गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए माँ के आहार से ही पोषक तत्व मिलते है। यदि महिला स्वस्थ व गर्भावस्था में संतुलित आहार का सेवन करती है तो इससे शिशु और गर्भवती महिला दोनों को ही फायदा मिलता है। इसके अलावा कुछ ऐसे आहार भी है जिनका आप गर्भावस्था के दौरान सेवन करते हैं तो आपको सामान्य प्रसव होने में मदद मिलती है। अगर आप खान पान में लापरवाही करते है तो गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कमजोरी का कारण बन सकती है, साथ ही इससे शिशु के विकास पर भी असर पड़ता है। महिला को सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के 9 महीने में आहार का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है नार्मल डिलीवरी के लिए दादी माँ के नुस्खे
सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के 9 महीने में आहार-9 Month Pregnancy Diet In Hindi
केला
केला न केवल महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ऊर्जा से भरपूर रखने में मदद करते हैं, बल्कि इससे महिला को थकान आदि की समस्या से बचाव करने में भी मदद मिलती है। ऐसे में महिला फिट रहने के लिए केले और दूध का सेवन भरपूर कर सकती है, जिससे डिलीवरी के समय महिला को परेशानी से बचाव करने में मदद मिलती है।
अंडा
अंडे में सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन और कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। जो की गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ रखने में मदद करती है। महिला और शिशु दोनों के स्वस्थ होने के कारण महिला के नार्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।
पालक
कैल्शियम, आयरन, फोलेट व अन्य एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर पालक का सेवन करने से भी गर्भावस्था के दौरान आपको बहुत फायदा मिलता है। आप इसे सब्ज़ी या सूप के रूप में खा सकते है, इसके सेवन से बॉडी को पोषक तत्व मिलने के साथ ब्लड की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलती है। जिससे सामान्य प्रसव में मदद मिलती है।
संतरा
नार्मल डिलीवरी के लिए संतरे खाने बहुत फायदेमंद होते हैं। संतरे का सेवन करने से गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाली पानी की जरुरत को पूरा करने के साथ, आपको संक्रमण आदि से बचाव करने में भी मदद मिलती है। जिसके कारण आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आपको नार्मल डिलीवरी होने में मदद मिलती है।
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दालें और फलियां
फाइबर, प्रोटीन व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर दालों और फलियों का सेवन करने से आपको फिट रहने में मदद मिलती है। साथ ही इसमें फोलेट भी भरपूर मात्रा में होता है जिससे शिशु के विकास को बेहतर होने में मदद मिलती है। और यदि महिला और शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं तो ऐसा होने से प्रसव के दौरान महिला को ज्यादा परेशानी नहीं होती है
ब्रोकली
एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन, कैल्शियम से भरपूर ब्रोकली का सेवन करने से आपको गर्भावस्था के दौरान फिट रहने में मदद मिलती है। साथ ही ब्रोकली का सेवन करने से पाचन तंत्र सम्बन्धी समस्या को दूर करने में भी मदद मिलती है। जिससे आपको फायदा मिलता है। और इसके सेवन से आपको पोषक तत्व मिलते हैं वो डिलीवरी के समय आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।
कम वसा वाले मीट
आयरन की मात्रा से भरपूर कम वसा वाले मीट का सेवन करने से भी गर्भावस्था में फायदा मिलता है, इससे शरीर को एनर्जी के साथ ब्लड की मात्रा को भी पूरा करने में भी मदद मिलती है। जिससे महिला के नार्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।
पानी का भरपूर सेवन करें
पानी न केवल ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत होता है बल्कि इससे गर्भावस्था के दौरान महिला को हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है। पानी का भरपूर सेवन करने से महिला को इन्फेक्शन आदि से बचे रहने में भी मदद मिलती है। जिससे महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
नार्मल डिलीवरी के लिए दादी माँ के नुस्खे-सामान्य प्रसव के लिऐ अन्य टिप्स
- गर्भावस्था के दौरान हल्का फुल्का व्यायाम जरूर करें।
- कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर से तुरंत जांच करवाएं।
- दिन में थोड़े थोड़े समय बाद कुछ न कुछ खाते रहें, इससे आपको एक्टिव और ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है।
- ऐसे आहार का सेवन भरपूर करें जिसमे आयरन की मात्रा भरपूर हो। क्योंकि यदि महिला में खून की कमी होती है तो डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है। ऐसे में नार्मल डिलीवरी के लिए ऐसे खाद्य पदार्थो का भरपूर सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में ब्लड की मात्रा को बढ़ाने में मदद मिल सकें।
- नार्मल डिलीवरी के लिए ताजा, स्वस्थ व संतुलित होने के साथ पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
- डेयरी उत्पाद का भरपूर सेवन करने से भी आपको प्रेगनेंसी के दौरान आपको फिट रहने में मदद मिलती है, साथ ही इसके भरपूर सेवन से नार्मल डिलीवरी के चांस भी बढ़ जाते हैं।
तो यह कुछ ऐसे खास खाद्य पदार्थ है जिनके सेवन से आपको सामान्य प्रसव मे मदद मिलती है। इसके अलावा समय समय पर डॉक्टर से जांच भी करवाते रहना चाहिए।
Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न
कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन
लंबे समय तक प्रसव पीड़ा भी एक कारण है, जब महिलाएं 20 घंटे के लिए दूसरी बार गर्भवती हो जाती हैं, और पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को 14 घंटे तक प्रसव पीड़ा से जूझना पड़ता है, तो डॉक्टर सिजेरियन का फैसला करते हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम विभाग के अनुसार, इसका कारण जन्म नहर की तुलना में बच्चे का बड़ा आकार, धीमी गति से गर्भाशय ग्रीवा का पतला होना, कई जन्म होना है। गर्भाशय में शिशु की स्थिति गलत होने पर भी सिजेरियन करना पड़ता है। इस मामले में, बच्चे के पैर या बट बर्थ कैनाल की तरफ होते हैं। अगर गर्भ में शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है या बच्चा किसी जन्मजात बीमारी (हृदय या मस्तिष्क) से पीड़ित है, तो डॉक्टर सिजेरियन को वरीयता देते हैं। कभी-कभी बच्चे के जन्म से पहले प्लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा से फिसल जाता है, इसलिए इसे गर्भनाल आगे को बढ़ाव कहा जाता है। यह स्थिति शिशु के लिए खतरनाक होती है। इस मामले में, आपातकालीन सीजेरियन डिलीवरी की आवश्यकता होती है। इसलिए यदि आप इनमें से किसी भी स्थिति से जूझ रही हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपकी डिलीवरी सीजेरियन हो।
कैसे जाने कि बच्चा पैदा होने वाला है?
अगर आपको ये लक्षण नजर आएं तो समझ लें कि सिर्फ 24 से 48 घंटे में लेबर पेन शुरू होने वाला है। बार-बार पेशाब आना तेज कमर दर्द पानी की थैली का फटना