Tomato flu, tomato fever symptoms in hindi-टोमैटो फीवर के कारण, लक्षण और उपचार

टोमैटो फीवर के कारण, लक्षण और उपचार

Tomato flu

कोरोना वायरस महामारी का खौफ अभी तक खत्म नहीं हुआ है. इस बीच एक नई बीमारी का खतरा मंडराने लगा है, और अभी तक की जो भी रिपोर्ट आई हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि ये टमाटर बुखार छोटे बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है। केरल के कई हिस्सों में ये वायरस पाया गया है, बता दें कि वायरस का पता चलने के बाद, इससे पीड़ित सभी लोगों की टेस्टिंग की जा रही है. राज्य में अब तक पाँच साल से कम उम्र के 80 से ज्‍यादा बच्चे इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।

एक निवारक कदम के रूप में, आंँगनवाड़ी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है, और अधिकारियों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए छोटे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है।

टोमैटो फीवर क्या है?

टोमैटो फीवर एक अज्ञात वायरस बुखार है जो केरल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया गया है, और वायरस के संक्रमण से फैलता है, इससे संक्रमित बच्चों को रैशेज और फ़फ़ोले हो जाते हैं, ये रैशेज और फ़फ़ोले आमतौर पर लाल होते हैं। इसलिए इसे टोमैटो फीवर कहा जाता है, बता दें कि अभी तक ये फ्लू केरल के कुछ हिस्सों में ही पाया गया है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर संक्रमण को रोकने के उपाय नहीं किए गए तो ये वायरस और फैल सकता है।

टोमैटो फीवर के लक्षण

टोमैटो फीवर के मुख्य लक्षण है

  • रेड रैशेज,
  • तेज बुखार
  • छाले,
  • स्किन में जलन
  • डिहाइड्रेशन

इसके अलावा, संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, हाथों में दर्द, जोड़ों में सूजन, थकान, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, खांसी, छींक और नाक बहना और हाथों के रंग में बदलाव जैसे लक्षण होते हैं.

बुखार
बुखार

क्या टोमेटो फ्लू छूत की बीमारी है?

फ्लू के अन्य मामलों की तरह, टमाटर फ्लू संक्रामक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि टमाटर फ्लू एक छूत की बीमारी है जो छूने से फैलती है। इसलिए अगर आपके आस-पास कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो उससे दूर रहें और खासकर बच्चों को मरीज के करीब न आने दें। यह गलती आपके बच्चे को भारी पड़ सकती है। अगर आपका बच्चा इस गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया है, तो उसे अलग-थलग रखें और उसके आसपास थोड़ा काम करें। फिलहाल इस लेख को लिखते समय यह राहत की बात है कि टमाटर फ्लू से अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।

टोमैटो फीवर होने पर क्या करें?

विशेषज्ञों के पास अभी तक टोमैटो फीवर को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं है इसलिए इसका कोई सटीक कारण और इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। अभी इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी अन्य फ्लू की तरह से ही किया जा रहा है। टोमैटो फीवर के तेज़ी से फैलने के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा सलाह दी गई है कि इसके लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें। इसके अलावा साफ-सफाई का उचित ध्यान रखने, सही डाइट और संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखने से आप इस स्थिति का शिकार होने से अपने बच्चों को बचा सकते हैं और इस संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं।

इस तरह लें सावधानी…

  • बच्चों में कुछ भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर्स से सलाह लें ।
  • बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा पानी और तरल पदार्थों दें।
  • छालों पर खुजली ना करने दें।
  • कमरे का तापमान कम रखें जिससे छालों में जलन से परेशानी ना हो ।
  • बच्चों को कम तला और मसालें का खाना दें,सादा भोजन ही दें ।
  • बच्चों को कम से कम एक हफ्ते का बेड रेस्ट दें
  • कोई भी दवाई देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें ।
  • बच्चे को आइसोलेट रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • स्वस्थ बच्चों को संक्रमित बच्चों से दूर रखें ।

हमेशा याद रखिए जानकारी है तो बचाव है।

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात-Tulsi Se Garbhpat

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये

आजकल महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या अनचाहे गर्भ की होती है । प्रत्येक महिला चाहती है की यदि अनचाहा गर्भ ठहर गया है तो उसका निस्तारण घरेलू नुस्खों से हो जाए । यूं तो गर्भपात के लिए कई सारे घरेलू नुस्खे (bacha girane ke gharelu nuskhe) अपनाए जा सकते हैं परंतु इनमें से सबसे ज्यादा सुरक्षित और कारगर तरीका है तुलसी का काढ़ा। तुलसी के सेवन से गर्भाशय में संकुचन बढ़ने लगता है जिससे गर्भपात हो जाता है।
प्राकृतिक औषधीय गुणों से युक्त तुलसी एक बहुत ही लाभदायक जड़ी बूटी है जो हमारे घरों में आसानी से उपलब्ध होती है।
आइए जानते हैं गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये, कैसे होता है तुलसी के पत्तों से गर्भपात (1 mahine ka garbhpat)-

1. तुलसी के बीजों में संकुचन को प्रेरित करने की क्षमता होती है जिससे गर्भपात हो जाता है ।

2. गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक तुलसी का सेवन ब्लड शुगर लेवल को बहुत कम कर देता है जिसके कारण गर्भपात होता है ।

आइए जानते हैं गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये (bacha girane ke gharelu nuskhe):

पहली विधि –

सामग्री

1. दो का पानी
2. 4 लॉन्ग
3. एक इंच अदरक का टुकड़ा
4. 5 से 6 काली मिर्च
5. 5 से 6 तुलसी के पत्ते
6. 1 इंच दालचीनी का टुकड़ा

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये: विधि

एक पतीले में दो कप गरम पानी चढ़ाएं। अब अदरक ,लॉन्ग ,काली मिर्च और दालचीनी का पेस्ट बनाएं । इस पेस्ट को पानी में मिलाएं और 20 मिनट तक गर्म उबलने दें । थोड़ा ठंडा करके इसे छाने और शहद मिलाएं ,तुलसी का काढ़ा तैयार है।

और पढ़ें: अनचाहे गर्भ का कैसे करें इलायची से गर्भपात

तुलसी का काढ़ा
तुलसी का काढ़ा

 

दूसरी विधि

सामग्री

1. आधा चम्मच तुलसी के बीज
2. 5 से 6 तुलसी के पत्ते साफ किए हुए
3. दो गिलास पानी
4. एक छोटी डली गुड़

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये: विधि

पतीले में दो गिलास पानी डालकर गरम करने के लिए रख दें ,फिर उसमें एक चम्मच तुलसी के बीज ,5 से 6 तुलसी के पत्ते और एक छोटी डली गुड़ डालकर अच्छे से करीब पानी चौथाई रह जाने तक उबालें उसे छानकर गरम गरम सेवन करें ।

इसके अलावा गर्म पानी के साथ आधा चम्मच तुलसी के बीजों के सेवन करने से भी अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिल जाता है ।

सेवन की मात्रा – गर्भपात हेतु दिन में आधा कप तुलसी का काढ़ा प्रयोग किया जा सकता है इसे सुबह नाश्ते के बाद अथवा रात को सोने से पहले इसका सेवन किया जा सकता है।

और पढ़ें: अनचाहे गर्भ का अजवाइन से गर्भपात कैसे करे?

तुलसी की प्रवृत्ति गर्म होती है इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए आइए जानते हैं तुलसी के काढ़े का सेवन करते समय क्या क्या सावधानियां रखना आवश्यक है –

1. तुलसी में हमारे खून पतला करने की क्षमता मौजूद रहती है इसलिए यदि गर्भवती महिला खून पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर रही है तो उसे तुलसी के काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए ।
2. तुलसी का उपयोग ब्लड शुगर को कम करने के लिए किया जाता है इसलिए यदि किसी महिला को लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उससे तुलसी का काढ़ा नहीं लेना चाहिए।
3. मतली ,उल्टी और घबराहट आदि के लिए जाने वाली विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करने वाली महिलाओं को भी तुलसी के काढ़े का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
4. गंभीर प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर ,किडनी की समस्या आदि से प्रभावित महिलाओं को भी गर्भपात के लिए तुलसी के काढ़े का सेवन करने से बचना चाहिए ।

वैसे तो तुलसी के काढ़े और तुलसी के पत्तों से गर्भपात हो जाता है परंतु यदि किसी भी प्रकार की समस्या के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

6 महीने का गर्भ कैसे गिराए?

