पेट में गैस की बीमारी कभी-कभी एक बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। अधिक गैस के कारण कई बार छाती और कंधों में तेज दर्द होता है जो बिल्कुल दिल के दौरे की तरह उठने वाले दर्द की तरह है। कई बार लोग यह भी नहीं बता पाते कि यह गैस का दौरा है या दिल का दौरा। किसी भी उम्र की गैस होना आम बात है। लेकिन जब पेट में गैस की बीमारी हमेशा बनी रहे तो इस बारे में सोचना महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसा नहीं है कि खाना खाने के बाद बैठने से ही गैस बनती है, बल्कि लंबे समय तक भूखे रहने के कारण भी गैस की समस्या होती है।
लंबे समय तक भूखे रहने से सिर में तेज दर्द भी होता है। खाने के बाद लंबे समय तक फटना भी गैस का कारण है। इस लिए हमे पेट में गैस की बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानना जरूरी है जिस से इस समस्या से बचाव किया जा सके।
पेट में गैस बनने के कारण
- कब्ज की समस्या के कारण शरीर के टॉक्सिन्स ठीक से बाहर नहीं निकलते हैं जिसकी वजह से गैस बनने लगती है।
- कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव पेट में अच्छे बैक्टीरिया को कम करते हैं जो पाचन और गैस उत्पादन का कारण बनते हैं।
- उम्र बढ़ने के साथ शरीर की भोजन पचाने की क्षमता कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में दूध और दूध से बने पदार्थों ठीक से पचते नहीं हैं और गैस का उत्पादन होता है।
- पेट में अच्छे और खराब बैक्टीरिया के संतुलन बिगड़ जाने के कारण गैस का उत्पादन होता है। कभी-कभी यह असंतुलन किसी बीमारी के दुष्प्रभाव के कारण हो सकता है।
- कई बार हम खाना ठीक से नहीं चबाते। जिसके कारण गैस की समस्या हो सकती है।
- बर्गर, पिज्जा, सैंडविच आदि के अधिक सेवन से बच्चों का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। नतीजतन, उनका भोजन अच्छी तरह से पचता नहीं है।
- दिनचर्या की गड़बड़ी, पेट साफ न होना भी पेट में गैस बनने के कारण है।
- महिलाओं में मैनोपॉज के बाद और पुरुषों में 50 की आयु के बाद हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, जिसका असर डायजेशन पर भी पड़ता है। यह भी पेट में गैस बनने के कारण है।
पेट में गैस के लक्षण
सबसे पहला लक्षण तो यह होता है कि आपका पेट फूल जाता है। आपको बड़ी बेचैनी होने लग जाती है। आपने कुछ भी ज्यादा खाया नहीं होता है फिर भी आपको लगता है कि जैसे आपका पेट पूरी तरह से से भरा हुआ हो।
पेट में सूजन व दर्द का होना, डकार लेना, खासकर भोजन के दौरान और बाद में, सामान्य है।
दिन में 10 से 15 बार गैंस निकलना सामान्य है अगर ज्यादा होता है तो गैंस के लक्षण होते हैं।
पेट की गैस का इलाज | Pet Ki Gas Ka Ilaj In Hindi
- 5 बड़े चम्मच सौंफ के बीज को बारीक पीस लें। इस मात्रा में मिश्री का मिश्रण बनाएं और दोनों को ईसबगोल की भूसी में मिलाएं। खाना खाने के बाद इस दवा को सुबह, शाम और रात को दो चम्मच पानी के साथ लें। इससे खाना पचाने में आसानी होगी और पेट में गैस नहीं बनेगी।
- गैस से जुड़ी सभी समस्याओं में सबसे फायदेमंद है हींग। हींग का पाउडर बहुत फायदा करता है। खाने के बाद पानी के साथ थोड़ा हींग का पाउडर लें। इससे गैस की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
- अगर आपको पेट में जलन की समस्या है, तो आप रोजाना खाना खाने के बाद गुड़ को चूसें। गुड़ खाने के लिए नहीं है, लेकिन इसका रस चूसना पड़ता है। यह प्रक्रिया जितनी धीमी होती है, उतनी ही प्रभावी होगी। इससे पेट की पाचन शक्ति बढ़ती है और जलन की समस्या खत्म होती है।
- एक पैन में अजमोद को सेंकना और एक पाउडर बनाओ। इसमें काला नमक मिलाएं। खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गर्मी और एसिडिटी दूर होती है। अजमोद में मौजूद थायमोल और काले नमक में एल्कलॉइड होते हैं। इन दोनों को मिला कर एसिडिटी दूर होती है।
- प्रत्येक बार भोजन के बाद एक लौंग और एक इलायची लेने से गैस वा एसिडिटी की समस्या दूर ही रहती है ।
- लहसुन की दो से तीन कलियों के बारीक टुकड़े काट लें, इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू की बूंदें मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ निगल लें। यह गैस के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी ठीक करने में मदद करता है। गर्मियों में एक या दो कलियां लें।
- अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उस पर काला नमक छिड़क कर दिन में 2-3 बार सेवन करें, इससे गैस नहीं बनेगी और भूख भी कम लगेगी।
- जीरा खाने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसीलिए गैस की समस्या में एक चम्मच जीरे के पाउडर को ठन्डे पानी में घोलकर पियें, आपको तुरंत लाभ मिलेगा।