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जानिए क्या है बी पी लो होने का कारण-BP Low Hone Ke Karan

BP Low Hone Ke Karan

बी पी या ब्लड प्रेशर क्या होता है

हमारे शरीर मे बहने वाला रक्त, रक्त वाहिनियों पर दबाव डालता है। यह दबाव कितना होगा यह व्यक्ति की शारिरिक स्थिति जैसे कोई बीमारी, मोटापा, उम्र और आसपास के वातावरण पर निर्भर करता है।

यह  दबाव सामान्य से कम या अधिक हो जाता तब उसे लो बी पी या हाई बी पी कहा जाता है।

सामान्य बी पी दर क्या होती है-BP Kitna Hona Chahiye

उम्र के अनुसार बी पी की दर

15 से 18 साल                     पुरुष – 117-77mmHg                महिला- 120-85mmHg
19 से 24 साल                     पुरुष ,महिला -120-79mmHg
25 से 29 साल                     पुरुष, महिला- 120-80mmHG
30 से 39 साल                     पुरुष-122-81mmHg                 महिला- 123-82mmHg
40 से 45 साल                     पुरुष-124-83mmHg                 महिला-125-83mmHg
46 से 49 साल                     पुरुष 126-84mmHg                 महिला 127-84mmHg
50 से 55                            पुरुष- 128-85mmHg                महिला 129-85mmHg
60 साल से अधिक                पुरुष- 131-87mmHg               महिला- 130-86mmHg

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बी पी लो क्या होता है।

लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है. जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है।

ब्लड प्रेशर कम होना मतलब रक्त के साथ ऑक्सीजन का बहाव कम होना। ऑक्सीजन ही हमारी जीवनदायिनी शक्ति है। अब आप सोच सकते है यदि जीवनदायिनी शक्ति ही मुख्य अंगों तक सही से ना पहुचे तो स्थिति कितनी खतरनाक है।

बी पी लो होने के कारण-BP Low Hone Ke Karan

डीहाइड्रेशन

डीहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी, शरीर मे पानी की कमी कई कारणों से हो सकती है, जैसे उल्टी, डायरिया, हैवी वर्कआउट, तेज धूप या गर्मी में लंबा समय बिताना,लू लगना आदि।

इन सब कारणों से शरीर मे पानी हो जाती है, जिससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।

डीहाइड्रेशन
डीहाइड्रेशन

ज्यादा खून बहना

ज्यादा खून बहने से भी रक्तचाप कम हो सकता है। अचानक कोई बड़ी दुर्घटना, डिलीवरी के दौरान तीव्र रक्तस्राव, या किसी अन्य आपरेशन के दौरान रक्त का बहाव हो सकता है।

दिल से सम्बंधित बीमारियां

ऐसे लोग जिनका दिल कमजोर होता है, वो लो बी पी के ज्यादा शिकार होते है। क्योंकि दिल की कमजोर मांसपेशियों से दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और दिल कम मात्रा में खून को पंप कर पाता है। इससे आप समझ सकते है कि यदि हार्ट प्रॉब्लम के साथ लो बी पी की समस्या भी हो तो, हार्ट अटैक और दिल में इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। हार्ट आर्टरीज के ब्लॉक होने, पर भी लो बी पी होता है।

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गंभीर इन्फेक्शन

किसी भी प्रकार का गंभीर इन्फेक्शन लो बी पी होने का बहुत बड़ा कारण है। इसका कारण होता है, इन्फेक्शन का खून में प्रवेश कर जाना।

पोषक तत्वों की कमी

आयरन, विटामिन बी-12 , और कुछ अन्य पोषक तत्वों की कमी से शरीर मे रेड ब्लड सेल्स में कमी आ सकती है।जिससे रक्तचाप कम हो जाता है।

एन्डोक्राइन ग्रंथि से जुड़ी समस्या

एन्डोक्राइन ग्रंथि से हार्मोन के कम स्राव के कारण थाइरॉएड, डायबिटीज या इस तरह की अन्य कई बीमारियां होती हैं। उपचार में लापरवाही करने से कई बार रक्तचाप औसत से कम हो जाता है।

लो बी पी को ठीक करने के घरेलू उपाय

  • रात को 7 से 8 किशमिश भिगो दें। खाली पेट सुबह चबा चबा कर खाएं।
  • देसी चने रात को भिगो दें सुबह चबा चबा कर खाए, यदि आपको गैस की दिक्कत है तो मात्र कम रखे, और एक दिन का गैप रखे।
  • कुछ सूप आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है, जैसे गाजर, टमाटर, पालक, चुकंदर का सूप। सूप में भुना जीरा और काला नमक डालें।
  • छाछ में नमक, भुना हुआ जीरा और हींग मिलाकर सेवन करें।
  • सुबह आंवले के मुरब्बे का सेवन करें।
  • इंस्टेंट रिलीफ के लिए कॉफी का सेवन करें।
  • रात को गुनगुने दूध के साथ खजूर का सेवन करें।
  • अदरक के छोटे-छोटे करके, उनमें नींबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर रख दें। अब इसे प्रतिदिन भोजन से पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहें। दिनभर में 3 से 4 बार भी इसका सेवन आप कर सकते हैं।
  • समय से खाएं खाना
  • तुलसी का सेवन करें
  • बादाम और बादाम के दूध का सेवन करें
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बी पी के लिए लाभदायक मुद्रा

इस मुद्रा को आप कभी भी प्रयोग कर सकते है। इसके लिए दोनों हाथों की तर्जनी, मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठा उंगलियों से मुट्ठी बनाएं और दोनों हाथों के अंगूठों के अग्रभाग को आपस में मिलाएं। हथेलियों की दिशा नीचे की ओर रहे। रोजाना धीमी-लंबी-गहरी सांस के साथ 15 से 45 मिनट तक करें।

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