यदि आप अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं तो इसके लिए शुरुआती 5से 6 हफ्ते का समय सबसे उचित रहता है इसके बाद जैसे-जैसे वक्त बढ़ता जाता है जटिलताएं बढ़ने लगती है । 6 महीने का गर्भ काफी बड़ा होता है इसलिए इसे गिराने के लिए किसी प्रकार के घरेलू उपाय ना अपनाएं यह गर्भवती के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है । 6 महीने के गर्भ को गिराने के लिए डॉक्टर की मदद से ही हॉस्पिटल में गर्भपात करवाएं ।

गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

यदि आपने गर्भपात के लिए अबॉर्शन किट का प्रयोग किया है किया है तो ब्लीडिंग बंद होने के तीन से चार हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए या सटीक परिणाम देता है परंतु अगर आप जल्दी परिणाम जानने की इच्छुक हैं तो आपको गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करके अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इसके अलावा यदि आप गर्भपात के बाद गर्भधारण हेतु प्रयास कर रही हैं तो पीरियड मिस होने के हफ्ते भर बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना सही परिणाम देता है ।

बार बार गर्भपात करने से क्या होता है?

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कई जोड़े बार बार गर्भपात का सहारा लेते हैं। बार बार गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा कमजोर हो जाती है किसी कारण अगली बार गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा महिला के शरीर में खून की कमी, इन्फेक्शन ,रक्तस्राव, संक्रमण, ऐंठन, एनेस्थेसिया से संबन्धित जटिलताएं, एम्बोलिज़्म, गर्भाशय में सूजन, एंडोटोक्सिक शॉक आदि कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए बार बार गर्भपात कराने के स्थान पर परिवार नियोजन के तरीके अपनाकर गर्भधारण को रोकना ही ज्यादा कारगर उपाय है ।

पपीता से गर्भ कैसे गिराये?

गर्भपात के पपीते का सेवन सबसे कारगर उपायों में से एक है। पपीते से गर्भपात करवाने के लिए गर्भ ठहरने के शुरुआती हफ्तों में अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें । कच्चे पपीते में लेटेस्ट की मात्रा अधिक होती है इसके कारण गर्भाशय संकुचित हो जाता है और गर्भ गिर जाता है । इसके अलावा पपीते के बीजों का सेवन अनचाहे गर्भ धारण को रोकने के लिए कारगर उपाय है ।

क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?

कच्चा अण्डा खाने से बच्चा गिर जाता है इसमें सालमोनेला बैक्टीरिया होता है । शराब के सेवन से भी बच्चा गिर जाता है।पपीता खाने से भी मिसकैरेज हो जाता हैपपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराईन कंस्ट्रक्शन शुरू कर देता है ।ऐलोवेरा का सेवन करने से भी मिसकैरेज हो जाता है ।अदरक काफी भी सीमित मे प्रयोग करना चाहिये । चायनीज फूड को भी नहीं खाना चाहिए इसमें मोनो सोडियम गूलामेट होताऔर ज्यादा नमक भी जो बच्चे के लिये हानिकारक होता है।

नोट- यह पोस्ट केवल आपकी जानकारी के लिए है, किसी भी प्रयोग या घरेलू नुस्खे से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

फिगारो तेल बच्चों का: जानिए इसके बेहतरीन फायदे और उपयोग

फिगारो बेबी आयल के फायदे

हर माता-पिता अपने बच्चे की देखभाल को लेकर बेहद सजग होते हैं, खासकर जब बात शिशु की त्वचा की हो। इस मामले में, फिगारो बेबी आयल एक लोकप्रिय और विश्वसनीय विकल्प बन चुका है। यह तेल न केवल सौम्य होता है, बल्कि शिशु की त्वचा को गहराई से पोषण भी देता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि फिगारो ऑयल बच्चों के लिए कितना फायदेमंद है, इसका सही उपयोग कैसे करें, और यह अन्य बेबी ऑयल की तुलना में कैसा है।

फिगारो तेल क्या है?

फिगारो ऑयल एक उच्च गुणवत्ता वाला ऑलिव ऑयल है, जिसे खासतौर पर त्वचा और बालों की देखभाल के लिए तैयार किया गया है। यह हल्का, गंधरहित और त्वचा पर आसानी से अवशोषित होने वाला तेल है, जो शिशु की नाज़ुक त्वचा के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

फिगारो बेबी आयल के फायदे

बच्चे की मालिश
बच्चे की मालिश

1. त्वचा को पोषण देता है

फिगारो तेल बच्चों का उपयोग करने से उनकी त्वचा मुलायम और मॉइस्चराइज बनी रहती है। इसमें प्राकृतिक फैटी एसिड और विटामिन E मौजूद होते हैं, जो त्वचा की गहराई से देखभाल करते हैं।

2. बेहतर मसाज के लिए उपयुक्त

Figaro oil for baby massage in Hindi में यह एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि यह तेल हल्का होता है और आसानी से फैलता है, जिससे शिशु को शांत महसूस होता है और नींद भी बेहतर आती है।

3. रूखी त्वचा से राहत

सर्दियों में शिशु की त्वचा अक्सर रूखी और बेजान हो जाती है। फिगारो बेबी आयल नियमित रूप से लगाने से त्वचा की नमी बनी रहती है।

4. बालों के लिए भी फायदेमंद

फिगारो ऑयल को सिर की मालिश में भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे बाल मजबूत होते हैं और सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

यह भी पढ़ें: बालों के लिए जैतून का तेल कौन सा है बेस्ट और फायदेमंद

फिगारो ऑयल का उपयोग कैसे करें?

  • नहाने से पहले शिशु की मालिश के लिए फिगारो ऑयल का प्रयोग करें।
  • हल्के हाथों से त्वचा पर मसाज करें ताकि तेल अच्छे से अवशोषित हो जाए।
  • बालों की जड़ों में धीरे-धीरे लगाएं और 15–20 मिनट के लिए छोड़ दें।

क्या फिगारो तेल सुरक्षित है?

हाँ, फिगारो ऑयल बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन यदि आपके शिशु की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील है तो पहले पैच टेस्ट करें। यह तेल बिना किसी रसायन के आता है, इसलिए एलर्जी की संभावना कम होती है।

यह भी जानें: हिमालय बेबी क्रीम के फायदे और साइड इफेक्ट्स

अन्य विकल्पों की तुलना

फिगारो ऑयल की तुलना में बाजार में और भी कई विकल्प मौजूद हैं जैसे कि Johnson Baby Oil, जो कि सुगंधित होता है लेकिन कुछ बच्चों को इससे एलर्जी हो सकती है।

और जानें: Johnson Baby Oil के फायदे

निष्कर्ष (Conclusion)

यदि आप अपने शिशु की त्वचा और स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक, हल्का और असरदार तेल ढूंढ रहे हैं, तो फिगारो तेल बच्चों का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह त्वचा को नमी देता है, बालों को मज़बूती प्रदान करता है और साथ ही साथ बच्चों की नींद और मूड पर सकारात्मक असर डालता है।

उपयोग किए गए मुख्य कीवर्ड (Included Keywords):

  • फिगारो बेबी आयल
  • figaro oil for baby massage in hindi
  • फिगारो ऑयल
  • फिगारो तेल बच्चों का

अगर आप अपने बेबी की त्वचा को लंबे समय तक कोमल और स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं, तो फिगारो ऑयल को अपने रूटीन में ज़रूर शामिल करें।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बच्चों को जैतून का तेल कब लगाना चाहिए?

