सभी स्त्रियों की कामना होती है एक सुडौल और आकर्षक स्वस्थ शरीर की जो विवाह और मातृत्व के बाद कहीँ खो सा जाता है। यूँ तो मातृत्व भी एक अहम दायित्व है पर इसे निभाने में अपने शरीर के प्रति सबसे ज़्यादा कोई कोताही बरतता है तो वो हैं हम स्त्रियाँ। जब ये चूक आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है तो परिणाम शरीर पर जमा चर्बी के रूप में पाते हैं, यदि ये समस्या बहुत बढ़ जाये तो कमर के निचले हिस्से और पैरों को प्रभावित करती है। नतीजा…बढ़ा हुआ वज़न, पैरों में सूजन।
कारण
आखिर चूक कहाँ हो जाती है हमसे? अक्सर पति और बच्चों के प्लेट में छोड़े हुए नाश्ते और भोजन को निपटा देने के बाद हम सभी अपने दैनिक कार्यों पर लग जाते हैं। कभी कभी तो हाल यह भो होता है गृहकार्य निपटाने में ,गृहणियाँ अपने नाश्ते और भोजन की अनदेखी कर जाती हैं।
फिर इकट्ठा पेट भर कर भोजन या विश्राम ,यदि कामकाजी है तो फिर दिन कुर्सी पर बैठे ही बीत जाता है। यही कुछ छोटी छोटी बातें हैं,जिन्हें हम नज़रंदाज़ करते जाते हैं और बाद में यही बातें हमारे शरीर पर जमी वसा के रूप में दिखाई पड़ती हैं।
यदि हम किसी स्वस्थ व्यक्ति की दिनचर्या पर ध्यान दें तो पायेंगे कि इसका राज़ उनकी दिनचर्या में ही छुपा है।
पुरानी कहावत है “नाश्ता राजा की तरह ,दोपहर का भोजन राजकुमार और रात का खाना भिखारी ” की तरह ग्रहण करना चाहिये।
नाश्ता रेशेदार फ़लों मेवों और पौष्टिक चीजों का होना चाहिये। वहीँ दोपहर का भोजन बेहद सन्तुलित होना चाहिये। रात का भोजन बेहद सादा ही उचित होता है।
क्योंकि सुबह हमारी जठराग्नि (पाचनशक्ति) प्रबल होती है,जो दिन बीतने के साथ मन्दी पड़ती जाती है। रात को शरीर दिन भर की टूट फूट की मरम्मत करता है यदि रात के समय देर रात्रि भोजन किया जाता है तो यह मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया को धीमा करता है और मोटापे को बढ़ा देता है।
यही है पहली गलती जो कि हम स्त्रियाँ अक्सर कर डालते हैं,यानि कि अपने नाश्ते को छोड़ देना। नाश्ते में अगर खाते भी हैं तो तला भुना,या मैदायुक्त आहार ।
जिसमें आलू ,या फिर स्टार्च बहुल पदार्थों की अधिकता होती है स्वास्थ्य वर्द्धक पदार्थों या फलों का प्रयोग बहुत कम ही किया जाता है।
दोपहर और रात का भोजन भी देर रात तक ही खाने के कारण शरीर का उपापचय बेहद धीमा पड़ जाता है ऊपर से ज़रूरत से ज़्यादा आरामदायक जीवनशैली करेले पर नीम चढ़ाने का काम करती है।
अब सवाल ये उठता है कि इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं , तो प्रस्तुत हैं कुछ आसान उपाय जिन्हें घरेलू महिलाएं भी उतनी ही आसानी से कर सकती हैं।
हिप्स कम करने के उपाय-Hips Kam Karne Ke Upay Hindi Me
उपाय- कमर के निचले भाग की फैट(वसा) को कम करने के लिये खाना छोड़ देना गलत होता है ,क्यूंकि जब खाना वापस शुरू होता है तो बाद में फिर वजन तेज़ी से बढ़ जाता है।उपाय- कमर के निचले भाग की फैट(वसा) को कम करने के लिये खाना छोड़ देना गलत होता है ,क्यूंकि जब खाना वापस शुरू होता है तो बाद में फिर वजन तेज़ी से बढ़ जाता है।
