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छोटे कद से हैं परेशान, तो अपनाएँ कद बढाने के घरेलू तरीके

छोटे कद से हैं परेशान, तो अपनाएँ कद बढाने के घरेलू तरीके

लम्बा कद होना मतलब, आकर्षण की एक सीढ़ी चढ़ जाना। यूं तो सुंदरता के कई पैमाने होते है जैसे लम्बे बाल, तीखे नयन नक्श। पर लम्बाई की बात ही अलग होती है। दस लोगो के बीच जब आप खड़े हो, तो आपका ऊंचा कद ही आपका आत्मविश्वास तय करता है।

लम्बा कद हर कोई चाहता है। हमारे देश में औरतो की औसतन लंबाई 152 सेमी और पुरुषों की 165 सेमी मानी गई है।
माना जाता है हाइट ग्रोथ हार्मोन 20वर्ष की उम्र से कम होने लगते हैं। पर अगर आप अपने आसपास देखेंगे तो पाएंगे कि अमूमन बच्चे अपने टीनएज में ही पूरी हाइट पकड़ लेते है।

इसका अर्थ ये है कि लड़कियों में पीरियड स्टार्ट होने के बाद और लड़कों में दाढ़ी मूंछ शुरू होने के बाद हाइट बढ़ना मुश्किल ही है।
इसलिए कद बढ़ाने की कोशिश टीनएज के आसपास शुरू कर देनी चाहिए। आज हम इसी बारे में बात करेंगे।

यू तो कद आपके परिवार खासकर आपके पेरेंट्स, लेकिन आप ये कोशिश तो कर ही सकते है आपका कद आपके पेरेंट्स और परिवार में सबसे छोटा न रहे।
कद में 60-70 प्रतिशत का असर आनुवंशिक ही होता है। जो कि जीन्स पर आधारित है और यह आनुवंशिक फैक्टर हमारे हाथ में नहीं होता।

आप टीनएज में ही अपने कद का अनुमान ऐसे लगा सकते है।

.आप अपने माता-पिता के कद को जोड़ लें।
.अगर आप लड़के हैं, तो उसमें पांच इंच जोड़ दें और अगर लड़की हैं, तो पांच इंच घटा दें।
.अब जो भी नंबर आएगा, उसे दो से विभाजित कर दें।
.यही आपकी अनुमानित हाइट हो सकती है। इसमें से कुछ इंच का फर्क हो सकता है।

कद न बढ़ने के अन्य कारण

.पौष्टिक भोजन न लेना।
.शारीरिक गतिविधियों से दूर रहना।
.ज्यादा समय तक शरीर की खराब पोजीशन या पोस्चर।
.बचपन से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होना।
.किशोरावस्था में मानसिक रूप से अस्वस्थ होना।
.हार्मोनल डिस्टर्बेंस
.कम उम्र में जरूरत से ज्यादा व्यायाम

कद बढ़ाने के घरेलू तरीके-kad lamba karne ke tarike

पौष्टिक भोजन

पौष्टिक और संतुलित भोजन केवल कद ही नही सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

जंक फूड कार्बोनेट युक्त पेय पदार्थों, वसा युक्त खाद्य पदार्थों व अत्यधिक मीठा, इन सबका कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
भोजन में विटामिन्स मिनरल्स जरूर होने चाहिए। सही खानपान हॉर्मोन्स को नियमित रखता है जोकि कद बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते है।
भोजन में ताजे व मौसमी फल-सब्जियां, फलियां व पौष्टिक अनाज जरूर शामिल करें।

इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट व ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो ग्रोथ, इम्युनिटी दोनों के लिए अहम है।

कद के लिए जरूरी पोषक तत्व

विटामिन-डी, कैल्शियम और प्रोटीन कद बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। क्योंकि हमारी हड्डियां इन्ही से विकसित होती हैं।
विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत तो सूर्य की रोशनी ही है। हो सके तो सुबह 9 बजे तक कुछ देर धूप में जरूर बैठे
धूप में बैठने का समय मौसम पर निर्भर करता है।