जैतून का तेल शिशु की त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है, जब बच्चा पेट दर्द की वजह़ से रो रहा हो तो उसकी नाभि के आसपास हल्के हाथ से तेल की मालिश कर सकते हैं और ये जन्म के हफ्ते भर बाद से ही किया जा सकता है, इसके अलावा पूरे शरीर की मालिश भी हफ्ते बाद ही शुरू कर सकते हैं और डायपर रैशेज पर भी लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जब शिशु छः माह का हो जाए तो उसके खानें में भी एक चौथाई चम्मच जैतून का तेल यूज किया जा सकता है।

फिगारो ऑयल के क्या फायदे हैं?

फिगारो जैतून का तेल एक मल्टीपरपज़ ओयल है, ये भोजन में और त्वचा तथा बालों में लगानें के काम आता है, इसमें बेहतरीन ऐंटीआक्सीडेंटस और फैट एसिड होते हैं, जिससे ये हार्ट के लिए बहुत लाभदायक होता है। इस तेल को चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है, इसे कई तरह के उबटन में मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, होठों पर लगाने से होठ फटना बंद हो जाते हैं । नवजात शिशुओं की हड्डियों और बालों के लिए काफी लाभकारी है, बहुत प्यार से फिगारो उनकी नाजुक त्वचा का पोषण करता है।

ऑलिव ऑयल लगाने से क्या फायदा होता है?

फिगारो जैतून का तेल एक मल्टीपरपज़ ओयल है, ये भोजन में और त्वचा तथा बालों में लगानें के काम आता है, ये हार्ट के लिए बहुत लाभदायक होता है। इस तेल को चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है, इसे कई तरह के उबटन में मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, होठों पर लगाने से होठ फटना बंद हो जाते हैं । नवजात शिशुओं की हड्डियों और बालों के लिए काफी लाभकारी है, बहुत प्यार से फिगारो उनकी नाजुक त्वचा का पोषण करता है। जैतून का तेल शिशु की त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है, जब बच्चा पेट दर्द की वजह़ से रो रहा हो तो उसकी नाभि के आसपास हल्के हाथ से तेल की मालिश कर सकते हैं और ये जन्म के हफ्ते भर बाद से ही किया जा सकता है, इसके अलावा पूरे शरीर की मालिश भी हफ्ते बाद ही शुरू कर सकते हैं और डायपर रैशेज पर भी लगाया जा सकता है।

बच्चों की मालिश के लिए कौन सा तेल सही है?

सरसों का तेल शिशु की मालिश के लिए सबसे अच्छा तेल माना जाता है। सरसों का तेल ठंड के मौसम में ठंड से बचाता है और उनकी हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ बच्चे के शरीर को गर्मी भी प्रदान करता है।

घर बैठे करें हेयर स्पा – आसान तरीका Hair Spa Karne Ka Tarika

हेयर स्पा

बालों की देखभाल के लिए हेयर स्पा एक प्रभावी तरीका है, जो बालों को मजबूत, मुलायम और चमकदार बनाता है। यदि आप पार्लर जाने का समय या पैसा बचाना चाहते हैं, तो घर पर ही हेयर स्पा करना एक बेहतरीन विकल्प है। इस लेख में, हम आपको घर पर हेयर स्पा करने का तरीका (Hair Spa Karne Ka Tarika) बताएंगे।

हेयर स्पा क्या है? (What is Hair Spa?)

हेयर स्पा एक विशेष उपचार है जो बालों और स्कैल्प की गहराई से सफाई, पोषण और मालिश करता है। यह प्रक्रिया बालों की गुणवत्ता में सुधार करती है, डैंड्रफ को कम करती है और बालों को स्वस्थ बनाती है।

✅ हेयर स्पा के फायदे (Benefits of Hair Spa)

  • बालों को पोषण प्रदान करता है: हेयर स्पा बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाता है, जिससे वे मजबूत होते हैं।
  • डैंड्रफ को कम करता है: नियमित हेयर स्पा से स्कैल्प की सफाई होती है, जिससे डैंड्रफ की समस्या कम होती है।
  • बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है: हेयर स्पा बालों को सॉफ्ट और शाइनी बनाता है।
  • तनाव को कम करता है: सिर की मालिश से मानसिक तनाव में राहत मिलती है।
  • बालों के झड़ने को रोकता है: हेयर स्पा बालों की जड़ों को मजबूत करता है, जिससे हेयर फॉल कम होता है।

️ घर पर हेयर स्पा करने का तरीका (How to Do Hair Spa at Home)

1. बालों की सफाई (Hair Wash)

माइल्ड शैम्पू से बालों को अच्छी तरह धोएं ताकि धूल और गंदगी हट जाए।

2. तेल लगाना (Hair Oiling)

गुनगुने नारियल या बादाम के तेल से स्कैल्प की मालिश करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और जड़ें मजबूत होती हैं।

मसाज
मसाज

मसाज

  • 3. स्टीमिंग (Steaming)

    एक तौलिया को गर्म पानी में भिगोकर बालों में लपेटें। इससे तेल स्कैल्प में अच्छी तरह समा जाता है।

    4. हेयर मास्क लगाना (Applying Hair Mask)

    प्राकृतिक सामग्री जैसे दही, शहद, एलोवेरा जेल या मार्केट में उपलब्ध हेयर स्पा क्रीम का प्रयोग करें।

    5. 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें

    मास्क को बालों में लगाकर 15-20 मिनट तक रहने दें।

    6. फिर से शैम्पू और कंडीशनिंग करें

    सॉफ्ट शैम्पू से बाल धोएं और हल्का कंडीशनर लगाएं।

    प्राकृतिक सामग्री से हेयर स्पा (Natural Ingredients for Hair Spa)

    सामग्री लाभ
    दही बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है
    शहद नमी को बनाए रखता है
    एलोवेरा स्कैल्प को ठंडक और डैंड्रफ में राहत
    नारियल तेल बालों की जड़ों को मजबूत करता है

    ⚠️ हेयर स्पा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

    • हफ्ते में एक बार से ज़्यादा हेयर स्पा न करें।
    • हमेशा केमिकल-फ्री प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
    • बहुत ज़्यादा गर्म पानी से परहेज करें।
    • ओवर-मसाज करने से स्कैल्प को नुकसान हो सकता है।

    ❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    Q1: क्या घर पर हेयर स्पा करना प्रभावी होता है?
    हाँ, अगर सही तरीके से किया जाए तो घर पर हेयर स्पा बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

    Q2: कौन-कौन से घरेलू उपाय सबसे अच्छे हैं?
    दही, शहद, एलोवेरा और नारियल तेल से बना हेयर मास्क काफी अच्छा होता है।

    Q3: हेयर स्पा करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
    रात को सोने से पहले हेयर स्पा करना अच्छा रहता है ताकि बालों को पूरी तरह पोषण मिल सके।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

घर पर बालों में स्पा कैसे करें?

घर पर हेयर स्पा पाँच आसान स्टेप्स में कर सकते हैं। 1. सबसे पहले ऑयल को गुनगुना करके 15 से 20 मिनट तक हल्के हाथों से सिर की मसाज करें। 2.मसाज के बाद बालों को स्टीम देने के लिए गर्म पानी में कॉटन का एक मोटा टॉवल डुबोकर निचोड़ लें, इस टॉवल को बालों के चारोंओर 10 मिनट तक लपेट कर रखें। 3. स्टीम के बाद किसी माइल्ड शैंपू से हेयर वॉश करें। हेयर वॉश करने के लिए सादे पानी का इस्तेमाल करें, सर्दियों का मौसम है तो हल्का गर्म पानी लें। 4.बालों को शैंपू करने के बाद एक अच्छी क्वॉलिटी का कंडीशनर लगाना भी जरूरी है। 5. और लास्ट में हल्के गीले बालों में हेयर मास्क लगायें कम से कम 30 मिनट तक, फिर शैम्पू से बालों को धो लें।

हेयर स्पा कराने के क्या क्या फायदे हैं?

हेयर स्‍पा बालों की खूबसूरती बढाने में मदद करता है। ये रूखे और डैमेज़ बालो को हैल्दी बनाता है। साथ ही हेयर स्पा बालों का टेक्सचर और चमकदार बनाता है। बालों के फ्रिजनेस को कम करता है, जिससे बालों को मनपसंद स्टाइल दिया जा सकता है। हेयर स्पा बालों को कई तरह की परेशानियों से बचाव भी करता है। आमतौर पर स्‍पा कराने से बालों से डैन्ड्रफ, हेयर फॉल और सिर की त्वचा की समस्याएं खत्म होती हैं। इसके अलावा स्‍पा के मदद से बालों की खोयी हुई चमक और नमी को वापस आ जाती है। हेयर स्‍पा में प्रोटीन ट्रीटमेंट्स को भी शामिल किया जा सकता है ताकि आपके बाल रोजाना की विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने लायक मज़बूत हो सकें।

सबसे अच्छा हेयर स्पा कौन सा है?

