते हैं।

किडनी में पथरी को खत्म करती है मूली

जब यूरिन में प्रोटीन के कारण प्यूरीन की अधिकता होती है तो किडनी शरीर से यूरिक एसिड को अच्छी तरह से बाहर नहीं निकाल पाती। प्यूरीन यूरेट क्रिस्टल के रूप में किडनी में जमा होने लगता है। यूरेट क्रिस्टल के जमा होने के कारण किडनी में पथरी या स्टोन बनने लगते हैं।

मूली के पत्ते पथरी निकालने में मददगार होते हैं। मूली के पत्ते का रस दिन में 3 बार पीने से पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है। मूली के बीजों को भी दिन में तीन बार खाने से पथरी के रोग में फायदा होता है।

किडनी के रोगों में फायदेमंद है मूली

जब किडनी में यूरेट क्रिस्टल जमा होने लगते हैं तो धीरे-धीरे किडनी काम करना बंद कर देती है। जिसके कारण यूरिन बंद हो जाता है या धीरे-धीरे रुक रुक कर आता है। ऐसी स्थिति में मूली का रस पीने से बहुत फायदा होता है।

मूली के रस को दो-तीन बार दिन में सेवन करना चाहिए। इससे किडनी में जमा होने वाला यूरेट क्रिस्टल टूटने लगते हैं। धीरे-धीरे किडनी की समस्या दूर होने लगती है। किडनी के दर्द में भी काफी आराम मिलता है।

अनचाहे गर्भ का सीताफल के बीज से गर्भपात कैसे करें?

सीताफल के बीज से गर्भपात

कुछ महिलाओं का समुचित उपाय करने के बाद भी गर्भधारण हो जाता है। या फिर उन्हे पता ही नहीं चलता और वे गर्भ धारण कर लेती हैं। ऐसे में बहुत मुश्किल होता है इस अनचाही स्थिति से निपटना। अगर गर्भ ठहरने का पता शुरुआत में ही लग जाए तो फिर इसको आयुर्वेदिक व प्राकृतिक उपचारों के द्वारा भी गिराया जा सकता है। हम कुछ घरेलू नुस्खे के द्वारा भी गर्भपात कर सकते हैं। बस हमें ध्यान रखना होता है कि तीन हफ्ते से ज्यादा देर न हुई हो।

बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में पपीता, अजवायन, अन्नानास का रस, तुलसी का काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, लहसून, विटामिन सी, केले का अंकुर, अजमोद, कोहोश, गर्म पानी, बाजरा, गाजर के बीज, तिल, ग्रीन टी, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, अनार के बीज, कैमोमाइल तेल, काली चाय का प्रयोग खूब किया जाता है।

अगर गर्भ दो महीने से अधिक का है तो फिर उसका अबॉर्शन कराना ही ठीक है। उसमे गर्भ को एनाक्सथिसिया देकर डी एन सी के द्वारा निकाल दिया जाता है। इस प्रकिया में गर्भाशय को अच्छी तरह से साफ किया जाता है। जिससे कि गर्भाशय में कुछ भी गंदगी शेष न रह जाए।  इस प्रकिया के बहुत सारे नुकसान भी है। इसीलिए पहले हमें घरेलू उपायों को अपनानते है। इन उपायों को अपनाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसलिए हमें घरेलु नुस्खे तब तक अपनाने चाहिए जब तक कि हमारा शरीर अंदर से अच्छी तरह साफ ना हो जाए। इन्ही घरेलु नुस्खों में एक नाम आता है सीताफल के बीज का। सुनने में थोड़ा सा अजीब लगेगा कि सीताफल के बीज से भी भला गर्भपात हो सकता है। सीताफल काफी गर्म होता है। अगर उसे अधिक मात्रा में अन्य चीजों के साथ मिलाकर लिया जाए तो उससे गर्भपात भी हो सकता है। यहां पर हम कुछ ऐसे ही उपायों की बात करेंगे जिनके कारण गर्भपात आसानी से हो सकता है।

सीताफल के बीज और पपीते के साथ- Bacha Girane Ka Gharelu Nuksa Bataiye

सीताफल के बीजो को भुनकर पीसकर पपीते के साथ खाने से गर्भपात ज्लदी हो जाता है। पपीते में लेटेक्स नामक एक पदार्थ पाया जाता है। जो यूटेराइन कान्टैक्शन का क्या काम करता है। जिसकी वजह से जब हम सीताफल के बीजों को पपीते के साथ खाते हैं तो यूट्रस में संकुचन आरंभ हो जाता है। जिसके कारण अबॉर्शन हो जाता है।

