अर्जुन का पेड़ एक ऐसा औषधीय पेड़ है जिसके अनगिनत लाभ है। अलग अलग प्रान्त में इसे अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे घवल, ककुभ और नदीसर्ज। आयुर्वेद में इस पेड़ के बहुत से लाभ वर्णित हैं, आज हम बात करेंगे अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये। अर्जुन की छाल अंदर से लाल रंग की होती है और पेड़ से उतारने पर चिकनी खाल की तरह उतरती है। छाल में बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि भी पाए जाते हैं। पेड़ की छाल में पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम के तत्व भी पाए जाते हैं।
अर्जुन की छाल के उपयोग
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि अर्जुन की छाल का प्रयोग, किस बीमारी में किस प्रकार किया जाए।
हार्ट के लिए
दरअसल अर्जुन की छाल हार्ट बिट्स को रेगुलेट करती है। यह हार्ट स्ट्रोक के खतरे को कम करती है। हार्ट मसल्स को मजबूत बनाता है। ब्लॉकेज को दूर कर हृदय को न्यूट्रीशन पहुंचने में मदद करता है।
हार्ट के लिए अर्जुन की छाल कैसे ले।
अर्जुन की छाल का चूर्ण ले, उसे एक कप दूध और एक कप पानी मे मिलाकर उबाले। जब ये उबल का आधा रह जाए तो इसे गुनगुना ही पियें। आप अर्जुन के चूर्ण को सुबह शाम पानी से भी ले सकते है। इसके अलावा 20ml अर्जुनरिष्ट को रोजाना एक कप पानी मे मिलाकर पिएं। अर्जुन क्षीर पाक भी हृदय को पुष्ट करता है।
अधिक लाभ के लिए अर्जुन की छाल और जंगली प्याज को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन आधा चम्मच दूध के साथ सेवन करने से हृदय संबंधित रोगों में राहत मिलती है।
अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है ,यदि सर्दियों में इसका सेवन लहसुन के साथ किया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होगा।
डायबिटीज के लिए लाभदायक
डायबिटीज के रोगियों को अर्जुन की छाल का प्रयोग बताया जाता है। यह सुगर के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
डायबिटीज के लिए अर्जुन की छाल कैसे ले।
जामुन के बीज को धोकर अच्छे से सुखा लें। सूखने पर इसका चूर्ण बना ले। इस चूर्ण में अर्जुन की छाल का चूर्ण समान मात्रा लेकर मिला लें और प्रतिदिन रोज रात सोने से पहले आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर लें। यह नुस्ख़ा मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
यदि इस चूर्ण में आप अजवाइन भी मिला ले और चूर्ण को ज्यादा बारीक न पीसे तो इसे काढ़े के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
काढ़े के लिए जामुन, अर्जुन की छाल, और अजवाइन को दरदरा पीस कर( 20gm) एक गिलास पानी मे उबलने रख दे। थोड़ा सा उबलने पर छान लें, व सुबह शाम पिए।इस काढ़े से न केवल डायबिटीज कंट्रोल होगी बल्कि मोटापे से परेशान लोगों को भी फायदा होगा।
रक्तचाप
अर्जुन की छाल रक्तचाप को नियमित करने में बहुत फायदेमंद हौ। खासकर हाइ बी पी वाले व्यक्ति को इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
यह लिपिड ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करती है। जिससे ब्लड वेसल्स अच्छे से फैलते है और ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है। ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होने से ब्लॉकेज में आराम मिलता है, कोलेस्ट्रॉल कम होता है। एनजाइना के दर्द की संभावना कम हो जाती है।
रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल के लिए अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये
यदि आप चाय पीने के शौकीन है तो छाल को पानी मे उबालकर उसमें दूध व चीनी डालकर पिए। ये चाय से कई गुना फायदेमंद रहेगा।
अर्जुन की छाल के चूर्ण को सुबह-शाम दूध के साथ लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है। 500ml पानी मे 20gm अर्जुन की छाल का चूर्ण उबाले, जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान कर गुनगुना ही पिए। इसका सेवन 3 से 4 सप्ताह तक करें। इसे लीवर सिरोसिस में भी टोनिक की तरह प्रयोग किया जाता है।
पुरानी खांसी भी दूर करे
अगर आप लंबे समय से खांसी से परेशान है तो एक बार अर्जुन की छाल का प्रयोग जरूर करें। आपकी पुरानी खांसी भी ठीक हो जाएगी।
कैसे प्रयोग करें
अडूसे के पत्तो का रस निकाल ले, इस रस को अर्जुन की छाल के चूर्ण में मिला ले। जब चूर्ण रस को सोख ले तो दोबरा अडूस के पत्तो का रस डाल दे। इसी प्रकार कई बार करे। फिर इस चूर्ण को शीशी में भरकर रख ले। खांसी होने पर शहद में मिलाकर चाट ले। इससे खांसी में आराम मिलेगा।
सुंदरता के लिए
जी सही पढ़ा आपने, अर्जुन की छाल चेहरे की सुंदरता को भी बढ़ाती है। चेहरे की सुंदरता होती है बालो से, चमकते दांतो से,ग्लो करती त्वचा से।
अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये
अर्जुन की छाल, बादाम, हल्दी और कपूर को बराबर मात्रा में ले कर पीस लें और फिर उसे उबटन की तरह चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे से असमय उम्र के निशान चले जाते है। स्किन टोंड होती है। चेहरे के पोर्स से गन्दगी साफ हो जाती है।
अर्जुन की छाल के चूर्ण को हरी मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाए, इससे बाल काले होंगे। अगर आपके दांतों पर पीले या काले दाग पड़ गए हों तो आप अर्जुन की छाल के चूर्ण से अपने दांतों की सफाई करें। दांत मोतियों से चमकने लगेंगे।
अर्जुन की छाल के अन्य प्रयोग
- अर्जुन की छाल में कसुआरिनिन (Casuarinin) नाम का एक तत्व मौजूद होता है जो स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए बहुत प्रभावी है।
- नारियल के तेल में इसकी छाल के चूर्ण को मिलाकर मुँह के छालों पर लगाने से मुख के छाले ठीक हो जाते हैं।
- अर्जुन की छाल के चूर्ण को गुड के साथ लेने से बुखार में काफ़ी आराम मिलता है।
- अर्जुन की छाल के काढ़े को यूरिन इन्फेक्शन में प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह गुर्दे या मूत्राशय की पथरी को निकालने में भी मदद करती है।
- इसका काढ़ा बना कर पीने से ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या दूर होती है।
- हड्डी टूटने, नील पड़ जाने, या अंदुरनी चोट लगने पर भी इसके काढ़े का सेवन तथा चोट पर लेप का इस्तेमाल लाभदायक है।
- पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग में इसका काढ़ा तथा कान के दर्द में इसका एक बूंद रस लाभदायक है।
ये था अर्जुन की छाल के विभिन्न बीमारियों में फायदे, अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने का तरीका। उम्मीद है आपको आर्टिकल काफी पसंद आएगा।