अपूर्ण गर्भपात के उपचार
अपूर्ण गर्भपात के उपचार के लिए कभी भी घरेलू नुस्खे ना आजमाएं। किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। उसी के अनुसार काम करें। आइए हम यहां जाने कि क्यों होता है और क्या होता है अपूर्ण गर्भपात।
क्या होता है अपूर्ण गर्भपात
कई बार अबॉर्शन के बाद गर्भाशय में एंब्रियो के कुछ बॉडी पार्ट्स रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में महिला को रुक रुक कर ब्लीडिंग होती है। उसे लगातार हल्का दर्द रहता है। इस स्थिति को अपूर्ण गर्भपात कहते हैं। यह स्थिति तब आती है जब गर्भपात काफी समय बीत जाने के बाद किया जाता है। कभी-कभी नौसिखिया लोगों के द्वारा या घरेलू उपचार या पिल्स लेने के कारण भी अपूर्ण गर्भपात हो जाता है। अपूर्ण गर्भपात में भ्रूण पूरी तरह से गर्भनाल से बाहर नहीं निकल पाता। तीन महीने से अधिक अगर हो जाए तो गर्भपात होना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में अपूर्ण गर्भपात होने के खतरे काफी बढ़ जाते हैं।
किन परिस्थितियों में होता है अपूर्ण गर्भपात
ऐसा नहीं है कि हर अपूर्ण गर्भपात किसी लापरवाही के कारण ही होता है। आधे से अधिक मामलों में क्रोमोसोम संबंधी असामान्यतायें अपूर्ण गर्भपात की वजह होती है। किसी बीमारी के होने से जैसे हाइपरटेंशन, शुगर, लिवर, किडनी इस तरह से किसी भी प्रॉब्लम के होने से महिला में अपूर्ण गर्भपात की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। जो महिलाएं सिगरेट, शराब आदि का अधिक प्रयोग करती हैं उनके अपूर्ण गर्भपात के चांसेज काफी अधिक होते हैं। इसके अलावा एचआईवी रोग और कुछ अन्य यौन रोगों के कारण भी अपूर्ण गर्भपात की संभावनाएं अधिक हो जाती है। वजन का कम होना या अधिक होना भी अपूर्ण गर्भपात की एक वजह हो सकता है। ओवरी सिंड्रोम, पीलिया का होना भी अपूर्ण गर्भपात की वजह हो सकते हैं।
कैसे जानें कि गर्भपात अपूर्ण है
अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है। ब्लीडिंग रूक रुक कर लगातार हो रही है। ब्लीडिंग अगर काफी दिनों बाद भी लगातार हो रही है। ब्लीडिंग में बड़े-बड़े क्लॉटस आ रहे हैं। पेट में रह रह कर दर्द होता है। कुछ लोगों में यह दर्द लगातार रहता है। कुछ लोगों में पेट में ऐठन रहती है। पेट की नसों में संकुचन सा महसूस होता है। जिस तरीके का दर्द पीरियड में होता है उसी तरीके का दर्द हमेशा रहता है। शुरू में हल्का बुखार रहता है। कुछ समय के बाद बुखार बढ़ने लगता है। कुछ लोगों में बहुत ज्यादा बुखार होता है। यह सब सिस्टम्स इंडिकेट करते हैं कि गर्भपात प्रॉपर नहीं हो पाया है।
क्यों है जानलेवा अपूर्ण गर्भपात
अगर अपूर्ण गर्भपात के कारण महिला के गर्भाशय में भ्रूण के कुछ हिस्से रह गए हैं और उन्हें निकाला ना जाए तो जान जाने तक का खतरा हो सकता है। यह भी हो सकता है कि गर्भाशय ही निकालना पड़े और शायद वह औरत कभी माॅ ही न बन पाये।
कैसे करें अपूर्ण गर्भपात का उपचार
अपूर्ण गर्भपात का उपचार किसी सुयोग्य डाक्टर की देखरेख में ही करवायें। अपूर्ण गर्भपात के उपचार के लिए डॉक्टर डी एंड सी करते हैं। डॉक्टर वेक्यूम एस्पिरेशन के द्वारा भी अपूर्ण गर्भपात का उपचार करते हैं। डी एंड सी एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय की परत को कुरेद कर साफ किया जाता है। अगर इसे किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में न किया जाए तो संक्रमण होने की संभावनाएं होती है। गर्भाशय वाॅल में भी छेद हो सकता है। गर्भाशय में स्कार टिशु भी बन सकते हैं। डी एंड सी ठीक से ना हो तो हेवी ब्लीडिंग हो सकती है।
क्या होता है डी एंड सी
डीएनसी में महिला को बेहोश करके उसकी गर्भाशय ग्रीवा को फैलाया जाता है। उसके बाद गर्भाशय को क्यूरेट की मदद से साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार को कुरेद कर साफ किया जाता है। जिससे गर्भाशय में अगर भ्रूण के कुछ अवशेष होते हैं तो वह भी निकल जाते हैं। इस प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार थोड़ी कमजोर हो जाती है, स्त्री को मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है। हो सकता है कि पीरियड टाइम से पहले हो जाए या यह भी हो सकता है कि पीरियड्स डिले हो जाए।
अपूर्ण गर्भपात के उपचार के बाद महिला की देखभाल
पेशेंट डी एंड सी के बाद अपने आप को कुछ समय तक कमजोर महसूस करती है। उसके शरीर में हाथ पैरों मैं दर्द रहता है। उसके पेट में हल्का हल्का ऐंठन वाला दर्द रहता है। इस प्रक्रिया के बाद कुछ समय तक ब्लीडिंग हो सकती है।
उपचार के बाद स्त्री को कुछ समय तक अपने दैनिक कार्यों को आराम से करने की आवश्यकता होती है। तीन-चार दिनों तक उसे थकाने वाले काम, नहाना, सेक्स करना, भारी सामान उठाना आदि नहीं करना चाहिए। उसे हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए।