गर्भावस्था में क्या खाएं
गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन का सेवन करना जरूरी होता है। गर्भवती महिला का भोजन सभी प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। अगर शरीर को पूर्ण रूप से विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा की मात्रा नहीं प्राप्त होती है, तो उसका सीधा असर बच्चों पर पड़ता है। इस दौरान शरीर को स्वस्थ रखने तथा बच्चे को तंदुरुस्त रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है।
गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में बहुत ज्यादा पोषक पदार्थों की खपत होती है और नियमित रूप से संतुलित भोजन का आहार करना होता है। इसके साथ ही कैल्शियम से भरपूर भोजन का आहार लेना होता है। गर्भावस्था के दौरान कई प्रकार की चीजें जैसे कॉफी चाहे कोल्ड ड्रिंक व बाहरी भोजन ज्यादा तैलीय पदार्थ इन सभी खाद्य पदार्थों से परहेज रखना जरूरी होता है।
गर्भावस्था में संतुलित भोजन का करें सेवन
गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर के लिए कई प्रकार के विटामिंस की मात्रा की खपत होती है। और रोड के विकास और बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन कैल्शियम वसा की मात्रा भरपूर चाहिए होती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मां को संतुलित भोजन का आहार लेना होता है।
ताकि बच्चा संतुलित वजन के साथ स्वस्थ पैदा हो गर्भावस्था के दौरान मां को संतुलित भोजन ना मिलने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां बच्चे में हो सकती है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान माह में भी खून की कमी आ सकती है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं।
महिलाएं गर्भधारण करते ही 12 हफ्तों तक लगातार संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान महिलाओं में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है। जैसे कब्ज जी मिचलाना इत्यादि से बचा जा सकता है। पोस्टिक आहार माता और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है ।
मां के गर्भ धारण करने के पश्चात 200 से 300 कैलोरी वाला भोजन जरूरी है। अगर कोई महिलाएं काफी पतली और कमजोर है तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान 65 ग्राम प्रोटीन भी लेना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान खाने में इन चीजों का करें प्रयोग
दूध से बने उत्पाद
गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिए सबसे अधिक प्रोटीन तथा कैल्शियम की जरूरत होती है और दूध के बने सभी उत्पाद प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। जो मां तथा शिशु दोनों को स्वस्थ रखते हैं। गर्भावस्था के दौरान माता को रोजाना ढाई सौ ग्राम दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही ,छाछ आदि का सेवन भी अपने खाने में जरूर करें।
सूखे मेवे
गर्भावस्था के दौरान सूखे मेवे का प्रयोग करने से बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं। सूखे मेवों में उपस्थित फाइबर माता के पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं इसके साथ ही बच्चे को प्रोटीन आयरन तथा कैल्शियम प्रदान करवाते हैं सुखी मेरे प्रेगनेंसी में बहुत ही फायदेमंद माने गए हैं । सूखे मेवों में काजू, बादाम, मूंगफली इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
अंडे और मांस
अगर कोई महिला मांसाहारी है तो वह गर्भावस्था के दौरान अंडे तथा मांस का सेवन कर सकते हैं ।अंडे तथा मांस के सेवन करने से मां और बच्चे दोनों को प्रोटीन की भरपूर मात्रा प्राप्त होती है। जिससे शरीर तंदुरुस्त रहता है और बच्चा हेल्दी होता है ।
अंडे और मांस में उपस्थित विटामिन सी, विटामिन k और विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम शरीर के सभी आवश्यक खनिज पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति करते हैं ।
सेब और अनार
सेव और अनार में आयरन की मात्रा भरपूर उपस्थित होती है। जो गर्भावस्था के दौरान माता के शरीर में खून की कमी को दूर करता है। खून की कमी गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। इसीलिए सेव और अनार गर्भावस्था के दौरान माता को नियमित रूप से लेने चाहिए सेव तथा अनार में आयरन तथा फॉलिक एसिड बच्चे को तंदुरुस्त रखने में मदद करता है।
केला
गर्भावस्था के दौरान केला भी काफी फायदेमंद फल माना जाता है। हालांकि 12 हफ्तों तक केले का सेवन नहीं करना चाहिए।क्योंकि इस दौरान माता को कब्ज की समस्या होती है और ऐसे में केला खाने पर यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। परंतु 12 हफ्तों के पश्चात केले का नियमित रूप से सेवन करने से माता और बच्चे दोनों के वजन में बढ़ोतरी होती है। और केला में उपस्थित प्रोटीन कैल्शियम तथा फाइबर शरीर के लिए उपयोगी पदार्थ है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
गर्भावस्था के दौरान माता को ज्यादातर हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए ।हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर की मात्रा अत्यधिक उपस्थित होती है।जो पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं और शरीर को कई प्रकार के पोषक पदार्थ जैसे फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम प्रदान करवाती है।