आपको इस रेमिडी को सुबह-सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेना होता है। जब तक आपके शरीर से सारी गंदगी बाहर ना निकल जाए। रक्त आना बंद ना हो जाए तब तक आपको इस उपाय को करते रहना चाहिए।

सीताफल के बीज और अरंडी के बीज-Garbh Girane Ka Gharelu Upay

अरंडी के बीज को तोड़ लें। अरंडी एक ब्राउन कलर के मजबूत खोल के अंदर होती है। आपको इस मजबूत खोल को खोल कर सफेद बीज निकालना होता है। आप अरंडी के सफेद बीज को निकाल  कर सीताफल के बीजों के साथ मिक्स कर ले। इसके बाद दो बीज अरंडी के और आठ दस बीज सीताफल के खालें। इसको खाने के बाद गर्म पानी पी ले कुछ समय बाद ही आपको पीरियड्स आने लगेंगे।

यह उपाय आपको तब तक करना है जब तक की आपके पीरियड रेगुलर ना हो जाए और सारी गंदगी निकल ना जाए। अरंडी एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक का काम करती है सीताफल के बीज के साथ मिलकर इसके गर्भ निरोधी गुण काफी बढ़ जाते हैं जिसके कारण आसानी से गर्भपात हो जाता है

नीम का तेल और सीताफल के बीज-Baccha Girane Ke Gharelu Upay

नीम के तेल में सीताफल के बीज को पीसकर मिला लें। इस मिश्रण को रात को सोते समय अपनी वजाइना में लगाकर सोए। सुबह तक आपको ब्लीडिंग शुरू हो जाएगी। अगर रात में ब्लीडिंग नहीं होती तो आप सुबह भी इस मिश्रण को अपनी वजाइना में लगाएं। दो या तीन बार के उपाय से ही आपकी ब्लीडिंग शुरू हो जाएगी।

इस उपाय को आपको तब तक करना है जब तक कि आप का पेट पूरी तरह से साफ ना हो जाए। आपकी ब्लीडिंग जब तक रुक ना जाए आपको इस उपाय को करना है। नीम का तेल और सीताफल के बीज दोनों ही काफी गर्म होते हैं इन दोनों को वेजाइना में लगाने से गर्मी के कारण वैजाइना में संकुचन आरंभ हो जाता है।जिससे अबॉर्शन आसानी से हो जाता है।

अदरक का रस और सीताफल के बीज- Pregnancy Girane Ki Desi Nuksa

अदरक का रस और सीताफल के बीज दोनों मिलकर एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक का काम करते हैं। अदरक काफी गर्म होता है और और सीताफल के बीज भी काफी गर्म होते हैं। सीताफल के बीजों को भूनकर पीसकर अदरक के रस में मिला लें। सुबह दोपहर व रात को सोते समय लेने से 2 या 3 दिनों में ही आपका गर्भपात हो जाता है।

इस उपाय को जब तक आपके पीरियड शुरू ना हो जाए तब से लेकर जब तक ब्लीडिंग रुक ना जाए तब तक करना है। ऐसा इसलिए करना होता है जिससे कि पेट की सफाई अच्छे से हो जाए। पेट के अंदर भ्रूण कोई भी हिस्सा ना रहे।  अन्यथा कुछ समय बाद पेट में दर्द शुरू हो जाएगा।  इसलिए प्राकृतिक उपायों को अपनाते समय हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि पेट की सफाई अच्छे से हो जाए। 

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

क्या गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है?, गुड़ सोंठ साथ खाने से गर्भपात हो सकता है क्या?

गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है

गर्भपात के विषय में सोच कर ही मन परेशान हो जाता है। एक बच्चे को दुनिया में आने से पहले ही मार देना। यही तो होता है गर्भपात। कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि आप चाह कर भी उस बच्चे को जन्म नहीं दे सकते। आपका परिवार पूरा हो चुका होता है और आपके परिवार में एक नए सदस्य के लिए कोई स्थान नहीं होता। यह भी हो सकता है कि आपके बच्चे खुद शादी शुदा हो या फिर उनकी शादी की उम्र हो। ऐसी स्थिति में मां बनना बहुत ही मुश्किल होता है।

