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क्या है सटीक और असरदार तरीका मेथी से गर्भ गिराने का, मेथी से गर्भ कैसे गिराए?

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मेथी एक वनस्पति है जिसका पौधा एक फुट से छोटा होता है। इसकी पत्तियाँ साग बनाने के काम आतीं हैं तथा इसके दाने मसाले तथा दवाईं के रूप में प्रयुक्त होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बहुत गुणकारी है। भारतीय आमतौर पर मेथी के पौधे का उपयोग सब्जियों या पराठों में करते हैं। मेथी दाना मेथी के पौधे के सुनहरे-भूरे रंग के बीज होते हैं। भारत में मेथी के बीज और पाउडर का उपयोग काफी सदियों से किया जा रहा है, रोजमर्रा में खाने और किसी विशेष परिस्थिति में दवाई के तौर पर इसका सेवन किया जाता है। खाने के अलावा यह साबुन और शैम्पू जैसे उत्पादों में भी पाया जा सकता है।

मेथी के फायदे

मेथी दाना(साबुत, पाउड़र,और मेथी पानी) के बहुत फायदे हैं,मेथी को मधुमेह, मासिक धर्म में ऐंठन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य स्थितियों के नियंत्रण के लिए लिया जाता है।

मेथी प्राकृतिक रूप से एक एंटी-डिप्रेसेंट की तरह भी काम करती है।

मेथी फाइबर से भरी होती है । इसे आप किसी भी रूप में लें सब्जी और पराठें जो इसकी पत्तियों से बनते हैं, लड्डू जो मेथी दाने के पाउडर से बनते हैं और मेथी का पानी रात को मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगोकर रख दे तो सुबह तैयार हो जाता है।

मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा का बहुत आसानी से इससे इलाज हो जाता है लेकिन इसकी प्रकृति शुष्क और गरम होती है इसलिए इसको गर्भावस्था में बहुत ध्यान रखते हुए एक निश्चित मात्रा में खाया जाता है।

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मेथी के बीज
मेथी के बीज

प्रेगनेंसी में मेथी

  • प्रेगनेंसी में सही मात्रा में मेथी खाने से फायदा होता है, अगर आपको diabetes हो चुका हैं तो अधिक आशंका है आपको गर्भकालीन मधुमेह होने की, मेथी blood sugar कम करने में बहुत कारगर होता है।
  • ये शरीर में इंसुलिन सक्रिय कर शुगर की मात्रा कम करता हैं तथा pregnancy diabetes में सहायता करता है।
  • इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो शिशु के मानसिक विकास में मदद करता हैं।
  • कुछ वैज्ञानिक परीकक्षणों में सामने आया, मेथी का सेवन महिलाओं में दूध उत्पादन करने वाले हार्मोन स्त्राव को बढ़ाता है।
  • ये प्रसव पीड़ा को भी कम करता है इसलिए इसका सेवन घर के बुजुर्ग और आयुर्वेदाचार्य प्रेगेनेंसी के आखिरी दिनों में कराते हैं।
  • और प्रसव के बाद तो इसका सेवन जच्चा को कराया ही जाता है जो सुरक्षित भी है, ये मासिक धर्म को सामान्य अवस्था में लाने में सहायक है।

यही कारण है कि अनचाही गर्भावस्था में भी बहुत सी महिलाएं गर्भपात करने के लिए इसका सेवन करती हैं, जो कि सुरक्षित तरीका नहीं है, और बिना चिकित्सीय देखभाल के तो इससे कईं अन्य परेशानियाँ भी हो सकती हैं लेकिन गर्भपात के घरेलू नुस्खों में मेथी का सेवन भी आम नुस्खा है।

वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कोई पुष्टिकरण नहीं जो कहे मेथी से गर्भपात होता है बल्कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करना, चाइल्ड डिफेक्ट और शिशु के विकास को बुरी तरह प्रभावित कर सकता हैं।

मेथी से गर्भ कैसे गिराए

सबसे पहली बात मेथी से गर्भपात नहीं होता, तथा गर्भपात के लिए इसके अत्यधिक सेवन से भी बचना चाहिए, फिर भी कुछ तरीके जो लोग मेथी से गर्भपात करने के लिए करते हैं,हम यहाँ बता रहे हैं –

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मेथी पानी से गर्भपात

इसके लिए एक चम्मच मेथी के बीज ले, इसे एक गिलास पानी में रातभर भिगाए, तथा सुबह छानकर, इस पानी को आप खाली पेट सेवन करें!

मेथी पानी की तरह आप मेथी दानो का सेवन कर सकते है इसके लिए आप मेथी पानी के साथ इसके बीजों को भी खाएं।

मेथी के पत्तों का प्रयोग

आप फ्रेश मेथी के पत्तों का प्रयोग भी कर सकती हैं। इसके लिए एक मुट्ठी साफ मेथी के पत्ते लें, इसे सलाद के रूप में आप खा सकती है। कड़वाहट काम करने के लिए गुड़ के साथ सेवन करें। इन पत्तों से स्मूदी भी बनाया जाती है।

मेथी पाउडर

मेथी को पीसकर इसका पाउडर बनाए, इसे एक गिलास तरबूज रस के साथ मिलाए, थोड़ा नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। पाउड़र को गर्म दूध के साथ भी ले सकती है।

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मेथी कैप्सूल

आजकल मेथी कैप्सूल सप्लीमेंट भी आते हैं, आपको मेथी कैप्सूल बाजा़र में आसानी से मिल जाएंगे, ये कईं ब्रांड़ में उपलब्ध हैं जैसे झंडू, हिमालय, नैच़रस…आदि। इन सप्लीमेंट का उपयोग भी आप चिकत्सक की सलाह से कर सकते हैं।

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बच्चा गिराने के तरीके और घरेलू नुस्खों में पपीता, अजवायन, अन्नानास का रस, तुलसी का काढ़ा, ड्राई फ्रूट्स, लहसून, विटामिन सी, केले का अंकुर, अजमोद, कोहोश, गर्म पानी, बाजरा, गाजर के बीज, तिल, ग्रीन टी, ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े, अनार के बीज, कैमोमाइल तेल, काली चाय का प्रयोग खूब किया जाता है।

गर्भपात से पहले सुनिश्चित कर लें कि क्या गर्भपात करना आवश्यक है, यहांँ आपको कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता है –

  • 10 सप्ताह से पहले अबॉर्शन कराए, 10 सप्ताह के बाद केवल सर्जिकल अबॉर्शन होता हैं ।
  • बिना योग्य निरीक्षक के कुछ ना करें।
  • आपातकाल के लिए मेडिकल हेल्प सुनिश्चित करें,
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
  • अधूरे गर्भपात में मेडिकल हेल्प जरूर लें
  • गर्भपात बाद अपनी केयर करें।

याद रखिए ये बहुत सेंसिटिव इशू है, आप जो भी करने जा रही हैं उसके बारे में पूरी तरह से जागरूक रहें और जान का जोखिम बिल्कुल भी ना उठाये।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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