इसके अलावा पनीर, फलियां, सोयाबीन, बिना चर्बी के मांस व सफेद अंडे आदि का सेवन करें।
डेयरी खाद्य पदार्थो का सेवन करे, हरी सब्जियां प्रचुर मात्रा में खाए।
जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को रोजमर्रा के भोजन में शामिल करें। इसके लिए आप डार्क चॉकलेट, अंडे, ऑइस्टर (एक प्रकार की मछली) और मूंगफली का उपयोग करे।
शरीर के संतुलित विकास के लिए मैग्नीशियम, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेस व अन्य विटामिन्स का सेवन करना भी जरूरी है। खानपान के साथ सीमित मात्रा में सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।

इनके सेवन से भी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
ध्यान रखे किसी भी पौष्टिक खाद्य पदार्थ की अति न करें। सब कुछ सन्तुलित मात्रा में अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार खाए।

अंडे
अंडे

 एक्सरसाइज

एक्सरसाइज न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रखती है बल्कि कद बढ़ाने में भी लाभदायक है। अलग अलग प्रकार के व्यायाम जैसे कार्डियो, स्ट्रेचिंग, वेट ट्रेनिंग को अपने रूटीन में शामिल करें।
कम उम्र में हद से ज्यादा व्यायाम न करें, इससे हॉर्मोन्स डिस्टर्ब हो सकते है।जब आप व्यायाम की तीव्रता बढ़ाए तो याद रखे आपको पोषण का भी पूरा ध्यान रखना होगा।
बेहतर होगा कि आप व्यायाम किसी एक्सपर्ट की देखरेख में करें। एक्सपर्ट आपकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए डाइट प्लान देगा।
हाइट बढ़ाने के लिए यदि आप स्पोर्ट्स का सहारा लेना चाहते है, तो आपके लिए सबसे बेहतरीन गेम है स्वीमिंग, एरोबिक्स, टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल व बास्केटबॉल
इसलिए हाइट बढ़ाने के तरीकों में व्यायाम व खेलकूद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।

 योगाभ्यास

भारतीय संस्कृति में शायद ही कोई समस्या हो जिसका समाधान योग में न हो।

कद बढ़ाने के लिए कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास वाकई फायदेमंद हैं। लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ विशेष योगासन हैं, जो पॉस्चर को ठीक करते है, हॉर्मोन्स को बैलेंस करते है, मांसपेशियों को मजबूत बनाते है।
ये आसन है, त्रिकोणासन, भुजंगासन, सुखासन, वृक्षासन, नटराजासन, मार्जरी आसन व सूर्य नमस्कार

करें योग
करें योग

भरपूर नींद

नींद पूरी करना बहुत जरूरी है, नींद पूरी करने से 9 घण्टे सोना नही है। आप चाहे 6 घण्टे सोएं लेकिन वो 6 घण्टे की नींद गहरी होनी चाहिए।
आपको शायद ये सामान्य बात लगे, लेकिन हॉर्मोन्स डिस्टर्ब होने का सबसे अहम कारण नींद पूरी न होना है। जिससे थाइरोइड या एंग्जायटी जैसी दिक्कते हो सकती है। ये विकास पर बुरा प्रभाव डालती है।

गहरी नींद कैसे ले

.सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।
.सोने से पहले एक कप कैमोमाइल चाय पी सकते हैं।
.शरीर की मालिश करे।

शरीर की पोजीशन सही रखे

फ्रैक्चर के बाद आपने देखा होगा कि फ्रैक्चर हुआ भाग ठीक होने के बाद जाम हो जाता है। ऐसा लम्बे समय तक उस भाग के एक ही पोजीशन में रहने के कारण होता है।
यदि आप अपनी बैक और कंधों को लंबे समय तक गलत पॉस्चर अर्थात झुका कर रखेंगे तो, आपका शरीर यही पोजीशन गृहण कर लेगा।
जिससे आपका कद ही छोटा नही लगेगा, बल्कि शरीर भी बेढंगा लगेगा।

सही पॉस्चर

.कुर्सी पर सीधे बैठें, कंधे सीधे और ठोड़ी ऊपर की ओर होनी चाहिए।
. झुक कर न चलें, कमर सीधी रखे।
. गर्दन व सिर किसी एक तरफ मुड़ा या झुका हुआ न रखे।
.टी वी व मोबाइल लेटकर न देखे।
.शराब व तम्बाकू का सेवन न करें।
.तनाव से दूर रहे।

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