गर्भपात के बाद क्या सावधानी रखनी चाहिए?
किसी महिला के जीवन मे गर्भपात सबसे बड़ा दुख होता है। गर्भपात की स्थिति वाकई में काफी पीड़ादायक होती है। यदि कभी किसी महिला के साथ यह अनहोनी हो जाती है तो वह डिप्रेशन शिकार हो जाती है। जिसके कारण उनके शरीर पर काफी बुरा असर पड़ता है। इसमें आपको न केवल भावनात्मक सहायता की जरूरत होती है बल्कि मिसकैरेज के बाद शरीर को पोषण की भी आवश्यकता होती है। मिसकैरेज की वजह से ब्लीडिंग और चक्कर आते हैं जिससे शरीर में कमजोरी आना लाजमी है। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भपात के बाद क्या करें और गर्भपात के बाद केयर टिप्स।
यदि पहली बार गर्भपात हुआ हो तो काफी सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्भपात के बाद क्या करें-Abortion Ke Baad Care In Hindi
गर्भपात के बाद केयर टिप्स-माने डॉक्टर की सलाह
गर्भपात होने के बाद डॉक्टर की बताई गई दवाई समय पर खाएं। गर्भपात के बाद एक महीने तक शारीरिक संबंध न बनाए। यदि गर्भपात के बाद अधिक बुखार हो तो डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। पीठ दर्द होने पर आराम करें। अगर तकलीफ ज्यादा बढ़ जाए तो डॉक्टर से जाँच करवाए।
यदि प्रेग्नेंसी प्रतिक्रियाएं महसूस हो जैसे- मतली, ब्लीडिंग, सूजन आदि हो तो डॉक्टर से सलाह लें। यह किसी तरह का इन्फेक्शन हो सकता है।
गर्भपात मे तनाव से दूर रहे और साथ ही अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें। गर्भपात होने के बाद महिला को 15 से 30 दिन तक पूरा आराम करना चाहिए।
इस समय महिला के जीवन भाव बदलता रहता है तो साथी को उनका सहारा बनना चाहिऐ।
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार और देखभाल किसी भी महिला के लिए बेहद जरूरी है। गर्भपात होने पर महिला ना केवल शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी कमजोर पड़ जाती है ऐसे में उसे आराम की और देखभाल की बहुत जरूरत है।
गर्भपात के बाद भोजन-क्या खाए
- गर्भपात के बाद हेल्थी डाइट महिला को शारीरिक रूप से इस आघात से उबरने और स्वस्थ होने के लिए बहुत जरुरी है। महिला को आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए।
- गर्भपात में अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए शरीर में आयरन के स्तर को बनाए रखने के लिए आयरन युक्त आहार जैसे की दाल, हरी सब्जियाँ,तिल के बीज और कद्दू के बीज का सेवन करे।
- गर्भपात के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होना सामान्य है। इसलिए, गर्भपात के बाद महिलाओं को कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, सूखे फल जैसे सूखे अंजीर, खजूर और मेवा, मछली जैसे सार्डिन और सामनआदि का सेवन करना चाहिए।
- गर्भपात के कारण महिला का उदास होना स्वाभाविक है। परन्तु यह अवस्था डिप्रेशन का कारण भी बन सकती है। इसके लिये मूड ठीक रखना और खुश रहना जरुरी है। इन सब के लिए जरुरी है मैग्नीशियम। मैग्नीशियम चिंता को कम करता है और डिप्रेशन खत्म करने में मदद करता है। मेवे, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस और साबूत गेहूँ, मूंग-मसूर की दाल, छोले आदि में मैग्नीशियम पाया जाता है।
गर्भपात के बाद भोजन-क्या ना खाए
गर्भपात के बाद किसी भी महिला को जंक फ़ूड से दूर रहना चाहिए। इस समय महिला के शरीर को सबसे अधिक विटामिन और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जो घर के पोष्टिक आहार से मिलता है।
- सोया वैसे तो सेहत के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। लेकिन किसी महिला का गर्भपात हुआ तो उसके लिए यह हानिकारक होता है।
- ऐसे समय में किसी भी तरह का डिब्बाबंद खाना हानिकारक होता है। कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन युक्त भोजन करें।
- जब तक आप पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो जाती तब तक ठंडी चीजों के सेवन से बचें।
सामान्य प्रश्न
गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय
आपको संतुलित व पौष्टिक भोजन की आवश्यकता है। अपनी पूरी टाइट लें। भोजन में आयरन, पोटेशियम, विटामिन और मिनरल्स के अलावा कैल्शियम से भरपूर भोजन लें। घी, दूध, मक्खन , बींस, किशमिश, हरी पत्तेदार सब्जियों, भींगे हुए अखरोट, बादाम, दालें, कद्दू के बीज, सोयाबीन खायें। ठंडी चीजों, का परहेज करें । तैलीय, तीखा, चटपटा, मसालेदार भोजन का परहेज करें । इस समय आप के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को आपकी बहुत देखभाल की आवश्यकता है। आप अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। आपको जो लोग पसंद है उनसे बात करें ।अपनी पसंद के गानों को सुने, मेडीटेशन करें। सेक्स से परहेज़ करें।
गर्भपात के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है
गर्भपात के एक से दो महीने बाद पीरियड्स रेगुलर होना शुरु होते हैं। तीन से चार महीने के बाद गर्भ ठहर सकता है। डाक्टर कहते हैं कि एक महिला को सुरक्षित गर्भ के लिए अपने शरीर को वक्त देना चाहिए । गर्भपात के बाद एक महिला मानसिक और शारीरिक दोनों हीं रुप से कमजोर होती है। ऐसे में उसे जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए उसे पहले अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। उसके परिवार वालों को उसे सपोर्ट करना चाहिए ताकि वह जल्दी ही रिकवर कर पाएं। उसे कम से कम छह महीने के बाद ही गर्भधारण करना चाहिए।
गर्भपात के बाद पीरियड ना आए तो क्या करें
गर्भपात के बाद शरीर अंदर से कमजोर होता है। जब भ्रूण आपके शरीर से अच्छी तरह से बाहर निकल जाता है तब आपका शरीर पहले अंदर से खुद को मजबूत करता है। जब आप अंदर से स्वस्थ हो जाते हैं तब आपका शरीर दुबारा से अंडे का निर्माण करने लगता है। अब आपके गर्भाशय की दीवार अंदर से मजबूत होली लगती हैं गर्भाशय की दीवार के स्वस्थ होने पर ही पीरियड्स दुबारा शुरु होते हैं। अगर दो से तीन महीने तक पीरियड्स न आए तब आपको डॉक्टर को सलाह लेनी की आवश्यकता होती है।