बालों की कंडीशन के हिसाब से अलग अलग स्पा अलग अलग बालों के लिए बेस्ट होते हैं..! * ड्राई हेयर के लिए कैरेटिन युक्त स्पा सबसे बेस्ट है।यह बालों को मुलायम बनाता है। * अगर बाल ऑयली हैं, तो एलोवेरा और नींबू युक्त स्पा बेहतर रहेगा। ऐलोवेरा और नींबू का मिश्रण स्कैल्प पर तेल कम करता है। *अगर बाल प्रदूषण की वजह से खराब हो गए हैं, तो आगर्न तेल या नारियल तेल युक्त हेयर स्पा बेहतर रहेगा। ये बालों को नई जान देगा और वॉल्यूम बढा़येगा। *अगर बालों में डैंड्रफ ज्यादा है, तो आपको लैवेंडर तेल युक्त स्पा का चुनाव बेहतर है। लैवेंडर तेल रूसी रोकने का सबसे बेहतर उपाय है। *अगर बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं या पतले हैं, तो ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त हेयर स्पा सही रहेगा। *अगर आपकी स्कैल्प ड्राई है और सिर में खुजली होती है, तो नारियल तेल युक्त हेयर स्पा अच्छा विकल्प है।

हेयर स्पा में कितने पैसे लगते हैं?

हेयर स्पा से रूखे बालों, दो मुँहे बाल, बालों का झड़ना, बेजान बाल आदि समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हेयर स्पा प्राइस इस बात पर निर्भर करता है कि आपके बालों की लेंथ कितनी है और आप इसे किस एरिया के सैलून में करा रहे हैं, अमूमन हेयर स्पा की कीमत 500 से 1500 रुपये तक की होती है। और अगर आप हैमर स्पा घर पर ही करते हैं तो जितना पैसा आपका सामंग्री खरीदनें में लगेगा, वही कीमत होगी और ये किफा़यती ही रहेगा क्योंकि मेहनत आपकी है।

जानिए क्या है तिल के तेल की मालिश के फायदे-Til Ke Tel Ke Maalish Ke Fayde

तिल के तेल की मालिश के फायदे

मालिश शरीर की हो या बालो की अलग ही आनन्द देती है। केवल शारीरिक स्वास्थ्य के नजरिये से तो ये बेहतर ही है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और सुंदरता बढ़ाने में भी मदद करती है। दरअसल तिल के तेल की मालिश करने से बॉडी का रक्तसंचार तेज होता है। रक्त संचार तेज होने से ऑक्सीजन भी उसी फ्लो से सभी बॉडी पार्ट में जाती है।

इसी कारण भोज्य पदार्थ से मिलने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व तेजी से बॉडी सिस्टम को मिलते है। इसी का फायदा होता है कि त्वचा तो चमकदार होती ही है, अंदर से भी हेल्थ अच्छी होती है। मालिश से हैप्पी हॉरमोन ऑक्ससीटोसिन रिलीज होता है। जिससे मानसिक तनाव दूर होता है।

तो अब आप समझ गए होंगे मालिश शारीरिक मजबूती से लेकर बालों को सुंदर बनाने और तनाव को दूर करने के लिए फायदेमंद है।

तिल के तेल की मालिश के फायदे

यूँ तो मालिश के लिए बहुत से तेल इस्तेमाल होते है। पर आज इस आर्टिकल में हम तिल के तेल की मालिश की बात करेंगे। तिल का तेल वर्षो से मालिश के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। तिल के तेल में विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शि‍यम, मैग्नीशि‍यम, फॉस्फोरस और प्रोटीन पाया जाता है। तिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। तिल का तेल एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल होता है।

हड्डियों में मजबूती

तिल के तेल में पाया जाने वाला प्रोटीन और एमिनो बोन्स को स्ट्रांग बनाने में मदद करता है। इसलिए ही बढ़ते बच्चो की मालिश तिल के तेल से करनी चाहिए। खासकर सर्दियों में इसका अलग ही फायदा होता है क्योंकि तिल के तेल की तासीर गर्म होती है।

मांसपेशियों को मजबूत करें

यदि आओ किसी प्रकार की बोन प्रॉब्लम से परेशान है तो तिल के तेल की मालिश करे। क्योंकि जब आपकी हड्डी सही प्रकार से अपना काम न कर रही हो तो, ये जरूरी है कि उस हड्डी के आसपास की मासपेशियो को मजबूत बनाया जाए।

तिल के तेल में मौजूद कैल्श‍ियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम आदि मसल्‍स को एक्‍टिव रखने में मदद करते हैं।

त्वचा को प्राकृतिक रूप से मुलायम बनाए

तिल के तेल में विटामिन बी और विटामिन ई पाया जाता है, तो जब आप रेगुलर तिल के तेल से मालिश करेंगे तो त्वचा को भरपूर नमी मिलेगी।

केवल त्वचा मुलायम ही नही होती बल्कि चमकदार भी बनती है।

क्रेक हील का इलाज

अगर आप हर मौसम में फटी एड़ियों से परेशान है तो, तिल का तेल आपके लिए बहुत काम की चीज़ है। तिल के तेल और मोम को मिलाकर रख ले। पैरो को अच्छे से साफ करके इसे एड़ियो पर लगाए और कॉटन सॉक्स पहन लें। जल्दी ही आपकी एड़ियां ठीक हों जाएँगी।

क्रेक हील का इलाज
क्रेक हील का इलाज

घाव भरें

शरीर के किसी भी अंग की त्वचा के जल जाने पर, तिल को पीसकर घी और कपूर के साथ लगाने पर आराम मिलता है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है।

ब्रैस्ट को सुडौल और सुंदर बनाए

तिल के तेल में विटामिन ए और विटामिन ई होता है। यदि आप रोज रात को स्तनों की मालिश तिल के तेल से करे तो स्तन सुडौल बनने के साथ सट्रेच मार्क्स भी दूर होते है।

तनाव दूर करें

तिल में कुछ ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो तनाव और डिप्रेशन को कम करने में हेल्‍प करता है। यदि आप तिल के तेल से फुल बॉडी मसाज करते है तो मन को खुशी मिलती है। तनाव रिलीज होता है। आप अच्छा महसूस करते है।

किसी भी तरह का दर्द दूर करे

आपके शरीर मे किसी भी प्रकार का दर्द हो, आर्थराइटिस, गाउट, फ्रैक्चर के ठीक होने के बाद का दर्द, स्ट्रेन, स्प्रेन। सभी तरह के दर्द में तिल के मालिश गजब का असर दिखाता है।

तिल के तेल में कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर मालिश करे। कुछ ही दिन में आपको दर्द में आराम मिलने लगेगा।

Frequently Asked Questions in Hindi – सामान्य प्रश्न

बालों के लिए कौन सा तेल सही है?

बालो के लिए सबसे अच्छा कैस्टर आयल होता है। यह बालो को घना करता है।

बालों में तेल कब और कैसे लगाएं?

बालो मे तेल हमेशा रात मे लगाऐ और अगली सुबह धो ले।अपनी उंगलियों को तेल मे डुबोकर बालो के हिस्से कर के सिर पर हल्के हाथो से पूरे सिर पर लगाऐ और थोड़ी देर मसाज करे।

बालों में गर्म तेल लगाने से क्या होता है?

हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर डैंड्रफ की समस्या में काफी फायदा होता है। हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर बालों का झड़ना कम होता है।ये बालों को पोषण देने का काम करता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत बनती है, हल्के गर्म तेल से मसाज करने पर डैंड्रफ की समस्या में काफी फायदा होता है।

घर पर बालों के लिए तेल कैसे बनाएं?

