जीरा हमारी रसोई में उपयोग में आने वाला एक बहुत ही लोकप्रिय मसाला है। भारत मे हर जगह यह पैदा होता है। आयुर्वेदिक औषधि विज्ञान में भी जीरे को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह तीन प्रकार का होता है- सफेद जीरा, काला जीरा और कलौजी जीरा। तीनों प्रकार के जीरे के गुण को देखा जाय लगभग एक समान ही होते है | जीरा की तासीर ठंडी होती है। सफेद जीरा में अजवायन की तरह एक उड़नशील तेल, खनिज द्रव्य और विटामिन पाए जाते हैं। काले जीरे में भी उड़नशील तेल पाया जाता है, जिसके कारण इसकी महक बहुत तेज़ होती है। जीरे के गुण अनेक है जो इस प्रकार है।
जीरे के गुण-Jeera Ke Fayde Hindi Me
पाचन क्रिया करे दुरुस्त
- सोंठ, जीरा, छोटी पीपल, कालीमिर्च और सेंधा नमक प्रत्येक समान भाग लेकर पीसकर और बारीक कपड़े से छानकर इस पाउडर को खाना खाने के बाद 1-1 चम्मच (3 से 5 ग्राम) ताजा पानी के साथ सेवन करने से भोजन शीघ्र ही पचता है।
- जीरा 2 चम्मच लेकर 1 गिलास पानी में उबालकर उसके बाद ठंडा करके और छानकर आधा-आधा कप की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से बदहजमी दूर होकर भोजन जल्दी पचता है।
- धनिया व जीरे का चूर्ण चीनी के साथ सेवन करने से अम्ल-पित्त के कारण खाना खाने के बाद होने वाली छाती में जलन को ठीक करता है।
- जीरा और सेंधा नमक समान भाग लेकर नींबू के रस में 7 दिन तक भिगोकर रखें, उसके बाद उसे सुखाकर पाउडर बनाकर रख लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम सेवन करने से अफारा मिटता है तथा पाचन शक्ति भी तेज़ होती है।
चेहरा करे साफ़
जीरे को पानी में उबालकर उस जीरे का पानी से मुख धोने से कुछ ही दिनों में इस प्रयोग को निरंतर करने से मुंह की झाइयां, चकत्ते, मुंहासों के दाग आदि दूर होकर चेहरा साफ़ हो जाता है ।
स्तनों में दुग्ध वृद्धि
- जीरे को घी में भूनकर, भुने हुए आटे के लड्डुओं में डालकर प्रसूता स्त्री (जच्चा) को खिलाने से स्तनों में दुग्ध वृद्धि होती है।
- शिशु को दूध पिलाने वाली स्त्रियों में दूध की कमी हो तो सफेद जीरा पीसकर समान भाग पिसी हुई शक्कर या मिश्री मिलाकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार सुबह-शाम सेवन करके ऊपर से दुग्धपान करने से यह कमी दूर करने में मदद मिलती है।
दांतों का दर्द
- काले जीरे के काढ़े से कुल्लियां करने से दांतों का दर्द दूर होता है।
- जीरे को भूनकर खाने से मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है।
- भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक समान भाग लेकर तथा बारीक पीसकर मसूढ़ों पर हल्के-हल्के लगाने से मसूढ़ों की सूजन/मसूढ़े फूलना, टीस व दर्द होना आदि कष्ट दूर होते हैं।
पथरी की समस्या
पथरी की समस्या में जीरा और चीनी समान मात्रा में लेकर व पीसकर 1-1 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार ठंडे पानी के साथ सेवन करने से पथरी रोग में बहुत लाभ होता हैं।
पतले दस्तों में लाभ
- जीरा 5 ग्राम को तवे पर भूनकर फिर पीसकर दही या दही की लस्सी में मिलाकर सेवन करने से अतिसार/पतले दस्तों में लाभ होता है।
- बच्चों के दस्तों की शिकायत में जीरे को भूनकर और पीसकर 500 मि.ग्रा. मात्रा में लेकर 1 चम्मच पानी में घोलकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से लाभ होता हैं |
- जीरा 15 ग्राम लेकर 400 ग्राम पानी में उबालकर जब 100 ग्राम पानी शेष रह जाये तब इस जीरे का पानी छानकर रोगी को सेवन कराने से पेट के कृमि खत्म जाते हैं।