कभी-कभी यह भी होता कि आपको पता ही नहीं चलता और गर्भधारण हो जाता है। कभी लड़के लड़कियां अनजाने में या आजकल के जमाने में तों जानबूझकर भी कुछ गलतियां कर लेते हैं। जिसकी वजह से लड़की को गर्भपात कराना होता है। क्योंकि शादी और बच्चे की जिम्मेदारी उठाने के लिए वह दोनों ही तैयार नहीं होते ऐसे में डॉक्टर के पास जाना और उन्हें अपनी परेशानियां बताना थोड़ा मुश्किल लगता है। उनको हिचकिचाहट के कारण या फिर परिस्थिति वश डॉक्टर के पास जाने में संकोच महसूस होता है। वे ऐसे प्राकृतिक गर्भनिरोधक की तलाश में होती हैं। जिनसे उनका गर्भपात प्राकृतिक रूप से ही हो जाए। बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में विटामिन सी, पपीता, अन्नानास का रस, अजवायन,  तुलसी का काढ़ा, लहसून,  ड्राई फ्रूट्स, केले का अंकुर, अजमोद, गर्म पानी, कोहोश, बाजरा, ग्रीन टी, गाजर के बीज, तिल, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, कैमोमाइल तेल, काली चाय, अनार के बीज का प्रयोग खूब किया जाता है।

ऐसे ही एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक है गुड़। सुनने में थोड़ा आश्चर्य होगा कि क्या गुड़ से गर्भपात हो सकता है? हां यह सच है, गुड़ से भी गर्भपात हो सकता है। गुड़ बहुत गर्म होता है अगर हम इसे लगातार कुछ समय तक कुछ चीजों के साथ मिला कर ले तो आसानी से गर्भपात हो सकता है। आइए यहां जानते हैं कि किन वस्तुओं को गुड़ के साथ लेने से गर्भपात हो सकता है।

क्या गुड़ खाने से गर्भपात हो सकता है?

तिल और गुड़ एवं तिल गुड के लड्डू

गुड और तिल दोनों ही काफी गर्म होते हैं। अगर इनका कुछ समय तक लगातार सेवन किया जाए तो गर्भपात आसानी से हो सकता है। आपको दो मुट्ठी तिल लेकर भूनने हैं। और उसे एक गुड़ की डली के साथ मिलाकर खाना है। आप तिल के लड्डू भी खा सकते हैं तिल के लड्डू, तिल को भूनकर कर उसे गुड़ की चासनी में डालकर बनाए जाते हैं।

आपको सोते समय दो या तीन तिल के लड्डू खाने हैं और गर्म दूध पीना है। ऐसा आपको लगातार दो या 3 दिन तक करना है जब तक कि आपको पीरियड ना आने लगे। आपको 2 या 3 दिन में ही पीरियड्स आना शुरू हो जाएंगे। आपको तब तक यह तिल और गुड़ लेना है जब तक की आपके पीरियड्स आना बिल्कुल रुक ना जाए। अर्थात आपके पेट की अच्छे से सफाई ना हो जाए।

गुड़ और सौठ का काढा-गुड़ सोंठ साथ खाने से गर्भपात हो सकता है क्या?

इस काढे को बनाने के लिए हमें एक पैन में थोड़ा सा देशी घी लेना है। और उसमें दो चम्मच जीरा डालकर भूनना है। इसमें आपको एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच सौठ का पाउडर डालना है। जब यह अच्छी तरह से भुन जाए तब इसमें दो गिलास पानी डालना है। पानी जब खौल जाए तब इसमें आपको एक गुड़ की डली डाल देनी है। जब काढा खौल खौल कर आधा हो जाए। तब आप इसे गरम-गरम पी सकते हैं।

यह काढ़ा आपकी पीरियड्स के साथ साथ पेट की तकलीफ को भी दूर करता है। अगर आपको गैस बनती है तो गैस बनना बंद हो जाती है। इस कार्य को आपको तब तक लेना है जब तक कि आपकी पीरियड्स आने शुरू हो जाए। जब आपके पीरियड्स आने शुरू हो जाएंगे तो आप इसे लगातार लेते रहें जिससे कि आपके पेट की सारी गंदगी निकल जाए। जब आपका पेट अच्छी तरह से साफ हो जाए तब आप इस काढे को लेना बंद कर सकते हैं।

गुड़ और अजवाइन का काढ़ा 

गुड और अजवाइन दोनों ही काफी गर्म होते हैं। जब हम इन्हे एकसाथ लेते हैं तो हमारे पीरियड शुरू हो जाते हैं। अजवाइन पेट की अन्य बीमारियों को भी ठीक करने में कारगर होती है। इस काढे को बनाने के लिए आपको दो गिलास पानी गर्म करना है। उसमें एक चम्मच अजवाइन और एक गुड़ की डली डाल देनी है। जब यह काढ़ा खोलते खौलते आधा हो जाए तब आप इसे ले सकते हैं।