तेल घर पर बनाने के लिए आपको 120 ग्राम आंवला पाउडर, 1 लीटर पानी और 250 मिली नारियल के तेल की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले 100 ग्राम आंवला पाउडर को 1 लीटर पानी के साथ तब तक उबालें जब तक कि लिक्विड आधा न रह जाए, दूसरे पैन में नारियल का तेल, बचा हुआ आंवला पाउडर और उबले हुए लिक्विड को मिलाकर धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक कि सारा पानी वाष्पीकृत न हो जाए। आखिर में पैन में पीला और पारदर्शी तरल शेष बचेगा। इसे किसी बोतल में भरकर रख लें।

क्या कैल्शियम की कमी से बाल झड़ते हैं?

कैल्शियम की कमी से बाल तेजी से झड़ने लगते है।

जानिए क्या है आंवला,रीठा, शिकाकाई को बालों में लगाने के फायदे

आंवला रीठा शिकाकाई को बालों में लगाने के फायदे

हम सभी को काले घने एवं सुन्दर बाल बहुत पसंद होते हैं। हम अपने बालों की बढ़ाने के लिए न जाने कितने तरह के शैम्पू तेल व कंडीशनर का प्रयोग करते हैं। समय के साथ हम देखते हैं कि हमारे बाल पतले, सफ़ेद और निस्तेज होते जाते हैं। जब हम अपने बालों में शैम्पू और तेल लगाते हैं तब बाल सुन्दर लगते हैं। पर कुछ ही समय बाद वो रूखे और बेजान लगने लगते हैं। साथ ही साथ हमारे बालों में झड़ने और सफ़ेद होने जैसी समस्याएँ सर उठाने लगती हैं। तब हमें याद आते हैं अपनी दादी नानी के नुस्खे।

रीठा,आँवला, शिकाकाई को हमारी दादी नानी की भी दादी नानी सदियों से प्रयोग करती आयी हैं तो आइये जाने आर्युवेदिक गुणों की खानों को।

रीठा, आँवला, शिकाकाई-Amla Reetha And Shikakai Paste For Hair In Hindi

रीठा,आँवला, शिकाकाई तीनों को हम आर्युवेदिक औषधि की तरह प्रयोग करते हैं। ये तीनो फल बालों का त्रिफला नाम से जाने जाते हैं। आइये जानते हैं इन फलों की खूबियों को एक एक करके, तो सबसे पहले जानते हैं आँवला के बारे में।

आँवला

आँवला एक बहुत गुणकारी फल होता है। जिसे खाने के अनगिनत फायदे होते हैं। यहाँ हम बातें करते हैं आँवला बालों की सुंदरता में कितना उपयोगी है। आँवले को अंग्रेजी में गूज-बेरी कहते हैं। आँवले में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा मे पाया जाता है।

डैंड्रफ से लड़ने के लिए

आंवला, शिकाकाई, रीठा पाउडर का पेस्ट बहुत उपयोगी होता है। आंवला शिकाकाई रीठा पाउडर को मिलाकर नारियल के तेल के साथ लगाने से डैंड्रफ दूर हो जाती है।

डैंड्रफ को रखे दूर
डैंड्रफ को रखे दूर

आँवला खराब हो चुके बालों की मरम्मत करता है बालों को सफेद होने से बचाता है और बालों को झड़ने नहीं देता है

रीठा एक अच्छा हेयर क्लीनर

रीठा आवॅले की ही तरह एक फल होता है।अपने साबुन की तरह सफाई करने के गुण के कारण रीठा को सोप नट कहते हैं। रीठा में काफी एनटीआक्सीडेन्ट पाये जाते हैं जो बालों को नुकसान नहीं पहुचने देते। ये बालों को स्वस्थ रखने में अपना योगदान देते हैं।रीठा एक बेहतरीन हेयर क्लीनर का करता है। रीठा संक्रमण करने वाले माइक्रो आर्गेनिज्म का सफाया कर सर की त्वचा को साफ रखता है।

शिकाकाई

शिकाकाई फलियों के रूप में मिलती है। शिकाकाई की सूखी फलियाॅ बालों के लिये बहुत लाभदायक होती हैं। शिकाकाई की ताजा फलियाॅ भी बालों के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। शिकाकाई का अँग्रेजी नाम एक्सा कोस्टा है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिकाकाई बालों के पीएच लेबल को कम करता है। बालो के पीएच के संतुलित होने पर बालों का प्राकृतिक तेल बना रहता है पीएच लेवल के संतुलित होने पर बाल चमकदार और स्वस्थ होते हैं।

शिकाकाई के लाभ

यह बालों को मजबूती प्रदान करता है। शिकाकाई एक बेहतरीन कंडीशनर है।

आंवला रीठा शिकाकाई का प्रयोग कैसे किया जाता है-How To Use Amla Reetha Shikakai Powder On Hair

वैसे तो आंवला रीठा और शिकाकाई तीनों ही बालों के लिए बहुत उपयोगी है पर जब इन तीनों चीजों को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है तो रीठा आंवला शिकाकाई की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है।

रीठा आंवला शिकाकाई इन तीनों को एक साथ पानी में रात भर भिगोकर छोड़ दे हमें एक चम्मच रीठा दो चम्मच शिकाकाई तीन चम्मच आंवला लेना है अगले दिन इस पानी को उबालकर ठंडा करने और इस पानी से बाल धोए रीठा आंवला शिकाकाई के प्रयोग से बालों की समस्याएं दूर होती है।

रीठा आंवला शिकाकाई इन तीनों को पीस ले रीठा आंवला शिकाकाई का पाउडर भी बाजार में मिलता है। हम चाहे तो इस पाउडर को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आंवले का जूस और रीठा पाउडर शिकाकाई पाउडर और कच्चा दूध गुलाब जल इन सब को मिलाकर फेस जैसा बना ले फिर कलर लगाने वाले ब्रश से धीरे धीरे पूरे बालों में लगा ले। यह पैक बालों की हर समस्या के लिए लाभदायक है।

रीठा आंवला शिकाकाई मददगार है बालों को झड़ने से रोकने में

एक चम्मच आंवला पाउडर एक चम्मच शिकाकाई पाउडर एक चम्मच रीठा पाउडर लेकर आधा चम्मच कपूर पाउडर दो या तीन चम्मच के गुलाब जल के साथ मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल झड़ना बंद होते हैं

बालों का झड़ना
बालों का झड़ना

बालों को मजबूत बनाने के लिए

रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर को नारियल तेल या फिर जैतून के तेल में ब्राह्मी के साथ मिलाकर लगाते हैं। तेल को 10 मिनट तक गर्म कर कर उसमें रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर मिला कर रख देते हैं। फिर ब्रह्मी पाउडर मिलाकर 3 से 4 घंटे के लिए बाल में लगाते हैं। तीन-चार घंटे बाद बालों को ठंडे पानी से धो लेते हैं। रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर बालों को मजबूती प्रदान करता है

रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर बालों की डैंड्रफ दूर करने के लिए

रीठा पाउडर आंवला पाउडर शिकाकाई पाउडर इन तीनों को एक साथ दही नारियल तेल या देसी घी के साथ मिलाकर लगाने से डैंड्रफ की समस्या दूर होती है। इस मिश्रण को लगाकर सर की त्वचा की मालिश करने से डैंड्रफ दूर होती है

आंवला रीठा शिकाकाई पाउडर उपयोगी है बालों के दो मुंहे होने की समस्या में

आंवला पाउडर, रीठा पाउडर, शिकाकाई पाउडर को समान मात्रा में लेकर नारियल के तेल और कच्चा दूध मिलाकर बालों में लगाते हैं। यह मिश्रण बालों की जड़ों के साथ-साथ बालों के निचले हिस्से में अच्छे से लगाना चाहिए। रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर बालों को दो मुंहे होने से रोकता है रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर जो बाल दो मुंहे हो चुके हैं उन्हें खत्म करता है। रीठा आँवला शिकाकाई के इस मिश्रण को 2 या 3 घंटे लगाते है। या फिर 45 मिनट कम से कम लगाकर सादे पानी से धो लेना चाहिए हफ्ते में एक या दो बार इस प्रयोग को करने से बाल दो मुंहे होने कम होते है। रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर उपयोगी है बालों को सफेद होने से रोकने में।

