बी पी यानी ब्लड प्रेशर क्या होता है।
रक्त वाहिनियों पर पड़ने वाले ख़ून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर में ख़ून का दबाव ज़्यादा और लो ब्लड प्रेशर में ख़ून का दबाव कम होता है। आज के इस लेख में हम जानेंगे बी पी कम होने के लक्षण ।
क्या केवल उच्च रक्तचाप है खतरनाक
ज्यादातर हमारे समाज मे हाई बी पी अर्थात उच्च रक्तचाप को ही गम्भीर विषय माना जाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है, निम्न रक्तचाप अर्थात लो ब्लड प्रेशर भी चिंता का विषय है।
बी पी कम होना किसे कहते हैं
लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है. जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है।
बी पी कम होने पर रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे हृदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता. जब शरीर के इन मुख्य भागो तक रक्त सही से नही पहुँचेगा तो, रक्त के साथ जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाएगी। अब आप समझ सकते है कि शारीरिक स्थिति क्या होगी।
सामान्य रक्तचाप कितना होता है।
एक स्वस्थ्य व्यक्ति का रक्तचाप 120/80 (सिस्टोलिक/डायस्टोलिक) होना चाहिए सिस्टोलिक के लिए 120 मिलीमीटर एचजी से कम और डायस्टोलिक के लिए 60 मिलीमीटर एचजी से कम को लो बीपी माना जाता है.
लेकिन ये डिटेल सबके लिए मान्य नही है, किसी भी स्वस्थ्य व्यक्ति का सामान्य बी पी कितना होगा,ये बहुत सी बातों पर निर्भर करता है। जैसे उम्र, लिंग, निवास स्थान, आनुवंशिक बीमारी या कोई मेडिकल प्रॉब्लम
बी पी कम होने के कारण
खून की कमी
किसी बीमारी के कारण, पोषण की कमी या कोई दुर्घटना होने पर ब्लड लॉस, इन सब कारणों से शरीर मे खून की कमी हो जाती है। शरीर तेजी से लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता जिससे बी पी कम हो जाता है.
हृदय रोग
हृदय से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर रक्तचाप निम्न हो सकता है. इसलिए इस दौरान आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
पानी की कमी
शरीर मे पानी बहुत जरूरी हैं, पोषक तत्वों को जरूरी अंगों तके पहुचाने और खून के दौरे को सही से रखने के लिए। पानी की कमी से इस प्रक्रिया में कमी आती है जिस कारण बी पी कम हो जाता है।
गर्भावस्था
गर्भावस्था की बात करें तो इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण सर्कुलेटरी सिस्टम में ब्लड वेसल्स चौड़ी हो जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है
इन सबके अलावा डायबिटीज, थायरॉयड, एडिसंस डिसीज आदि में भी बी पी कम होने की समस्या होती है। साथ ही किसी प्रकार का टेंशन, सदमा लगने, डर जाने, इंफेक्शन आदि होने पर भी यह समस्या हो सकती है.
बी पी कम होने के लक्षण-bp low hone ke lakshan
बेहद कमजोरी महसूस करना
बी पी कम होने पर अचानक बहुत कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसा पोषक तत्वों के मुख्य अंगों तक न पहुचने के कारण होता है।
चक्कर आना
बी पी कम होने पर चक्कर आते है, ये चक्कर सर्वाइवल या हाई बी पी के चक्करों से अलग होते है। ये चक्कर आपको केवल कुछ काम करते हुए या चलते हुए महसूस होते है।
थकान और डिप्रेशन
बी पी कम होने पर ऐसा लगता है जैसे शरीर शारिरिक और मानसिक रूप से थका है। ऐसा महसूस होता है मानो आप कई रात सही से सोए नही है।
मन मे उलझन रहती है, काम के बारे में सोचने पर डिप्रेशन महसूस होता है, दिमाग बंधा हुआ महसूस करता है।
जी मिचलाना और खाने में स्वाद ना आना
बहुत ज्यादा बी पी कम होने पर जी मिचलाने लगता है, कुछ भी खाते समय लगता है कि उल्टी हो जाएगी। इसी कारण व्यक्ति खाने को देखकर उबकाई लेता है।
अन्य लक्षण
इनके अलावा बी पी कम होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते है।
- प्यास लगना
- धुंधला दिखाई देना,
- त्वचा में पीलापन,
- शरीर ठंडा पड़ जाना,
- आधी-अधूरी और तेज सांसें आना
बी पी कम होने पर क्या करें
- आराम करें पर सोए ना
- तुरंत नमक का पानी पिएं, अगर आपको डायबिटीज हो तो खाएं।
- अपनी मुट्ठी बांधें, फिर खोलें। ऐसा बार- बार करें।
- बॉडी को पूरी तरह सक्रिय रखें।
- कॉफी पिए
- सबसे जरूरी बात सुबह उठने के बाद ब्रेकफास्ट में देरी न करें। बहुत लंबे समय तक खाली पेट न रहे।
- यदि ज्यादातर आपका बी पी कम रहता है तो उपवास से बचें, या हल्का फुल्का कुछ खाते रहे।
- थाइरोइड या pcod होने पर जंक फूड और खराब लाइफ स्टाइल से बचे।