हरसिंगार का नाम वनस्पति शास्त्र और आयुर्वेद में काफी प्रचलित है। इसका बोटैनिकल नेम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस है। इसका लगभग हर एक भाग मेडिकल में प्रयोग किया है। दरअसल हरसिंगार के पत्तों में आर्थराइटिस को दूर करने के गुण होते हैं। इसके अलावा, पत्तियों के काढ़े से लीवर की रक्षा करने वाले, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एनाल्जेसिक, एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटीस्पास्मोडिक, हाइपोटेंसिव जैसे गुण भी पाए जा सकते हैं। इसकी पत्तियों में एंटी-लीशमैनियल गुण भी होते हैं, जो शरीर में परजीवियों को खत्म करने, जैसे पेट की कीड़ों की समस्या दूर करने में भी मदद कर सकते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि हरसिंगार का पत्ता के फायदे और हरसिंगार का सेवन करने से आपको किन-किन बीमारियों से निजात मिल सकती है।
हरसिंगार की पत्तियों में निम्न औषधीय गुण होते है।
- टैनिन एसिड
- बीटा-एमिरिन
- बीटा-सिटोस्टेरोल
- लिनोलिक एसिड
- मेथिलसेलिसिलेट
- डी-मैनिटोल
- हेंट्रिएकॉन्टेन
- बेंजोइक एसिड
- एस्ट्रैगलिन
- निकोटिफ्लोरिन
- ओलीनोलिक एसिड
- नेक्टेन्थिक एसिड फ्राइडेलिन
- विटामिन सी
- विटामिन ए
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हरसिंगार का पत्ता के फायदे-Harsingar Leaves Benefits In Hindi
जॉइंट्स पेन या गठिया
हरसिंगार के पत्तो का इस्तेमाल जोड़ो के दर्द के लिए बहुतायत से किया जाता है। शुरुआत में इसके काढ़े का प्रयोग कम मात्रा में करें। इससे आप अपने शरीर पर इसके असर से अवगत रहेंगे।
कैसे प्रयोग करें
हरसिंगार के पत्तो को धोकर छोटा छोटा काट ले, अब इसे पानी मे उबाले। पानी को ढक कर उबाले ताकि इसके गुण भाप के रूप में न उड़े।
पानी आधा रह जाने पर इसे छान लें। सुबह खाली पेट हल्का गुनगुना करके पिए। यदि आपको ये काढ़ा खाली पेट लगता है तो, हल्के नाश्ते के बाद इसका सेवन करें।
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खांसी
यदि आपको काफी लंबे समय से खांसी की समस्या है, तो इसका प्रयोग जरूर करें। खांसी के लिए आप हरसिंगार के पत्तो के साथ फूलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कैसे प्रयोग करें
हरसिंगार के 3 से 4 पत्तियां ले, हार सिंगार का एक फूल ले, थोड़ी सी अदरक और दो पत्ते तुलसी के पानी मे उबाले।
थोड़ी देर उबलने पर छान लें। हल्का गुनगुना पी ले। इसमे बहुत थोड़ा सा शहद मिला कर दे सकते है। 5 साल से छोटे बच्चे को न दे।
बुखार
हरसिंगार के पत्तो को आप बुखार की रिकवरी स्टेज में या बुखार की शुरुआत में इस्तेमाल कर सकते है। चिकित्सको के अनुसार हरसिंगार का काढ़ा डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक, हर तरह के बूखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है।
कैसे प्रयोग करें
हरसिंगार के पत्तो का रस निकाल ले या बारीक काटकर पानी मे उबाले, शहद तथा अदरक के साथ सेवन करें। बुखार में आराम मिलेगा। यदि आप स्वस्थ है, और घर मे किसी को संक्रामक बुखार है तो भी इसी का सेवन करें।
साइटिका और कमरदर्द
साइटिका और कमर दर्द में हरसिंगार पर निर्भर ना रहे, उसके लिए साइटिका और कमरदर्द का कारण और उसके हिसाब से इलाज जैसे कि फिजियोथेरेपी जरूरी है। लेकिन साथ साथ हरसिंगार का सेवन करने से इस रोग में तीव्रता से आराम मिलता है।
कैसे प्रयोग करें
दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें। इस काढ़े को दिन में दो बार – प्रातः खाली पेट एवं सायं भोजन के एक डेढ़ घंटा पहले पियें। इस काढ़े का प्रयोग कम से कम 7 दिन तक अवश्य करना चाहिए । एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।
बवासीर या पाईल्स
बवासीर या पाईल्स के लिए हरसिंगार के पत्ते तो नही लेकिन उसके बीज बहुत ही लाभदायक है। खानपान में बदलाव व उपयुक्त जीवनशैली के साथ हरसिंगार के बीजों का प्रयोग लाभ देता है।
कैसे प्रयोग करें
आप हरसिंगार के बीजों को दो प्रकार से प्रयोग कर सकते है। चाहे तो एक बीज का सेवन प्रतिदिन करें, या गुदाद्वार में सूजन या मस्से हों तो हरसिंगार के बीजों का लेप बनाकर गुदा पर लगाए।
सुंदरता बढ़ाए
चेहरे की सुंदरता की सही पहचान होती है चमकदार त्वचा। इसके लिए भी हरसिंगार के पत्ते और फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे प्रयोग करें
हरसिंगार के पत्तो और फूलों का पेस्ट बनाकर उबटन में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। त्वचा उजली व चमकदार बनेगी। लेकिन चेहरे पर इसका प्रयोग करने से पहले स्किन पर पैच टेस्ट जरूर कर ले।
