विटामिन डी क्या होता है?
विटामिन डी हमारे शरीर मे पाया जाने वाला एक विटामिन है जो कई प्रकार से हमारे शरीर को रोगों से लड़ने से मदद करता है और अगर इसकी कमी हो तो वही हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियों का हो जाना आम बात होता है। इस लिए हमे इसके बारे में पता होना चाहिए और शरीर मे इसकी कमी नही होने देनी चाहिए। विटामिन डी वसा घुलनशील प्रो हार्मोन का स्रोत होता है।
हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक भारत मे 70 फीसदी लोगों ने विटामिन डी की कमी पाई गई है। इसलिए भारतीय लोगों को इस कि कमियों को पूरा करने के स्रोत और इसकी कमी के लक्षण के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
अगर आप में भी विटामिन डी की कमी होती है तो यह कई प्रकार की बीमारियों को न्योता देने वाली बात होती है। तो देखते हैं नीचे की विटामिन डी की कमी के क्या कारण होते है।
विटामिन डी 3 की कमी होने के कारण
- खाने के रूप में विटामिन डी के आहार की कमी होना सबसे बड़ा कारण है।
- खाने से विटामिन डी का निचोड़ ना निकाल पाना।
- धूप में कम बैठना।
- लिवर और किडनी का आहार को विटामिन डी में परिवर्तन ना कर पाना।
- अन्य बीमारियों की दवाइयां लेने से भी कई बार विटामिन डी की कमी होने लगती है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है, तो यह आपके रक्तचाप पर प्रभाव डाल सकता है। इसकी कमी से अक्सर उच्च रक्तचाप की समस्या होती है।
- हड्डियों का कमजोर होना और मांसपेशियों में हमेशा दर्द और थकान रहता है तो यह विटामिन डी की कमी के कारण हो सकता है। आपके दांतों का कमजोर होना भी इसकी कमी का एक लक्षण है।
- हमेशा सुस्ती रहनी और किसी काम को करने में आलस आना और काम करते हुए जल्दी थकावट का हो जाना भी विटामिन डी की कमी का एक लक्षण होता है।
- कई बार विटामिन डी की कमी के कारण मूड भी अचानक बदल जाता है। विटामिन डी सेरोटोनिन का उत्पादन करता है जो हमारे मूड को अच्छा रखने में सहायक है। सेरोटोनिन की कमी मूड में कमी की एक सामान्य विशेषता है।
- विटामिन डी की कमी से पसीना आने लगता है। पसीना आना वैसे तो एक आम बात है लेकिन अगर बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आ रहा है तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। यह विटामिन डी की कमी का एक शुरुआती लक्ष्म है।
- विटामिन डी फैट को घुलनशील करने वाला पदार्थ है इस लिए अगर आप का वजन बढ़ रहा है तो इसका कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- जल्दी बुढापे के लक्षण दिखने व बुढापा आने लगना विटामिन डी की कमी का एक लक्षण है।
- विटामिन डी की कमी से दांत और मसूड़ों में समस्या आ जाती है। मसूड़े कमजोर हो जाते हैं और दर्द होते रहते हैं।
विटामिन डी के स्रोत
धूप
विटामिन डी की कमी को पूरा करने का पहला और सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है धूप। धूप में बैठने से हमे विटामिन डी की प्रप्ति होती है इस लिए जितना ज्यादा हो सके विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप में बैठे। यह एक सबसे अच्छा स्रोत है जिसके ना कोई बुरा प्रभाव है और यह एक प्रकृतिक और मुफ्त स्रोत है जिसको हर व्यक्ति ले सकता है। और सुबह की धूप इसमे बहुत फायदेमंद होती है।
भोजन में करें अंडे को शामिल
अंडे के पीले भाग (जिसे जर्दी भी कहा जाता है) में भरपूर मात्रा में विटामिन डी होता है। अपने भोजन में अंडे को शामिल करें, सुबह नाश्ते में खाने से आपको दिन के लिए ऊर्जा भी मिलेगी और विटामिन डी भी पूरा होता रहेगा।
संतरे का जूस
संतरे का जूस इसके लिए एक बहुत अच्छा स्रोत है। हर रोज़ सुबह और शाम एक एक गिलास संतरे के जूस का सेवन करे और संतरे को खाने से भी इसकी कमी पूरा होती है।
मशरूम
मशरूम में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जैसे ही सूरज की रोशनी होती है, मशरूम के अंदर विटामिन डी के उत्पादन की प्रक्रिया बहुत तेजी से शुरू होती है, जिसके कारण इसमें विटामिन डी की बहुत अधिक मात्रा होती है।
गाजर का सेवन
अगर आपको विटामिन डी की कमी है, तो गाजर का सेवन शुरू करें। गाजर का जूस भी निकाला और पिया जा सकता है। शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होगी।
दूध, दही, मक्खन, पनीर
दूध में सबसे अधिक कैल्शियम पाया जाता है। दूध, दही, मक्खन, पनीर के सेवन से विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है। जिन बच्चों को दूध पसंद नहीं है उनमें विटामिन डी की कमी होती है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
मछलियों का सेवन
अगर आप मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं तो जितना ज्यादा हो सके मछलियों का सेवन करें इस से भी विटामिन डी की कमी पूरा होती है और मासांहारी लोगों के लिए यह एक बहुत अच्छा स्रोत है विटामिन डी की कमी पूरा करने का।