Menu Close

Menstrual leave-क्या है भारतीय नियम और पॉलिसी

Menstrual leave-क्या है भारतीय नियम और पॉलिसी

सभी जानते हैं कि महिलाओं को पीरियड के दौरान पहले तीन दिन काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, पूरे विश्व की महिलाओं पर अगर सर्वे कर लिया जाये तो अमूमन यही बात निकलकर सामने आयेगी कि इस दौरान उनकी कार्यक्षमता घट जाती है और शारिरिक परेशानियों के चलते वे चिडचिडी़ भी हो जाती हैं।

हमारे समाज में इसपर खुलकर बात नहीं होती, क्योंकि इसे टैबू की तरह देखा गया है। हालत बयां करने का रास्ता नहीं दिखने और चुपचाप बैठकर पीड़ा सहन करने के चक्कर में कई बार महिलाओं की तबीयत काफी बिगड़ जाती है।

कामकाजी महिलायें इस दौरान छुट्टी भी ले लेती हैं लेकिन उसमें उनका वेतन कटता है इसलिए ये बात सामने आयी कि महिलाओं को पीरियड के दौरान छुट्टी दी जाए।

पीरियड
पीरियड

पीरियड के दौरान औरतों को दर्द का सामना करना पड़ता है। यह दर्द उनकी लाइफ को काफी प्रभावित करता है। स्पेन पहला पश्चिमी देश बनने जा रहा है, जो मासिक धर्म के पेन के कारण महिलाओं को मेंस्ट्रुअल लीव देगा। यह छुट्टी हर महीने 3 दिन की हो सकती है।

पिछले दिनों हमारे देश में ये बातें तब शुरू हुई , जब कुछ कंपनियों ने अपनी महिला कर्मचारियों को ये सुविधा देने की घोषणा की, तब तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर इस समबन्ध में आई, कुछ लोंगों ने तो इसे बराबरी में खतरे की तरह देखा।

बोलूं या न बोलूं। महिलाएं इस संकोच में चुप रह गईं , लेकिन दीपिंदर गोयल ने परवाह किए बिना पूछ डाला, ‘महीने में कितने दिन आपको पीरियड्स के दर्द की वजह से ऑफिस से छुट्टी करनी पड़ती है?’

See also  कायम चूर्ण के फायदे और नुकसान, सेवन की विधि -kayam churna ke fayde

देश के बड़े फूड डिलिवरी ऐप ज़ोमैटो के फाउंडर और चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर गोयल ने यह सवाल अपने चार हज़ार कर्मचारियों के सामने रखा। फिर बेबाकी से कंपनी में काम कर रहीं महिलाओं और ट्रांसजेंडर को साल में 10 छुट्टी देने का ऐलान कर दिया। ज़ोमैटो का यह फैसला तुरंत चर्चा का विषय बन गया और लौट आई वर्षों से चल रही बहस।

पीरियड के लिए अलग से छुट्टी देना कितना जायज़ है?

इसका विरोध करने वालों में सबसे आगे नाम आता है जानी-मानी पत्रकार बरखा दत्त का। उनका मानना है कि इस तरह की पॉलिसी महिलाओं के साथ भेदभाव का ज़रिया बनेगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘इससे महिलाओं की सेना में भर्ती होने, फाइटर जेट उड़ाने, वॉर रिपोर्टिंग करने, स्पेस में जाने जैसी इच्छाएं और बड़ी ज़िम्मेदारियों के मौके मारे जाएंगे।’ इससे पहले 2017 में भी उन्होंने पीरियड लीव के ख़िलाफ कई ट्वीट्स के ज़रिए पक्ष रखा था।

बरखा के ट्वीट का कई महिलाओं-पुरुषों ने समर्थन किया, तो बढ़-चढ़कर विरोध भी हुआ। महिलाओं के हक़ में आवाज़ उठाने वाली एक्टिविस्ट रितुपर्णा चटर्जी ने लिखा, ‘पीरियड का अनुभव सबके लिए एक-सा नहीं होता। जो वर्षों से इसके भयंकर दर्द से गुज़र रही हैं, उनका उसपर बस नहीं। उन्हें लीव का अधिकार मिलना चाहिए। छुट्टी करें या न करें, यह उनका फैसला है।’

यूँ तो महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत सारे बिल समय समय पर सरकार की ओर से पास होते रहे हैं,लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी “मेंसुरेशन बेनेफिट बिल 2017′” अरुणाचल प्रदेश के एक कांग्रेसी सांसद निनॉन्ग इरिंग ने 2017 में सदन में पेश किया । इस बिल में पीरियड्स के दौरान प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को 2 दिनों की छुट्टी देने का प्रावधान था, इसके अलावा पीरियड्स के दौरान ऑफिस में महिलाओं के आराम करने की व्यवस्था करने की बात भी शामिल थी।
इस बिल को 2017 के आखिर में आम सहमति मिली और 2018 में वो संसद में पास हो गया।

See also  जानिए कैसे झट से दूर होगी पेट में गैस की समस्या

हर महीने होने वाले पीरियड महिलाओं के लिए कई तरह की परेशानियां साथ लेकर आते हैं। कइयों के लिए इसका दर्द असहनीय होता है। पेट में एक अजीब ऐंठन। कमर जाम हो जाना। पैरों में फटन। कमज़ोरी और कभी-कभी तो उल्टी-बेहोशी तक नौबत पहुंच जाती है।

स्पैनिश गायनोकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स सोसाइटी का कहना है कि एक तिहाई महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान गंभीर दर्द से पीड़ित होती हैं। लक्षणों में तेज पेट दर्द, सिरदर्द, दस्त और बुखार शामिल हैं। कई महिलाओं को मासिक धर्म से पहले भी पेन होता है।

हम एक ऐसे देश में रहते हैं , जहां पीरियड्स को एक टैबू माना जाता है। यहां लड़कियों को शुरू से ही पीरियड्स पर खुलकर बात करने की इजाजत नहीं है। लेकिन हमें सोशल मीडिया का शुक्रगुजार होना चाहिए कि लोग अब इस मुद्दे पर चर्चा करने लगे हैं। यहां तक कि कई देशों ने तो वुमेन एम्प्लॉयीज के लिए पीरियड लीव भी देनी शुरू कर दी है। अच्छी बात ये है कि इनकी देखा-देखी Swiggy, Goozop, Byjus जैसी भारत की कुछ कंपनियों ने भी अपनी फीमेल एम्प्लॉयीज को पीरियड के दौरान एक या दो दिन की छुट्टी देने का सिस्टम बनाया हुआ है। अमेरिकन अकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन के अनुसार, पीरियड में दर्द होना आम है। पांच में से लगभग एक महिला को इतनी तेज दर्द होता है कि उसकी रोजाना गतिविधियां भी बाधित हो जाती हैं।

तो आइए जानते हैं उन देशों के बारे में, जो महिलाओं को पीरियड लीव देते हैं, स्पेन के अलावा अन्य कईं देशों में ये प्रावाधान है, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और जाम्बिया राष्ट्रीय स्तर पर मासिक धर्म की छुट्टी की पेशकश करते हैं। संयुक्त राज्य में कुछ कंपनियां मासिक धर्म अवकाश प्रदान करती हैं।

See also  जानिए कैसे करे बिना किसी साइड इफेक्ट्स के करे पेट कम-Pait kam karne ki dawa
error: Content is protected !!