टायफॉइड एक बैक्टीरियल बीमारी है जो कि साल्मोनेला टाइफाई बैक्टीरिया से फैलती है। यह बैक्टीरिया डाइजेस्टिव सिस्टम और ब्लडस्ट्रीम में इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। आज इस लेख में हम बात करेंगे की टाइफाइड कैसे होता है, टाइफाइड के लक्षण क्या है,टाइफाइड जड़ से खत्म करना क्यों जरुरी है।
टाइफाइड कैसे होता है
साल्मोनेला शरीर मे पॉल्यूटेड पानी, जूस या अन्य किसी खाद्य पदार्थ के द्वारा प्रवेश करता है। शरीर के अन्दर यह बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँचते हैं। वात, पित्त, कफ तीनों दोषों के प्रकोप से टाइफाइड होता है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के झूठे भोजन या पानी का सेवन करने से भी हो सकता है। क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है इसलिए टाइफाइड जड़ से खत्म करना जरुरी है।
टाइफाइड के लक्षण-Typhoid Ke Lakshan Hindi Me
- उच्च तापमान का बुखार होना, टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार रहता है।
- सर में भयंकर दर्द होना
- भूख मर जाना
- अंगों में दर्द होना
- कंपकंपी के साथ ठंड लगना
- कमजोरी महसूस होना
- लूज मोशन
टाइफाइड में खान पान
टाइफाइड में क्या खाना चाहिए
- उच्च रेशेदार युक्त आहार, जैसे- हरी सब्जियां केला, पपीता, शक्करकन्द, साबुत अनाज का प्रयोग करे।
- टायफॉइड के बाद लूज मोशन के कारण शरीर मे पानी की कमी हो जाती है। इस कमी की पूर्ति के लिए रोगी को कुछ-कुछ समय बाद तरल पदार्थ जैसे पानी, ताजे फल के रस, हर्बल चाय देनी चाहिए।
- डायजेस्टिव सिस्टम के कमजोर होने से टाइफाइड के दौरान वजन कम होने लगता है। इसलिए रोगी के भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करें।
- एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, खजूर और खुबानी जैसे खाद्य पदार्थो का सेवन करें।
- टाइफाइड में फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन किया जा सकता है।
- टाइफाइड में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं।
टाइफाइड में परहेज
- भोजन में तीखे मिर्च मसालों का प्रयोग न करें। तले भुने और गरिष्ठ भोजन से दूर रहे क्योंकि डायजेस्टिव सिस्टम पहले ही कमजोर हो चुका है।
- चाय, कॉफी, दारु-शराब, सिगरेट के सेवन का टाइफाइड में परहेज करें।
- मांसाहारी और अत्यधिक मीठे से बचे। लिमिट से ज्यादा न खाए। भोजन हल्का रखें। बाहर की चीज़ें न खाए।
- गैस बनाने वाले व देर से पचने वाले पदार्थों से बचें।
टाइफाइड के बाद सावधानी
- यदि बुखार हल्का हो गया हो तो रोगी की स्पंजिंग जरूर होनी चाहिए। इससे ताजगी की अनुभूति होती है। यदि रोगी नहा सके तो और भी अच्छा, क्योंकि पसीने के साथ बुखार उतरने के कारण शरीर मे बदबू हो जाती है।
- जीवनशैली बदले, साफ सफाई रखे। उबाल कर छान कर पानी पिएं।
- संक्रमित व्यक्ति अपने बर्तन, कपड़े, सब अलग रखे। व्यक्तिगत उपयोग की चीज़ें भी अलग रखे।
- सबसे जरूरी टॉयफोइड की वैक्सीन उपलब्ध है, जरूर लगवाए।
- ठीक होने के बाद भी योगा, व्यायाम, प्राणायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए।
टाइफाइड के घरेलू उपचार-Typhoid Ka Ilaaj
टायफॉइड के ठीक होने के बाद भी कमजोरी का अनुभव रहता है। शरीर मे हल्के बुखार की फीलिंग रहती है। टाइफाइड के बाद कमजोरी दूर करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते है।
तुलसी
- तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड के लक्षणों व साइड इफ़ेक्ट से राहत मिलती है।
- तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पियें जिससे बुखार जल्दी उतर जाता है।
- तुलसी, अदरक, दालचीनी का काढ़ा बनाये। अब इस काढ़े में मिश्री मिलाकर गर्म-गर्म पीएं।
लहसून
लहसून को डेली डाइट में शामिल करे। दाल को अलग से गाय के घी में छोंक कर खाए। ये अंदर से शरीर को मजबूती देगा।
सेब
रोगी को यदि खाली पेट सेब खाने से गैस न बनती हो तो उसे सुबह एक सेब काला नमक डालकर दे। सेब का रस निकालकर अदरक मिलाकर भी दे सकते है।
लौंग
एक कप पानी मे दो लौंग उबाले, इस पानी को गुनगुना ही पियें। लेकिन ध्यान रहे इसका प्रयोग खाली पेट न करें।
शहद
पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करें
टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। यदि आपको इससे सम्बंधित कोई भी लक्षण जैसे तेज बुखार पेट में दर्द, कमजोरी दिखाई दे तो देर न करे।डॉक्टर के अनुसार दिए गए दवाई को कोर्स को बीच मे ना छोड़े। दवा समय से ले।
Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न
टाइफाइड में क्या क्या खाना चाहिए?
टाइफाइड में फलों में चीकू, पपीता, केला, सेब, मौसमी, संतरा का सेवन किया जा सकता है। टाइफाइड में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पत्ता गोभी, फूलगोभी, पालक, गाजर और पपीता खाएं। टाइफाइड में दही खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। खांसी, जुकाम या जोड़ों में दर्द होने पर दही का सेवन न करें।
क्या टाइफाइड में दूध पी सकते हैं?
टाइफाइड में गुनगुना दूध पी सकते हैं।