आंवला शिकाकाई रीठा पाउडर उपयोगी है रूखे एवं बेजान बालों में

एक लोहे की कढ़ाई में रीठा पाउडर आधा चम्मच शिकाकाई पाउडर एक चम्मच आंवला पाउडर दो चम्मच मेहंदी चार चम्मच गुड़हल के फूलों का पेस्ट आधा चम्मच लेकर दही या चाय के पानी में मिलाकर रात भर छोड़ दें। अगले दिन इस मिश्रण को तीन से चार घंटों के लिए बालों में लगा ले यह पेस्ट बालों को रंगत व चमक प्रदान करता है।

रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर उपयोगी है तैलीय बालों के लिए

रीठा आंवला शिकाकाई पाउडर को दूध व मुल्तानी मिट्टी के साथ मिलाकर लगाने से बालों का अतिरिक्त तेल निकलता है।

आंवला रीठा शिकाकाई पाउडर उपयोगी है बालों को स्मूथ और सिल्की बनाने मे

आंवला रीठा शिकाकाई पाउडर को शहद व अंडे के साथ मिलाकर लगाने से बाल स्मूथ और सिल्की होते हैं।

कद्दू के बीज खाने के फायदे है अनेक, जानकर आप भी रह जानेगे हैरान

कद्दू के बीज खाने के फायदे है अनेक, जानकर आप भी रह जानेगे हैरान

कद्दू और कद्दू की सब्जी खाने के फायदे के बारे में तो आप सब जरूर जानते होंगे पर आज हम आपको बताएंगे कि कद्दू के बीज खाने के फायदे क्या होते हैं ?

कद्दू के बीज के हेल्थ से संबंधित इतने फायदे होते हैं कि आप इनको जानकर चौक जाएंगे। कद्दू के बीज में कई सारे मिनरल्स और विटामिन पाए जाते है इतना ही नहीं कद्दू के बीज फाइबर से भरपूर होते है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हमे रोजाना कद्दू के बीज का सेवन करना चाहिए। आइए जानते हैं कि शरीर के लिए कद्दू के बीज खाने के फायदे क्या क्या है।

कद्दू के बीज खाने के फायदे

कद्दू के बीज खाने के फायदे बहुत सारे है। कद्दू के बीज खाने से आप कई प्रकार की बीमारियों से बच सकते है। कद्दू के बीज में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते है। ये पोषक तत्व आपके शरीर को स्वस्थ रखते है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

कद्दू के बीज खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कद्दू के बीज खाने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा बानी रहती है जो शरीर को बीमारी से बचाती हैं।

मधुमेह रोग को कम करता है

कद्दू के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो मधुमेह के रोग को कम करने के लिए कारगर साबित होता है। एक अध्याय के अनुसार अलसी व कद्दू के बीज मधुमेह रोग के इलाज के लिए बहुत लाभदायक होते हैं पर अभी भी इस अध्याय पर शोध करना जरूरी और आवश्यक है।

ह्रदय के लिए लाभदायक है कद्दू के बीज

कद्दू के बीज में मैग्नीशियम, डाइटरी फाइबर जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मिलते है ये पोषक तत्व ह्रदय से संबंधित रोगों को रोकने में कारगर साबित होते हैं। कद्दू के बीजो का तेल महिलाओं में रक्तचाप को कम करने का कार्य करता है। रक्तचाप को कम करने से ह्रदय संबंधित रोगों से बचा जा सकता है।

मोटापे को कम करता है

यदि आप अपने मोटापे से परेशान है और अपने मोटापे को कम करना चाहते हैं तो आपको कद्दू के बीज का सेवन करना चाहिए। कद्दू के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो मोटापे को कम करता है।

मोटापा कम करने में मदद करे
मोटापा कम करने में मदद करे

अच्छी नींद दिलाने मे लाभदायक

कद्दू के बीज में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जो हमारे शरीर की मांसपेशियों को आराम दिलाता है और इससे अनिंद्रा से छुटकारा पाया जा सकता है जिसके कारण हमें अच्छी नींद आती है।

हड्डियों में मजबूती लाने में सहायक

कद्दू के बीजों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। कैल्शियम की कमी के कारण हमारे शरीर में ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग होता है जो हमारे शरीर की हड्डियों को कमजोर व नाजुक बना देता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ रखता है

कद्दू के बीज का सेवन करने से हमारे शरीर में उपस्थित प्रोस्टेट ग्रंथि स्वस्थ रहती है क्योंकि कद्दू के बीच में प्रचुर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है जो इसमें होने वाली कैंसर को रोकता है ।

प्रोस्टेट ग्रंथि हमारे शरीर में वीर्य के उत्पादन का काम करती है। ये हमारे लिंग के पास में पाई जाती है जो हमारी उम्र के साथ साथ बड़ी होती जाती है और इसका ज्यादा बड़ा होना हमारे लिए परेशानी पैदा कर सकता है।

तनाव कम करने में सहायक

कद्दू के बीज के सेवन से तनाव को कम किया जा सकता है। कद्दू के बीज में प्रचुर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है जो न्यूरोट्रांसमीटर नामक ब्रेन केमिकल का निर्माण करता है। यह केमिकल हमारे ब्रेन की गतिविधियों को सुधारना है ओर हमारे मुंड ओर हमारी नींद को नियंत्रित करता है।

पाचन क्रिया को बढ़ाने में सहायक

कद्दू के बीच में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन क्रिया को बढ़ाता है और साथ ही फाइबर कब्ज जैसी गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाता है।

आंखों के लिए लाभदायक

कद्दू के बीजों में प्रचुर मात्रा में विटामिन A पाया जाता है जो हमारी आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है। कद्दू के बीज का नियमित रूप से सेवन करने से हम अपनी आंखो की रोशनी को बढ़ा सकते हैं।

रक्तचाप को कम करने में सहायक

कद्दू के बीज में प्रचुर मात्रा में एंटी हाईपरटेंसिव नामक तत्व पाया जाता है जो हमारे शरीर में जाकर हमारे शरीर के रक्तचाप को कम करने का कार्य करता है।

ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में सहायक

कद्दू के बीजों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर पर होने वाली स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर के प्रभाव को कम करता है।

एनीमिया के प्रभाव को कम करने में सहायक

कद्दू के बीच में प्रचुर मात्रा में आयरन और फोलेट पाया जाता है जो हमारे शरीर में एनीमिया नामक बीमारी के प्रभाव को कम करता है। आयरन और फोलेट की कमी के कारण हमारे शरीर में एनीमिया नामक बीमारी होती है जो हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को कम कर देता है।

तो यह सब कद्दू के बीज के फायदे होते हैं यदि आपके मन में कद्दू से संबंधित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं |
हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे ।

इस जानकारी को अपने दोस्तों और अपनी सोशल मीडिया पर जरूर से शेयर करें ताकि आपके दोस्तों को भी कद्दू के बीज के फायदे के बारे में पता चल सके।

गर्भावस्था में संतुलित भोजन का करें सेवन

गर्भावस्था में आहार

गर्भावस्था में क्या खाएं

गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन का सेवन करना जरूरी होता है। गर्भवती महिला का भोजन सभी प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। अगर शरीर को पूर्ण रूप से विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा की मात्रा नहीं प्राप्त होती है, तो उसका सीधा असर बच्चों पर पड़ता है। इस दौरान शरीर को स्वस्थ रखने तथा बच्चे को तंदुरुस्त रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है।

गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में बहुत ज्यादा पोषक पदार्थों की खपत होती है और नियमित रूप से संतुलित भोजन का आहार करना होता है। इसके साथ ही कैल्शियम से भरपूर भोजन का आहार लेना होता है। गर्भावस्था के दौरान कई प्रकार की चीजें जैसे कॉफी चाहे कोल्ड ड्रिंक व बाहरी भोजन ज्यादा तैलीय पदार्थ इन सभी खाद्य पदार्थों से परहेज रखना जरूरी होता है।

गर्भावस्था में संतुलित भोजन का करें सेवन

संतुलित भोजन
संतुलित भोजन

गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर के लिए कई प्रकार के विटामिंस की मात्रा की खपत होती है। और रोड के विकास और बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन कैल्शियम वसा की मात्रा भरपूर चाहिए होती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मां को संतुलित भोजन का आहार लेना होता है।

