पतंजलि अश्वगंधा पाउडर के फायदे जो आप पहले नहीं जानते होंगे

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर एक आयुर्वेदिक औषधि है। प्राचीन काल से अश्वगंधा का प्रयोग कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जा रहा है। हमारे वेदों में भी अश्वगंधा की उपयोगिता का वर्णन है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को तनाव रोधी चिंता विकारों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।

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1 तो आइए जानते हैं पतंजलि अश्वगंधा पाउडर के गुणों को

अश्वगंधा का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है संस्कृत भाषा में अश्वगंधा का अर्थ अश्व की गंध है। पसीने के कारण अश्व के पसीने से जो गंध निकलती है उसकी गंध और अश्वगंधा की जड़ और पत्तियों की गंध एक समान होती है कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अश्वगंधा का नाम अश्व जैसी ताकत और यौन शक्ति के कारण मिला है।

अश्‍वगंधा का वानस्पतिक नाम: विथानिया सोमनिफेरा
वंश: सोलेनेसी
संस्‍कृत नाम: अश्‍वगंधा, वराहकर्णी और कमरूपिणी
सामान्‍य नाम: विंटर चेरी, भारतीय जिनसेंग, असगंध
उपयोगी भाग: अश्‍वगंधा की जड़ और पत्तियों का इस्‍तेमाल किया जाता है पर इसकी फूल व पत्तियाँ भी बहुत उपयोगी है।
भौगोलिक विवरण: अश्‍वगंधा अधिकतर भारत के शुष्‍क प्रदेशों (प्रमुख तौर पर मध्‍य प्रदेश , राजस्‍थान) और गुजरात में पायी जाती है। विदेश में नेपाल, अफ्रीका और संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में भी अश्वगंधा का वर्णन है।

पतंजलि ने अश्वगंधा पौधे की जड़ को आर्युवेदिक पद्धति से कूटकर,पीसकर, छानकर अस्वगंधा पाउडर बनाया है।

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तो आइए जानते हैं पतंजलि अश्वगंधा पाउडर के गुणों को

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर लाभदायक है थायराइड की बीमारी में

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर निश्चित मात्रा में लेने पर थायराइड कंट्रोल होता है और मेटाबॉलिज्म ठीक होता है। लेकिन अगर हम थायराइड की दवाइयाँ पहले से ही ले रहे हैं तो अश्वगंधा हमें नुकसान कर सकता है चाहे वह हमारा हाइपर थायराइड हो या हाइपो थायराइड हो।

अश्वगंधा का इस्तेमाल थाइरोइड ग्रंथि को उत्तेजित करने के लिए किया जा सकता है। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर को अगर प्रतिदिन लिया जाए, तो थायराइड हार्मोन के स्राव में वृद्धि होगी।

अश्वगंधा पाउडर
अश्वगंधा पाउडर

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर फ़ायदेमंद है शरीर के मेटाबालिज्म को कंट्रोल करने में

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो शरीर के मेटाबाॅलिज्म को बढ़ाने में मददगार है।

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर यौन शक्ति बढ़ाने में मददगार

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में यौनांगो की मांसपेशियों को सक्रिय करने का गुण पाया जाता है। यह मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच तालमेल बनाने में कारगर है पतंजलि अश्वगंधा पाउडर शरीर की चर्बी को दूर कर शरीर को ऊर्जावान बनाती है। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में पाये जाने वाले पोषक तत्व वीर्य की क्वालिटी बढाने में मददगार होते हैं।

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पतंजलि अश्वगंधा पाउडर मोतियाबिंद रोग में लाभदायक

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टि पाए जाते हैं। जो मोतियाबिंद के असर को कम करने में उपयोगी होते हैं।

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर उपयोगी है त्वचा की बीमारियों में

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं यह एंटीऑक्सीडेंट त्वचा में नमी बनाए रखते हैं और त्वचा के कोलेजन स्तर की रिपेयर भी करते हैं।

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर चेहरे के काले दाग धब्बों व झाइयों को दूर करता है। अश्वगंधा सोरायसिस जैसे रोग को भी दूर करने में मददगार है। इस रोग में शरीर की त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है।अश्वगंधा कोलेजन स्तर को बढ़ावा देकर त्वचा की नमी व चिकनाहट वापस लाती है

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर उपयोगी है बालों की समस्याओं में

अश्वगंधा में पाये जाने वाले पोषक तत्व कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के झडने को रोकता है। अश्वगंधा के गुणकारी तत्व बालों में मेलेनिन की हानि को रोक कर समय से पहले बालों के ग्रे होने को रोकता है। अश्वगंधा में पाये जाने वाला टाइयरोसीन है। जो एक एमिनो एसिड है और शरीर में मेलेनिन के उत्पादन को बढाता है। मेलेनिन को बढा कर बालों को काला बनाता है।

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पतंजलि अश्वगंधा पाउडर उपयोगी है ह्रदय रोगों में

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में सूजन कम करने के गुण पाये जाते हैं। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट में सूजन व तनाव कम करने के गुण पाये जाते हैं। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम होती है। जिसके कारण ह्रदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर कारगर है कैंसर में