हृदय रोग व मांसपेशियों का दर्द
हृदय रोग व मांसपेशियों के दर्द में हार सिंगार के फूल व पत्तो का रस बहुत ही लाभदायक है।
कैसे प्रयोग करें
10 से 12 फूलों का रस निकाल सुबह शाम सेवन करने से हृदय मजबूत होता है। हरसिंगार के पत्तो का काढ़ा किसी भी प्रकार के संक्रमण, मांसपेशियों के दर्द में बहुत लाभ देता है।
अस्थमा
यदि आपको अस्थमा या सांस की किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो हरसिंगार की छाल का प्रयोग करें।
कैसे प्रयोग करें
हरसिंगार की छाल का चूर्ण पंसारी की दुकान से ले ले, एक से डेढ़ चुटकी छाल का चूर्ण पान के पत्ते में रखकर धीरे धीरे चूसे। प्रदूषण वाले स्थानों से दूर रहे।
स्त्री रोग
यदि आप एक महिला है और आपको किसी भी तरह स्त्री विशेष परेशानी जैसे यूरिन इन्फेक्शन, लिकोरिया तो हरसिंगार का प्रयोग करें।
हरसिंगार की 7 कोंपलों (नयी पत्तियों) को पाँच काली मिर्च के साथ पीसकर प्रातः खाली पेट सेवन करने से विभिन्न स्त्री रोगों में लाभ मिलता है।
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इम्युनिटी पावर
हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर आप नियमित रूप से भी सेवन कर सकते है। इसका सेवन करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, बालो मे रूसी की समस्या में भी बेहद फायदेमंद है।
Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न
हरसिंगार के पत्ते के क्या क्या फायदे हैं?
हरसिंगार को पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार के पत्ते बहुत ही फायदेमंद होते हैं । हरसिंगार के पत्ते बुखार को ठीक करने काम करते हैं । यदि किसी व्यक्ति के प्लेटलेट कम हो गया हो तो हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट बढ़ जाता हैं । हरसिंगार के पत्तों की सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । सूखी खांसी, अस्थमा तथा ब्रोंकाइटिस में भी हरसिंगार के पत्ते बहुत लाभदायक होते हैं । गठिया रोग में भी हरसिंगार के पत्तों का सेवन फायदेमंद होता है इसके अलावा लीवर के बढ़ने तथा फैटी लीवर में भी हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने की सलाह दी जाती है । इसके पत्तों का रस निकालकर लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं ।
हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए?
हरसिंगार के पत्तों का सेवन मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जा सकता है । पहला पत्तों को पीसकर उसके रस का सेवन करना ,दूसरा पत्तों का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना । हरसिंगार के पत्तों का सेवन लगभग एक हफ्ते तक किया जा सकता है इससे अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। वहीं हरसिंगार के काढ़े का प्रयोग दिन में दो बार, एक हफ्ते तक किया जा सकता है । अधिक मात्रा में हरसिंगार के पत्तों का सेवन करने से नुकसान हो सकते हैं इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।
हरसिंगार के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
हरसिंगार के पत्तों का निम्न प्रकार किया जा सकता है 1. पत्तों का रस निकालकर - प्रतिदिन पांच से सात हरसिंगार के पत्तों पीसकर उनका रस हल्का गुनगुना करके सेवन करने से गठिया, ह्रदय रोग, जुकाम खांसी जैसे कई रोगों में लाभ मिलता है। 2. काढ़ा बनाकर- 7 से 8 हरसिंगार के पत्तों को पानी में मिलाकर उनका काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है जिससे रक्त में प्लेटलेट्स की कमी, गठिया रोग, फैटी लीवर आदि समस्याओं से छुटकारा मिलता है । 3. पाउडर बनाकर -हरसिंगार के पत्तों को सुखाकर उनका पाउडर बनाकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर उसका सेवन करने से खांसी जुकाम में लाभ मिलता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 4. फेस पैक बनाकर - हरसिंगार के पत्तों और फूलों को पीसकर चेहरे पर लगाने से झाइयों और दाग धब्बों से छुटकारा मिलता है ।
हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?
हरसिंगार में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं । बुखार, जुकाम खांसी, फैटी लीवर या बढ़े हुए लीवर, गठिया रोग, जोड़ों के दर्द, रक्त में प्लेटलेट्स की कमी, साइटिका, बवासीर, त्वचा की झाइयोंऔर दाग दाग धब्बों , ह्रदय रोग ,अस्थमा आदि लोगों में लाभदायक होता है इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है ।