ताकि बच्चा संतुलित वजन के साथ स्वस्थ पैदा हो गर्भावस्था के दौरान मां को संतुलित भोजन ना मिलने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां बच्चे में हो सकती है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान माह में भी खून की कमी आ सकती है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं।

महिलाएं गर्भधारण करते ही 12 हफ्तों तक लगातार संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान महिलाओं में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है। जैसे कब्ज जी मिचलाना इत्यादि से बचा जा सकता है। पोस्टिक आहार माता और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है ।

मां के गर्भ धारण करने के पश्चात 200 से 300 कैलोरी वाला भोजन जरूरी है। अगर कोई महिलाएं काफी पतली और कमजोर है तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान 65 ग्राम प्रोटीन भी लेना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान खाने में इन चीजों का करें प्रयोग

दूध से बने उत्पाद

गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिए सबसे अधिक प्रोटीन तथा कैल्शियम की जरूरत होती है और दूध के बने सभी उत्पाद प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। जो मां तथा शिशु दोनों को स्वस्थ रखते हैं। गर्भावस्था के दौरान माता को रोजाना ढाई सौ ग्राम दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही ,छाछ आदि का सेवन भी अपने खाने में जरूर करें।

सूखे मेवे

गर्भावस्था के दौरान सूखे मेवे का प्रयोग करने से बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं। सूखे मेवों में उपस्थित फाइबर माता के पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं इसके साथ ही बच्चे को प्रोटीन आयरन तथा कैल्शियम प्रदान करवाते हैं सुखी मेरे प्रेगनेंसी में बहुत ही फायदेमंद माने गए हैं । सूखे मेवों में काजू, बादाम, मूंगफली इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

अंडे और मांस

अगर कोई महिला मांसाहारी है तो वह गर्भावस्था के दौरान अंडे तथा मांस का सेवन कर सकते हैं ।अंडे तथा मांस के सेवन करने से मां और बच्चे दोनों को प्रोटीन की भरपूर मात्रा प्राप्त होती है। जिससे शरीर तंदुरुस्त रहता है और बच्चा हेल्दी होता है ।

अंडे और मांस में उपस्थित विटामिन सी, विटामिन k और विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम शरीर के सभी आवश्यक खनिज पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति करते हैं ।

सेब और अनार

सेव और अनार में आयरन की मात्रा भरपूर उपस्थित होती है। जो गर्भावस्था के दौरान माता के शरीर में खून की कमी को दूर करता है। खून की कमी गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। इसीलिए सेव और अनार गर्भावस्था के दौरान माता को नियमित रूप से लेने चाहिए सेव तथा अनार में आयरन तथा फॉलिक एसिड बच्चे को तंदुरुस्त रखने में मदद करता है।

केला

गर्भावस्था के दौरान केला भी काफी फायदेमंद फल माना जाता है। हालांकि 12 हफ्तों तक केले का सेवन नहीं करना चाहिए।क्योंकि इस दौरान माता को कब्ज की समस्या होती है और ऐसे में केला खाने पर यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। परंतु 12 हफ्तों के पश्चात केले का नियमित रूप से सेवन करने से माता और बच्चे दोनों के वजन में बढ़ोतरी होती है। और केला में उपस्थित प्रोटीन कैल्शियम तथा फाइबर शरीर के लिए उपयोगी पदार्थ है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

गर्भावस्था के दौरान माता को ज्यादातर हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए ।हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर की मात्रा अत्यधिक उपस्थित होती है।जो पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं और शरीर को कई प्रकार के पोषक पदार्थ जैसे फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम प्रदान करवाती है।

जानिए क्या है काजू खाने का तरीका, काजू खाने के फायदे और नुकसान

जानिए क्या है काजू खाने का तरीका, काजू खाने के फायदे और नुकसान

हेल्लो फ्रेंड्स आज की पोस्ट में आज जानेंगे काजू खाने के फायदे क्या है? काजू खाने के नुकसान क्या है? और काजू का उपयोग कैसे करते है? इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी। काजू एक प्रकार का ड्राई फ्रूट्स होता है। इसका उपयोग भारत के अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरीको में किया जाता है। काजू का उपयोग मीठे पकवान बनाने में व मसालेदार व्यंजको के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। काजू स्वादिष्ट होने के साथ साथ ये हमारे शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होते है, और इसीलिए आज हम काजू खाने के फायदे और नुकसान के बार में जानेगे।

काजू खाने का तरीका-Kaju Khane Ka Tarika

  • आप काजू को स्वाद और सहेत के लिए बहुत सारे तरीको से उपयोग में ले सकते हो। काजू का उपयोग कतली जैसी मिठाइयो को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है ।
  • आप काजू को किसी भी समय ऐसे ही खा सकते हो बिना किसी चीज में मिलाए।
  • आप काजू और बादाम दोनों को साथ में पीसकर उनमे थोडा सा नमक मिलाकर के खा सकते हो, इसका स्वाद स्नैक्स के जैसा होगा।
  • काजू का उपयोग कुछ खास प्रकार की सब्जियों को बनाने में भी किया जाता है। काजू का उपयोग खीर व हलवे को स्वादिष्ट बनाने व डेकोरेशन के लिए भी उपयोग में लिया जाता है ।
    काजू
    काजू

काजू खाने के फायदे-Kaju Khane Ke Fayde

यदि आप कुछ निश्चित मात्रा में काजू को खाते हो तो आपको ये सब फायदे मिलते है ।

  • काजू को सामान्य तौर पर नट्स की श्रेणी में रखा जाता है, इसके अंदर बायोएक्टिव मैक्रोन्यूट्रिएंट्स नामक तत्व पाया जाता है। जो हमारे शरीर में ह्रदय को स्वस्थ रखने का काम करता है।
  • काजू के अर्क के अंदर एनाकार्डिक एसिड नामक तत्व पाया जाता है। ये तत्व हमारे शारीर में कैंसर को फेलने से रोकता है, और साथ ही कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में भी मदद करता है ।
  • वैज्ञानिको के एक शोध के हिसाब से यदि आप काजू खाते हो तो इससे आपके शरीर में सप्लीमेंट सिस्टोलिक नामक तत्व बनता है। जो रक्तचाप (BP) को कम करने में मदद करता है। लेकिन इस पर आभी भी और शोध करने की जरूरत है।
  • काजू में मैग्नीशियम और कैल्शियम बहुत मात्रा में पाया जाता है ये हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मैग्नीशियम और कैल्शियम हमारे शरीर में हड्डियों का विकाश करने व उनको मजबूत बनाने में मदद करता है ।
  • काजू के अंदर प्रचुर मत्रा में फाइबर पाया जाता है। जो हमरे वजन को कण्ट्रोल करने में बहुत मदद करता है। फाइबर हमारे पेट को पूरी तरह से भरा रखता है। जिसके कारण हम ज्यादा खाना नहीं खाते है और हम अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते है ।
  • काजू के अंदर बहुत सारे ऐसे तत्व पाए जाते है। जो हमारे शारीर में जाकर रक्त में उपलब्ध ग्लूकोज को स्टैबलाइज में करने में मदद करता है, जिसके कारण से डायबिटीज की समस्या दूर हो सकती है ।
  • काजू के अंदर प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जो हमारे शरिर में लाल रक्त कोशिकाओ के निर्माण में बढ़ोतरी करता है, जिनकी मदद से हमारे शरीर में ओक्सीजन आसानी से और सब जगह पहुच जाती है, और साथ ही आयरन एनीमिया जैसी रक्त बीमारियों को भी दूर करने में सहायता प्रदान करता है।

काजू खाने के नुकसान-Kaju Khane Ke Nuksan

जैसा की आपको पता ही होगा की जिस चीज के जितने ज्यादा फायदे होते है उसके उतने ही नुकसान भी होते है, तो ऐसे किसी भी चीज का सेवन एक निश्चित सीमा तक ही करना अच्छा रहेता है, यदि आप काजू खाते है तो आपको ये सब नुकसान होते है।

