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सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें-Saans Lene Me Dikkat Ho To Kya Kare

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें

जिन व्यक्तिओ को सांस लेने में तकलीफ होती है उनका जीवन कितना मुश्किल होता है, वही लोग समझ सकते है। सांस लेने में दिक्कत होने के बहुत कारण होते है। कभी ये दिक्कत टेम्पररी होती है कभी परमानेंट। इसका इलाज भी इसके होने के कारण पर निर्भर करता है।सांस लेने में दिक्कत होना किसी खास बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। ये स्थिति परिस्थिजन्य भी हो सकती है, जैसे एक्सरसाइज, या पॉल्युशन के कारण। आज इस आर्टिकल में हम आपको सांस लेने में तकलीफ से जुड़ी सारी जानकारी देंगी। इस लेख में सांस लेने में तकलीफ होने पर क्या होता है, सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करना चाहिए और सांस फूलने पर डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।

सांस लेने में दिक्कत होने के कारण

  • सांस की नली में सूजन, या इंफेक्शन, अस्थमा, निमोनिया या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी)
  • बहुत अधिक वजन बढ़ना
  • हर समय तनाव महसूस करना
  • थाइरोइड,पीसीओडी जैसी हार्मोनल समस्या में सांस लेने की दिक्कत होती है।

सांस लेने ने दिक्क्क्त होने पर व्यक्ति कैसा महसूस करता है।

  • ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए व्यक्ति तेज-तेज सांस लेने लगता है।
  • चूंकि शरीर के जरूरी अंगों तक ऑक्सिजन नही पहुचती इसलिए होठों, उँगलियों और नाखूनों का रंग हल्का नीला हो जाता है।
  • व्यक्ति को एंग्जायटी हो जाती है और वो चिंतित महसूस करता है।
  • क्योंकि ऑक्सीजन सही से ब्रेन में भी नही जाती इसलिए व्यक्ति को चक्कर महसूस होने लगते है।
  • नॉर्मल टेम्परेचर में भी तेजी से पसीना आता है।
  • हार्ट को ब्लड पंप के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इस कारण छाती में दर्द महसूस होता हैं।
  • व्यक्ति सुस्त करता है।
  • सही से सांस लेने के लिए व्यक्ति कम्फर्टेबल पोजीशन लेता है।
  • खांसी आने लगती है,कई बार खांसी के साथ खून भी आता है। साथ ही उबकाई महसूस होती है।
  • दिल की धड़कन तेज होने के साथ, सांस लेने में आवाज आने लगती है।
    सांस लेने में दिक्कत
    सांस लेने में दिक्कत

किसी दूसरे को सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें

  • अगर आपके सामने किसी की सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो, बिना किसी देर डॉक्टर से सम्पर्क करे। पीड़ित व्यक्ति को बिना विलम्ब डॉक्टरी सहायता पहुचाने की कोशिश करें।
  • इसके अलावा आप यदि प्राथमिक चिकित्सा जानते हैं, तो जल्द से जल्द इसका प्रयोग करें
  • व्यक्ति को धीरे धीरे सहारा देकर बिठा दे। पीठ की तरफ कुछ सपोर्ट जरूर दे।
  • व्यक्ति की सांस और नब्ज देखें।अगर व्यक्ति की सांस की गति बहुत ही कम है तो उसे सी पी आर देने की कोशिश करें।
  • पीड़ित व्यक्ति के कपडो को ढीला करें और आसपास लोगो को इकट्ठा ना होने दे।
  • सबसे पहला और जरूरी काम व्यक्ति को तनावमुक्त करें। ढांढस बांधे।
  • अगर व्यक्ति सांस लेने में आवाज करना बंद कर दे तो यह न समझें कि उसकी हालत सुधर रही है। उसे अभी भी मदद की जरूरत हो सकती है।
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क्या करें जब आप खुद तकलीफ में हो।

  • सबसे पहले बिल्कुल तनाव ना ले, तनाव परिस्थिति को खराब कर देगा।
  • यदि आपको सांस फूलने की दिक्कत सिगरेट, पॉल्युशन के कारण हैं, तो इस कारण को दूर करे।
  • स्वच्छ व खुले वातावरण में जाये। लम्बी लम्बी सांसे ले।
  • अपनी नाक से सांस अंदर लें और होठों को गोल करके सांस बाहर छोड़ें।
  • अगर आपको अस्थमा है या डॉक्टर के द्वारा बताया गया है, तो इनहेलर का उपयोग करें।

निम्न परिस्थितियों में तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें

  • कोई भी रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के कारण सांस लेने में दिक्कत हो तो।
  • 2 हफ्ते से अधिक जुकाम हो तो या सीधे लेटने पर सांस लेने में दिक्कत होना।
  • सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी में खून आना।
  • सांस फूलने के साथ तेज बुखार, ठण्ड लगना और खांसी होना।

सांस में दिक्कत होने पर क्या करें घरेलू उपाय

आप निम्न घरेलू उपाय को अपनाकर आराम महसूस कर सकते है। लेकिन इन उपायों को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले। साथ ही अपनी दिक्कत का कारण भी ध्यान में रखे।

  • आयुर्वेदिक काढ़े और हर्बल चाय का नियमित तौर पर प्रयोग करें। दिन में गुनगुने पानी का सेवन करें।
  • प्राणायाम, ध्यान और योग करें। वॉकिंग और रनिंग करें। इससे आपको अपने लंग्स को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी।
  • दिन में कुछ समय बाहर खुले वातावरण में बिताए।
  • हफ्ते में दो बार भाप ले।
  • अदरक का सेवन करें, चाय के रूप में या कच्चा चबाए।
  • जूस या सलाद के रूप में चुकंदर का सेवन करे।
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