इस काढे को आप को सुबह खाली पेट लेना है। दोपहर में खाना खाने के बाद लेना है और रात को सोते समय लेना है। इस काढे को आप को लगातार तब तक लेना है जब तक कि आपके पीरियड्स होना शुरू नहीं हो जाते। जब आपके पीरियड्स आना शुरू हो जाए तब भी आपको इस काढे को लेते रहना है। जब आपके पीरियड आना बंद हो जाएंगे यानी कि आपकी शरीर की अच्छी तरह से सफाई हो जाएगी तब आप इस काढे को लेना बंद कर सकती हैं।

गुड़, हल्दी और काली मिर्च का काढ़ा 

यह काढ़ा काफी असरदार होता है। और इससे पीरियड आने बहुत जल्दी शुरू होते हैं। हल्दी और काली मिर्च गुड़ की तरह ही काफी गर्म होते हैं। इसका सेवन अगर दिन में तीन बार किया जाए तो बहुत जल्दी ही पीरियड आना शुरू हो जाते हैं। इसका काढ़ा बनाने के लिए आपको दो गिलास पानी लेकर उसे खौलाना है। खोलते पानी में एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच काली मिर्च पिसी हुई डाल देनी है। इसी काढे में एक गुड़ की डली भी डाल देनी है। जब यह काढ़ा खौल खौल कर आधा हो जाए तब आप इसे पी सकते हैं।

इसे रात को सोते समय जरूर पीना है। बहुत जल्दी ही यह काढ़ा अपना असर दिखाएगा आपको इस काढे को तब तक पीना है जब तक कि आपकी पीरियड आने शुरु ना हो जाए। आपके शरीर की सारी गंदगी दूर ना हो जाए।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

कब्ज में गुलकंद कैसे और कितना ले? क्या है कब्ज में गुलकंद के फायदे ?

कब्ज में गुलकंद के फायदे

गुलकंद का नाम आते ही, गुलाब के महकते ताजा फूल आँखों के सामने आ जाते हैं। जी हाँ गुलकंद  गुलाब की पंखुड़ियों से ही बनाया जाता है, ऐसे समझ लिजीए जैसे गुलाब का मुरब्बा। ये गुलाब के फूल की ताजी पंखुड़ियों से तैयार किया जाता हैं। मीठे स्वाद के लिए इसमें  चीनी का इस्तेमाल भी करतें हैं। ये तासीर में ठंडा होता है इसलिए इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में करते हैं।

गुलकंद स्वादिष्ट तो होता ही है साथ ही साथ यह –

कई खतरनाक बीमारियों से भी हम सबका बचाव करता है। मुख्यत  ये पेट पर कार्य करता है पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है, जिनमें कब्ज, बदहजमी और गैस मेन हैं। और  आप सब जानते ही हैं कि जब डाईजेशन सही रहता है तो अच्छी भूख लगती है, शरीर में ताकत बढ़ती है और नींद भी अच्छी आती है।

  • अपनी ठंडी प्रकृति के कारण गुलकंद आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों में जलन तथा कंजेक्टिवाइटिस बीमारी में काफी लाभदायक होता है।
  • गुलकंद अपने बेहतरीन स्वाद और महकती खुशबू के कारण मूड को फ्रेश करता है तो यदि आपको सिर दर्द अथवा मूड स्विंग होने की समस्या है तो ऐसे में गुलकंद का प्रयोग लाभकारी रहेगा ।
  • अक्सर पेट में गर्मी और कब्ज के कारण मुंह में छाले हो जाते हैं ऐसे में गुलकंद का प्रयोग लाभदायक होता है गुलकंद मुंह के छालों को खत्म कर देता है।
  • गर्मी के मौसम में लू लगने अथवा शरीर में गर्मी होने पर गुलकंद का प्रयोग ठंडक प्रदान करता है।

लेकिन अब सवाल उठता है कि कब्ज में गुलकंद कैसे और कितना ले? जो आशानुरूप लाभ मिलें, तो चलिए बताते हैं कि उपयोग कैसे करें ..