गर्म पानी
- पानी का प्रयोग बढ़ा देना चाहिये और फ्रिज़ के बजाय मटके का पानी पीना चाहिये ।
- भोजन करने के आधे घण्टे बाद पानी पीना चाहिए,और पेट पहले सलाद और कच्ची सब्ज़ियों से भरना चाहिये और भूख से 1 रोटी कम सेवन करना चाहिए।
- दिन की शुरुआत गर्म पानी से करनी चाहिये, ग्रीन टी और पुदीना की चाय दिन में पीनी चाहिये और चीनी के स्थान पर शहद या गुड़ का प्रयोग करना लाभदायक रहता है।
सलाद
सलाद को खाने से पहले खाना चाहिए और सलाद में भी C से शुरू होने वाली सब्जियों का प्रयोग बढ़ा देना चाहिये,जैसे Cabbage, Carrot, Capsicum, Cucumber, Coriander (बन्दगोभी,गाज़र,शिमला मिर्च,खीरा और हरी धनिया)
इसके अतिरिक्त धनिया और पुदीने का प्रयोग भी करना चाहिये चटनी के रूप में स्वाद और स्वास्थ्य दोनों ही प्राप्त हो जाते हैं।
रेशेदार सब्ज़ियों
शकरकन्द भी रेशेदार सब्ज़ियों का अच्छा विकल्प है इसे खाने से पेट लम्बे समय तक भरा महसूस होता है।
पपीता एवँ अनन्नास वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है परन्तु गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को इससे बचना चाहिए।
मट्ठे का प्रयोग
मक्खन निकले हुए मट्ठे का प्रयोग करना चाहिये 1 कप दही में 4 से छह कप पानी मिलाने से यह लाभदायक हो जाता है।
ब्रिस्क वॉक
ब्रिस्क वॉक करना चाहिये यानि कि तेज़ टहलना इतना तेज कि पसीना आने लगे ,यह चर्बी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थ
डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थ और डेयरी प्रोडक्ट से बचना चाहिये उनके स्थान पर पॉपकॉर्न और भुने हुए चने और मुरमुरे का प्रयोग करना चाहिए।
दालचीनी
दालचीनी का पाउडर रात को एक गिलास पानी मे भिगोकर उसे सुबह गर्म करके सिप करके पीना चाहिये।
अजवायन
अजवायन का पानी भी कमर और हिप्स की चर्बी को पिघलाने में लाभदायक सिध्द होता है।
अदरक
एक ज़ार में एक अदरक का टुकड़ा,1 छील कर पतले टुकड़े में काटा हुआ खीरा ,1 नींबू के टुकड़ें और पुदीने की 10 से 12 पत्तियों को पानी मिलाकर रात भर रखें और सुबह सेंधा नमक डालकर पियें।
आसन
- घर मे अनुलोम विलोम,बालासन,सेतुबन्ध व कपालभाति के साथ कुर्सी पर बैठने जैसे आसन की मुद्रा और पश्चिमोत्तासन का प्रयोग करना चाहिए।
- सम्भव हो लिफ़्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करना चाहिये,खाना देर रात खाने से बचना चाहिये और खाने के बाद तुरंत ही सोने नहीं जाना चाहिये।
बीजों का सेवन
बीजों का सेवन जैसे 1-1 कटोरी सभी मसालदानी मे उपलब्ध बीज जैसे धनिया,अजवायन ,मेंथी, जीरा, सौंफ़, कलौंजी और आधा कटोरी अलसी के बीजों को हल्का भून कर पीस लें और इस पाऊडर को सुबह शाम गर्म पानी से खाएँ।
हल्की फुल्की भूख
जब हल्की फुल्की भूख हो तो सूप, फलों और बीन्स को प्रयोग करना चाहिये। तरबूज और ककड़ी भी बेहतर विकल्प होते हैं। तरल पदार्थों जैसे मठा,दही ,मलाई निकला हुआ दूध और सूप का प्रयोग बढ़ा कर कोल्डड्रिंक बन्द कर देना चाहिए ।