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर में पाये जाने वाले पोषक तत्व ट्यूमर सेल्स को नष्ट करने में कारगर होते हैं। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर खाने से एपोप्टोसिस बढ़ता है जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मददगार साबित हुआ है।

पतंजलि अश्वगंधा पाउडर उपयोगी है तनाव चिंता और अवसाद दूर करने में

अश्वगंधा का प्रयोग व्यक्ति को मानसिक रुप से शांत कर देता है जिसके कारण व्यक्ति की चिंता दूर हो जाती है। पतंजलि अश्वगंधा पाउडर व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रसन्नचित रखता है। जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक अवसाद नही होता।

स्टेमिना और सेक्सुअल टाइमिंग बढ़ाने के लिए पतंजलि का अश्वगंधा कैप्सूल बहुत लाभकारी माना जाता है। अश्वगंधा कैप्सूल को खाना खाने के बाद या रात में सोने से पहले दूध के साथ लिया जा सकता है। दिन में दो बार कैप्सूल को उपयोग में लेना चाहिए। 

हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का उपयोग दिन में किसी भी समय किया जा सकता है इसको पानी के साथ लिया जा सकता है खाना खाने के बाद। और रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ भी इसका उपयोग किया जा सकता है। 

डाबर अश्वगंधा टेबलेट एक नेचुरल तरीके से बना उत्पाद है जिसमें अश्वगंधा मिला हुआ होता है। जो की तनाव, इम्यूनिटी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इसके उपयोग से सेक्स से जुड़ी समस्याएं जैसे काम टाइमिंग, थकान जैसी समस्याएं भी दूर होती है। 

अश्वगंधा टेबलेट प्राकृतिक उत्पादों से मिकर बनी होती है इसलिए इससे किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट होने का खतरा नहीं रहता है। उसको दिन के समय खाना खाने के बाद और रात में सोने से पहले उपयोग में लिया जा सकता है। 

अश्वगंधा टेबलेट को उपयोग में लेने से बहुत सी समस्याओं से राहत पायी जा सकती है। यह तनाव, नींद में कमी और स्टेमिना से जुड़ी समस्याओ में काफी कारगर होता है। इसके उपयोग से स्टेमिना में वृद्धि होती है जिससे पूरे दिनभर थकान महसूस नहीं होती है। 

अश्वगंधा प्राय चूर्ण या टेबलेट के रूप में बाजार में उपलब्ध है। चूर्ण को आप दूध, घी, पानी किसी में मिक्स कर के ले सकते हो और टेबलेट को भी दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। सुबह और शाम दिन में दो टेबलेट का सेवन करना चाहिए। और चूर्ण को एक छोटा चमच जितना ही। 

अश्वगंधा सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं अपितु महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। महिलाओं में यह सेक्सुअल इन्फेक्शन को दूर करता है और घुटनों में दर्द, थायराइड की समस्या, और जनन क्षमता की समस्या को भी दूर करता है। यह एंटी ऐजिंग प्रोडक्ट के रूप में उपयोगी है। 

यदि आपको स्टेमिना में कमी, तनाव, थकान या सेक्स से जुड़ी कोई समस्या है तो आप हिमालय अश्वगंधा टेबलेट का प्रयोग कर सकते है। आप नियमित रूप से तीन या चार महिने तक इसका प्रयोग  करते है तो आपको इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल जाएंगे।  

अश्वगंधा और मिश्री को मिक्स कर के खाने से न सिर्फ स्वाद में फर्क पड़ता है अपितु स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी है। यह शुगर को नियंत्रित करता है और घुटनों के दर्द और सेक्सुअल समस्याओं को भी दूर करता है। स्टेमिना में वृद्धि और तनाव को दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। 

अश्वगंधा को खाली पेट लेने की अपेक्षा खाना खाने के बाद प्रयोग में किया जाना चाहिए। चूंकि जब हम खाना खाने के बाद इसका उपयोग करते है तो खाने में मिले हुए तत्व अश्वगंधा के गुणकारी तत्वों को अवशोषित कर शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाते है। दूध के साथ भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।  

अश्वगंधा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लाभकारी है लेकिन यह पुरुषों में विशेष तय सेक्सुअल समस्याओं को जड़ से दूर करता है। जैसे पुरुषों में नपुसंकता, शुक्राणुओं की कमी, और सेक्स टाइमिंग में कमी जैसी समस्याओं के लिए यह रामबाण साबित होता है। 

अश्वगंधा का अधिक मात्रा में उपयोग करने से आपको इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। अधिक उपयोग से यह शरीर में गर्मी पैदा करता है जिससे पेट की समस्या, मुहँ में छालों की समस्या, अपच जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती है। अतः अधिक मात्रा में उपयोग से बचना चाहिए। 

अश्वगंधा का अधिक इस्तेमाल पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसका उपयोग करने से डायरिया जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें उसके बाद ही इसका सेवन करें। और जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या हो उनको अश्वगंधा के प्रयोग से बचना चाहिए। 

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