काजू के अंदर सोडियम पाया जाता है ऐसे में यदि आप बहुत ज्यादा मात्र में काजू को खाते हो तो इससे आपके शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाएगी, जिसके कारण आपको रक्तचाप और स्ट्रोक आदि ह्रदय सम्बन्धित बीमारिया हो सकती है और साथ ज्यादा काजू खाने से आपकी किडनी पर भी गलत प्रभाव पड़ता है । काजू में बहुत ज्यादा मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, तो ऐसे में यदि आप बहुत ज्यादा मात्रा में काजू खाते हो तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है ।

काजू के अंदर बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर पाया जाता है, ऐसे में यदि आप ज्यादा मात्रा में काजू को खाते हो तो, आपके शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ जाएगी और आपके पेट में सूजन और गैस जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है ।

काजू के अंदर बहुत ज्यादा मात्रा में पोटेशियम जाता है, ऐसे में यदि आप ज्यादा काजू को खाते हो तो आपके शरीर में पोटैशियम की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण आपका दिल धडकना अचानक से बंद हो सकता है और साथ ही कमजोरी आना व किडनी का ख़राब हो जाना जैसी बीमारियाँ शुरू हो सकती है ।

आपने क्या सीखा काजू के बारे में

हम उम्मीद करते है की काजू खाने के फायदे क्या है? काजू खाने के नुकसान क्या है? और काजू का उपयोग कैसे करते है? इसकी पूरी जानकारी आपको मिल गई होगी, यदि आपका इससे सम्बन्धित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हो हमे आपके सवाल का जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे ।

तो दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो प्लीज इस जानकारी को अपने दोस्तों व अपनी सोशल मीडिया पर जरुर से शेयर करे ताकि आपके दोस्तों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

डार्क सर्कल्स से छुटकारा पाने के उपाय | Dark Circle Khatam Karne Ka Tarika

डार्क सर्कल्स से छुटकारा पाने के उपाय

आजकल की जिंदगी में छोटे छोटे बच्चे भी इतना ब्यस्त है कि वो अपनी रोज़ाना की की दिनचर्या पर ध्यान नहीं दे पा रहे है। सही रहन-सहन और सही खान-पान ना मिल पाने के कारण हमारे शरीर को उचित पोषण नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते लोगो की आँखों के नीचे डार्क सर्कल्स जिनको हम लोग अपनी भाषा में काले घेरे बोलते है। आज के समय में बाजार में कई ऐसे रासायनिक उत्पाद मौजूद हैं जो डार्क सर्कल खत्म करने का दावा करते हैं और नकली प्रोडक्ट्स का व्यापर करते है, तो आपको उनके झांसे में नहीं पड़ना है। आपको बढ़िया कंपनी का प्रोडक्ट ही प्रयोग  करना है। आजकल हर कोई डार्क सर्कल की समस्या से परेशान है फिर चाहे वो लड़के हो या फिर लड़कियां हों या फिर महिला-पुरुष। आखिर क्यों होते हैं डार्क सर्कल,आँखों के नीचे काले घेरे इनकी वजह क्या है।

कई बार ऐसा होता है की हम ज्यादा टाइम तक सोते रहते है तो हमारे ज्यादा सोने की वजह से डार्क सर्कल्स होने लगते है बैसे तो डार्क सर्कल्स होने के बहुत से कारण होते है तो चलिए सबसे पहले जान लेते है की डार्क सर्कल्स यानी काले घेरे का आँखों के निचे होने के क्या क्या क्या कारण है और आप इसको अपनी आँखों से कैसे मिटा सकते हो, तो चलिए सटार्ट करते है ।

डार्क सर्किल होने के कारण

  •  कई  बार ऐसा होता है की लोगों को ज्यादा टेलीविज़न और मोबाइल फोन देखने व् चलाने की आदत होती है। किसी चीज़ या वस्तु पर ज्यादा फोकस करने की वजह से भी  हमारी आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं।
  • कम पानी पीने की वजह से हमारे शरीर में अगर पानी की कमी होती है तो भी डार्क सर्कल यानि आंखों के नीचे काले घेरे होने लगते हैं। डॉक्टर्स और हकीम  लोगो का कहना ये है की शरीर में पानी की कमी से खून का सर्कुलेशन सही नहीं हो पता है और ना अच्छे से हमारे शरीर की गंदगी साफ होती है, इसकी वजह से चेहरे पर कील मुंहासे फुंसी फोड़े और डार्क सर्कल्स जैसी बीमारी तथा एलर्जी से हमे झूझना पड़ता है ।
  • लगातार धूप में रहने अथवा काम करने की वजह से चेहरे पर पिगमेंटेशन की समस्या हो जाती है और हमारे चेहरे पर आँखों के नीचे काले घेरे पड़ने लगते है, और साथ ही हमारी त्वचा का रंग भी काला व शाबला होने लगता है ।
  • सिगरेट और शराब तथा धूम्रपान के सेवन से भी आंखों के नीचे काले घेरे आने लगते  हैं। वल्कि हम जो खाते पीते भी है उसका असर भी सीधा हमारे शरीर पर पड़ता है ।
  • बहुत से लोगो को मेकअप करने का बहुत शौक होता है। खासकर लड़कियों को कुछ  ज्यादा ही होता है। कास्मेटिक को यूज़ करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन डेट निकले हुए प्रोडक्ट्स को यूज़ करने से हमारे मुँह की खाल कमज़ोर हो जाती है जिसके कारन भी हमारे चेहरे पर डार्क सर्कल्स होने लगते है।

Dark Circle Khatam Karne Ka Tarika | डार्क सर्कल्स से छुटकारा पाने के उपाय

ठंडा दूध

कहा जाता है की ठंडे दूध के लेप से भी हमारी आंखों के नीचे का कालापन दूर हो जाता है। कच्चे दूध को आपको फ्रिज में रख देना है। कुछ समय के बाद निकाल लेना है और किसी रुई या कॉटन के कपड़े की मदद से आपको अपने डार्क सर्कल्स वाली जगह पर  लगाना है ऐसे 2 दिन लगातार आपको करना होगा। आपको जल्दी ही फायदा मिलेगा।

दूध
दूध

टमाटर

जहा पर  त्वचा को कोमल और मुलायम बनाने की बात आती है तो टमाटर का नाम सबसे पहले लिए जाता है। आँखों के नीचे से डार्क सर्कल्स से छुटकारा पाने के लिए टमाटर सबसे पूर्ण उपाय है। यह नेचुरल तरीके के साथ आँखों के काले घेरे को खत्म करता है और इसके नियमित उपाय से त्वचा खिली हुई चमकी हुई नज़र आती है ।

एलोवेरा

आप अपने चेहरे के डार्क सर्कल्स यानि काले घेरो को दूर करने के लिए एलोवेरा का भी प्रयोग कर सकते हो । एलोवेरा को आँखों के नीचे रगड़ने व् डार्क सर्कल्स वाली जगह पर लगाने से डार्क सर्कल बहुत ही जल्दी खत्म हो जाते हैं।

संतरा

संतरे को बाजार से खरीदकर संतरे के छिलके को धूप में सुखाकर किसी  बर्तन में पीस ले।और इस पाउडर में थोड़ी सी मात्रा में गुलाब जल को मिलकर आपको एक लेप बना है।  और उसको आँखों के निचे यानि डार्क सर्कल्स वाली जगह पर लगाना है और ठन्डे पानी से कुछ मिनट बाद मुँह को धो लेना है।

आलू

आँखों के नीचे हुए काले घेरे दूर करने के लिए आप आलू का भी इस्तेमाल कर सकते है। आलू के रस को रूई की सहायता से आंखों के नीचे रोजाना लगाने से डार्क सर्कल्स से जल्दी ही छुटकारा मिल सकता है।

पुदीना

आँखों के लिए पुदीना बहुत ही असरदार मन जाता  है। पुदीने को पीस कर इसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिक्स करें ले । और लगभग पन्द्रह मिनट के लिए इसे अपनी आँखों पर लगाएं  रखना है । और कई दिनों लगातार आपको सुबह में ये नुस्खा अपने मुँह पे लगाना है । आपको जल्दी ही असर दिखाई देने लगेगा।

error: Content is protected !!