  • रात में दूध के साथ थोड़ा सा गुलकंद लेते हैं, इसे दूध में घोलकर भी पी सकते हैं तो नींद अच्छी आती है और शरीर को ठंडक पहुँचती है ।
  • अगर  पानी के साथ मिलाकर इसे घूट-घूट करके पीते हैं तो एसिडिटी और बहदजमी से छुटकारा  मिलता है।
  • आपको अगर खाने के बाद मीठा खाने की आदत है तो आप गुलकंद खाइयें, इससे पाचनतंत्र को सपोर्ट भी मिलेगा और मीठे की तलब भी शांत होगी।

कब्ज में गुलकंद कैसे और कितना ले?

अगर किसी को ये समस्या है तो और आप कई तरह के नुस्खे आजमाकर थक चुके हैं तो गुलकंद का प्रयोग कीजिए । गुलाब की पत्तियों को चीनी के साथ मिलाकर बनाया गया गुलकंद पेट की हर समस्या को दूर करने की एक उपयोगी औषधि है। गुलकंद की तासीर ठंडी होती है इस वजह से यह पेट में होने वाली गर्मी को शांत करता है । खाना खाने के बाद 1 से 2 चम्मद गुलकंद जरूर लीजिए। इससे पाचन तंत्र बेहतर काम करेगा, धीरे धीरे कब्ज की समस्या में आराम मिलेगा।

आयुर्वेद के एक्सपर्ट बताते हैं कि  गुलकंद आंतों में हेल्पफुल गट बैक्टीरिया बढ़ाने में हैल्प करता है, जिससे आंतो की हैल्थ अच्छी होती है और खाना अच्छी तरह पचता है।

आप खुद ही अनुभव करेंगें कि सुंगध और मिठास से भरा गुलकंद पेट के लिए कितना फायदेमंद है। आप इसे कभी भी अपनी डाईट में शामिल कर सकते हैं,

लेकिन एक जरूरी बात ये कि जो मधुमेह के रोगी हैं वे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें। क्योंकि गुलकंद की तासीर ठंडी होती है इसलिए सर्दी, जुकाम ,अस्थमा और सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए तथा सर्दियों में गुलकंद का प्रयोग बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए।

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सामान्य प्रश्न

गुलकंद कितनी मात्रा में खाना चाहिए?

गुलकंद अपने आप में एक औषधि है। जो पेट से संबंधित अनेकों बीमारियों को दूर करती है। यदि आप नियमित रूप से एक चम्मच गुलकंद का सेवन करते है तो पेट से जुड़ी हुई समस्याओं से समाधान पाया जा सकता है। नॉर्मली गुलकंद का सेवन गर्मियों में किया जाता है।

कब्ज के लिए गुलकंद कब खाना चाहिए?

गर्मी में अक्सर लोगों के पेट से संबंधित समस्या और कब्ज की शिकायत रहती है। इस समस्या हेतु गुलकंद रामबाण का काम करता है। खाना खाने के बाद गुलकंद का सेवन करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा तो मिलता ही है साथ ही साथ पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

गुलकंद का सेवन कैसे करें?

गुलकंद गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है जो स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी है बेहतरीन होता है। गुलकंद का सेवन सीधा ही किया जा सकता है अन्यथा इसे पान के साथ भी खाया जा सकता है। गुलकंद का सेवन दूध के साथ करना भी लाभप्रद होगा।

क्या गुलकंद को खाली पेट लिया जा सकता है

गुलकंद को खाली पेट खाने की अपेक्षा इसे खाना खाने के बाद खाना चाहिए। खाना खाने के बाद इसका सेवन करने से यह पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। खाली पेट गुलकंद का सेवन करने की अपेक्षा इसे दूध से खाया जाना चाहिए।

कब्ज में गुलकंद के फायदे?

गुलकंद कब्ज और गैस बनने जैसी समस्या को दूर करता है। शरीर में अम्लों की अधिकता से भी अपच की समस्या पैदा हो जाती है ठंडी प्रकृति का गुलकंद इसे दूर करता है। शरीर में गर्मी बढ़ने से कब्ज की समस्या आ सकती है अतः गुलकंद इसे भी नियंत्रित करता है।

प्रेगनेंसी में गुलकंद खा सकते हैं क्या?

यदि प्रेगनेंसी सामान्य है और मधुमेह जैसी कोई समस्या नहीं है तो गुलकंद फायदे मंद हो सकता है। गुलकंद शरीर में अनेकों पोषक तत्वों की कमी पूरी करता है। चूंकि गुलकंद ठंडी प्रकृति का होता है। गर्मियों के समय में इसका सेवन पेट में ठंडक प्रदान करता है।

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